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कोयलांचल धनबाद में बारिश ने बरपाया कहर, कई इलाके हुए जलमग्न
धनबाद : धनबाद शहर के सरायढेला इलाके में भुईफ़ोड़ के समीप कई कमर्शियल काम्प्लेक्स में 2-3 फिट पानी घुस गया है। जिससे लाखों रुपए के कीमती सामान फ़र्नीचर को नुकसान पहुँचा है।
झारखंड के कई जिलों में आज और कल भी होगी भारी बारिश,जन-जीवन रहेगा अस्त व्यस्त,मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
झारखंड डेस्क
झारखंडवासियों को अभी बारिश से निजात मिलने वाली नहीं है। मौसम विभाग ने दो दिन 16-17 सितंबर को भारी बारिश की संभावना जताई है। कुछ जिलों के लिए अलर्ट भी जारी किया है। आइए जानें इन जिलों के बारे में…
बांग्लादेश के तट पर साइक्लोनिक सर्कुलेशन का असर झारखंड में देखने को मिल रहा है। राज्य के कई जिलों में पिछले 24 घंटे से रुक-रुक कर बारिश हो रही है। सोमवार की अहले सुबह से राज्य के लगभग सभी जिलों में तेज बारिश की संभावना है।
मौसम विभाग ने कई जिलों में रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है। राज्य में छह जिले गुमला, खूंटी, सिमडेगा, सरायकेला-खरसावां, पूर्वी सिंहभूम व पश्चिमी सिंहभूम के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है।
वहीं रांची, लोहरदगा, लातेहार, पलामू व गढ़वा में ऑरेंज और चतरा, कोडरमा, गिरिडीह, हजारीबाग, रामगढ़, बोकारो व धनबाद के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
16 व 17 सितंबर को गढ़वा, पलामू, लातेहार में ऑरेंज अलर्ट, वहीं चतरा, लोहरदगा, गुमला और सिमडेगा में येलो अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान कहीं-कहीं पर गर्जन के साथ वज्रपात की भी संभावना है। हवा की रफ्तार 50 से 60 किमी प्रति घंटा रह सकती है।
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के दौरान साइक्लोनिक सर्कुलेशन डिप्रेशन के धीरे-धीरे कमजोर होकर दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो जाने तथा झारखंड और उत्तरी छत्तीसगढ़ होते हुए पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना जताई है।
बता दें कि, पिछले 24 घंटे में राज्य में मॉनसून गतिविधि अति सक्रिय रही। राज्य में लगभग सभी स्थानों पर गर्जन के साथ हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा हुई। कहीं-कहीं पर भारी से बहुत भारी बारिश भी दर्ज की गई। सबसे अधिक वर्षा 152.8 एमएम मेराल (गढ़वा) में दर्ज किया गया।
झारखंड की रितिका तिर्की वंदे भारत को टाटा से चलाकर ले गयी पटना
झा. डेस्क
रांची : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टाटा से पटना वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रविवार को रवाना किया। इस ट्रेन को सुरक्षित चलाने की जिम्मेदारी झारखंड की ही 27 वर्षीया चालक रितिका तिर्की को दी गई है। आदिवासी समाज से आने वाली रितिका महिला और आदिवासी समाज के लिए एक उदाहरण बनकर आई है उन्हे महिला सशक्तिकरण के मिशाल के तौर पर देखा जा रहा है।
सरकारी योजनाओं से जनता को कितना लुभा पाएगी सरकार...?
क्या इन योजनाओं में होगा स्थायित्व या पूर्व की सरकार के तरह वोट के बाद हो जाएगी बंद...!
झारखंड डेस्क
झारखंड में चुनाव निकट है।एनडीए हो चाहे इंडिया गठबंधन सभी जनता को लुभाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। चुनाव जैसे हीं नज़दीक आता है नेताओं को जनता 4की दुख तकलीफ दिखने लगती है।
सरकार नई योजनाओं के द्वारा जनता को लाभ पहुंचाने लगते हैं और विपक्ष में बैठे लोग सरकार में वापस आने के लिए योजनाओं की झड़ी लगाने लगते हैं।
झारखंड में भी सरकार ने जनता के लिए सरकार का खजाना खोल दिया है। एक माह पहले मंईयां सम्मान योजना की शुरुआत हुई है। इसके तहत 18 साल से 49 साल की युवतियों और महिलाओं के खाते में सम्मान राशि के रूप में एक-एक हजार दिये जा रहे हैं।
अब तक दो किस्त जारी भी हो चुकी है। इस योजना के लाभार्थियों की संख्या 50 लाख से ज्यादा हो चुकी है। वहीं सर्वजन पेंशन योजना के तहत 50 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांग को भी हर माह एक-एक हजार रुपए दिए जा रहे हैं।
इस योजना के लाभुकों की संख्या करीब 27 लाख हो चुकी$ है.यही स्थिति 2019 के विधानसभा चुनाव के वक्त भी दिखी थी। तब झारखंड में रघुवर दास की सरकार थी। उस सरकार ने किसानों को टारगेट करते हुए प्रति एकड़ पांच हजार और अधिकतम पांच एकड़ के बदले 25 हजार रु देना शुरू किया था। अक्टूबर, 2019 के अंत तक 16.14 लाख किसानों को मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत प्रथम किस्त का भुगतान किया गया था। जबकि 9.27 लाख किसानों को दूसरी किस्त भी मिल गई थी। हालांकि सरकार बदलते ही वह योजना ठंडे बस्ते में चली गई। यही हाल महिलाओं के नाम से एक रुपए में 50 लाख रु.तक की जमीन रजिस्ट्री प्लान का भी हुआ।
इन योजनाओं के लिए कहां से आएंगे पैसे ?
अब सवाल उठता है कि हर साल मंईयां सम्मान योजना मद में करीब 6000 करोड़ रु सर्वजन पेंशन योजना मद में करीब 3,200 रु. यानी कुल 9,200 करोड़ रु. कहां से आएंगे।
इसे चुनावी फायदे के मकसद से तो शुरू किया गया है। इसपर राज्य के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव से मीडिया के सबाल पर जो जवाब आया है उसके अनुसार बजट के मामले को लेकर डिस्कस नहीं किया उन्होंने कहा इस पर डिसकस करना उचित नही है ,लेकिन हर साल इतनी बड़ी राशि कहां से आएगी इसके जवाब में उन्होंने बताया कि सरकार अलग-अलग टैक्स से पैसे वसूलती है। उसका इस्तेमाल इन योजनाओं को जारी रखने के लिए किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि संभव है कि इंफ्रास्ट्रक्चर के काम पर थोड़ा असर पड़े। लेकिन उससे ज्यादा जरुरी है गरीबों और जरुरतमंदों को उनके पैरों पर खड़ा करना।
वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव का कहना है कि आज मंईयां सम्मान के साथ-साथ सर्वजन पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है। एक परिवार में औसतन तीन से पांच हजार रु. पहुंच रहे हैं।
यह समझना जरूरी है कि इससे जनता की पर्चेजिंग कैपेसिटी बढ़ेगी। इससे राज्य की बुनियादी अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम ही होता है सवाल खड़े करना। इसको चुनावी फायदे से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने पूरे विश्वास के साथ कहा कि सरकार की आर्थिक स्थिति बेहतर है। इसलिए ये दोनों योजनाएं चलती रहेंगी।
क्या वोट के लिए यह सब हो रहा है..?
विपक्ष का यही आरोप है कि वोट के लिए हो रहा है यह सब।इसी लिए मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का जोरशोर से प्रचार प्रसार हो रहा है।
वैसे सीएम हेमंत सोरेन को भरोसा है कि इसकी बदौलत विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को आधी आबादी का आशीर्वाद मिलेगा। लेकिन विपक्षी दल खासकर भाजपा और आजसू इसको लेकर सरकार की नीयत पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
इसे वोट लेने का हथकंडा बताया जा रहा है।
भाजपा नेता बार-बार सरकार के वादों को याद दिला रहे हैं। पूछ रहे हैं कि " हमे तो नहीं मिला, आपको मिला क्या"।
हर साल 5 लाख युवाओं को नौकरी का वादा, बेरोजगारी भत्ता, महिलाओं को बिना ब्याज 50 हजार के ऋण का वादा, हर महिला को प्रति माह 2000 रु. चूल्हा भत्ता, सभी प्रखंड में 264 कोल्ड स्टोरेज का निर्माण, गरीब परिवारों को 72,000 रु. हर साल, विधवा महिलाओं को हर माह 2,500 रु., तीन जिलों (चाईबासा, पलामू और हजारीबाग) को उप-राजधानी बनाने का वादा, अनुबंध और संविदाकर्मियों का स्थायीकरण, गरीब बेटियों की शादी के वक्त सोने का सिक्का देने का वादा क्यों पूरा नहीं हुआ।
हेमंत सरकार को योजना से जनता के आशीर्वाद की आस है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मंईयां सम्मान योजना और सर्वजन पेंशन योजना को लेकर आशान्वित हैं।
उनको भरोसा है कि इसबार का चुनाव में भी उनको जनता का आशीर्वाद मिलेगा। 13 सितंबर को मंईयां सम्मान योजना की दूसरी किस्त जारी करते वक्त दिल की बात उनकी जुबां पर आ गई थी। उन्होंने लाभुकों से पूछा था कि "आपलोगों का आशीर्वाद हमलोग पर है ना। आशीर्वाद रहेगा? आगे हमको याद रखिएगा कि नहीं ". वहीं भाजपा के नेतृत्व में एनडीए ने बांग्लादेशी घुसपैठ की वजह से घट रही आदिवासी आबादी को अपना सबसे बड़ा मुद्दा बना लिया है. लिहाजा, इस बार के चुनाव में राहत बनाम अस्तित्व वाली लड़ाई देखने को मिल सकती है.यह भी पढ़ें:मंईयां सम्मान योजना की दूसरी किस्त जारी, पोडियम पर वॉक करते हुए सीएम ने पूछा- आगे हमको याद रखिएगा कि नहीं।
जेएमएम में भी घुसा कांग्रेस का भूत इसी लिए जेएमएम का भी तुष्टिकरण बन गया एजेंडा:पीएम मोदी
झा. डेस्क
जमशेदपुर:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को झारखंड पहुंचे हैं। उन्होंने छह वंदे भारत समेत राज्य को कई बड़ी सौगात दी। जमशेदपुर में अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि JMM में कांग्रेस का भूत घुस गया है।
झारखंड में खूब गरजे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को झारखंड पहुंचे हैं। उन्होंने छह वंदे भारत समेत राज्य को कई बड़ी सौगात दी। जमशेदपुर में अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि JMM में कांग्रेस का भूत घुस गया है। उन्होंने झामुमो से बगावत कर भाजपा में शामिल हुए झारखंड के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन को लेकर भी बयान दिया है।
दरअसल, पीएम मोदी और चंपाई सोरेन पहली बार एक साथ मंच साझा कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि 'कट्टरपंथी झारखंड को भी अपने कब्जे में लेते जा रहे हैं। इनके लोग झारखंड मुक्ति मोर्चे के भीतर भी घुस गए हैं।
जानते हैं ऐसा क्यों हुआ? क्योंकि JMM में कांग्रेस का भूत घुस गया है। जब किसी पार्टी में कांग्रेस का भूत घुस जाता है तो तुष्टीकरण ही उस दल का इकलौता एजेंडा बन जाता है।
इसके लिए सबसे पहले यह लोग दलित आदिवासी और पिछड़ा समाज के हितों की बलि चढ़ाते हैं। यही हाल JMM का भी हो रहा है। इसलिए हमें एक बार साफ-साफ समझनी होगी कि झामुमो और कांग्रेस जैसे दलों को आपका वोट नहीं चाहिए। यह दल सिर्फ मजहब के नाम पर अपना वोट बैंक बनाना चाहते हैं। यही समय है हमें इस खतरे को यहीं पर रोकना होगा। इसके लिए झारखंड के हर एक नागरिक को एकजुट होना होगा। भाजपा को मजबूत करना होगा। साथियों वोट बैंक की पॉलिटिक्स करने वाले लोग किसी के भी सगे नहीं होते। झामुमो सरकार के 5 साल का कार्यकाल इसका सबूत है। वोट लेने के लिए लोग आदिवासियों के नाम पर राजनीति करते हैं, लेकिन झामुमो के लिए आदिवासी समाज का सम्मान नहीं अपना सियासी फायदा सबसे ऊपर है।'
चंपाई सोरेन पर भी बोले पीएम मोदी
गौरतलब है कि हेमंत सोरेन के जेल से निकलने के बाद चंपाई सोरेन को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था। बाद में चंपाई भाजपा में शामिल हो गए। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, 'आज झारखंड का गरीब आदिवासी पूछ रहा है... क्या चंपाई सोरेन जी आदिवासी नहीं थे? क्या वह एक गरीब परिवार से नहीं आते थे? लेकिन जिस तरह उन्हें अपमानित किया गया, जिस तरह मुख्यमंत्री की कुर्सी कब्जाने के लिए उन्हें अपमानित करके हटाया गया, उससे हर गरीब आदिवासी के दिल को गहरी चोट पहुंची है।'
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि झामुमो ने पेट्रोल-डीजल देने की योजना का वादा किया था। आप में से किसी को पेट्रोल डीजल मिल रहा है क्या? नहीं मिल रहा ना? क्योंकि यह योजना भी झूठा दिलासा था। उसे भी दो महीने में बंद कर दिया गया। अभी ये महिलाओं को पैसे देने के नाम पर गरीबों को फंसाने के लिए नए-नए तिकड़म लग रहे हैं। इसलिए आपको ऐसे धोखेबाजों को सरकार से बाहर निकलना है।
सिंदरी BIT में परंपरागत कर्मा पूजा का हुआ आयोजन
धनबाद : 14 सितंबर को सिन्दरी बी आई टी , में छात्रों ने कर्मा पूजा बड़ी धूमधाम से मनाया इस अवसर पर बी आई टी के निदेशक पंकज राय मुख्य रूप से उपस्थित हुए।
रांगामाटी एवं ग्रामीणो ने बड़े धूमधाम से कर्मा पूजा मनाया वहीं रांगामटिया स्थित अमर शक्ति क्लब के पास महिलाओं ने बड़े ही उत्साह और श्रद्धा के साथ कर्मा पूजा का आयोजन किया।
इस आयोजन में मीना कुमारी, पिंकी कुमारी, बिंदु देवी, आरती देवी, बिंदु देवी, अंबिका देवी, मंजू देवी, मन्नु कुमारी, नंदनी कुमारी, गुनगुन कुमारी,और संजना कुमारी सहित कई महिलाओं ने भाग लिया। पूजा के दौरान कर्मा पूजा से जुड़ी एक रोचक कथा भी सुनाई गई, जिसमें सात भाई – उरांव, चेरो, हो, बिरहोर, मुंडा, असुर, और संथाल की कहानी का जिक्र हुआ।
ये सातों भाई व्यापार के लिए दूर जाते थे, और उनकी पत्नियां उनके लौटने का बेसब्री से इंतजार करती थीं। कर्मा पूजा के माध्यम से इस प्राचीन कथा को पीढ़ियों तक जीवित रखा जाता है।
गोविंदपुर के सामाजिक संस्था विकास फोरम का वार्षिक कार्यक्रम संपन्न,
इस अवसर पर बीबीएमकेयू के कुलपति डॉ राम कुमार सिंह ने कहा विकास फोरम जैसी संस्था से समाज को बहुत उम्मीद है
झा. डेस्क
गोविंदपुर के सामाजिक संस्थात विकास फोरम के वार्षिक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ राम कुमार सिंह ने कहा कि आज सामाजिक संस्थाओं के महत्व, और उसकी उपयोगिता बढ़ी है. कई संस्थाएं बेहतर काम कर रही है और बहुत उम्मीद भी है. उन्होंने विकास फोरम जैसी संस्थाओं के कार्यक्रम से प्रभावित होते हुए कहा कि विगत 29 वर्षों से बिना किसी सरकारी अनुदान के यह संस्था काम कर रही है और आज भी यहाँ इस कार्यक्रम में विद्वतजनो की उपस्थिति और उत्साह से जाहिर होता है कि यह संस्था समाज के लिए बहुत कुछ कर सकता है. मेरी अपेक्षा भी है.उन्होंने संस्था के सदस्यों और पदाधिकारियों की सराहना की.
इस अवसर पर संस्था द्वारा चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए एसएनएमएमसीएच धनबाद के प्राचार्य डॉ ज्योति रंजन प्रसाद, महिला रोग विशेषज्ञ डॉ प्रतिभा राय व यूरोलॉजिस्ट डॉ गौरव प्रकाश तथा शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्लस टू हाई स्कूल नगरकियारी की प्राचार्य डॉ मीरा सिंह व फोरम के कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए सदस्य सुरेश कुमार चौधरी को सम्मानित किया गया.
मेधा प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया. अध्यक्षता फोरम अध्यक्ष वासुदेव गोस्वामी, संचालन कृष्ण प्रसाद गिरि व विकास कुमार सिन्हा,ने किया.
स्वागत भाषण व सचिवीय प्रतिवेदन एसएन लाल त्यागी, ने किया वार्षिक पत्रिका विकास पथ का लोकार्पण साहित्यकार संगीतानाथ व कार्यक्रम का उद्घाटन प्रखंड प्रमुख निर्मला सिंह ने किया.
मुख्य वक्ता पूर्व आइएएस व कवि श्री राम दुबे ने हिंदी दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला. विशिष्ट अतिथि डॉ के विश्वास, संरक्षक डॉ संगीता कर्ण व पूर्व उप प्रमुख डीएन सिंह ने संस्था के कार्यों की सराहना की.इस अवसर पर विकास फोरम के कार्यों से प्रभावित होकर आप नेता एवं पूर्व पंचायत प्रमुख डी एन सिंह ने विकास फोरम को जमीन और अपना भवन दिलाने का वादा किया.
इस कार्यक्रम क्षेत्र के मौके पर , प्रो एसएस गिरि, शिक्षक नेता नीलकंठ मंडल, संजय कुमार, राजकुमार वर्मा, आदित्य प्रसाद मिर्धा, शंकर रविदास विनोद आनंद, जयप्रकाश मिश्रा, अशोक गिरी,अशोक मंडल, रति रंजन गिरि, उज्जवल मंडल, रामाकांत सिंह, नुसरत प्रवीण, बैजनाथ राम, निर्मल सिंह, विमल शर्मा, किसन महाराज आदि मौजूद थे. मौके पर क्रिसेंट इंटरनेशनल स्कूल, जीनियस पब्लिक स्कूल व मवि सुगना शहरपुरा की छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया.इस कार्यक्रम में पत्रकारों, संस्था में उत्कृष्ट कार्यक्रम करने वाले सदस्यों, और मेधा प्रतियोगिता आयोजन में सहयोग करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया गया.
प्याज के मूल्यों पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार की नज़र,सरकारी दुकान लगा कर बेची जा रही है सस्ती दरों पर प्याज
जानिए झारखंड की राजधानी रांची में कहां मिलती है 35 रुपये किलो प्याज..?
प्याज के दाम को नियंत्रित रखने के लिए केंद्र सरकार ने देश के कुछ शहरों में 35 रुपये किलो प्याज बेचने की व्यवस्था की है.
इस सम्बंध में केंद्रीय उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कहा कि सरकार हर संभव कोशिश कर रही है कि बढ़ते हुए मूल्य पर नियंत्रण हो . इसके लिए बफर स्टॉक के प्याज को सस्ती दरों पर प्याज बेचने का निर्देश दिया गया है.
इस क्रम में रांची सहित आधा दर्जन बड़े शहरों में 35 रुपये प्रतिकिलो प्याज की बिक्री शुरू की गयी है. झारखंड की राजधानी रांची में नेफेड और एनसीसीएफ की तरफ से आठ स्थल चिन्हित किए गए हैं. यहां मोबाइल वैन लगाकर रियायती दरों पर प्याज की बिक्री शुरू की गयी है.
रांची में कहाँ कहाँ हो रही है 35 रुपए प्रति किलो प्याज की बिक्री
आमलोगों के लिए रांची के कांके रोड (स्पीकर आवास के पास), पिस्का मोड़, मोरहाबादी, चांदनी चौक (कांके), लालपुर चौक, बिरला मैदान, बहु बाजार और बरियातू में मोबाइल वैन के माध्यम से बिक्री की जा रही है. उपभोक्ता यहां से 35 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज खरीद रहे हैं. इससे उन्हें मंहगाई से राहत मिल रही है.
कीमतों पर है सरकार की नजर
उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बताया कि नेफेड और एनसीसीएफ की मोबाइल वैन के अलावा विभिन्न ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, सफल आउटलेट और केंद्रीय भंडार पर भी कम मूल्य पर प्याज खरीदा जा सकता है. देश में प्याज की कोई कमी नहीं है. बफर स्टॉक के तहत 4.7 लाख टन प्याज की खरीद की गयी थी. किसानों और व्यापारियों के पास भी पर्याप्त प्याज का भंडारण है. सरकार ने प्याज की कीमतों पर नजर रखने के लिए 550 केंद्रों पर निगरानी रखी है. रांची सहित अन्य जगहों पर केंद्र सरकार की इस पहल से लोग लाभान्वित होंगे. नेफेड और एनसीसीएफ से कहा गया है कि सस्ते प्याज की खरीदारी में उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए हर संभव कोशिश की जाए.
देश में यहां भी सस्ती दर पर खरीद सकते हैं प्याज
उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बताया कि रांची के अलावा दिल्ली-एनसीआर में 50 और मुंबई में 50, चेन्नई में 19, गुवाहटी में 11 और भुवनेश्वर में 10 जगहों पर मोबाइल वैन के माध्यम से रियायती दर पर प्याज बेचे जा रहे हैं. अगले कुछ दिनों में देश के अन्य शहरों में भी इसकी शुरुआत की जाएगी.
खाद्य मुद्रास्फीति और खुदरा मुद्रास्फीति को कम करने हर संभव कोशिश की जा रही है. आम लोगों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी.
प्याज के मूल्यों पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार की नज़र,सरकारी दुकान लगा कर बेची जा रही है सस्ती दरों पर प्याज
जानिए झारखंड की राजधानी रांची में कहां मिलती है 35 रुपये किलो प्याज..?
झा. डेस्क
प्याज के दाम को नियंत्रित रखने के लिए केंद्र सरकार ने देश के कुछ शहरों में 35 रुपये किलो प्याज बेचने की व्यवस्था की है.
इस सम्बंध में केंद्रीय उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कहा कि सरकार हर संभव कोशिश कर रही है कि बढ़ते हुए मूल्य पर नियंत्रण हो . इसके लिए बफर स्टॉक के प्याज को सस्ती दरों पर प्याज बेचने का निर्देश दिया गया है.
इस क्रम में रांची सहित आधा दर्जन बड़े शहरों में 35 रुपये प्रतिकिलो प्याज की बिक्री शुरू की गयी है. झारखंड की राजधानी रांची में नेफेड और एनसीसीएफ की तरफ से आठ स्थल चिन्हित किए गए हैं. यहां मोबाइल वैन लगाकर रियायती दरों पर प्याज की बिक्री शुरू की गयी है.
रांची में कहाँ कहाँ हो रही है 35 रुपए प्रति किलो प्याज की बिक्री
आमलोगों के लिए रांची के कांके रोड (स्पीकर आवास के पास), पिस्का मोड़, मोरहाबादी, चांदनी चौक (कांके), लालपुर चौक, बिरला मैदान, बहु बाजार और बरियातू में मोबाइल वैन के माध्यम से बिक्री की जा रही है. उपभोक्ता यहां से 35 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज खरीद रहे हैं. इससे उन्हें मंहगाई से राहत मिल रही है.
कीमतों पर है सरकार की नजर
उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बताया कि नेफेड और एनसीसीएफ की मोबाइल वैन के अलावा विभिन्न ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, सफल आउटलेट और केंद्रीय भंडार पर भी कम मूल्य पर प्याज खरीदा जा सकता है. देश में प्याज की कोई कमी नहीं है. बफर स्टॉक के तहत 4.7 लाख टन प्याज की खरीद की गयी थी. किसानों और व्यापारियों के पास भी पर्याप्त प्याज का भंडारण है. सरकार ने प्याज की कीमतों पर नजर रखने के लिए 550 केंद्रों पर निगरानी रखी है. रांची सहित अन्य जगहों पर केंद्र सरकार की इस पहल से लोग लाभान्वित होंगे. नेफेड और एनसीसीएफ से कहा गया है कि सस्ते प्याज की खरीदारी में उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए हर संभव कोशिश की जाए.
देश में यहां भी सस्ती दर पर खरीद सकते हैं प्याज
उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बताया कि रांची के अलावा दिल्ली-एनसीआर में 50 और मुंबई में 50, चेन्नई में 19, गुवाहटी में 11 और भुवनेश्वर में 10 जगहों पर मोबाइल वैन के माध्यम से रियायती दर पर प्याज बेचे जा रहे हैं. अगले कुछ दिनों में देश के अन्य शहरों में भी इसकी शुरुआत की जाएगी.
खाद्य मुद्रास्फीति और खुदरा मुद्रास्फीति को कम करने हर संभव कोशिश की जा रही है. आम लोगों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी.
Sep 16 2024, 13:24