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मुख्यमंत्री ने किया तीन एसडीएम कार्यालय और दो थाना कार्यालय का लोकार्पण, नवीन तहसील कार्यालय जगदलपुर का जीर्णोद्धार कार्य का भी लोकार्पण

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज बस्तर जिले के प्रवास के दौरान दन्तेश्वरी कन्या कॉलेज के सामने नवीन राजस्व कार्यालय परिसर में 48 - 48.लाख की लागत से निर्मित तीन अनुविभागीय दण्डाधिकारी कार्यालय जगदलपुर, तोकापाल और लोहण्डीगुड़ा तथा 250-250 लाख की लागत से निर्मित लोहण्डीगुड़ा और बुरगुम थाना का लोकार्पण किया।

नवीन अनुविभागीय कार्यालय के खुलने से राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए जगदलपुर के लगभग तीन लाख, तोकापाल के लगभग दो लाख 65 हजार और लोहण्डीगुड़ा के लगभग एक लाख आबादी को सुविधा मिलेगी। इससे पहले जगदलपुर का एसडीएम कार्यालय संयुक्त कार्यालय में संचालित किया जाता था, इसी प्रकार तोकापाल और लोहण्डीगुड़ा का अनुविभागीय कार्यालय तहसील कार्यालय परिसर में संचालित होता था। नवीन थाना भवनों के निर्माण से क्षेत्र की पुलिसिंग व्यवस्था को भी लाभ होगा।

मुख्यमंत्री ने राजस्व कार्यालय परिसर में 66.49 लाख की लागत से नवीन तहसील कार्यालय जगदलपुर का जीर्णोद्धार कार्य का लोकार्पण किया। इस तहसील कार्यालय में जगदलपुर और नजूल न्यायालय के साथ-साथ फ्रेजरपुर, कुरुंदी, मार्केल का न्यायालय नायब तहसीलदार भी बनाया गया है। पूर्व में यह तहसील कार्यालय अपने पुराने भवन में संचालित की जा रही थी, न्यायालयों का विस्तार होने से पुराने भवन में जगह की दिक्कत और जनता की सहूलियत की दृष्टिकोण से नए जगह पर स्थानांतरित किया गया है। पुराने तहसील भवन को बस्तर दशहरा में शामिल होने वाले देवी-देवताओं और उनके सेवादारों के ठहरने के लिए हेरिटेज ग्राउंड के रूप में विकसित किया जा रहा है।

लोकार्पण के अवसर पर वन मंत्री केदार कश्यप, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाडे, सांसद बस्तर महेश कश्यप,जगदलपुर विधायक किरणदेव, विधायक चित्रकोट विनायक गोयल, महापौर सफीरा साहू, कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी सुंदरराज पी., कलेक्टर विजय दयाराम के., पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा सहित अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।

पेरिस ओलंपिक में छत्तीसगढ़ से एक भी खिलाड़ी नहीं : खेल विशेषज्ञ बोले – अंधोसंरचना और इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी से खिलाड़ियों का नहीं हो रहा चयन

रायपुर-    पेरिस ओलंपिक 2024 का आगाज हो गया है. इस ओलंपिक में भारत की 26वीं उपस्थिति है, जिसमें देशभर से 139 खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे. वहीं छत्तीसगढ़ से एक भी खिलाड़ियों का चयन नहीं होने से खिलाड़ियों में निराशा है. पिछले कई सालों से खिलाड़ी मेहनत कर रहे पर चयन नहीं हो रहा. खेल विशेषज्ञ का कहना है कि छत्तीसगढ़ अंधोसंरचना और इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के चलते यहां के खिलाड़ियों का चयन नहीं हो रहा.

छत्तीसगढ़ राज्य बने 24 साल हो चुके हैं, मगर विडंबना ऐसी है कि हमारे राज्य के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर ही कुछ एक मेडल ला रहे हैं. ऐसे में ओलम्पिक में जाने का सपना कोसो दूर दिखाई देता है. ऐसा नहीं है कि हमारे प्रदेश के खिलाड़ियों में काबिलियत की कमी है. उचित संसाधन और खेलों में राजनीति होने से प्रदेश के खिलाड़ियों का ओलंपिक में मेडल जीतने का सपना केवल सपना ही रह गया है.

ओलम्पिक में मेडल जीतने का सपना संजोए अंतराष्ट्रीय वेटलिफ्टर अजय दीप सारंग ने बताया कि बहुत मेहनत की थी. मेरे पिताजी ने भी मुझे लेकर बहुत मेहनत की थी. कहीं ना कहीं उस समय जागरूकता की कमी थी. 2012 ओलंपिक में क्वालीफिकेशन राउंड में बड़े भाई रुस्तम सारंग बेहतर प्रदर्शन कर रहे थे, उस समय हमको क्वालिफिकेशन का सिस्टम नहीं मालूम था इसलिए हम शुरू से एक निगेटिविटी में चल रहे थे. क्वालीफिकेशन राउंड समझ में आया तब हमको पता चला कि हमारा भी मौका था. थोड़ा मौका और हम बना लेते तो आज हम ओलंपिक में जरूर होते.

ओलंपिक में खिलाड़ियों का चयन नहीं होना कांग्रेस सरकार की देन : टंकराम

छत्तीसगढ़ से एक भी एकल खिलाड़ी को ओलंपिक में जाने का अवसर नहीं मिला है. इस मामले में छत्तीसगढ़ के खेल मंत्री टंक राम वर्मा ने पूर्ववर्ती सरकार को घेरते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ से एक भी खिलाड़ी ओलंपिक में नहीं गया. इसका कारण यही है कि पिछली सरकार ने कुछ नहीं किया है, जिसके कारण हमारा कोई भी खिलाड़ी वहां नहीं पहुंच पाया है. अभी हम लोग नए सिरे से मेहनत कर रहे हैं. आने वाले समय में हमारा खिलाड़ी ओलंपिक में जरूर जाएगा.

जानिए किस राज्य से कितने खिलाड़ी लेंगे ओलंपिक में हिस्सा

ओलंपिक में देशभर में कुल 139 खिलाड़ियों का चयन हुआ है. हरियाणा 24, पंजाब 19, तमिलनाडु 13, कर्नाटक 7, उत्तरप्रदेश 7, केरल 6, महाराष्ट्र 5, उत्तराखंड 4, दिल्ली 4, आंध्रप्रदेश 4, तेलंगाना 4, पश्चिम, बंगाल 3, चंडीगढ़ 2, गुजरात 2, ओडिशा 2, राजस्थान 2, मणिपुर 2, मध्य प्रदेश 2, असम 1, बिहार 1, गोवा 1, झारखंड 1, सिक्किम से 1 खिलाड़ियों का चयन ओलंपिक में हुआ है.

छत्तीसगढ़ में अंधोसंरचना और इंफ्राट्रक्चर की कमी : खेल विशेषज्ञ

छत्तीसगढ़ के खेल विशेषज्ञ की माने तो छत्तीसगढ़ में अंधोसंरचना और इंफ्राट्रक्चर की कमी है. इसके चलते छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को अच्छा प्रशिक्षण नहीं मिल पाता है. वरिष्ठ खेल विशेषज्ञ जसवंत कुमार क्लॉडियस ने कहा कि ओलंपिक में 28 खेल होते हैं. छत्तीसगढ़ में खेल प्रशिक्षक, इंफ्रास्ट्रक्चर, अधोसंरचना की कमी है. इसी वजह से छत्तीसगढ़ के जो खिलाड़ी हैं वे नहीं निकल पाए. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने के बाद ही खेलों में खिलाड़ियों को अवसर दिया जाता है. दुर्भाग्य की बात है कि छत्तीसगढ़ से ऐसा कोई खिलाड़ी नहीं निकल पाया है. छत्तीसगढ़ से एकमात्र खिलाड़ी रेणुका यादव हॉकी की महिला खिलाड़ी थी, जिन्होंने 2016 में ओलंपिक खेल में भाग लिया था.

खेलों के लिए इस वित्तीय वर्ष में सैकड़ों करोड़ का बजट जारी

छत्तीसगढ़ में खेल विभाग के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 90 करोड़ और अनपूरक बजट में 24 करोड़ का प्रावधान है. इस वित्तीय वर्ष में 114 करोड़ का बजट रखा गया है. साथ ही अधोसंरचना के तहत केंद्र से भी राशि का प्रावधान है. कई उद्योगों ने खेल संघों को गोद लिया है. बावजूद इसके खिलाड़ी राष्ट्रीय स्पर्धाओं से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं.

नगरीय निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस के सम्मेलन पर डिप्टी सीएम अरुण साव का तंज, कहा- 

रायपुर- नगरीय निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस के सम्मेलन पर डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा सभी राजनीतिक दलों को चुनाव की तैयारी करने का अधिकार है. कांग्रेस का जो हश्र विधानसभा और लोकसभा में हुआ है, वही हश्र आने वाले चुनाव में भी होगा. कांग्रेस का जनहित से कोई सरोकार नहीं है, वह अपने स्वार्थ के लिए राजनीति करते हैं. 

कांग्रेस द्वारा लखेश्वर बघेल को उपनेता प्रतिपक्ष बनाने की कवायद पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि किसको क्या बनाएंगे कांग्रेस का मामला है. जनता में कांग्रेस के प्रति विश्वास खत्म हो गई है. कांग्रेस जनहित, प्रदेश हित और देश हित से दूर जा चुकी है.

CGPSC ने बनाया मोबाइल एप

वहीं यूपीएससी के तर्ज पर सीजीपीएससी द्वारा तैयार किए गए मोबाइल एप के जरिए ऑनलाइन फार्म भरे जाने पर अरुण साव ने कहा कि एक समिति बनाई गई है. छत्तीसगढ़ पीएससी की परीक्षा पारदर्शी हो, निष्पक्ष हो उसके लिए यह कमेटी बनाई गई है. कमेटी का रिपोर्ट आनी बाकी है. आधुनिक तकनीक के माध्यम से भी पारदर्शिता निष्पक्षता लेकर आना है. हमारी सरकार उस पर विचार कर रही है.

‘महतारी’ के लिए भी बनेगा एप

महतारी वंदन योजना की आज 6वीं किस्त जारी होगी. योजना की बेहतरी के लिए एप भी लॉन्च होगा. इस पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ के माता-बहनों को राखी के उपहार स्वरूप आज महतारी वंदन योजना की छठवीं किस्त जारी होगी. 1 तारीख को राशि जारी करना साय सरकार की माता-बहनों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है. महतारी एप का भी लॉन्च करने वाले हैं, उसका भी फायदा मिलेगा.

समाधान शिविरों की हो रही मॉनिटरिंग

बिलासपुर दौरे पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव जनसमस्या निवारण पखवाड़े में शामिल होंगे. इस संबंध में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि जनसमस्या निवारण पखवाड़े में शामिल होना है. राशन कार्ड, बिजली, पानी, आयुष्मान कार्ड और अन्य समस्या का समाधान किया जा रहा है. कई जगहों पर चिकित्सकीय जांच भी हो रही है. हम कोशिश कर रहे हैं कि ज्यादातर समस्याओं का समाधान शिविर पर हो. इसके लिए हम प्रदेश स्तर पर मॉनिटरिंग कर रहे हैं.

प्रदेशवासियों को दी ‘हरेली’ की बधाई

इसके साथ ही हरेली त्योहार उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बधाई देते हुए कहा कि हमारा देश पर्व और त्योहारों का देश है. छत्तीसगढ़ में पहला त्योहार हरेली से शुरू होता है. प्रदेश वासियों को हरेली की बधाई. किसान की फसल लहलहाए, किसान खुशहाल हो, ऐसी कामना करता हूं.

विद्युत दरों बढ़ोतरी से लगा झटका, मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन ने मांगी सब्सिडी के साथ विद्युत शुल्क में कटौती…
रायपुर- वर्तमान में अचानक हुई विद्युत दरों के वृद्धि से प्रदेश के स्टील उद्योगों को तगड़ा झटका लगा है. इससे छत्तीसगढ़ में लौह बनाने की कीमत काफी बढ़ गई है. स्थिति को देखते हुए छत्तीसगढ़ मिनी स्टील प्लांट एसोएिशन ने राज्य सरकार से पांच सालों के लिए 1.40 रुपए की अनुदान के साथ 15 सालों के लिए 8 प्रतिशत विद्युत शुल्क (Electricity Duty) को 0 करने की मांग की है.


छत्तीसगढ़ मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन के महासचिव मनीष धुप्पड़ ने विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि छत्तीसगढ़ में लगभग 600 स्टील उद्योग है, जो लगभग 40 प्रतिशत खपत के साथ छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल के सबसे बड़े उपभोक्ता हैं. उद्योग प्रतिवर्ष लगभग 1100 करोड़ यूनिट खपत करता है, जिससे छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल को प्रतिवर्ष लगभग 7700 करोड़ रुपए का सबसे अधिक राजस्व मिलता है.

उन्होंने बताया कि केवल विद्युत खपत के लिहाज से ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ का लौह उद्योग जीएसटी टैक्स के माध्यम से राज्य शासन एवं भारत सरकार प्रति वर्ष लगभग 9 हजार करोड़ से अधिक राजस्व प्रदान करता है. इसके साथ यह उद्योग लगभग ढाई से तीन लाख परिवारों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करता है. छत्तीसगढ़ के मिनी स्टील प्लांट उद्योग 105 स्पंज आयरन एवं 220 रोलिंग मिलों की बीच की कड़ी है.

छत्तीसगढ़ मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन के महासचिव मनीष धुप्पड़ ने भारत के प्रमुख स्टील उत्पादक राज्यों की बिजली दरें का बिल प्रदर्शित करते हुए बताया कि ओडिशा में जहां 5.13 रुपए चार्ज किया जा रहा है, तो वहीं जिंदल पार्क रायगढ़ द्वारा 5.00 रुपए, पंजाब 5.44 रुपए और दामोदर वेल्ली पश्चिम बंगाल द्वारा 5.99 रुपए प्रति यूनिट चार्ज किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि हमारा तैयार माल एवं अन्य राज्यों का तैयार माल एक रूपण है, लेकिन विद्युत दरों में बढ़ोतरी से अन्य राज्यों की तुलना में हमारे माल की लागत काफी बढ़ गई है, और अन्य राज्यों के माल सस्ती दरों पर दूसरे राज्यों में विक्रय किया जा रहा है. भारी नुकसान और आर्थिक तंगी के बीच छत्तीसगढ़ के लौह उद्योग के ऊपर गहरा संकट आ गया है.

छत्तीसगढ़ मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन ने छत्तीसगढ़ शासन से मांग की है कि जल्द से जल्द छत्तीसगढ़ के लौह उद्योगों को पूर्व की भांति 1.40 रुपए का अनुदान और 8 प्रतिशत विद्युत शुल्क में छूट दी जाए, जिससे छत्तीसगढ़ लौह उद्योग पुनः राज्य की अग्रणी विकास में अपनी महती भूमिका निभा सके. इसके साथ ही राज्य के बजट में जीएसटी लगभग 9000 करोड़ और छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी को 7700 करोड़ के अपना योगदान पूर्व की भांति प्रदान करता रहे.
मंत्री सुनेंगे कार्यकर्ताओं और नागरिकों की समस्या… 2 अगस्त से फिर शुरू होगा भाजपा का सहयोग केंद्र

रायपुर- छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद प्रदेश भाजपा ने बोरियाकला स्थित भाजपा मुख्यालय (कुशाभाऊ ठाकरे परिसर) में भाजपा कार्यकर्ताओं और नागरिकों की समस्याओं के निराकरण के लिए सहयोग केंद्र की स्थापना की थी. यह सहयोग केंद्र शुरुआत में 15 दिनों तक संचालित हुआ, लेकिन लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते दो महीने बंद रहा.

लोकसभा चुनाव के बाद पुनः सहयोग केंद्र जुलाई में प्रारंभ हुआ, जो गत 9 जुलाई से बंद था. भाजपा का सहयोग केंद्र अब 2 अगस्त से फिर शुरू होने जा रहा है. भाजपा के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने बताया कि 2 अगस्त को स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल मौजूद रहेंगे. जो भाजपा कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों की समस्याओं के निदान व केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं से अधिकतम लोगों को लाभांवित करेंगे.

हाईकोर्ट से सिम्स के कर्मचारियों को राहत, एकतरफा कार्यमुक्ति पर लगाई रोक, काम करने की दी छूट
बिलासपुर- सिम्स (सिम्स) की नर्सों और अन्य कर्मचारियों को एकतरफा कार्यमुक्त किए जाने के मामले में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने उन्हें सिम्स में ही कार्यरत रहने और उपस्थिति देने के साथ ही शासन को नोटिस जारी कर जवाब देने के निर्देश दिए हैं।

दरअसल, सिम्स की कर्मचारी गीता हालदार, दमयंती कश्यप, शारदा यादव, और वी लक्ष्मी राव वर्ष 2001 से भी पूर्व से यहां अपनी सेवाएं दे रही हैं। वर्ष 2001 में सिम्स की स्थापना के समय उन्हें गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में प्रतिनियुक्ति पर माना गया, जबकि उनकी मंशा नहीं पूछी गई। वर्ष 2006 में सिम्स को पुनः शासन ने अधिग्रहित कर लिया और याचिकाकर्ताओं की सेवाएं संचालक, चिकित्सा शिक्षा में पुनः प्रतिनियुक्ति पर दे दी गईं। तब से याचिकाकर्ता सिम्स में ही निरंतर सेवाएं दे रही हैं।

बता दें कि 28 जून 2024 को सिम्स प्रशासन ने अचानक याचिकाकर्ताओं को कार्यमुक्त कर दिया और उन्हें मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में कार्यभार लेने का आदेश दिया। दूसरी ओर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने इन कर्मचारियों को ज्वाइनिंग देने से इस आधार पर मना कर दिया कि उन्हें ऐसा कोई आदेश शासन से प्राप्त नहीं हुआ है।

इस आदेश से क्षुब्ध होकर कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में उन्होंने आरोप लगाया कि सिम्स प्रशासन ने सर्विस लॉ का पालन नहीं किया है और उनकी मंशा जाने बिना उन्हें एक विभाग से दूसरे विभाग में स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया, जो कि फंडामेंटल रूल्स के विपरीत है और कर्मचारियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन है। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को सिम्स में ही कार्यरत रहने और उपस्थिति देने का निर्देश देते हुए शासन को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है।

छत्तीसगढ़ के सभी सरकारी स्कूलों में भी होगी पेरेंट-टीचर मीटिंग, स्‍कूल शिक्षा सचिव ने सभी कलेक्टरों को जारी किए निर्देश
रायपुर- छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में अब प्राइवेट स्कूलों की तरह नियमित रूप से पैरेंट-टीचर मीटिंग (PTM) आयोजित की जाएगी। राज्य के स्कूल शिक्षा सचिव, सिद्धार्थ कोमल परेदशी ने इस संबंध में सभी कलेक्टरों को निर्देशित करते हुए एक पत्र जारी किया है। जिसके मुताबिक, शैक्षणिक सत्र 2024-25 के दौरान मेगा पैरेंट-टीचर मीटिंग का आयोजन 6 अगस्त 2024 को संकुल (Cluster) स्तर पर किया जाएगा।


स्कूल शिक्षा सचिव, सिद्धार्थ कोमल परेदशी द्वारा सभी कलेक्टरों को जारी किये गए पत्र के अनुसार, प्रत्येक संकुल में बैठक के पूर्व तैयारियों को सुनिश्चित करने और जिला स्तरीय टीम द्वारा भौतिक निरीक्षण कराने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक के दौरान, 12 निर्धारित मुद्दों पर चर्चा की जाएगी और शिक्षकों का चिन्हांकन कर उनका उन्मुखीकरण कराया जाएगा, ताकि वे पालकों को सही जानकारी प्रदान कर सकें।

बैठक के दौरान शिक्षक, शासन द्वारा संचालित विद्यार्थी हितग्राही योजनाओं की जानकारी देंगे, ताकि पालक और विद्यार्थियों को योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके। इसके साथ ही, शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन हेतु राज्य में संचालित विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी भी प्रदान की जाएगी। बैठक में केवल शिक्षक और पालक ही शामिल होंगे। विद्यालयों में अध्यापन कार्य सुचारू रूप से चलता रहेगा और आधे शिक्षक बैठक में तथा आधे शिक्षक शैक्षणिक कार्य में व्यस्त रहेंगे। शाला विकास समिति के सदस्यों और जनप्रतिनिधियों को भी बैठक में आमंत्रित किया जाएगा। साथ ही, काउंसलर और शिक्षाविदों को भी बैठक में आमंत्रित किया जाएगा ताकि पालकों को श्रेष्ठ पालकत्व की ओर अग्रसर होने में सहायता मिल सके। बैठक की निगरानी जिला स्तर पर एक दल द्वारा अनिवार्य रूप से की जाएगी।

देखें आदेश –
मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय बालगंगाधर तिलक की पुण्यतिथि पर किया नमन
रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं समाज सुधारक बालगंगाधर तिलक की 01 अगस्त को पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि तिलक जी ने ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है‘ के प्रेरणादायक उद्घोष के साथ सबसे पहले पूर्ण स्वराज की मांग उठाई। इससे आम जनता में देश की स्वतंत्रता के लिए जागरूकता का संचार हुआ। जनता को देश प्रेम एवं अन्याय के विरूद्ध संगठित करने के लिए उन्होंने सार्वजनिक गणेश उत्सव और शिवाजी उत्सव की शुरूआत की। देश के स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा।
बजट में 6922 करोड़ मिलने पर सांसद संतोष पांडेय ने रेल मंत्री का जताया आभार, कहा –

रायपुर-   लोकसभा के बजट सत्र में राजनांदगांव लोकसभा सांसद संतोष पाण्डेय ने रेल के क्षेत्र में विकास के लिए छत्तीसगढ़ को प्राप्त 6922 करोड़ के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया. सांसद पाण्डेय ने कहा कि साल 2009 में छत्तीसगढ़ राज्य को दक्षिण पूर्व मध्य रेल के माध्यम केन्द्रीय बजट में मात्र 311 करोड़ की राशि प्राप्त हुई, जबकि साल 2024 में 6922 करोड़ प्राप्त हुए हैं. बजट में 22 गुना वृद्धि कर रेल के क्षेत्र में विकास को गति प्रदान करने में केंद्र की मोदी सरकार हमेशा से प्रतिबद्ध रही है.

उन्होंने आगे बताया कि राज्य के 32 रेलवे स्टेशन को अमृत स्टेशन योजना में शामिल कर नवीनीकरण व उन्नयन का कार्य जारी है. साथ ही 37018 करोड़ की लागत से 25 नयी रेल परियोजनाओ पर कार्य जारी है. छत्तीसगढ़ में 141 ओवरब्रिज व अंडर ब्रिज का निर्माण किया गया है, जिसमें से 14 राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र से हैं.

डोंगरगढ़-कटघोरा नई रेल लाइन को गति देने की मांग

डोंगरगढ़ से कटघोरा नवीन रेल लाइन को गति प्रदान करने के विषय को सदन में रखते हुए सांसद संतोष पांडेय ने बताया कि इस नवीन रेल लाइन का जल्द निर्माण कार्य चालू होना आवश्यक है, जिससे मुंबई हावड़ा मेन लाइन पर रेल ट्रैफिक का दबाव थोड़ा कम होगा. मालगाड़ियों का परिवहन नवीन रेल लाइन से करने पर वर्तमान में ट्रेनों के समय से चलाये जाने में सहयोग प्राप्त होगा. उन्होंने कहा, नवीन रेल लाइन के निर्माण में डबल इंजन की सरकार का प्रभाव भी देखने मिला है, जिसमें रेल मंत्रालय ने 500 करोड़ और छत्तीसगढ़ की विष्णु देव सरकार ने 300 करोड़ का बजट प्रावधान किया है. सांसद पाण्डेय ने राजनांदगांव और डोंगरगढ़ स्टेशन में पूरी-गांधीधाम, पूरी-अजमेर, भगत की कोठी, डोंगरगढ़-रायपुर लोकल मेमू सहित अन्य ट्रेनों के ठहराव की मांग भी सदन के माध्यम से रखी है.

सांसद संतोष पांडेय ने प्रधानमंत्री मोदी एवं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार रेल के साथ ही सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ के सर्वांगीण विकास की ओर सदैव अग्रसर है. सौर उर्जा से लेकर रेल, एवं नवीन सड़कों व औद्योगिक विकास तक सभी क्षेत्रो में डबल इंजन की सरकार का जादू दिखेगा.

वित्त मंत्री ओपी चौधरी से कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधि मंडल की मुलाकात, 4% डीए देने पर बनी सहमति
रायपुर-   छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधि मंडल ने बुधवार को छत्तीसगढ़ शासन के वित्त मंत्री ओपी चौधरी से लंबित 4% डीए और चुनावी घोषणापत्र में दिए गए “मोदी की गारंटी” के संदर्भ में विभिन्न मांगो को लेकर मुलाकात की। इस मुलाकात में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि, जल्द ही देय तिथि से लंबित 4% महंगाई भत्ता देने का आदेश जारी किया जाएगा।

मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री को पूर्ववर्ती सरकार के दौरान बकाया डीए के एरियर्स, एलबी संवर्ग सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति सहित विभिन्न विभागों के कर्मचारियों के संदर्भ में भाजपा के घोषणा पत्र में किए गए वायदे को पूरा करने की मांग करते हुए राज्य के कर्मचारियों की सरकार से की जा रही अपेक्षाओं से अवगत कराया। जिस पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि चुनाव में दिए गए मोदी की गारंटी को पूरा करने के लिए सरकार को कुछ समय दीजिए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जो भी वायदा किया है, उसे पूरा करेंगे।

16 जुलाई को इंद्रावती भवन में हुई थी बैठक

गौरतलब है कि 16 जुलाई को इंद्रावती भवन नया रायपुर में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा की बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में प्रदेश भर से दो दर्जन से अधिक कर्मचारी अधिकारी संगठन एवं शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधि के अलावा सत्ता पक्ष के गैर राजनीतिक अनुषांगिक संगठन से जुड़े कर्मचारी नेता भी शामिल हुए थे।

इस बैठक में मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री से मिलकर कर्मचारियों की मांग रखने का निर्णय लिया गया था। उसके बाद 30 जुलाई को भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय से कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की। इस मुलाकात में प्रतिनिधि मंडल ने संगठन महामंत्री पवन साय को अवगत कराया कि कर्मचारियों से किए गए वायदे पूरे नहीं होने से कर्मचारियों में निराशा का माहौल है, जबकि सत्ता परिवर्तन में कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका थी। संगठन महामंत्री ने प्रतिनिधि मंडल की बातों को सुनने के बाद हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया और महती भूमिका निभाते हुए वित्त मंत्री ओपी चौधरी तक कर्मचारियों की मांग को पहुंचाया। इसके बाद 31 जुलाई बुधवार को वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधि मंडल को मिलने का समय दिया। वित्त मंत्री से मुलाकात में प्रतिनिधि मंडल ने बकाया 4% डीए, डीए के एरियर्स सहित पूर्ववर्ती सरकार के समय पिछले 5 वर्षों से लम्बित विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की मांग से अवगत कराया। प्रतिनिधि मंडल ने आंदोलनरत नगरीय निकाय के कर्मचारियों की मांग के संबंध में चर्चा करते हुए प्रत्येक माह की एक तारीख को उन्हें वेतन देने की व्यवस्था बनाने का अनुरोध भी किया।

वित्त मंत्री ओपी चौधरी एवं भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय से मुलाकात करने वाले छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधि मंडल में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रांतीय संयोजक अनिल शुक्ला, मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह राजपूत, संरक्षक तीरथ लाल सेन, छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष आलोक मिश्रा, लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष संजय सिंह, प्रांतीय प्रवक्ता देवाशीष दास, राज्य शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष नरेंद्र सिंह ठाकुर शामिल थे।