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आज है परिवर्तिनी एकादशी, भगवान विष्णु बदलेंगे करवट,जाने पूजा विधि,कथा और महत्त्व?


नयी दिल्ली : पुराणों में मनीषी पुरुषों ने जल को 'नारा' कहा है। वह नारा ही भगवान का अयन-निवास स्थल है इसलिए वे नारायण कहलाते हैं। नारायण स्वरूप भगवान विष्णु सर्वत्र व्यापक रूप में विराजमान हैं। वे ही मेघ स्वरूप होकर वर्षा करते हैं। वर्षा से अन्न पैदा होता है और अन्न से प्रजा जीवन धारण करती है। 

श्रीविष्णु देवशयनी एकादशी से योग निद्रा में चले जाते हैं और भाद्रपद शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन वे अपनी करवट बदलते हैं। इस एकादशी को पद्मा, परिवर्तिनी, वामन एकादशी या डोल ग्यारस के नाम से जाना जाता है। 

मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु करवट बदलने के समय प्रसन्न मुद्रा में रहते हैं, इस अवधि में भक्तिभाव और विनयपूर्वक उनसे जो कुछ भी मांगा जाता है वे अवश्य प्रदान करते हैं। 

यह भी माना जाता है कि इस दिन माता यशोदा ने जलाशय पर जाकर श्रीकृष्ण के वस्त्र धोए थे,इसी कारण इसे जलझूलनी एकादशी भी कहा जाता है। मंदिरों में इस दिन भगवान श्रीविष्णु की प्रतिमा या शालिग्राम को पालकी में बिठाकर पूजा-अर्चना के बाद ढोल-नगाड़ों के साथ शोभा यात्रा निकाली जाती है। 

एकादशी पूजा विधि

शास्त्रों के अनुसार पद्मा एकादशी के दिन प्रातः स्नान आदि से निवृत होकर भगवान विष्णु के वामन अवतार को ध्यान करते हुए उन्हें पचांमृत से स्नान करवाएं। इसके पश्चात गंगाजल से स्नान करवाकर कुमकुम-अक्षत, पीले पुष्प, चन्दन, तुलसी पत्र आदि से श्री हरि की पूजा करें। 

वामन भगवान की कथा का श्रवण या वाचन करने के बाद दीपक से आरती उतारें एवं प्रसाद सभी में वितरित करें। पुण्य फलों की प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु के मंत्र ‘‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय’’का यथा संभव तुलसी की माला से जाप करें। शाम के समय भगवान विष्णु के मंदिर अथवा उनकी मूर्ति के समक्ष भजन-कीर्तन करना शुभ माना गया है।

पद्मा एकादशी का महत्व

इस एकादशी पर भगवान विष्णु सहित देवी लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में धन और सुख-समृद्धि की प्राप्ति तो होती ही है। परलोक में भी इस एकादशी के पुण्य से उत्तम स्थान मिलता है। पद्मा एकादशी के विषय में शास्त्र कहता है कि इस दिन छाता,जूते, चावल, दही,जल से भरा कलश एवं चांदी का दान करना उत्तम फलदायी होता है। जो लोग किसी कारणवश पद्मा एकादशी का व्रत नहीं कर पाते हैं उन्हें पद्मा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों की कथा का पाठ करना चाहिए। विष्णु सहस्रनाम एवं रामायण का पाठ करना भी इस दिन उत्तम फलदायी माना गया है।

ये मिलता है फल

धर्मग्रंथों के अनुसार, पद्मा एकादशी का व्रत करने से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है। जो मनुष्य इस एकादशी को भगवान विष्णु के वामन रूप की पूजा करता है उसके समस्त पापों का नाश होता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही, भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। इस व्रत को करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

एकादशी कथा

शास्त्रों के अनुसार महादानी राजा बलि ने अपने पराक्रम से तीनों लोकों पर अपना अधिकार कर लिया था। लेकिन वह अपने द्वार पर आए किसी भी याचक को कभी भी निराश नहीं करते थे। एक बार भगवान विष्णु ने राजा बलि की परीक्षा ली। वामन रूप में भगवान विष्णु ने राजा बलि से तीन पग भूमि देने का वचन मांग लिया। भगवान विष्णु ने दो पग में समस्त लोकों को नाप लिया। जब तीसरे पग के लिए कुछ नहीं बचा तो राजा बलि ने अपना वचन पूरा करने के लिए अपना सिर वामन ब्राह्राण के पैर के नीचे रख दिया। भगवान, राजा बलि की इस भावना से बेहद प्रसन्न हुए और उन्हें पाताल लोक का राजा बना दिया।

आज का इतिहास: 2009 में आज ही के दिन चंद्रमा पर बर्फ खोजने का इसरो-नासा का अभियान असफल हुआ था

नयी दिल्ली : 13 सितंबर का इतिहास काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि 2006 में आज ही के दिन इब्सा (भारत-ब्राजील-साउथ अफ़्रीका त्रिगुटीय संगठन) का पहला शिखर सम्मेलन ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में शुरू हुआ था। 

1928 में आज ही के दिन भारत के प्रसिद्ध कवि श्रीधर पाठक का निधन हुआ था।

2009 में आज ही के दिन चंद्रमा पर बर्फ खोजने का इसरो-नासा का अभियान असफल हुआ था।

2009 में 13 सितंबर के दिन ही लोकसभा में एंग्लो इंडियन समुदाय के प्रतिनिधि के रूप में कोच्चि के चार्ल्स डायस को मनोनीत किया गया था।

2007 में आज ही के दिन रूस के राष्‍ट्रपति ब्‍लादिमिर पुतिन ने प्रधानमंत्री मिखाइल फ़ेदकोव के आग्रह को स्‍वीकार करते हुए केंद्रीय कैबिनेट को भंग किया था।

2007 में 13 सितंबर के दिन ही नेशनल एरोनॉटिक्‍स स्‍पेस एडमिनिस्‍ट्रेशन (नासा) के वैज्ञानिकों ने बृहस्‍पति से 3 गुना बड़े गृह का पता लगाया।

2006 में आज ही के दिन इब्सा (भारत-ब्राजील-साउथ अफ़्रीका त्रिगुटीय संगठन) का पहला शिखर सम्मेलन ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में शुरू हुआ था।

2005 में 13 सितंबर को ही सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए समर्थन देने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका ने मानकों की घोषणा की थी।

2000 में आज ही के दिन भारत के विश्वनाथन आनंद ने शेनयांन में पहला फिडे शतरंज विश्व कप जीता था।

1968 में 13 सितंबर के दिन ही अल्बानिया वारसाॅ संधि से अलग हुआ था।

1948 में आज ही के दिन उप प्रधानमंत्री वल्लभ भाई पटेल ने सेना को हैदराबाद में घुस कर कार्रवाई करने और उसे भारतीय संघ के साथ एकीकृत करने का आदेश दिया था।

1922 में आज ही के दिन पोलिश संसद द्वारा जिडायनिया बंदरगाह निर्माण अधिनियम पारित किया गया था।

1914 में 13 सितंबर को ही प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी और फ्रांस के बीच एस्ने की लड़ाई शुरू हुई थी।

13 सितंबर को जन्में प्रसिद्ध व्यक्ति

1946 में 13 सितंबर के दिन ही परमवीर चक्र सम्मानित भारतीय सैनिक मेजर रामास्वामी परमेस्वरन का जन्म हुआ था।

1939 में आज ही के दिन प्रसिद्ध कवि एवं निबंधकार भगवत रावत का जन्म हुआ था।

1926 में 13 सितंबर के दिन ही भारत की महिला क्रांतिकारी नगेन्द्र बाला का जन्म हुआ था।

1912 में आज ही के दिन अमेरिकी अभिनेत्री रीटा शॉ का जन्म हुआ था।

13 सितंबर को हुए निधन

2012 में आज ही के दिन भारत के 21वें मुख्य न्यायाधीश रंगनाथ मिश्रा का निधन हुआ था।

1929 में 13 सितंबर के दिन ही भारत के प्रसिद्ध क्रांतिकारी जतीन्द्रनाथ दास का निधन हुआ था।

1928 में आज ही के दिन भारत के प्रसिद्ध कवि श्रीधर पाठक का निधन हुआ था।

मानवरहित पोत बनाएगा भारत,2,500 करोड़ की योजना को मिली मंजूरी


नई दिल्ली:- मानवरहित युद्ध के बढ़ते चलन के बीच रक्षा मंत्रालय ने भारतीय नौसेना की मानवरहित जलमग्न पोतों (अंडरवाटर वेसल) के निर्माण की 2,500 करोड़ रुपये से अधिक की योजना को मंजूरी दे दी है।

 मंत्रालय में हाल में हुई उच्चस्तरीय बैठक में 100 टन के इन पोतों के निर्माण को स्वीकृति प्रदान की गई।रक्षा सूत्रों ने बताया कि सामान्य से अधिक बड़े पोतों की श्रेणी के ये पोत दुश्मन की पनडुब्बियों और पानी की सतह पर मौजूद जहाजों पर हमला करने की क्षमता से लैस होंगे। 

नौसेना के पूर्व उपप्रमुख वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे से जब इनकी क्षमता के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये पोत नौसेना को पानी के अंदर विशेष क्षमता प्रदान करेंगे। इससे नौसेना को कई अभियानों में मदद मिलेगी।

इन कामों में इस्तेमाल करेगी नौसेना

सूत्रों ने बताया कि नौसेना ने इन पोतों का उपयोग कई कार्यों के लिए करने की योजना बनाई है जिनमें बारूदी सुरंगें बिछाना, बारूदी सुरंगें हटाना, निगरानी करना और हथियारों को दागना शामिल है। नौसेना अगले कुछ महीनों में इस परियोजना के लिए निविदा जारी करेगी और आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत भारतीय शिपयार्ड इसके लिए बोली लगाएंगे।

संदिग्ध जहाजों की निगरानी

नौसेना ऐसे पोत चाहेगी जो तट से काफी दूरी पर बहुत लंबे समय तक पानी के नीचे रह सकें ताकि संदिग्ध जहाजों की आवाजाही और अन्य गतिविधियों पर नजर रखी जा सके और राष्ट्रीय हितों की रक्षा की जा सके। 

उल्लेखनीय है कि नौसेना मानवरहित ऐसे जहाजों पर भी काम कर रही है, जिनका उपयोग दुनियाभर में चल रहे संघर्षों में बड़े जहाजों और परिसंपत्तियों को नष्ट करने के लिए किया गया है।

आज का इतिहास:1893 में आज ही के दिन शिकागो में विश्व धर्म सम्मेलन में स्वामी विवेकानंद ने ऐतिहासिक भाषण दिया था


नयी दिल्ली : देश और दुनिया में 11 सितंबर का इतिहास कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी है और कई महत्वपूर्ण घटनाएं इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गई हैं। 11 सितंबर का इतिहास काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि 1961 में आज ही के दिन विश्व वन्यजीव कोष की स्थापना हुई थी। 1906 में 11 सितंबर को ही महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया था।

1893 में आज ही के दिन शिकागो में विश्व धर्म सम्मेलन में स्वामी विवेकानंद ने ऐतिहासिक भाषण दिया था।

1896 में आज ही के दिन ही प्रथम विश्व धर्म सम्मेलन शिकागो, अमेरिका में हुआ था।

2007 में आज ही के दिन येरूशलम से सटे डेविड शहर में लगभग 2000 साल पुरानी सुरंग की जानकारी हुई थी।

2006 में 11 सितंबर को ही अमेरिकी अंतरिक्ष यान अटलांटिस अंतरिक्ष के साथ जुड़ा था।

2006 में आज ही के दिन स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर ने लगातार तीसरी बार अमेरिकी ओपन टेनिस टूर्नामेंट का खिताब जीता था।

2006 में 11 सितंबर के दिन ही प्रख्यात बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने भारतीय नागरिकता की मांग की थी।

2006 में आज ही के दिन पेस और डेम की जोड़ी ने अमेरिकी ओपन का युगल खिताब जीता था।

2005 में 11 सितंबर के दिन ही गाजा पट्टी में 38 सालों से जारी सैन्य शासन खत्म करने की घोषणा की थी।

2003 में आज ही के दिन चीन के विरोध के बाद भी तिब्बत के धार्मिक नेता दलाई लामा से अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश मिले थे।

1973 में 11 सितंबर के दिन ही चिली के राष्ट्रपति साल्वाडोर अलांदे का सैन्य तख्तापलट हुआ था।

1971 में आज ही के दिन मिस्र में संविधान को अंगीकार किया गया था।

1965 में 11 सितंबर को ही भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने दक्षिण पूर्वी लाहौर के निकट बुर्की शहर पर कब्जा कर लिया था।

1961 में आज ही के दिन विश्व वन्यजीव कोष का स्थापना हुई थी।

1906 में 11 सितंबर को ही महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया था।

1893 में आज ही के दिन शिकागो में विश्व धर्म सम्मेलन में स्वामी विवेकानंद ने ऐतिहासिक भाषण दिया था।

1896 में आज ही के दिन ही प्रथम विश्व धर्म सम्मेलन शिकागो, अमेरिका में हुआ था।

11 सितंबर को जन्में प्रसिद्ध व्यक्ति

1982 में आज ही के दिन दक्षिण भारतीय अभिनेत्री श्रेया सारन का जन्म हुआ।

1919 में आज ही के दिन आधुनिक काल के प्रसिद्ध हिन्दी व राजस्थानी लेखक कन्हैयालाल सेठिया का जन्म हुआ था।

1911 में 11 सितंबर के दिन ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत की ओर से पहला शतक जमाने वाले क्रिकेटर लाला अमरनाथ का जन्म हुआ।

1901 में आज ही के दिन प्रसिद्ध मराठी साहित्यकार आत्माराम रावजी देशपांडे का जन्म हुआ था।

1882 में 11 सितंबर के दिन ही सुब्रह्मण्य भारती का जन्म हुआ था।

11 सितंबर को हुए निधन

1971 में 11 सितंबर के दिन ही शीत युद्ध के दौरान सोवियत संघ के सर्वोच्च नेता निकिता ख़्रुश्चेव का निधन हुआ था।

1964 में आज ही के दिन प्रगतिशील भारतीय कवि मुक्तिबोध गजानन माधव का निधन हुआ था।

टोल टैक्स नियमों में बड़ा बदलाव अब हाईवे पर 20 किलोमीटर की यात्रा में नहीं देना होगा कोई शुल्क


नयी दिल्ली : सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है. नए नियम, जिन्हें “राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दर निर्धारण और संग्रह) संशोधन नियम, 2024” कहा जा रहा है, के तहत राष्ट्रीय राजमार्गों पर पहले 20 किलोमीटर की यात्रा के लिए शून्य-शुल्क नीति लागू की गई है।यानी आपको 20 किलोमीटर की यात्रा के लिए कोई टोल नहीं देना होगा।

यह प्रावधान केवल उन वाहनों के लिए लागू होगा जो ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम ऑन-बोर्ड यूनिट से लैस होंगे. नवीनतम संशोधन के अनुसार, राष्ट्रीय परमिट वाले वाहनों को छोड़कर अन्य वाहनों को राष्ट्रीय राजमार्ग, स्थायी पुल, बाईपास या सुरंग पर पहले 20 किलोमीटर की यात्रा के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा.

20 किमी से ज्यादा चलाई गाड़ी़ तभी लगेगा टोल

यदि किसी दिन में 20 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की जाती है, तो उपयोगकर्ताओं से केवल 20 किलोमीटर से अधिक की वास्तविक यात्रा दूरी पर ही टोल लिया जाएगा.

इस बदलाव का उद्देश्य छोटे सफर के लिए ड्राइवरों पर आर्थिक बोझ को कम करना है, जबकि लंबी यात्राओं के लिए उचित शुल्क संरचना को बनाए रखना है.

मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, “ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम आधारित उपयोगकर्ता शुल्क संग्रह प्रणाली के तहत, जो ड्राइवर, मालिक या मोटर वाहन का प्रभारी व्यक्ति राष्ट्रीय परमिट वाहन के अलावा उसी खंड का उपयोग करता है, उससे प्रति दिशा में 20 किलोमीटर तक की यात्रा पर शून्य-शुल्क लिया जाएगा.

यदि दूरी 20 किलोमीटर से अधिक हो जाती है, तो केवल वास्तविक यात्रा दूरी पर शुल्क लिया जाएगा.”

इससे पहले, जुलाई में, सड़क मंत्रालय ने FASTag के साथ एक अतिरिक्त सुविधा के रूप में चुनिंदा राष्ट्रीय राजमार्गों पर पायलट आधार पर ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम आधारित टोल संग्रह प्रणाली लागू करने की घोषणा की थी।

दिग्विजय दिवस आज : शिकागो में स्वामी विवेकानंद के सबसे प्रभावशाली भाषण के 131 साल


नयी दिल्ली : शिकागो में स्वामी विवेकानन्द के ऐतिहासिक भाषण के उपलक्ष्य में हर साल 11 सितंबर को दिग्विजय दिवस मनाया जाता है।1893 में, उन्होंने भारत और हिंदू धर्म के प्रतिनिधि के रूप में विश्व धर्म संसद में भाग लिया था। विश्व धर्म संसद का उद्घाटन 11 सितंबर से 27 सितंबर 1893 तक हुआ था। इसमें दुनिया भर के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।

इस वर्ष प्रथम विश्व धर्म संसद और स्वामी विवेकानन्द के ऐतिहासिक संबोधन की 131वीं वर्षगांठ है। संसद में, स्वामी विवेकानन्द ने हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व किया, और उनके शुरुआती शब्द प्रसिद्ध हुए और दुनिया भर में अक्सर इन शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है।

स्वामी विवेकानन्द द्वारा शिकागो कार्यक्रम में दिया गया भाषण पिछले 131 वर्षों से किसी बाहरी भारतीय द्वारा दिये गये सबसे महत्वपूर्ण भाषणों में से एक माना जाता है। ऐसे में जब इस साल दिग्विजय दिवस की 131 वर्षगांठ मनाई जा रही है तो हम आपके लिए स्वामी विवेकानंद के कुछ अनमोल विचार आपके लिए लेकर आए हैं। यहां पढ़ें स्वामी विकेकानंद के कोट्स।

1. उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये।

2. ब्रह्मांड की सभी शक्तियां हमारे अंदर हैं। यह हम ही हैं जिन्होंने अपनी आंखों के सामने हाथ रखा है और रोते हुए कहा कि अंधेरा है।

3. किसी की निंदा ना करें, अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढाएं। अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये, और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिये।

4. बाहरी प्रकृति केवल आंतरिक प्रकृति बड़ी है।

5. सच को कहने के हजारों तरीके हो सकते हैं और फिर भी सच तो वही रहता है।

6. इस दुनिया में सभी भेद-भाव किसी स्तर के हैं, ना कि प्रकार के, क्योंकि एकता ही सभी चीजों का रहस्य है।

7. जब कोई विचार अनन्य रूप से मस्तिष्क पर अधिकार कर लेता है तब वह वास्तविक भौतिक या मानसिक अवस्था में परिवर्तित हो जाता है।

8. जितना हम दूसरों के साथ अच्छा करते हैं उतना ही हमारा हृदय पवित्र हो जाता है और भगवान उसमें बसता है।

9. यदि स्वयं में विश्वास करना और अधिक विस्तार से पढाया और अभ्यास कराया गया होता, तो मुझे यकीन है कि बुराइयों और दुःख का एक बहुत बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता।

10. कभी मत सोचिये कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है, ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है, अगर कोई पाप है, तो वो यही है, ये कहना कि तुम निर्बल हो या अन्य निर्बल हैं।

11. अगर धन दूसरों की भलाई करने में मदद करे, तो इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा, ये सिर्फ बुराई का एक ढेर है, और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये उतना बेहतर है।

12. जिस समय जिस काम के लिए प्रतिज्ञा करो, ठीक उसी समय पर उसे करना ही चाहिये, नहीं तो लोगो का विश्वास उठ जाता है।

13. उस व्यक्ति ने अमरत्त्व प्राप्त कर लिया है, जो किसी सांसारिक वस्तु से व्याकुल नहीं होता।

14. हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का धयान रखिये कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौण हैं, विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं।

15. जब तक आप खुद पे विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पे विश्वास नहीं कर सकते।

पंजाब सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार: कानून बनाने और निरस्त करने के मामले में स्पष्टीकरण मांगा


नई दिल्‍ली:- सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पंजाब सरकार से सवाल किया कि अगर एक पार्टी की सरकार कोई कानून बनाए और उसके बाद बनी दूसरी पार्टी की सरकार उसे खत्म कर दे तो क्या अनिश्चितता पैदा नहीं होगी।

जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने यह सवाल पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान किया, जिसमें उसने खालसा यूनिवर्सिटी (रिपिल) एक्ट, 2017 को रद करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी।

पीठ ने याचिकाकर्ता एवं प्रदेश सरकार के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। खालसा यूनिवर्सिटी एवं खालसा कॉलेज चैरिटेबल सोसायटी ने हाई कोर्ट के नवंबर, 2017 के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि खालसा यूनिवर्सिटी एक्ट, 2016 के तहत खालसा यूनिवर्सिटी का गठन किया गया था और सोसायटी द्वारा पहले से चलाए जा रहे फार्मेसी कॉलेज, कॉलेज आफ एजुकेशन और कॉलेज ऑफ वुमेन को विश्वविद्यालय में मिला दिया गया था।

30 मई, 2017 को खालसा यूनिवर्सिटी एक्ट निरस्त करने के लिए एक अध्यादेश जारी किया गया था और बाद में निरस्तीकरण विधेयक, 2017 पारित किया गया था।

निरस्तीकरण विधेयक को मनमाना करार दिया

शीर्ष अदालत में बहस के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि निरस्तीकरण विधेयक मनमाना था और इस पूरी कार्रवाई में संविधान के अनुच्छेद-14 (कानून के समक्ष समानता) का उल्लंघन हुआ है। जबकि पंजाब के वकील ने कहा कि इसमें कुछ भी मनमाना नहीं है।

NIA चार्जशीट में खुलासा:_रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट के पीछे ISIS आतंकियों का हाथ,


नई दिल्ली:- राष्ट्रीय जांच एजेंसी, NIA ने सोमवार को हाई-प्रोफाइल बेंगलुरु रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी। इसमें एजेंसी ने चार लोगों को आरोपी बनाया है।

एनआईए ने मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ के रूप में पहचाने गए आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया गया है।

चारों को पहले गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।

GST काउंसिल की बैठक में लिए गए कई बड़े फैसले,कैंसर की दवाओं और नमकीन स्नैक्स पर घटा टैक्स

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में नई दिल्ली में जीएसटी काउंसिल की 54वीं बैठक हुई. बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. 

निर्मला सीतारमण ने कहा कि, स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के प्रीमियम पर जीएसटी के मामले पर विचार करने के लिए मंत्रियों का एक समूह गठित किया जाएगा.

कैंसर की दवाओं और नमकीन स्नैक्स पर टैक्स घटा

कैंसर दवाओं पर जीएसटी दरों को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया है. कुछ नमकीन स्नैक्स पर टैक्स 18 फीसदी से घटाकर 12 प्रतिशत किया गया है. विदेशी एयरलाइनों को सेवाओं के आयात पर छूट दी गई है.

बैठक के बाद वित्त मंत्री ने कहा कि, परिषद ने सरकार या निजी अनुदान द्वारा वित्तपोषित विशिष्ट संस्थानों द्वारा प्रदान की जाने वाली अनुसंधान एवं विकास सेवाओं को जीएसटी से छूट देने का भी प्रस्ताव रखा है. 

इसके अतिरिक्त, बैठक में प्रमुख कैंसर दवाओं, ट्रैस्टुजुमैब डेरक्सटेकन, ओसिमर्टिनिब और डुरवालुमैब पर जीएसटी दरों को कम करने की सिफारिश की गई. उन्होंने कहा कि चालान को सुव्यवस्थित करने और अनुपालन में सुधार करने के लिए व्यवसाय-से-उपभोक्ता (बी2सी) ई-चालान के लिए एक पायलट शुरू किया जाएगा.

बीमा पर

जीवन और स्वास्थ्य बीमा मुद्दों को हल करने के लिए एक नया मंत्री समूह (जीओएम) बनाया जाएगा, जो मौजूदा दर युक्तिकरण जीओएम के साथ मिलकर काम करेगा. यह अक्टूबर 2024 तक एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा. एक अन्य जीओएम क्षतिपूर्ति उपकर के भविष्य का अध्ययन करने जा रहा है. 

जीओएम के सदस्य यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, केरल, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मेघालय, गोवा, तेलंगाना, तमिलनाडु, पंजाब और गुजरात हैं.

जीएसटी परिषद नवंबर में होने वाली अपनी अगली बैठक में स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसियों के प्रीमियम पर कर की दर कम करने पर निर्णय लेगी, यह मुद्दा विपक्षी दलों ने पिछले संसद सत्र में उठाया था. 

स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसियों पर लगाए जाने वाले 18 प्रतिशत कर को कम करने के मामले में राज्यों के बीच व्यापक सहमति बनती दिख रही है, लेकिन बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के समूह को रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा खरीदी गई पॉलिसियों पर जीएसटी लगाने जैसे मुद्दों पर अगले महीने के अंत तक अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.

जीएसटी परिषद ने सरकारी संस्था या अनुसंधान संघ, विश्वविद्यालय, कॉलेज या आयकर अधिनियम की धारा 35 के तहत अधिसूचित अन्य संस्थान द्वारा सरकारी या निजी अनुदान का उपयोग करके अनुसंधान और विकास सेवाओं की आपूर्ति को छूट देने की सिफारिश की है.

मोटर कारों की कार सीटों के लिए...

इसके अलावा 9401 के अंतर्गत वर्गीकृत कार सीटों पर जीएसटी दर 18 फीसदी से बढ़ाकर 28 प्रतिशत की जाएगी. 

मोटरसाइकिल की सीटों के साथ समानता लाने के लिए मोटर कारों की कार सीटों के लिए 28 प्रतिशत की यह समान दर भावी रूप से लागू होगी. इस पर पहले से ही 28 प्रतिशत की जीएसटी दर लागू है.

इसके अलावा परिषद ने सीट शेयर के आधार पर हेलीकॉप्टरों द्वारा यात्रियों के परिवहन पर 5 प्रतिशत जीएसटी अधिसूचित करने और पिछली अवधि के लिए जीएसटी को 'जैसा है, जहां है' के आधार पर नियमित करने की सिफारिश की. राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा​ने यह भी स्पष्ट किया कि हेलीकॉप्टरों के चार्टर पर 18 फीसदी जीएसटी लागू रहेगा.

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि मार्च 2026 से आगे मुआवजा उपकर के मुद्दे पर जीओएम द्वारा निर्णय लिया जाएगा. उनके अनुसार जीओएम ऋण और ब्याज के समायोजन के बाद एकत्र किए गए अतिरिक्त 40 हजार करोड़ रुपये पर निर्णय लेगा.

 क्षतिपूर्ति उपकर (cess) से जनवरी 2026 तक ऋण और उपकर राशि का समायोजन होने की संभावना है, जबकि उपकर मार्च 2026 तक जारी रहेगा।

मानसिक रूप से मजबूत बनने के लिए अपनाए ये पांच टिप्स

ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें देखकर लगता है कि इन्हें हार और जीत से फर्क नहीं पड़ता या कहें ये लोग दुख से तुरंत उभर जाते हैं. असल में ये वो लोग हैं जिन्हें हम मेंटली स्ट्रॉन्ग (Mentally Strong) कहते हैं. जीवन में मेंटली स्ट्रॉन्ग होना बेहद जरूरी है।मानसिक रूप से मजबूत बनने के लिए यहां पांच टिप्स दी गई हैं।

सकारात्मक सोच को अपनाएं

मानसिक मजबूती के लिए सकारात्मक सोच बेहद महत्वपूर्ण है। नकारात्मक विचारों और चुनौतियों को अवसर के रूप में देखना आपको मानसिक रूप से मजबूत बनाता है। अपने जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखें और कठिन समय में भी आशा न छोड़ें।

खुद को जानें और स्वीकारें

मानसिक मजबूती का एक प्रमुख हिस्सा है खुद को समझना और अपनी कमजोरियों को भी स्वीकार करना। अपनी भावनाओं को पहचानें और समझें कि उन्हें दबाने के बजाय उनसे निपटना कैसे है।आत्म-जागरूकता आपको मुश्किल परिस्थितियों में ठोस निर्णय लेने में मदद करती है।

सीखने की प्रवृत्ति रखें

मानसिक रूप से मजबूत लोग हर अनुभव से सीखते हैं। असफलताओं को सबक के रूप में देखें और उन्हें सुधारने के मौके के रूप में लें। निरंतर सीखते रहना आपकी मानसिक शक्ति को बढ़ाता है और आपको अधिक लचीला बनाता है।

आत्म-अनुशासन बनाए रखें

मानसिक मजबूती का एक महत्वपूर्ण हिस्सा आत्म-अनुशासन है। समय पर अपने कार्यों को पूरा करना और अपनी आदतों को अनुशासित रखना आपको भावनात्मक स्थिरता प्रदान करता है। नियमित रूप से मेडिटेशन, एक्सरसाइज या माइंडफुलनेस जैसी गतिविधियों को शामिल करें।

स्वस्थ सीमाएं बनाएं

मानसिक रूप से मजबूत बनने के लिए अपनी सीमाओं को पहचानना और दूसरों के साथ स्वस्थ सीमाएं रखना जरूरी है। अपनी सीमाओं को समझकर, आप तनाव से बच सकते हैं और अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। 'ना' कहना सीखें और अपनी प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करें।

इन टिप्स को अपने जीवन में अपनाने से आप धीरे-धीरे मानसिक रूप से मजबूत बन सकते हैं और जीवन की चुनौतियों का सामना बेहतर तरीके से कर सकते हैं।