फाइलेरिया से बचाव की दवाएं पूरी तरह से सुरक्षित : भूपेंद्र
सीके सिंह(रूपम)
सीतापुर। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को बिसवां क्षेत्र के बल्देव नगर के स्वामी विवेकानंद इंटर कॉलेज में बूथ लगाकर छात्र-छात्राओं को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई गई। इस बूथ का आयोजन छूटे हुए छात्र-छात्राओं को दवा खिलाने के लिए किया गया।
इस मौके पर सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के जिला समंवयक भूपेंद्र ठाकुर ने कहा कि फाइलेरिया एक गंभीर और लाइलाज बीमारी है जो की मच्छर के काटने से होती है। मच्छर कभी भी, किसी को भी, कहीं भी काट सकता है इसके लक्षण आने में पांच से 15 साल लग जाते हैं। फाइलेरिया एक संक्रामक रोग है जिसे सामान्यतः हाथी पांव के नाम से जाना जाता है। इसके मुख्य लक्षण पैरों व हाथों में सूजन (हाथीपांव), पुरुषों में हाइड्रोसील (अंडकोश का सूजन) और महिलाओं में ब्रेस्ट में सूजन है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया संक्रमण से बचने का एकमात्र उपाय समय पर फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करना है। यह दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रमाणित हैं।
सीफार संस्था के सहयोग से गठित फाइलेरिया नेटवर्क की सदस्य पूजा देवी ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए लोग घरों के आसपास गंदगी और पानी नहीं जमने दें। घर के आसपास साफ-सफाई रखें। बुखार आना, शरीर में लाल धब्बे या दाग होना, शरीर के किसी भी अंग में सूजन होना इसके लक्षण हैं। ज्यादातर इस बीमारी से ग्रसित लोगों के पांव या हाइड्रोसिल में सूजन हो जाती है। लोग इस बीमारी से सुरक्षित रह सकें इसके लिए सरकार हर साल में एक बार एमडीए अभियान चलाती है। इससे लोगों को जरूरी दवा उपलब्ध होती है, जो इस बीमारी को रोकने में सहायक होती है।
आशा कार्यकता ज्ञानवती और जंत्रा देवी ने बताया कि इस मौके पर 225 छात्र-छात्राओं को उनकी लंबाई व उम्र के हिसाब से दवाइयां की मात्रा दी गई है। इस मौके पर विद्यालय के प्रधानाचार्य अर्शउद्दीन खान सहित शिक्षक अश्वनी कुमार, सचिन कुमार, ज्ञानेंद्र कुमार, चंद्र प्रकाश वर्मा, संजय सागर, अभिषेक कुमार, नरेंद्र मिश्रा, देशराज यादव, ज्ञानेंद्र सिंह यादव सहित सहायक शशिकांत भी मौजूद रहे।
Sep 07 2024, 15:41