*देवर्षि नारद जयंती पर विचार गोष्ठी का आयोजन, पत्रकारिता के गिरते स्तर पर हुई चर्चा*
फर्रुखाबाद- नगर के लाल सराय स्थित फर्रुखाबाद प्रेस क्लब के तत्वाधान में देवऋषि नारद की जयंती के अवसर पर पत्रकार एवं साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे फर्रुखाबाद प्रेस क्लब के अध्यक्ष सर्वेंद्र कुमार अवस्थी (इंदु अवस्थी) ने दीप प्रज्वलित कर संगोष्ठी का शुभारंभ किया। इस दौरान कलमकारों ने देवर्षि नारद के चित्र पर पुष्पार्पण कर पत्रकारिता में आने वाली कठिनाइयों व गिरते स्तर पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सर्वेंद्र अवस्थी 'इंदु' ने कहा कि देवर्षि नारद ब्रह्माजी के दसवें मानस पुत्र थे। उन्होंने कहा कि हमारी प्रतिष्ठा ही हमारी कलम है। हमें कलम के प्रति प्रतिबद्ध होना चाहिए। उन्होंने कहा कि 'हम घनी अंधेरी रात में कलम से दीपक जला सके, तभी हमारी पत्रकारिता सार्थक है।' हमारा समाचार पत्र ही हमें सही रोशनी की ओर ले जा सकता है। साथ ही कहा कि आज देवऋषी नारद की जयंती के अवसर पर सभी पत्रकारों को संकल्प लेना चाहिए कि अपनी कलम हमेशा लोगो की भलाई के लिए ही चलानी है। आज पत्रकारों में सामंजस्य की कमी है। लोग एक-दूसरे का सम्मान करना नही चाहते। उन्होंने प्रेस क्लब को सशक्त बनाने का भी सभी पत्रकारों से आह्वान किया।
प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सभी पत्रकारों से आह्वान कर कहा कि पत्रकारों की आपसी फूट की वजह से उनकी गरिमा गिर रही है। पत्रकारों की आपसी गुटबाजी व एक दूसरे को नींचा दिखाने की वजह से शासन-प्रशासन अपनी मनमानी कर रहा है। पत्रकार एक जुट होंगे तो शासन-प्रशासन सहित किसी की जुर्रत नहीं जो इसका बेवजह फायदा उठा सके। वरिष्ठ छायाकार रविंद्र भदौरिया ने कहा कि साहित्य व पत्रकार समाज के आइने होते हैं। प्रिंट मीडिया के सामने आज काफी चुनौतियां हैं। समाचार पत्र में सच लिखना आज काफी चुनौतीपूर्ण है। वर्तमान में भी सरकार में निष्पक्षता का अभाव है। आज के दौर में इसलिए ही पत्रकारिता में गिरावट आई है, क्योंकि अब पत्रकार भी व्यवसायिक हो गए हैं। अब सेवा भाव पत्रकारों में नहीं, बल्कि व्यापारिक पत्रकार हो गए है। वरिष्ठ पत्रकार राजेश निराला ने कहा कि पत्रकारिता क्षेत्र में आज काफी चुनौतियां हैं। सरकारें अखबारों पर अंकुश लगाने का काम कर रही हैं। पत्रकार यदि अखबार में सच लिख देता है तो पत्रकार पर केस कर दिया जाता है, पर पत्रकार किसी भी कीमत पर दबने वाले नहीं हैं। समाज व देश की भलाई के लिये आज पत्रकारों को एक बार फिर से एकजुट होकर निर्भीक पत्रकारिता करनी होगी।
दीपक सिंह ने कहा कि देवर्षि नारद जी 'लक्ष्मी मोह' में कब बंदर बन गए उन्हें पता ही नहीं चला, इसी तरह तरह आज का पत्रकार भी 'लक्ष्मी मोह' में कब बंदर बन गया उसे पता ही नहीं चला। इसलिए लक्ष्मी मोह का त्याग कर पत्रकार अपने मिशन की ओर आगे बढ़े और जनहित में पत्रकारिता करे, यही पत्रकारिता की सार्थकता होगी और देवर्षि नारद जी से सीख कहा कि हमें अपने मान-सम्मान के साथ किसी भी कीमत पर समझौता नही करना चाहिए और गुटबाजी का शिकार न होकर एक-दूसरे की मदद की भावना रखनी चाहिए। लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने पत्रकारों की एकता पर बल देते हुए कहा कि एक-दूसरे का सम्मान व रक्षा के लिए हम सबको आगे आना चाहिए और गद्दारों का चिन्हांकन कर उनका बहिष्कार किया जाना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन कर रहे वरिष्ठ पत्रकार उपकार मणि 'उपकार' ने कहा कि पत्रकारिता का मिशन काफी कठिन है। कम साधन के बावजूद पत्रकार अपना अमूल्य समय देते हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकार समाचारों के माध्यम से सूचना छापकर आधुनिक नारद की भूमिका निभाते हैं। साथ कहा कि सभी की एक जुटता से ही कोई संग़ठन चलाया जा सकता है। हमें एक परिवार के रूप में कार्य करना होगा। इस दौरान पत्रकारों ने एक स्वर में कहा कि आज पत्रकारों का भविष्य खतरे में है। हमें सरकारों से अपने लिए सुरक्षा और कोष की मांग करनी चाहिए। इस अवसर पर सुशील मिश्रा, राजेशानंद, अनुराग पांडेय, गौरव तिवारी सीपू, इमरान हुसैन, अंचल दुबे, जितेंद्र कश्यप, शकील खान, आलोक मिश्रा, राज गौरव पांडेय, सहित दर्जनों पत्रकार मौजूद रहे।
May 25 2024, 16:39