जी-7 समिट में शिरकत करने के लिए पीएम मोदी इटली रवाना, इन मु्द्दों पर रहेगा फोकस
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दुनिया के सात सबसे अमीर मुल्कों के नेता इटली में इकट्ठा हो रहे हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 समिट में शिरकत करने के लिए गुरुवार शाम को इटली के लिए रवाना हो गए हैं।मोदी एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ 14 जून को होने वाले शिखर सम्मेलन के संपर्क सत्र में भाग लेने के लिए गुरुवार को इटली रवाना हुए। तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री का पदभार संभालने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा है। इटली के अपुलिया क्षेत्र के बोर्गो एग्नाजिया के आलीशान रिसॉर्ट में 13 से 15 जून तक आयोजित होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में यूक्रेन में चल रहे युद्ध और गाजा में संघर्ष का मुद्दा छाया रहने की संभावना है।
पीएम 14 जून को आउटरीच सत्र में भाग लेंगे, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर पर केंद्रित होगा। वह इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे।जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी जी-7 से इतर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात कर सकते हैं।
जी 7 यानी 'ग्रुप ऑफ़ सेवेन' दुनिया की तथाकथित सात 'अत्याधुनिक' अर्थव्यवस्थाओं की एक संस्था है जिसका ग्लोबल ट्रेड और अंतरराष्ट्रीय फ़ाइनेंशियल सिस्टम पर दबदबा है। ये सात देश हैं - कनाडा, फ़्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका। 1973 के ऊर्जा संकट के जवाब में आर्थिक और वित्तीय सहयोग के लिए एक मंच के रूप में जी-7 की स्थापना की गई थी। पहला शिखर सम्मेलन 1975 में फ्रांस में आयोजित किया गया था जिसमें फ्रांस, अमेरिका, यूके, जर्मनी, जापान और इटली शामिल थे। हालांकि, 1976 में कनाडा भी शामिल हो गया जोकि जी-7 का वर्तमान स्वरूप भी है।
1997 से 2013 के बीच G7 का विस्तार G8 में हुआ। रूस को भी 1998 में इस गुट में शामिल किया गया था और तब इसका नाम जी-8 हो गया था पर साल 2014 में रूस के क्राइमिया पर कब्ज़े के बाद उसे इस गुट से निकाल दिया गया। एक बड़ी इकॉनमी और दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के बावजूद चीन कभी भी इस गुट का हिस्सा नहीं रहा है। चीन में प्रति व्यक्ति आय इन सात देशों की तुलना में बहुत कम है इसलिए चीन को एक एडवांस इकॉनमी नहीं माना जाता। लेकिन चीन और अन्य विकासशील देश जी 20 समूह में हैं। यूरोपीय संघ भी जी-7 का हिस्सा नहीं है लेकिन उसके अधिकारी जी-7 के वार्षिक शिखर सम्मेलनों में शामिल होते हैं।
पूरे साल जी-7 देशों के मंत्री और अधिकारी बैठकें करते हैं, समझौते तैयार करते हैं और वैश्विक घटनाओं पर साझे वक्तव्य जारी करते हैं। इस साल जी-7 की अध्यक्षता इटली कर रहा है।हर साल 1 जनवरी से शुरू होकर कोई एक सदस्य देश बारी-बारी से समूह का नेतृत्व संभालता है। 1 जनवरी, 2024 को इटली ने जापान के बाद अध्यक्षता संभाली और 31 दिसंबर, 2024 को इसे कनाडा को सौंप देगा।
Jun 14 2024, 11:15