अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा, एआईकेएमएस
विश्वनाथ प्रताप सिंह,प्रयागराज। एआईकेएमएस नेताओं के नेतृत्व में जमुना बेल्ट के रेत श्रमिकों ने मण्डला आयुक्त, प्रयागराज से मुलाकात की और उन्हें बेरोजगारी संकट और इसके आसान समाधान पर प्रकाश डालने वाले दस्तावेजों के साथ एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में मांग की गई कि नदी तल में रेत खनन फिर से शुरू किया जाए, सभी घाटों को फिर से शुरू किया जाए, नदी घाटों से सूखी रेत की खुदाई पर रोक लगाई जाए ताकि लाखों लोगों को नदी तल खनन और लोडिंग का उनका अच्छी कमाई वाला काम वापस मिल सके।
उन्होंने दावा किया कि एनजीटी और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की गलत व्याख्या के कारण नावों द्वारा जलधारा में खनन पर गलत तरीके से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसमें लगाई गई शर्तें केवल हिमालय तराई इलाके में मौसमी शुष्क नदी तलों पर लागू होती हैं, न कि जमुना जैसी बहती जल नदियों पर। 24 जून 2019 के उक्त यूपी सरकार के आदेश ने दुर्भाग्य से नदी घाटों की खुदाई की अनुमति दे दी है, जो तटबंध को, प्रवाह को और तटवर्ती पारिस्थितिकी को नष्ट कर रहा है।
प्रतिनिधि मंडल ने 2018 में भकंदा और 2021 में महेबा बसवार में अधिकारियों द्वारा कई नावों को बुलडोजर से नष्ट करने की निष्पक्ष जांच और नुकसान के लिए मुआवजे की भी मांग की। डीसी श्री विजय विश्वास पंत ने एक सप्ताह में समस्या के समाधान के लिए डीएम इलाहाबाद से वार्ता शुरू कराने का आश्वासन दिया।
प्रतिनिधिमंडल ने स्थानीय सांसद श्री उज्ज्वल रमण सिंह से भी मुलाकात की, जिन्होंने कहा कि वह पहले से ही इस समस्या से अवगत हैं। उन्होंने भी आश्वासन दिया कि वे 4 दिन में अधिकारियों से चर्चा करेंगे। प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय महासचिव कॉमरेड डॉ. आशीष मित्तल, प्रयागराज उपाध्यक्ष सुरेश, कौशाम्बी महासचिव फूलचंद, विनोद सैलानी, रामू निषाद, रमेश औधन, गैंदा लाल, पञ्चम, सरदार, महेश, बोदा और कई अन्य शामिल थे।
Aug 23 2024, 19:48