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जमीनी विवाद मे चले लाठी डंडे नौ लोगों पर केस दर्ज

शिवकुमार जायसवाल,सकरन (सीतापुर) भूमि विवाद में दो पक्षों में जमकर चले लाठी डंडे नौ लोग घायल दोनो ओर से मिली तहरीर पर पुलिस ने आठ लोगों के बिरूद्ध मुकदमा दर्ज किया |

सकरन थाना क्षेत्र के कोलुहापुरवा मजरा लखनियापुर गांव निवासी अर्पित कुमार व छत्रपाल के बीच जमीनी विवाद चल रहा था उसी विवाद को लेकर रविवार को दोनो पक्षों में गाली गलौज होने लगा विवाद बढने पर दोनो ओर से लाठी डंडे चलने लगे मारपीट में एक पक्ष से अर्पित कुमार,सुरेश,सुबेश,गुड्डा तथा दूसरे पक्ष से छत्रपाल,विजय,सर्वेश,जगरानी,मुन्नी को चोटे आयीं है चीख पुकार सुनकर मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने बीच बचाव कर मामला शान्त कराया मामले में अर्पित कुमार ने छत्रपाल,सुन्दर,विजयपाल,रामकुमार व छत्रपाल ने रोहित,सुबेश,सुरेश,रोशन के बिरूद्ध तहरीर दी है पुलिस ने दोनो ओर से मिली तहरीर के आधार पर नौ लोगों के बिरूद्ध मुकदमा दर्ज कर घायलों को इलाज के लिए सीएचसी सांंडा भेज दिया है |

एसओ कृष्ण कुमार ने बताया कि मामले में दोनो ओर से मारपीट का मुकदमा दर्ज कराया गया है |

लहरपुर सीतापुर मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे हो जाने के कारण आए दिन हो रही हैं दुर्घटनाएं






कमलेश मेहरोत्रा लहरपुर (सीतापुर)। कोतवाली क्षेत्र के ग्राम नेवादा के सामने लहरपुर सीतापुर मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे हो जाने के कारण आए दिन हो रही हैं दुर्घटनाएं , बड़े-बड़े गड्ढे हो जाने के कारण आने जाने वाले वाहनों के चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और इन गड्ढों में पानी भरा होने के कारण बाइक सवार, ई रिक्शा लगातार दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। 







ज्ञातव्य है कि प्रतिदिन भारी संख्या में ट्रक, बस, चौपाहिया, दोपहिया वाहन, ई-रिक्शा इस मार्ग से गुजरते हैं बरसात के चलते मुख्य मार्ग पर ग्राम नेवादा के सामने बड़े-बड़े गहरे गड्ढों में पानी भरा होने के कारण वाहन इन गड्ढों में पलट जाते हैं, सोमवार को लहरपुर की तरफ से जा रहा एक ई रिक्शा सवारियों सहित गड्ढे में पलट गया, स्थानीय ग्रामीणों ने दौड़ कर ई रिक्शा सीधा कर सवारियों को बचाया।







क्षेत्र के ग्रामीण मोहम्मद वसीम, अकरम, सफीक अहमद, रईस अहमद, जियाउद्दीन आदि ने बताया कि प्रतिदिन कोई ना कोई बाइक सवार, ई रिक्शा इन गड्ढों में पलट जाती है। इस संबंध में अवर अभियंता लोक निर्माण विभाग बाबूराम ने बताया कि शीघ्र ही रास्ते को ठीक करा कर आवागमन को सुगम कर दिया जाएगा।

भारी संख्या में कांवड़ियों व श्रद्धालुओं ने भारी बारिश के बाद भी आराध्य देव भगवान शंकर की पूजा-अर्चना कर पवित्र जलसे रुद्राभिषेक किया

कमलेश मेहरोत्रा लहरपुर (सीतापुर)। पवित्र श्रावण मास के चतुर्थ सोमवार को क्षेत्र के प्रसिद्ध बाबा जंगली मंदिर में भारी संख्या में कांवड़ियों व श्रद्धालुओं ने भारी बारिश के बाद भी आराध्य देव भगवान शंकर की पूजा-अर्चना कर पवित्र जलसे रुद्राभिषेक किया। चतुर्थ सोमवार को प्रातः काल से ही मंदिर प्रांगण में हजारों की संख्या मेंश्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से बाबा जंगली नाथ की पूजा अर्चना की।

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से भारी पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने जगह-जगह कांवड़ियों और भक्तों के लिए भंडारों का आयोजन किया जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। पवित्र श्रावण मास के चलते नगर व ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न शिव मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना शिव भक्तों द्वारा की गई और हिंदू धर्मावलंबियों ने उपवास रखकर अपने-अपने घरों और मंदिरों में भोले शंकर की पूजा अर्चना की।

क्षेत्र के भोलिया बाबा मंदिर, ओंकारेश्वर मंदिर, प्रसिद्ध सूर्यकुंड मंदिर स्थित बाबा कामेश्वर नाथ धाम, दयालु बाबा, सहित विभिन्न मंदिरों पर भी सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा । श्रावण मास के चतुर्थ सोमवार के पावन अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर दंडवत करते हुए भोले शंकर बाबा जंगली नाथ के दर्शन कर पूजा अर्चना की।

ज्ञातव्य है कि इस क्षेत्र में बाबा जंगली नाथ मंदिर की विशेष मान्यता है और संपूर्ण वर्ष मंदिर प्रांगण में धार्मिक व मांगलिक कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं, श्रावण मास के अंतिम दिन रक्षाबंधन के पर्व पर मंदिर में भोले शंकर की पूजा अर्चना के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है और इस मौके पर एक विशाल मेले का भी आयोजन किया जाता है।

फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जन भागीदारी जरूरी: डॉ. आनंद मित्रा

कमलेश मेहरोत्रा,लहरपुर (सीतापुर)। फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाली एक लाइलाज बीमारी है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति जीवन भर के लिए दिव्यांग हो जाता है। फाइलेरिया से बचाव के लिए मच्छरों से बचाव कर और फाइलेरियारोधी दवा का सेवन कर ही इस बीमारी से बचा जा सकता है। यह बात सीएचसी अधीक्षक डॉ. आनंद मित्रा ने राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) अभियान के शुभारंभ मौके पर कही। इस मौके पर सीएचसी अधीक्षक समेत सीएचसी के अन्य स्वास्थ्य चिकित्सकों, कर्मियों एवं मरीजों के तीमारदारों ने सामूहिक रूप से फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन किया। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर–घर जाकर लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा आईवरमैक्टिन, एल्बेन्डाजोल और डाईइथाइल कार्बामजीन खिलाएंगे। यह दवा दो साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और अति गंभीर बीमारी से पीड़ित को छोड़कर सभी को खानी है। इस दवा का सेवन खाली पेट नहीं करना है। सीएचसी अधीक्षक ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की सफलता के लिये जन भागीदारी जरूरी है। उन्होंने सभी आमजन से अपील की कि इस अभियान में सहयोग करें। खुद भी दवा खाएं और अन्य लोगों को भी दवा खाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं से कहा कि वह फाइलेरिया से बचाव की दवा अपने सामने ही खिलाएंगी, किसी भी दशा में दवा का वितरण न करें। फाइलेरिया रोधी दवा एक साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमारी से पीड़ित को छोड़कर सभी को करनी है। उन्होंने बताया कि फाइलेरियारोधी दवा सेवन के बाद कुछ ,व्यक्तियों में जी मितलाने, चकत्ते पड़ना, चक्कर आना और उल्टी आने की समस्या हो सकती है। इससे घबराने के जरूरत नहीं है। फाइलेरियारोधी दवा सेवन के बाद शरीर में फाइलेरिया परजीवियों के खत्म होने के कारण इस तरह के लक्षण होते हैं। यह लक्षण कुछ देर में समाप्त हो जाते हैं और व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ हो जाता है।
आशा अपने सामने ही फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाएं: मोहिनी


सीके सिंह(रूपम),सीतापुर। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) अभियान का शुभारंभ किया गया। इस मौके पर सीएचसी के चिकित्सक डॉ. जय प्रकाश ने अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों, कर्मचारियों एवं तीमारदारों के साथ सामूहिक रूप से फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन किया।


इस मौके पर बीसीपीएम मोहिनी जायसवाल ने बताया कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है जिसे सामान्यतः हाथी पांव के नाम से जाना जाता है। इस अभियान के तहत आइवरमेक्टिन, डाईइथाईल कार्बामजीन(डीईसी) और एल्बेंडाजोल की गोलिया खिलाई जा रहीं है।

आशा कार्यकर्ता फाइलेरिया से बचाव की यह दवाएं घर-घर लेकर जा रहीं हैं और लोगों को अपने सामने ही खिला रहीं हैं। उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं से कहा कि वह फाइलेरिया से बचाव की दवा अपने सामने ही खिलाएंगी, किसी भी दशा में दवा का वितरण न करें। फाइलेरिया रोधी दवा एक साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमारी से पीड़ित को छोड़कर सभी को करनी है।

उन्होंने बताया कि फाइलेरियारोधी दवा सेवन के बाद कुछ ,व्यक्तियों में जी मितलाने, चकत्ते पड़ना, चक्कर आना और उल्टी आने की समस्या हो सकती है। इससे घबराने के जरूरत नहीं है। फाइलेरियारोधी दवा सेवन के बाद शरीर में फाइलेरिया परजीवियों के खत्म होने के कारण इस तरह के लक्षण होते हैं। यह लक्षण कुछ देर में समाप्त हो जाते हैं और व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ हो जाता है।
*निःसंकोच होकर फाइलेरियारोधी दवा का करें सेवन : राकेश राठौर गुरू*

सीके सिंह(रूपम)

सीतापुर-फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है। साल में एक बार कुछ फाइलेरिया रोधी दवाएं हमें जीवन भर की अपंगता से बचा सकती है। इस दवा को प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति को आशा कार्यकर्ता के सामने खानी है। यह बात प्रदेश सरकार के नगर विकास राज्य मंत्री राकेश राठौर गुरू ने शनिवार को खैराबाद सीएचसी पर आयोजित सर्वजन दवा सेवन अभियान का शुभारंभ करते हुए कही। इस मौके पर राज्यमंत्री, सीएमओ और कार्यक्रम के नोडल अधिकारी समेत अन्य तमाम लोगों ने फाइलेरिया से बचाव की दवा का भी सेवन किया।

राज्य मंत्री ने कहा कि इस बीमारी में पैर या हाथ का वजन इतना ज्यादा हो जाता है कि जीवन जीने में कठिनाई होती है। न जाने फाइलेरिया के कितने मरीजों को सामाजिक तिरस्कार भी सहनी पड़ी होगी। बार बार बुखार से पीड़ित होते हैं। इतनी दुस्वारियों से अच्छा है कि साल में एक बार आने वाले इस अभियान के दौरान फाइलेरिया रोधी दवा खा लें ताकि स्वयं और समाज के भविष्य को बचाया जा सके। हमें अपनी संवेदना और जागरूकता इस बीमारी के प्रति व्यक्त करनी होगी। उन्होंने कहा कि मैं जिले के लोगों से अपील करता हूं कि निश्चित रूप से पूरी तरह निःसंकोच होकर दवा खिलाने वाली टीम के सामने दवा का सेवन करें। मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए जिले के लोग निश्चित रूप से सकारात्मक सहयोग करेंगे।

सीएमओ डॉ. हरपाल सिंह ने कहा कि फाइलेरिया से बचाव की दवाएं पूरी तरह से सुरक्षित तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रमाणित हैं। बस इस बात का ध्यान रखें कि दवा खाली पेट नहीं खानी है। इस अभियान के तहत तीन तरह की दवाएं आईवरमेक्टीन, अल्बेंडाजोल व डीईसी की दवा खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि इस बार 42.46 लाख लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने का लक्ष्य है। फाइलेरिया रोधी दवा एक साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमारी से पीड़ित को छोड़कर सभी को करनी है।

अभियान को सफल बनाने के लिए 3,735 टीमें और 719 पर्यवेक्षकों की तैनाती की गई है।

कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. दीपेंद्र वर्मा ने बताया कि फाइलेरियारोधी दवा सेवन के बाद कुछ ,व्यक्तियों में जी मितलाने, चकत्ते पड़ना, चक्कर आना और उल्टी आने की समस्या हो सकती है। इससे घबराने के जरूरत नहीं है। फाइलेरियारोधी दवा सेवन के बाद शरीर में फाइलेरिया परजीवियों के खत्म होने के कारण इस तरह के लक्षण होते हैं, जोकि कुछ देर बाद समाप्त हो जाते हैं। इस मौके पर सीएचसी अधीक्षक डॉ. आरएस यादव, जिला मलेरिया अधिकारी जीतेंद्र कुमार, माइक्रोबायलॉजिस्ट डॉ. आरके सिंह, बीसीपीएम अंशूल त्रिपाठी, सीफार के भूपेंद्र सिंह, पीसीआई की अंशू मिश्रा, एमए खान सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य कई अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

*राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर बच्चों को खिलाई गई एलबेंडाजोल की गोली,अग्रवाल पब्लिक इंटर कॉलेज में हुआ मुख्य आयोजन*

सीके सिंह(रूपम)

सीतापुर। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का शुभारंभ शनिवार को सीतापुर के शहरी क्षेत्र सहित मिश्रिख और ऐलिया विकास खंडों में किया गया। मुख्य आयोजन शहर के अग्रवाल पब्लिक इंटर कॉलेज में हुआ। इस मौके पर राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) के नोडल अधिकारी डॉ. राजशेखर ने फीता काटकर अभियान का शुभारंभ किया। इस मौके पर बच्चों को एलबेंडाजोल की गोली खिलाई गई।

डॉ. राजशेखर ने बताया कि इन क्षेत्रों में केवल एक से 19 साल तक के बच्चों व किशोर-किशोरियों को केवल एल्बेंडाजोल दवा ही खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर एक से 5 साल तक के पंजीकृत सभी बच्चों को, 6 से 19 साल तक के स्कूल न जाने वाले व ईट भट्ठे पर काम करने वाले और घुमंतूर जनजातियों के बच्चों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ती द्वारा दवा खिलाई जाएगी। छह से 19 साल तक के स्कूल जाने वाले छात्र छात्राओं को, जिनमें सरकारी, प्राइवेट व अर्ध सकारी स्कूलों, मदरसों के शिक्षक बच्चों को एल्बेंडाजोल गोली खिलाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि 10 अगस्त को दवा खाने से छूटे हुए बच्चों को 14 अगस्त को माॅपअप राउंड चला कर दवा खिलाई जाएगी। हर साल अभियान चलाकर दो बार पेट के कीड़े निकालने की दवा खिलाई जाती है। उन्होंने बताया कि इस बार इस अभियान के तहत सीतापुर शहरी, मिश्रिख और ऐलिया ब्लॉक के जिले के 649 सरकारी और निजी विद्यालयों के अलावा 646 आंगनबाड़ी केंद्रों को शामिल किया गया है। इस अभियान के तहत 3,56,161 बच्चों को एल्बेंडाजॉल की गोली खिलाने का लक्ष्य है। अभियान के तहत 487 आशा कार्यकर्ताओं को लगाया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि एक से दो वर्ष तक के बच्चों को 200 मिग्रा, यानि आधी गोली व दो से 19 वर्ष तक के बच्चों व किशोरों को 400 मिग्रा, यानि पूरी गोली खिलाई जानी है। छोटे बच्चों को गोली पीसकर दी जानी है जबकि बड़े बच्चों को इसे चबाकर खाना है।

क्यों जरूरी है दवा खिलाना ---

राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समंवयक शिवाकांत ने बताया कि पेट में कीड़े होने से बच्चों और किशाेर-किशोरियों में खून की कमी, कुपोषण, भूख न लगना, कमजोरी, स्वास्थ्य खराब होना और समुचित मानसिक विकास का न होना जैसी समस्याएं हो जाती हैं। इन्हीं समस्याओं से बचाने के लिए यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बच्चे अक्सर जमीन में गिरी चीज उठाकर खा लेते हैं। कई बार वह नंगे पैर ही संक्रमित स्थानों पर चले जाते हैं। इससे उनके पेट में कीड़े (कृमि) विकसित हो जाते हैं। इससे बच्चा शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर होने लगता है। वह एनीमिया से ग्रसित हो जाता है। एल्बेन्डाजॉल खा लेने से यह कीड़े पेट से बाहर हो जाते हैं, जिससे शरीर में आयरन की शोषक क्षमता बढ़ जाती है, जिससे शरीर में एनीमिया अर्थात खून की कमी दूर होती है।

इस मौके पर जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवमं सूचना अधिकारी, के एन मिश्रा, डीईआईसी मैनेजर डॉ. सीमा कसौधन, अर्बन प्रभारी सदर, डॉ शानू वर्मा, आरकेएसके कोऑर्डिनेटर, कुलदीप शुक्ला, रीता दीक्षित, कोर संस्था से सुयोग श्रीवास्तव, एविडेन्स एक्शन से जिला समन्वयक क्षितिज, अग्रवाल पब्लिक इंटर कॉलेज की प्रबंधक मंजू जिंदल, प्रधानाचार्य, मो. जावेद कमर, मेंटर डॉ. आर के वर्मा एवमं कॉले के शिक्षक, शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं।

*फाइलेरिया उन्मूलन माह का शुभारंभ, 10 अगस्त से 2 सितंबर तक चलेगा अभियान*

आरएन सिंह

सीतापुर- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिसवां में फाइलेरिया उन्मूलन माह का शुभारंभ क्षेत्रीय विधायक निर्मल वर्मा ने कुया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि फाइलेरिया को जड़ से समाप्त करने के लिए 10 अगस्त से 2 सितंबर तक फाइ लेरिया उन्मूलन माह के रूप में मना रही है। इसमें स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर प्रत्येक जन को दवा की खुराक देंगे हमें निश्चित होकर दवा खाना है। इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए दवा की खुराक लेनी आवश्यक है। उन्होंने कहा सामुदायिक केंद्र के माध्यम से मरीजों को भरपूर चिकित्सा सुविधा दी जा रही है गरीबों की जांच के लिए हेल्थ एटीएम भी लगाया गया है इसके अलावा जांच और दवाइयां की व्यवस्था स्वास्थ्य केंद्र पर की गई है जिसका लाभ हमें उठाना चाहिए और झोलाछाप डॉक्टर से बचना चाहिए।

इस अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉक्टर अमित कपूर ने बताया की दवा खिलाने के लिए 319 टीमों तथा 64 सुपरवाइजर लगाए गए हैं जो इस कार्य में सहयोग कर लोगों को दवा खिलाने का काम करेंगे। इसके साथ ही गांव में प्रधानों का भी सहयोग लिया जा रहा है। स्वयंसेवी संस्था पीसी तथा सी फॉर्म भी इसमें सहयोग कर रही हैं।

उन्होंने बताया फाइलेरिया मच्छर के काटने से होता है। इसके कीटाणु शरीर में धीरे-धीरे रोग को जन्म देते हैं। जिसे रोगी जान नहीं पता है और शरीर के किसी स्थान पर सूजन आ जाती है। जिससे फील पांव बन जाता है। इसके लिए वर्ष में एक बार दवा खानी आवश्यक है। इस दवा का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है। 1 वर्ष से कम आयु के बच्चे गर्भवती महिलाएं अथवा गंभीर रोगों से पीड़ित व्यक्ति को दवा नहीं लेनी है। कार्यक्रम में डॉक्टर सुमित मल्होत्रा शिवानी सिंह विपिन यादव महिला चिकित्सक भाजपा के नगर अध्यक्ष पंकज गुप्ता एवं मेडिकल स्टाफ मौजूद था।

मंडी में किसानों के लिए बैठने और शीतल जल की व्यवस्था की जाए : दिनेश प्रताप सिंह

सीके सिंह(रूपम),सीतापुर। प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने गुरुवार को सीतापुर में मंडी परिषद और उद्यान विभाग के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। बैठक में जनहित, किसान हित और राज्य हित को ध्यान में रखते हुए आवश्यक निर्देश जारी किए गए।

अधिकारियों को यह निर्देश दिये कि जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए किसानों के हित में काम करें।

बैठक में उपस्थित मंडी सचिवों को निर्देश दिया गया कि वे अपने क्षेत्र के निर्वाचित विधायकों से नियमित संवाद बनाए रखें। यह भी निर्देश दिये कि मंडी परिषद द्वारा किए गए कार्यों में विधायकों की सहमति सुनिश्चित हो और उनके निर्देशन में ही कार्यों को अंजाम दिया जाए। अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि मंडी परिषद द्वारा निर्मित सड़कों की मरम्मत और अन्य आवश्यक कार्य विधायकों की सहमति से शीघ्र कराए जाएं।

निर्वाचित जनप्रतिनिधियों द्वारा मंडी परिषद की सेवाओं, सक्रियता, आचरण, और व्यवहार के प्रति संतोष का प्रमाण हर हालत में सुनिश्चित किया जाए।

उद्यान मंत्री ने सभी मंडियों में प्रवेश द्वार के पास एक स्वागत व विश्राम गृह के निर्माण के निर्देश दिए गए। यदि कोई भवन का हिस्सा इस उद्देश्य के लिए उपयुक्त हो तो उसे किसानों के स्वागत और सुविधा के लिए आरक्षित किया जाए।

मंडियों में आने वाले किसानों के लिए उचित बैठने की व्यवस्था और शीतल जल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि किसान यह महसूस करें कि मंडी उनकी है। उन्होंने मंडियों में बने किसानों के उपयोग के चबूतरों पर अवैध अतिक्रमण को रोकने के निर्देश दिए गए। इन चबूतरों का उपयोग केवल किसानों के लिए सुरक्षित रखा जाए। साथ ही मंडियों में अस्थाई अवैध अतिक्रमण को तत्काल हटाने और मंडी के वातावरण को स्वच्छ एवं सुगम बनाए रखने पर जोर दिया। इसके साथ ही मंडियों में साफ-सफाई के लिए उस ठेकेदार को ही नियुक्त किया जाए, जिसके पास आवश्यक उपकरण और मैनपावर की सुविधा हो। इससे मंडियों का वातावरण स्वच्छ और स्वस्थ बना रहेगा।

सभी पात्र लोग फाइलेरिया से बचाव की दवा जरूर खाएं: सीएमओ

सीके सिंह(रूपम),सीतापुर। जिले में 10 अगस्त से दो सितंबर तक फाइलेरियारोधी दवा का सेवन कराए जाने के लिए सर्वजन दवा (आईडीए) अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान को लेकर गुरुवार को शहर के एक होटल में मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरपाल सिंह ने पत्रकारों से मुखातिब होते हुए कहा कि इस अभियान के तहत आइवरमेक्टिन, डाईइथाईल कार्बामजीन(डीईसी) और एल्बेंडाजोल की गोलिया खिलाई जाएंगी।

फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है जिसे सामान्यत: हाथी पांव के नाम से जाना जाता है। इसके मुख्य लक्षण पैरों व हाथों में सूजन (हाथीपांव), पुरुषों में हाइड्रोसील (अंडकोश का सूजन) और महिलाओं में ब्रेस्ट में सूजन है। उन्होंने बताया कि इस बार 42.46 लाख लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने का लक्ष्य है। फाइलेरिया रोधी दवा एक साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमारी से पीड़ित को छोड़कर सभी को करनी है। अभियान को सफल बनाने के लिए 3,735 टीमें और 719 पर्यवेक्षकों की तैनाती की गई है। इसके अलावा एसीएमओ, सीएचसी अधीक्षक, स्वयंसेवी संस्था पाथ मॉनिटरिंग और सुपरविजन करेंगी।

डिप्टी सीएमओ एवं आरकेएसके कार्यक्रम के नोडल अफसर डॉ. राजशेखर ने बताया कि आईडीए अभियान सीतापुर शहरी क्षेत्र सहित मिश्रिख और ऐलिया ब्लॉक को छोड़कर पूरे जिले में चलेगा। इन तीनों क्षेत्रों में 10 अगस्त को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन कर एक से 19 साल के 3.56 लाख बच्चों को पेट से कीड़े निकालने की दवा एल्बेन्डाजोल खिलाई जाएगी। जो बच्चे उस दिन दवा नहीं खा पाएंगे, उन्हें 14 अगस्त को यह दवा खिलाई जाएगी।

कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. दीपेंद्र वर्मा ने बताया कि फाइलेरियारोधी दवा सेवन के बाद कुछ ,व्यक्तियों में जी मितलाने, चकत्ते पड़ना, चक्कर आना और उल्टी आने की समस्या हो सकती है। इससे घबराने के जरूरत नहीं है। फाइलेरियारोधी दवा सेवन के बाद शरीर में फाइलेरिया परजीवियों के खत्म होने के कारण इस तरह के लक्षण होते हैं। जिला मलेरिया अधिकारी जीतेंद्र कुमार ने बताया कि फाइलेरियारोधी दवा का सेवन बहुत जरूरी है, क्योंकि फाइलेरिया का संक्रमण होने के बाद फाइलेरिया के लक्षण 10 से 15 साल बाद दिखाई देते हैं और तब तक हम जाने अनजाने रोग के प्रसार में सहयोग करते रहते हैं।

फाइलेरियारोधी दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रमाणित हैं बस इस बात का ध्यान रखें कि दवा खाली पेट नहीं खानी है। उन्होंने बताया कि इस अभियान में सहयोगी संस्थाए भी सहयोग कर रहीं है जैसे सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था के सहयोग से जनपद में प्रचार प्रसार तथा फाइलेरिया पेशेंट प्लेटफार्म के माध्यम से स्वास्थ्य कर्मियों व कोटेदार, प्रधान जैसे हितधारकों के साथ मिलकर समुदाय में जन जागरूकता के लिए विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रहीं हैं। साथ ही प्रोजेक्ट कंसर्न आॅफ इंडिया (पीसीआई) संस्थाओं द्वारा समुदाय में फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करने के लिए सभी हितधाराको को जागरूक किया जा रहा है।

कार्यक्रम में एसीएमओ डॉ. कमलेश चंद्रा ने पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर देते हुए उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने फाइलेरिया से बचाव की दवा स्वयं खाने और दूसरों को यह दवा खिलाने का संकल्प लिया। इस मौके पर माइक्रोबायलॉजिस्ट डॉ. आरके सिंह, आरकेएसके के जिला समंवयक शिवाकांत, डीएचआईओ केएन मिश्रा, पाथ संस्था के देवेंद्र सिंह, पीसीआई की अंशू मिश्रा, सीफार के देवेंद्र सिंह आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

फाइलेरिया रोगियों ने सुनाई आपबीती

कार्यशाला में फाइलेरिया रोगी नेटवर्क के सदस्य रमाकांत पांडे और ररिता देवी ने सभी से फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करने की अपील करते हुए कहा कि अज्ञानतावश उन लोगों ने फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन नहीं किया जिसके कारण वह इस बीमारी के साथ जी रहे हैं। आप लोग ऐसी गलती न करें। जब घर बैठे फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जा रही है तो इसका सेवन जरूर करें और फाइलेरिया जैसी लाइलाज बीमारी से बचें। फाइलेरिया पूजा देवी ने कहा कि व्यक्ति को पता ही नहीं होता है कि वह फाइलेरिया से पीड़ित है और अनजाने में वह दूसरों को संक्रमित करता है। इसलिए फाइलेरियारोधी दवा का सेवन जरूर करें।