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मुख्यमंत्री ने आपातकाल स्मृति दिवस पर अपने निवास पर लोकतंत्र सेनानियों को किया सम्मानित

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए लोकतंत्र सेनानियों का त्याग-तपस्या और बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्हें सम्मान देने के लिए राज्य सरकार द्वारा सम्मान निधि देना फिर से शुरू कर दिया गया है और पिछले पांच वर्षाें की रोकी गई सम्मान निधि की राशि सेनानियों को एकमुश्त दी जा चुकी है। पिछली सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों की सम्मान निधि को बंद कर दिया था।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज अपने निवास कार्यालय में आपातकाल की 49वीं वर्षगांठ आपातकाल स्मृति दिवस पर आयोजित लोकतंत्र सेनानियों (मीसाबंदियों) के सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने लोकतंत्र सेनानी स्वर्गीय बलीराम कश्यप और स्व. नरहरि साय सहित अनेक सेनानियों का स्मरण करते हुए उन्हें नमन किया। कार्यक्रम में उन्होंने लोकतंत्र सेनानियों को शाल, श्रीफल देकर सम्मानित किया। इस मौके पर लोकतंत्र सेनानियों ने मुख्यमंत्री श्री साय को चांदी का मुकुट और गजमाला पहनाकर सम्मान निधि पुनः प्रारंभ करने और पिछले पांच वर्षाें की राशि देने के लिए उनका आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में लोकतंत्र सेनानियों को मुख्यमंत्री निवास में सपरिवार आमंत्रित किया गया।

कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री अरूण साव और विजय शर्मा, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, विधायक पुन्नूलाल मोहले, धरमलाल कौशिक, मध्य क्षेत्र के क्षेत्र संघचालक डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना, प्रांत संघचालक टोपलाल वर्मा, लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने, प्रदेश अध्यक्ष दिवाकर तिवारी, रामप्रताप सिंह, भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपातकाल के दौरान लोकतंत्र को बचाने के लिए लोकतंत्र सेनानियों (मीसाबंदियों) ने काफी कष्ट उठाया, लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपने परिवारों की परवाह न करते हुए जेल गए, जहां उनके साथ बर्बरता की गई, उनके परिवारजनों ने भी काफी कष्ट सहे। कई घरों में चूल्हा जलना मुश्किल हो गया था। जिन परिवारों में कमाने वाले जेल गए ऐसे कई परिवार बरबाद हो गए। देश में लोकतंत्र की रक्षा के लिए इन सेनानियों ने और उनके परिवारों ने अतुलनीय योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगा था, विपक्षी नेताओं को जेल में बंदकर दिया गया था। मीडिया का अधिकार छीन लिया गया था, लोगों को प्रताड़ित किया गया। इसी की याद में 25 जून को काला दिवस के रूप में मनाते हैं।

उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों ने बड़े कष्ट सहे। जो जेल गए उन्होंने जेल में और उनके परिवारों ने जेल के बाहर यातनाएं सही। उनका त्याग बहुत बड़ा है। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों ने घर का अमन-चैन त्यागकर लोकतंत्र के लिए लड़ाई लड़ी। उनका यह अभियान वंदनीय है। मध्य क्षेत्र के क्षेत्र संघचालक डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना ने कहा कि लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए हमें लोकतंत्र सेनानियों के संघर्षाें को याद रखने की जरूरत है। हमारा यह दायित्व है कि एक पीढ़ी की कुर्बानी और संघर्ष की कहानी का क्रम अगली पीढ़ी तक बना रहे।

लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने ने अपने सम्बोधन में आपातकाल के दौरान लोकतंत्र सेनानियों के संघर्षाें की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जब हम सड़कों पर निकलते थे, तो लोग मुंह फेर लेते थे। लोग बात करने से कतराते थे। उस काल की प्रताड़ना और कष्टों से कई परिवार बर्बाद हो गए। आज भी उनकी स्थिति नहीं सुधरी है। लोकतंत्र सेनानियों की भावी पीढ़ी को किसी न किसी रूप में संगठित कर अच्छे काम में लगाने के उद्देश्य से लोकतंत्र प्रहरी संगठन की कल्पना की गई है। कार्यक्रम में लोकतंत्र सेनानियों के साथ अधिवक्ता सुप्रिया उपासने दुबे को संघ की ओर से कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए तथा संतोष कुमार शर्मा को भी संगठन के कार्याें के लिए सम्मानित किया गया।

श्री रामलला दर्शन (अयोध्या धाम) के लिए 850 तीर्थयात्री दुर्ग से स्पेशल ट्रेन से हुए रवाना

रायपुर-  अयोध्या में श्री रामलला के भव्य मंदिर के निर्माण के पश्चात मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भांचा राम के दर्शन के लिए अयोध्या धाम ले जाने श्री रामलला दर्शन योजना की शुरूआत की। आज इस योजना के अंतर्गत दुर्ग संभाग और बस्तर संभाग के 850 यात्री दुर्ग स्टेशन से रवाना हुए। छत्तीसगढ़ के भांचा राम जय सियाराम जय सियाराम की सुमधुर ध्वनि से पूरा दुर्ग स्टेशन गुंजायमान हो गया। तीर्थयात्रियों ने श्री रामलला दर्शन योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ शासन की बहुत अच्छी योजना है। हम सब इस दिव्य क्षण की बरसों से प्रतीक्षा कर रहे थे। आज यह इंतजार पूरा हुआ। ननिहाल वासियों को अपने भांजे के दर्शन का अवसर सुलभ हुआ है। हम श्री रामलला से छत्तीसगढ़ की सुख समृद्धि की कामना करेंगे। उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व रायपुर एवं बिलासपुर संभाग के यात्री भी अयोध्या धाम के दर्शन कर चुके है। लोकसभा चुनाव में लगी आचार संहिता के उपरांत आज तीर्थयात्रा का पुनः शुभारंभ हुआ है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अयोध्याधाम जा रहे तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं दी है।

आज दुर्ग रेल्वे स्टेशन के प्लेटफार्म नं. 1 से इस स्पेशल ट्रेन को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री द्वय अरूण साव एवं विजय शर्मा, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप और विधायक सर्व डोमनलाल कोरसेवाड़ा, ललित चंद्राकर, गजेन्द्र यादव व रिकेश सेन ने हरी झण्डी दिखाकर गंतव्य के लिए रवाना किया। तीर्थयात्रा में शामिल श्रद्धालुजन काफी उत्साहित थे। प्लेटफार्म नं. 1 पर श्री राम-लक्ष्मण एवं हनुमान जी की झांकी और पंथी नृतक दलों की करतल ध्वनि के साथ छत्तीसगढ़ के भांचा राम, जय सियाराम-जय सियाराम की ध्वनि गुंजायमान हो रही थी।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री अरूण साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ भगवान श्री राम का ननिहाल है। आप सभी श्री रामलला के दर्शन हेतु अयोध्या धाम जा रहे हैं। सभी श्रद्धालुगण छत्तीसगढ़ के विकास के लिए भगवान श्रीराम से आशीर्वाद लेकर आएंगे। उन्होेंने तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक और गारंटी को छत्तीसगढ़ की साय सरकार सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के ध्येय वाक्य के साथ पूरा करने जा रही है। उपमुख्यमंत्री तथा दुर्ग जिले के प्रभारी मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि 500 वर्षों के संघर्ष के बाद अयोध्या धाम में श्री रामलला का मंदिर बना है। केंद्र सरकार की दृढ़ इच्छा शक्ति से यह कार्य हुआ है। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भगवान श्रीराम के प्रति वनवासियों में अगाध श्रद्धा भाव है।

इससे पूर्व अतिथियों ने तीर्थयात्रियों से मुलाकात कर उनके कुशल क्षेम पूछा तथा ट्रेन को हरी झण्डी दिखाई। पहली बार अयोध्या धाम की यात्रा कर रहे बालोद जिले के 77 वर्षीय जय श्रीवास्तव एवं 70 वर्षीय जामुल बाई ने मुख्यमंत्री श्री साय के प्रति धन्यवाद ज्ञापन किया। उन्होंने कहा कि हमारी आस अयोध्या धाम देखने में लगी थी। मुख्यमंत्री श्री साय ने यह अच्छी योजना लाकर हमारी सपने को साकार कर दिया। राजनांदगांव जिले के 55 वर्षीय दौलत साहू ने बताया कि स्पेशल ट्रेन में यात्रा करने का आनंद और भी अनूठा है क्योंकि सारे यात्री भगवान राम के असीम भक्त हैं और पूरी ट्रेन उत्साह में है। कवर्धा से सकुन बाई ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री साय के प्रति बहुत आभार व्यक्त करती हूं। भगवान श्री राम का दर्शन बहुत सौभाग्य की बात है।

इस अवसर पर दुर्ग संभाग के आयुक्त सत्यनारायण राठौर, आईजी आर.जी. गर्ग, कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी, एसपी जितेन्द्र शुक्ला एवं अन्य अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में नगरवासी मौजूद थे।

महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े शाला प्रवेश उत्सव में हुई शामिल, 27 जून को सूरजपुर ऑडिटोरियम में जिला स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव

रायपुर- शाला प्रवेश उत्सव के प्रथम दिवस पर महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने सूरजपुर जिले के अपने गृह ग्राम बीरपुर के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला में बच्चों के साथ शाला प्रवेश उत्सव मनाया। जहां उन्होंने स्कूल के बच्चों का तिलक लगाकर और उन्हें मिठाई खिलायी और उनका हाथ पकड़कर उनकी कक्षा में प्रवेश दिलायी। उन्होंने बच्चों को पाठ्य पुस्तकों के साथ-साथ शाला गणवेश का वितरण भी की। श्रीमती राजवाड़े ने नव प्रवेशी विद्यार्थियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

सूरजपुर जिले के सभी 2085 शासकीय स्कूल खुल गए। जिनमें विभिन्न चरणों में शाला प्रवेश उत्सव मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने सारी तैयारियां सुनिश्चित करते हुए विभिन्न चरणों में शाला प्रवेश उत्सव मनाना सुनिश्चित किया है। शाला प्रवेश उत्सव के अंतर्गत आज शासकीय प्राथमिक शाला माझापरा, शासकीय प्राथमिक शाला और माध्यमिक शाला सुंदरपुर इत्यादि में पूरे हर्षाेल्लास के साथ विद्यार्थियों, शिक्षकों व प्रतिनिधियों की उपस्थिति में शाला प्रवेश उत्सव मनाया गया।

शाला प्रवेश उत्सव के तहत 27 जून को सूरजपुर ऑडिटोरियम में जिला स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव का आयोजन भी किया जाएगा है। जिसमें विद्यार्थियों के साथ-साथ जनप्रतिनिधि व अन्य गणमान्य नागरिक भी उपस्थित रहेंगे।

राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण समिति की बैठक सम्पन्न

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशन पर छत्तीसगढ़ में बाढ़ नैसर्गिक विपत्तियों से निपटने हेतु गठित उच्च स्तरीय बाढ़ नियंत्रण समिति की बैठक आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में अपर मुख्य सचिव वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ऋचा शर्मा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में बरसात के मौसम में राज्य के विभिन्न स्थानों पर बाढ़ आने पर उससे निपटने की तैयारियों के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। बाढ़ के दौरान राहत शिविरों की व्यवस्था सहित विभिन्न विभागों द्वारा की जाने वाली कार्यवाही एवं तैयारियों के संबंध विस्तृत चर्चा हुई।

अपर मुख्य सचिव श्रीमती शर्मा ने कहा है कि नगरीय क्षेत्रों में जर्जर भवनों की निगरानी लगातार की जाए। इन भवनों में निवासरत लोगों को अन्य सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी रूप से बसाए जाने की भी व्यवस्था की जाए। ऐसे जिले जहां बड़ी नदियां बहती है वहां पर जल स्तर पर बराबर नजर रखी जाए। जल स्तर के खतरे के निशान पर पहुंचने की संभावना होने पर इसकी पूर्व सूचना राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष तथा निचले जिलों को लगातार देने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसी तरह से बड़े जलाशयों पर कंट्रोल रूम स्थापित कर जल स्तर की जानकारी समय-समय पर शासन को उपलब्ध करायी जाए। बांधों का जल स्तर बढ़ने पर जल निकासी हेतु निचले जिलों एवं सीमावर्ती राज्यों को 12 घण्टे पूर्व सूचना दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं प्रदेश में कमजोर हो चुके पुल-पुलियों एवं ईमारतों की पहचान कर मरम्मत कर ली जाए। साथ ही बाढ़ के समय दुर्घटना जन्य स्थलों पर सूचना फलक और बेरियर आदि की व्यवस्था करने कहा गया है।

राज्य एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में इस माह में मानसून सक्रिय होने की संभावना है। इसलिए सभी जिलों में वर्षा की जानकारी संकलित की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना भी की गई है। इसका दूरभाष क्रमांक 0771-2223471 एवं फैक्स क्रमांक 0771-2223472 है। इसके अतिरिक्त बाढ़ नियंत्रण कक्ष से 0771-2221242 दूरभाष पर भी सम्पर्क किया जा सकता है। जिला स्तर पर भी बाढ़ नियंत्रण कक्षों की स्थापना की गई है। बैठक में बताया गया कि बाढ़ की स्थिति को देखते हुए पहुंचविहीन क्षेत्रों में खाद्य सामग्री, नमक, केरोसिन, जीवन रक्षक दवाईयां, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा दलों का गठन सहित अन्य जरूरी सामग्री संग्रहित करने के निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारियों को दे दिए गए है। बरसात के दिनों में पेयजल स्त्रोतों के आस-पास साफ-सफाई एवं वहां पर ब्लिचिंग पावडर की व्यवस्था करने के निर्देश लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को दिए गए है। इसी प्रकार से ऐसे क्षेत्रों की चिन्हांकन कर ली जाए जहां प्रतिवर्ष बाढ़ आती है। इन क्षेत्रों में सतत् निगरानी रखने एवं अवश्यकता पड़ने पर वहां के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और उनके ठहरने के लिए राहत शिविर आदि की समुचित योजना बनाने के निर्देश दिए गए है। बाढ़ से बचाव संबंधित उपकरणों की मरम्मत करने और जिन जिलों में मोटरबोट उपलब्ध है, उनकी जानकारी शीघ्र ही राहत आपदा नियंत्रण कार्यालय को दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए नगर सेना एवं नागरिक सुरक्षा के अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही करने कहा गया है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अधिकारियों को नगरीय क्षेत्रों में नालियों की साफ-सफाई बरसात के दिनों में निरंतर कराये जाने कहा गया है।

उच्च स्तरीय बाढ़ नियंत्रण समिति की बैठक में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अविनाश चम्पावत, गृह विभाग के सचिव अरूण गौतम, स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव चंदन कुमार, विशेष सचिव कृषि सारांश मित्तर और गृह, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, लोक निर्माण, वित्त विभाग, जल संसाधन, ऊर्जा, जनसम्पर्क, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, नगरीय प्रशासन एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सहित नगर सेना एवं नागरिक सुरक्षा, रेल्वे, दूरदर्शन, रेडक्रास सोसायटी, मौसम विज्ञान एवं भारत दूरसंचार निगम के अधिकारी उपस्थित थे।

नियद नेल्लानार और स्कूल वेंडे वर्राट पंडूम से माओवादी इलाकों में फैलेगा शिक्षा का उजियारा

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर बस्तर अंचल के बीजापुर जिले में 20 सालों से शिक्षा के प्रकाश से वंचित मुदवेंडी गांव में नए शिक्षा सत्र में स्कूल की घंटी बजनी शुरु हो जाएगी। सड़क और सुरक्षा के विस्तार के बाद अब मुदवेंडी के बच्चों को शिक्षा के अधिकार का लाभ मिलेगा और अशिक्षा के अंधकार से मुक्ति मिलेगी। नए शिक्षा सत्र में बीजापुर जिले में 24 बंद स्कूल और 32 नए स्कूल खोले जा रहे हैं। डुमरीपालनार, तोड़का, सावनार, कोरचोली, कावड़गांव जैसे गांव में 20 साल बाद स्कूल खुल रहे हैं।

20 सालों से अशिक्षा का दंश झेल रहे मुदवेंडी को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल से और जिला प्रशासन के प्रयासों से सुनहरे भविष्य की किरणे दिखने लगी है और अब यहाँ के नौनिहाल तालीम से वंचित नही रहेंगे। बदलाव की यह शुरुआत स्कूल वेंडे वर्राट पंडूम के घर-घर दस्तक अभियान से संभव हुआ, जब शासन की टीम शालात्यागी और अप्रवेशी बच्चों की शाला में वापसी के लिए ग्रामीणों के बीच पहुंची। शिक्षा के फायदे और शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से मिलने वाले लाभ की जानकारी देकर ग्रामीणों को आश्वस्त किया गया कि भविष्य को संवारने में शिक्षा ही महत्वपूर्ण माध्यम है।

सड़क सुरक्षा के विस्तार के बीच ग्रामीण अब आश्वास्त है कि उनके बच्चों का भविष्य विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा। विश्वास बहाली के मुहीम के बीच अब माओवाद प्रभावित इलाकों का माहौल तेजी से बदलता दिख रहा है। ग्रामीण स्कूल के लिए स्वयं झोपड़ी तैयार कर रहे हैं ताकि शिक्षा के मंदिर में उनके बच्चों का भविष्य संवर सके। यहाँ शासन आवश्यक बुनियादी जरूरतों के अलावा गाँव के ही शिक्षित बेरोजगारों को शिक्षादूत की जिम्मेदारी देकर निश्चित मानदेय मुहैया करा रहा है ।

गौरतलब है कि मुदवेंडी गांव नियद नेल्लानार से फिर से आबाद हो रहा है तथा बुनियादि सुविधाओं के विस्तार के साथ-साथ सुरक्षा का उजियारा गांव को रोशन करने में कारगर हो रहा है। नियद नेल्लानार (आपका अच्छा गांव) के जरिये विकास की पहूँच और स्कूल वेंडे वर्राट पंडूम से शिक्षा की मुख्यधारा में लौटने की अपील का असर अब माओवाद प्रभावित इलाकों में दिखने लगा है।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर किसानों को सुगमता के साथ खाद-बीज का वितरण, किसानों को 3.17 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज वितरित

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर प्रदेश में चालू खरीफ सीजन के लिए किसानों को ज्यादा से ज्यादा सहूलियत पहुंचाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने गत दिनों कृषि विभाग की बैठक लेकर किसानों को उनके मांग के अनुरूप खाद-बीज उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। उनकेे निर्देश के परिपालन में किसानों के सहूलियत के लिए आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।

सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि सहकारिता मंत्री केदार कश्यप के मार्गदर्शन में प्रदेश में किसानों को केसीसी के तहत चालू खरीफ सीजन के लिए 7300 करोड़ रूपए ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है इसके विरूद्ध में 9 लाख 52 हजार 70 किसानों को 4324.98 करोड़ रूपए का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जा चुका है।

इसी प्रकार किसानों को सुगमता के साथ खाद-बीज का वितरण किया जा रहा है। किसानों की मांग पर 8.60 लाख टन खाद वितरण का लक्ष्य रखा गया है जिसके विरूद्ध किसानों को 4.90 लाख टन रासायनिक खाद का वितरण किया जा चुका है। जबकि गत वर्ष इसी अवधि में 4.27 लाख टन खाद का वितरण किया गया था।

अधिकारियों ने बताया कि किसानों को प्रमाणित बीज भी उपलब्ध कराने का सिलसिला जारी है। इस खरीफ सीजन में 4.40 लाख क्विंटल का भण्डारण किया गया है। अब तक 3.17 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरण किसानों को किया गया है।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव का बड़ा आरोप, कहा- कांग्रेस ने दिया बलौदाबाजार घटना को अंजाम…

रायपुर- बलौदाबाजार घटना को लेकर पीड़ितों के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने बलौदाबाजार घटना को अंजाम देने का काम किया है. घटना में कांग्रेस पार्टी की भूमिका सार्वजनिक हो चुकी है. 

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने मीडिया से चर्चा में राहुल गांधी के लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष चुने जाने पर कहा कि राहुल गांधी सकारात्मक विपक्ष की भूमिका नहीं निभा पाएंगे. सभी को अपने राजनैतिक दल के नेता चुनने का अधिकार है. नेता प्रतिपक्ष बनने पर राहुल गांधी को बधाई. प्रतिपक्ष की सकारात्मक भूमिका होती है, लेकिन जिस प्रकार की राजनीति इन्होंने की है, मुझे नहीं लगता है कि वो निभा पाएंगे.

प्रदेश में आज मनाए जाने वाले शाला प्रवेशोत्सव को लेकर अरुण साव ने कहा कि सभी विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं. आज से शाला प्रवेशोत्सव की शुरुआत हो रही है. नये प्रवेशी विद्यार्थियों का विद्यालय में स्वागत है. हमारी सरकार अच्छी और गुणवत्ता पूर्व शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है.

मुख्यमंत्री के साप्ताहिक जनदर्शन को लेकर अरुण साव ने कहा कि जनदर्शन में लोग अपनी समस्याएं लेकर आते हैं, उनकी बातें सुनी जाती है, समस्याओं का निदान होता है. इससे लोगों को बड़ा फ़ायदा होता है. मंत्रिपरिषद के अयोध्या दर्शन पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत ही शीघ्र तिथियां निर्धारित होंगी. सभी रामलला के दर्शन के लिए जाएंगे.

आरंग में गौ रक्षकों पर एकपक्षीय कार्यवाई को लेकर बजरंग दल के आज जेल भरो आंदोलन पर अरुण साव ने कहा कि सरकार अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वहन कर रही है. सभी संगठनों को लोकतांत्रिक और संवैधानिक तरीके से अपनी बात रखने का अधिकार है. क़ानून व्यवस्था को ध्यान में रखकर सभी अपनी भूमिका बना सकते हैं.

कांग्रेस के बीजेपी के राज में सुरक्षित नहीं है बयान पर अरुण साव ने कहा कि सरकार का काम आप सभी के सामने है. ये लोकतंत्र है, किसी संगठन को किसी मुद्दे पर बात रखनी है, तो सरकार उनकी बात सुनेगी, समझेगी और संभव कार्यवाई करेगी.

बलौदाबाजार जिला अस्पताल का एसएनसीयू दे रहा गुणवत्तापूर्ण सेवा, अब तक 12 सौ नवजात शिशुओं का किया जा चुका है उपचार

रायपुर-   बलौदाबाजार जिला अस्पताल परिसर में स्थित नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए बना एस एन सी यू (स्पेशल न्यू बोर्न केअर यूनिट) अर्थात विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई निरंतर गुणवत्ता पूर्ण सेवा प्रदान करता आ रहा है। यूनिट के कारण नवजात शिशुओं को जिले के भीतर ही देखभाल प्रदान की जाती है जिससे बाहर रेफरल कम हुआ तथा शिशु मृत्यु में भी कमी दर्ज की गई है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बलौदाबाजार ने बताया की नवजात शिशुओं की मृत्यु के प्रमुख कारणों में समय पूर्व प्रसव,प्रसव के दौरान दम घुटना,नवजात का संक्रमित होना जन्मजात विकृतियां है तथा इसके अलावा,कम उम्र में शादी, एएनसी जांच में अनदेखी,सही पोषण का अभाव,या अन्य कारणों से भी शिशु की जान को खतरा हो सकता है। एसएनसीयू इन्हीं स्थितियों में शिशु की देखभाल हेतु कार्य करता है।

जिला अस्पताल के सिविल सर्जन ने एसएनसीयू के संबंध में बताया कि यहां नवजात शिशु से लेकर 28 दिन तक के बच्चों को भर्ती किया जाता है। 6 वेंटिलेटर,12 वार्मर,27 मल्टी पैरा मॉनिटर ,02 सी पैप और 06 फोटोथेरेपी (पीलिया से सम्बंधित)मशीनों से एस एन सी यू सुसज्जित है। बच्चे की देखभाल हेतु 24 घण्टे शिशु रोग विशेषज्ञ और नर्सिंग स्टाफ उपस्थित रहते हैं। दवाई उपचार निःशुल्क है। साथ ही माता के अलग से रहने की व्यवस्था की जाती है और उनके लिए नाश्ते और भोजन की भी व्यवस्था रहती है। एसएनसीयू की स्थापना के बाद जिले से शिशुओं के ऐसे प्रकरणों में रेफेरल में काफी कमी आई है तथा उपचार यही हो जाता है। जैसे मई में कुल 53 भर्ती बच्चों में से केवल 3 को ही रेफर करना पड़ा। जिला अस्पताल में राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के निरीक्षण के लिए आई टीम भी अस्पताल के एसएनसीयू की व्यवस्था से प्रभावित रही और दी जा रही सेवाओं की प्रशंसा की।

ग्राम दतरेंगी के पीलाराज दास के शिशु को कम वजन (1 कि ग्रा ) के कारण 40 दिनों तक देखभाल केंद्र में रखा गया जिससे बाद में वजन 1.3 किग्रा है। इसी प्रकार भाटापारा के एक प्रकरण में जुड़वां बच्चों की भी इसी केंद्र में भर्ती कर जान की रक्षा की गई। शिशु में रेटिनोपैथी की जांच के लिए रायपुर के निजी अस्पताल से भी डॉक्टर प्रति सप्ताह आते हैं। एसएनसीयू शुरू होने से लेकर अब तक करीब 12 सौ शिशुओं का यहाँ उपचार हो चुका है।

श्रवण यंत्र मिलने से दिव्यांग शिवम की खुशी हुई दुगनी

रायपुर-  संवेदनशील मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दिव्यांगजनों को समाज कल्याण विभाग के माध्यम से श्रवण यंत्र, ट्रायसाईकल, बैशाखी, कृत्रिम अंग उपकरण, सहित विभाग के अन्य योजनाओं से लाभान्वित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए है। गरियाबंद जिले के श्रवण बाधित शिवम देवांगन को अब श्रवण यंत्र मिलने से सुनने एवं बोलने में सुविधा हो रही है, जिससे उसकी खुशी दुगनी हो गई है। 5 वर्षीय शिवम देवांगन 90 प्रतिशत श्रवण बाधित दिव्यांग है।

श्रवण यंत्र एक ऐसा छोटा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जिसे कोई व्यक्ति कान के पीछे या कान में लगा सकता है। श्रवण यंत्र की विशेषता यह है कि कानों में सुनने की शक्ति को बढ़ा देता है, ताकि कम सुनने वाले लोग अपनी सुनने और बोलने की समझ में सुधार कर सकें। आज कई अलग-अलग प्रकार के श्रवण यंत्र उपलब्ध है। समाज कल्याण विभाग द्वारा जरूरतमंद लोगों को श्रवण यंत्र की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। इसी कड़ी में गरियाबंद निवासी श्रवण बाधित शिवम को सुनने, बोलने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता था। वह वर्तमान में प्रत्येक सप्ताह जिला चिकित्सालय में स्पीच थैरेपी के लिए जाता है। किन्तु श्रवण यंत्र के अभाव में सुनने में कठिनाई को देखते हुए शिवम की माता ने श्रवण यंत्र के लिए समाज कल्याण विभाग में आवेदन की। इस पर कलेक्टर दीपक कुमार अग्रवाल ने समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को उनके आवेदन पर संवेदनशीलता के साथ त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिये। इस पर समाज कल्याण विभाग ने त्वरित कार्यवाही करते हुए सहायक उपकरण प्रदाय योजना अन्तर्गत श्रवण बाधित शिवम को 2 नग श्रवण यंत्र उपलब्ध कराया। शिवम को श्रवण यंत्र मिलने से वह अच्छी तरह से सुन पा रहा है, जिससे उसकी खुशी दुगनी हो गई और इसके लिए उनके परिवारजनों ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया है।

पीएम मोदी से मिलकर लौटे मुख्यमंत्री

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. साय ने बताया कि उन्होंने नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मीडिया से चर्चा में कहा कि मैंने बताया कि किस तरह से राज्य सरकार छत्तीसगढ़ में ‘मोदी की गारंटी’ को पूरा करने के लिए काम कर रही है, और हम कैसे नक्सलियों के खिलाफ लड़ रहे हैं. मैने प्रधानमंत्री मोदी को नियाद नेलानर से गांव वालों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में भी अवगत कराया है.

उन्होंने कहा कि इसके अलावा मैने प्रधानमंत्री को बताया कि विकसित छत्तीसग्रह पर विजन डॉक्यूमेंट पर तैयार हो रहा है. गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाक़ात हुई. उन्हें भी प्रदेश की स्थिति से अवगत कराया.

लोकसभा अध्यक्ष पर परंपरा तोड़ रहा विपक्ष

मुख्यमंत्री साय ने लोकसभा अध्यक्ष के लिये एनडीए और इंडिया गठबंधन की ओर से दावेदारी पेश किए जाने पर कहा कि आज़ादी के बाद लगातार लोकसभा अध्यक्ष का निर्विरोध चुना गया है. लेकिन इस बार विपक्ष परंपरा को तोड़ने की बात कर रहा है.