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केंद्र सरकार बाबा साहेब के लिखे संविधान और आरक्षण के साथ मजाक एवं खिलवाड़ कर रही है : तेजस्वी यादव

डेस्क : बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने केन्द्र सरकार पर देश के संविधान के साथ खिलवाड़ करने का बड़ा आरोप लगाया है। 

तेजस्वी ने कहा है कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा लेटरल इंट्री के माध्यम से सीधी नियुक्ति में आरक्षण खत्म करने और बाबा साहेब के लिखे संविधान और आरक्षण के साथ कैसा मजाक एवं खिलवाड़ कर रही है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यूपीएससी ने लेटरल इंट्री के जरिए सीधे 45 संयुक्त सचिव, उप सचिव और निदेशक स्तर की नौकरियां निकाली हैं, लेकिन इनमें आरक्षण का प्रावधान नहीं है। अगर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से 45 आईएएस की नियुक्ति करती तो उसे एससी/एसटी और ओबीसी को आरक्षण देना पड़ता यानि 45 में से 22-23 अभ्यर्थी दलित, पिछड़ा और आदिवासी वर्गों से चयनित होते। 

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार यवस्थित तरीके से आरक्षण को समाप्त कर रही है। जनता उन्हें माफ नहीं करेगी।

डॉक्टरों के हड़ताल का बिहार में व्यापक असर, मरीजों और परिजनों का हाल बेहाल

डेस्क : कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुए निर्मम रेप और हत्याकांड को लेकर पूरे देश के डॉक्टरों में आक्रोश व्याप्त है। घटना के विरोध में हर रोज प्रदर्शन हो रहे है। वही डॉक्टरों द्वारा काम-काज भी ठप किया जा रहा है। इधर बिहार में आईएमए द्वारा 24 घंटे के हड़ताल के आह्वान का व्यापक असर रहा। राजधानी पटना के तकरीबन सभी बड़े अस्पतालों में डॉक्टरों के हड़ताल की वजह से मरीज और उनके परेशान रहे। 

बीते शनिवार को आईजीआईएमएस के इमरजेंसी में मरीजों को हड़ताल का हवाला देकर भर्ती नहीं किया गया। दूर दराज से ओपीडी में दिखाने आए मरीज दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। ओपीडी के बाहर एक मरीज गर्मी के कारण जोर-जोर से चिल्ला रहे थे। लेकिन उनकी चीख पुकार सुनने वाला भी कोई नहीं था।

इमरजेंसी के मुख्य द्वार पर पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ रहा। इमरजेंसी से बाहर निकल रहे एक मरीज के परिजन ने बताया कि उनके रिश्तेदार 15 अगस्त की रात से एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं। वहां बहुत खर्च हो रहा है। आईजीआईएमएस में भर्ती कराने आए थे, लेकिन हड़ताल के कारण भर्ती नहीं हो सके। मनेर निवासी प्रवीण कुमार के फेफड़े में पानी भर गया है। सीने में दर्द है। लेकिन उन्हें बिना भर्ती कराए लौटा दिया गया।

अपनी मां को दिखाने के लिए आए के परिजन ने बताया कि 13 अगस्त से ही इंतजार कर रहे हैं। उनकी मां रामरती देवी को पेट की नली में पथरी है, जिसका ऑपरेशन होना है। 13 अगस्त को निबंधन हो गया था, लेकिन 14 से अचानक चिकित्सक हड़ताल पर चले गए। ऐसे ही कई मरीजों ने अपनी व्यथा सुनाई। 

इसी तरह की स्थिति पटना के तकरीबन सभी सरकारी अस्पतालों की रही। हर जगह मरीज परेशान और बेहाल दिखे।

मौसम अलर्ट : बिहार में मानसून के जोर पकड़ने के आसार, पटना समेत प्रदेश के कई जिलों में आज हल्की बारिश के आसार

डेस्क : पिछले कुछ दिनों से बिहार में मानसून की बेरुखी के बाद एकबार फिर इसके जोर पकड़ने के आसार है। मौसम विभाग ने पटना सहित प्रदेश के कई जिलों में 20 अगस्त से फिर मानसून के जोर पकड़ने की संभावना जताई है। इस कारण अधिकतर जगहों पर माध्यम से तेज बारिश हो सकती है। 

वहीं राजधानी पटना में उमश भरी गर्मी की मार झेल रहे लोगों के लिए भी राहत की खबर है। मौसम विभाग के अनुसार आज रविवार और कल सोमवार को पटना समेत कई जगहों पर गरज-तड़क के साथ हल्की बारिश होने के आसार है।

शनिवार को मानसून की सक्रियता कम रही। लेकिन रोहतास के चेनारी में भारी बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार चेनारी में 50 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। प्रदेश में पिछले चार-पांच दिनों से मानसून की गतिविधि कमजोर पड़ने के कारण अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से दो-तीन डिग्री सेल्सियस अधिक रिकॉर्ड किया गया। 1 से 15 अगस्त के बीच सामान्य से 27 अधिक बारिश हुई ।

हर साल बारिश से पहले पटना नगर निगम राजधानी में जल जमाव नहीं होने का करता है दावा, चंद घंटे की बारिश में डूब जाता है पटना, जिम्मेवार कौन

डेस्क : पटना नगर निगम द्वारा हर साल यह दावा किया जाता है कि इस साल बरसात में राजधानी पटना में जल जमाव नहीं होगा। लेकिन ऐसा होता नहीं है। दावे सिर्फ दावे बनकर रह जाते है। राजधानीवासियों को बरसात के दिनों में वाटर लौगिग का सामना करना ही पड़ता है। इस साल भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। 

बरसात से पहले पटना नगर निगम और नगर विकास मंत्री द्वारा यह दावा किया गया था कि बरसात में राजधानी पटना में कहीं भी जल जमाव नही हो इसके पुख्ता इंतजाम किए गए है। लेकिन इनका दावा कोरा ही साबित हुआ। 

पिछले दिनों महज कुछ घंटों की बारिश में ही राजधानी पटना का रामकृष्ण नगर, राजीव नगर, इंद्रपुरी, जगनपुरा, खेमनीचक, नंदलाल छपरा और खेतान मार्केट समेत कई इलाकों में पानी भर गया। इन इलाकों में घुटनों तक पानी भर गया है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया। वहीं, इस जलजमाव के बीच कूड़ों के ढेर से उठती सड़ांध ने सांस लेना भी दूभर कर दिया है। कुछ जगहों पर तो मेनहोल भी खुले हुए हैं, जिसकी वजह से लोगों का सड़क पर चलना काफी खतरनाक है।

इतना ही नहीं पटना में हुई बारिश के कारण के कई माननिय के आवास में भी पानी भर गया। पूर्व मंत्री व राजद विधायक तेजप्रताप यादव के सरकारी आवास में पानी भर गया थे। जिससे वहां की स्थिति खराब हो गई थी। तेजप्रताप ने अपने आवास की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी पोस्ट की थी। साथ ही उन्होंने लिखा कि 26 स्ट्रैंड रोड में मुझे रहने के लिए जो सरकारी आवास मिला है, वहां की स्थिति चंद घंटों की बारिश में ही दयनीय हो गई है। जब विधायक आवास का यह हाल है, तो जनता का क्या हाल होगा। आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं।

स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सड़क पर उतर जलमग्न क्षेत्रों का दौरा किया था और अधिकारियों को जल्द से जल्द स्थिति में सुधार लाने की हिदायत दी थी। 

ऐसे में सबसे अहम सवाल यह है कि हर बरसात से पहले पटना नगर निगम और नगर विकास विभाग द्वारा इसके लिए बड़ी राशि खर्च करती है। लेकिन स्थिति जस की तस रहती है। आखिर इसके लिए जिम्मेवार कौन है।

बिहार के चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए अभी करना होगा लंबा इंतजार, चुनाव आयोग ने बताया कारण

डेस्क : बिहार के चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर अभी लंबा इतंजार करना होगा। बिहार के 4 विधानसभा सहित देश के 46 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव कब होंगे इसे लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि फ़िलहाल इन क्षेत्रों में उपचुनाव नहीं होंगे। न सिर्फ 46 विधानसभा बल्कि वायनाड लोकसभा में भी उपचुनाव को लेकर लम्बा इंतजार करना होगा। 

उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में रिक्ति होने के छह महीने के भीतर उपचुनाव हो जाने चाहिए। फ़िलहाल देश के कई राज्यों में बाढ़ जैसी समस्या है। वहीं वायनाड में भूस्खलन से बड़ा नुकसान हुआ है। इसलिए जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनावों के बाद सभी 46 विधानसभा क्षेत्रों और वायनाड लोकसभा में उपचुनाव के लिए तारीखों का ऐलान एक साथ किया जाएगा। 

बता दें बिहार में लोकसभा चुनावों में तरारी, रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज विधानसभा सीटों के विधायकों ने संसदीय चुनाव में जीत हासिल की है। इसी कारण बिहार की इन 4 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है।

*दो लाख का इनामी सिवान का कुख्यात गोलू सिंह गिरफ्तार, आईपीएस अधिकारी पर भी गोली चलाने का है आरोप

डेस्क : सिवान जिले के जीबी नगर तरवारा थाना क्षेत्र के माधोपुर निवासी दो लाख का इनामी कुख्यात अपराधी गोलू सिंह गिरफ्तार हो गया है। पुलिस को लंबे समय से फरार चले रहे कुख्यात गोलू सिंह को तलाश रही थी। 

गिरफ्तार गोलू सिंह पर हत्या,लूट,रंगदारी जैसे संगीन अपराधों की लंबी लिस्ट है। जिसके कारण काफी दिनों से पुलिस उसको ढूंढ रही थी, जब भी उसकी गिरफ्तारी के लिए जब भी पुलिस छापेमारी करती थी वह पुलिस के आंख में धूल झोंक कर फरार होने में कामयाब हो जाता था और आपराधिक घटनाओं को लगातार अंजाम देता रहता था।

पुलिस ने बताया कि 15 अगस्त को बिहार/नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र से कुख्यात अपराधी गोलु सिंह उर्फ अंशु सिंह उम्र 32 वर्ष पिता चंन्द्रशेखर सिंह सा० माधोपुर थाना जीवी नगर जिला सिवान को STF और DIU सिवान एवं जीवी नगर थाना के पदाधिकारी/बल के द्वारा गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अपराधी गोलु सिंह के द्वारा दिये गए स्वीकारोक्ती बयान के आधार पर इनके निशान देही पर अवैध एक देशी पिस्टल दो जिन्दा गोली, 637 ग्राम चरस, स्मैक 34 ग्राम एव दो मोबाइल फोन जब्त किया गया है।

बताया गया कि 2019 में आईपीएस कांतेश मिश्रा सिवान में एसएसपी के पद पर कार्यरत थे। इसी दौरान 21 जनवरी को वह एक मामले में छापेमारी करने के लिए गए हुए थे। जहां खुद को बचाने के लिए गोलू सिंह ने उन पर गोली चला दी थी। हालांकि उस घटना में कांतेश मिश्रा बाल बाल बच गए थे।

मंत्री अशोक चौधरी ने मुकेश सहनी से मुलाकात का खोला राज, अनंत सिंह के रिहाई को लेकर विपक्ष के आरोप पर कही यह बात

डेस्क : बीते दो-तीन दिनों से यह चर्चा जोरो पर है कि वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी एकबार फिर एनडीए के साथ जा सकते है। यह चर्चा उस वक्त और जोर पकड़ लिया जब वीआईपी सुप्रीमो की बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी से मुलाकात हुई। लेकिन आज मंत्री अशोक चौधरी ने प्रेस-वार्ता का आयोजन कर मुकेश सहनी की पीछे की वजह का खुलासा किया है। 

मंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि, वो वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी के मुलाकात करने गए थे क्योंकि वो उनके पिता की श्राद्ध कर्म में नहीं जा पाए थे। उन्होंने कहा कि उनका मुकेश सहनी के साथ राजनीति को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई बल्कि वो केवल उनके पिता की निधन को लेकर उनसे मिलने गए थे। 

वहीं जब उनसे पूछा गया कि क्या सहनी जदयू में शामिल होंगे तो इसको लेकर अशोक चौधरी ने कहा कि भविष्य में क्या होने वाला है इसको लेकर हम अभी बयान नहीं दे सकते हैं। वहीं उन्होंने कहा कि सहनी आरक्षण को लेकर राजनीति कर रहे हैं। यह उनकी राजनीति है।

वही मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह की जेल से रिहाई को लेकर राष्ट्रीय जनता दल द्वारा जदयू पर अनंत सिंह को छुड़वाने का आरोप लगाया जा रहा हैं। इसको लेकर अशोक चौधरी ने कहा कि बिना पढ़े लिखे लोग राजनीति करते हैं तो यहीं होता है। पढ़ लिखकर राजनीति करना चाहिए पद मिल जाने से कोई पढ़ लिख नहीं लेता है। उनको समझना चाहिए कि इसमें पार्टी कहीं नहीं है, सरकार कहीं नहीं है, यह कोर्ट का फैसला है।

पूर्व पीएम वाजपेयी की पुण्यतिथि पर सीएम नीतीश कुमार ने प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया नमन, किया यह बड़ा एलान

डेस्क : भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज पुण्यतिथि है। इस मौके पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, पीएम मोदी, बिहार के मुख्यमंत्री सीएम नीतीश सहित तमाम नेताओं ने उनकी प्रतिमा पर फूल-माला चढ़ाकर उन्हें नमन किया। वहीं इस इस मौके पर सीएम नीतीश ने बड़ा ऐलान किया है। 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब हर साल पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि को राजकीय समारोह के रुप मे मनाने का ऐलान किया। सीएम नीतीश कुमार के इस एलान का बीजेपी के नेताओं ने स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद भी दिया है। 

वहीं इसके बाद बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिपील जायसवाल ने सीएम नीतीश को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश ने आज वाजपेयी जी को एक अहम सम्मान दिया है। जिसके लिए हम उनको धन्यवाद देते हैं। साथ ही पटनासाहिब के सांसद रविशंकर प्रसाद ने भी सीएम नीतीश को धन्यवाद दिया।

बताते चले कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को बिहार में पहले से ही राजकीय समारोह के रुप में मनाया जाता है। वहीं अब उनकी पुण्यतिथि को भी राजकीय समारोह के रुप में मनाई जाएगी।

पूर्व प्रेमिका ने बात करने से किया इनकार, गुस्से में युवक ने उठाया यह खौफनाक कदम

डेस्क : पूर्व प्रेमिका द्वारा बात करने से इनकार करना युवक को इतना नागवार गुजरा किन उसने गुस्से में कुल्हाड़ी से काटकर युवती की हत्या कर दी। घटना पूर्वी चंपारण जिले के मधुबन थाना क्षेत्र के गुरमिया गांव की है।मृतका मधुबन के वीरेंद्र ठाकुर की पुत्री निशा कुमारी उर्फ पूजा कुमारी है, जिसकी उम्र करीब 19 साल बताई जा रही है। पूजा अपने मामा ललन ठाकुर के घर पर नानी के साथ बचपन से रह रही थी। ललन ठाकुर अपने परिवार के साथ भूटान में रहकर मजदूरी करता है। जबकि आरोपी युवक पड़ोस में रहता था। 

घटना के संबंध में मृतका की नानी ने बताया कि मेरी नतनी मेरी सेवा करने के लिए मेरे पास रहती थी। मेरा बेटा और बहू भूटान में रहते हैं, इसलिए वह मेरे पास रहती थी। इसी बीच पड़ोस के ही रहने वाले चुन्नू राम से उसको प्रेम हो गया। दोनों एक दूसरे से बातचीत करने लगे। धीरे धीरे इस बात की जानकारी हमलोगों को हुई। उसके बाद दबाव के कारण लड़की ने लड़के से बात करना बंद कर दिया, जिससे नाराज होकर युवक ने कुछ दिन पहले लड़की की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल भी कर दी थी।

नानी ने आगे बताया कि गांव में ही पंचायती कर मामले को शांत करा दिया गया, लेकिन चुन्नू लगातार धमकी दे रहा था कि अगर हम से शादी नहीं करोगी तो जान से मार देंगे। इसी बीच युवती सभी को खाना खिलाकर दरवाजे पर निकली और लापता हो गई। उसकी खोजबीन करने के लिए निकली। लगभग दो बजे लौटी तो उसका दुपट्टा दरवाजे पर था और खून से लथपथ उसका शव घर पर पड़ा था। युवती के हत्या का आरोप उसके पूर्व प्रेमी पर मृतका की नानी और उसकी बहन ने आरोप लगाया है। मामले में पुलिस ने आरोपी प्रेमी के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।

अल्पसंख्यक समुदाय को फिर रिझाने की कोशिश में जुटा राजद, पिता लालू प्रसाद की नीति का क्या तेजस्वी यादव को होगा फायदा !

डेस्क : 1990 में बिहार के मुख्यमंत्री बनने वाले लालू प्रसाद जनता दल के बड़े नेताओं की पहली पसंद नही थे। केन्द्र में पीएम बीपी सिंह उस समय बिहार की कमान रामसुंदर दास को देना चाहते थे। वहीं चंद्रशेखर की पसंद रघुनाथ झा थे। लेकिन तब केन्द्र में डिप्टी पीएम देवी लाल ने लालू प्रसाद को बिहार का मुख्यमंत्री बना दिया। सीएम का पद संभालने के बाद बिहार की सियासत में लालू यादव ने 90 के दशक में यादव-मुस्लिम (M-Y) का ऐसा राजनीतिक समीकरण बनाया। बाद में उन्होंने 5 जुलाई 1997 को अपनी अलग पार्टी राष्ट्रीय जनता बनाया और माय समीकरण के दम पर उनकी पार्टी ने 15 साल तक बिहार पर राज किया। हालांकि सत्ता से बाहर जाने के बाद भी यादव और मुस्लिम राजद के साथ मजबूती से साथ खड़ा रहा। 

वही लालू प्रसाद द्वारा पार्टी का कमान तेजस्वी यादव के सौंपे जाने के बाद तेजस्वी यादव ने राजद के उपर लगे इस माय समीकरण के ठप्पे को खत्म करने और राजद को सभी जातियों की पार्टी बताने की पूरी कोशिश की। लेकिन इसका बहुत फायदा उन्हें नहीं मिल पाया। अब वे एकबार फिर अपने पिता के राह पर चलने की कोशिश में जुटते हुए दिख रहे है। 

पिछले दिनों तेजस्वी प्रसाद यादव ने अल्पसंख्यक समुदाय को अपनी ओर खींचने की कोशिश करते हुए बड़ा बयान दिया। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि अगर बिहार में अल्पसंख्यक समुदाय का साथ रहा, तो 2025 में गठबंधन की सरकार बनेगी। वहीं उन्होंने सबसे बड़ी बात जो कही है वह यह है कि अगर नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने रहे, तो राजद को आगामी चुनाव में चार गुना सीटें मिलेंगी। नीतीश कुमार सामने रहेंगे, तो इससे आरजेडी मजबूत होगी।

राजद प्रदेश कार्यालय के कर्पूरी सभागार में आयोजित अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने अल्पसंख्यकों से आह्वान किया कि आप साथ दें, आपकी भागीदार मैं तय करूंगा। अल्पसंख्यकों का उचित साथ मिलेगा, तो सूबे में सरकार जरूर बनेगी। 

उन्होंने दावा किया कि सबसे पहले लालू प्रसाद ने बिहार में अल्पसंख्यक मंत्रालय बनाया। इसके बाद यह मंत्रालय देश में बना। सीएम बनते ही लालू प्रसाद ने देश में कमंडल के खिलाफ मंडल शुरू किया था। लालकृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार करके माहौल को ठीक किया था। वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ आरजेडी सांसदों ने संसद में मजबूती से लड़ाई लड़ी। पहली बार भाजपा ने किसी बिल को जेपीसी (ज्वाइंट पार्लियामेंटरी कमेटी) में भेजा है। 

तेजस्वी ने आगे कहा, हमारे पूरे परिवार पर केस हुआ और मुकदमा किया गया। हम लोग कभी इस बात से डरे नहीं और झुके नहीं। नीतीश कुमार ने साथ मिलकर बीजेपी के खिलाफ सरकार बनाई, लेकिन नीतीश कुमार ने मौके पर धोखा दिया। नीतीश जब भी बीजेपी के साथ रहे बीजेपी मजबूत हुई। जब लालू नहीं डरे तो तेजस्वी भी कभी डरेगा नहीं। अल्पसंख्यकों का साथ रहा तो 2025 में गठबंधन की सरकार बनेगी।

वहीं लोकसभा चुनाव में सीवान से टिकट नहीं मिलने के बाद से नाराज चल रही दिवंगत पूर्व बाहुबली सांसद शहाबुद्दीन की पत्नी को मनाने की कोशिश में भी तेजस्वी और लालू जुट गए है। पिछले दिनों दोनो की मुलाकात हिना शहाब से हुई थी। वहीं उनकी तबियत खराब होने की खबर के बाद ऐसी चर्चा जोरो पर है कि तेजस्वी उन्हें देखने जाने वाले है।  

वैसे देखा जाए तो लालू प्रसाद लंबे समय तक अल्पसंख्यक समुदाय को बीजेपी के सांप्रदायिक होने का डर दिखाते रहे थे वह डर पिछले कुछ वर्षो में अल्पसंख्यक समुदाय की ओर से खत्म हो गया है। साथ ही जिस यादव वोट पर अबतक राजद अपना एकछत्र राज समझता था उसमे भी सेंध लग गई है। अब देखने वाली बात यह होगी कि तेजस्वी का अपने पिता के पुराने माय समीकरण को एकबार फिर जोड़ने की कोशिश में कितनी सफलता मिल पाती है।