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ज्योतिर्मठ के नाम से जाना जाएगा चमोली का जोशीमठ , कोश्याकुटोली भी अब श्री कैंचीधाम से पुकारे जाएंगे, उत्तराखंड के सीएम ने की घोषणा

चमोली जिले की जोशीमठ तहसील को अब उसके प्राचीन नाम ज्योतिर्मठ से जाना जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते वर्ष चमोली जिले के घाट में आयोजित कार्यक्रम में जोशीमठ का नाम बदलकर ज्योतिर्मठ करने की घोषणा की थी। 

 स्थानीय जनता लंबे समय से जोशीमठ को ज्योतिर्मठ नाम दिए जाने की मांग कर रही थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने भी यह मांग प्रमुखता से उठाई गई थी। मुख्यमंत्री धामी ने इसे गंभीरता से लेते हए नाम परिवर्तन का फैसला लिया।मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप प्रस्ताव बनाकर भारत सरकार को भेज दिया गया था। अब केंद्र ने ज्योतिर्मठ तहसील के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सरकार के फैसले का स्थानीय जनता ने स्वागत किया है। मान्यता है कि 08 वीं सदी में आदि गुरु शंकराचार्य इस क्षेत्र में आए थे। उन्होंने अमर कल्प वृक्ष के नीचे तपस्या की थी , जिससे उन्हें दिव्य ज्ञान ज्योति की प्राप्ति हुई थी। दिव्य ज्ञान ज्योति और ज्योतेश्वर महादेव की वजह से इस स्थान को ज्योतिर्मठ का नाम दिया गया। लेकिन यह जोशीमठ के नाम से ही प्रचलित हो गया। इसके बाद नाम बदलने की मांग कई बार प्रमुखता से उठी। लेकिन इस पर अमल नहीं हो सका। 

 

उधर नैनीताल की कोश्याकुटोली को अब परगना श्री कैंचीधाम तहसील के नाम से जाना जाएगा। केंद्र सरकार ने राज्य की ओर से भेजे गए तहसील नाम परिवर्तन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। क्षेत्रीय जनता और बाबा नीब करौरी महाराज के भक्तों ने सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री धामी के प्रति आभार जताया है। सीएम धामी ने बीते वर्ष कैंची धाम मंदिर के स्थापना दिवस (15 जून) के मौके पर कोश्याकुटोली तहसील को श्री कैंचीधाम के नाम पर करने की घोषणा की थी। इसके लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया था। केंद्र ने सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद कोश्याकुटोली तहसील का नाम बदलकर परगना श्री कैंचीधाम तहसील करने की मंजूरी दे दी है। कैंची धाम को मानसखंड मंदिर माला मिशन में भी शामिल किया गया है।

यूक्रेन को दिलाया शांति बहाली का भरोसा, पोप ने लगाया गले..! G7 में दिखा भारत का दबदबा, आज लौट रहे पीएम मोदी


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने 14 जून को पुष्टि की है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन के समापन के बाद आज शनिवार (15 जून) तड़के नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए। बाद में, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनका और विश्व के अन्य नेताओं का लक्ष्य ऐसे प्रभावशाली समाधान तैयार करना है, जिससे वैश्विक समुदाय को लाभ हो। इस दौरान G7 में भारत का दबदबा भी देखने को मिला। दरअसल, भारत G7 समूह का हिस्सा भी नहीं है, हमारा देश विशेष निमंत्रण पर इस सम्मेलन में शामिल हुआ था, बावजूद भारतीय प्रधानमंत्री पूरे समूह के केंद्र में नज़र आए। सभी विदेशी राष्ट्राध्यक्षों ने भारतीय प्रधानमंत्री को सम्मान दिया, जो अंतर्राष्ट्रीय पटल पर भारत के बढ़ते कद को दर्शाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा कि, "अपुलिया में G-7 शिखर सम्मेलन में बहुत ही उत्पादक दिन रहा। विश्व नेताओं के साथ बातचीत की और विभिन्न विषयों पर चर्चा की। साथ मिलकर हमारा लक्ष्य ऐसे प्रभावशाली समाधान तैयार करना है, जिससे वैश्विक समुदाय को लाभ हो और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक बेहतर दुनिया बने। मैं इटली के लोगों और सरकार को उनके गर्मजोशी भरे आतिथ्य के लिए धन्यवाद देता हूं।" शुक्रवार को प्रधानमंत्री ने इटली में शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र को संबोधित करते हुए तकनीकी प्रगति, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, वैश्विक दक्षिण में भारत की भूमिका और हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने समाज के सभी वर्गों तक प्रौद्योगिकी की पहुंच सुनिश्चित करके इसके लोकतंत्रीकरण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर पर आयोजित सत्र में बोलते हुए कहा कि, "हमें सामूहिक रूप से यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रौद्योगिकी का लाभ सभी वर्गों तक पहुंचे, समाज के प्रत्येक व्यक्ति की क्षमता को उजागर किया जाए, सामाजिक असमानताओं को दूर करने में मदद मिले और मानव क्षमताओं को सीमित करने के बजाय उनका विस्तार किया जाए। यह न केवल हमारी इच्छा होनी चाहिए बल्कि हमारी जिम्मेदारी भी होनी चाहिए।" प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर राष्ट्रीय रणनीति तैयार करने वाले पहले कुछ देशों में शामिल है और इस वर्ष "कृत्रिम बुद्धिमत्ता सभी के लिए" के मंत्र के साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता मिशन का शुभारंभ किया। उन्होंने आगे कहा कि, "वैश्विक दक्षिण के देश वैश्विक अनिश्चितताओं और तनावों का खामियाजा भुगत रहे हैं" और "भारत ने वैश्विक दक्षिण के देशों की प्राथमिकताओं और चिंताओं को विश्व मंच पर रखना अपनी जिम्मेदारी समझा है।" जलवायु परिवर्तन से निपटने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत "समय से पहले सीओपी के तहत की गई सभी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने वाला पहला देश है," उन्होंने कहा कि "हम 2070 तक नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं"। पीएम मोदी ने लोकसभा चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि, ''तकनीक के व्यापक इस्तेमाल से पूरी चुनावी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी बनी है।'' तीसरी बार सत्ता में वापसी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''यह पूरे लोकतांत्रिक विश्व की जीत है।'' इससे पहले आज प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान विश्व नेताओं के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें कीं। प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से मुलाकात की। उन्होंने शिखर सम्मेलन स्थल पर अपनी इतालवी समकक्ष जॉर्जिया मेलोनी से भी मुलाकात की और दोनों नेताओं ने नमस्ते कहकर एक-दूसरे का अभिवादन किया तथा संक्षिप्त रूप से शुभकामनाएं साझा कीं। इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम स्थल पर पोप फ्रांसिस का स्वागत किया। उन्होंने पोप को भारत आने का निमंत्रण दिया और कहा कि वे लोगों की सेवा करने और दुनिया को बेहतर बनाने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की प्रशंसा करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में भाग लेने के लिए शुक्रवार को इटली के अपुलिया पहुंचे। रिकॉर्ड तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने के बाद यह प्रधानमंत्री की पहली विदेश यात्रा थी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मैक्रों ने रक्षा, परमाणु, अंतरिक्ष, शिक्षा, जलवायु कार्रवाई, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों, संपर्क और संस्कृति के क्षेत्रों में साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने 'मेक इन इंडिया' पर अधिक ध्यान देने के साथ रणनीतिक रक्षा सहयोग को और बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की ऋषि सुनक के साथ बैठक के दौरान नेताओं ने भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी, रक्षा क्षेत्र में औद्योगिक सहयोग बढ़ाने, व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देने आदि के बारे में चर्चा की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी और जेलेंस्की ने "द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और यूक्रेन की स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया। प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत वार्ता और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान को प्रोत्साहित करना जारी रखेगा। प्रधानमंत्री ने इसे "अत्यंत उपयोगी बैठक" बताया और कहा कि "भारत यूक्रेन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए उत्सुक है।" प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कनाडाई समकक्ष जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात की। ट्रूडो ने दावा किया था कि पिछले वर्ष कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय सरकारी एजेंट शामिल थे। इसके बाद यह उनकी पहली आमने-सामने की मुलाकात थी। प्रधानमंत्री मोदी ने जी-7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र को भी संबोधित किया। G7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में भाग लेने के लिए पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने पोप फ्रांसिस से भी मुलाकात की। उन्होंने पोप को गले लगाया और संक्षिप्त रूप से उनका अभिवादन किया। प्रधानमंत्री की शिखर सम्मेलन से इतर पोप के साथ एक अलग बैठक होने की संभावना है। प्रधानमंत्री ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऊर्जा, अफ्रीका-भूमध्यसागरीय शिखर सम्मेलन में भी भाग लिया, जिसकी मेजबानी इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी करेंगी और इसमें पोप फ्रांसिस भी शामिल होंगे। इटली ने भारत को आउटरीच देश के रूप में शिखर सम्मेलन में भाग लेने का निमंत्रण दिया । यह G7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की लगातार पांचवीं भागीदारी थी, जबकि भारत ने पिछले दस शिखर सम्मेलनों में भाग लिया था। G7 के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में, इटली यूरोपीय संघ के साथ कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान, यूके और अमेरिका सहित सात प्रमुख उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के समूह की सभा की मेजबानी कर रहा है। तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन शुक्रवार को विश्व नेताओं ने प्रवासन के मुद्दों पर चर्चा की, उसके बाद हिंद-प्रशांत और आर्थिक सुरक्षा पर चर्चा की। गुरुवार को रूस-यूक्रेन संघर्ष एजेंडे पर हावी रहा, जहां भारत ने "बातचीत और कूटनीति" को सबसे अच्छा तरीका बताया। G7 नेताओं की बैठक में गुरुवार को अपने उद्घाटन भाषण में मेलोनी ने कहा कि दक्षिणी इटली को वैश्विक दक्षिण को एक मजबूत संदेश भेजने के लिए चुना गया था। शुक्रवार की वार्ता के बारे में उन्होंने कहा, "हम इंडो-पैसिफिक पर अपने बढ़ते फोकस के महत्व पर चर्चा करेंगे।" भारत के अलावा, इटली ने अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के 11 विकासशील देशों के नेताओं को जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। अल्जीरिया, अर्जेंटीना, ब्राजील, जॉर्डन, केन्या और मॉरिटानिया के सरकार प्रमुख - अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष के रूप में, ट्यूनीशिया, तुर्की और यूएई शिखर सम्मेलन में भारत के साथ शामिल होने वाले अन्य आउटरीच देशों में से हैं।
*क्या आपने देखी जी7 फैमिली फोटो, सदस्य देश नहीं होने के बाद भी भारत का दिखा जलवा*
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13 से 15 जून के बीच इटली के पुलिया में जी7 शिखर सम्मेलन हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी जी 7 सम्मेलन में शामिल होने के ले इटली पहुंचे थे। हालांकि, भारत इस समूह का हिस्सा नहीं है। बावजूद इस कार्यक्रम में आमंत्रित देश भारत की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए। बता दें कि 2019 से भारत को हर साल जी-7 में आमंत्रित किया जा रहा है, जो जी7 का हिस्सा नहीं हैं। ऐसे में वैश्विक स्तर पर भारत के बढ़ते प्रभाव को महसूस किया जा सकता है। यही नहीं, जी7 शिखर सम्मेलन से आई क तस्वीर इसकी तस्दीक भी करती है। पीएम मोदी जी 7 शिखर सम्मेलन में एक बार केंद्रीय आकर्षण बने नजर आए। शुक्रवार रात को जी7 शिखर सम्मेलन के ‘आउटरीच नेशन’ सत्र में दुनिया भर के नेताओं ने एक फैमिली फोटो खिंचवाई। पीएम मोदी इस दौरान सेंटर स्टेज पर नजर आए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर यह तस्वीर साझा की। उन्होंने लिखा 'इटली में जी7 शिखर सम्मेलन में विश्व नेताओं के साथ।' पीएम मोदी के तस्वीर साझा करते ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। लोग जमकर चर्चा कर रहे हैं। इस तस्वीर में पीएम मोदी मंच पर बीचोंबीच खड़े हुए दिखाई दिए, जबकि इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी खुद नीचे वाली लाइन में खड़ी थीं। यहां तक कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन भी नीचे खड़े हुए नजर आए। उनके साथ अन्य देशों के प्रमुख भी दाएं-बाएं खड़े दिखे इस फोटग्राफ में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़, इटली के पीएम जियोर्जिया मेलोनी, जापान के पीएम फूमियो किशिदा और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन शामिल थे। इसके साथ ही यूरोपीय संघ और उनके बाहरी मेहमान, जिनमें पीएम नरेंद्र मोदी, पोप फ्रांसिस और तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोआन भी इस फोटो में शामिल हैं।
जी7 समिट में ट्रूडो से मिले पीएम मोदी, जानें भारत-कनाडा तनाव के बीच कैसी रही मुलाकात

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जी 7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली दौरे से भारत के लिए रवाना हो गए हैं। जी 7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने कई देशों के बड़े नेताओं से मुलाकात की। पीएम मोदी ने शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, जापानी प्रधानमंत्री फूमिओ किशिदा, जॉर्डन के राजा अब्दुल्लाह, तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन समेत अन्य नेताओं से मुलाकात की। इन सबके बीच इटली में कनाडा के समकक्ष जस्टिन ट्रूडो से हुई उनकी मुलाकात काफी चर्चा में रही।

दरअसल, आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद कनाडा और भारत में पिछले साल से तनावपूर्ण संबंध देखे गए हैं। इस तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके कनाडाई समकक्ष जस्टिन ट्रूडो पहली बार मिले। इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर यह मुलाकात हुई। मुलाकात की तस्वीरें पीएम मोदी ने एक्स पर शेयर किया है। इसके साथ उन्होंने लिखा, 'जी7 शिखर सम्मेलन में कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात की।' 

बता दें कि कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तान समर्थक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गुरुद्वारे के सामने हत्या हो गई थी। जस्टिन ट्रूडो ने सितंबर 2023 में संसद में खड़े होकर हत्या का आरोप भारतीय एजेंट्स पर लगाया। इसके बाद दोनों देशों में तनाव बढ़ गया था। भारत ने ट्रूडों के आरोपों को बेतुका करार देते हुए खारिज कर दिया। हत्या की जांच रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस की ओर से की जा रही है। भारत का कहना है कि दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा कनाडा की ओर से अपनी जमीन पर खालिस्तान समर्थकों को छूट देना है।

जी7 शिखर सम्मेलन में भारत को 'आउटरीच देश' के रूप में आमंत्रित किया गया है। बता दें, जी7 में सात सदस्य देश अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, इटली, जापान और फ्रांस के साथ-साथ यूरोपीय संघ की भागीदारी है। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो समेत कई वैश्विक नेताओं का जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए स्वागत किया।

भारत शांतिपूर्ण समाधान के लिए वो सब करेगा जो उसके हाथ में”, जी7 सम्मेलन में पीएम मोदी ने दिया संदेश*
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दुनिया के 7 ताकतवर देशों (जी7) का सम्मेलन इटली में आयोजित हुआ। इस समिट में दुनिया के कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन केंद्र में रूस-यूक्रेन युद्ध और गाजा युद्ध रहा।रूस और यूक्रेन का युद्ध जबसे शुरू हुआ था तभी से दुनियाभर के बड़े देश अपना-अपना स्टैंड ले रहे थे। भारत पर भी निगाहें बनी हुई थीं। भारत ने पहले ही बता दिया था कि युद्ध किसी भी तरह से सही नहीं है। भारत ने ये बाद रूस और यूक्रेन दोनों को बताई थी। अब जबकि इटली में जी सेवन समिट हो रहा है कि तो पीएम मोदी की मुलाकात यूक्रेन के राष्ट्रपति से हुई। यहां भी पीएम मोदी ने बताया कि शांति के लिए वे दो सूत्र क्या हैं जो जरूरी हैं। *भारत बातचीत और कूटनीतिक रास्ते के जरिए मामले के शांतिपूर्ण निपटारे का पक्षधर-पीएम मोदी* पीएम मोदी ने कहा कि भारत बातचीत और कूटनीतिक रास्ते के जरिए मामले के शांतिपूर्ण निपटारे का पक्षधर है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत शांतिपूर्ण समाधान के लिए वो सब करेगा जो उसके हाथ में होगा। दोनों नेताओं में ये भी सहमति बनी कि दोनों आने वाले वक्त में बातचीत जारी रखेंगे। जेलेंस्की रूस के साथ शांति वार्ता में भारत को अहम सहयोगी के तौर पर देखते हैं। इसलिए जेलेंस्की ने स्विट्जरलैंड में होने वाले शांति सम्मेलन में भारत को खास तौर पर आमंत्रित किया है। *अपुलिया खाद्य प्रणाली पहल को दी गई मंजूरी* रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद दुनिया में पैदा हुए अनाज संकट को ध्यान में रखकर शुक्रवार को जी-7 देशों ने वैश्विक कुपोषण के खिलाफ खाद्य सुरक्षा पहल शुरू की है। इस पहल को जी-7 अपुलिया खाद्य प्रणाली पहल (एएफएसआई) नाम दिया गया है। इसका उद्देश्य खाद्य सुरक्षा और पोषण के लिए संरचनात्मक बाधाओं को दूर करना है। यह पहल निम्न आय वाले देशों पर ध्यान केंद्रित करेगी और अफ्रीका में खाद्य सुरक्षा परियोजनाओं का समर्थन करेगी, ताकि अफ्रीका से लोगों के विस्थापन और प्रवास में कमी आए। G-7 शिखर सम्मेलन पीएम मोदी ने इस सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस, तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोआन, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला से मुलाकात की. जी-7 शिखर सम्मेलन में सात देश अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं. हालांकि इटली के निमंत्रण पर अल्जीरिया, अर्जेंटीना, ब्राजील, भारत, जॉर्डन, केन्या, मॉरिटानिया, ट्यूनीशिया, तुर्किये और संयुक्त अरब अमीरात मेहमान के तौर शामिल हुए थे
जम्मू-कश्मीर में बढ़े आतंकी हमले के बीच एक्शन में अमित शाह, गृह मंत्रालय के अधिकारियों संग की सुरक्षा की समीक्षा

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जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर आतंकी हमलों तेजी देखी जा रही है। पिछले पांच दिनों में चार मुठभेड़ों के बाद केंद्र सरकार पूरी तरह से एक्शन में है। इसी बीच गृह मंत्री अमित शाह ने भी जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के हालातों की समीक्षा की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की है। इस बैठक में उन्होंने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति पर चर्चा की और अधिकारियों से सुरक्षा व्यवस्था को लेकर फीडबैक लिया है।

जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ दिनों में हुए कई आतंकी हमलों के बाद केंद्र सरकार अलर्ट मोड में आ गई हैं। बता दें कि आतंकवादियों ने रियासी, कठुआ और डोडा में चार जगहों पर हमले किए हैं। जिसमें 10 तीर्थयात्रियों की मौत हुई। वहीं सीआरपीएफ का एक जवान भी शहीद हुआ है। इन हमलों के बाद जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और अन्य अधिकारियों के साथ जम्मू-कश्मीर की स्थिति की समीक्षा की। वहीं आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के हालातों की समीक्षा की है।

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति को लेकर हुई समीक्षा बैठक में गृह मंत्रालय के कई अधिकारियों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी, सीआरपीएफ के आला अधिकारी और इंटेलिजेंस ग्रेड के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।गृह मंत्री ने सभी अधिकारियों ने सुरक्षा के इंतजाम को लेकर सवाल किए और फीडबैक लिया।अमित शाह ने इस दौरान घाटी के हालात की अपडेट भी ली और आतंकवाद से निपटने के उपायों पर भी चर्चा की।

केंद्रीय गृहमंत्री ने अब 16 जून को जम्मू-कश्मीर की सिक्योरिटी रिव्यू करने के लिए एक बड़ी बैठक बुलाई है। इस हाई लेवल की बैठक में भी घाटी की सुरक्षा और अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के संबंध में विस्तार से चर्चा की जाएगी। जानकारी के मुताबिक इस बैठक में एनएसए अजीत डोभाल, आईबी प्रमुख, जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा, पारामिलिट्री फोर्सेस के डीजी सरीखे उच्च अधिकारी भी शामिल होंगे।

नीट यूजी विवादःविरोध कर रहे छात्रों से मिलेशिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, निष्पक्षता से समाधान का दिया आश्वासन

#neet_result_2024_controversy_education_minister_dharmendra_pradhan_meets_students

नीट यूजी परीक्षा 2024 विवादों में है।नीट एग्जाम दे चुके उम्मीदवार रिजल्ट जारी होने के बाद भी परेशान हैं।परीक्षा में अनियमितता को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। देशभर के भावी डॉक्टर भीषण गर्मी में सड़कों पर न्याय की मांग के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट में भी जा चुका है। इसी बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने आज नाराज छात्रों से मुलाकात की और कहा है उनके करियर का पूरा ख्याल रखा जाएगा।सभी चिंताओं का निष्पक्षता और समानता के साथ समाधान किया जाएगा।

बता दें कि नीट परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट समेत सात हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर हुई हैं।इस बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कुछ छात्रों और उनके अभिभावकों से मुलाकात की।धर्मेंद्र प्रधान ने आज यूपी के कन्नौज और दिल्ली से आए दो हर्ष और विकास नाम के छात्रों से मुलाकात की थी। इन छात्रों के साथ उनके अभिभावक भी उनसे मिले थे। मुलाकात के बाद छात्रों ने कहा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने उनकी बातों को गौर से सुना और ये आश्वासन दिया कि मामले की गहनता से जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, आज जो छात्र हमसे मिलना चाहते थे, मैंने उन्हें बुलाया, उनके अभिभावक भी आए, मैं उनसे मिला।मैंने उनका पक्ष सुना और मैंने उन्हें बेहतर महसूस कराया। केंद्र सरकार नीट परीक्षार्थियों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। मैं छात्रों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनकी सभी चिंताओं का निष्पक्षता और समानता के साथ समाधान किया जाएगा। किसी भी छात्र को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा और किसी भी बच्चे के करियर को खतरे में नहीं डाला जाएगा। 

केंद्रीय मंत्री ने ये भी कहा कि चूंकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है इसलिए पहले कोर्ट की कार्यवाही को देखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इंक्वारी ऑर्डर भी किया गया है। दोषी को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि छात्रों ने पूरे मामले की सीबीआई जांच की भी मांग की है और दोबारा एग्जाम में बैठने का मौका मांगा है। शिक्षा मंत्री ने आश्वस्त किया कि छात्र निश्चिंत रहें, पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से होगी।

उन्होंने आगे कहा कि 24 लाख छात्र आवेदक थे, और 23 लाख 30 हजार छात्रों ने परीक्षा दी है, यह स्वाभाविक है।उनके मन में जो भी शंकाएं आती हैं, कुछ मुद्दे मन में आए कि केंद्र में कुछ अनियमितताएं देखी गईं।ग्रेस मार्क्स के लिए समय की कमी के कारण, ग्रेस मार्क्स देने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले फॉर्मूले में कुछ आपत्तियां उठाई गईं।उसे भी ठीक कर दिया गया।

इससे पहले गुरूवार को केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ये भी कहा था कि नीट पेपर लीक का कोई सबूत सामने नहीं आया है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर भी हमला बोला और कहा कि छात्रों के भविष्य पर राजनीति करना उनकी पुरानी आदत है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति करना ठीक नहीं। विपक्ष छात्रों को गुमराह करना बंद करे।

जी-7 सम्मेलन में पहुंचे पीएम मोदी, मैक्रों-सुनक के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की मुलाकात

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लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम मोदी अपनी पहली विदेश यात्रा पर इटली में हैं। यहां वह जी7 समिट में शिरकत करने आए हैं। इस मौके पर पीएम मोदी ने ताबड़तोड़ कई द्विपक्षीय बैठकें की हैं। उन्‍होंने फ्रांस के राष्‍ट्रपति, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री, यूक्रेन के राष्‍ट्रपति आदि से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की। इसके अलावा प्रधानमंत्री अपने एक दिन के दौरे में इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की ओर से आयोजित कृत्रिम मेधा यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्यसागरीय क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने वाले एक सत्र में हिस्सा लेंगे। इस सत्र में पोप फ्रांसिस भी शामिल होंगे।

पीएम मोदी ने की फ्रांस के राष्ट्रपति से मुलाकात

जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने इटली पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉं से मुलाकात की। दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने रक्षा, एआई (कृत्रिम मेधा), महत्वपूर्ण तकनीक और अंतरिक्ष जैसे प्रमुख क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाने जैसे मुद्दों पर चर्चा की। पीएम मोदी ने आगामी पेरिस ओलंपिक 2024 की मेजबानी के लिए राष्ट्रपति मैक्रों को शुभकामनाएं दीं।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से पीएम मोदी की मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर अपुलिया में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान पीएम मोदी ने भारत-ब्रिटेन के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

जेलेंस्‍की के साथ पीएम मोदी की द्विपक्षीय वार्ता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी7 शिखर सम्‍मेलन से इतर युद्धग्रस्‍त यूक्रेन के राष्‍ट्रपति व्‍लोदोमिर जेलेंस्‍की से मुलाकात की है। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत हुई। रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया है और दोनों देशों के बीच सशस्‍त्र संघर्ष जारी है। यूक्रेन इस खूनी संघर्ष को खत्‍म कराने के लिए विश्‍व समुदाय से लगातार अपील कर रहा है।

जी7 शिखर सम्मेलन के 'आउटरीच सत्र' को भी संबोधित करेंगे पीएम मोदी

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने हवाई अड्डे से एक वीडियो संदेश में कहा कि भारत के प्रधानमंत्री जी7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए इटली के ब्रिंडिसी हवाई अड्डे पहुंचे। उनका शुक्रवार का दिन बेहद व्यस्त रहने वाला है। हमारी एक के बाद एक कई वैश्विक नेताओं से साथ द्विपक्षीय बैठकें हैं। वह जी7 शिखर सम्मेलन के 'आउटरीच सत्र' को भी संबोधित करेंगे।

उद्धव ठाकरे को ना मराठी मानुष का वोट मिला, ना उत्तर भारतीयों का वोट मिला', बोले भाजपा नेता और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम फडणवीस

भाजपा नेता एवं डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा, मुंबई में NDA को MVA से 2 लाख अधिक वोट मिले, मगर उनकी चार और हमारी दो सीटें आईं. आगे फडणवीस ने कहा, उद्धव ठाकरे को ना मराठी मानुष का वोट मिला, ना उत्तर भारतीयों का वोट मिला. उन्हें केवल उन लोगों का वोट मिला है, जिनके लिए उद्धव ठाकरे ने हिंदू भाई एवं बहनों कहना छोड़ दिया है. जिनके लिए उद्धव ठाकरे हिंदू हृदय सम्राट बाल ठाकरे के बजाए जनाब बालासाहब कहने लगे हैं.

हाल ही में संपन्न हुए आम चुनावों में शिवसेना (UBT) ने मुंबई की 6 में से 3 सीटें जीतीं हैं. जबकि बीजेपी, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना एवं कांग्रेस एक-एक सीट पर चुनाव जीती है. पूरे प्रदेश में सबसे अधिक 13 सीटें कांग्रेस ने जीती हैं. भाजपा एवं उद्धव गुट ने 9-9 सीटों पर जीत हासिल की है. शरद पवार गुट ने 9 सीटें जीती हैं. शिंदे गुट ने 7 एवं अजित पवार गुट ने एक सीट पर जीत दर्ज की है. भाजपा ने प्रदेश की 28 सीटों पर चुनाव लड़ा था. शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना ने 15 सीटों पर चुनाव लड़ा था. महाराष्ट्र में कुल 48 सीटें हैं. फडणवीस ने आगे दावा किया कि अल्पसंख्यकों का समर्थन हासिल करने के लिए बीते 6 महीनों में उद्धव ठाकरे ने अपने भाषणों का आरम्भ 'मेरे हिंदू भाइयों और बहनों' कहना बंद कर दिया था. 

उन्होंने स्वीकार किया कि लोकसभा चुनाव प्रचार के चलते विपक्ष ने एक झूठी कहानी फैलाई तथा कहा कि भाजपा संविधान बदलना चाहती है तथा आरक्षण समाप्त करना चाहती है, इससे हमें भारी नुकसान हुआ. फडणवीस का कहना था कि मुंबई स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के चुनावों का ऐलान हो चुका है. हमें इसे फिर से जीतना है. हमने इसे कुछ वर्ष पहले अपने पूर्व राजनीतिक सहयोगी (शिवसेना) को दे दिया था. अब इसे वापस जीतने का वक़्त आ गया है. हमारी उम्मीदवार किरण शेलार जीतेंगी और यह साबित करेंगी कि भाजपा के खिलाफ फर्जी कहानी अब से काम नहीं चलेगा. उन्होंने दावा किया कि पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के पहले मुखिया हैं, जिन्होंने पूरे देश में संविधान लागू किया. पहले अनुच्छेद 370 की वजह से संविधान जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होता था. उसके (अनुच्छेद 370) हटने के बाद अब वहां भी संविधान लागू है. 

फडणवीस ने कहा, भाजपा को मुंबई में 26 लाख वोट मिले. जबकि MVA प्रत्याशियों को 24 लाख वोट मिले, किन्तु वोटों के अंकगणित ने उनकी सहायता की तथा हम (सत्तारूढ़ भाजपा और शिवसेना) सिर्फ दो सीटें जीत सके. उपमुख्यमंत्री ने कहा, यह भी एक अच्छा संकेत है कि आदित्य ठाकरे की वर्ली विधानसभा सीट उनके उम्मीदवार (दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट) को केवल 6 हजार वोटों की बढ़त दे सकी है. इसका स्पष्ट मतलब है कि उद्धव गुट का करिश्मा खत्म हो गया है तथा नागरिक चुनावों में भाजपा बढ़त बनाएगी. मुंबई में भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार ने कहा, जब मोदी, अमित शाह ने PFI पर प्रतिबंध लगाया था. तब भी यूथ टॉक ने इसका स्वागत नहीं किया था. किन्तु वोट बैंक तुष्टिकरण के लिए आज मुस्लिम समाज के लोग गले लग रहे हैं तथा नंगी तलवारें अपना रहे हैं अस्तित्व में ले रहे हैं.

भोपाल में गुस्साए हाथी ने पटक कर और घसीटते हुए ले ली अपने ही मालिक की जान, पुलिस ने कस्टडी में लेकर थाने में बांधा

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक गुस्साए हाथी ने महावत को कुचलकर मार डाला। दूसरे महावत साथियों की खबर पर मौके पर पहुंची पुलिस हाथी को हिरासत में लेकर थाने ले आई है। छोला मंदिर थाना पुलिस ने बताया, भोपाल के भानपुर ब्रिज के पास की यह घटना है। बुधवार रात सतना जिला निवासी नरेंद्र कपड़िया (55) को पालतू हाथी ने सूंड से उठाकर पटक दिया तथा फिर घसीटने के पश्चात् पैर से कुचलकर मार डाला। 

दरअसल, नरेंद्र समेत 5 महावतों का समूह पालतू मादा हाथी जानकी को देशभर में घुमाकर दान दक्षिणा जुटाते थे। महावतों सहित हाथी का भी खर्च उसी पैसे से चलता था। पिछले दिन पांचों महावत भोपाल से पड़ोसी जिले विदिशा की तरफ रवाना हुए थे। मगर देर रात एक खेत में हाथी को पेड़ के नीचे बांधकर सो गए। इसी बीच, देर रात हाथी अचानक रात को चिंघाड़ने लगा तथा जब तक कोई कुछ समझ पाता, तब तक गुस्साए जानवर ने सोए हुए महावत नरेंद्र को अपनी सूंड से उठाकर जमीन पर पटक दिया तथा इसके बाद घसीटते हुए पैर से कुचलकर मार डाला। मौके पर ही महावत की मौत हो गई। मृतक के साथी भूपेंद्र ने बताया, "हाथी ने नरेंद्र को उठाया एवं उसे कई बार जमीन पर पटका और इसके बाद उसे रौंद दिया। हमने उसे बचाने का प्रयास किया, किन्तु हम सफल नहीं हुए। फिर हमने पुलिस को फोन किया। 

वहीं, मृतक के भतीजे दीपक कपाड़िया ने दावा किया कि हाथी ने दो वर्ष पहले एक शख्स को मार डाला था तथा बीते वर्ष एक व्यक्ति पर हमला किया था। उन्होंने कहा कि हाथी को वन विभाग को सौंप दिया जाना चाहिए। टीआई सुरेश चंद्र नागर ने बताया, हाथी को चोला मंदिर पुलिस स्टेशन परिसर में एक वृक्ष से बांध दिया गया है। हम वन विभाग से संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे वे हाथी को ले जा सकें। हालांकि, यह अब सामान्य बर्ताव कर रहा है। मृतक का महावत दोस्त भूपेंद्र जानवर पर नजर रख रहा है। वहीं, पुलिस अधिकारी ने बताया कि महावत का शव सतना में उसके घरवालों के पास भेज दिया गया है। महावत के दोस्तों ने दावा किया कि हाथी तापमान बढ़ने के कारण आक्रामक हो जाता है तथा उसने पहले भी एक शख्स को मार डाला था। इस दावे को लेकर पुलिस अफसर अब वन विभाग के अफसरों से संपर्क में हैं।