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साय सरकार के परिवर्तनकारी कदम से संवर रहा छत्तीसगढ़

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में गठित नई सरकार आम जनता के जीवन को आसान बनाने और उन्हें एक बेहतर सामाजिक जीवन देने के लिए लगातार काम कर रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं को दूरस्थ अंचलों तक पहुंचाने के लिए भी विशेष कदम उठा रही है, यही कारण है कि नियद नेल्लानार जैसी योजनाएं आज बड़ा परिवर्तन ला रही है।

आम नागरिकों की सुविधा का ध्यान रखते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रशासनिक कसावट लाकर तेजी से काम किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में किसानों की बड़ी आबादी है, कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाले इस राज्य में खेती-किसानी के लिए किसानों को अनुकूल माहौल और आर्थिक मजबूती मिल सके इसका भी सरकार ध्यान रख रही है। कृषक उन्नति योजना में किसानों की समृद्धि का उद्देश्य लेकर साय सरकार 3100 रूपए प्रति क्विंटल के हिसाब से धान की खरीदी कर रही है। किसानों को दो वर्ष का 3716 करोड़ रूपए का बकाया बोनस भुगतान भी कर दिया है।

गरीबों को आवास देना साय सरकार की प्राथमिकता में शामिल है, जिसे पूरा करते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 18 लाख से अधिक परिवारों को आवास प्रदान करने का निर्णय लिया है। वर्ष 2023-24 के अनुपूरक बजट में 3799 करोड़ रूपए तथा वर्ष 2024-25 के बजट में 8369 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। हितग्राहियों को योजनांतर्गत आवास निर्माण के लिए निःशुल्क रेत की सुविधा दी जा रही है। गरीबों के हित में कदम उठाते हुए एक करोड़ से अधिक परिवारों को 5 वर्ष तक निशुल्क राशन की भी व्यवस्था की है।

परिवार की जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए अपने सपनों को ख़ुशी-ख़ुशी न्यौछावर करने वाली गृहणियों का साय सरकार ने विशेष ध्यान रखा है। महतारी वंदन योजना आज पूरे देश में एक मिसाल के तौर पर उभरी है, जिसमें 70 लाख से अधिक महिला हितग्राहियों को हर माह 1000 रूपए के मान से साल में 12000 रूपए की आर्थिक सहायता राशि दी जा रही है। युवाओं के साथ न्याय हो और सरकारी नौकरियों में भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता आ सके इस दिशा में भी साय सरकार विशेष प्रयास कर रही है। युवाओं को शासकीय भर्ती में बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट देने का निर्णय लिया गया है।

माओवाद प्रभावित इलाकों में छत्तीसगढ़ सरकार के त्वरित और सख्त निर्णय से विगत 6 माह में 136 माओवादी ढेर, 526 गिरफ्तार और 442 का आत्मसमर्पण जैसी उपलब्धियां माओवाद समस्या के पूर्ण निदान की ओर बड़ी सफलता है।

अवैध रेत खनन और परिवहन पर बड़ी कार्रवाई, 40 हाईवा जब्त

महासमुंद-  प्रदेश में धड़ल्ले से रेत का अवैध खनन और परिवहन जारी है. महासमुंद में जिला प्रशासन के निर्देश पर रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन के मामले में राजस्व और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने 40 हाईवा जब्त की है.

अनुविभागीय अधिकारी राजस्व उमेश साहू ने बताया कि देर रात ग्राम बरबसपुर घाट में अवैध तरीके से रेत उत्खनन और परिवहन करते 40 हाईवा को जब्त किया गया है. अभी 32 गाड़ियां रेत घाट पर खड़ी है, जबकि 2 गाड़ियों को कोतवाली में खड़ा किया गया है. परिवहन के दौरान बाकी गाड़ी रास्ते में खड़ी की गई है. मौके पर पाए गए 9 ड्राइवर को पूछताछ के लिए कोतवाली लाया गया है. आगे की करवाई के लिए गाड़ियों और ड्राइवरों को खनिज विभाग के सुपुर्द किया गया है.

उल्लेखनीय है कि गत दिवस जिले के प्रभारी मंत्री दयालदास बघेल ने अपने निरीक्षण के दौरान अवैध रेत उत्खनन और भंडारण पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. राजस्व अधिकारी उमेश साहू ने रेत के अवैध भंडारण के निरीक्षण के लिए राजस्व निरीक्षकों के नेतृत्व में पटवारी की टीम गठित किया था और रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे.

नव भारत साक्षरता के तहत 25 हजार लोगों को किया जायेगा साक्षर


रायपुर-  राज्य शासन के निर्देशानुसार बलौदाबाजार जिले में आज उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम की समीक्षा बैठक का आयोजन संयुक्त जिला कार्यालय के सभागार में किया गया। जिसके तहत बलौदाबाजार- भाटापारा जिले के 25 हजार लोगों को साक्षर करने का लक्ष्य रखा गया है। जिला शिक्षा अधिकारी एवं सदस्य सचिव जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण हिमांशु भारती ने अंतर्विभागीय अधिकारियों की बैठक में जानकारी देते हुए बताया कि आज की स्थिति में शिक्षार्थियों का 69.7 प्रतिशत एवं स्वयंसेवी शिक्षकों का 59.9 प्रतिशत सर्वे एवं उल्लास एप में उनकी प्रविष्टि की जा चुकी है।

उन्होंने कहा कि प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रधानपाठकों, शक्षकों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सचिव, मितानीन एवं स्व सहायता महिला समूह के संयुक्त प्रयास से यह कार्य किया जा रहा है तथा 30 जून तक सर्वे व प्रविष्टि का कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा। सर्वे कार्य पूर्ण होने के उपरांत स्वयंसेवी शिक्षकों को विकासखण्डवार कुशल प्रशिक्षक द्वारा अध्ययन अध्यापन के सम्बंध में प्रशिक्षित किया जायेगा। इसके बाद ही स्वयंसेवी शिक्षक विद्यालय,आंगनबाड़ी केन्द्र, ग्राम पंचायत भवन, सामुदायिक भवन तथा रंगमंच में शिक्षार्थी के सुविधाजनक स्थान व समय के अनुसार 200 घंटे का अध्यापन कार्य करके, शिक्षार्थी को प्रांरभिक बुनियादी शिक्षा तथा सरल अंकगणितीय ज्ञान प्रदान करेंगे। उन्हें इस योग्य बनायेंगे कि वे माह सितम्बर 2024 की बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान आंकलन परीक्षा में सम्मिलित होकर सफलता प्राप्त कर सके।

उन्होंने बताया कि राज्य से शिक्षण सामग्री प्राप्त होगी एवं यह सामग्री उल्लास एप में भी उपलब्ध होगी। इस हेतु कलेक्टर दीपक सोनी ने साक्षरता समिति के विभिन्न अधिकारियों के मध्य कार्य विभाजन किया है। अंतर्विभागीय अधिकारियों में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं अध्यक्ष विकासखण्ड साक्षरता मिशन समिति विभाग के साक्षरता समिति के विकासखण्ड स्तरीय अधिकारियों की बैठक कर वातावरण निर्माण करने में सहयोग प्रदान करेंगे। इसके साथ ही जिला मिशन समन्वयक समग्र शिक्षा, बीईओ, एबीईओ,बीआरसीसी संकुल शैक्षिक समन्वयकों को आपसी सहयोग एवं जिम्मेदारी से साक्षरता के सम्पूर्ण कार्य को सम्पन्न करने हेतु निर्देशित करेंगे।

लीड बैंक मैनेजर कुशल प्रशिक्षकों के द्वारा वित्तीय साक्षरता का प्रशिक्षण देंगे जिसका उपयोग शिक्षार्थियों के लिए किया जायेगा। इसी तरह उपसंचालक समाज एवं कल्याण विभाग द्वारा विकासखण्डवार असाक्षर, दिव्यांगों की जानकारी प्रदान करने के निर्देष दिए है ताकि उन्हें साक्षर कर समाज के मुख्य धारा में शामिल किया जा सके। समस्त सीएमओ चिन्हांकित वार्डों में वातावरण निर्माण के अंतर्गत नारा लेखन का कार्य एवं समस्त सीईओ जनपद पंचायत प्रत्येक चिन्हांकित ग्रामों मे नारा लेखन, नुक्कड़ नाटक तथा स्थानीय कलाकारों के माध्यम से साक्षरता के लिए प्रेरित करने का निर्देश दिए है।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने नवीन चिकित्सा महाविद्यालयों के सुविधाओं की ली जानकारी


रायपुर-  प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आज मंत्रालय महानदी भवन में स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की और विभिन्न बैठकों में शामिल हुए। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मंशानुसार राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को और बेहतर करने के लिए श्री जायसवाल ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से विस्तार पूर्वक चर्चा की। आज की बैठक में सबसे पहले राज्य के 03 नवीन चिकित्सा महाविद्यालय कांकेर, कोरबा एवं महासमुंद के सुविधाओं की जानकारी ली गई और उनकी प्रगति की समीक्षा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए । स्वास्थ्य मंत्री ने मुख्यमंत्री शासकीय अस्पताल रूपांतरण कोष की अधिशासी समिति ( CMPHTFC) की बैठक में भी जरूरी निर्देश दिए। इसके साथ ही सीजीएमएससी लिमिटेड के संचालक मंडल की 46वीं बैठक में भी शामिल होकर स्वास्थ्य मंत्री ने विभाग के कार्य और योजनाओं की समीक्षा की। स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में HSCC द्वारा पैथोलॉजी लैब स्ट्रेंथनिंग के संबंध में आवश्यक कार्य योजना के निर्देश भी दिए हैं।

नियद नेल्लानार योजना की राज्य स्तरीय समिति की बैठक सम्पन्न

रायपुर- मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कहा है कि नियद नेल्लानार योजना में शामिल बस्तर संभाग के कांकेर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, बीजापुर और सुकमा जिले के गांवों में लोगों को उनकी आवश्यकतानुसार सभी बुनियादी सुविधाएं एवं कल्याणकारी योजनाओं का फायदा मिले यह सुनिश्चित किया जाए। मुख्य सचिव श्री जैन आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में नियद नेल्लानार योजना की राज्य स्तरीय समिति की बैठक में अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। योजना क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, शिक्षा, खाद्यान्न, पोषण आहार, खेल सुविधा, पेयजल सहित वहां के किसानों को किसान सम्मान निधि और खाद-बीज समय पर मिले यह सुनिश्चित करने कहा गया है। मुख्य सचिव ने इन गांवों में शासन की सभी कल्याणकारी योजनाओं के तहत दी जाने वाली सेवा और सुविधा सुचारू रूप से मिलती रहे यह सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में बस्तर संभाग के कमिश्नर, आईजी और कलेक्टर्स शामिल हुए।

मुख्य सचिव ने पांचों जिलों के कलेक्टरों से नियद नेल्लानार योजना के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की जिलावार विस्तार से समीक्षा की। अपर मुख्य सचिव वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग श्रीमती ऋचा शर्मा और प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्रीमती निहारिका बारिक सहित विभिन्न विभागों के प्रमुख अधिकारी शामिल हुए। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को नियद नेल्लानार योजना में शामिल गांवों में स्वास्थ्य कैम्प आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा आवश्यकतानुसार स्वास्थ्य केन्द्र खोले जाए जिससे लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके। मुख्य सचिव ने योजना क्षेत्र के सभी गांवों के लोगों को राशनकार्ड उपलब्ध कराने एवं प्रत्येक राशनकार्ड धारक को निशुल्क खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि उज्जवला योजना के सभी हितग्राहियों गैस कनेक्शन उपलब्ध कराएं जाए। इसी प्रकार से सभी ग्रामों में विद्युतीकरण हो, वहां के गांव, स्कूलों, आंगनबाड़ी केन्द्रों, पंचायतों और स्वास्थ्य केन्द्रों में अनिवार्य रूप से बिजली की सुविधा हो यह सुनिश्चित की जाए। क्षेत्र के लोगों द्वारा संग्रहित वनोपजों को शासन द्वारा निर्धारित मूल्य पर क्रय किया जाए। इसी तरह से वनाधिकार पट्टा के हितग्राहियों को सभी जरूरी सुविधा उपलब्ध करायी जाए। योजना क्षेत्र के युवाओं को खेल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए खेल मैदानों का निर्माण और खेल सामग्री भी उपलब्ध करायी जाए। ग्रामीण युवाओं को सभी जरूरी टेªडों में कौशल विकास के अंतर्गत वहां के विभिन्न विकासखण्डों में मौजूद आईटीआई में प्रशिक्षण दिया जाए। क्षेत्र में स्वीकृत सभी शाला भवनों का निर्माण हो इसकी लगातार मॉनिटरिंग हो और यह सुनिश्चित किया जाए कि वहां के गांवों के बच्चें शिक्षा से वंचित नहीं हो।

इसी तरह से योजना क्षेत्र के गांवों प्रधानमंत्री सड़क योजना से बारहमासी सड़कों का निर्माण किया जाए। इसी तरह से लोगों को सामाजिक सुरक्षा के अंतर्गत पेंशन, दिव्यांगों को सहायक यंत्र प्रदान किए जाए। योजना के अंतर्गत सभी गांवों में आंगनबाड़ी संचालित हो। मुख्य सचिव ने नियद नेल्लानार योजना हेतु निर्मित बस्तर डेसबोर्ड के आंकड़ों की निरंतर समीक्षा करने के लिए सभी विभागों द्वारा नोडल अधिकारी नामांकित करने के निर्देश दिए है। नोडल अधिकारियों द्वारा अपने-अपने विभाग की योजना की प्रगति की निगरानी डेसबोर्ड के माध्यम से प्रतिदिन करने के भी निर्देश दिए है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री मोदी से की मुलाकात, छत्तीसगढ़ विजन डॉक्यूमेंट व माओवादी विरोधी अभियानों की दी जानकारी

नई दिल्ली-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद भवन में मुलाकात की। इस मौके पर उन्होंने नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी।

मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रधानमंत्री को अमृतकाल : छत्तीसगढ़ विजन ‘विजन डॉक्यूमेंट’ के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इसका निर्माण राज्य नीति आयोग द्वारा किया जा रहा है जिसे एक नवंबर को राज्य की जनता को समर्पित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने विगत छह माह में माओवादी विरोधी अभियानों में की गयी कार्रवाई की जानकारी भी प्रधानमंत्री को दी। उन्होंने बताया कि माओवादी समस्या के समूल उन्मूलन हेतु ज्वाइंट एक्शन प्लान तैयार कर कार्रवाई की जा रही है।

नियद नेल्लानार योजना (आपका अच्छा गाँव) के बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत नक्सलियों के आधार को कमजोर करने व शासन-प्रशासन व ग्रामीणों के बीच परस्पर विश्वास बहाली का कार्य किया जा रहा है।

इस योजना के तहत वर्तमान में 23 कैंप खोले गए हैं, जिनमें 90 ग्राम शामिल हैं तथा भविष्य में 29 कैंपों को प्रारंभ करने की योजना है।

श्री साय ने मोदी की गारंटी पूरी करने की दिशा में उठाए गए कदम की जानकारी देते हुए बताया कि नवीन सरकार के गठन के बाद मंत्रिपरिषद की पहली बैठक में ही प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 18 लाख 12 हजार 743 परिवारों को आवास देने का निर्णय लिया गया। वर्तमान में 1 लाख 6 हजार 777 आवास निर्माणाधीन है, जिनकी स्वीकृति पूर्व में ही की जा चुकी है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि धान उत्पादन प्रोत्साहन योजना अंतर्गत किसानों को वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 के लिए 3 हजार 667 करोड़ की राशि दी गयी है। वहीं, कृषक उन्नति योजना के तहत वर्ष 2023 के लिए कुल 24 लाख 73 हजार किसानों को 13 हजार 287 करोड़ की राशि का भुगतान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन तथा सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए महतारी वंदन योजना शुरू की गयी है। इस योजना के तहत अब तक लगभग 70 लाख महिलाओं को चार माह की वित्तीय सहायता 2618 करोड़ रुपए की राशि दी जा चुकी है।

प्रधानमंत्री को श्रीरामलला दर्शन योजना के बारे में बताते हुये श्री साय ने कहा कि इसके लिए आईआरसीटीसी के साथ एमओयू किया गया है। इस योजना के तहत हर साल 20 हजार यात्रियों को यात्रा कराने का लक्ष्य है।

सत्ता के लिए किसी भी हद तक जा सकती है कांग्रेस, आपातकाल बड़ा उदाहरण – अरुण साव

रायपुर- आपातकाल की 50वीं बरसी को भाजपा काला दिवस के तौर पर मना रही है. छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने तानाशाही और सत्तालोलुपता का प्रदर्शन करते हुए 25 जून 1975 को देश पर आपातकाल थोपकर न केवल लोकतंत्र की हत्या की, अपितु भारतीय संविधान का खुलेआम मखौल भी उड़ाया था. साव ने कहा, भारतीय जनता पार्टी ने भारतीय लोकतंत्र के उसी काले अध्याय से रू-ब-रू कराते हुए ‘आपातकाल का काला दिवस’ मनाकर कांग्रेस के इस कलंकित राजनीतिक चरित्र से परिचित कराने का बीड़ा उठाया है.

डिप्टी सीएम साव ने कहा कि सन 1975 में देश पर आपातकाल थोपकर तत्कालीन इंदिरा सरकार ने जिस प्रकार से लाखों निरपराध लोगों को जेल में डाला, न्यायपालिका और मीडिया के अधिकारों को नियंत्रित करने का काम किया. अपने विरोधियों को जेल में डालकर उन्हें प्रताड़ित करने का काम किया. आज 50 साल बाद यह देश उस काला दिवस को न तो भूल पाया है और न कभी भूल पाएगा. कांग्रेस हमेशा से सत्ता के लिए किसी भी हद तक जाने का काम करती रही है और आज भी कांग्रेस अपने इसी राजनीतिक चरित्र के साथ राजनीति कर रही है.

साव ने कहा, कांग्रेस को न तो देश के संविधान पर भरोसा है और न ही देश की संवैधानिक संस्थाओं पर भरोसा है. सत्ता हासिल करने और उस पर काबिज रहने, अपने राजनीतिक सत्ता-स्वार्थ के लिए कांग्रेस ने हमेशा संविधान एवं संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा कर उसे तोड़ने का काम किया है. यह कांग्रेस का इतिहास रहा है कि 90 से अधिक बार राज्य सरकारों को बर्खास्त करने का काम भी कांग्रेस ने किया है. संविधान और संवैधानिक प्रावधानों का दुरुपयोग करके दोबारा कोई ऐसी हिम्मत न कर सके, इसके लिए भाजपा ने जन-जन को जागरूक कर देश को एक बार फिर आपातकाल के अन्याय, अत्याचार और ज्यादतियों के बारे में बताने के लिए 25 जून को पूरे जिला मुख्यालय में आपातकाल का काला दिवस मनाया.

’’अमृतकाल: छत्तीसगढ़ विजन 2047’’ डॉक्यूमेंट तैयार करने वर्किंग ग्रुप के अधिकारियों की द्वितीय बैठक संपन्न


रायपुर-  सतत और पुनर्याेजी विकास के मामले में छत्तीसगढ़ को अग्रणी राज्य बनाने आज राज्य नीति आयोग में गहन विचार-विमर्श किया गया। बैठक में छत्तीसगढ़ के विजन डॉक्यूमेंट 2047 तैयार करने के लिए वर्किंग ग्रुप के सदस्यों ने अपने विचार रखे। अटल नगर, नया रायपुर स्थित राज्य नीति आयोग के सभाकक्ष में समिति के सदस्यों ने इस विषय पर लघु, मध्यम एवं दीर्घकालिक लक्ष्यों पर सुझाव दिए।

बैठक में सदस्यों ने विचार-विमर्श करते हुए कहा कि अपशिष्ट से धन बनाने, राज्य को हरित राज्य बनाने, नवीकरण ऊर्जा पर निर्भरता, स्वच्छ ऊर्जा, कार्बन उत्सर्जन में कमी, अनुसंधान और विकास, समुदाय भागीदारी, स्थिरता और पुनर्योजी विकास के लिए छत्तीसगढ़ को एक मॉडल के रूप में स्थापित करना है। हरा-भरा छत्तीसगढ़-समृद्धि छत्तीसगढ़ बनाने, हरित ऊर्जा राज्य बनाने, अवशिष्ट चक्र में चक्रीय अर्थव्यवस्था, उन्नत प्रौद्योगिकी को लागू करने, जल संरक्षण को बढ़ावा देने, वाटरशेड प्रबंधन क्षेत्र में सुधार सहित अन्य विषयों पर विस्तार से चर्चा की।

गौरतलब है कि विजन डाक्यूमेंट तैयार करने का उत्तरदायित्व राज्य नीति आयोग को सौंपा गया है। सितंबर 2024 तक विजन डॉक्यूमेंट का अंतिम रिपोर्ट तैयार करने की अपेक्षा की गई है इसके लिए अलग-अलग विषयों पर आठ वर्किंग ग्रुप बनाए गए हैं। बैठक में राज्य नीति आयोग के सदस्य सचिव अनूप श्रीवास्तव एवं सदस्य के. सुब्रमण्यम, आवास एवं पर्यावरण सचिव आर. संगीता, वर्चुअली रूप से सूरजपुर और कबीरधाम जिले के कलेक्टर सहित अन्य सदस्यों ने विभागों द्वारा बनाए गए लघु, मध्यम एवं दीर्घकालिक विजन एवं रणनीतियों पर सुझाव दिए।

बैठक में जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीले टिकाऊ सोसायटी, विभिन्न सूचकांकों, एसडीजी सूचकांक, ऊर्जा और जलवायु सूचकांक, कार्बन फुटप्रिंट, कृषि, वानिकी, राज्य में स्थापित उद्योगों, भूमि, वायु, जल, अपशिष्ट और ऊर्जा पर प्रभाव का आंकलन, प्रौद्योगिकी संचालित अनुसंधान एवं विकास, सरकारी वित्त पोषण और निजी पूंजी निवेश, जागरूकता और संवेदनशीलता, पारिस्थितिकी तंत्र को बहाल करना, सामाजिक समानता को बढ़ावा देना, लोक कल्याण में वृद्धि सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई।

वर्किंग गु्रप के सदस्यों ने वनों के संरक्षण के लिए स्पष्ट रोड मैप बनाने की जरूरत, जैव विविधता के संरक्षण, ईको सिस्टम में सुधार लाने, ग्रास लैंड को बचाने, नवीकरण ऊर्जा पर ध्यान देने, वेस्ट मैनेजमेंट, लैंड फील साइट, रीसाइक्लिंग, सामाजिक भागीदारी, सिवरेज डिस्पोजमेंट विषयों पर भी विस्तार से चर्चा की।

बैठक में सुशासन अभिसरण विभाग, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, खनिज संसाधन विभाग, ऊर्जा विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, आवास एवं पर्यावरण विभाग, वन संरक्षक भू प्रबंधन, छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण, छत्तीसगढ़ नवीकरण ऊर्जा विकास एजेंसी, मनरेगा, पंचायत, छत्तीसगढ़ लघु वनोपज सहकारी संघ, कृषि किसान कल्याण एवं जैविक प्रौद्योगिकी विभाग, मुख्य कार्यपालन अधिकारी इनक्यूबेशन सेंटर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, सदस्य सचिव छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल तथा संचालक नगर एवं ग्राम निवेश के अधिकारी उपस्थित रहे।

भूपेश सरकार में सम्मान के लिए लड़ते रहे मीसाबंदी, अब विष्‍णुदेव सरकार में मिली पांच साल की पेंशन

रायपुर-  पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ में आपातकाल के मीसाबंदी (लोकतंत्र सेनानी) पांच साल तक अपने सम्मान निधि के लिए लड़ते रहे। पिछली सरकार ने सम्मान निधि यानी पेंशन देना बंद कर दिया था। पेंशन बहाल करने के लिए मीसाबंदी उच्च न्यायालय और उच्च्चतम न्यायालय न्याय के लिए दरवाजा खटखटाते रहे। इस दौरान प्रदेश में भाजपा की विष्णुदेव साय सरकार आते ही उन्हें पांच साल की एकमुश्त पेंशन मिली है।

बतादें कि भाजपा 25 जून को आपातकाल काला दिवस मनाने जा रही है। इसमें मीसाबंदी मोर्चा संभालेंगे। आपातकाल काला दिवस के पहले राज्य सरकार ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि के भुगतान के लिए वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक एरियर्स और चालू वित्तीय वर्ष में 35 करोड़ 42 लाख 68 हजार रुपये का भुगतान करा दिया है। प्रदेश में 350 मीसाबंदियों को तीन अलग-अलग श्रेणियों में 10,000 रुपये, 15,000 रुपये और 25,000 रुपये की पेंशन मिली है।

कोर्ट ने सरकार के निर्णय को बताया था गलत

लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय सह संयोजक सच्चिदानंद उपासने ने बताया कि भूपेश सरकार में बंद हुई आपातकाल के मीसाबंदियों की पेंशन 2019 में यह कह कर बंद कर दी गई थी कि इन आवेदनों की नए सिरे से सत्यापन कराया जाएगा, लेकिन सत्यापन नहीं किया और सम्मान निधि भी नहीं दी। मीसाबंदियों ने प्रदर्शन किया और जब सरकार नहीं मानी तो सभी हाई कोर्ट में अर्जी लगाई। हाई कोर्ट बिलासपुर ने सत्यापन के निर्देश दिए।

हाई कोर्ट के आदेश के बाद भूपेश सरकार ने पूर्ववर्ती डा. रमन सिंह की सरकार में मीसाबंदियों के लिए पेंशन देने वाले आदेश को ही निरस्त करा दिया। इसके बाद भी मीसाबंदी हाई कोर्ट के सिंगल बेंच में गए। कोर्ट ने भी सरकार के निर्णय को गलत बताया और इसके बाद डबल बेंच ने सुनवाई की और सिंगल बेंच के आदेश को यथावत किया। सरकार मीसाबंदियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची तो यहां मामला लंबित रहा। हालांकि विष्णु देव सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपील वापस की और पिछले पांच साल की राशि एक साथ दी।

संसद भवन में छत्तीसगढ़ के सांसदों के साथ मिले मुख्यमंत्री श्री साय

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने संसद भवन में छत्तीसगढ़ के नवनिर्वाचित सांसदों के साथ मुलाकात की। साथ ही उन्होंने सांसदों के साथ भोजन भी किया। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सौजन्य मुलाकात भी की।