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*सीएमओ ने छात्राओं को एल्बेंडाजोल गोली खिलाकर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम की शुरुआत की*

अमेठी। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के तहत जनपद में विभिन्न स्कूलों में बच्चों को कृमि नियंत्रण की दवाई एल्बेंडाजोल खिलाई गई।  कार्यक्रम की शुरुआत जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अंशुमान सिंह ने राजकीय बालिका इंटर कॉलेज गौरीगंज में छात्राओं को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाकर की।

इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने उपस्थित छात्राओं को कृमि से होने वाली विभिन्न बीमारियों के बचाव एवं लक्षण के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षक एल्बेंडाजॉल खिलाने से पहले खांसी, बुखार, सांस फूलना आदि लक्षणों की जांच कर लें और लाभार्थियों के कांटेक्ट हिस्ट्री के बारे में जान ले। जो बच्चे बीमार है या कोई दवाई ले रहे हैं उन्हें एल्बेंडाजॉल दवाई नहीं खिलाई जाएगी।
जब बीमार बच्चे ठीक हो जाएगें तब उन्हें एल्बेंडाजॉल दवाई खिलाई जाएगी। दवा खिलाने से पहले अपने हाथ साबुन और पानी से नियमित तौर पर अच्छी तरह धोएं। एल्बेंडाजॉल की खुली हुई दवाई को न छुएं और बच्चों को स्वयं खिलाएं, शिक्षक दवाई अच्छी तरह चबाकर खाने का निर्देश दें। साफ पीने का पानी साथ रखें। बिना चूरा किए या बिना चबा कर खायी गयी एल्बेडाजॉल दवाई का प्रभाव कम हो सकता है। शिक्षक बच्चों के माता-पिता को डीवार्मिंग के मामूली दुष्प्रभावों के बारे में भी बताएं।


इस मौके पर सीएमओ ने बताया कि जनपद में एक से 19 वर्ष के कुल लक्षित बच्चे 7.65 लाख हैं जिन्हें आज नेशनल डीवार्मिंग डे के अवसर पर एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जा रही है। उन्होंने बताया कि एक से दो वर्ष के बच्चों को आधी गोली 200 एमजी का चूरा बनाकर और 2 वर्ष से 19 वर्ष के बच्चों को एक गोली चबाकर खानी है जो बच्चे स्कूल नहीं जाते उनको आशा, आंगनबाड़ी घर-घर जाकर दवाई खिलाएंगी।


उन्होंने बताया कि आज लगभग 75% बच्चों को दवा खिलाई गई जो बच्चे किन्हीं करणों से छूट गए हैं उन्हें माक अप राउंड के दौरान दवाई खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि जनपद में एल्बेंडाजोल दवा की कोई कमी नहीं है, 1809 आशा और लगभग 1500 आंगनवाड़ी वर्कर इस अभियान में कार्य कर रहे हैं प्रत्येक सीएचसी पर एक रैपिड रिस्पांस टीम चिकित्सकों की बनाई गई है जो किसी भी विषम परिस्थिति में स्कूल या आंगनवाड़ी पर पहुंचेंगे।
वीरांगना फूलन देवी की मनी जयंती, जागरूकता अभियान

अमेठी। जिला मुख्यालय समाजवादी पार्टी कार्यालय पर वीरांगना पूर्व सांसद फूलन देवी की जयंती मनाई गई, उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को याद करते हुए उस पर चलने का संकल्प लिया गया। समाजवादी पार्टी के मुखिया राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय अखिलेश यादव के निर्देशन में पार्टी कार्यालय पर वीरांगना स्व फूलन देवी पूर्व सांसद की जयन्ती मनाई गई, कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष राम उदित यादव ने किया।

कार्यकर्ताओं ने उनके चित्र पर श्रद्धासुमन के साथ पुष्प अर्पित किया, तथा उनके जीवन के संघर्षों को याद किया, जो उन्हें गांव की गलियों से निकलकर देश की सांसद बनाती हुई आम नागरिक से खास बना दिया, जिलाध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं को कहा कि उनके जीवन का संघर्ष हम सब के लिए प्रेरणास्रोत हैं। पार्टी अपने कार्यकर्ताओं के सुख दुःख में सदैव साथ खड़ी रहती हैं। और समय आने पर सभी कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं करती। और हम सब यह संकल्प लेना हैं कि संघर्ष करके इस जनविरोधी, जुल्मी, तानाशाह सरकार को मुंहतोड़ जवाब देते हुए उखाड़ फेंकने का कार्य करना हैं।

सपा प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल और लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर जिला प्रभारी अर्पित वर्मा, अमरजीत यादव, अनिल प्रधान व अरविंद सरोज की सदस्यता अभियान, छात्र नौजवान पी डी ए जागरूकता अभियान चलाया गया। जिसमें छात्र नौजवानों को जागरूक करते हुए पार्टी से जोड़ा गया। और जैनुल हसन पूर्व प्रत्याशी के आवास पर फलदार वृक्ष को लगाया गया।

संचालन जिला महासचिव अरशद अहमद ने किया। कार्यक्रम में जिला उपाध्यक्ष तुफैल खान, चंद्रशेखर यादव, जावेद खान, राज मोहन यादव, आर के यादव, दीपू, सी पी यादव आदि मौजूद रहे।
*बाइस टीमें लगाने के बाद साइको किलर को पकड़ पायी पुलिस, अपनों से मिले घाव से बन गया हिंसक , जानिये पूरा मामला*

लखनऊ/बरेली । साइको सीरियल किलर की कहानी आपने फ़िल्मी पर्दे पर देखी होगी। जिसका एक ही विलन होता। ऐसी ही कहानी बरेली के शाही -शीशगढ़ की सामने आई है, जिसमें एक साइको किलर बीते एक साल से पुलिस के लिये चुनौती बना हुआ था। साइको किलर पहले महिलाओं के पास जाकर उनसे बात कर उनके बारे में पूछता और उसके बाद मौका पाकर उनकी साड़ी का फंदा बनाकर खेत में हत्या कर देता। फिलहाल पुलिस ने एक साल बाद इस उलझी हुई गुत्थी को सुलझा दिया है। पुलिस ने आरोपी सिरियल किलर को गिरफ्तार कर लिया है। पूरे यूपी में मामले की गुत्थी को लेकर चर्चा चलती रहीबीते साल शाही-शीशगढ़ में महिलाओं की सिलसिलेवार हत्याओं से आस-पास के क्षेत्रों समेत पूरे उत्तर प्रदेश में मामले की गुत्थी को लेकर चर्चा चलती रही। हद तो तब हो गईं थी, जब साइको किलर महिलाओं की हत्या करने के बाद कोई सुराख़ तक नहीं छोड़ रहा था। ऐसे में पुलिस हर बार खाली हाथ रही। इस बीच 2023 में हुई हत्या में पुलिस को एक सुराग हाथ लगा, जिसके बाद पुलिस ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और अब आरोपी सीरियल किलर साइको निकला। पुलिस लाइन में एसएसपी अनुराग आर्य ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस की पूछताछ में थाना नवाबगंज क्षेत्र के ग्राम बाक़रगंज निवासी कुलदीप ने बताया कि शीशगढ़ शाही में हुई महिलाओं के हत्या के पीछे उसका हाथ है। आरोपी महिलाओं के प्रति चिढ़ और बदले की भावना रखता था। अपनों से मिला घाव से बना हिंसकसीरियल किलर कुलदीप मानसिक रूप से विक्षिप्त है। वह एक शरीर में कई रूप लिए घूम रहा था। बचपन से ही उसके मन में महिलाओं को लेकर नफरत भर गई थी। निर्जन स्थान पर खास आयु वर्ग की महिलाओं से यह छेड़खानी व दुष्कर्म की कोशिश करता था। विरोध पर उन्हीं के कपड़ों से उनकी हत्या कर निकल जाता था। साइको कुलदीप की दो सगी बहने हैं। मां की मृत्यु हो चुकी थी। आरोपी के पिता बाबूराम ने कुलदीप की मां के जीवित रहते दूसरा विवाह कर लिया था। जानकारी के मुताबिक आरोपी का पिता अपनी पहली पत्नी को दूसरी पत्नी के कहने पर पीटता था। जिसको कुलदीप आए दिन अपनी मां के पीटने का मंज़र देखता था। कुलदीप के मन में अपनी सौतेली मां के प्रति घृणा उत्पन्न होने लगी थी, इस बीच उसकी मां की भी मौत हो गईं। इसका ज़िम्मेदार भी वो अपनी सौतेली मां को मानता था। कुलदीप का व्यवहार सामान्य न होने के कारण छोड़ गई पत्नी एसएसपी ने बताया कि आराेपी की मां की मौत के बाद कुलदीप की 2014 में शादी हुई। शादी के बाद भी कुलदीप का अपनी पत्नी के प्रति व्यवहार सामान्य नहीं था। कुलदीप भी अपनी पत्नी से आए दिन मारपीट करता था। पत्नी के मुताबिक कुलदीप ने उसका गला दबाने का प्रयास किया था। जिसके चलते उसकी पत्नी भी उसका साथ छोड़कर चली गई। पत्नी के मुताबिक यह सामान्य व्यवहार नहीं करता था। उनके मुताबिक काम न होने पर वह हिंसक हो जाता था और पत्नी को बुरी तरह पीटता था। चार साल तक उसकी हरकतें झेलने के बाद पत्नी ने उसे छोड़ दिया। उन्हाेंने बताया कि पुलिस की 22 टीमों को तलाश में लगाया गया था। जिन क्षेत्र में घटनाएं हुई वहां 600 सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए। इसके अलावा पुलिस ने करीब 1500 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। एक टीम को महाराष्ट्र भेजकर सीरियल किलर को लेकर स्टडी की गई। सीरियल किलर एक ही तरीके से घटना को अंजाम देता थासीरियल किलर एक ही तरीके से घटना को अंजाम देता था। महिलाओं के गले में इतनी जबरदस्त तरीके से फंदा कसा जाता था, जिससे महिला सांस भी नहीं ले पाती थी। शाही क्षेत्र में इसी साल दो जुलाई को शेरगढ़ की अनीता देवी की हत्या भी इसी तरह से की थी। इसके बाद जांच तेज की गई। जांच के आधार पर एसएसपी ने तीन संदिग्धों के स्कैच बनवाए। इनमें से एक स्कैच आरोपी से मिलता हुआ था।उन्हाेंने बताया कि आरोपी को घटनास्थल पर ले जाकर पूछताछ की गई। इसके अलावा आरोपी के साथ क्राइम सीन रीक्रिएशन किया गया। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को कब्जे में लेकर जेल भेज दिया। दो कप्तान नहीं खोल सके अनुराग आर्य को मिली सफलताशाही इलाके में वारदातें शुरू हुईं तो जिले में बतौर एसएसपी प्रभाकर चौधरी व एसपी देहात के रूप में राजकुमार अग्रवाल तैनात थे। काफी प्रयास के बाद भी प्रभाकर चौधरी के कार्यकाल में खुलासा नहीं हो सका। इसके बाद घुले सुशील चंद्रभान जिले में कप्तान के रूप में आए। उनके 11 माह के कार्यकाल में भी कई घटनाएं व कुछ खुलासे हुए।इस बीच उनका भी तबादला हो गया। अब अनुराग आर्य के कार्यकाल में यह खुलासा हो सका है। उन्होंने खुलासा करने में मुख्य भूमिका निभाने वाले चारों सिपाहियों को 25 हजार रुपये इनाम की घोषणा की। जिस सौतेली मां के वजह से हुआ हिंसक उसी से खाता था खौफ पुलिस ने आरोपी कुलदीप से पूछताछ की। उसके बारे में दूसरी जगह से भी जानकारी जुटाई तो पता लगा कि यह संपन्न परिवार का युवक है। उसके पिता के पास अपना मकान और 40 बीघा जमीन है। उसकी दो बहनें हैं। उसकी मां की मौत हो चुकी है। पिता बाबुराम ने उसकी मां के जीवित रहते ही दूसरी शादी कर ली थी। दूसरी पत्नी के कहने पर उसके पिता अक्सर पहली पत्नी (कुलदीप की मां) की पिटाई करते थे। उसकी दूसरी मां की उम्र 50 साल के करीब है। इसलिए वह 45 से 65 साल की उम्र की महिलाओं में अपनी सौतेली मां का अक्स देखकर उनसे नफरत करता था। यह अलग बात है कि वह सौतेली मां से काफी खौफ खाता है और कभी उन पर हमला नहीं कर सका।
अकेली औरत देखकर करता था दुष्कर्म का प्रयास,विरोध करने पर उतार देता था मौत के घाट, सीलियर किलर गिरफ्तार, छह महिलाओं की हत्या करने की बात कबूला

लखनऊ । यूपी के बरेली जिले में पुलिस ने एक अजीबो-गरीब घटना का खुलासा किया है। जिसे जानने व सुनने के बाद आप भी दांतों तले अंगुली दबा लेंगे। पुलिस के हाथ ऐसा सिरियल किलर हाथ लगा, जो राह चलती अकेली महिलाओं को पकड़ता था। पहले वह महिला से दुष्कर्म करने की कोशिश करता था जब महिला उसका विरोध करती थी तो फिर उन्हें मौत के घाट उतार देता था। इस सीरियल किलर के गिरफ्तार होने से पुलिस ने राहत की सांस ली। चूंकि शीशगढ़ थाना क्षेत्र में पिछले एक साल में 11 महिलाओं की हत्या हो चुकी है। पुलिस इसको लेकर काफी परेशान थी। इसीलिए हत्यारे को पकड़ने के लिए कुछ 22 टीमें जुटीं थी। जिन्होंने 1500 सौ सीसीटीवी फुटेज खंगाले तब जाकर सफलता हाथ लगी।  सीरियल किलर बोला- उसे महिलाओं को मारने में मजा आता है जानकारी के लिए बता दें कि बरेली की पुलिस ने काफी प्रयास के बाद शाही और शीशगढ़ इलाके में महिलाओं की हत्या करने वाले सीरियल किलर को गिरफ्तार कर लिया गया है। एसएसपी अनुराग आर्य के मुताबिक आरोपी कुलदीप गंगवार नवाबगंज थाने के गांव बाकरगंज समुआ का निवासी है। उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। उसने छह कत्ल कबूल किए हैं। पूछताछ में यह भी पता लगा है कि वह महिलाओं से पहले दुष्कर्म की कोशिश करता था। विरोध करने पर उनकी हत्या कर देता था। बोला- मुझे औरतों से नफरत है और उन्हें मारने में मजा आता है। कहा- हां हमने पांच महिलाओं को मारा है। कुलदीप की सौतेली मां उसे करती थी परेशान, तभी से महिलाओं से हो गई नफरत दस साल पहले कुलदीप की शादी भानपुर गांव निवासी लौंगश्री से हुई थी। उसकी हरकतों से परेशान लौंगश्री ने दूसरी शादी कर ली। इसके अलावा कुलदीप की सौतेली मां उसे और उसकी मां को परेशान करती थी। बताते हैं कि तभी से वह महिलाओं से नफरत करने लगा। कुलदीप की बुआ का घर शाही क्षेत्र के सब्जीपुर खाता गांव में है। यहां वह आता जाता था। पुलिस के मुताबिक उसी ने महिलाओं से नफरत की वजह से उनकी सिलसिलेवार तरीके से हत्या की है। पुलिस की कई टीमों ने घटनास्थलों पर ले जाकर घटना का रीक्रिएशन किया है। दोपहर में घटना का खुलासा कर दिया गया। एक की पैटर्न पर हुई 11 महिलाओं की हत्या मीरगंज सर्किल के शाही और शीशगढ़ थाना क्षेत्र में सभी 11 महिलाओं की हत्या एक ही तरीके से उनकी साड़ी या दुपट्टे से गला घोंटकर की गई थी। सभी की हत्या एक की पैर्टन पर की गई थी। इसीलिए यह मामला  मामले पुलिस के लिए सिरदर्द बने हुए थे। पुलिस के मुताबिक पकड़े गए आरोपी कुलदीप ने छह महिलाओं की हत्या की बात कबूल की है। अन्य वारदात में भी उसके शामिल होने का शक है। बरेली पुलिस की 22 टीमों को साइको किलर की तलाश में लगाया गया था। जिन इलाकों में वारदात हुईं थीं, वहां 600 नए सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए। इसके अलावा पुलिस ने करीब 1500 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। एक टीम को महाराष्ट्र भेजकर सीरियल किलर को लेकर स्टडी की गई। सभी वारदातों में महिलाओं के गले में फंदा कसा मिलता था सभी वारदात को एक ही तरीके से अंजाम दिया गया था। महिलाओं के गले में फंदा कसा मिला था। शाही क्षेत्र में इसी साल दो जुलाई को शेरगढ़ की अनीता देवी की हत्या भी इसी तरह से की थी। इसके बाद जांच तेज की गई। जांच के आधार पर एसएसपी ने तीन संदिग्धों के स्केच बनवाए। इनमें से एक स्केच आरोपी के हुलिये से हूबहू मिलता है। पुलिस ने शुक्रवार सुबह शाही थाना क्षेत्र के बुझिया माइनर से आरोपी कुलदीप को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद पुलिस की कई टीमों ने उसे घटनास्थलों पर ले जाकर घटना का रीक्रिएशन किया है। एसएसपी अनुराग आर्य शुक्रवार की दोपहर के वक्त पुलिस लाइन सभागार में घटनाओं का खुलासा कर दिया। क्राइम स्पॉट सुनसान जगह या जंगल थे इन वारदातों में एक चीज देखने को मिली कि पहले महिलाओं की हत्या साड़ी या फिर दुपट्टे से गला दबाकर की गई थी। जिन महिलाओं की हत्या अभी तक हुई है उनकी उम्र 40 से 65 वर्ष के बीच रही। इसमें खास बात यह रही कि क्राइम स्पॉट सुनसान जगह या जंगल थे। इसलिए पुलिस ने इन हत्याओं का खुलासा करने के लिए कई टीमें बनाई थी। काफी जांच पड़ताल के बाद पता चला कि इस पूरी घटना में किसी एक व्यक्ति का हाथ है। पुलिस ने मुंबई में इस तरह की वारदात को सॉल्व करने के वाले स्पेशिलिस्ट की मदद ली। तब जाकर सफलता हाथ लगी। आरोपी के कब्जे से मिले लिटिस्टिक व ब्लाउज का कपड़ापूछताछ में आरोपी ने छह घटनाओं को करना स्वीकार किया। उसके पास से जुलाई में की गई अनीता देवी की हत्या का वोटर आईडी कार्ड, लाल रंग की लिपिस्टिक, लाल बिंदी, घटना के समय पहने ब्लाउज का कपड़ा, आनंदपुर निवासी मृतका प्रेमवती और मृतका महमूदन का हसिया, कुल्छा की घटना में मृत धानवती का आधार कार्ड बरामद किया गया।पूछताछ में बताया कि उसकी दो सगी बहनों और मां की मौत हो गई थी। इसके बाद पिता ने दूसरी शादी कर ली। सौतेली मां ने उसे हमेशा पीटा, और उससे नफरत करती थी। इसके बाद शादी हुई तो पत्नी भी छोड़कर चली गई। फिर नशे का आदी हो गया और इधर-उधर घूमने लगो। किसी भी औरत को देखता था तो खून खौल उठता था।
सूबे की नजूल किसी को नहीं क़बूल, विपक्ष  ही नहीं बीजेपी के लोग भी कर रहे इसका विरोध, जानिये क्यों

लखनऊ । यूपी में नजूल की ज़मीनसे जुड़ा एक बिल योगी सरकार  के गले की फांस बन गई है। नजूल यानी वो जमीन का टुकड़ा जिसका कोई वारिस नहीं होता.।ये ज़मीन राज्य सरकार के अधीन आती है और राज्य सरकार अपने विवेक से किसी को लीज़ या पट्टे पर दे सकती है। इसी नजूल की जमीन से जुड़े एक विधेयक का यूपी में जमकर विरोध हो रहा है। विधानसभा से बिल पास होने के बाद नाराजगी जताने वाले बीजेपी विधायकों ने प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और केशव मौर्य से मिलकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी।ऐसा शायद पहली बार हुआ है, जब योगी सरकार के किसी विधेयक को विधानसभा से मंजूरी मिलने के बावजूद विधान परिषद ने प्रस्ताव पास नहीं किया। इस विधेयक का विरोध न सिर्फ विपक्ष कर रहा है, बल्कि खुद बीजेपी के लोग भी इसके खिलाफ हैं। नजूल की जमीनों पर यह होता रहा खेल जानकारी के लिए बता दें कि सरकार का मानना है कि पूर्व की सरकारों में अरबों रुपये की नजूल जमीन को कौड़ियों में फ्रीहोल्ड करने का बड़ा खेल किया जाता रहा है। इसमें लिप्त भू-माफिया से लेकर नेता और नौकरशाह ही जनहित को ढाल बनाकर अपने हितों को साधने के लिए विरोध कर रहे हैं। कानून के लागू होने से न केवल अरबों रुपये की नजूल जमीन का सार्वजनिक हित में इस्तेमाल किया जा सकेगा बल्कि पूर्व में गड़बड़ी कर नजूल जमीन को फ्रीहोल्ड कराने का खेल भी उजागर होगा। यूपी में लगभग 75 हजार एकड़ नजूल जमीन प्रदेश में लगभग 75 हजार एकड़ नजूल जमीन है, जिसकी कीमत दो लाख करोड़ रुपये आंकी गई है। नजूल जमीन पर कब्जे के विवाद भी कम नहीं हैं। कई कीमती व बड़ी जमीनों पर भूमाफिया व रसूखदार लोगों का कब्जा भी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भूमाफिया के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित कराने के लिए चार स्तरीय एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स का गठन किया था। बीते लगभग सवा चार साल में राजस्व व पुलिस विभाग ने भूमाफिया के विरुद्ध अभियान के तहत कार्रवाई है। राजस्व विभाग के आंकड़ों के अनुसार लगभग 1,54,249 एकड़ भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया है। 2,464 कब्जेदारों को चिन्हित कर 187 भूमाफिया को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।इन मामलों में 22,992 राजस्व वाद, 857 सिविल वाद व 4,407 एफआइआर दर्ज कराई गईं। प्रदेश में फर्जी दस्तावेजों व रसूख के बलबूते नजूल भूमि पर कब्जे तथा उसे फ्रीहोल्ड करा लेने का खेल काफी पुराना है। सरकारी जमीनों को सर्किल रेट का केवल 10 प्रतिशत भुगतान कर फ्रीहोल्ड कराने का खेल चलता रहा है। सर्वाधिक नजूल भूमि प्रयागराज, कानपुर, अयोध्या, सुलतानपु, गोंडा व बाराबंकी में हैं। नजूल की जमीनों को फ्रीहोल्ड कराने का सबसे बड़ा केंद्र प्रयागराज रहा है, जहां सिवालि लाइन क्षेत्र की अधिकतर जमीन नजूल की है। इन शहरों में खाली कराई नजूल भूमिलखनऊ के सरोजनीनगर में नजूल भूमि को खाली कराकर फारेंसिक इंस्टीट्यूट स्थापित कराया गया है। यह जमीन भूमाफिया खुर्शीद आगा के कब्जे में थी। वर्ष1955 में 57 एकड़ जमीन एक ट्रैक्टर कंपनी को 10 वर्ष की लीज पर दी गई थी।प्रशासन ने जमीन सरोजनीनगर ब्लाक के पिपरसंड क्षेत्र की ग्राम सभा के नाम दर्ज करा दी थी। वर्ष 2014 में जमीन भूमि माफिया के हाथों में चली गई थी।प्रयागराज के लूकरगंज इलाके में माफिया अतीक अहमद (अब मृत) के कब्जे में रही करोड़ों रुपये कीमत की भूमि को खाली कराकर सरकार ने गरीबों के लिए 76 आवास बनवाए।कानपुर के सिविल लाइन क्षेत्र में माफिया गिरोह ने नजूल की लगभग सात एकड़ भूमि पर कब्जा करने का प्रयास किया। लगभग एक हजार करोड़ रुपये की इस भूमि के अवैध कब्जे को हटवाया गया।स्वतंत्रता से पहले का राजस्व बोर्ड कार्यालय लखनऊ के राणा प्रताप मार्ग पर था। इसे फ्रीहोल्ड कराने को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। पिछले दिनों एलडीए ने इस मामले की जांच शुरू की तो कर्मचारियों की मिलीभगत से इसकी फाइल ही गायब करा दी गई। इन कारणों से विधान परिषद में  लटक गया नजूल बिल योगी सरकार नजूल भूमि विधेयक 2024 को भले ही विधानसभा से पास कराने में कामयाब रही हो, लेकिन बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के कड़े विरोध के चलते विधान परिषद में यह लटक गया है। विधान परिषद के सभापति मानवेंद्र सिंह ने विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजने की मंजूरी दे दी है। इस विधेयक ने सूबे के सियासी तापमान को बढ़ा दिया है। विधेयक के विरोध में विपक्षी दल की नहीं बल्कि सत्तापक्ष की तरफ से भी आवाज उठी।सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ कदमताल करने वाले विधायक रघुराज प्रताप सिंह भी नजूल भूमि विधेयक विरोध में खड़े नजर आए।इतना ही नहीं बीजेपी विधायक हर्षवर्धन वाजपेयी, सिद्धार्थनाथ सिंह के साथ सहयोगी निषाद पार्टी और जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के विधायक भी विरोध में आ गए. बीजेपी विधायकों के विरोध के बावजूद योगी सरकार नजूल बिल को विधानसभा से पास कराने में कामयाब रही, लेकिन विधान परिषद में पेश होने से पहले सियासी नफा-नुकसान का आकलन कर लिया। इसके चलते ही विधान परिषद में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने बिल का विरोध कर दिया और उसे पास नहीं होने दिया। क्या होती है नजूल भूमिनजूल शब्द अरबी भाषा से लिया गया है। सरकार के पास भी जमीन होती है, जिस जमीन को शासकीय जमीन कहा जाता है। इन शासकीय जमीनों में से एक जमीन नजूल जमीन भी होती है। आजादी से पहले अंग्रेजों के विरुद्ध तमाम भारतीयों ने विद्रोह किया था।अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह करने वाले राजा-रजवाड़े या फिर स्वतंत्रता सेनानी जब युद्ध में परास्त हो जाते थे, तो ब्रिटिश सेना उनसे उनकी जमीनें छीन लेती थी। इन जमीन को अंग्रेजी हुकुमत अपने कब्जे में ले लिया करती थी।अंग्रेजी सरकार के खिलाफ लड़ने वाले कई लोग ऐसे थे जो खेती करते थे और उनके पास जमीन होती थी। अंग्रेज उनकी जमीन को राजसात कर लेते थे। ऐसी जमीन को नजूल की जमीन कहा गया।देश को अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद स्वतंत्रता सेनानियों की जमीन से अंग्रेजों का कब्जा छूट गया। स्वतंत्रता के बाद जिन जमीन मालिकों से अंग्रेजों ने जमीन हड़पी थी, वो उनके वारिसों को वापस लौटा दी गई। हालांकि, कई जमीन ऐसी भी थी जिनके वारिस ही नहीं बचे। इसके अलावा बहुत सी ऐसी भी जमीनें थीं जो राजघरानों को दोबारा वापस नहीं दी सकती थी, क्योंकि राजघरानों के पास इन पर अपना स्वामित्व साबित करने के लिए उचित दस्तावेज नहीं थे। यही जमीन नजूल भूमि है। आजादी के बाद ढेरों रियासतों के विलय होने के बाद अलग-अलग राज्यों को नजूल जमीनें सौंप दी गईं। बीजेपी नेताओं को वोट बैंक की चिंतानजूल जमीन पर सालों से रह रहे लोगों को उम्मीद थी कि एक दिन फ्री होल्ड का नया कानून उनके आशियाने के सपने को पूरा करेगा, लेकिन अब योगी सरकार के विधेयक आने के बाद लोगों के आशियाने पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। सुरेश खन्ना ने बिल पेश करते हुए कहा था, पहले की नीतियों के कारण कई तरह के दावे हुए हैं और ये बैंकों पर बोझ बनती चली गई।भूमि की जरूरत को देखते हुए अब इन नीतियों को जारी रखना और जनहित को देखते हुए नजूल जमीन को फ्री होल्ड में बदलने की अनुमति देना उत्तर प्रदेश सरकार के हित में नहीं है। नजूल जमीन पर विधेयक से बीजेपी नेताओं को वोट बैंक की चिंता सताने लगी है. इससे सीधे तौर पर अकेले प्रयागराज के ही 25 हजार परिवार प्रभावित होने की संभावना है तो लखनऊ, मुरादाबाद, सहारनपुर, गोरखपुर, बरेली और आगरा में बड़ी संख्या में नजूल की जमीनें हैं. इसीलिए बीजेपी के विधायक से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक नजूल भूमि बिल के विरोध में उतर गए। विरोध के चलते पीछे हटी थी भाजपादरअसल, पिछले दिनों कड़े विरोध और हंगामे के बीच विधानसभा से पारित उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति (लोक प्रयोजनार्थ प्रबंध और उपयोग) विधेयक-2024 के एक अगस्त को विधान परिषद में पहुंचने पर भाजपा ही उसे पारित कराने से पीछे हट गई।उच्च सदन में भी बहुमत के बावजूद विधेयक को प्रवर समिति को भेजने की मांग के पीछे विपक्ष द्वारा इस कानून को जनविरोधी बताते हुए बड़ा मुद्दा बनाने की धार को कुंद करना था। योगी सरकार से लेकर भाजपा संगठन नहीं चाहता था कि विधानसभा की 10 सीटों के उपचुनाव से पहले विपक्ष को किसी तरह जनता को गुमराह करने का कोई मौका मिले।
शिव राष्ट्र सेना द्वारा पौधा भंडारा एवं एक पौधा परिवार के नाम कार्यक्रम का किया गया आयोजन
गोरखपुर। शिव राष्ट्र सेना द्वारा पौधा भंडारा एवम एक पौधा परिवार के नाम का दूसरा वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें शिव राष्ट्र सेना महानगर की टीम उपस्थित होकर समस्त सम्मानित जनता को पौधा वितरण किया।

शिव राष्ट्र सेना फाउंडेशन इस कार्यक्रम को आयोजित करने का उद्देस्य ये है कि जो लोग पेड़ ख़रीदने को सोचते है लेकिन समय के अभाव को देखते हुए ना ख़रीद पाते है ना लगा पाते है इसी को देखते हुए यह कार्यक्रम आयोजन किया गया। जिससे की सभी जनता को निःशुल्क पौधा मिल सके और जहां वो लगाए उसका संरक्षण कर सके। ऐसे में आज जनता का भरपूर सहयोग मिला और जनता भी काफी उत्साह के पौधा लिया और उसका संरक्षण करने कि भी संकल्प लिया आगे भी शिव राष्ट्र सेना ऐसे ही सामाजिक कार्यक्रम का आयोजन करती रहेगी।

उपस्थित विमलेश शुक्ला, अमन गुप्ता, कृष्णा तिवारी, प्रिंस सर्राफ, राकेश, अमन, अर्जुन वर्मा, विवान वर्मा, रचित, अमन शर्मा आदि लोग उपस्थित थे।
मिशन खिलखिलाहट के अन्तर्गत जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा पुनः अतिकुपोषित बच्चे को लिया गया गोद
              
गोरखपुर। बाल विकास विभाग गोरखपुर की नवीन पहल मिशन खिलखिलाहट के अंतर्गत अतिकुपोषित बच्चों को लगातार अधिकारियों द्वारा गोद  लिया जा रहा है।

मिशन के अंतर्गत जिला कार्यक्रम अधिकारी,  गोरखपुर डॉ अभिनव कुमार मिश्रा द्वारा पुनः एक अतिकुपोषित बच्चे को गोद लिया गया है। आंगनबाड़ी केन्द्र-महुईसुघर के 01 वर्ष 02 माह के अतिकुपोषित बच्चे रुद्र को गोद लेते हुए उनके द्वारा बच्चे के घर भ्रमण कर उसकी वजन/लंबाई का मापन लिया गया तथा पोषण पोटली प्रदान की गई।

इसके साथ ही उनके द्वारा बच्चे के अभिभावक को संतुलित आहार, स्वच्छता एवं साफ सफाई टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच आदि के बारे में जानकारी दी गईI  उन्होंने बताया कि संतुलित आहार, स्वच्छता एवं साफ सफाई तथा सही मार्गदर्शन से कुपोषण को रोका जा सकता है और बच्चों के स्वस्थ विकास को सुनिश्चित किया जा सकता है।

इस दिशा में उठाए गए कदम न केवल बच्चों के वर्तमान स्वास्थ्य को बेहतर बनाएंगे, बल्कि उनके भविष्य को भी उज्ज्वल बनाएंगे। डॉ अभिनव कुमार मिश्र द्वारा प्रत्येक सप्ताह मॉनिटरिंग कर रुद्र को शीघ्र ही कुपोषण मुक्त किया जाएगाI पूर्व में डीपीओ द्वारा सिविल लाइंस निवासी लाभार्थी परी को गोद लिया गया था जो कुपोषण मुक्त हो गई । जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ अभिनव मिश्रा ने बताया कि मिशन खिलखिलाहट मुख्य विकास अधिकारी संजय मीना के निर्देशन में शुरू किया गया पहल है जिसके अन्तर्गत विभागीय सेवाओं के अलावा अतिकुपोषित बच्चों पर व्यक्तिगत ध्यान देते हुए उन्हें कुपोषण मुक्त करने की कोशिश पहल है जिसमें कुपोषित बचपन से उन्हें मुक्ति दिलाकर उनकी खिलखिलाहट को बरकरार करने का प्रयास है.
सपा महिला सभा के प्रतिनिधिमंडल ने आत्मदाह पीड़िता से अस्पताल में मिलकर जाना हालचाल


लखनऊ। राजधानी लखनऊ में न्याय के लिए पहुंची महिला अंजलि जाटव ने आत्मदाह कर लिया। महिला का लगभग एक वर्ष का बच्चा है। इस संवेदनशील मामले की जानकारी पर मंगलवार को अस्पताल में भर्ती पीड़ित महिला से मिलने सपा महिला सभा का एक प्रतिनिधिमंडल पहुंचा। आत्मदाह का प्रयास करने वाली महिला की हालत नाजुक बताई गई है।



महिला अंजलि आज लगभग एक वर्ष के बच्चे के साथ उन्नाव से लखनऊ पहुंची। यहां पर उसने जनता दरबार में फरियादियों की सुनवाई के बाद बाहर निकली और फिर संदिग्ध परिस्थितयों में आत्मदाह कर लिया। मौके पर मौजूद पुलिस ने आग बुझाते हुए महिला को उपचार के लिए अस्पताल भिजवाया। इस बीच सड़क पर रो रहे बच्चे का पुलिस कर्मियों ने अपनी हिफाजत में लेते हुए पूरे प्रकरण की जांच करते हुए कार्रवाई शुरू कर दी। इस प्रकरण को लेकर सपा महिला सभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष जूही सिंह ने नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने सिविल हॉस्पिटल, केजीएमयू ट्राम सेंटर के बर्न यूनिट पहुंचा। यहां पर महिला का हालचाल लिया। डॉक्टरों ने महिला की हालत गंभीर बताई।


पीड़िता काे लेकर जूही सिंह ने बताया कि महिला की हालत गंभीर बनी हुई है। यह घटना भाजपा सरकार का महिलाओं के प्रति उनकी संवेनहीनता को दृर्शाता है। महिला अपराधों पर सरकार गंभीर नहीं है। अगर महिला को पहले ही न्याय मिल गया होता तो उसे आज लखनऊ आकर आत्मदाह जैसा कदम उठाने की नौबत तक नहीं पहुंचना पड़ता।प्रतिनिधिमंडल में रीबू श्रीवास्तव प्रदेश अध्यक्ष महिला सभा, नाहिद लारी खान प्रवक्ता, पूजा शुक्ला पूर्व प्रत्याशी लखनऊ उत्तर विधान सभा, शकील नदवी प्रदेश अध्यक्ष अल्पसंख्यक सभा, अनीता श्रीवास्तव, ममता शर्मा, लता जायसवाल, सलमा, शबनम, शबीना खान, मुन्नी पाल, विजय लक्ष्मी, रीना कौर शामिल रहीं।
यूपी पुलिस साइबर क्राइम की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए दृढ़ संकल्पित: पुलिस महानिदेशक

लखनऊ। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने मंगलवार को कहा कि साइबर क्राइम एक ऐसा क्षेत्र है, जिसने पिछले कुछ वर्षों में विकराल रूप धारण कर लिया है। इसे रोकना एक बड़ी चुनौती है। इससे निजात पाने के लिए उपभोक्ता या डिजिटल लेन-देन वाले संस्थानों को भी सचेत रहने की आवश्यकता है। यूपी पुलिस साइबर क्राइम से लड़ने और साइबर क्राइम की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
डीजीपी ने गोमतीनगर विस्तार स्थित पुलिस मुख्यालय में भारतीय स्टेट बैंक द्वारा साइबर ठगी के प्रति चलाये जा रहे साइबर सुरक्षा जागरूकता पखवाड़ा का शुभारम्भ एवं साइबर सुरक्षा बुकलेट का विमोचन किया। साथ ही साथ जागरूकता के लिए लखनऊ, बरेली, प्रयागराज, कानपुर, वाराणसी और गोरखपुर मंडलों के लिए भेजी जाने वाली छह प्रचार वाहनों को हरी झंडी देकर रवाना किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग के साथ-साथ स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया ने आम जनता को जागरूक करने का जो तरीका अपनाया है, वह सराहनीय है। जागरूकता का माध्यम वही होना चहिये जो आम जनता की समझ में आये। प्रदेश सरकार इस चुनौती से निपटने के लिए निरन्तर सार्थक प्रयास कर रही है। इसी उद्देश्य से प्रदेश के सभी जिलों में साइबर थाने खोले गये और साइबर हेल्प डेस्क बनाई गई।
सीएम योगी ने अयोध्या के विकास कार्यों एवं कानून व्यवस्था को लेकर की समीक्षा बैठक, बोले- संवाद एवं समन्वय से समस्याओं का निराकरण करें अफसर

अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सभी अधिकारी जनप्रतिनिधियों एवं जनपदवासियों के साथ समन्वय बनाकर कार्य करें और समस्याओं का निराकरण संवाद एवं समन्वय से करें। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि अयोध्या के नगरीय एवं शहरी क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति 24 घंटे सुनिश्चित करायें तथा जहां भी ट्रांसफॉर्मर के जलने/खराब होने की शिकायत मिले, उसे यथाशीघ्र ठीक करायें। उक्त बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहीं। उन्होंने मंगलवार को आयुक्त सभागार में अयोध्या के विकास कार्यों व कानून व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक की।

मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों की सुनीं समस्याएं, निराकरण का निर्देश

सीएम योगी आदित्यनाथ ने जनप्रतिनिधियों की समस्याएं सुनीं। रुदौली के विधायक ने आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज के निर्माण कार्य व आईटीआई मवई के संचालन के बारे में अपनी बात रखी। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयुक्त व जिलाधिकारी सहित सम्बंधित विभाग के अधिकारियों को कार्यवाही के निर्देश दिये। बैठक में वाहनों की पार्किंग से जुड़े मुद्दे पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बनाए गए पार्किंग स्थलों को पूरी क्षमता से संचालित किया जाय। मेला/उत्सव आदि के दौरान आवश्यकता पड़ने पर अस्थायी पार्किंग की व्यवस्था के भी इंतजाम हों।

यातायात व्यवस्था सुदृढ़ करने के भी दिए निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं साधु-संतों व आम नागरिकों को धार्मिक नगरी अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं को कम से कम पैदल चलना पड़े, इसके लिए ई-कार्ट, ई-बस आदि की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए। यातायात व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए रूट व रंगों के आधार पर अलग-अलग उसका विभाजन किया जाय। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुंडों के जीर्णोद्धार के कार्यों में पुरानी पद्धति का इस्तेमाल करें और जल शोधन करते हुये जल को शुद्ध रखें।

मुख्यमंत्री ने ट्रामा सेंटर के लिए भूमि चिह्नित करने को कहा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में आपातकालीन चिकित्सा सुविधा के लिए हॉस्पिटल कम ट्रामा सेंटर के लिए भूमि चिह्नित करने का प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया, जिससे आम नागरिकों को अयोध्या में ही ट्रामा सेन्टर की सुविधा उपलब्ध हो सके। मुख्यमंत्री ने रोजगार सृजन के लिए सभी उद्योगों एवं इंडस्ट्रियों में रोजगार परक कार्यक्रम का आयोजन कराने के निर्देश दिये।
कार्यों की नियमित होती रहे समीक्षा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पर्यटन समेत अन्य विभागों द्वारा कराए जा रहे कार्यों की गुणवत्ता के समय-समय पर निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित हो कि कार्यदायी संस्थाएं निर्धारित समयावधि में कार्य को पूरा कर लें। राजस्व विभाग की समीक्षा करते हुये सीएम ने कहा कि सरकारी कार्यालय यथा-राजस्व, पुलिस, थानों में कोई भी प्राइवेट कर्मी कार्य करता न मिले, ऐसा पाया जाता है तो उसके विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जाय।

मुख्यमंत्री ने ग्रीन फंड के लोगो का किया शुभारंभ

सीएम योगी ने कहा कि राजस्व वादों की समीक्षा प्रतिदिन जिला स्तर पर की जाए। थाने में आने वाली शिकायतों का उच्चाधिकारियों द्वारा नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए। सीएम ने जिलाधिकारी को सभी अपर जिलाधिकारियों व उपजिलाधिकारियों के साथ नियमित समीक्षा करते हुये राजस्व वादों का निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिन-जिन मार्गो पर जलनिगम, पीडब्लूडी, नगर निगम, विकास प्राधिकरण आदि द्वारा कार्य कराये जा रहे हैं, उनका नियमित निरीक्षण प्रशासन द्वारा किया जाय।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा ग्रीन फंड के लोगो तथा अयोध्या जी तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद की वेबसाइट का विमोचन किया। साथ ही अयोध्या के 1000वें होम स्टे को प्रमाण पत्र प्रदान किया।

आयुक्त ने जनपद में हो रहे विकास कार्यों से जुड़ी जानकारी दी आयुक्त गौरव दयाल ने बताया कि जनपद में कुल 241 क्रियात्मक परियोजनाएं है, जिसकी कुल लागत 31,153.19 करोड़ है जिसमें 38 कार्यकारी विभाग सम्मिलित है। उन्होंने बताया कि प्राथमिक योजनाओं में कुल 103 क्रियात्मक परियोजनाएं है। जिनकी लागत 22,321.12 करोड़ है, जिसमें 30 कार्यकारी विभाग कार्य कर रहे हैं। आयुक्त ने पंचकोसी, 14 कोसी परिक्रमा मार्ग, फोरलेन चौड़ीकरण, विस्तारीकरण कार्य समेत अयोध्या में कराए जा रहे विकास कार्यों के बारे में जानकारी दी।बैठक में कृषि मंत्री/जनपद प्रभारी सूर्यप्रताप शाही, महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी, जिला पंचायत अध्यक्ष रोली सिंह, विधायक सदर वेद प्रकाश गुप्ता, बीकापुर डॉ. अमित सिंह चैहान, रूदौली विधायक रामचंद्र यादव समेत अनेक जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी मौजूद रहे।