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प्रबंध संचालक अबिनाश मिश्रा ने ली स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स की समीक्षा बैठक

रायपुर-  रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के प्रबंध संचालक अबिनाश मिश्रा ने स्मार्ट सिटी मिशन के तहत चल रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक ली। बैठक में प्रगतिरत प्रोजेट्स की जून तक की समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिये । मटन मार्केट,24X7 वाटर सप्लाई परियोजना,महाराजबंध तालाब , खो-खो तालाब व नरैया तालाब में निर्माणाधीन एसटीपी के कार्य में तेज़ी लाने उन्होंने अधिकारियों से कहा है । बैठक में बताया गया कि 215 करोड़ के निर्माण कार्य इस समय प्रगति पर है , जिनमें से अधिकांश कार्य जून तक पूरे हो जाएँगे ।

एम डी मिश्रा ने सभी निर्माण एजेंसियों से कहा है कि अंडरग्राउंड केबलिंग एवं ज़ोनल स्मार्ट रोड, बूढ़ातालाब परिक्रमा पथ , मालवीय रोड सड़क विद्युतीकरण जैसे शेष सभी प्रोजेक्ट्स भी तय समय सीमा में सभी कार्य पूरे करे। उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि प्रतिदिन नियमित तौर पर सभी प्रोजेक्ट्स की प्रगति की जानकारी रखें ।

इस बैठक में रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के महाप्रबंधक (तकनीकी) पी के पंचायती, अतिरिक्त महाप्रबंधक (तकनीकी) इमरान खान, उप-महाप्रबंधक (वित्त) अमित शर्मा, उप-प्रबंधक संजय अग्रवाल, अमित मिश्रा, असिस्टेंट मैनेजर योगेन्द्र, शुभम तिवारी सहित रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड से संबद्ध कंसल्टेंट सहित निर्माण एजेंसी के प्रभारी उपस्थित थे।

केटीयू के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की याचिका पर सुनवाई, कुलपति समेत अन्य को हाईकोर्ट ने जारी किया अवमानना नोटिस

बिलासपुर- हाईकोर्ट ने कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता यूनिवर्सिटी के दैनिक वेतनभोगी कर्मियों की याचिका पर कुलपति समेत अन्य को अवमानना नोटिस जारी किया है. मामले की अगली सुनवाई 10 जून को होगी. बता दें, कि पूर्व में भी दायर अवमानना याचिका पर यूनिवर्सिटी ने कोर्ट के समक्ष आदेश का पालन करने और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को प्रताड़ित नहीं करने का आश्वासन दिया था. यूनिवर्सिटी के आश्वासन पर कोर्ट ने 2 फरवरी 2024 को सुनवाई कर अवमानना याचिका निराकृत की थी.

दरअसल, यूनिवर्सिटी ने दैनिक वेतन भोगियों की सेवा समाप्त करने का आदेश दिया था. कर्मचारियों ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. इसके बाद विवि के तत्कालीन कुलसचिव चंद्रशेखर ओझा ने नोटशीट पर कुलपति बलदेव भाई शर्मा को सूचित कर दैनिक कर्मचारियों की सेवा बहाल करने के लिए लिखा था. कुलपति ने इसकी अनुमति नहीं दी और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को विश्वविद्यालय में न तो उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर करने दिया जा रहा था और न ही उनकी उपस्थिति दर्ज कराई जा रही थी.

दूसरी ओर, काम नहीं तो वेतन नहीं का आदेश जारी कर यूनिवर्सिटी ने दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को निकालना शुरू कर दिया. जबकि हाईकोर्ट ने 27 सितंबर 2022 को विवि को आदेश दिया था कि दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को आगामी आदेश तक कार्य से पृथक नहीं किया जाएगा. इस आदेश का पालन नहीं किए जाने और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को कार्य एवं वेतन भत्ते से वंचित रखने पर दूसरी बार अवमानना याचिका दायर की गई. सुनवाई के बाद वेकेशन जज एनके चन्द्रवंशी ने नोटिस जारी कर अगली सुनवाई 10 जून को रखी है.

रायपुर के मास्टर प्लान में बड़ा फर्जीवाड़ा, वित्त मंत्री चौधरी बोले – दोषियों पर होगी कार्रवाई

रायपुर- छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के मास्टर प्लान में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है. जांच समिति का मानना है कि व्यवस्थित शहर के लिए प्लान में एक तिहाई तक बदलाव करना होगा. दरअसल, मास्टर प्लान में मिली शिकायतों के बाद मार्च में पहली बार जांच समिति बनी थी. उसने जांच में पाया कि शहर के बड़े हिस्से में नियमों के बाहर जाकर बदलाव किया गया है.

पूर्व कांग्रेस शासन काल में राजधानी के लिए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग रायपुर ने वर्ष 2031 के लिए जो मास्टर प्लान लागू किया है इनमें थोक में गड़बड़ियां पाई गई है. इसकी जानकारी प्रारंभिक रिपोर्ट में सामने आई है. इस रिपोर्ट के आधार पर शासन अब दोबारा दावा-आपत्तियां मंगाने की तैयारी में है. यह दावा-आपत्ति सिर्फ उन्हीं प्रकरणों के लिए मंगाई जाएंगी, जिनमें गड़बड़ी मिली है.

जानकारी के मुताबिक, कमेटी की प्रारंमिक जांच में नये मास्टर प्लान में कई तरह की गड़बड़ी सामने आई है. इसमें कहीं जलाशय की जगह को आवासीय घोषित कर दिया गया है तो कहीं आवासीय क्षेत्र को जलाशय क्षेत्र के रूप में दर्शाया गया है. इसके अलावा कई जमीनों को आवासीय की जगह में तो कहीं कृषि भूमि को मिश्रित एवं व्यवसायिक क्षेत्र घोषित कर दिया गया है. इस पूरे मामले में पार्षद एवं MIC सदस्य सुंदर जोगी का कहना है कि सरकार मास्टर प्लान को लेकर जो भी निर्णय लाए मंजूर है. वहीं पार्षद एवं उपनेता प्रतिपक्ष मनोज वर्मा ने कहा, पिछले कई बार हम मास्टर प्लान में हुई गड़बड़ियों को लेकर नगर निगम की आमसभा में आवाज उठा चुके है, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई है. इस बार बीजेपी की सरकार में जरूर जिम्मेदार पर गाज गिरेगा.

जांच के बाद दोषियों पर होगी उचित कार्रवाई : ओपी चौधरी

मास्टर प्लान में गड़बड़ियों को लेकर वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने जांच के निर्देश भी दिए हैं. मंत्री चौधरी ने कहा, मास्टर प्लान के संबंध में अनेक बार यह विषय विधानसभा में भी उठा था. लगातार अनेक शिकायती भी हुई थी. अभी मास्टर प्लान की जो भी गड़बड़ियां हुई है जो भी प्रक्रिया है गलतियां है गड़बड़ियां है, किसी के द्वारा गलत किया गया हो उसके लिए एक कमेटी आवास पर्यावरण विभाग के अंतर्गत उसके जांच का काम कर रही है. जो भी गलत हुए हैं उस पर उचित कार्रवाई की जाएगी. उसे ठीक करने का काम भी किया जाएगा.

दो पार्ट में तैयार किया गया है मास्टर प्लान

रायपुर शहर के 2031 के मास्टर प्लान से पहले दो बार ही प्लान लागू किया गया था. राज्य बनने के बाद पहला मास्टर प्लान 2000 में लाया गया था, जो 2001 से 2011 तक के लिए लागू था. फिर 2011 से 2021 तक लाया गया, लेकिन 2011 में जारी मास्टर प्लान विवादों के चलते पहले जारी किए गए. प्लान में कई संशोधन के बाद इसे 2011 में फिर से जारी किया गया था. 2021 के बाद 2031 तक के लिए तीसरा प्लान बनाया गया. बता दें कि रायपुर जिले में मास्टर प्लान को 2 पार्ट में तैयार किया गया है. पहला पार्ट 2023 से 2025 और दूसरा पार्ट 2026 से 2031 तक के लिए लागू किया जाएगा. पहला पार्ट पूरा होने के साथ ही दूसरे पार्ट को धरातल में लाया जाएगा.

बनाए गए इस मास्टर प्लान गड़बड़ियों से आने वाले समय में रायपुर जिले के रहवासियों को परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है. लिहाजा मंत्री ओपी चौधरी के निर्देश के बाद इस मास्टर प्लान की कड़ाई से जांच की जा रही है. पूरी जांच के बाद कुछ कहा जा सकता है.

नए मास्टर प्लान की सीमा

रायपुर ग्रामीण में – सरोरा, बिरगांव, रावाभाटा, उरकुरा, दलदलसिवनी, मोवा की उत्तरी सीमा तक

रायपुर पश्चिम में – सरोना, सोनडोगरी, चंदनडीह, अटारी, हीरापुर पश्चिम सीमा तक

रायपुर दक्षिण में – देवपुरी, बोरियाखुर्द, डुंडा, मठपुरैना, भाटागांव की दक्षिणी सीमा तक

रायपुर उत्तर में – खम्हारडीह, लाभांडी, फुंडहर, डूमरतराई की सीमा तक

*उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा- झीरम कांड की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करेगी सरकार

जगदलपुर- झीरम नक्सल कांड की बरसी से तीन दिन पहले उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार झीरम कांड की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करेगी। शर्मा ने कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर भी इस मामले को लेकर तंज कसते हुए कहा कि सबूत उनकी जेब में हैं, वे निकाल नहीं रहे हैं। उसे निकलवाना पड़ेगा।

बुधवार को बस्तर दौरे पर जगदलपुर पहुंचे उप मुख्यमंत्री ने यह बात भाजपा जिला कार्यालय में मीडिया से चर्चा करते हुए कही। झीरम नक्सल कांड 11 साल पहले 25 मई 2013 को हुआ था। सुकमा से केशलूर लौट रही कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर जगदलपुर से 42 किलोमीटर पहले दरभा के झीरम घाटी में नक्सलियों ने हमला कर 33 लोेगों को मौत के घाट उतार दिया था। मरने वालों में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व मंत्री महेन्द्र कर्मा, पूर्व विधायक उदय मुदलियार आदि कई बड़े नेता शामिल थे।

हमले में घायल पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल की भी 18 दिनों बाद इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इस घटना की जांच प्रदेश सरकार ने जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अध्यक्षता में गठित विशेष न्यायिक जांच आयोग से कराई थी। जिसकी रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं की गई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआइए ने भी घटना की जांच की है। चर्चा में विजय शर्मा ने नक्सलवाद सहित विभिन्न विषयों पर खुलकर सरकार का पक्ष रखा।

उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के बाद जब से भाजपा सत्ता में आई है नक्सलियों के खिलाफ लगातार आपरेशन किया जा रहे हैं। इसके बाद भी सरकार वार्ता के लिए पूरी तरह से तैयार है। फिलहाल राजशाही जैसी स्थिति नहीं है इसलिए बातचीत के जरिए दशकों पुरानी इस समस्या का समाधान तलाशने के प्रयास किया जा रहे हैं। पुनर्वास नीति को और भी अच्छा बनाया जाएगा।

कोई नया नक्सली न बने इसके लिए सरकार संकल्पित

विजय शर्मा ने कहा कि नक्सल पुनर्वास नीति को और अच्छा बनाया जाएगा। इसके लिए जानकारों और बस्तर के विशिष्ट लोगों से सरकार सुझाव लेगी। सरकार ने प्रदेश को नक्सलवाद की काली छाया से मुक्त करवाने का निर्णय लिया है। समर्पित नक्सलियों के लिए बेहतर जीवन की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। हमारा प्रयास है कि अब कोई नया नक्सली न बने।

पीड़िया मुठभेड़ में कोई संदेह नहीं

उप मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों हुई पीड़िया मुठभेड़ को लेकर भी बेबाकी से बात रखी। उन्होंन साफ किया कि मुठभेड़ में कोई संदेह जैसी स्थिति है ही नहीं। बहुत सारी सूचनाएं एकत्रित करने के बाद इस तरह के आपरेशन किए जाते हैं। जो लोग भी इसे फर्जी ठहरा रहे हैं वे गलत कह रहे हैं। पीड़िया में मारे गए नक्सलियों के पुलिस रिकार्ड हैं। इसके बाद भी कांग्रेस इस मामले को लेकर राजनीति करने का प्रयास कर रही है

CM साय ने हिंसा प्रभावित किर्गिस्तान में फंसे छत्तीसगढ़ के छात्रों से फोन पर की बात, कहा – चिंता की कोई बात नहीं

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हिंसा प्रभावित किर्गिस्तान में फंसे छत्तीसगढ़ के छात्रों से फोन पर बात की है। उन्होंने छात्रों को खुद का ख्याल रखने और जरूरत होने पर छत्तीसगढ़ सरकार से संपर्क करने को कहा है। उहोंने कहा कि इस विषम परिस्थिति में छत्तीसगढ़ और भारत सरकार उनके साथ खड़ी है।

साय ने बिलासपुर जिले के मस्तूरी निवासी छात्र विजय और जांजगीर जिले की निवासी छात्रा शिवानी से बात कर उनका हालचाल जाना और खुद का ख्याल रखने को कहा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार, किर्गिस्तान सरकार के साथ लगातार संपर्क में है। आप सभी चिंता न करें, छत्तीसगढ़ सरकार हर कदम आपके साथ खड़ी है।

छात्रों ने वहां माहौल के तनावपूर्ण होने की जानकारी दी। इस पर सीएम साय ने उन्हें खुद का ख्याल रखने को कहा। बच्चों ने बताया कि उन्हें हास्टल से निकलने की अनुमति नहीं है, उन्हें भोजन-पानी वहीं उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने वापसी के लिए टिकटें बुक करा ली है। जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई भी परेशानी हो तो आप सभी छत्तीसगढ़ सरकार से अवश्य संपर्क करें। राज्य सरकार, भारत सरकार के सहयोग से आप सभी के सुरक्षित वतन वापसी को सुनिश्चित करेगी।

गौरतलब है कि किर्गिस्तान में मिस्त्र की छात्राओं से छेड़छाड़ की घटना के बाद विवाद शुरू हुआ है। जिसको लेकर स्थानीय छात्र हिंसक हो गए और खासकर भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के छात्रों के साथ हिंसा कर रहे हैं। इसके चलते वहां तनाव के हालात हैं। किर्गिस्तान में छत्तीसगढ़ के लगभग 70 विद्यार्थियों सहित भारत के लगभग पंद्रह हजार विद्यार्थी मेडिकल और अन्य विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं।

नशे के खिलाफ, वकील और पुलिस हुए साथ,नशे के विरुद्ध, अधिवक्ता हुए एकजुट

रायपुर-   जिला अधिवक्ता संघ रायपुर के जिला अध्यक्ष हितेंद्र तिवारी ने कहा अधिवक्ता संघ के द्वारा आज जिला न्यायालय परिसर स्थित कक्ष क्रमांक 210 में पुलिस के द्वारा नशे के विरुद्ध चलाए जा रहे निजात कार्यक्रम “नशे को ना जिंदगी को हां” का कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें जिला न्यायाधीश, न्यायाधीशगण, एसएसपी सहित सैकड़ो अधिवक्तागणों की उपस्थिति में संपन हुआ।

निजात कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला एवं सत्र न्यायाधीश अब्दुल जाहिद कुरैशी, कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह, विशिष्ट अतिथि प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय हेमंत श्राफ ने किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश अब्दुल जाहिद कुरैशी ने कहा नशे के खिलाफ सिर्फ पुलिस को पुलिस ही नहीं बल्कि हर वर्ग को समाने आकर एकजुट होना चाहिए उन्होंने कहा परिवार और समाज के लिए सबसे ज्यादा अगर कोई घातक है तो वह नशा है, उन्होंने नशे के बढ़ते प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा न्यायालय में भी नशे से संबंधित प्रकरणों की भरमार हो गई, एनडीपीएस की केस बढ़ रही है, उन्होंने कहा नशा करने से सिर्फ एक व्यक्ति प्रभावित नहीं होता बल्कि उससे जुड़े हर लोग होते हैं चाहे वह उसका परिवार हो या वह समाज हो।

कार्यक्रम के आयोजन के लिए डीजे साहब ने अधिवक्ता संघ को बधाई दिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने कहा कि नशे के विरुद्ध पुलिस के द्वारा एक युद्ध छेड़ा गया है अधिवक्ता , समाज का एक महत्वपूर्ण व्यक्ति होता है, एक एक अधिवक्ता से सैकड़ो लोग जुड़े होते हैं, अधिवक्ताओं के माध्यम से नशे के खिलाफ हम लोगों को एक संदेश देकर समाज को नशा मुक्त कर सकते हैं इसीलिए आज अधिवक्ता संघ के द्वारा यह आयोजन किया गया जिसके लिए अधिवक्ता संघ बधाई के पात्र है । वही कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश हेमंत श्राफ ने नशा से होने वाले नुकसान को बताते हुए कहा कि समाज को नशा मुक्त करने के लिए चाणक्य सूत्र के अनुसार कार्य करना होगा नशा की डाल और पत्तों को तोड़ने की बजाय इसे जड़ से खत्म करना जरूरी है तब जाकर के हमारा समाज नशा मुक्त होगा। जिस तरह एक कॉलोनी के बाहर मैदान होने से बहुत खिलाड़ी पैदा होते हैं उसी प्रकार एक शराब दुकान से कई शराबी पैदा हो जाते हैं इसलिए नशे के खिलाफ या अभियान जारी रखना चाहिए।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला अधिवक्ता संघ रायपुर के अध्यक्ष हितेंद्र तिवारी ने कहा नशे के खिलाफ वकील और पुलिस हम साथ साथ है, पुलिस के द्वारा चलाए जा रहे यह अभियान समाज के लिए अत्यंत आवश्यक है। नशा के विरुद्ध इस युद्ध में अधिवक्ता भी शामिल होंगे और समाज को नशा मुक्त करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

आज कार्यक्रम में प्रमुख रूप से जिला एवं सत्र न्यायधीश अब्दुल जाहिद कुरैशी, प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय हेमंत श्राफ, एसएसपी संतोष कुमार सिंह, जिला अधिवक्ता संघ रायपुर के अध्यक्ष हितेंद्र तिवारी, उपाध्यक्ष किशोर ताम्रकार, सचिव अरुण मिश्रा, महिला उपाध्यक्ष रितु बुंदेला, सह सचिव गायत्री साहू, क्रीड़ा सचिव परसराम कश्यप, सह सचिव अपूर्व सेन, कार्यकारिणी अंकित फुलझले, सागर पांडे, अजय बालानी, शिवशंकर महिलांग, राजीव कुमार द्विवेदी, नवरतन प्रसाद यादव, सावित्री नायक सहित सैकड़ों अधिवक्ता गण और न्यायाधीश गण उपस्थित थे।

कार्यक्रम का संचालन अधिवक्ता संघ के सचिव अरुण मिश्रा ने किया आभार प्रदर्शन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लखन पटले ने किया।

शासकीय कार्यों में घोर लापरवाही बरतने पर वनपाल निलंबित, अवैध गतिविधियों में संलिप्तता का आरोप

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही- शासकीय कार्यों में लापरवाही बरतने पर मरवाही वनमंडल के खोडरी वन परिक्षेत्र के उदय तिवारी वनपाल परिक्षेत्र सहायक को निलंबित कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि अवैध रेत की चोरी और उसके भंडारण के साथ ही इलाके में अवैध ईटा भट्टा का संचालन कराने और पेड़ों की कटाई रोकने में नाकाम साबित होने पर वनपाल पर कार्रवाई की गई है. मरवाही वन मंडल के डीएफओ रौनक गोयल की अनुशंसा पर एक्शन लेते हुए CCF बिलासपुर वृत्त ने निलंबन का आदेश जारी किया हैं. छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 9 (1) के तहत यह कार्रवाई की गई है.

बता दें कि मरवाही वनमंडल के खोडरी वन परिक्षेत्र में बीते कई दिनों से रेत का अवैध परिवहन और उसका भंडारण किए जाने की शिकायत मिल रही थी. इसके साथ ही यहां खोडरी वन परिक्षेत्र के नेवरी परिसर के नदियाटोला बनझोरखा में अवैध रेत का व्यवसाय बड़ी तेजी के साथ फलफूल रहा था. जिस पर लगाम नहीं लगाई जा रही थी. माना जा रहा है कि इन सभी अवैध गतिविधियों में वन विभाग के कुछ कर्मचारी शामिल हैं. जो कि अवैध रेत व्यवसाय करने वालों से सांठगांठ कर ऐसे कामों को करवाते रहे हैं.

मरवाही वनमंडल पेंड्रारोड द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन में भी पाया गया कि 0.97 एकड़ वनभूमि को निजी लाभ के लिए खेत बनाया गया और वृक्षों को गोलाकार घाव बनाकर सूखा दिया गया और बिना कोई सूचना दिए इन वृक्षों को काट दिया गया जो कि अपने आप मे प्रथम दृष्टया काफी गंभीर आरोप है. उदय तिवारी के इन कृत्यों से पाया गया कि वनों की अवैध कटाई,अतिक्रमण, रेत चोरी जैसे संगीन मामले में इनकी संलिप्तता नजर आ रही है, जिस कारण इन्हें जांच के बाद निलंबित किया गया. निलबंन अवधि में उदय तिवारी वनपाल को मुख्यालय बिलासपुर वनमंडल में अटैच कर दिया गया है.

बिजली उपभोक्ता दें ध्यान! मीटर संबंधित गड़बड़ी की समय पर नहीं की शिकायत, तो जेब से भरनी पड़ेगी मोटी रकम, CSEB एक्शन के लिए तैयार…

रायपुर- प्रदेश में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने विद्युत वितरण में निष्पादन संबंधी मानक विनिमय-2020 में किये गए बदलाव पर अब अमल करते हुए एक्शन लेने को तैयार है। जिसके तहत अब उपभोक्ताओं को जेब से भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है।

बता दें, CSEB ने बताया कि मीटर संबंधी शिकायत आने पर जैसे कि मीटर जलने पर शहरों में 24 घंटे और गांव में 72 घंटे में बदलकर नया मीटर लगवाना अनिवार्य होगा। वहीं इसके साथ ही हर महीने मीटर की रीडिंग भी करनी होगी। वहीं इस काम में देरी होने पर पहले महीने के लिए उपभोक्ता को पांच सौ और उसके बाद के प्रतिमाह एक हजार रुपये कर (TAX) देना होगा।

CSRB के मैनेजिंग डायरेक्टर आरके शुक्ला ने बताया, कि संबंधित अधिकारियों को सूचना मिलने पर मीटर ड्रॉ करने की कार्यवाई की जाति है। केंद्र सरकार की RDSS (आर.डी.एस.एस) योजना के तहत अब प्री पैड स्मार्ट मीटर लगने हैं। जिसके बाद यह समस्या अपने आप ही हल हो जाएगी। 

उन्होंने बताया कि अभी तक हरियाणा मामले में कोई क्लेम नहीं आया है। अगर ऐसा कुछ मामला सामने आता है, तो छटनी करके उस पर कार्रवाई की जाएगी।

राहुल गांधी ने देश के साथ छत्तीसगढ़ की मीडिया को लेकर कह दी ये बड़ी बात, CM साय ने पूछा……क्या मीडिया संस्थान सहमत हैं ?

रायपुर- कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मीडिया को लेकर दिये बयान के बाद एक बार फिर राजनीति गरमा गयी है। राहुल गांधी द्वारा मीडिया को ब्लैकमेलर और बिकाऊ कहे जाने पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कड़ा ऐतराज जताते हुए देश भर के मीडिया संस्थानों से यह पूछा है कि क्या वो कांग्रेस के युवराज के इस बयान से सहमत हैं। आपको बता दे कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने एक इंटरव्यू में भारतीय मीडिया पर सीधा आरोप लगाते हुए उसे बिकाऊ-ब्लैकमेलर बता दिया। राहुल गांधी ने कहा है कि . हिंदुस्तान का मीडिया सिस्टम अब मीडिया सिस्टम नहीं रहा। साफ शब्दों में कहें तो मीडिया पैसा कमाने के लिए राजनीतिक रूप से ब्लैकमेलिंग करने वाली व्यवस्था है।

राहुल गांधी के इस बयान पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने सोशल मीडिया हैंडल X में लिखा……”कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारतीय मीडिया को ब्लैकमेलर और बिकाऊ कहा है। श्री गांधी ने हालिया प्रसारित एक साक्षात्कार में कहा है कि हिंदुस्तान का मीडिया सिस्टम अब मीडिया सिस्टम नहीं रहा। साफ शब्दों में कहें तो मीडिया पैसा कमाने के लिए राजनीतिक रूप से ब्लैकमेलिंग करने वाली व्यवस्था है। मैं भारतीय मीडिया संस्थानों से यह पूछता चाहता हूं कि क्या वे राहुल जी के इस घोर आपत्तिजनक बयान से सहमत हैं ?”

इसके अलावा राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ का उदाहरण देकर प्रदेश और यहां के मीडिया को विशेष तौर पर अपमानित किया है। यह निंदनीय है। उन्होंने बिना किसी तथ्य के छत्तीसगढ़ सरकार पर मीडिया को एक हजार करोड़ रुपए देने की भी बात कही है। हम इसकी भी निंदा करते हैं। राहुल गांधी का यह बयान बेहद आपत्तिजनक और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर प्रहार है। यह आपातकाल वाली मानसिकता है। मुख्यमंत्री साय ने राहुल गांधी के इस बयान के बाद सभी मीडिया संस्थान को इस बयान के विरुद्ध संज्ञान लेने की अपील की बात कही है।

माओवादियों से सरकार ने पुनर्वास नीति को लेकर मांगा सुझाव, डिप्टी सीएम शर्मा बोले- जंगल में रहने वालों को बंदूक की क्या जरूरत …

जगदलपुर- माओवादियों से सरकार ने पुनर्वास नीति को लेकर सुझाव मांगा है. यह पहली बार है जब किसी सरकार ने नक्सलियों को मुख्य धारा से जोड़ने उनसे ही सुझाव मांगा हो. इसके लिए डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने आज जगदलपुर में बस्तर संभाग के पत्रकारों से चर्चा की और नक्सलियों तक अपना सुझाव पहुंचाने का आग्रह किया. इस दौरान उन्होंने मेल आईडी, गूगल फॉर्म भी जारी किया है. जिसमें नक्सली पुनर्वास नीति को लेकर अपना सुझाव सरकार को दे सकते हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि जंगल में रहने वालो को बंदूक की क्या जरुरत है. मुख्यधारा से जुड़े और लोकतंत्र को अपनाएं.

डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने बताया कि जब पुनर्वास नीति के तहत नक्सलियों को समर्पण करना है तो क्यों न उनसे ही पूछ लिया जाए की वो क्या चाहते है. उन्होंने कहा कि इसके लिए हमने ये कोशिश की है कि जो पत्रकार नक्सल प्रभावित इलाकों में जाकर रिपोर्टिंग करते है, आगे जब उनका माओवादियों से संपर्क हो तो हमारा ये संदेश उनतक पहुंचाएं.

बता दें कि बस्तर संभाग के पत्रकारों के साथ डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने जगदलपुर के निजी होटल में आज एक गोपनीय बैठक की, जिसमें नक्सलियों के पुनर्वास से संबंधित सुझाव मांगा गया. इस विशेष बैठक में विकास तिवारी, अविनाश प्रसाद, मनीष गुप्ता, अशोक नायडू सहित बस्तर संभाग के कई पत्रकार शामिल हुए.