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अश्विन और जडेजा की साझेदारी ने टीम इंडिया को किया मजबूत : चेन्नई टेस्ट में बांग्लादेश के खिलाफ 339 रन बनाए

चेन्नई टेस्ट के पहले दिन बांग्लादेश के साथ कुछ ऐसा हुआ जिसपर यकीन कर पाना बेहद मुश्किल है. दरअसल इस मैच के पहले दो सेशन बांग्लादेश के नाम रहे और उसने टीम इंडिया के 6 विकेट 150 रनों से पहले गिरा दिए लेकिन इसके बावजूद पहला दिन टीम इंडिया के नाम रहा. टीम इंडिया ने 6 विकेट पर 339 रन बनाए और बांग्लादेश को चोट पहुंचाने में सबसे बड़ा हाथ आर अश्विन का रहा, जिन्होंने खेल खत्म होने तक नाबाद 102 रन बना लिए थे. साथ ही जडेजा ने भी नाबाद 86 रन बनाए. दिन का खेल खत्म होने के बाद अश्विन ने बताया कि कैसे जडेजा की एक बात ने उन्हें शतक तक पहुंचने में मदद की

जडेजा की वो राय जो अश्विन के काम आई

अश्विन ने मैच के बाद कमेंट्री कर रहे रवि शास्त्री के साथ बातचीत की. अश्विन ने बताया कि कैसे वो शतक बनाने में कामयाब रहे. अश्विन ने बताया कि जडेजा से उनको काफी मदद मिली. अश्विन ने कहा कि एक समय ऐसा था कि वो थकान महसूस कर रहे थे और उस दौरान जडेजा ने उनकी मदद की. जडेजा ने उन्हें कहा कि हमें दो रनों को तीन रन में बदलने की जरूरत नहीं है और इसी फॉर्मूले ने उनकी मदद की. अश्विन ने बताया कि वो चेन्नई में टीएनपीएल के टी20 मैच खेले थे तो ऐसे में उन्हें अपनी बैटिंग पर भरोसा था. अश्विन ने कहा कि जिस तरह की पिच चेन्नई की थी उसे देखकर उन्होंने ऋषभ पंत के अंदाज में बैटिंग करने का मन बनाया.

अश्विन का बड़ा कमाल

अश्विन ने चेन्नई टेस्ट में 6 विकेट गिरने के बाद क्रीज पर कदम रखा था. इसके बाद अश्विन ने ताबड़तोड़ बैटिंग करते हुए सिर्फ 58 गेंदों में हाफसेंचुरी लगाई और इसके बाद अगली 50 गेंदों में वो शतक तक पहुंच गए. अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट में छठी बार शतक लगाया. उन्होंने चार शतक वेस्टइंडीज और एक-एक शतक इंग्लैंड और बांग्लादेश के खिलाफ जड़ा है. अश्विन ने अपना पिछला टेस्ट शतक भी चेन्नई में ही लगाया था. 3 साल बाद अश्विन अपने घरेलू मैदान पर उतरे और उन्होंने फिर सेंचुरी लगा दी.

अश्विन ने बनाए ये रिकॉर्ड

अश्विन नंबर 8 पर उतरकर 4 शतक जड़ने वाले पहले क्रिकेटर हैं. वर्ल्ड क्रिकेट की बात करें तो डैनियल विटोरी ने भी 8 नंबर पर उतरकर 4 सेंचुरी लगाई हैं. कामरान अकमल ने 3 शतक जमाए हैं. यही नहीं अश्विन सबसे ज्यादा उम्र में टेस्ट शतक लगाने वाले चौथे भारतीय खिलाड़ी हैं. अश्विन ने 38 साल 2 दिन की उम्र में टेस्ट सेंचुरी लगाई. विजय मर्चेंट ने 40 साल 21 दिन की उम्र में ये कारनामा किया था.

भारत-बांग्लादेश टेस्ट मैच: रवींद्र जडेजा का शानदार अर्धशतक, टीम इंडिया को मुश्किल समय से निकाला

भारत और बांग्लादेश के बीच 2 मैचों की टेस्ट सीरीज शुरू हो गई है. सीरीज का पहला मुकाबला चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेला जा रहा है. इस मुकाबले में टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा के बल्ले से एक शानदार पारी आई है. टीम इंडिया के लिए मुकाबले की शुरुआत कुछ खास नहीं रही थी, लेकिन रवींद्र जडेजा ने टीम की पारी को संभालने का काम किया और एक दमदार अर्धशतक जड़ा. उन्होंने अपने टेस्ट करियर का 21वां अर्धशतक जड़ा है.

रवींद्र जडेजा ने जड़ा अर्धशतक

रवींद्र जडेजा ने ये पारी एक अहम समय पर खेली जब टीम इंडिया को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी. जडेजा जब बल्लेबाजी करने उतरे तो टीम इंडिया ने 144 रन पर 5 विकेट गंवा दिए थे. छठा विकेट भी इसी स्कोर पर गिर गया था. ऐसे में टीम इंडिया काफी दवाब में थी. लेकिन रवींद्र जडेजा ने काफी सोच समझकर बल्लेबाजी की और धीरे-धीरे टीम की पारी को आगे बढ़ाया. उन्होंने 73 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया. इस दौरान जडेजा के बल्ले से 5 चौके और 1 छक्का देखने को मिला.

अर्धशतक पूरा किया. इस दौरान जडेजा के बल्ले से 5 चौके और 1 छक्का देखने को मिला.

अश्विन के साथ मिलकर टीम को संभाला

टीम इंडिया ने अपने 6 विकेट 144 रन ही गंवा दिए थे. इसके बाद रवींद्र जडेजा ने आर अश्विन के साथ मिलकर शानदार साझेदारी की. दोनों खिलाड़ियों ने 7वें विकेट के लिए 100 से ज्यादा रन जोड़ दिए हैं और खबर लिखने तक दोनों ही बल्लेबाज अपने-अपने अर्धशतक जड़कर क्रीज पर मौजूद हैं. यह टेस्ट मैचों में बांग्लादेश के खिलाफ भारत की ओर से सातवें विकेट या इससे नीचे की सबसे बड़ी साझेदारी है, जिसने 2004 में ढाका में सचिन तेंदुलकर और जहीर खान के बीच 10वें विकेट के लिए बनाई गई 133 रन की साझेदारी को पीछे छोड़ दिया है. बता दें, बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट में रवींद्र जडेजा का ये तीसरा अर्धशतक है. ये तीनों अर्धशतक भारत में ही आए हैं.

जडेजा की बल्लेबाजी में आया बड़ा बदलाव

पिछले कुछ सालों में रवींद्र जडेजा ने टेस्ट फॉर्मेट में टीम इंडिया के लिए बल्ले से काफी अच्छा प्रदर्शन किया है. साल 2016 तक जडेजा ने 38 पारियों में 26.5 के औसत से सिर्फ 848 रन ही बनाए थे और 4 अर्धशतक जड़ थे. लेकिन साल 2017 के उनके प्रदर्शन में काफी बदलाव देखने को मिला है. 2017 से उन्होंने 43.1 के औसत से टेस्ट में रन बनाए हैं और 17 अर्धशतक भी जड़े हैं. टेस्ट में उनके नाम 4 शतक हैं, ये सभी शतक 2016 के बाद ही आए हैं

विराट कोहली की टेस्ट क्रिकेट में वापसी पर फ्लॉप शुरुआत: बांग्लादेश के खिलाफ मुकाबले में 6 रन बनाकर हुए आउट

टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली करीब 9 महीने के बाद टेस्ट क्रिकेट में वापसी की. चेन्नई में बांग्लादेश के खिलाफ हो रहे मुकाबले विराट फ्लॉप हो गए. वह पहली पारी में सिर्फ 6 रन बनाकर आउट हो गए. बांग्लादेश के तेज गेंदबाज हसन महमूद ने उनका शिकार किया. महमूद ने आउट साइड ऑफ पर फुल लेंथ की गेंद फेंकी. इस पर विराट खेलने गए और विकेटकीपर लिट्टन दास को एक आसान कैच थमा दिया. वह एक बेहद ही खराब शॉट खेलकर पवेलियन लौट गए. महमूद ने इसके साथ भारतीय टीम को तीसरा झटका दिया. इसके पहले वो रोहित शर्मा और शुभमन गिल को आउट कर चुके थे.

एक गलती के कारण छोड़ना पड़ा मैदान

विराट की पिछली 10 टेस्ट पारियों को देखें तो उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है. उन्होंने दो अर्धशतक और दो शतक भी जमाए हैं. लेकिन टेस्ट मैच से वह करीब 9 महीने से दूर थे और टी20 क्रिकेट खेल रहे थे, जिसका असर चेन्नई में देखने को मिला. उन्होंने आउटसाइड ऑफ की गेंद को खेलने की कोशिश में अपनी विकेट गंवा दी. हसन महमूद ने शरीर से दूर गेंद फेंकी थी, जो पड़कर और चौथे स्टंप की तरफ जा रही थी. कोहली इस गेंद को छेड़ने गए और 6 रन के निजी स्कोर पर स्लिप में आउट हो गए. विराट इससे पहले भी चौथे-पांचवें स्टंप की गेंदों को छेड़कर आउट होते रहे हैं. लेकिन हैरानी की बात ये रही कि केवल चौथा ही मैच खेल हसन महमूद ने उनकी इस कमजोरी का फायदा उठा लिया.

कोहली का फ्लॉप शो जारी

विराट कोहली टी20 वर्ल्ड कप 2024 से लगातार फ्लॉप होते आ रहे हैं. टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में खेली गई उनकी अर्धशतकीय पारी को छोड़ दें तो वह इंटरनेशनल क्रिकेट की पिछली 10 पारियों में रन बनाने में नाकाम रहे हैं. कोहली पिछली 10 पारियों में केवल एक अर्धशतक जड़ सके हैं. बांग्लादेश से पहले उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज खेली थी. श्रीलंका दौरे के 3 पारियों में वह केवल 58 रन बना सके थे. उसके पहले टी20 वर्ल्ड कप के 8 पारियों में वह केवल 151 रन बना सके थे, जिसमें फाइनल में खेली गई 76 रन की पारी भी शामिल है.

चेन्नई टेस्ट में भारत की प्लेइंग इलेवन: रोहित शर्मा ने 3 तेज गेंदबाज और 2 स्पिनर के साथ उतरने का किया फैसला

भारत और बांग्लादेश के बीच टेस्ट सीरीज का पहला मैच चेन्नई में है. मुकाबला का टॉस हो चुका है. बांग्लादेश ने टॉस जीतक पहले गेंदबाजी चुनी है. यानी भारत पहले बल्लेबाजी करेगा. टॉस के बाद भारत और बांग्लादेश के कप्तानों ने प्लेइंग इलेवन का ऐलान भी कर दिया. भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने 2 स्पिनर और 3 तेज गेंदबाज के साथ उतरने का फैसला किया है.

14वीं बार आमने-सामने भारत-बांग्लादेश

भारत और बांग्लादेश के बीच ये 14वां टेस्ट मैच खेला जा रहा है. इससे पहले खेले 13 टेस्ट में से 11 टीम इंडिया ने जीते हैं. वहीं 2 टेस्ट ड्रॉ रहे हैं. यानी बांग्लादेश ने आज तक कोई भी टेस्ट मैच भारत के खिलाफ नहीं जीता है.

भारत और बांग्लादेश की प्लेइंग इलेवन में क्या है खास?

जहां तक प्लेइंग इलेवन की बात है तो बांग्लादेश अपने उसी टीम के साथ उतरी है, जिसने पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज का दूसरा और आखिरी टेस्ट खेला था. लेकिन, भारतीय प्लेइंग में रोहित शर्मा ने लोगों की उम्मीदों से हटकर एक फैसला किया है. उन्होंने चेन्नई में खेले जा रहे पहले टेस्ट में 3 स्पिनर्स की जगह 3 तेज गेंदबाज खिलाए हैं. वहीं स्पिन डिपार्टमेंट का जिम्मा सिर्फ अश्विन और जडेजा के कंधों पर छोड़ा है.

टीम इंडिया ने 5 साल बाद लिया ये फैसला

घरेलू जमीन पर 3 तेज गेंदबाजों के साथ उतरने का फैसला टीम इंडिया ने 5 साल बाद लिया है. इससे पहले उसने आखिरी बार 3 तेज गेंदबाज घरेलू टेस्ट में साल 2019 में बांग्लादेश के ही खिलाफ कोलकाता टेस्ट में खिलाए थे.

भारत और बांग्लादेश का रिपोर्ट कार्ड

घर से बाहर खेले टेस्ट मैच में बांग्लादेश का रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है. उसने अब तक घर से बाहर खेले 67 टेस्ट में सिर्फ 8 ही जीते हैं. लेकिन, चौंकाने वाली बात ये है कि इन 8 टेस्ट में से 4 उसने 2021 के बाद जीते हैं. इसमें 2 जीत हाल ही में उसने पाकिस्तान के खिलाफ दर्ज किए हैं. पाकिस्तान के खिलाफ पहली बार टेस्ट सीरीज जीतकर उसके हौसले बुलंद हैं.

भारत की बात करें तो वो 2012 के बाद से घर में टेस्ट सीरीज नहीं हारी है. इस सीरीज में भी वो अपने जीत के सिलसिले को बरकरार रखने की कोशिश करेगी.

बांग्लादेश के खिलाफ भारत की प्लेइंग XI

रोहित शर्मा (कप्तान), यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, विराट कोहली, केएल राहुल, ऋषभ पंत, आर. अश्विन, रवींद्र जडेजा, आकाशदीप, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज

वनडे क्रिकेट में अफगानिस्तान की नई उपलब्धि: साउथ अफ्रीका को पहली बार हराया

अफगानिस्तान क्रिकेट टीम टी20 फॉर्मेट के बाद अब वनडे में भी बड़ी-बड़ी टीमों पर भारी पड़ रही है. इस बार उसका शिकार साउथ अफ्रीका की टीम बनी. अफगानिस्तान ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ 3 मैचों की वनडे सीरीज का आगाज जीत के साथ किया है. इसी के साथ अफगानिस्तान ने वनडे क्रिकेट के इतिहास में पहली बार अफ्रीकी टीम को हरा दिया है. इस मुकाबले में अफगानिस्तान की ओर से कमाल की गेंदबाजी देखने को मिली, जिसके चलते साउथ अफ्रीका को बड़ी हार का सामना करना पड़ा.

अफगानिस्तान ने पहली बार साउथ अफ्रीका को हराया

दोनों टीमों के बीच खेले जा रहे इस मुकाबले में साउथ अफ्रीका की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया, जो पूरी तरह गलत साबित हुआ. साउथ अफ्रीका की टीम इस मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए 33.3 ओवर में 106 रन बनाकर ऑल आउट हो गई. इसके बाद अफगानिस्तान ने इस टारगेट को 4 विकेट के नुकसान पर 26 ओवर में ही हासिल कर लिया. इसी के साथ अफगानिस्तान की टीम को पहली बार किसी भी इंटरनेशनल मैच में हराने में कामयाब रही.

गेंदबाजों के दम पर जीता मैच

अफगानिस्तान के लिए फजलहक फारूकी और अल्लाह गजनफर ने पावरप्ले में काफी घातक गेंदबाजी की. फजलहक फारूकी ने 4 बल्लेबाजों का शिकार किया. वहीं, युवा गेंदबाज अल्लाह गजनफर ने 10 ओवर में 20 रन देकर 3 विकेट हासिल किए. टीम के स्टार गेंदबाज राशिद खान ने भी कमाल की गेंदबाजी की और 8.3 ओवर में 30 रन देकर 2 बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा. दूसरी ओर टारगेट को चेज करते हुए गुलबदीन नायब ने सबसे ज्यादा नाबाद 34 रन बनाए और अजमतुल्लाह उमरजई 25 रन बनाकर नाबाद रहे.

अफगानिस्तान क्रिकेट के लिए काफी खास दिन

इस मुकाबले से पहले दोनों टीमों के बीच कुल 5 इंटरनेशनल मैच खेले गए थे. इन सभी मैचों में साउथ अफ्रीका की टीम ने बाजी मारी थी. लेकिन इस बार अफगानिस्तान ने इतिहास को बदलकर रख दिया. वहीं, पहले ये दोनों टीमें वनडे फॉर्मेट में सिर्फ वर्ल्ड कप के दौरान ही आमने सामने आई थीं. 2019 वर्ल्ड कप और 2023 वर्ल्ड कप में दोनों टीमों के बीच 1-1 मैच हुआ था. लेकिन दोनों मौकों पर साउथ अफ्रीका ने जीत दर्ज की थी. वहीं, दोनों टीमों के बीच टी20 में तीन बार आमना-सामना हुआ है, जहां हर बार अफगानिस्तान को हार मिली है.

विराट कोहली के जीवन में भगवान शिव का महत्व: गौतम गंभीर ने किया बड़ा खुलासा,जाने

टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर और दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली के बीच जबरदस्त बातचीत का वीडियो बीसीसीआई ने पोस्ट किया है. इस बातचीत के दौरान गौतम गंभीर ने एक ऐसी बात का खुलासा किया जो शायद विराट के फैंस को भी नहीं पता होगी. उन्होंने बताया कि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर विराट कोहली भगवान शिव का मंत्रोच्चारण कर रहे थे. गौतम गंभीर ने बीसीसीआई टीवी पर बातचीत के दौरान कहा कि विराट कोहली ने 2014-15 में हुए ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हर गेंद से पहले भगवान शिव का नाम लिया. गंभीर ने बताया कि विराट ने कंगारू गेंदबाजों की हर गेंद से पहले ॐ नमः शिवाय का उच्चारण किया.विराट कोहली ने उस टेस्ट सीरीज में कुल 1093 गेंद खेली थी और इसका मतलब ये है कि उन्होंने इतनी ही बार भगवान शिव का मंत्रोच्चारण किया.

विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर क्या किया था?

साल 2014-15 में हुए ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम इंडिया को भले ही हार मिली थी लेकिन वो सीरीज विराट कोहली के लिए बेहद खास थी. उसी सीरीज में विराट कोहली टेस्ट कप्तान बने. धोनी ने अचानक कप्तानी छोड़ी और जिम्मेदारी विराट के कंधों पर आई और उसी सीरीज में इस बल्लेबाज के बल्ले से रनों का अंबार निकला. विराट ने उस सीरीज में 86 से ज्यादा की औसत से 692 रन बनाए थे. उन्होंने कुल 4 शतक और एक अर्धशतक निकला. गौतम गंभीर ने बताया कि उन्हें लगता है कि उस दौरे पर जिस तरह की बल्लेबाजी विराट कोहली ने की थी वैसी ये बल्लेबाज अबतक नहीं कर पाया है. विराट कोहली का वो जोन अलग ही था. गौतम गंभीर ने बताया कि वैसे ही जोन में वो खुद साल 2009 में हुए नेपियर टेस्ट में थे, जिसमें उन्होंने 436 गेंदों तक बल्लेबाजी की थी और इस दौरान उनके बल्ले से 137 रन निकले थे.लक्ष्मण ने उस मैच में नाबाद 124 रन बनाए थे. गंभीर ने बताया कि वो उस मैच के दौरान हनुमान चालीसा का जाप कर रहे थे.

विराट की कप्तानी के मुरीद गंभीर

गौतम गंभीर ने बीसीसीआई टीवी पर बातचीत के दौरान विराट की कप्तानी की भी तारीफ की. उन्होंने विराट से कहा कि वो इसलिए अच्छे कप्तान बन पाए क्योंकि उन्होंने एक अच्छी बॉलिंग यूनिट तैयार की. खासतौर पर जिस तरह से उन्होंने पेस बॉलिंग अटैक को बनाया जिसमें बुमराह, शमी, उमेश यादव, मोहम्मद सिराज जैसे नाम शामिल हैं. विराट कोहली भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान हैं और उन्होंने कुल 40 टेस्ट मैच जीते हैं.

पाकिस्तान की हॉकी टीम की शर्मिंदगी भरी यात्रा: चीन से हारने के बाद उसी का झंडा लेकर पहुंचे स्टेडियम

पाकिस्तान की टीम अपना मजाक बनाने पर खुद ही तुली हुई रहती है. अक्सर वह कुछ ना कुछ ऐसी हरकत कर देती है, जिससे पूरी दुनिया के सामने उसे शर्मिंदा होना पड़ता है. एक बार फिर से ऐसा ही कुछ हुआ है. दरअसल, पाकिस्तानी खिलाड़ी हाल ही में एशियन चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में चीन को सपोर्ट करते हुए दिखे थे. सेमीफाइनल में चीन से हारने के बावजूद पाकिस्तानी की पूरी टीम दर्शक दीर्घा में उसी का झंडा लेकर बैठी थी. भारतीय हॉकी टीम ने जैसे ही चीन को 1-0 से हराकर लगातार दूसरी बार इस ट्रॉफी पर कब्जा किया, फैंस ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों का जमकर मजाक उड़ाया.

फैंस ने पाकिस्तान के लिए क्या कहा?

भारतीय हॉकी टीम का एशियन चैंपियंस ट्रॉफी के पूरे टूर्नामेंट में जबरदस्त खेल का प्रदर्शन किया. पूरे टूर्नामेंट में टीम का दबदबा बना रहा है. टीम इंडिया ने बिना एक भी मैच हारे ट्रॉफी को अपने नाम किया. दूसरी ओर पाकिस्तान की हॉकी टीम को ग्रुप स्टेज में भारत के हाथों 2-1 से हार का सामना करना पड़ा था. वहीं सेमीफाइनल में चीन के साथ 1-1 की बराबरी पर मुकाबला खत्म हुआ. लेकिन पेनल्टी शूटआउट में टीम हारकर बाहर हो गई. इसके बावजूद जब पाकिस्तानी टीम ने चीन को सपोर्ट किया तो फैंस ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया. कुछ फैंस का कहना था कि इसमें बुराई ही क्या है. आखिर चीन सिर्फ पाकिस्तान की टीम ही नहीं बल्कि पूरे देश का स्पॉन्सर है.

अंतिम 10 मिनट में हुआ कमाल

टीम इंडिया को शुरू से ही एशियन चैंपियंस ट्रॉफी की सबसे बड़ी दावेदार थी. वहीं ग्रुप स्टेज और सेमीफाइनल के प्रदर्शन को देखते हुए फाइनल में एक आसान जीत की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन चीन की टीम ने कड़ी टक्कर दी. फाइनल में उसने भारतीय टीम को 50 मिनट तक कोई गोल नहीं करने दिया.

मुकाबला पेनल्टी शूट आउट की ओर जा रहा था और आखिरी के 10 मिनट बचे थे. तभी जुगराज सिंह ने कमाल कर दिखाया. उन्होंने 51वें मिनट में चीन की दीवार को ध्वस्त करते हुए एक तगड़ा शॉट लगाया और टीम इंडिया को 1-0 की बढ़त दिला दी. इस तरह भारत ने पांचवीं बार ये खिताब अपने नाम कर लिया.

टीम इंडिया ने पूरे टूर्नामेंट में फाइनल समेत सभी 7 मैच जीतकर एशियन चैंपियंस का ताज अपने नाम किया. बता दें भारतीय टीम ने सबसे पहले 2011 में ये खिताब जीता था. इसके बाद 2016 और 2023 में भी टीम इंडिया ही चैंपियन रही थी. वहीं 2018 में भारत और पाकिस्तान संयुक्त रूप से विजेता थे और अब 5वीं बार इस ट्रॉफी को जीता है.

चेन्नई में टीम इंडिया की सबसे बड़ी चुनौती, रोहित शर्मा के पास इतिहास रचने का मौका

19 सितंबर से चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में एक बार फिर टीम इंडिया सफेद जर्सी में मैदान पर कदम रखेगी. पूरे 6 महीने बाद भारतीय खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट खेलने उतरेंगे और लगातार तीसरी बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने के अपने अभियान को आगे बढ़ाएंगे. इस बार टीम इंडिया के सामने बांग्लादेश है, जिसे आम तौर पर ज्यादा मुश्किल चुनौती नहीं समझा जाता लेकिन पाकिस्तान जाकर 2-0 से टेस्ट सीरीज जीतने वाली बांग्ला टीम को इस बार कम करके नहीं आंका जा सकता. उस पर भी एक बड़ी चुनौती सितंबर के महीने की है, जो चेन्नई में खेले गए टेस्ट मुकाबलों में भारत के लिए कभी भी सफलता लेकर नहीं आया. अब कप्तान रोहित शर्मा के पास कुछ ऐतिहासिक काम करने का मौका है.

सितंबर में चेन्नई ने नहीं दिया साथ

भारत और बांग्लादेश के बीच 2 टेस्ट मैच खेले जाने हैं, जिसका पहला मैच चेन्नई में है. वैसे तो टीम इंडिया इस सीरीज में क्लीन स्वीप की दावेदार है लेकिन इस बार बांग्लादेश से चुनौती मिलने की उम्मीद की जा रही है. अब बांग्लादेश टीम इंडिया को कितनी चुनौती देता है ये तो 19 तारीख से ही पता चलेगा लेकिन टीम इंडिया को सितंबर के महीने में चेन्नई के चुनौतीपूर्ण इतिहास से जरूर निपटना पड़ेगा. जी हां, चेन्नई में आज तक सितंबर के महीने में जितने भी टेस्ट मैच खेले गए हैं, उसमें टीम इंडिया को कभी भी जीत नहीं मिली है.

चेन्नई के मैदान में 1934 में पहली बार टेस्ट मैच खेला गया था और तब से ही अब तक कुल 34 टेस्ट मैच खेले जा चुके हैं. इसमें भारतीय टीम ने 15 टेस्ट जीते हैं, 11 ड्रॉ रहे हैं और 7 बार उसे हार का सामना करना पड़ा है. सितंबर के महीने में इस मैदान पर सिर्फ 3 टेस्ट मैच खेले गए हैं लेकिन एक बार भी भारतीय टीम को जीत नहीं मिली. इनमें से 2 मैच ड्रॉ रहे हैं, जबकि 1 मैच टाई रहा था. सितंबर 1979 में भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच मैच ड्रॉ रहा था. फिर 1982 के सितंबर में श्रीलंका के साथ मैच भी ड्रॉ रहा था. वहीं 1986 में टीम इंडिया और ऑस्ट्रेलिया का मैच रोमांचक टाई पर खत्म हुआ था.

रोहित बदल सकेंगे इतिहास?

1986 के बाद से आज तक सितंबर के महीने में चेन्नई में कोई टेस्ट नहीं खेला गया. यानि टीम इंडिया को सितंबर में आज तक कोई जीत नहीं मिली लेकिन कोई हार भी नहीं मिली. फिर भी चेन्नई के मैदान पर टीम इंडिया के दमदार रिकॉर्ड को देखते हुए सितंबर के महीने में ऐसा प्रदर्शन थोड़ा चौंकाने वाला है. अब कप्तान रोहित शर्मा के पास ये इतिहास बदलने का मौका है. रोहित पहले भारतीय कप्तान बन सकते हैं जो सितंबर के इस अजीबोगरीब सिलसिले को खत्म कर सकते हैं.

रोहित शर्मा के पास सहवाग का रिकॉर्ड तोड़ने का मौका

करीब 6 महीनों के लंबे इंतजार के बाद एक बार फिर भारतीय क्रिकेट टीम टेस्ट क्रिकेट खेलती हुई दिखेगी. गुरुवार 19 सितंबर से टीम इंडिया और बांग्लादेश के बीच टेस्ट सीरीज की शुरुआत होगी, जिसका पहला मैच चेन्नई में खेला जाएगा. चेन्नई का ये वही मैदान है, जो टीम इंडिया के कई ऐतिहासिक टेस्ट मैच का गवाह बना है. इसी मैदान पर करीब 15 साल पहले वीरेंद्र सहवाग ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ 319 रन की यादगार पारी खेलकर इतिहास रचा था. अब इसी मैदान पर उनका एक शानदार रिकॉर्ड टूटने की कगार पर है और ये काम करने वाले हैं टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा. बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज के पहले मैच में ही रोहित टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा छक्कों के सहवाग के भारतीय रिकॉर्ड को तोड़ सकते हैं.

चेपॉक स्टेडियम में 19 सितंबर से शुरू हो रहे पहले टेस्ट मैच में कई रिकॉर्ड्स दांव पर रहेंगे. विराट कोहली हों या रवींद्र जडेजा या फिर यशस्वी जायसवाल, कई भारतीय खिलाड़ियों के पास रिकॉर्ड बुक में अपना नाम लिखवाने का मौका होगा. जहां विराट और यशस्वी के पास बल्लेबाजी में इतिहास रचने का मौका होगा तो वहीं रवींद्र जडेजा गेंदबाजी से अपने नाम खास रिकॉर्ड कर सकते हैं. वहीं टीम इंडिया के पास भी 92 साल में पहली बार हार से ज्याजा जीत दर्ज करने का मौका है.

रोहित तोड़ पाएंगे सहवाग का रिकॉर्ड?

बाकी खिलाड़ियों की तरह कप्तान रोहित शर्मा भी इस सीरीज में टेस्ट क्रिकेट में छक्के जड़ने का रिकॉर्ड अपने नाम कर सकते हैं. भारतीय कप्तान के नाम अभी तक 59 टेस्ट मैच में की 101 पारियों में 84 छक्के जमाए हैं और भारतीय खिलाड़ियों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर हैं. रोहित ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में पूर्व कप्तान एमएस धोनी (78) को पीछे छोड़ा था और अब उनकी नजरें सहवाग पर हैं. पूर्व दिग्गज ओपनर सहवाग ने 104 टेस्ट में कुल 91 छक्के जमाए हैं, जिसमें से 90 भारत के लिए आए थे, जबकि एक एशिया इलेवन की तरफ से लगाया था. यानि रोहित को सिर्फ 7 छक्कों की जरूरत है और वो चेन्नई टेस्ट में ही ऐसा कर सकते हैं. ये 7 छक्के जमाते ही वो टेस्ट में भी सबसे ज्यादा छ्क्के जमाने वाले भारतीय बन जाएंगे.

जायसवाल के पास भी अच्छा मौका

रोहित के नाम पहले से ही वनडे और टी20 में न सिर्फ टीम इंडिया के लिए बल्कि पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा छक्कों का रिकॉर्ड है. ऐसे में तीनों फॉर्मेट में भारत के लिए सबसे सफल सिक्स हिटर का रिकॉर्ड अब पूरी तरह रोहित के नाम होने वाला है. वैसे सिर्फ रोहित ही नहीं, बल्कि छक्के जमाने के मामले में यशस्वी जायसवाल भी एक रिकॉर्ड के करीब हैं. यशस्वी ने इस साल टेस्ट मैचों में 26 छक्के जमाए हैं और सिर्फ 8 छक्के जमाते ही वो एक साल में सबसे ज्यादा सिक्स लगाने के ब्रैंडन मैक्कलम (33) के रिकॉर्ड को तोड़ सकते हैं.

फाइनल में पहुंची भारतीय हॉकी टीम: एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन

पेरिस ओलंपिक 2024 की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट भारतीय हॉकी टीम ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन बरकरार रखते हुए एशियन चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में जगह बना ली है. ओलंपिक के बाद पहला इवेंट खेल रही टीम इंडिया ने सोमवार 16 सितंबर को हुए सेमीफाइनल में साउथ कोरिया को 4-1 से हरा दिया और एक बार फिर फाइनल में अपनी जगह बनाई. इस तरह मौजूदा चैंपियन टीम इंडिया अपने पांचवें खिताब के और करीब पहुंच गई है. टीम इंडिया की जीत के स्टार एक बार फिर कप्तान हरमनप्रीत सिंह रहे जिन्होंने दो गोल दागे और टीम की जीत में अहम योगदान दिया. खिताब के लिए अब टीम इंडिया का सामना मेजबान चीन से होगा.

चीन के हुलुनबिर में आयोजित हो रहे इस टूर्नामेंट में टीम इंडिया ने पहले दिन से ही जोरदार प्रदर्शन किया, जो सेमीफाइनल तक जारी रहा. लीग स्टेज के सभी 5 मैच जीतने के बाद कोच क्रेग फुल्टन की टीम ने छठे मैच में भी आसानी से जीत हासिल की. साउथ कोरिया के खिलाफ हुए इस मुकाबले में भारतीय टीम ने पहले क्वार्टर से ही गोल दागने शुरू कर दिए और तीसरे क्वार्टर के अंत तक ही 4-1 की बढ़त हासिल कर ली थी.

कर ली थी.

भारतीय टीम का अटैकिंग खेल

टीम इंडिया के लिए पहला क्वार्टर खत्म होने से ठीक पहले 13वें मिनट में उत्तम सिंह ने पहला गोल दागा और 1-0 की बढ़त दिलाई. फिर दूसरे क्वार्टर में जल्द ही बढ़त 2-0 हो गई. इस बार मैच के 19वें मिनट में कप्तान हरमनप्रीत ने पेनल्टी कॉर्नर से जोरदार शॉट दागा और गोल कर दिया. तीसरे क्वार्टर में टीम इंडिया ने 2 गोल अपनी झोली में डाले. 32वें मिनट में ही जरमनप्रीत सिंह ने स्कोर को 3-0 कर दिया लेकिन एक मिनट बाद ही कोरिया को पहली बार सफलता मिली. उसके लिए 33वें मिनट में यैंग जिहुन ने पेनल्टी कॉर्नर में गोल किया. इस क्वार्टर के आखिरी मिनट में हरमनप्रीत ने फिर गोल करते हुए जीत पर मुहर लगा दी. आखिरी क्वार्टर में कोई गोल नहीं आया और भारतीय टीम 4-1 से जीत के साथ फाइनल में पहुंच गई.

फाइनल में चीन से टक्कर

फाइनल में टीम इंडिया की टक्कर चीन से होगी, जिसने पहले सेमीफाइनल में पाकिस्तान को पेनल्टी शूटआउट में हरा दिया. इस सेमीफाइनल में 60 मिननट तक स्कोर 1-1 की बराबरी पर रहा, जिसके बाद फैसला पेनल्टी शूटआउट से हुआ. यहां पाकिस्तानी खिलाड़ी कोई भी गोल नहीं कर सके, जबकि चीन ने 2 गोल दाग दिए और 2-0 से मैच जीतते हुए फाइनल में जगह बना ली. ये फाइनल मंगलवार 17 सितंबर को खेला जाएगा. दोनों टीमों की लीग स्टेज के अपने पहले ही मैच में टक्कर हुई थी, जिसमें भारत ने 3-0 से जीत दर्ज की थी.