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कई राज्यों में नियुक्त किए जदयू के प्रभारी, जानिए किसे कहा की मिली कमान

डेस्क : राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए जेडीयू पिछले कई सालों से जदोजहद कर रही है। वहीं जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद संभालने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पार्टी के विस्तार को लेकर लगातार कोशिश में जुटे हैं। 

पिछले दिनों जेडीयू ने एलान किया था कि वह झारखंड में एनडीए के साथ गठबंधन कर विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारेगी लेकिन अब राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार एक कदम और आगे बढ़ गए हैं। ललन सिंह से पार्टी की कमान अपने हाथ में लेने के बाद नीतीश कुमार जेडीयू को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाने के लिए मुहिम में जुट गए हैं और राज्यों में पार्टी के विस्तार पर उनका फोकस है। यही वजह है कि उन्होंने जेडीयू नेताओं को बड़ी जिम्मेवारी सौंपते हुए कई राज्यों में प्रभारियों को नियुक्त कर दिया है।

सीएम नीतीश ने अपने करीबी मनीष कुमार वर्मा को उड़िशा और कर्नाटक का प्रभारी बनाया है जबकि श्रीभगवान सिंह कुशवाहा को दिल्ली का प्रभारी, श्रवण कुमार को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया है। इसके साथ ही साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने पार्टी के अन्य नेताओं को राज्यों की जिम्मेवारी सौंपी है।

बिहार पुलिस और बैंक ऑफ बड़ौदा के बीच हुआ बड़ा करार, अब पुलिस के सेवारत कर्मियों को मिलेगा यह बड़ा लाभ

डेस्क : बिहार पुलिस ने अपने कर्मियों के कल्याण हेतु अभूतपूर्व पहल की है। इसके तहत बिहार पुलिस के सेवारत कर्मियों को दुर्घटना होने पर मिलनेवाली राशि अधिकतम ₹2.30 करोड़ तक की गई है। बिहार पुलिस और बैंक ऑफ बड़ौदा के बीच इसे लेकर ऐतिहासिक समझौता किया गया है, जिसका उद्देश्य बिहार पुलिस के कर्मियों और उनके परिवारों को बेहतरीन बैंकिंग और बीमा सेवाएं प्रदान करना है। 

बिहार पुलिस और बैंक ऑफ बड़ौदा के बीच इसके लिए शुक्रवार को करार हुआ। बिहार पुलिस के AIG (welfare) विशाल शर्मा, पुलिस अधीक्षक, कार्मिक 1 उपेन्द्र प्रसाद, पुलिस अधीक्षक कार्मिक 2 शशि शेखर की मौजूदगी में बैंक ऑफ़ बडौदा के महाप्रबंधक चंद्र मणि त्रिपाठी, डिप्टी महा प्रबंधक नलिन कुमार और वरिष्ठ प्रबंधक संजीत सिंह ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। 

बिहार पुलिस के अनुसार इस विशेष सैलरी पैकेज से बिहार पुलिस के एक लाख से अधिक कर्मियों को लाभ मिलने की संभावना है। इस पैकेज के तहत बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा उन्नत बैंकिंग सेवाएं और विभिन्न प्रकार की बीमा सुविधाएं बिहार पुलिस के कर्मियों और उनके परिजनों को निःशुल्क प्रदान की जाएंगी। यह पैकेज सभी कर्मियों के लिए स्वैच्छिक है, अर्थात इसे अपनाना या न अपनाना कर्मियों की अपनी पसंद पर निर्भर करेगा। 

सेवारत कर्मियों के लिए लाभ 

बिहार पुलिस के सेवारत कर्मियों को इसके तहत कई प्रकार के लाभ मिलेंगे। व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा कवर में पहले जहां व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा कवर ₹5 से ₹20 लाख तक था, जो की इस साल जुलाई में बढ़ कर ₹50 लाख तक हुआ था। उसे इस विशेष सैलरी पैकेज में बढ़ाकर ₹150 लाख कर दिया गया है और कई अतिरिक्त लाभ भी दिए जा रहे है जो की सब मिला कर लगभग ₹2।30 करोड़ तक मिलने की सम्भावना है। इसके अतिरिक्त, हवाई दुर्घटना में मृत्यु पर ₹150 लाख का अतिरिक्त कवर भी प्रदान किया जाएगा।

स्थायी और आंशिक विकलांगता कवरः कर्मियों के लिए स्थायी पूर्ण विकलांगता पर ₹150 लाख और आंशिक विकलांगता के लिए ₹150 लाख तक का कवर प्रदान किया जाएगा, जो विकलांगता के प्रतिशत पर आधारित होगा।

आतंकवाद विरोधी या नक्सल विरोधी अभियानों में शामिल कर्मियों को ₹150 लाख का कवर मिलेगा। इसके साथ ही प्लास्टिक सर्जरी, बर्न्स, इंपोर्टेड दवाओं की लागत, एयर एम्बुलेंस कवर, और कोमा के बाद मृत्यु (48 घंटे बाद) के लिए ₹10 लाख तक का अतिरिक्त कवर प्रदान किया जाएगा।

इस वर्ष पहली बार ₹20 लाख का टर्म लाइफ इंश्योरेंस भी शामिल किया गया है, जो आत्महत्या को भी कवर करेगा (बशर्ते 12 महीने से अधिक की सेवा हो)। सेवानिवृत्त कर्मियों के लिए ₹75 लाख का बीमा कवर होगा, जिसमें स्थायी पूर्ण और आंशिक विकलांगता के लिए भी ₹75 लाख तक का कवर शामिल है। सेवानिवृत्त कर्मियों के बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए ₹7।5 लाख का कवर और बेटियों की शादी के लिए भी ₹7।5 लाख तक का कवर मिलेगा।

दिव्यांग आश्रितों के लिए खुशखबरी, अब शादी के बाद भी मिलता रहेगा यह लाभ

डेस्क : दिव्यांग आश्रितों के लिए एक बड़ी खबर है। अब शादी के बाद भी माता-पिता की रिटायरमेंट बाद मिलने वाली पेंशन राशि का लाभ मिलता रहेगा। इतना ही नहीं यदि उनके माता-पिता दोनों सरकारी सेवा में हो और उन्हें पेंशन मिल रही हो तो दिव्यांग अश्रितों को दोनों की पेंशन मिलती रहेगी। 

बता दें वर्तमान में दिव्यांग बच्चे या भाई-बहन तब तक फैमली पेंशन के पात्र होते हैं, जब तक उनकी शादी न हो जाये। शादी के बाद पेंशन रोक दी जाती है।

सरकार ने इसके लिए फैमिली पेंशन के नियमों में कुछ बदलाव करने का निर्णय लिया है। दिव्यांगों की हितों को देखते हुए यह प्रस्ताव वित्त विभाग ने तैयार किया है। जल्द ही यह प्रस्ताव कैबिनेट के अनुमोदन के लिए भेजा जायेगा। 

दरअसल, सरकार का उद्देश्य है कि दिव्यांग आश्रितों को शादी के बाद भी पेंशन मिलेगी तो उनकी शादी की संभावना बढ़ जाएगी।

बिहार में अब घर बैठे बच्चों का बनेगा आधार कार्ड, सात हजार डाकिया इस काम को देंगे अंजाम

डेस्क : बिहार के लोगों को लिए एक बड़ी खबर है। अब उन्हें अपने बच्चे का आधार कार्ड बनाने के लिए सेंटर का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। घर बैठे ही उनके बच्चों का आधार कार्ड बन जायेगा।

दरअसल राज्य में सात हजार डाकिया घर-घर जाकर बच्चों का आधार कार्ड बनाएंगे। इन डाकियों को इसके लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए विशेष अभियान चलेगा।

गौरतलब है कि राज्य में अभी दस हजार डाकिया हैं। फिलहाल 28 सौ डाकिया घर-घर जाकर मोबाइल किट से आधार कार्ड बना रहे हैं, लेकिन अब इसकी संख्या बढ़ाई जाएगी। अब सात हजार और डाकियों को आधार कार्ड बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद डाकिया का चयन लिखित परीक्षा से होगी। परीक्षा पास करने पर उन्हें ऑथेंटिकेशन नंबर मिलेगा। इसके लिए डाक विभाग ने यूआईडी से अगले 40 दिनों के लिए तीन स्लॉट बुक की हैं। इस तिथि में डाकिया लिखित परीक्षा में शामिल होंगे। यह काम 30 सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।

पांच साल तक के 10 लाख बच्चों का आधार कार्ड बनाने का लक्ष्य है। इसके लिए डाक विभाग विशेष तैयारी कर रहा है। डाक विभाग की मानें तो पांच साल तक एक लाख 60 हजार बच्चों का ही अब तक आधार बना है।

स्थानीय निकाय शिक्षकों के लिए आज शुक्रवार से शुरु हो रही दूसरी सक्षमता परीक्षा, सेंटर पर जाने से पहले इस बात का रखे ध्यान*

डेस्क : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से स्थानीय निकाय शिक्षकों के लिए आज शुक्रवार से दूसरी सक्षमता परीक्षा शुरू होगी। पटना स्थित 42 केंद्रों पर कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट के माध्यम से परीक्षा होगी। इसमें जूता-मोजा और फुल शर्ट पहनकर आए तो प्रवेश नहीं मिलेगा। 23 से 26 अगस्त तक दो पालियों में परीक्षा होनी है। नेल पॉलिश या किसी तरह का रंग लगाकर आना प्रतिबंधित है। विलंब से आने वाले परीक्षार्थियों को केन्द्र में प्रवेश नहीं मिलेगा। परीक्षा शुरू होने के डेढ़ घंटे पहले केन्द्र पर पहुंचना होगा। पहली पाली दस बजे से 12.30 बजे तक चलेगी। वहीं डिफरेंटली एबल्ड परीक्षार्थियों के लिए 10 बजे से 1.20 तक परीक्षा होगी। 8. 30 बजे केन्द्र पर पहुंचना होगा। प्रवेश द्वार 930 बजे बंद कर दिए जाएंगे। दूसरी पाली 3से 0530 बजे तक चलेगी। डिफरेंटली एबल्ड के लिए 3 से 620 तक चलेगी। पटना जिले से 3 हजार 439 शिक्षक शामिल होंगे। तीन दिनों तक चलने वाली परीक्षा में अलग- अलग दिनों तक यह शिक्षक परीक्षा में शामिल होंगे। मोबाइल, कैलकुलेटर, ब्लूटूथ डिवाइस, स्मार्ट वॉच आदि इलेक्ट्रॉनिक उपकरण नहीं लेकर न आएं अभ्यर्थी।
तेजस्वी के अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग वाले बयान पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का पलटवार, कमस खाकर इस सवाल का नेता प्रतिपक्ष दें जवाब*

डेस्क : बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि बिहार में लॉ एंड ऑर्डर कभी सुधर नही सकता है। इसका वजह यह है कि अधिकारियों की पोस्टिंग पैसे लेकर मनमाने जगह पर की जाती है। इधर नेता प्रतिपक्ष के इस आरोप पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने पलटवार किया है। मीडिया द्वारा पूछे गए इस सवाल का जवाब देते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भगवान की कसम खाकर बताएं कि ट्रांसफर-पोस्टिंग में कौन सी दुकान चलाते थे। वे एक बार कसम खा कर कहें कि उनके समय में ट्रांसफर-पोस्टिंग में किस तरह की दुकानदारी चलती थी। वहीं कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है। कांग्रेस भारत सरकार की एजेंसियों पर अंगुली उठाने का काम करती है। कांग्रेस ने सेना को भी नहीं बख्शा है। मीडिया से कहा कि जब देश की सेना ने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक किया था, तब भी कांग्रेस ने आवाज उठाई थी कि सेना गलत बोल रही है। जो कांग्रेस देश की सेना पर भी अंगुली उठाती हो उस कांग्रेस का नैतिक पतन कितना हो चुका है सोच सकते हैं। दिलीप जायसवाल ने कहा कि आज जब कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है तो ईडी के कार्यालय पर जाकर प्रदर्शन कररहे हैं। इन्हें मालूम है कि कुछ लोगों को बचाने की आवश्यकता है। इन्हें इसका आभास हो चुका है।
बिहार में 10 IAS अधिकारियों की हुई पोस्टिंग, सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी की अधिसूचना*


डेस्क : बिहार के प्रशासनिक महकमे से एक बड़ी खबर सामने आई है। राज्य सरकार द्वारा 10 आईएएस अधिकारियों की पोस्टिंग की गई है। ये सभी आईएएस अधिकारी 2022 बैच के है। इन्हें विभिन्न अनुमंडलो में एसडीओ बनाया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। गुरुवार की देर रात सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार ट्रेनिंग पूरी करने के बाद 2022 बैच की आईएएस अधिकारी गौरव कुमार को पटना सदर का अनुमंडल अधिकारी बनाया गया है। दिव्या शक्ति दानापुर की अनुमण्डल पदाधिकारी बनाई गई हैं। वही श्रेया श्री मुजफ्फरपुर की एसडीओ बनीं है। पार्थ गुप्ता पूर्णिया के अनुमण्डल पदाधिकारी बनाए गए हैं। आशीष कुमार सोनपुर के अनुमण्डल पदाधिकारी, किसलय कुशवाहा अनुमण्डल पदाधिकारी, महुआ, वैशाली, ऋतुराज प्रताप सिंह अनुमण्डल पदाधिकारी, नौगछिया, भागलपुर बनाये गए हैं। वही गौरव कुमार, भा०प्र०से० (2022) अनुमण्डल पदाधिकारी, बगहा, पश्चिम चम्पारण, काजले वैभव नितिन अनुमण्डल पदाधिकारी, बिहार शरीफ, नालन्दा, श्वेता भारती अनुमण्डल पदाधिकारी, मोतिहारी सदर, पूर्वी चम्पारण, गौरव कुमार पटना सदर के अनुमण्डल पदाधिकारी बनाये गए हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री इन दिनों मीडिया और अधिकारियों के सामने जोड़ते है हाथ, क्या कमजोर पड़ गए है नीतीश कुमार या फिर यह है उनकी कोई स्ट्रेटजी !

डेस्क : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इनदिनों मीडिया और अधिकारियों के सामने सार्वजनिक तौर पर हाथ जोड़ ले रहे है। इतना ही नहीं कई मौकों पर तो मीडिया और अधिकारियों की पैर तक छूने की कोशिश कर चुके है। 

सीएम नीतीश कुमार का हाथ जोड़ने का सिलसिला पिछले वर्ष से शुरु हुआ। बीते वर्ष 14 नवंबर को सीएम नीतीश कुमार प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए पुनाईचक स्थित नेहरू पार्क में पहुंचे थे। यहां उन्होंने पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया। कार्यक्रम के बाद जब वे बाहर निकले तो पत्रकार सवाल करना चाहते थे. पत्रकार सवाल करने लगे कि क्यों नाराज हैं सर? इस पर नीतीश कुमार हाथ जोड़ने लगे। एक बार नहीं बल्कि दो-दो बार नीतीश कुमार ने ऐसा किया। नीतीश कुमार पत्रकारों के सामने झुक गए और आरती उतारने के स्टाइल में हाथ घुमा-घुमाकर प्रणाम करने लगे।

बता दें कि अक्सर कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मीडिया को बयान देते हैं। कई बार वो यह भी कह चुके हैं कि वो जो कहते हैं वो नहीं छपता है।

ताजा मामला इस वर्ष 15 अगस्त का है। जब पटना के गांधी मैदान में तिरंगा फहराकर एक नया रिकॉर्ड कायम किया। उन्होंने 18वीं बार बिहार में मुख्यमंत्री रहते हुए स्वतंत्रता दिवस पर झंडोत्तोलन किया। इस दौरान भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों की ओर हाथ जोड़ते हुए कहा, ''आप सभी पत्रकार मित्रों से मैं प्रार्थना करता हूं कि बिहार की पुरानी बातों को भी जनता तक पहुंचाएं। हमसे अगर आप नाराज़ हैं, तो क्या कहेंगे..., लेकिन हम काम करते हैं और करते रहेंगे। हम आप लोगों के प्रति सदैव इज्जत और सम्मान रखते हैं. हमारा उद्देश्य केवल यह है कि लोग जानें कि पहले क्या था और आज क्या है।

यह तो हुई मीडिया के सामने सीएम के हाथ जोड़ने की बात। आइए अब आपको वह वाक्या भी बताते है जब कई मौकों पर सीएम अधिकारियों के सामने हाथ जोड़ते नजर आए।

इसी वर्ष जुलाई माह में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में चयनित अभ्यर्थियों के लिए नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह से हाथ जोड़ कर अपील करते हुए सख्त लहजे में कहा कि हम आपको हाथ जोड़कर प्रार्थना करते हैं.. आपका हम पैर छू लें? हम सबको कहते रहते हैं कि जल्दी करिए.. हमारी ईच्छा है.. हमको जो तकलीफ आजकल हो रही है.. और सब काम बहुत करा दिए.. यह काम भी हो गया तो कितनी खुशी होगी.. बताईए जरा? काम हो रहा है लेकिन और तेजी से काम हो तो और अच्छा है।

वहीं पटना में जेपी गंगा पथ के थर्ड फेज के निर्माण के उद्घाटन कार्यक्रम में मंच पर ही सीएम नीतीश कुमार अचानक आईएएस प्रत्यय अमृत की तरफ हाथ जोड़कर सरेआम कहते दिखाई दिए थे 'कहो तो आपके पैर छू लूं'. इसके बाद नीतीश पैर छूने के अंदाज में प्रत्यय अमृत की तरफ बढ़ते भी दिखाई दिए थे। इस दौरान प्रत्यय अमृत उन्हें रोकते हुए पीछे की तरफ हटते दिखे थे। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर बेहद वायरल हुआ था। ऐसी कई घटनाएं है जब मुख्यमंत्री मीडिया और अधिकारियों के तरफ हाथ जोड़ते नजर आए।

वैसे तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस अंदाज को लेकर कई तरह की बाते होती रहती है। नीतीश कुमार जब महागठबंधन के साथ सरकार में थे तो विपक्ष में बैठे बीजेपी ने इस मामले को जोर-शोर से उठाते हुए कहा था कि नीतीश कुमार की मेमोरी लॉस हो रही है और इसके पीछे साजिश है। वहीं अब विपक्ष में बैठा राजद इसे सीएम नीतीश की कमजोरी बता रहा है। विपक्ष का कहना है कि सीएम नीतीश कुमार अब थक चुके है। उनकी कोई सुनता नही है। स्थिति अब यह हो गई है कि उन्हें हाथ जोड़ना पड़ रहा है।

आइए अब आपको बताते है कि इसके पीछे की वजह क्या है और सीएम नीतीश कुमार क्यों ऐसा कर रहे है।

दरअसल बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार की अपनी एक अलग छवि है। उन्हें ऐसे नेता के तौर पर जाना जाता है जो हमेशा सभ्य तरीके से किसी काम को करते है। यदि किसी पर तंज भी कसना हो तो उसे वे सभ्य तरीके से ही करते है। 

अगले साल बिहार मे विधान सभा चुनाव है। सीएम नीतीश कुमार एकबार फिर बिहार की सत्ता पर कब्जा करना चाहते है। इसके लिए जरुरी है कि जनता के बीच वे ऐसे मुद्दे को लेकर जाए जो कि प्रभावशाली हो। बिहार में राजद के जंगलराज की दुहाई अब पुरानी हो चुकी है। वही विपक्ष लगातार प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर फेल होने की बात कर रहा है। ऐसे में नीतीश कुमार यह चाहते है कि जिस विकास की बात वो करते रहते है उसे लेकर ही जनता के बीच जाए। वहीं नीतीश कुमार को यह भी पता है कि विकास कार्यों को नौकरशाह ही पूरा करा सकते है और यही वजह है कि अधिकारियों के सामने हाथ जोड़कर जब यह कहते है कि आप काम जल्द पूरा कराइए कहिए तो आपके पैर पकड़ लू। एक तरह से उन्हें यह साफ करना चाहते है कि मुझे हर हाल में काम पूरा मिलना चाहिए। 

वहीं जहां तक मीडिया के सामने हाथ जोड़ने की बात है तो नीतीश कुमार को यह पता है कि मीडिया ही वह माध्यम है जिससे वह अपने काम को आमलोगों तक ज्यादा से ज्याद पहुंचा सकते है। कई मौको पर वे साफ कहते भी नजर आए है कि आपलोग मेरे काम को दिखाते नही है। छापते नही है। ऐसे में नीतीश कुमार अपनी सक्ष्य छवि को बरकरार रखते हुए यह हाथ जोड़ने वाली नीति अपनाकर मीडिया और अधिकारी दोनो को एकसाथ उनपर तंज भी कस रहे है और अपना काम भी करवा रहे है।

राजद को बड़ा झटका : लालू प्रसाद के करीबी श्याम रजक ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा, पार्टी सुप्रीमो पर लगाए यह गंभीर आरोप

डेस्क : बिहार के राजनीतिक हलके से एक बड़ी खबर सामने आई है। प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद को बड़ा झटका लगा है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के करीबी माने जाने वाले श्याम रजक ने राजद की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने बुधवार को राजद की प्राथमिक सदस्यता छोड़ दी। श्याम रजक को लालू परिवार के करीबी नेताओं में माना जाता है। वे बिहार सरकार में मंत्री भी रहे हैं। अब उनके राजद छोड़ने को लालू- तेजस्वी यादव के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। खाकर विधानसभा चुनाव के करीब एक साल पहले रजक बिरादरी से आने वाले श्याम रजक के राजद छोड़ने से यह पार्टी को बड़ा झटका है। 

श्याम रजक ने लालू यादव को अपना पत्र भेजा है। उसमें कहा गया है कि वे पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद औऱ प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं। श्याम रजक ने अपने पत्र में लालू के लिए एक शेर भी लिखा है- “मैं शतरंज का शौकीन नहीं था, इसलिए धोखा खा गया। आप मोहरे चल रहे थे, मैं रिश्तेदारी निभा रहा था।।“

अब चर्चा यह है कि श्याम रजक अब एकबार फिर जदयू में जा सकते हैं। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से श्याम रजक की बात हो चुकी है। श्याम रजक राजद से जदयू में आए थे और नीतीश सरकार में मंत्री थे। लेकिन बाद में उन्होंने जदयू छोड़ दिया था और फिर से आरजेडी का दामन थामा था। 

उन्हें 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव में आरजेडी से फुलवारी से टिकट मिलने की उम्मीद थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बाद में श्याम रजक को विधान परिषद का सदस्य बनने की उम्मीद थी, लेकिन लालू यादव ने ये भी नहीं किया। राजद ने मुन्नी रजक को विधान परिषद का सदस्य बना दिया था। इसे श्याम रजक के लिए बड़ा झटका माना गया। अब श्याम रजक जदयू में फिर से जा रहे हैं।

अब सीओ की नहीं चलेगी मनमानी, बिना सटीक कारण बताए म्यूटेशन के आवेदन को रद्द करने पर होगी कार्रवाई

डेस्क : राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने दाखिल-खारिज समेत अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन में देरी या खराब प्रदर्शन करने वाले पदाधिकारियों की कड़ी निगरानी शुरू कर दी है। बिना सटीक कारण बताए या उल्लेख किए दाखिल-खारिज के आवेदनों को रद्द करने वाले सीओ (अंचलाधिकारी) नपेंगे।

जिन अंचलों में दाखिल-खारिज के मामले अधिक संख्या में लंबित हैं या बड़ी संख्या में आवेदनों को रद्द किया गया है। ऐसे सभी अंचलों के जांच की जिम्मेदारी संबंधित डीसीएलआर (भूमि सुधार अपर समाहर्ता) को सौंपी गई है। इसकी रिपोर्ट राजस्व विभाग को भी भेजनी होगी। यह आदेश राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने दिया है। 

बीते बुधवार को वे राज्य के सभी डीसीएलआर के साथ पटना के गर्दनीबाग स्थित राजस्व निदेशालय के सभागार में समीक्षा कर रहे थे। इस मौके पर विभागीय सचिव जय सिंह ने सभी डीसीएलआर को ऐसे अंचलों की पहचान कर इनका निरीक्षण करने को कहा है और संबंधित सीओ समेत अन्य दोषी पदाधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने को कहा है। 

समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि अकेले बांका जिले के चार अंचल ऐसे हैं, जिनमें दाखिल-खारिज के 50 फीसदी से अधिक मामले निरस्त कर दिए गए हैं। इस मामले में बांका डीएम को सचिव ने जांच करने का आदेश दिया गया है। अगर बिना सटीक कारण से आवेदन रद्द किए गए हैं तो संबंधित सीओ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा दरभंगा समेत कुछ अन्य स्थानों का प्रदर्शन काफी खराब पाया गया है। इन सभी के खिलाफ जांच कर रिपोर्ट भेजने का आदेश संबंधित डीसीएलआर को दिया गया है। 

समीक्षा में पाया गया कि ई-मापी के मामलों को भी पास करने में सीओ के स्तर पर काफी देरी हो रही है। इन आवेदनों को भी बिना कारण रद्द कर दिया जाता है। जबकि ई-मापी के आवेदनों को रद्द करने का कोई औचित्य नहीं है। इन मामलों की जांच भी डीसीएलआर को करने के लिए कहा गया है। इसमें गड़बड़ी पाए जाने पर सीओ के अलावा संबंधित दोषी पदाधिकारी पर भी कार्रवाई की जाएगी। 

अपर मुख्य सचिव ने परिमार्जन के नए मॉडयूल पर ही मामलों का निष्पादन करने का आदेश दिया है। इसका पालन नहीं करने वाले सीओ के अलावा राजस्व कर्मी और राजस्व पदाधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान जमीन विवाद से जुड़े मामलों का निपटारा कराने के लिए डीसीएलआर स्तर पर लगाए जाने वाले राजस्व न्यायालयों को ऑनलाइन करने को कहा गया है। 

अपर मुख्य सचिव ने सभी डीसीएलआर को बसेरा-2 अभियान के तहत भूमिहीनों के बीच जमीन का पर्चा तेजी से वितरित करने का निर्देश दिया है।