संदीप घोष RG Kar में भ्रष्टाचार के मामले में CBI ने दर्ज की FIR,लटक रही है गिरफ्तारी की तलवार
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले में सीबीआई मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से पिछले 9 दिनों से पूछताछ कर रही है. अब सीबीआई ने उसके खिलाफ आरजीकर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज की है. ऐसे में सीबीआई संदीप घोष पर लगातार शिकंजा कस रही है. सूत्रों का कहना है कि संदीप घोष के बयान में काफी विसंगतियां हैं. ऐसे में उन पर लगातार गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है.
सीबीआई ने संदीप घोष के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है. सीबीआी ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिसिंपल पर वित्तीय अनिमिययता का मामला दर्ज किया है.
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने एसआईटी बनाकर इसकी जांच करने को कहा था, लेकिन मेडिकल कॉलेज के ही पूर्व असिस्टेंट सुप्रीटैंडेट अख्तर अली ने पूर्व प्रिसिंपल के खिलाफ आरोप लगाए थे. उसके बाद कलकत्ता हाईकोर्ट ने आरजी कर में भ्रष्टाचार के मामले की सीबीआई जांच का आदेश दे दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने भी सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की थी कि एक यंग लॉयर ने हमें कॉलेज में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ कुछ दस्तावेज दिया था.
सीबीआई ने संदीप घोष पर कसा शिकंजा
सूत्रों के अनुसार संदीप घोष के खिलाफ एफआईआर कोलकाता के निजाम पैलेस में केंद्रीय जांच एजेंसी की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा द्वारा दर्ज की गई. आरजी कर हॉस्पिटल और पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर अस्पताल के वित्तीय भ्रष्टाचार मामले की जांच सीबीआई पहले ही अपने हाथ में ले चुकी है. राज्य सरकार की नवगठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने शनिवार सुबह मामले के दस्तावेज उन्हें सौंप दिये.
9 अगस्त की सुबह आरजी कर मेडिकल कॉलेज से एक महिला डॉक्टर का शव बरामद किया गया था. उसके साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. पूरे देश में हंगामा मच गया है. इस संदर्भ में आरोप लगाया गया है कि आरजी कर अस्पताल में तीन साल से अधिक समय से वित्तीय भ्रष्टाचार चल रहा है. राज्य सरकार द्वारा 16 अगस्त को एक एसआईटी का गठन किया गया था. इसका नेतृत्व आईपीएस अधिकारी प्रणब कुमार कर रहे थे.
कोलकाता पुलिस ने सीबीआई को सौंपे दस्तावेज
कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि आरजी कर वित्तीय भ्रष्टाचार मामले में राज्य पुलिस की एसआईटी पर कोई भरोसा नहीं है. उस मामले में जस्टिस राजर्षि भारद्वाज की एकल पीठ ने शुक्रवार को कहा कि अगर कई एजेंसियां जांच करेंगी तो मामला अधिक जटिल और समय लेने वाला हो सकता है. इसके बाद हाई कोर्ट ने वित्तीय भ्रष्टाचार मामले की जांच सीबीआई को करने का निर्देश दिया.
अधिवक्ता तरुणज्योति तिवारी ने आरजी कर कॉलेज एवं हॉस्पिटल में मल्टीपल बेनियाम्स का सिद्धांत प्रस्तुत किया. मुर्दाघर से शवों के गायब होने के आरोपों से लेकर ‘मेडिकल कचरे’ में भ्रष्टाचार के आरोप तक सामने आए हैं. संदीप घोष की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं.
अस्पताल के पूर्व अपर अधीक्षक अख्तर अली ने उन पर उंगली उठाई थी. वह वही व्यक्ति थे जिन्होंने आरजी कर अस्पताल के वित्तीय भ्रष्टाचार मामले में ईडी और सीबीआई से जांच की मांग करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. इस बार केस को सीबीआई ने ले लिया. एसआईटी की ओर से उन्हें दस्तावेज सौंपा गया. लेकिन क्या संदीप घोष की मुश्किलें बढ़ने की संभावना है. उनसे शनिवार को भी पूछताछ की जा रही है. सियालदह कोर्ट ने सीबीआई को उनका पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की इजाजत दे दी.
Aug 24 2024, 20:40