वायनाड पहुंचे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी, लैंडस्लाइड पीड़ितों से की मुलाकात
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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा आज वायनाड पहुंचे। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वायनाड में आते ही सबसे पहले भूस्खलन से प्रभावित परिवारों से मुलाकात किया। पहले दोनों नेता बुधवार को वायनाड आने वाले थे, लेकिन खराब मौसम के कारण उन्हें अपना यह कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा। बारिश के बीच ब्लू रेनकोट पहने राहुल गांधी ने सेना की जवानों के साथ चूरलमाला का दौरा किया। बता दें कि वायनाड में भूस्खलन से 256 लोगों की मौत हुई है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के साथ उनकी बहन और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने वायनाड के मेप्पाडी सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में राहत शिविर का दौरा कर लोगों से मुलाकात की। मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा कि यह वायनाड, केरल और पूरे देश के लिए एक भयानक त्रासदी है। हम यहां स्थिति देखने आए हैं। यह देखना दुखद है कि कितने लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों और अपने घरों को खो दिया है। हम मदद करने की कोशिश करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि बचे हुए लोगों को उनका हक मिले। उन्होंने कहा कि यह त्रासदी मेरे लिए पिता को खोने जैसा है। उन्होंने इसे राष्ट्रीय आपदा करार दिया।
वहीं, राहुल गांधी ने फेसबुक पोस्ट पर कहा कि त्रासदी के इन दृश्यों को देखकर मेरा दिल बहुत दुखी है। इस मुश्किल समय में, प्रियंका और मैं वायनाड के लोगों के साथ खड़े हैं। हम राहत, बचाव और पुनर्वास प्रयासों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाए। यूडीएफ हर संभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भूस्खलन और प्राकृतिक आपदाओं की बार-बार होने वाली घटनाएं बेहद चिंताजनक हैंय एक व्यापक कार्य योजना की तत्काल आवश्यकता है।
बता दें कि राहुल गांधी ने पिछली लोकसभा में वायनाड का प्रतिनिधित्व किया था। इस बार के लोकसभा चुनाव में भी वह रायबरेली के साथ वायनाड से निर्वाचित हुए थे, लेकिन उन्होंने केरल में आने वाले संसदीय क्षेत्र से इस्तीफा दे दिया। अब वायनाड से उपचुनाव में उनकी बहन प्रियंका गांधी वाद्रा कांग्रेस की उम्मीदवार होंगी।
वायनाड जिले में मंगलवार (30 जुलाई) की सुबह मूसलाधार बारिश के कारण बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन ने मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा बस्तियों को प्रभावित किया, जिसमें अब तक महिलाओं और बच्चों सहित 256 लोगों की मौत हो चुकी है। फिलहाल, सेना ने अब तक 1000 लोगों को रेस्क्यू कर लिया है।
Aug 01 2024, 19:42