धोखा-धाढ़ी के मामले में सुरेश कुमार शर्मा को एक साल की सजा
पेटरवार/बोकारो
मिथलेश कुमार
तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के प्रथम श्रेणी न्यायायिक दंडाधिकारी राजेश रंजन कुमार ने धोखा-धाढ़ी के मामले में दोषी पाने के बाद सुरेश कुमार शर्मा को एक साल की सजा सुनाई। मालूम हो कि दुगदा थाना अंतर्गत केवट टोला निवासी बेनी केवट ने वर्ष 2015 में एक परिवाद पत्र दाखिल कर बताया कि गोमिया थाना अंतर्गत खुदगड़ा निवासी सुरेश कुमार शर्मा जो यूनाइटेड कोल वर्क्स यूनियन (इंटक) का सचिव है। जिन्होंने ठेका मजदूरों का सीसीएल में स्थाईकरण के लिए धनबाद में ट्रिब्युनल 1 (CGIT- 1) में 1992 में मुकदमा दायर किया था, जिसका अवार्ड मजदूरों के हित में 3/10/96 को हुआ था। इसी अवार्ड के आधार पर मजदूरों के स्थाईकरण के लिए सीसीएल दरभंगा हाउस रांची में फॉर्म "बी" को भरकर अभियुक्त द्वारा 2009 में जमा किया गया था। फार्म "बी" भरने के बाद सूचक एवं अन्य लोग ने अपना-अपना फोटो एवं मतदान मतदाता पहचान पत्र की फोटो कॉपी अभियुक्त के पास जमा कर दिया। जिसमें अभियुक्त द्वारा कहा गया कि इस फॉर्म "बी" के साथ लगाकर मेरे द्वारा सत्यापित कर भेजा जाएगा। फॉर्म को सीसीएल दरभंगा हाउस रांची में जमा करने व जल्द नौकरी दिलाने के एवज में अगस्त 2009 को सूचक एवं अन्य लोगों ने अभियुक्त को नगद 15 हजार रुपए कर्ज एवं गहना बेचकर अभियुक्त को दिया। इसके लगभग 1 वर्ष बीतने के बाद 2010 में326 ठेका मजदूरों में से 142 ठेका मजदूरो के स्थाई करण के लिए सीसीएल मुख्यालय दरभंगा हाउस रांची से नियुक्ति पत्र आया और उनकी नियुक्ति कथारा क्षेत्र में हुई जिसमें कई फर्जी व्यक्ति भी हैं। जिन पर कंपनी द्वारा जांचोपरांत चार्ज शीट भी किया गया है। सूचक एवं अन्य लोगों के द्वारा बार-बार अपनी नौकरी के स्थाईकरण के बारे में अभियुक्त से पूछताछ करते रहें लेकिन अभियुक्त बार-बार रुपए की मांग के साथ टालमटोल करते रहें। अंत में सूचक एवं अन्य के द्वारा यूनियन से वर्ष 2014 में पता लगाया तो पता चला की 324 पंचाटधारी में से बचे 182 ठेका मजदूरों के स्थान पर फर्जी व्यक्तियों का फोटो छिपकर अभियुक्त के द्वारा सत्यापित कर नियुक्ति के लिए सीसीएल दरभंगा हाउस भेज दिया है । इसकी जांच के लिए सूचक एवं अन्य लोगों ने जनवरी 2015 में सीसीएल मुख्यालय दरभंगा हाउस रांची गए जहां सभी कागजातों को देखकर अधिकारियों द्वारा बताया गया कि अभियुक्त सुरेश शर्मा द्वारा 324 में से बचे 182 पंचाटधारीयो मजदूरों की सुची को ट्रिब्यूनल 1 धनबाद में भेज दिया गया है ताकि सही व्यक्तियों को नौकरी मिल सके। इसके बाद सूचक एवं सभी गवाह लोग ट्रिब्यूनल 1 धनबाद गए जहां पर पता चला कि इसके लिए मिसलेनियस केस किया गया है जहां पर सूचक ने अपने अधिवक्ता एवं यूनियन के लोगों द्वारा कागजात देखने पर पता चला कि उसका और अन्य लोगों का नाम और पिता का नाम सही है किंतु फोटो किसी औरं का चिपका कर अभियुक्त सुरेश शर्मा द्वारा सत्यापित किया गया है। जानकारी मिलने के बाद सूचक एवं अन्य लोग 9/4/2015 को अभियुक्त की आवासीय कार्यालय में पहुंच कर पूछताछ के लिए गए तो अभियुक्त भड़क गए और धमकी दिया कि तुम लोग जान बचना चाहते हो तो भागो यहां से और मारपीट कर भगा दिया। उसके बाद सूचक के द्वारा न्यायालय में परिवाद पत्र दाखिल किया गया। जिसे जांच पड़ताल के लिए गोमिया थाना भेजा गया। गोमिया थाना में जांच पड़ताल के बाद आरोप पत्र न्यायालय में समर्पित किया गया। आरोप पत्र समर्पित होने के बाद मामला स्थानांतरित होकर प्रथम श्रेणी न्यायायिक दंडाधिकारी राजेश रंजन कुमार के न्यायालय में आया। न्यायालय में उपलब्ध गवाह के बयान एवं दोनों पक्ष की अधिवक्ताओं के बहस सुनने के बाद श्री राजेश रंजन कुमार ने सुरेश कुमार शर्मा को दोषी पाने के बाद एक साल की सजा सुनाई। सजा सुनाई जाने के बाद अभियुक्त सुरेश कुमार शर्मा को सजा के खिलाफ अपील में जाने की आवदेन देने पर जमानत पर छोड़ा गया। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक लोक अभियोजक आशीष कुमार तिवारी एव नवीन कुमार मिश्रा के साथ सूचक के अधिवक्ता रियाज अंसारी ने बहस किया ।
Aug 20 2024, 18:26