जहानाबाद हिन्दी दिवस पर सम्मानित किए गए सेवानिवृत पत्रकार व साहित्यकार
पूरे देश को जोड़ने का सशक्त माध्यम है हिन्दी : मांझी
जहानाबाद केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि हिन्दी एक ऐसी भाषा है, जो हमें अपने देश के साथ जोड़ती है। हिन्दी हमें अपने देश की एकता में मदद करती है और हमें अपने देश की प्रगति में मदद करती है। शनिवार को वे हिन्दी दिवस पर यहां कृष्णा गार्डेन के सभागार में नागरिक विकास मंच के तत्वावधान में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। श्री मांझी ने कहा कि हमें हिन्दी का महत्व समझना चाहिए और इसे अपने जीवन की हर कार्य संस्कृति में अपनाना चाहिए। हमें हिन्दी में बोलना, पढ़ना और लिखना चाहिए, और हिन्दी के साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होने कहा कि हिन्दी दिवस मनाने का मूल मकसद हिन्दी के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना और नई पीढ़ी को अपनी मातृभाषा के प्रति गर्व महसूस कराना है।
उन्होने विशेष महत्व के दिन शानदार कार्यक्रम के आयोजन के लिए संतोष श्रीवास्तव की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से हिन्दी की महत्ता से लोगों को अवगत कराने में सहुलियत होती है। डा.एसके सुनिल की अध्यक्षता और संतोष श्रीवास्तव के संचालन में आयोजित समारोह में जिले के सेवानिवृत पत्रकारों के अलावा साहित्यकारों व कवियों को भी केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने सम्मानित किया। मौके पर जिलाधिकारी अलंकृता पांडेय, एसपी अरविंद प्रताप सिंह, एसडीओ विकास कुमार के अलावा हम के राष्ट्रीय महासचिव डा. विरेन्द्र सिंह, राष्ट्रीय सचिव रितेश कुमार उर्फ चुन्नू शर्मा, लोजपा नेत्री इंदू कश्यप, रामजीवन पासवान, भाजपा नेता रंजीत रंजन, डा.रोहित राज सहित सहित विभिन्न सामाजिक उपकरणों के सैकड़ो प्रमुख लोग भी उपस्थित थे। *प्रमुख साहित्यकारों व सेवानिवृत पत्रकारों को किया सम्मानित* सम्मान पाने वाले सेवानिवृत पत्रकारों में एसएस सिन्हा कॉलेज के अंग्रेजी के पूर्व विभागध्यक्ष डा.सत्येन्द्र कुमार, सुरेन्द्र प्रसाद सिन्हा, रामनंदन प्रसाद सिन्हा, पत्रकार मदन शर्मा, शैलेश कुमार, सीताराम जी व राजकुमार को सम्मानित किया गया ।
जिन कवि साहित्यकार एवम शायर को सम्मानित किया गया डा उमाशंकर सुमन, सत्येंद्र पाठक, ,बैक अधिकारी रहे सत्येंद्र कुमार मिश्र, रविशंकर शर्मा, चितरंजन चैनपुरा, महेश कुमार मधुकर, अरविंद कुमार आजाश, डा सुनैना विश्वजीत अलबेला,अजय विश्वकर्मा ,अनिल फतेहपुरी, सावित्री सुमन,कुमारी मानसी, नीरज कुमार, डा अधिकार राज उर्फ डा एकता। युवा कवि अमृतेश, ममता राज प्रिया, युवा कवि सुभाष शर्मा, शायर निशांत ,कुमारी नःदनी शाह , अरूण कुमार, प्रो अनिल कुमार,गौतम परासर, नाम उल्लेखनीय है। मौके पर हिन्दी दिवस की महत्ता को विस्तार से रेखांकित करते हुए डा.सत्येन्द्र कुमार ने कहा कि हिन्दी को पढ़ना और लिखना आसान है। हिन्दी में दूसरी भाषाओं के शब्दों का भी आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है। हिन्दी में वर्णमाला के स्वर और व्यंजन दूसरी भाषाओं की तुलना में ज़्यादा व्यवस्थित हैं। पत्रकार मदन शर्मा ने कहा कि एक भाषा के रूप में हिंदी न सिर्फ भारत की पहचान है बल्कि यह हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक भी है।
बहुत सरल, सहज और सुगम भाषा होने के साथ हिंदी विश्व की संभवतः सबसे वैज्ञानिक भाषा है जिसे दुनिया भर में समझने, बोलने और चाहने वाले लोग बहुत बड़ी संख्या में मौजूद हैं। पत्रकार शैलेश कुमार ने कहा कि हिंदी का महत्व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी है, क्योंकि यह दुनिया भर में सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। सभी अवकाशप्राप्त पत्रकार के साथ कवि ,शायर तथा साहित्यकार को केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने अंगवस्त्र। स्मृति चिन्ह तथा 2025 का डायरी देकर सम्मानित किया । इस अवसर पर हर वर्ष के भांति एक स्मारिका का विमोचन केन्द्रीय मंत्री जीतनराम मांझी एवम अतिथि ने किया ।
Sep 15 2024, 06:48