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बिहार पुलिस में बड़ा फेरबदल; कई एसपी बदले गए, 15 आईपीएस का तबादला
पटनाःराज्य सरकार ने शनिवार शाम भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 15 अधिकारियों को नई जिम्मेदारी सौंपी है। इनमें से पांच पटना में ग्रामीण, यातायात पुलिस अधीक्षक तथा सिटी एसपी के रूप में तैनात किये गये हैं। अपराजित को पटना का नया यातायात एसपी और विश्वजीत दयाल को पटना का नया ग्रामीण एसपी बनाया गया है। शुभांक मिश्र को पटना का सिटी एसपी (पूर्वी), स्वीटी सहरावत को सिटी एसपी (मध्य) एवं सरथ आरएस को सिटी एसपी (पश्चिमी) बनाया गया है। गृह विभाग के अनुसार पटना ग्रामीण एसपी बनाए गए विश्वजीत दयाल फिलहाल प्रशिक्षण में हैं। उनके प्रशिक्षण से लौटने तक पटना के पुलिस अधीक्षक, प्रशासन सतीश कुमार को ग्रामीण एसपी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। शनिवार को गृह विभाग ने सभी 15 आईपीएस अधिकारियों के तबादले की अधिसूचना जारी की। राकेश दुबे बी-सैप के एआईजी बने अपर निदेशक सह सहायक राज्य अग्निशमन पदाधिकारी विद्यासागर को मुजफ्फरपुर का ग्रामीण एसपी बनाया गया है। शेरघाटी, गया के एसडीपीओ के. रामराज को भागलपुर नया सिटी एसपी नियुक्त किया गया है। फुलवारीशरीफ के एसडीपीओ विक्रम सिहाग को मुजफ्फरपुर का सिटी एसपी बनाया गया है। पदस्थापन की प्रतीक्षा में रहे राकेश कुमार दूबे को बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस (बी-सैप) का सहायक पुलिस महानिरीक्षक बनाया गया है। अशोक चौधरी दरभंगा के सिटी एसपी बने पटना के यातायात एसपी अशोक कुमार चौधरी को दरभंगा के सिटी एसपी, मुजफ्फरपुर के सहायक पुलिस अधीक्षक कोटा किरण कुमार को डेहरी, रोहतास एसडीपीओ-1, पटना की सहायक पुलिस अधीक्षक भावरे दीक्षा अरुण को सीआईडी, पटना में सहायक पुलिस अधीक्षक, मुंगेर के सहायक पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र सिंह को गया के शेरघाटी का एसडीपीओ-1, भागलपुर के सहायक पुलिस अधीक्षक अभिनव को पटना सदर का एसडीपीओ- 1 बनाया है। जबकि पूर्णिया के सहायक पुलिस अधीक्षक अतुलेश झा को पटना सिटी का एसडीपीओ-1 बनाया गया है। गृह विभाग की एक अन्य अधिसूचना के अनुसार औरंगाबाद के एसपी डॉ. स्वपना गौतम मेश्राम को बी-सैप-17, बोधगया का समादेष्टा (कमांडेंट) बनाया गया है जबकि बी-सैप-3, बोधगया के कमांडेंट दीपक रंजन को बी-सैप-17 के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त कर दिया गया है। नैयर हसनैन खान केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गये भारतीय पुलिस सेवा के 1996 बैच के अधिकारी एवं आर्थिक अपराध इकाई के अपर पुलिस महानिदेशक नैयर हसनैन खान को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए राज्य सरकार ने अपनी सहमति दे दी है। वे केंद्र सरकार में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) में पुलिस महानिरीक्षक के पद पर तैनात होंगे। वे पदभार ग्रहण करने की तिथि से अगले पांच वर्षो के लिए वहां रहेंगे। उनकी सेवा को केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंप दी गयी है। शनिवार को गृह विभाग ने उनके केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए सहमति संबंधी अधिसूचना जारी कर दी। श्री खान को एसएसबी में योगदान कर उसकी रिपोर्ट गृह विभाग को देने का निर्देश दिया गया है।
किंग मेकर लाल जी
प्रशांत किशोर ने भी मन की बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद एक किंग मेकर की भूमिका में रहते हैं

गया में पटरी छोड़कर ट्रेन का इंजन खेत में चलने लगी, लोग देख कर रह गए भौचक्के,
पटनाःपूर्व मध्य रेल के दानापुर रेल मंडल अंतर्गत गया-किउल रेलखंड पर वज़ीरगंज स्टेशन एवं कोल्हना हाल्ट के बीच रघुनाथपुर व गोविंदपुर गांव के निकट ट्रेन का इंजन पटरी से उतर कर खेत में चला गया।
रेल सूत्रों के मुताबिक बताया गया कि शुक्रवार की शाम वजीरगंज स्टेशन के डेडलाइन किमी 107/7 में इंजन संख्या WDG4-70154 डेड इंजन खड़ी थी। जिसे जोड़ कर ले जाने के लिए डीजल इंजन WDG4-70022 डेडलाइन में शंट किया गया। इस दौरान किसी तरह इंजन में टच होकर डेड इंजन रॉल डाउन हो गया और डेडलाइन इंड में जाकर पटरी से इंजन उतर कर इंजन का आधा हिस्सा जमीन पर उतर गया। रेलवे सूत्रों ने बताया कि इस घटना के संबंध में इंजन का शंटिंग करने वाले ड्राइवर और पोर्टर से पूछताछ भी की गई है लेकिन दोनों कुछ भी स्पष्ट नहीं बता रहे हैं।

इधर, प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इंजन को लूप लाइन में गया की ओर चलाया जा रहा था और यह घटना हो गई। रेलवे सूत्र के अनुसार इंजन के साथ कोई कोच नहीं जुड़ा हुआ था। इंजन लूप लाइन पर आगे चलकर बेपटरी हो गई और कुछ दूर पर ही जमीन पर आ गई। मानो इंजन पटरी से नीचे उतर कर  सड़क से गुजरने लगी।पास में रहे लोगों ने जब यह नजारा देखा तो लोगों की भीड़ जमा हो गई। लोग ये जानने को उत्सुक हो गए कि आखिर ट्रेन का इंजन खेत में कैसे चलने लगी? इसके पीछे का कारण क्या हो सकता है। परंतु किसी को ये माजरा समझ में ही नहीं आया। घटना की सूचना मिलने के बाद रेलवे की राहत दल की टीम घटनास्थल के पास पहुंची। जो बेपटरी हुई इंजन को पटरी पर लाने का कार्य करने में जूट गए।
सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी का निधन, शोक की लहर ।

पटनाः मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी CPl(M) के महासचिव सीताराम येचुरी का निधन हो गया है. उन्होंने 72 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. सीताराम येचुरी दिल्ली के AIIMS के आईसीयू में भर्ती थे. माकपा ने मंगलवार को एक बयान में कहा था कि 72 वर्षीय येचुरी का AIIMS के ICU में इलाज किया गया था, वह एक्यूट रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से पीड़ित थे.माकपा नेता येचुरी को 19 अगस्त को तेज बुखार की शिकायत के बाद AIIMS के आपातकालीन विभाग में भर्ती कराया गया था. उन्हें निमोनिया के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था और कोई गंभीर बात नहीं थी. सीपीआई (एम) नेता की हाल ही में मोतियाबिंद की सर्जरी हुई थी. सीताराम येचुरी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (CPI-M) के महासचिव थे. वह 1992 से सीपीआई (एम) के पोलित ब्यूरो के सदस्य भी थे. येचुरी 2005 से 2017 तक पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के सांसद रहे थे. येचुरी 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) में शामिल हुए थे और एक साल बाद, वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) में शामिल हो गए थे.

नीतीश कुमार ने जताया दुख

सीताराम येचुरी जी मेरे मित्र थे. भारत के विचार के रक्षक और हमारे देश की गहरी समझ रखने वाले थे. मुझे हमारी लंबी चर्चाएं याद आएंगी. दुख की इस घड़ी में उनके परिवार, मित्रों और अनुयायियों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना. कौन थे सीताराम येचुरी? बता दें कि सीताराम येचुरी का जन्म 12 अगस्त 1952 को मद्रास (चेन्नई) में एक तेलुगु भाषी ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनके पिता सर्वेश्वर सोमयाजुला येचुरी आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में इंजीनियर थे. उनकी मां कल्पकम येचुरी एक सरकारी अधिकारी थीं. वे हैदराबाद में पले-बढ़े और दसवीं कक्षा तक हैदराबाद के ऑल सेंट्स हाई स्कूल में पढ़ाई की. सीताराम येचुरी ने प्रेसिडेंट्स एस्टेट स्कूल, नई दिल्ली में दाखिला लिया और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड उच्चतर माध्यमिक परीक्षा में अखिल भारतीय प्रथम रैंक हासिल की. इसके बाद उन्होंने सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली से अर्थशास्त्र में बीए (ऑनर्स) की पढ़ाई की और फिर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से म.ए अर्थशास्त्र किया. इमरजेंसी के समय जे.एन.यू में छात्र रहते उन्हें गिरफ्तार किया गया था.
अचानक वक्फ बोर्ड ने ठोका जमीन पर दावा; भाजपा सांसद बोले- बड़ी साजिश है
  फतुहा : जिस जमीन पर लोग कई सालों से रह रहे हैं। दोनों ओर मकान बना दिया। बीच में सड़क भी है। उसपर अचानक सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अपना दावा ठोक दिया। वक्फ बोर्ड नेकहा कि यह जमीन बोर्ड की है। इतना ही नहीं इस जमीन पर रहने वाले लोगों को 30 दिन के अंदर खाली करने का नोटिस भी भेज दिया गया . नोटिस के बाद लोगों में आक्रोश है। लोगों ने सरकार और न्यालय मे न्याय की गुहार लगाई है। इस मामले को लेकर जेपीसी के केंद्रीय टीम के सदस्य पश्चिम चंपारण के सांसद डॉ. संजय जायसवाल पीड़ितों से मिलने फतुहा के गोविंदपुर पहुंचे। उन्होंने लोगों से मुलाकात की और जमीन से जुड़े से कागजातों का भी अवलोकन किया।

वक्फ बोर्ड की जमीन घोषित कर दी गई ।

भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने कहा कि यह बड़ी सजिश है। मुसलमानों को भी नहीं पता है कि हमारी जमीन कब वक्फ बोर्ड की हो गई। उन्होंने देश के प्रत्येक राज्य के सुन्नी वक्फ बोर्ड, इस्लाम, लॉ यूनिवर्सिटी के बड़े जानकारों को बुलाकर उनका पक्ष लेने की बात कही है। डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि इस तरह के कानून का दुरुपयोग हो सकता है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण गोविंदपुर का यह इलाका है। मैं खुद देख रहा हूं कि इस जमीन पर सड़क बनी हुई है। दोनों ओर मकान बनी हुई है, लेकिन एक शख्स आए और अपनी इच्छा से पूरे इलाके को वक्फ बोर्ड की जमीन घोषित कर दी गई। पहले कभी किसी को नोटिस नहीं दिया गया। बेचारों को पता भी नहीं है, अचानक एक दिन बोर्ड लगा दिया जाता है कि यह संपत्ति वक्फ की जमीन है। सभी अपना-अपना मकान खाली करें। खतियानी में भी इन सभी परिवार का नाम है। इसमें 90% हिंदू और 10% मुसलमान हैं। मुसलमानों को भी यह नहीं पता कि उनके दादा जी ने कब यह जमीन वक्फ बोर्ड को दी थी। यह अन्याय है।

मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाई जा रही है
दावा- पूर्वजों ने कब्रिस्तान के लिए यह जमीन दी थी स्थानीय लोगों का कहना है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड ने जमीन को अपना बताते हुए कहा कि यह जमीन कब्रिस्तान की है। मुसलमान परिवारों के पूर्वजों ने कब्रिस्तान के लिए यह जमीन दी थी। बोर्ड ने 30 दिनों के भीतर हट जाने को कहा था लेकिन गांव वाले वक्फ बोर्ड के दावे को गलत बता रहे हैं। उनका कहना है कि उनके पास जमीन के सभी कागजात हैं। यह साजिश के तहत की जा रही है। इस मोहल्ला में करीब 95 प्रतिशत आबादी हिंदूओं की है और वे कई पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं। उनके पास जमीन के सभी कागजात भी उपलब्ध हैं। ऐसे में वक्फ का दावा गलत है।
बिहार में भूमि सर्वे काम तुरंत बंद हो, वरना गृह युद्ध होगा...गोलियां चलेंगी, नीतीश कैबिनेट के पूर्व मंत्री ने CM से की मांग


पटना : बिहार में 20 अगस्त से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से जमीन सर्वे का काम किया जा रहा है. हालांकि भूमि सर्वे को लेकर प्रदेश भर में एक अजीब सी हलचल है. कहीं-कहीं से हिंसा की भी खबरें आ रही है. अंचल स्तर पर व्यापक भ्रष्टाचार की वजह से भी रैयतों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जमीन का सर्वे कराने में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसी बीच जमीन सर्वे को लेकर एक चर्चा चल पड़ी है कि इसे कुछ महीनों के लिए टाला जा सकता है. हालांकि, इस चर्चा को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री दिलीप जायसवाल ने खारिज कर दिया है. इसी बीच नीतीश कैबिनेट के पूर्व मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता ने सरकार ने मांग कर दी है कि जल्द से जल्द सर्वे का काम बंद किया जाय, वरना गृह युद्ध के हालात उत्पन्न हो जाएंगे.

सर्वे बंद नहीं हुआ तो गृह युद्ध होंगे....

नीतीश कैबिनेट में सहकारिता मंत्री रहे रामाधार सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सर्वे का कार्य बंद करने की मांग कर दी है. भाजपा नेता ने कहा है कि भूमि सर्वेक्षण बंद नही हुआ तो घर- घर में गृहयुद्ध होगा. उन्होंने अपने सोशल मीडिया पेज पर लिखा है कि बिहार में भूमि सर्वेक्षण प्रक्रिया प्रारंभ होने से गांव-गांव में तनाव का माहौल बनता जा रहा है. सब लोग कागज और सर्वे को लेकर परेशान हैं. सीओ और कर्मचारी पहले से ही गांव में लोगो को लड़ा रहा है. यदि इस सर्वेक्षण को तत्काल बंद नही किया गया तो पूरे बिहार में गृहयुद्ध के हालात हो जायेंगे. कुर्सीनामा बनाने में गोली चलेगी, हिंसा होगा. अभी कई जगह से आपसी पट्टीदार के बीच कागजात को लेकर हिंसा की खबरें आ रही हैं. यदि सर्वेक्षण बंद नही किया गया तो और हिंसा बढ़ने की आशंका है . इसलिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह है की इस सर्वेक्षण को स्थगित किया जाए.

नीतीश कुमार की इच्छा होगी पूरी या ....

बता दें, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई दफे यह कह चुके हैं, हमारी इच्छा है कि बिहार में सर्वे काम हो. लेकिन यह काम हो नहीं हो पा रहा है. कुछ समय पहले ही राजधानी पटना में आयोजित राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने फिर से अपनी इच्छा को सार्वजनिक किया था. तब उन्होंने कहा था कि विभाग के अधिकारी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले भूमि सर्वे का काम पूरा करायें. इसके बाद विभाग के मंत्री दिलीप जायसवाल ने मंच से ही वादा किया था कि वे मुख्यमंत्री के इच्छा के अनुरूप 2025 विधानसभा चुनाव से पहले भूमि सर्वे का काम पूरा कराएँगे. इसके बाद से ही सूबे में भूमि-सर्वे के काम में तेजी आई है. सर्वेक्षण का काम शुरू होते हीं, विवाद शुरू हो गया है.

बिहारवासियों को सौगात दिसम्बर महीने से शुरू होगी 44.6 किलोमीटर लंबा फोर लेन रोड,
बिहार दिन पर दिन इन्फ्रास्ट्रक्चर के मामले में बहुत ही तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है. बिहार में कई सारे प्रोजेक्ट पर इस समय काम भी चल रही है. वहीँ इसी कड़ी में राजधानी पटना में दीदारगंज और ताजपुर सिक्स लेन पुल के के साथ-साथ एक और महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट बख्तियारपुर मोकामा 4 लेन रोड की काम चल रही है.और इस काम का लक्ष्य इस साल के आखिरी महीना यानी की दिसम्बर महीने तक का रखा गया है. वहीँ इसका निरिक्षण डीएम ने भी किया है. और इस बख्तियारपुर-मोकामा फोर लेन रोड की बात अक्रें तो यह सड़क की लम्बाई लगभग 45 किलोमीटर लम्बा होने वाली है.और इस प्रोजेक्ट में जो कम बचा हुआ है वो है करनौती में कुछ काम बचा हुआ है बाकी बिहाऋ बीघा में टोल प्लाजा का कुछ कार्य अधुरा है जिसे पूरा करने की कार्य तेजी से की जा रही है.
वहीँ इस काम के बारे में आपको बता दूँ की इसका जमीन अधिग्रहण २०१३ में ही शुरू किया गया था.वहीँ यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्माण एजेंसी को इसका जिम्मेदारी 837 करोड़ रूपये में दी गई. और इस काम में लगातार देरी होती गई समय आगे बढ़ता गया और आखिरी में अब बताया जा रहा है की यह इस साल यानी की 2024 के आखिरी महीने में इसे पूरा किया जाएगा.
राहुल गांधी का विदेश में आंतरिक मामलों पर बयान देना देशद्रोह की श्रेणी में आता है- ऋतुराज सिन्हा


पटना.. सितम्बर। भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री श्री ऋतुराज सिन्हा ने विदेश में दिए राहुल गांधी के उस बयान की कड़े शब्दों में निंदा की है जिसमे उन्होंने अमेरिका में जाकर भारत में हुए लोकसभा चुनाव या अन्य आंतरिक मामलों पर सवाल उठाया है। श्री ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि राहुल गांधी जी की आदत बन गई है कि जब भी विदेश जायेंगे तो, देश की निंदा करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर आपको इतना भी ज्ञान नहीं है कि कब कहा और क्या बोलना और करना चाहिए तो कम से कम अपने पिता स्व. राजीव गांधी से सीखते। कैसे वे पक्ष और विपक्ष के लोगो का सम्मान देते थे। विपक्ष में रहते हुए अटल जी को विदेश में देश के प्रतिनिधित्व करने की जिम्मेवारी देते थे। पर लगता है कि आपने सही ढंग से कोचिंग नही ली है। तभी तो अहंकार में रहकर जाने अंजाने देश के मान सम्मान को बार बार विदेश जाकर तार तार कर रहे है । राहुल जी इससे आप देश की जनता के नजर में हितैषी नही बल्कि देशद्रोही बन रहे है । 

श्री सिन्हा ने आज से शुरू हुईं तेजस्वी यादव की यात्रा पर तंज कसते हुए कहा कि यह बहुत ही अच्छी बात है कि तेजस्वी जी जनता से रूबरू हो रहे है, उन्हे होना भी चाहिए पर उन्हें जनता को यह भी बताना चाहिए कि वे उनके साथ खड़े है जो अपने देश का अपमान विदेशो में जाकर कर रहे है।

उन्होंने कहा कि एक तरफ भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी अमेरिका या किसी अन्य विदेश यात्रा पर जाते है तो हर भारतवासी का सीना 56 इंच का हो जाता है वही, दूसरी तरफ राहुल जी जब जब विदेश जाते है तो अपनी बयानबाजी से देशवासियों के सर को झुकाने का काम करते है। इसलिए सावधान हो जाइए क्योंकि इस देश की जनता को बहुत अच्छी तरह पता है कि उन्हें किसकी बात सुनकर किसका साथ देना है।