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मोतिहारी में राजद-कांग्रेस पर जमकर बरसे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा, RJD का बताया यह फुल फार्म

डेस्क ; बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आज मोतिहारी में जनसभा को संबोधित किया और एनडीए प्रत्याशी लवली आनंद के लिए वोट अपील की। इस दौरान जेपी नड्डा ने राजद और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला।

 नड्डा राजद पर निशाना साधते हुए इसका गजब का फुल फार्म बताया। उन्होंने कहा कि RJD का असली मतलब है। R से रिश्वतखोरी, J से जंगलराज और D से दलदल। इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस के घोटालों का भी जिक्र करते हुए कहा कि, चाहे पाताल हो या समुद्र, अंतरिक्ष और जमीन में कांग्रेस ने हर जगह घोटाले किए। इन्होंने ऐसी कोई जगह नहीं छोड़ी जहां घोटाला ना किया हो। हद तो तन हो गई जब इनके सहयोगी लालू जी चारा तक खा गए। नौकरी के नाम पर जमीन ली।

इसके आगे नड्डा ने कहा कि, यह लोग मुसलमानों को आपका आरक्षण देना चाहते हैं। संविधान बदलना चाहते हैं। राहुल जी को संविधान की समझ नहीं है। वो पढ़े-लिखे नहीं है। लालू जी भी मुसलमानों को आरक्षण देना चाहते हैं। ये लोग सनातन विरोधी है। उदयनिधि, ए राजा के बयान का जिक्र करते हुए नड्डा ने कहा कि उनके बयान पर राहुल, सोनिया और प्रियंका गांधी आंखें बंद कर लेते हैं।नड्डा ने कहा कि ये लोग राष्ट्र विरोधी भी हैं।

नड्डा ने कहा कि, कांग्रेस के जैसा धोखेबाज और गुमराह करने वाला कोई नहीं। इन्होंने कोरोना वैक्सीन के नाम पर लोगों को गुमराह किया। खुद टीका लगवाते थे। आपसे कहते थे कि मोदी जी का टीका है। कहते थे भारत तो गरीबों का देश है। इंटरनेट का क्या होगा। आज 2 लाख गांवों में कॉमन सर्विस सेंटर हैं। सब्जी वाला भी डिजिटल ट्रांजेक्शन करता है।

बिहार एसटीएफ को मिली बड़ी सफलता, पटना के कुख्यात विक्की पांडेय समेत 4 कुख्यात को दबोचा

डेस्क : एसटीएफ की विशेष टीम को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। एसटीएफ ने पटना जिले के कुख्यात अपराधी विक्की पांडेय उर्फ संजय पांडेय को छापेमारी करके परसा थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया है।

कुख्यात विक्की पांडेय की बेउर थाना क्षेत्र में 26 जनवरी 2024 को हुई लूटकांड में पुलिस को तलाश थी। उसके खिलाफ जिले के अनेक थानों में हत्या, लूट, डकैती, रंगदारी समेत अन्य संगीन जुर्म में एक दर्जन मामले दर्ज हैं। वह मूल रूप से मनेर थाना के हथियाकंद सराय का रहने वाला है। वर्तमान में वह शहर के पीरबहोर थाना के महेंद्र गांधी टोला गली में रहता था। जिला पुलिस को काफी समय से उसकी तलाश थी।

इसके अलावा पूर्वी चंपारया जिले के तीन कुख्यात अपराधी मनोहर कुमार, चंदन कुमार और रूपनारायण प्रसाद को मोतिहारी के छतौनी थाना क्षेत्र से छापेमारी करके गिरफ्तार कर लिया गया। इनके पास दो देसी पिस्तौल और 6 कारतूस बरामद किए गए हैं। ये लोग छतौनी थाना क्षेत्र में एक स्थान पर बैठकर किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए इकट्ठा हुए थे।

इनके खिलाफ मोतिहारी के विभिन्न थानों में हत्या, लूट समेत कई संगीन जुर्म में अनेक मामले दर्ज हैं। गिरफ्तार मनोहर कुमार मूल रूप से मोतिहारी के मुफस्सिल थाना के भरहा, चंदन कुमार और रूपनारायण प्रसाद मुफस्सिल थाना के गोढवा पतौरा का रहने वाला है।

ठीक चुनाव के बीच राजद को लगा बड़ा झटका, छपरा से पूर्व विधायक जदयू में हुए शामिल

डेस्क : लोकसभा चुनाव के चार चरण बीत चुके है। बावजूद इसके नेताओं के दल-बदल का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में ठीक चुनाव के बीच और सारण में मतदान से पहले राजद को बड़ा झटका लगा है। राजद के छपरा से पूर्व विधायक रणधीर कुमार सिंह ने अपने समर्थकों के साथ जदयू की सदस्यता ग्रहण की। 

प्रदेश जदयू कार्यालय में आयोजित मिलन समारोह में मंत्री विजय कुमार चौधरी एवं सांसद संजय कुमार झा ने रणधीर कुमार सिंह को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता दिलाई।

इस मौके पर विजय चौधरी ने कहा कि सारण, सीवान, गोपालगंज व महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र में रणधीर सिंह के परिवार का मजबूत राजनीतिक प्रभाव है। इनके आने से सारण प्रमंडल में जदयू को काफी मजबूती मिलेगी। 

मौके पर विधानपार्षद संजय सिंह,संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी जी व महेश्वर सिंह, प्रदेश महासचिव चंदन कुमार सिंह, सारण के जदयू जिलाध्यक्ष अल्ताफ राजू आदि उपस्थित थे।

बता दें रणधीर सिंह महाराजगंज के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के पुत्र हैं। कुछ दिनों पहले ही उन्होंने राजद से इस्तीफा दिया था। वह, महाराजगंज लोकसभा सीट से राजद के टिकट के दावेदार थे, पर महागठबंधन में यह सीट कांग्रेस के खाते में चली गयी।

सुशील मोदी : 5 दशक तक बिहार के राजनीतिक पटल पर छाये रहे, राजनीति की काजल की कोठरी से बेदाग निकल दुनिया से हुए रुखस्त


डेस्क : बिहार की राजनीतिक जगत करीब में 5 दशक से बिहार भाजपा की धुरी रहे बिहार की सियासत के युगपुरुष सुशील कुमार मोदी का सोमवार को दिल्ली में निधन हो गया। कैंसर से पीड़ित सुशील मोदी ने बीते सोमवार रात 9 बजकर 29 मिनट पर 72 साल की उम्र में दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली। आज मंगलवार को उनका पार्थिव शरीर पटना लाया जाएगा और यहीं दीघा घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ। सुशील मोदी को 9 अप्रैल को एम्स दिल्ली में भर्ती किया गया था।


*बचपन से आरएसएस और एबीवीपी से जुड़े रहे*


सुशील मोदी बचपन से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एवीबीपी) से जुड़े रहे। जब 70 के दशक में विश्वविद्यालयी शिक्षा के लिए पटना विश्वविद्यालय में नामांकन कराए तो छात्रों की समस्याओं को दूर करने के लिए वे हमेशा आगे रहे। यहीं उनका राजनीति से प्रथम परिचय हुआ।


*बीजेपी के स्थापना काल से जुड तेज-तर्रार नेता के रुप में आए सामने*


1973 में पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ के चुनाव में लालू प्रसाद अध्यक्ष और सुशील कुमार मोदी महासचिव निर्वाचित किए गए। इसके बाद वे सक्रिय राजनीति में शामिल होने लगे। 1974 के छात्र आंदोलन के तत्कालीन नायकों में वे प्रमुख रहे। 1980 में जब भाजपा का गठन हुआ तब वे स्थापना काल से ही उससे जुड़ गए और पार्टी के तेज-तर्रार नेता के रूरूप में उभर कर सामने आए।


*जेपी आंदोलन में बढ़-चढकर लिया हिस्सा, गए जेल*


1974 में जेपी आंदोलन में सुशील कुमार मोदी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आपातकाल के दौरान वह जेल भी गए थे। सुशील मोदी 1983 से लेकर 86 तक अखिल भारतीय व सुशील मोदी 1983 से लेकर 86 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में प्रदेश मंत्री, प्रदेश संगठन मंत्री सहित कई पदों पर रहने के बाद 1983 में उन्हें महासचिव बनाया गया था।


*सुशील मोदी का राजनीतिक सफर*


पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी छात्र जीवन से सामाजिक व राजनीतिक मुद्दों को लेकर जुझारू रहे। वे पांच दशक तक बिहार के राजनीतिक पटल पर छाये रहे। सुशील मोदी पहली बार पटना मध्य निर्वाचन क्षेत्र से विधायक बने और उन्हें भाजपा विधायक दल का मुख्य सचेतक बनाया गया। इसे अब कुम्हार विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। सुशील मोदी ने 1990 से 2004 के बीच तीन बार बिहार विधानसभा का चुनाव जीता। 1996 से 2004 तक वो बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे। उन्हें 2003 में भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया, वो इस पद पर 2005 तक रहे। उन्होंने 2005 में अपनी लोकसभा सदस्यता छोड़ दी और बिहार विधान परिषद के सदस्य बन गए, जिसके बाद उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने। वो 2020 में राज्यसभा के लिए चुने गए और इस साल की शुरुआत में सेवानिवृत्त हुए।


*लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और विधान परिषद चारों सदन के सदस्य रहे सुशील मोदी*


अपने तीन दशकों से अधिक के राजनीतिक करियर के दौरान सुशील कुमार मोदी ने विधायक, एमएलसी, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य सहित विभिन्न पदों पर कार्य किया। वो लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और विधान परिषद सहित सभी 4 सदनों के सदस्य रहने वाले बिहार के चंद नेताओं में से एक थे। उन्होंने 2005 से 2013 तक और फिर 2017 से 2020 तक बिहार के उपमुख्यमंत्री का पद भी संभाला।


*राजनीति के काजल की कोठरी से बेदाग निकले*


बिहार की राजनीति में मोदी बिहार के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री की लंबे समय तक अहम भूमिका निभाए। अपने इतने लंबे राजनीतिक कैरियर में उनते चरित्र पर कभी कोई दाग नहीं लगा और राजनीति की काजल की कोठरी से बेदाग निकल दुनिया से रुखस्त हो गए।
विधान मंडल पहुंचा पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी का पार्थिव शरीर, विस अध्यक्ष समेत कई नेताओं ने नम आंखों से दी अंतिम विदाई

डेस्क : बिहार की राजनीतिक जगत करीब में 5 दशक से बिहार भाजपा की धुरी रहे बिहार की सियासत के युगपुरुष सुशील कुमार मोदी का सोमवार को दिल्ली में निधन हो गया। कैंसर से पीड़ित सुशील मोदी ने बीते सोमवार रात 9 बजकर 29 मिनट पर 72 साल की उम्र में दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली। आज मंगलवार को उनका पार्थिव शरीर पटना लाया जाएगा और यहीं दीघा घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ। सुशील मोदी को 9 अप्रैल को एम्स दिल्ली में भर्ती किया गया था।

आज मंगलवार को उनका शव पटना पहुंचते ही उनके अंतिम दर्शन के लिए पटना एयरपोर्ट से लेकर उनके आवास तक तमाम बड़े नेताओं सहित उनके चाहनेवालों की भीड़ लगी रही। पटना आने के बाद सुशील मोदी के पार्थिव शरीर को पहले उनके आवास पर ले जाया गया। फिर पटना भाजपा कार्यालय लाया गया, जहां से अंतिम विदाई से पूर्व उनके पार्थिव शरीर को पटना विधान मंडल लाया गया।

इस दौरान विधान मंडल में फूलों से सजे वाहन में उनके शव को अंतिम दर्शन के लिए बिहार विधानसभा अध्यक्ष नवल किशोर यादव, दोनों डिप्टी सीएम, विजय कुमार चौधरी, अशोक चौधरी सभी बड़े नेता और विधानमंडल में काम करनेवाले कर्मियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
अलविदा सुशील मोदी : 5 दशक तक बिहार के राजनीतिक पटल पर छाये रहे, राजनीति की काजल की कोठरी से बेदाग निकल दुनिया से हुए रुखस्त


डेस्क : बिहार की राजनीतिक जगत करीब में 5 दशक से बिहार भाजपा की धुरी रहे बिहार की सियासत के युगपुरुष सुशील कुमार मोदी का सोमवार को दिल्ली में निधन हो गया। कैंसर से पीड़ित सुशील मोदी ने बीते सोमवार रात 9 बजकर 29 मिनट पर 72 साल की उम्र में दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली। आज मंगलवार को उनका पार्थिव शरीर पटना लाया जाएगा और यहीं दीघा घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ। सुशील मोदी को 9 अप्रैल को एम्स दिल्ली में भर्ती किया गया था। *बचपन से आरएसएस और एबीवीपी से जुड़े रहे* सुशील मोदी बचपन से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एवीबीपी) से जुड़े रहे। जब 70 के दशक में विश्वविद्यालयी शिक्षा के लिए पटना विश्वविद्यालय में नामांकन कराए तो छात्रों की समस्याओं को दूर करने के लिए वे हमेशा आगे रहे। यहीं उनका राजनीति से प्रथम परिचय हुआ। *बीजेपी के स्थापना काल से जुड तेज-तर्रार नेता के रुप में आए सामने* 1973 में पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ के चुनाव में लालू प्रसाद अध्यक्ष और सुशील कुमार मोदी महासचिव निर्वाचित किए गए। इसके बाद वे सक्रिय राजनीति में शामिल होने लगे। 1974 के छात्र आंदोलन के तत्कालीन नायकों में वे प्रमुख रहे। 1980 में जब भाजपा का गठन हुआ तब वे स्थापना काल से ही उससे जुड़ गए और पार्टी के तेज-तर्रार नेता के रूरूप में उभर कर सामने आए। *जेपी आंदोलन में बढ़-चढकर लिया हिस्सा, गए जेल* 1974 में जेपी आंदोलन में सुशील कुमार मोदी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आपातकाल के दौरान वह जेल भी गए थे। सुशील मोदी 1983 से लेकर 86 तक अखिल भारतीय व सुशील मोदी 1983 से लेकर 86 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में प्रदेश मंत्री, प्रदेश संगठन मंत्री सहित कई पदों पर रहने के बाद 1983 में उन्हें महासचिव बनाया गया था। *सुशील मोदी का राजनीतिक सफर* पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी छात्र जीवन से सामाजिक व राजनीतिक मुद्दों को लेकर जुझारू रहे। वे पांच दशक तक बिहार के राजनीतिक पटल पर छाये रहे। सुशील मोदी पहली बार पटना मध्य निर्वाचन क्षेत्र से विधायक बने और उन्हें भाजपा विधायक दल का मुख्य सचेतक बनाया गया। इसे अब कुम्हार विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। सुशील मोदी ने 1990 से 2004 के बीच तीन बार बिहार विधानसभा का चुनाव जीता। 1996 से 2004 तक वो बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे। उन्हें 2003 में भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया, वो इस पद पर 2005 तक रहे। उन्होंने 2005 में अपनी लोकसभा सदस्यता छोड़ दी और बिहार विधान परिषद के सदस्य बन गए, जिसके बाद उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने। वो 2020 में राज्यसभा के लिए चुने गए और इस साल की शुरुआत में सेवानिवृत्त हुए। *लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और विधान परिषद चारों सदन के सदस्य रहे सुशील मोदी* अपने तीन दशकों से अधिक के राजनीतिक करियर के दौरान सुशील कुमार मोदी ने विधायक, एमएलसी, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य सहित विभिन्न पदों पर कार्य किया। वो लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और विधान परिषद सहित सभी 4 सदनों के सदस्य रहने वाले बिहार के चंद नेताओं में से एक थे। उन्होंने 2005 से 2013 तक और फिर 2017 से 2020 तक बिहार के उपमुख्यमंत्री का पद भी संभाला। *राजनीति के काजल की कोठरी से बेदाग निकले* बिहार की राजनीति में मोदी बिहार के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री की लंबे समय तक अहम भूमिका निभाए। अपने इतने लंबे राजनीतिक कैरियर में उनते चरित्र पर कभी कोई दाग नहीं लगा और राजनीति की काजल की कोठरी से बेदाग निकल दुनिया से रुखस्त हो गए।
विधान मंडल पहुंचा पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी का पार्थिव शरीर, विस अध्यक्ष समेत कई नेताओं ने नम आंखों से दी अंतिम विदाई

डेस्क : बिहार की राजनीतिक जगत करीब में 5 दशक से बिहार भाजपा की धुरी रहे बिहार की सियासत के युगपुरुष सुशील कुमार मोदी का सोमवार को दिल्ली में निधन हो गया। कैंसर से पीड़ित सुशील मोदी ने बीते सोमवार रात 9 बजकर 29 मिनट पर 72 साल की उम्र में दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली। आज मंगलवार को उनका पार्थिव शरीर पटना लाया जाएगा और यहीं दीघा घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ। सुशील मोदी को 9 अप्रैल को एम्स दिल्ली में भर्ती किया गया था।

आज मंगलवार को उनका शव पटना पहुंचते ही उनके अंतिम दर्शन के लिए पटना एयरपोर्ट से लेकर उनके आवास तक तमाम बड़े नेताओं सहित उनके चाहनेवालों की भीड़ लगी रही। पटना आने के बाद सुशील मोदी के पार्थिव शरीर को पहले उनके आवास पर ले जाया गया। फिर पटना भाजपा कार्यालय लाया गया, जहां से अंतिम विदाई से पूर्व उनके पार्थिव शरीर को पटना विधान मंडल लाया गया।

इस दौरान विधान मंडल में फूलों से सजे वाहन में उनके शव को अंतिम दर्शन के लिए बिहार विधानसभा अध्यक्ष नवल किशोर यादव, दोनों डिप्टी सीएम, विजय कुमार चौधरी, अशोक चौधरी सभी बड़े नेता और विधानमंडल में काम करनेवाले कर्मियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
आज विशेष विमान से पटना लाया जायेगा दिवंगत सुशील मोदी का पार्थिव शरीर, पटना के गुलबी घाट पर होगा अंतिम संस्कार*

डेस्क : बिहार की राजनीतिक जगत के लिए एक दुखद खबर है। करीब तीन दशक से बिहार भाजपा की धुरी रहे बिहार की सियासत के युगपुरुष सुशील कुमार मोदी का सोमवार को दिल्ली में निधन हो गया। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी यूरिनरी ब्लैडर के कैंसर से पीड़ित थे। सोमवार रात 9 बजकर 29 मिनट पर उन्होंने दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली। वहीं मिली जानकारी के मुताबिक, दिवंगत सुशील मोदी का पार्थिव शरीर आज मंगलवार को विशेष विमान से दिल्ली से पटना लाया जाएगा। उनके पार्थिव शरीर को राजेन्द्र नगर स्थित उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद पटना के गुलबी घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा। उनके अंतिम संस्कार में पक्ष और विपक्ष के कई नेताओं के शामिल होने की संभावना है।
*सुशील मोदी के निधन पर बिहार भाजपा के साथ-साथ तमाम पार्टी के नेताओं ने जताया शोक, बताया बिहार की राजनीति के लिए बड़ी क्षति*

डेस्क : बिहार की राजनीतिक जगत के लिए एक दुखद खबर है। करीब तीन दशक से बिहार भाजपा की धुरी रहे बिहार की सियासत के युगपुरुष सुशील कुमार मोदी का सोमवार को दिल्ली में निधन हो गया। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी यूरिनरी ब्लैडर के कैंसर से पीड़ित थे। सोमवार रात 9 बजकर 29 मिनट पर उन्होंने दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली। आज मंगलवार को उनका पार्थिव शरीर पटना लाया जाएगा और यहीं अंतिम संस्कार होगा। सुशील मोदी को 9 अप्रैल को एम्स दिल्ली में भर्ती किया गया था। इधर उनके निधन की खबर के बाद बिहार के राजनीतिक जगत में शोक का लहर व्याप्त है। सुशील कुमार मोदी के निधन पर बिहार भाजपा के तमाम नेताओं ने शोक प्रकट किया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सह उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि उनका निधन भाजपा और बिहार के लिए बड़ी क्षति है। मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि पूरे भाजपा संगठन परिवार के साथ-साथ मेरे जैसे असंख्य कार्यकताओं के लिए यह अपूरणीय क्षति है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि उनके निधन से बिहार और देश की राजनीति को अपूरणीय क्षति हुई है। मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि सुशील मोदी का बिहार की राजनीति में अमूल्य योगदान रहा है। पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, विधान पार्षद संजय मयूख ने कहा कि अपने संगठन कौशल, प्रशासनिक समझ और सामाजिक राजनीतिक विषयों पर अपनी गहरी जानकारी के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, रामकृपाल यादव, विधायक संजीव चौरसिया, पंकज सिंह, राकेश सिंह, अशोक भट्ट सहित भाजपा के अन्य नेताओं ने भी सुशील मोदी के निधन पर शोक प्रकट किया। वहीं लोजपा (रा.) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान, योजना एवं विकास और ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, रालोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस, पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी शोक जताया है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने शोक व्यक्त करते हुए एक्स पर लिखा है कि " पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ के समय यानि विगत 51-52 वर्षों से हमारे मित्र भाई सुशील मोदी के निधन का अति दुःखद समाचार प्राप्त हुआ.वे एक जुझारू, समर्पित सामाजिक राजनीतिक व्यक्ति थे। ईश्वर दिवगंत आत्मा को चिरशांति तथा परिजनों को दुख सहने की शक्ति प्रदान करें."
*पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी के निधन पर पीएम और सीएम नीतीश कुमार ने जताया गहरा शोक*

डेस्क : बिहार की राजनीतिक जगत के लिए एक दुखद खबर है। करीब तीन दशक से बिहार भाजपा की धुरी रहे बिहार की सियासत के युगपुरुष सुशील कुमार मोदी का सोमवार को दिल्ली में निधन हो गया। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी यूरिनरी ब्लैडर के कैंसर से पीड़ित थे। सोमवार रात 9 बजकर 29 मिनट पर उन्होंने दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली। आज मंगलवार को उनका पार्थिव शरीर पटना लाया जाएगा और यहीं अंतिम संस्कार होगा। सुशील मोदी को 9 अप्रैल को एम्स दिल्ली में भर्ती किया गया था। इधर उनके निधन की खबर के बाद बिहार के राजनीतिक जगत में शोक का लहर व्याप्त है। उनके निधन पर पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार ने गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुशील कुमार मोदी के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, मैंने आज सच्चा दोस्त और कर्मठ राजनेता खो दिया है। उनके निधन से राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। ईश्वर उनके परिजनों, समर्थकों और प्रशंसकों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करें। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि पार्टी में अपने मूल्यवान सहयोगी और दशकों से मेरे मित्र रहे सुशील मोदी जी के असामयिक निधन से अत्यंत दुख हुआ है। बिहार में भाजपा के उत्थान और उसकी सफलताओं के पीछे उनका अमूल्य योगदान रहा है। जीएसटी पारित होने में उनकी सक्रिय भूमिका हमेशा याद किया जाएगा।