फूलपुर में जातीय अस्तित्व बचाने हेतु एकजुट होगा कुर्मी समाज: डा. हरिश्चन्द्र पटेल
विश्वनाथ प्रताप सिंह,प्रयागराज।लोकसभा चुनाव - 2024 में सभी राजनीतिक दलों ने अपने - अपने प्रत्याशियों की घोषणा करते समय व्यापक स्तर पर जातीय समीकरण साधने का हर संभव प्रयास किया है।
यदि उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर विभिन्न दलों द्वारा उम्मीदवारों के तय किए जाने पर गौर किया जाए तो स्पष्ट है कि सभी राजनीतिक दलों ने जातीय समीकरण के अनुसार ही प्रत्याशी उतारने का पूरा प्रयास किया है। यदि कुर्मी बाहुल्य सीटों की बात की जाए तो उत्तर प्रदेश में 30 से 35 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां पर कुर्मी समाज निर्णायक भूमिका निभाने में सक्षम है 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 18 सीटें ऐसी हैं जहां से किसी न किसी पार्टी ने कुर्मी समाज के प्रत्याशी को मैदान में अवश्य उतारा है, जिनमें से भारतीय जनता पार्टी ने 06, समाजवादी पार्टी ने 10, बहुजन समाज पार्टी ने 04, कांग्रेस पार्टी ने 01 तथा अपना दल (एस) ने एक उम्मीदवार उतारा है। कुछ अन्य छोटी-छोटी पार्टियों ने भी कई जगहों पर अपने-अपने प्रत्याशी उतार कर खाना पूर्ति किया है। हम बात करते हैं फूलपुर लोकसभा सीट की। जहां पर एक तरफ भारतीय जनता पार्टी ने कुर्मी समाज के प्रत्याशी प्रवीण सिंह पटेल को मैदान में उतारा है तो वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने स्थानीय नेताओं एवम पदाधिकारियों की गलत सिफारिश पर कुर्मी समाज के प्रत्याशी को नहीं उतारा।
कुर्मी समाज के कई संभावित प्रत्याशियों ने अथक प्रयास किया लेकिन समाजवादी पार्टी के मुखिया ने स्थानीय नेताओं के बहकावें में आकर दूसरे बिरादरी को टिकट दे दिया। समाजवादी पार्टी की सोराव की विधायक ने तो भरी मीटिंग में विरोध करते हुए खुल करके कह दिया कि 2022 के विधानसभा चुनाव में पटेलों ने हमें वोट नहीं दिया था। फूलपुर लोकसभा के अन्य नेताओं ने पार्टी के मुखिया को यह समझाने में सफल रहे कि फूलपुर लोकसभा में कुर्मी समाज समाजवादी पार्टी को वोटिंग नहीं करता है।
फूलपुर में हम कुर्मी समाज के वोट और सपोर्ट के बिना एक तरफा जीत अर्जित कर सकते हैं। परिणाम स्वरुप फूलपुर लोकसभा सीट कुर्मी बाहुल्य होने के बावजूद भी समाजवादी पार्टी के स्थानीय नेताओं ने कुर्मी समाज को पूरी तरह से नजर अंदाज कर दिया। यद्यपि समाजवादी पार्टी के मुखिया ने अन्य लोकसभा क्षेत्रों में कुर्मी समाज के 10 लोगों को प्रत्याशी बनाया है। समाजवादी पार्टी के नेता अक्सर नारा लगाते हैं कि जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी समाजवादी पार्टी की यह कहावत कम से कम फूलपुर लोकसभा में कदापि चरितार्थ नहीं होती है।
फूलपुर लोकसभा क्षेत्र के कुर्मी समाज के लोगों में एक ओर जहां कुर्मी समाज के प्रत्याशी को टिकट न मिलने के कारण सपा के प्रति गहरा आक्रोश है तो वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी की आरक्षण और संविधान विरोधी नीतियों, बढ़ती बेरोजगारी व महंगाई तथा सरकारी संस्थाओं का निजीकरण किए जाने से लोगों में अपने उज्जवल भविष्य को लेकर गहरी चिंता एवं घोर निराशा दिख रही है। भारतीय जनता पार्टी की ओबीसी एवं एससी, एसटी विरोधी नीतियों एवं तानाशाही सत्ता का दुरुपयोग तथा किसानों के प्रति उपेक्षात्मक रवैया अपनाए जाने के कारण लोगों को बीजेपी से किसी प्रकार की कोई उम्मीद नहीं रह गई है।
अब यहां पर सवाल यह है कि यदि समाजवादी पार्टी को कुर्मी समाज के मतदाता वोट देते हैं तो समाजवादी पार्टी के नेता गण यह बिल्कुल स्वीकार नहीं करेंगे कि कुर्मी समाज के मतदाताओं ने समाजवादी पार्टी को वोट दिया है तथा यदि भारतीय जनता पार्टी को वोट देते हैं तो भारतीय जनता पार्टी आरक्षण एवं संविधान विरोधी जैसी जन विरोधी नीतियों को लागू करके प्रदेश ही नहीं राष्ट्रव्यापी एससी, एसटी एवम ओबीसी का नुकसान करने पर उतारू होगी। ऐसी स्थिति में फूलपुर लोकसभा क्षेत्र के कुर्मी समाज के प्रबुद्ध लोगों का मानना है कि सपा और भाजपा दोनों कुर्मी समाज के लिए सांपनाथ और नागनाथ है।"
यहां पर सबसे बड़ी बात यह है कि फूलपुर लोकसभा क्षेत्र की कुर्मी बाहुल्य होने की ख्याति उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे भारतवर्ष में प्रचलित है। यह कुर्मी समाज के लिए अत्यंत गौरव की बात है। इस गौरवपूर्ण उपलब्धि को कुर्मी समाज खोना नहीं चाहता है। कुर्मी समाज के छह नेताओं ने लगभग 25 वर्षों तक फूलपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। इसमें बी डी सिंह, राम पूजन पटेल, जंग बहादुर सिंह पटेल, धर्मराज सिंह, नागेंद्र सिंह एवं केसरी देवी पटेल आदि ने फूलपुर लोकसभा क्षेत्र को पूरे देश में गौरवान्वित किया है। इस परंपरा को 2024 के लोकसभा चुनाव में बरकरार रखने की चुनौती समाजवादी पार्टी के स्थानीय नेताओं ने फूलपुर लोकसभा क्षेत्र के कुर्मी समाज के प्रबुद्ध मतदाताओं को दिया है। ऐसी चुनौती मिलने के बाद तथा फूलपुर लोकसभा क्षेत्र को कुर्मी बाहुल्य होने की पहचान बनाए रखने के लिए फूलपुर के प्रबुद्ध मतदाताओं को गहन चिंतन मनन करने की आवश्यकता है। फूलपुर लोकसभा क्षेत्र में कुर्मी समाज के मान- सम्मान और अस्तित्व को बचाने के लिए हम सब को सारे गिले शिकवे भुला कर एकजुट होना पड़ेगा। साथ ही साथ हमे यह भी तय करना होगा कि कुर्मी समाज का किस पार्टी का प्रत्याशी चुनाव जीतने की स्थिति में है ऐसी स्थिति में फूलपुर के प्रबुद्ध लोगों को एक टीम बनाकर पहल करना चाहिए। जिससे समाज को एक सकारात्मक संदेश मिले।
मेरा मानना है कि हमें सबसे पहले राजनीतिक मंच पर बरकरार रहने के लिए सकारात्मक और कूटनीतिक लड़ाई लड़ना होगा। जिसमें हम अपने कुर्मी समाज के अस्तित्व को सुरक्षित व संरक्षित कर सकें। ऐसी स्थिति में कुर्मी समाज के जिताऊ प्रत्याशी का खुल करके समर्थन किया जाए तथा फूलपुर से कुर्मी प्रत्याशी को विजई बनाया जाए। समाजवादी पार्टी के मुखिया एवं स्थानीय नेताओं को यह एहसास कराया जाए कि फूलपुर में कुर्मी समाज के वोट व सपोर्ट के बिना जीत संभव नहीं है। इसलिए 25 मई 2024 को होने वाले फूलपुर लोकसभा चुनाव में कुर्मी समाज को एकजुट होकर जिताऊ कुर्मी प्रत्याशी प्रवीण सिंह पटेल को अधिक से अधिक मतों से विजई बनाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। यदि 2024 के चुनाव में कुर्मी प्रत्याशी विजई नहीं हुआ तो भविष्य में कोई भी पार्टी कुर्मी समाज को एम पी और एमएलए का टिकट नहीं देगी। पूरे कुर्मी समाज का राजनीतिक भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। इसलिए फूलपुर लोकसभा क्षेत्र के कुर्मी समाज के प्रबुद्ध मतदाताओं से विनम्र अपील है कि आप अपना बहुमूल्य मत कुर्मी समाज के जिताऊ प्रत्याशी प्रवीण सिंह पटेल को प्रदान करके फूलपुर लोकसभा क्षेत्र को कुर्मी बाहुल्य होने की पहचान बरकरार रखें।
आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि फूलपुर लोकसभा क्षेत्र के प्रबुद्ध मतदातागण एकजुट होकर कुर्मी समाज के अस्तित्व को बचाने में सफल अवश्य होंगे।
May 20 2024, 17:57