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दिल्ली:मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त,चुनाव प्रचार के लिए मिली थी जमानत,आज जाना होगा जेल

नई दिल्ली : आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अदालत से कोई राहत नहीं मिली है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने स्वास्थ्य आधार पर सात दिन की अंतरिम जमानत मांगने की उनकी याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया है।

ट्रायल कोर्ट की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि वह पांच जून को आदेश सुनाएंगी। ऐसे में केजरीवाल को रविवार को तिहाड़ जेल के अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करना होगा, क्योंकि लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत एक जून को समाप्त हो गई है।

केजरीवाल को आत्मसमर्पण करना होगा

केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन ने अदालत से और पहले फैसला करने का अनुरोध किया। कहा कि पांच जून को आदेश जारी करने से उनकी याचिका निष्फल हो जाएगी। इसकी आवश्यकता केवल कल तक की है, नहीं तो उनके मुवक्किल को आत्मसमर्पण करना होगा। ईडी को ओर से पेश सालिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने याचिका का विरोध किया।

दिल्ली: ग्रेटर नोएडा में एनटीपीसी पताड़ी रोड पर बने गोदाम में लगी भीषण आग, मौके पर पहुंची दमकल गाड़ियां


नयी दिल्ली : ग्रेटर नोएडा में एनटीपीसी पताड़ी रोड पर स्थित गोदाम में रविवार सुबह भीषण आग लग गई। 

सूचना पर दमकल की कई गाड़ियां आग पर काबू पाने के लिए मौके पर पहुंची हैं। 

आग किस वजह से लगी इस बात का अभी तक पता नहीं चल पाया है। इसमें अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

राजमहल में सबसे ज्यादा 52.72 फीसदी वोट महेशपुर विधानसभा क्षेत्र में


राजमहल लोकसभा के अंतर्गत आने वाले महेशपुर विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 52.72 फीसदी मतदान हुआ है. किस विधानसभा सीट पर कितनी वोटिंग हुई, पूरी लिस्ट यहां देखें. राजमहल -44.75% बोरियो - 47.86% बरहेट - 47.1% लिट्टीपाड़ा -48.81% पाकुड़ -47.12% महेशपुर -52.72%
आज का इतिहास:आज ही के दिन नेपाल के प्रिंस ने राजा-रानी समेत राजपरिवार के 9 लोगों की हत्या की थी,जाने 1 जून की महत्वपूर्ण घटनाएं


*नयी दिल्ली :* नेपाल के इतिहास में एक जून की तारीख काले अक्षरों में दर्ज है. इसी तारीख को वहां के क्राउन प्रिंस दीपेंद्र शाह ने अपने पिता राजा बीरेंद्र बीर बिक्रम शाह, मां रानी ऐश्वर्या के साथ ही राजपरिवार के नौ लोगों की हत्या कर दी थी. परिवार के लोगों की हत्या के बाद दीपेंद्र ने खुद को भी गोली मार ली थी। 1 जून की रात राजमहल में एक भोज का आयोजन किया गया था, जिसमें कुछ चुनिंदा मेहमान ही मौजूद थे। इसी बीच नशे में धुत प्रिंस दीपेंद्र कमरे से बाहर आए और भोज में आए एक मेहमान से लड़ाई करने लगे। परिवार वालों ने बीच-बचाव करते हुए दीपेंद्र को अपने कमरे में भेज दिया। परिवार वालों को लगा कि दीपेंद्र कमरे में जाकर शांत हो जाएंगे, लेकिन अगले ही पल दीपेंद्र अपने साथ 3 बंदूकें लेकर कमरे से बाहर आए। इससे पहले की कोई कुछ समझ पाता दीपेंद्र ने बंदूक से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी और कुछ ही मिनटों में अपने ही परिवार के 9 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। पूरे हत्याकांड के बाद दीपेंद्र ने खुद को भी गोली मार ली। इस नृशंस हत्याकांड के बाद दीपेंद्र तीन दिन कोमा में रहे और 4 जून को उनकी मौत हो गई। माना जाता है कि नेपाल के प्रिंस दीपेंद्र ने अपनी पसंद की लड़की से शादी नहीं करने की नाराजगी की वजह से अपने परिवार के 9 लोगों को गोली मार दी थी माना जाता है कि नेपाल के प्रिंस दीपेंद्र ने अपनी पसंद की लड़की से शादी नहीं करने की नाराजगी की वजह से अपने परिवार के 9 लोगों को गोली मार दी थी पसंद की लड़की से शादी न होने के लिए चलाई थी गोली? प्रिंस दीपेंद्र ने इंग्लैंड के एटन कॉलेज से पढ़ाई की थी। इस दौरान उनकी मुलाकात नेपाली नेता शमशेर जंग बहादुर राणा की बेटी देवयानी से हुई। कहा जाता है कि इंग्लैंड में ही दीपेंद्र और देवयानी एक दूसरे से प्यार करने लगे और शादी करना चाहते थे, लेकिन राजपरिवार इस रिश्ते के खिलाफ था। महारानी चाहती थीं कि दीपेंद्र की शादी शाही परिवार में हो। जब दीपेंद्र ने अपनी पसंद से यानी देवयानी से शादी करने के लिए कहा तो महारानी नाराज हो गईं और साफ मना कर दिया। एक तरफ शादी को लेकर राजपरिवार और दीपेंद्र में दूरियां बढ़ने लगीं तो वहीं दूसरी ओर राजपरिवार से जुड़े फैसलों में भी दीपेंद्र की भागीदारी कम होने लगी। इससे दीपेंद्र की नाराजगी बढ़ने लगी जिसका अंजाम हत्याकांड के रूप में सामने आया।


*थॉमस अल्वा एडिसन को मिला था पहला पेटेंट*

महान वैज्ञानिक थॉमस अल्वा एडिसन को अपना पहला पेटेंट 1 जून 1869 को इलेक्ट्रिक वोट रिकॉर्डर के लिए मिला था। ये उनके साइंटिफिक करियर का पहला पेटेंट था। इस समय एडिसन की उम्र केवल 22 साल थी। इससे कुछ समय पहले ही उन्हें टेलीग्राफ ऑपेरटर की नौकरी से निकाला गया था। एडिसन अपने लिए कुछ काम की तलाश में थे तभी उन्होंने अखबारों में पढ़ा कि न्यूयॉर्क की स्टेट लेजिस्लेटर और वॉशिंगटन की सिटी काउंसिल के चुनावों के लिए ऑटोमैटिक बैलेट मशीन की तलाश की जा रही है। बस फिर क्या था, एडिसन काम पर लग गए। पूरी दुनिया उन्हें इलेक्ट्रिक बल्ब के आविष्कार के लिए जानती है, लेकिन एडिसन मल्टी टैलेंटेड इंसान थे। फोनोग्राफ, कैमरा, टेलीफोन से लेकर बैटरी तक उन्हीं की देन है। 18 अक्टूबर 1931 को जब उनका निधन हुआ तब उनके नाम 1093 पेटेंट रजिस्टर्ड थे।


बॉलीवुड ऐक्ट्रेस नरगिस का जन्म आज ही के दिन 1929 में एक्ट्रेस नरगिस का जन्म हुआ था। महज 6 साल की उम्र में बतौर बाल कलाकर उन्होंने फिल्मों में एंट्री ली। 40 और 60 के दशक के दौरान नरगिस ने राज कपूर के साथ कई फिल्मों में काम किया। 1957 में आई फिल्म ‘मदर इंडिया’ नरगिस के फिल्मी करियर में मील का पत्थर साबित हुई। इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवॉर्ड दिया गया। इसी फिल्म की शूटिंग के दौरान सुनील दत्त ने नरगिस को आग से बचाया था। कहा जाता है कि इस घटना के बाद नरगिस ने सुनील दत्त को अपना जीवन साथी चुन लिया। शादी के बाद नरगिस ने फिल्मों में काम करना कम कर दिया। 1967 में आई फिल्म 'रात और दिन' के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ये पहली बार था जब किसी अभिनेत्री को राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया। वे राज्यसभा सदस्य भी रहीं और भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री सम्मान से भी नवाजा। कैंसर की वजह से नरगिस की 3 मई 1981 को मौत हो गई थी।

मर्लिन मुनरो का जन्म आज ही के दिन1926 में हॉलीवुड एक्ट्रेस मर्लिन मुनरो का जन्म हुआ था। अनाथ आश्रम में पली-बढ़ी मर्लिन ने अपने पड़ोसी जेम्स डोगर्टी से शादी कर ली लेकिन दोनों का रिश्ता ज्यादा दिन चला नहीं और दोनों अलग हो गए। इसके बाद मर्लिन कैलिफोर्निया में एक कारखाने में नौकरी करने लगीं। उस वक्त फोटोग्राफर, डेविड कोनोवर कारखानों में काम करने वाली महिलाओं का काम दिखाने के लिए कुछ शूट कर रहे थे। वे मर्लिन की सुंदरता से बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने अपनी कई तस्वीरों में उनका चेहरा इस्तेमाल किया। यहीं मर्लिन को अपना पहला बड़ा ब्रेक मिला। इसके बाद मर्लिन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा लेकिन मर्लिन का वैवाहिक जीवन खासा सफल नहीं हो पाया। उन्होंने 3 शादियां कीं लेकिन तीनों असफल रहीं। सिर्फ 36 साल की उम्र में मुनरो अपने बेडरूम में मृत अवस्था में पाई गई थीं। उनकी मौत की वजह को लेकर अलग-अलग थ्योरी दी जाती हैं। ड्रग्स के ओवरडोज से लेकर हत्या और आत्महत्या तक को उनकी मौत की वजह बताया जाता है।

*देश-दुनिया के इतिहास में 1 जून को हुई अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं*

2017: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को पेरिस क्लाइमेट एग्रीमेंट से बाहर किया।

2009: एयर फ्रांस का एक विमान अटलांटिक महासागर में क्रैश हो गया। विमान में सवार सभी 228 यात्रियों की मौत हो गई।

2008: आईपीएल के पहले संस्करण के फाइनल में राजस्थान रॉयल्स ने चेन्नई सुपर किंग्स को हराया। 1996: एच डी देवगौड़ा भारत के प्रधानमंत्री बने।

1980: CNN ने आज ही के दिन से 24 घंटे समाचारों का प्रसारण शुरू किया।

1930: भारत की पहली डीलक्स रेलगाड़ी डक्कन क्वीन को बॉम्बे वी टी और पुणे के बीच शुरू किया गया।

1955: अस्पृश्यता निरोधक कानून अस्तित्व में आया।
कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर मुलेठी के पाउडर के उपयोग से मिलते है, कई तरह के फायदे आइए जानते है सेवन का सही तरीका




*नयी दिल्ली :- मुलेठी एक गुणकारी जड़ी बूटी है जिसका वर्षों से कई रोगों को जड़ से दूर करने के लिए आयुर्वेद में खूब इस्तेमाल किया जा रहा है. सर्दियों में भी मुलेठी पाउडर के सेवन से खांसी, जुकाम को दूर किया जा सकता है. कई तरह के पोषक तत्वों जैसे कैल्शियम, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स, प्रोटीन, एंटीबायोटिक्स आदि से भरपूर मुलेठी को चबाने से गले में खराश, नैसल कंजेशन, स्किन इंफेक्शन, रेस्पिरेटरी प्रॉब्लम, मोटापा, गैस्ट्रिक समस्याएं, जोड़ों में दर्द आदि दूर हो सकती हैं. मुलेठी का तना और जड़ सभी फायदेमंद होते हैं. आइए जानते है मुलेठी के पाउडर के क्या-क्या लाभ हो सकते हैं. *बालों के लिए मुलेठी पाउडर के फायदे :

* यदि आपके बाल बहुत अधिक झड़ते हैं, स्कैल्प पर डैंड्रफ है तो मुलेठी पाउडर का इस्तेमाल करना शुरू कर दें. मुलेठी बालों के लिए एक नेचुरल उपाय है, जो इसे जड़ों से मजबूत बनाता है. मुलेठी पाउडर स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, बालों की जड़ों को महत्वपूर्ण पोषण प्रदाण करता है. बालों में शाइन भी आती है. साथ ही स्कैल्प की समस्या दूर करता है. रूसी से पीछा छूटता है. बालों की ग्रोथ बढ़ती है. बालों का असमय सफेद होना रुक सकता है. मुलेठी पाउडर, दही, आलिवल ऑयल मिलाकर हेयर पैक तैयार करें और बालों में लगाएं.

*सांसों की बदबू करे दूर :*

मुलेठी पाउडर में एंटीबैक्टीरियल और एंटीमाइक्रोबियल प्रॉपर्टीज होती हैं, जो मुंह में बैक्टीरिया के विकास को कम करते हैं, इससे सांसों से आने वाली बदबू की समस्या दूर हो सकती है. मुलेठी पाउडर से दांतों को ब्रश करने से कैविटी और प्लाक से बचाव होता है, जिससे आपके मसूड़े और दांत स्वस्थ रहते हैं.

*मुलेठी इम्यूनिटी करे मजबूत :*

एंटीबैक्टीरियल तत्व होने के कारण मुलेठी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत बनाती है. इस तरह से आप कई तरह के इंफेक्शन से बचे रह सकते हैं. यदि आपको थकान, कमजोरी महसूस होती है, ऊर्जा की कमी है तो शरीर की स्टैमिना, ताकत को बढ़ाने के लिए भी मुलेठी पाउडर का सेवन कर सकते हैं. यह लिवर, किडनी को भी लाभ पहुंचा सकती है. आप एक बर्तन में पानी, मुलेठी का जड़, अदरक का टुकड़ा, चायपत्ती डालकर उबालें. इसे छान कर इसमें शहद मिलाएं और मुलेठी की चाय पीकर इसके फायदे पाएं. एंटीबैक्टीरियल तत्व होने के कारण मुलेठी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत बनाती है. इस तरह से आप कई तरह के इंफेक्शन से बचे रह सकते हैं. यदि आपको थकान, कमजोरी महसूस होती है, ऊर्जा की कमी है तो शरीर की स्टैमिना, ताकत को बढ़ाने के लिए भी मुलेठी पाउडर का सेवन कर सकते हैं. यह लिवर, किडनी को भी लाभ पहुंचा सकती है. आप एक बर्तन में पानी, मुलेठी का जड़, अदरक का टुकड़ा, चायपत्ती डालकर उबालें. इसे छान कर इसमें शहद मिलाएं और मुलेठी की चाय पीकर इसके फायदे पाएं.

*त्वचा के लिए मुलेठी पाउडर के फायदे:*

यदि आप मुलेठी पाउडर से तैयार फेस पैक लगाते हैं तो सूरज की हानिकारक किरणों के कारण हुए डार्क स्पॉट, सन टैनिंग, सन डैमेज को दूर किया जा सकता है. आजकल हाइपरपिगमेंटेशन की समस्या से लोग परेशान रहते हैं, इसका नेचुरल इलाज है मुलेठी पाउडर. इससे चेहरा स्मूद, सॉफ्ट होता है, झुर्रियों की समस्या भी नहीं होती है.

मुलेठी के इस्तेमाल से प्रीमैच्योर एजिंग से भी बचा जा सकता है. 1 चम्मच शहद और 2 चम्मच मुलेठी पाउडर और एक छोटा चम्मच नींबू का रस, एक छोटा चम्मच गुलाब जल मिक्स करके चेहरे पर फेस पैक की तरह यूज कर सकते हैं, स्किन को काफी लाभ होगा

*वजन कम करे मुलेठी पाउडर :*

मुलेठी पाउडर फ्लेवोनॉयड्स से भरपूर होता है, जो शरीर के अत्यधिक वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है. इस आयुर्वेदिक कम्पाउंड का सेवन करने से भूख शांत होती है. इसमें मौजूद फाइबर के कारण आप लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस करते हैं. यह पाउडर एलडीएल या खराब कोलेस्ट्रॉल को शरीर में बढ़ने से भी रोकता है. मेटाबॉलिज्म में सुधार करता है और हेल्दी बॉडी वेट बनाए रखने में मदद कर सकता है.
हरी मिर्ची सिर्फ खाना का स्वाद ही नहीं बढ़ाते बल्कि स्वास्थ के लिए भी फायदेमंद है, आईए जानते है हरी मिर्ची खाने से होने वाले फायदे के बारे में।


दिल्ली:भारतीय खाने में हरी मिर्च के बिना तो लगता ही नहीं खाना पूरा हुआ,सलाद में सब्जी में हरी मिर्च के बिना खाना परफेक्ट लगता ही नहीं हरी मिर्च देख कर ही तीखा लगे फिर भी चखने का मन करता है। भारतीय खाने में आपको मिर्च और मसाले का परफेक्ट बैलेंस मिलेगा. क्योंकि भारतीय लोगों को चटपटा और तीखा खाना पसंद होता है.



कई लोग तो इतना तीखा खाते हैं कि वो उपर से मिर्च खाना पसंद करते हैं. अगर आप भी हरी मिर्च खाने के शौकीन हैं तो आपको बता दें कि हरी मिर्च का सेवन सेहत के लिए अच्छा माना जाता है. हरी मिर्च खाने के स्वाद को ही बढ़ाने का काम नहीं बल्कि, सेहत को भी कई लाभ पहुंचाने का काम करती है। हरी मिर्च में विटामिन ए, बी6, सी, आयरन, कॉपर, पोटैशियम, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट, बीटा कैरोटीन, क्रीप्टोक्सान्थिन, लुटेन जॅक्सन्थि‍न जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर को कई लाभ पहुंचाने में मददगार हैं. तो चलिए जानते हैं हरी मिर्च खाने से होने वाले फायदे. हरी मिर्च खाने के फायदे- 1. आंखों- हरी मिर्च में विटामिन ए पाया जाता है, जो आंखों की रोशनी को बढ़ाने और आंखों को हेल्दी रखने में मदद कर सकता है. 2. पाचन- हरी मिर्च एंटी-ऑक्सीडेंट का एक अच्छा सोर्स है. हरी मिर्च में डाइट्री फाइबर्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो पाचन के लिए लाभदायक हो सकते हैं. 3. वजन घटाने- हरी मिर्च में एंटीऑक्‍सीडेंट्स गुण भरपूर मात्रा में होने के अलावा इसमें कैलोरी नहीं होती, जो वजन को कम करने में मदद कर सकती है. 4. हार्ट- हार्ट हमारे शरीर को सबसे अहम अंग है. हार्ट को हेल्दी रखने के लिए हेल्दी खान-पान बेहद जरूरी है. रोजाना हरी मिर्च के सेवन से हार्ट को हेल्दी रखा जा सकता है.
आज 70 वें जन्मदिन पर विशेष : पहले मुस्लिम लड़की से शादी, फिर इस एक्ट्रेस से रचाया ब्याह, ऐसी रही पंकज कपूर की लव स्टोरी


नयी दिल्ली : 70 साल के होने जा रहे अभिनेता पंकज कपूर ने दो शादी की थी. उनकी पहली शादी महज 16 साल की मुस्लिम अभिनेत्री नीलिमा अजीम से हुई थी। पंकज कपूर की लव लाइफ बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता पंकज कपूर 70 साल के होने जा रहे हैं. पंकज का जन्म पंजाब के लुधियाना में 29 मई 1954 को हुआ था. उनके दमदार अभिनय की झलक कई टीवी सीरियल और फिल्मों में देखने को मिली है. बता दें कि पंकज बॉलीवुड स्टार शाहिद कपूर के पिता हैं.

16 साल की मुस्लिम लड़की से की थी पहली शादी 

पंकज कपूर अपनी फिल्मों के साथ ही अपनी निजी जिंदगी को लेकर भी चर्चा में रहे हैं. पंकज कपूर ने दो-दो शादियां की है. उन्होंने पहली शादी 16 साल की लड़की से की थी. वो 16 साल की लड़की कोई और नहीं बल्कि अभिनेत्री नीलिमा अजीम हैं. पंकज और नीलिमा अजीम पहली मुलाक़ात के बाद ही अच्छे दोस्त बन गए थे.

कभी नीलिमा बहुत अच्छी कथक डांसर हुआ करती थीं. 

वे डांस की दुनिया में करियर की तलाश कर रही थी और पंकज कपूर थिएटर किया करते थे. उन दिनों में ही दोनों की मुलाकात हुई थी. बहुत जल्द दोस्ती का रिश्ता प्यार में बदल गया था. इसके बाद दोनों ने अपने रिश्ते को शादी का नाम दे दिया. 21 साल के पंकज ने साल 1975 में 16 साल की नीलिमा से शादी कर ली थी.

एक बेटे के माता-पिता बने पंकज-नीलिमा, फिर ले लिया तलाक

शादी के बाद पंकज और नीलिमा एक बेटे शाहिद कपूर के माता-पिता बने थे. हालांकि पंकज और नीलिमा का रिश्ता ज्यादा लंबा नहीं चल सका. दोनों के बीच आए दिन झगड़ा होते रहता था. इसके चलते दोनों शादी के 9 साल बाद साल 1984 में तलाक लेकर अलग हो गए थे.

सुप्रिया पाठक से की दूसरी शादी

नीलिमा से तलाक लेने के बाद पंकज की दूसरी शादी तलाकशुदा सुप्रिया पाठक से हुई थी. दोनों की पहली मुलाकात साल 1986 के दौरान 'नया मौसम' के सेट पर हुई थी. इसके बाद दोनों के बीच समय के साथ नजदीकियां बढ़ती चली गई. रिश्ते में अच्छा खासा समय बिताने के बाद दोनों ने हमेशा के लिए साथ रहने का फैसला कर लिया था. 

सुप्रिया की मां थी नाखुश, शादी के बाद दामाद को अपनाया

सुप्रिया संग पंकज का रिश्ता पंकज के परिवार को पसंद था लेकिन दोनों का रिश्ता सुप्रिया की मां को मंजूर नहीं था. लेकिन प्यार के लिए सुप्रिया ने मां के ख़िलाफ़ जाकर पंकज से साल 1989 में शादी कर ली थी. शादी के बाद दोनों एक बेटी सना कपूर और बेटे रुहान कपूर के माता-पिता बने. वहीं शादी के बाद सुप्रिया की मां ने भी अपने दामाद पंकज कपूर को अपना लिया था।

आज का इतिहास:एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नॉर्गे ने आज के ही दिन किया एवरेस्ट फतह,जानें 29 मई की महत्वपूर्ण घटनाएं


नई दिल्ली : देश और दुनिया के इतिहास में 29 मई का दिन कई कारणों से खास है। दरअसल, 29 मई 1953 के दिन दो लोगों ने वह कारनामा कर दिखाया था जो एक सपना ही बना हुआ था। एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नॉर्गे ने इस दिन बर्फ से ढकी ऊंची और दुर्गम चोटी एवरेस्ट पर फतह हासिल की थी। 

हिलेरी को इस सफलता के लिए ब्रिटेन की महारानी ने ‘नाइट’ की उपाधि दी थी। इसी द‍िन 1987 में भारत के पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह का निधन हुआ था। 

देश-दुनिया के इतिहास में 29 मई की तारीख पर दर्ज अन्य प्रमुख घटनाएं 

1658 : सामूगढ़ की लड़ाई में औरंगजेब ने दारा शिकोह को शिकस्त दी और दिल्ली के तख्त पर कब्जा किया।

1922 : एक्वाडोर को आजादी मिली।

1953 : पर्वतारोही शेरपा तेनजिंग नॉर्गे और एडमंड हिलेरी ने इतिहास में पहली बार माउंट एवरेस्ट शिखर पर पहुंचने में कामयाबी हासिल की।

1968 : दारा सिंह ने पहलवानी में विश्व चैंपियनशिप अपने नाम की।

1970: सोवियत संघ ने भूमिगत परमाणु परीक्षण किया।

1972: मशहूर रंगकर्मी एवं भारतीय सिनेमा के महान कलाकार पृथ्वी राजकपूर का निधन।

1985: यूरोपीय फुटबॉल कप के दौरान दो टीम के प्रशंसकों के बीच हुई झड़प में 39 लोगों की मौत हो गई।

1987: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का निधन।

1988 : पाकिस्तान के राष्ट्रपति जिया उल हक ने सरकार को बर्खास्त कर संसद को भंग किया।

1990: दक्षिण अमेरिकी देश पेरू में भीषण भूकंप आया।

1999 : ‘डिस्कवरी’ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केन्द्र से जुड़ा। वह यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला अंतरिक्ष यान था।

1999: नाइजीरिया में नई सत्ता व्यवस्था स्थापित हुई।

2007: जापान की रियो मोरी मिस यूनिवर्स बनीं।

मिजोरम में भीषण हादसा, पत्थर की खदान ढही, 10 लोगों की मौत


*नयी दिल्ली :* मिजोरम की एक खदान में भीषण हादसा हुआ है. यहां एक पत्थर की खदान ढहने से 10 लोगों की मौत हो गई है। हादसे के बाद शुरू किए गए रेस्क्यू ऑपरेशन में 2 लोगों को बचा लिया गया है. सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है.
अगर बनारस जाए तो वहा के इन पांच जगह चाट जरूर खाए जिसका स्वाद हमेशा रहेगा याद




*वाराणसी :* बनारस अपनी संस्कृति और इतिहास के लिए दुनिया भर में काफी मशहूर है। यहां की ऐसी कई चीजें हैं, जो दुनियाभर में खूब पसंद की जाती है, उन्हीं में से एक चाट। बनारस में ऐसी कई चीजें हैं जो टूरिस्टों को काफी आकर्षित करती है। बनारसी साड़ी, ऐतिहासिक घाट, प्राचीन मंदिर, बनारसी पान, और लस्सी आदि के अलावा यहां के कई ऐसे पकवान और खाने की चीजें भी खूब पसंद की जाती हैं। बात करें स्ट्रीट फूड की तो चाट के बिना यह लिस्ट अधूरी है। बनारस में चाट की कई वैरायटी आपको मिल जाएगी, जिसे खाने के बाद आप उसके स्वाद को भूल नहीं पाएंगी। महिलाओं को गोलगप्पे और चाट काफी पसंद होते हैं, ऐसे में अगर आप बनारस गई हैं तो यहां कि इन मशहूर जगहों पर मिलने वाली चाट को खाना न भूलें। चाट के साथ-साथ इन जगहों पर मिलने वाली कई ऐसे डिश हैं, जो आपका दिल आसानी से जीत लेंगी। हालांकि बनारसी लोगों की तरह बनारसी खाने की भी अपनी एक खासियत है, जो लोगों के दिलों में अपनी खास जगह बना लेती हैं। देसी खाने अगर आपको बेहद पसंद है, तो आप यहां की फेमस डिश को ट्राई कर सकते हैं। यही नहीं सुबह से लगने वाली भीड़ देख आप खुद भी अंदाजा लगा सकती हैं कि लोग यहां के पकवानों के कितने दीवाने हैं। ' आइए हम बताते है बनारस की उन पांच जगहों के बारे में जहां कि चाट काफी टेस्टी होती है। *राम भंडार* बनारस के ठठेरी बाजार में अगर आप घूम रहे हैं तो एक बार राम भंडार के पकवानों को भी जरूर टेस्ट करें। हालांकि यहां कि चाट काफी पॉपुलर है, बल्कि चाट के अलावा भी यहां मिलने वाली कई ऐसी चीजें हैं, जिसे देखने के बाद आपके मुंह में पानी आने लगेगा। चाट के अलावा यहां समोसे, कचौड़ी सब्जी जैसी कई और भी चीजें हैं जो एक बार आपको जरूर ट्राई करनी चाहिए। खास बात है कि राम भंडार में सभी चीजों को तैयारी देसी घी से की जाती है, जिससे इसका स्वाद दोगुना बढ़ जाता है। 100 रुपये में आप यहां कई फूड आइटम टेस्ट कर सकते हैं। *काशी चाट भंडार* बनारस का सबसे पुराना और फेमस रेस्टोरेंट है काशी चाट भंडार, जो गोदौलिया चौक पर स्थिति है। इस रेस्टोरेंट की लोकेशन घाट और काशी विश्ननाथ मंदिर के आसपास होने की वजह से यहां हमेशा भीड़ लगी रहती है। यहां आपको बिना लहसुन और प्याज के चाट या फिर अन्य पकवान सर्व किए जाते हैं। आपको यहां अलग-अलग तरीके की चाट मिलेगी, जिसमें टमाटर चाट, आलू टिक्की, पानी बताशे आदि शामिल हैं। अगर आप बिना लहसुन प्याज के चटपटे पकवानों को टेस्ट करना चाहती हैं तो यहां आकर एक्सप्लोर करना न भूलें। *कचौड़ी गली* अलग-अलग स्ट्रीट फूड से भरपूर है कचौड़ी गली। कचौड़ी गली में मिलने वाले कई ऐसे पकवान है जो आपका दिल जीत लेंगे। चाट के अलावा यहां ब्लू लस्सी भी काफी मशहूर है। अगर आपको अपने डेली रूटीन में किसी एक दिन ऑयली और चटपटी खाना खाने का मन करे तो कचौड़ी गली जरूर घूम आएं। कहा जाता है कि बनारसी जिस दिन घर का खाना खाने से बोर हो जाते हैं तो वह ब्रेकफास्ट, लन्च और डिनर तीनों कचौड़ी गली से खाना पसंद करते हैं। इस गली में चाट और अन्य पकवानों को एक्सप्लोर करने के लिए सुबह-सुबह इस जगह पर जाएं। बता दें कि बनारस की ट्रिप इस गली को घूमे बिना अधूरी रहेगी। *दीनानाथ चाट भंडार* बनारस में दशाश्वमेध घाट बेहद प्रचलित घाट है। यहां सुबह-सुबह ही लोगों की भीड़ लग जाती है। सुबह-सुबह गंगा स्नान करने के बाद लोग अपने खाने का इंतजाम भी घाट पर ही करते हैं, लेकिन आप चाट की दीवानी हैं तो दीनानाथ चाट भंडार की चाट को टेस्ट करना न भूलें। यहां आपको अलग-अलग तरीके की चाट मिल जाएँगी, लेकिन यहाँ सबसे ज्यादा टमाटर चाट खाना पसंद की जाती है, जिसमें मसाले और पालक के अलावा ड्राई टमाटर भी मिक्स होते हैं। इसके अलावा यहां के गोलगप्पे, आलू टिक्की, और गुलाब जामून भी खूब पसंद किए जाते हैं। *विश्वनाथ चाट भंडार* अगर आप कुल्हड़ में चाट का स्वाद लेना चाहती हैं तो यहां आ सकती हैं। यहां आपको अलग-अलग वैरायटी में चाट और कई स्ट्रीट फूड मिल जाएंगे। हालांकि बनारसी समय के पाबंद नहीं होते हैं, ऐसे में वह खाते वक्त पूरा जायका लेना पसंद करते हैं। कुछ ऐसी ही दीवानगी आपको यहां देखने को मिल जाएगी। इसलिए अगर आप चाट एक्सप्लोर करना चाहती हैं तो आपके पास अधिक समय होना चाहिए, क्योंकि यहां लगने वाली लाइन से आप परेशान भी हो सकती हैं।