दशकों बाद सावन सोमवार पर दुर्लभ 'शिववास' समेत बन रहे हैं ये 6 संयोग, प्राप्त होगा महादेव का आशीर्वाद
नई दिल्ली : शिव पुराण में निहित है कि भगवान शिव महज जलाभिषेक से प्रसन्न हो जाते हैं। इसके लिए सावन माह के प्रत्येक सोमवार पर देवों के देव महादेवः का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक किया जाता है। इस दिन सावन सोमवार का व्रत भी रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक की हर एक मनोकामना पूरी होती है। सावन सोमवार पर सर्वार्थ सिद्धि योग का हो रहा है निर्माण
सावन माह का पहला सोमवार व्रत 22 जुलाई को
इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। सावन सोमवार व्रत करने से हर मनोकामना पूरी होती है।
सनातन धर्म में सावन माह का विशेष महत्व है। यह माह देवों के देव महादेव एवं मां पार्वती को समर्पित होता है। इस महीने में प्रत्येक दिन भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त सावन सोमवार और मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।
ज्योतिषियों की मानें तो सावन माह के पहले सोमवार पर शिववास योग समेत कई शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को मनचाहा वर प्राप्त होगा। आइए जानते हैं।
सावन सोमवार शुभ मुहूर्त
ज्योतिषियों की मानें तो 22 जुलाई को सावन माह की शुरुआत होगी। इस दिन प्रतिपदा तिथि दोपहर 01 बजकर 11 मिनट तक है। इसके बाद से द्वितीया शुरू होगी। द्वितीया तिथि 23 जुलाई को सुबह 10 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी।
सावन माह की शुरुआत सोमवार से हो रही है। वहीं, दूसरे दिन मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा।
श्रावण नक्षत्र
सावन माह के पहले दिन श्रावण नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है। इस नक्षत्र का संयोग सावन के पहले सोमवार पर देर रात 10 बजकर 21 मिनट तक है। श्रवण नक्षत्र का संयोग दशकों बाद बन रहा है। ज्योतिष श्रवण नक्षत्र को शुभ मानते हैं। इस दौरान शुभ कार्य भी कर सकते हैं।
प्रीति योग
सावन माह के पहले सोमवार पर प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। प्रीति योग संध्याकाल 05 बजकर 58 मिनट तक है। प्रीति योग के दौरान ही भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाएगी। प्रीति योग के बाद आयुष्मान योग का निर्माण होगा। इस योग का समापन 23 जुलाई को दोपहर 02 बजकर 36 मिनट पर होगा।
सर्वार्थ सिद्धि योग
सावन के पहले सोमवार पर सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग भी बन रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 05 बजकर 37 मिनट से लेकर देर रात 10 बजकर 21 मिनट तक है। इस दौरान भगवान शिव एवं मां पार्वती की पूजा-करने से अक्षय फल की प्राप्ति होगी।
शिववास योग
सावन के पहले सोमवार पर दुर्लभ शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन भगवान शिव दोपहर 01 बजकर 11 मिनट तक जगत की देवी मां गौरी के साथ कैलाश पर विराजमान रहेंगे। भगवान शिव के मां गौरी के साथ रहने के दौरान भगवान शिव का अभिषेक करने से घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है।
करण
सावन के पहले सोमवार पर कौलव और तैतिल करण का भी संयोग बन रहा है। कौलव कर का संयोग दोपहर 01 बजकर 11 मिनट तक है। इसके बाद तैतिल करण का निर्माण हो रहा है।
Jul 21 2024, 16:42