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भाजपा जिला अध्यक्ष का व्हाट्सएप हैक, इस लिंक को टच करते ही साइबर क्राइम के हुए शिकार

मुंगेली- भाजपा जिला अध्यक्ष शैलेष पाठक का व्हाट्सएप हैक हो गया है। इसलिए उन्होंने सोशल मीडिया के जरिये आमजनों से अपील की है कि उनके भेजे गए लिंक को न खोलें। उन्होंने कहा कि रूटीन से हटकर किसी के भी नाम से कोई भी मैसेज आए तो लिंक को न खोलें।

हैकर व्हाट्सएप मैसेज करके भी लोगों को शैलेष पाठक के नाम से फ़ाइल डाउनलोड करने कह रहा है। इसलिए ऐसा बिल्कुल न करें। उन्होंने स्क्रीन शॉट की वो तस्वीर भी शेयर किया है, जो कि हैकर की ओर से उनका व्हाट्सएप हैक करने के बाद शेयर किया जा रहा है। वही बीजेपी जिला अध्यक्ष शैलेष पाठक ने बताया कि उन्होंने इसको लेकर पुलिस के पास शिकायत भी दर्ज कराई है।

पुलिस ने की ये अपील

पुलिस का कहना है कि apk File डाउनलोड न करें, वरना मोबाइल हैक हो जाएगा. इसके अलावा +1234567890 95XXXXXXX123 yojna.apk a 2.apk एक्सटेंशन वाली फाइल प्राप्त होने पर तत्काल उसे डिलीट कर दें, चाहे ये फाइल आपके किसी परिचित एवं भरोसेमंद व्यक्ति के मोबाइल नंबर से ही क्यों न प्राप्त हुआ हो बिना क्लिक किए डिलीट कर देंवें।

बचाव के उपाय

95XXXXXXX321 लीस मौसम अपडेट.apk, 95XXXXXXX321 PM Kisan yojna.apk, छत्तीसगढ़ मौसम की जानकारी. apk, app-releas.apk, xyz_yojna.apk, PM_Avas_Yojna.apk, etc। ऐसी फाइल को बिना ओपन किए तत्काल डिलीट करें। अपने फोन का इंटरनेट बंद कर दें तथा उसे 2-3 बार रिस्टार्ट करें। पेमेंट वॉलेट, सोशल मीडिया अकाउंट, व्हाट्सएप इत्यादि का पासवर्ड बदल लें। कोई परिचित इस तरह के मैसेज भेज रहा तो उसे फोनकॉल कर सूचित करें।

ट्रोल फ्री नंबर

मुंगेली पुलिस, आपकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी इस थीम पर पुलिस कंट्रोल रूम- 9479193044, साइबर सेल 9479193755, 9479193756 ने ये नंबर जारी किया हैं, यदि कोई तरह के हैकर के शिकार हो जाते है तो इस नंबर पर संपर्क कर पुलिस सहायता ले सकता है।

पुलिस ने किया सचेत

WhatsApp पर आजकल apk एक्सटेंशन वाली कुछ फाइल काफी अधिक संख्या में फारवर्ड हो रही हैं। इन फाइल्स की पहचान है इसके आखिर में.apk लिखा होता है। ऐसे फाइल पर क्लिक करते ही आपका फोन हैक हो जाता है और फोन का सारा डाटा, सोशल मीडिया अकाउंट, ई-वॉलेट, नेट बैंकिंग इत्यादि की जानकारी भी हैकर के पास पहुंच जाती है। हैकर की ओर से आपके ही WhatsApp number से आपके परिचित मोबाइल नंबरों पर भी ये फाइल फॉरवर्ड की जा सकती है, जिससे वे भी ठगी का शिकार हो सकते हैं।

जनपद अध्यक्ष को पद से हटाने कलेक्टर के आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, अगली सुनवाई 3 सप्ताह बाद

बिलासपुर- नवागढ़ के जनपद अध्यक्ष को पद से हटाने बेमेतरा कलेक्टर के दिए आदेश पर हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। कोर्ट ने 3 सप्ताह बाद अगली सुनवाई निर्धारित की है।

दरअसल, अंजलि मार्कण्डेय बेमेतरा जिले के नवागढ़ जनपद पंचायत की निर्वाचित अध्यक्ष हैं। इनके खिलाफ जनपद उपाध्यक्ष व अन्य ने कुछ आरोप लगाए गए थे। इन आरोपों के आधार पर जिला प्रशासन ने नोटिस देते हुए याचिकाकर्ता को पद से हटाने का आदेश जारी कर दिया। इस आदेश के खिलाफ पहले याचिकाकर्ता ने कमिश्नर दुर्ग को आवेदन दिया। इसमें प्रतिकूल आदेश आने पर इन्होंने हाईकोर्ट में अधिवक्ता शैलेन्द्र बाजपेयी के माध्यम से याचिका प्रस्तुत की। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में बताया कि उन्हें नोटिस की प्रति ही नहीं दी गई, जिसमें लगे हुए आरोपों  का उल्लेख किया गया था।

इस मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने जिला कलेक्टर के आदेश पर रोक लगा दी। मामले की अगली सुनवाई 3 सप्ताह बाद निर्धारित की गई है। इस मामले की सुनवाई जस्टिस पार्थ प्रतिम साहू की सिंगल बेंच में हुई।

छत्तीसगढ़ में स्टील उद्योगों को छूट की रहस्यमय कहानी: स्टील उत्पादकों ने ऊर्जा प्रभार में बड़ी छूट से बढ़ाया मार्जिन
रायपुर- सरकारें जब किसी उद्योग को जब कोई रियायत, छूट या सब्सिडी देती हैं तो उनका प्रमुख उद्देश्य यह होता है कि उत्पादन बढ़े और इसका अंतिम लाभ आम जनता को वह वस्तु सस्ती दरों पर उपलब्ध हो सके लेकिन छत्तीसगढ़ में विगत 4 वर्षों में उल्टी गंगा ही बहाई गई। विगत 5 वर्षों के आंकड़ों को देखा जाए तो इस मामले में बड़ी विरोधाभाषी तस्वीर नजर आती है। स्टील उत्पादकों ने उत्पादन तो बढ़ाया लेकिन दाम कम होने की बजाय बढ़ते चले गये। वर्ष 2018-19 में जहां 100 मिलियन टन उत्पादन पूरे देश में हुआ था और दर 33,833 रू. प्रति टन थी जो वर्ष 2022-23 में बढ़कर 53,036 रू. प्रति टन हो गई।


यह दिलचस्प कहानी छत्तीसगढ़ के संदर्भ में विशेष तौर पर मौजूद है क्योकिं इसमें स्टील उद्योगपतियों के खाते में लाभ का मार्जिन बढ़ाने में मुख्य भूमिका तत्कालीन राज्य सरकार ने निभाई है। छत्तीसगढ़ राज्य इस बात के लिए प्रसिद्ध है कि देश के कुल स्टील उत्पादन का 30 प्रतिशत छत्तीसगढ़ में ही होता है। छत्तीसगढ़ में देश की सर्वाधिक गुणवत्ता वाली लौह अयस्क खदानें है। आम जनता को यह अपेक्षा रहती है कि हमारी खदानों, हवा, पानी और सरकारी मदद का लाभ जनता को सस्ते लोहे के रूप में मिले। लेकिन पूर्व राज्य सरकार का गड़बढ़झाला सामने आते ही लोग हैरान-परेशान हो रहे है। देश में स्टील उत्पादन के आंकड़ों में छत्तीसगढ़ के 30 प्रतिशत का आकलन किया जा सकता है।

गौरतलब है कि भारत में वर्ष 2017-18 में 100 मिलियन टन उत्पादन हुआ जबकि औसत वार्षिक दर 33,833 रू. प्रति टन थी। वर्ष 2019-20 में 104 मिलियन टन उत्पादन हुआ जबकि औसत वार्षिक दर 34,198 रू. प्रति टन थी। वर्ष 2020-21 में 112 मिलियन टन उत्पादन हुआ जबकि औसत वार्षिक दर 45,072 रू. प्रति टन थी। वर्ष 2021-22 में 118 मिलियन टन उत्पादन हुआ जबकि औसत वार्षिक दर 51,089 रू. प्रति टन थी। वर्ष 2022-23 में 125 मिलियन टन उत्पादन हुआ जबकि औसत वार्षिक दर 53,036 रू. प्रति टन थी। वर्ष 2023-24 में 142 मिलियन टन उत्पादन हुआ जबकि औसत वार्षिक दर 50,109 रू. प्रति टन थी।

इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि वर्ष 2021-22 में छत्तीसगढ़ में अचानक और आश्चर्यजनक ढंग से जो टैरिफ आदेश जारी किया गया था उसमें लोड फैक्टर छूट को अधिकतम 8 प्रतिशत से बढ़ा कर 25 प्रतिशत कर दिया गया था जबकि पॉवर कंपनी द्वारा इस प्रकार का कोई भी प्रस्ताव नियामक आयोग को नहीं भेजा गया था। इसके कारण स्टील उत्पादकों को प्रति वर्ष लगभग 750 करोड़ रु. का अतिरिक्त लाभ मिला था लेकिन प्रदेश में स्टील की दरों में कमी के बदले डेढ गुना तक वृद्धि की गई थी।
हाईकोर्ट पहुंचा हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स प्रमोशन विवाद, कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से मांगा जवाब
बिलासपुर- छत्तीसगढ़ के हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स के प्रमोशन का विवाद हाईकोर्ट पहुंच गया है. कोर्ट ने इस पर केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा है. प्रकरण पर दो हफ्ते के बाद सुनवाई होगी.

भूपेश सरकार ने आईएफएस के जैन को अभ्यावेदन दिया था. इसके अलावा केन्द्रीय वन एवं जलवायु मंत्रालय में भी शिकायत की थी. शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर सुधीर अग्रवाल और अन्य ने कैट में याचिका दायर की थी.

90 बैच के अफसर वी श्रीनिवास राव को हेड ऑफ फारेस्ट फोर्स बना दिया था. जबकि पांच पीसीसीएफ में से राव सबसे जूनियर हैं. उनके प्रमोशन के खिलाफ सबसे सीनियर पीसीसीएफ सुधीर अग्रवाल, और अन्य पीसीसीएफ ने सीएस अमिताभ पिछले महीने कैट ने आदेश पारित कर श्रीनिवास राव के प्रमोशन को नियमानुसार करार दिया था.

इसके खिलाफ पीसीसीएफ (वाइल्ड लाईफ) सुधीर अग्रवाल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. हाईकोर्ट की जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस संजय कुमार अग्रवाल की पीठ में सोमवार को सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस मामले पर केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब देने का आदेश दिया है।
रमेन डेका ने छत्तीसगढ़ के राज्यपाल पद की ली शपथ, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नए राज्यपाल को दी बधाई
रायपुर-    रमेन डेका ने आज राजभवन के दरबार हॉल में आयोजित गरिमामय समारोह में छत्तीसगढ़ के 10 वें राज्यपाल के रूप में अपने पद की शपथ ली। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने उन्हें शपथ दिलाई। राज्यपाल श्री डेका ने ईश्वर के नाम पर शपथ ली। इस अवसर पर प्रथम महिला रानी डेका काकोटी उपस्थित रहीं। प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उच्च न्यायालय बिलासपुर के मुख्य न्यायाधिपति न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने राज्यपाल श्री डेका को पुष्पगुच्छ भेंटकर उनका अभिवादन किया और शुभकामनाएं दी।
समारोह में मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने रमेन डेका को छत्तीसगढ़ का राज्यपाल नियुक्त करने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा जारी वारंट ऑफ अपॉइंटमेंट पढ़ा। शपथ ग्रहण समारोह का शुभारंभ और समापन सेरेमोनियल पुलिस बैंड द्वारा बजाए गए राष्ट्रगान के साथ हुआ। इस अवसर पर राज्य गीत की धुन भी बजाई गई। शपथ ग्रहण के उपरांत राज्यपाल रमेन डेका को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री अरूण साव, वित्तमंत्री ओ.पी. चौधरी, वन एवं जलवायु परिवर्तन केदार कश्यप, वाणिज्य और उद्योग एवं श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन, खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री दयाल दास बघेल, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, राजस्व, खेलकूद एवं युवक कल्याण, मंत्री टंकराम वर्मा, महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, पूर्व मुख्यमंत्री भूूपेश बघेल, सहित अन्य विधायकगण उपस्थित थे।
समारोह में छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के आयुक्त  एन.के. शुक्ला, आलोक चंद्रवशी, छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक, छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, नारायण चंदेल, गौारीशंकर अग्रवाल, पूर्व मंत्री, सांसद, विधायकगण सहित जनप्रतिनिधि, पुलिस महानिदेशक  अशोक जुनेजा, अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले, सुब्रत साहू, मनोज पिंगुआ, राज्यपाल के सचिव यशवंत कुमार, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल व्ही.पी.वर्मा, राज्यपाल के विधिक सलाहकार भीष्प प्रताप पाण्डेय सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, राज्यपाल के परिजन, विश्वविद्यालयों के कुलपति, मीडिया कर्मी एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
राज्यपाल रमेन डेका का जीवन परिचय इस प्रकार है-
छत्तीसगढ़ के 10 वें राज्यपाल रमेन डेका का जन्म 1 मार्च 1954 को असम के सुआलकुची, कामरूप (असम) में हुआ। उनके पिता का नाम स्वर्गीय सुरेंद्र नाथ डेका और माता का नाम स्वर्गीय चंपाबती डेका है। उनके परिवार में धर्म पत्नी रानी डेका काकोटी एवं दो बच्चे हैं। उन्होंने बीए की डिग्री दर्शनशास्त्र और अर्थशास्त्र विषय में प्राग्ज्योतिष कॉलेज, गुवाहाटी विश्वविद्यालय असम से प्राप्त की।
रमेन डेका एक वरिष्ठ राजनीतिज्ञ हैं। वे सन् 1977 से राजनीति में सक्रिय हैं। वे वर्ष 1980 में भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य थे। रमेन डेका वर्ष 2006 में असम भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। श्री डेका 2021 अगस्त माह से असम राज्य के नवाचार एवं रूपान्तरण आयोग के (कैबिनेट मंत्री का दर्जा) के उपाध्यक्ष पद पर 29 जुलाई 2024 तक रहे है।
वे दो बार सांसद रहे। पहली बार वर्ष 2009 में 15 वी लोकसभा के लिए असम के मंगलदोई सीट से सांसद चुने गये थे। इस दौरान वे गृह मामलों की स्थायी समिति के सदस्य, लोक लेखा के सदस्य, भारत भुटान संसदीय मैत्री समूह सदस्य, अधीनस्थ विधान समिति सदस्य, सदन की बैठको से सदस्यों की अनुपस्थिति पर समिति सदस्य रहे। उसके बाद वर्ष 2014 में वे 16 वीं लोकसभा के लिए दुबारा सांसद निर्वाचित हुए। दूसरे कार्यकाल में वे डेका लोकसभा में अध्यक्षों के पैनल के सदस्य भी रहे।
इस दौरान सदस्य अनुमान समिति, सदस्य सलाहकार समिति, सदस्य विदेश मंत्रालय और प्रवासी भारतीय मामले, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना‘‘ के तहत केंद्रीय सलाहकार समिति सदस्य, भारत-चीन संसदीय मैत्री समूह सदस्य, चाय बोर्ड के सदस्य का दायित्व निर्वहन किया। दूसरे कार्यकाल में ही सदस्य गृह मामलों की स्थायी समिति, सदस्य सामान्य प्रयोजन समिति, सदस्य उप समिति द्वितीय अनुमान समिति, सदस्य विदेश मामलों की स्थायी समिति रहेे और 2021 से अभी तक नवाचार रूपान्तरण आयोग असम के उपाध्यक्ष रहे । श्री डेका ने 31 जुलाई 2024 को छत्तीसगढ़ के राज्यपाल पद की शपथ ली।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने असम के मुख्यमंत्री हिमन्त बिस्वा सरमा से की मुलाकात
रायपुर-    उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने आज असम के मुख्यमंत्री हिमन्त बिस्वा सरमा से उनके निवास कार्यालय, असम में सौजन्य मुलाकात की। मुलाकात के दौरान उन्होंने विभिन्न विषयों पर चर्चा की। इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व में असम शांति, विकास और समृद्धि के मार्ग पर अग्रसर है।
एक अगस्त को होने वाला जनदर्शन स्थगित
रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का हर सप्ताह गुरुवार को होने वाला जनदर्शन इस गुरूवार 01 अगस्त को उनके बस्तर प्रवास के मद्देनजर नहीं होगा।
दिल्ली में हादसे से बिलासपुर ने लिया सबक, सभी कोचिंग की जांच के लिए गठित की 5 सदस्यीय टीम

बिलासपुर- दिल्ली बेसमेंट हादसे के बाद जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। बिलासपुर कलेक्टर ने जिले में संचालित कोचिंग सेंटरों की जांच के आदेश दिए हैं। अवनीश कुमार शरण ने पत्र जारी कर इसकी जानकारी दी, जिसमें उन्होंने बताया कि अनुविभागीय दण्डाधिकारी के नेतृत्व में जांच के लिए 5 सदस्यीय टीम गठित की गई हैं। जिसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बिलासपुर, नगर पालिक निगम के अपर आयुक्त, नगर सेना के जिला सेनानी और उच्च शिक्षा बिलासपुर के अपर संचालक जांच टीम के सदस्य होंगे।

आदेश के अनुसार, यह टीम कोचिंग संस्थानों में सुरक्षा मानकों के अनुपालन की स्थिति, भवन अनुज्ञा का अनुपालन, फायर एक्जिट की व्यवस्था, कोचिंग संस्थाओं में प्रवेश एवं निकास द्वार की पर्याप्त व्यवस्था और आकस्मिक स्थिति से निपटने की व्यवस्था की जांच करेगी। व्यवस्था ठीक नहीं होने पर जिला प्रशासन आगे की कार्रवाई करेगी।

देखें आदेश –

दिल्ली के कोचिंग सेंटर में तीन छात्रों की हुई थी मौत

बता दें कि 27 जुलाई (शनिवार) को दिल्ली में ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके स्थित राव कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर गया था। जिसमें डूबने से यूपीएससी की तैयारी करने वाले तीन छात्रों की मौत हो गई थी। इन छात्रों की पहचान तानिया सोनी, श्रेया यादव और नवीन डेल्विन के रूप में हुई।

आर्थिक रूप से कमज़ोर बच्चे की बचाई आंख, माँ बाप ने किया डॉक्टर के नाम पे बच्चे का नामकरण

रायपुर-    छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित प्रसिद्ध साईं बाबा आई हॉस्पिटल के वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. आशीष महोबिया ने एक और मिसाल कायम करते हुए एक बच्चे के आँखों की सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। दरअसल बच्चे को कोलॉस्टॉमी ओपनिंग और क्लोजर की समस्या थी, साथ ही वह आर.ओ.पी. थर्ड स्टेज से भी जूझ रहा था। आर्थिक समस्या के कारण, आशीष के परिवार के पास उसके इलाज के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे, जिस वजह से वे अस्पताल से जा रहे थे।

इस बीच, डॉक्टर आशीष महोबिया ने उन्हें कॉल किया और बताया कि बच्चे को तुरंत आर.ओ.पी. और लेजर उपचार की आवश्यकता है। परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए, डॉक्टर महोबिया ने यह सुनिश्चित किया कि पैसों की कमी के कारण बच्चे का उपचार नहीं रुकेगा। डॉक्टर महोबिया के इस निर्णय ने आशीष की दृष्टि को बचा लिया। आज आशीष सामान्य रूप से देख सकता है, और इसके लिए उसका परिवार डॉक्टर महोबिया का अत्यंत आभारी है।

डॉ. आशिष महोबिया ने कहा, "हमारा मुख्य उद्देश्य मरीज़ों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं कि कोई भी मरीज़ सिर्फ आर्थिक तंगी की वजह से इलाज से वंचित न रह जाए। हमारा विश्वास है कि चिकित्सा सेवा एक अधिकार है, और हम हर मरीज़ को सर्वोत्तम उपचार और सहायता प्रदान करने के लिए समर्पित हैं। हम उनकी समस्याओं को ध्यान से सुनते हैं, उचित सलाह देते हैं, और उन्हें बेहतर स्वास्थ्य की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।"

साईं बाबा हॉस्पिटल अपने 30 वर्षों से अधिक के समृद्ध अनुभव और अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाओं के साथ चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रहा है। हॉस्पिटल में जर्मनी, मुंबई, चेन्नई, पुणे, हैदराबाद, मदुरई, एवं दिल्ली से प्रशिक्षित डॉक्टरों की एक कुशल टीम कार्यरत है, जो अलग-अलग विधाओं में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। हॉस्पिटल में प्रशिक्षित चिकित्सकों की एक टीम है जो नवीनतम फेको पद्धति और अत्याधुनिक मशीनों का उपयोग करके रोगियों का इलाज करती है। इसके अलावा, अस्पताल गरीब और ज़रूरतमंद मरीज़ों के लिए निःशुल्क और रियायती दरों पर उपचार प्रदान करता है, ताकि आर्थिक स्थिति किसी भी मरीज़ को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने से रोक न सके। अस्पताल ने पहले भी मोतियाबिंद के निःशुल्क ऑपरेशन और बुजुर्गों के स्वास्थ्य के लिए कई महत्वपूर्ण पहलों की शुरुआत की है, जिससे समाज के वंचित वर्गों को लाभ हुआ है।

साईं बाबा हॉस्पिटल में अब न सिर्फ़ ज़्यादा चश्मे के नंबर का ऑपरेशन, बल्कि मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद रह गया चश्मे का नंबर, और बड़ी उम्र के साथ आने वाले नज़दीक के नंबर का भी इलाज अब नई मशीन के साथ संभव है। यदि आप आँखों से संबंधित किसी भी समस्या का सामना कर रहे हैं, तो साईं बाबा आई हॉस्पिटल से संपर्क करने में संकोच न करें। उनकी अनुभवी टीम और उत्कृष्ट सुविधाएं आपको निश्चित रूप से राहत प्रदान करेंगी।

SI परीक्षा अभ्यर्थी सड़क पर उतरे, सरकार का ध्यानाकर्षण के लिए निकाला कैंडल मार्च, रिजल्ट जारी करने की मांग
रायपुर-. सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2018 के अभ्यर्थियों ने परीक्षा परिणाम जारी करने की मांग को लेकर मंगलवार को कैंडल मार्च निकाला. सरकार का ध्यान आकर्षण करने के लिए कैंडल मार्च में सैकड़ों परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया. मार्च नालंदा परिसर से शुरू हुआ, जो आंबेडकर चौक पर समाप्त हुआ। अभ्यर्थियों ने कहा कि वर्ष 2018 में परीक्षा हुई थी पर 6 साल बाद भी परिणाम जारी नहीं हुआ है.


SI परीक्षा अभ्यर्थियों ने कहा कि पिछले एक साल से भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थी अपने अधिकारों के लिए लड़ रहें है. हमारी मांग की सुनवाई किसी भी स्तर पर नहीं हो रही है. हाईकोर्ट के फैसले के बाद भी रिजल्ट जारी नहीं हो रहा है. हमारा एक ही आग्रह है, जैसे बाकी परीक्षाओं के रिजल्ट जारी होते हैं. उसी तरह सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी किया जाए. लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है. उसका पालन आज तक होते नजर नहीं आ रहा है. परीक्षा अभ्यर्थियों ने कहा कि सरकार के जिम्मेदार का कहना है कि न्यायालय के निर्णय के बाद तत्काल रिजल्ट आएगा लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हो रही है. अधिकारियों का कहना है कि रिज़ल्ट तैयार है. लेकिन वो दिख नहीं रहा है. इसके विरोध में हम आज रोड पर उतर गए है. आज कैंडल मार्च निकालकर सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया है. भविष्य में हमारा आंदोलन उग्र रहेगा.