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जानें क्या है 15 सेकंड के लिए पुलिस हटाने वाला बयान, जिसको लेकर आमने-सामने हैं ओवैसी और नवनीत राणा

#asaduddinowaisiattacksonamravatimpnavneet_rana 

लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के लिए सोमवार को वोटिंग होनी है। इसी बीच दलों के बीच जुबानी जंग भी तेज हो गई है। इस बीच बीजेपी सांसद नवनीत राणा और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) चीफ असदुद्दीन ओवैसी भिड़ हुए हैं। महाराष्ट्र के अमरावती से भाजपा सांसद नवनीत कौर राणा ने बुधवार (8 मई) को एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और उनके छोटे भाई अकबरुद्दीन पर बयान दिया। नवनीत राणा ने कहा कि अगर हैदराबाद में 15 सेकेंड के लिए पुलिस हटी तो पता नहीं चलेगा कि दोनों भाई कहां गए। नवनीत राणा के इस बयान पर तगड़ा पलटवार किया है। ओवैसी ने 'छोटे को खुला छोड़ दूं' की बात कहकर मामला और गरमा दिया है।

मैंने उसे रोक रखा है-ओवैसी

नवनीत राणा बुधवार को हैदराबाद में भाजपा उम्मीदवार माधवी लता के लिए प्रचार करने गई थीं।यहां राणा ने असदुद्दीन ओवैसी और उनके छोटे भाई अकबरुद्दीन पर बयान दिया। नवनीत राणा ने कहा कि अगर हैदराबाद में 15 सेकेंड के लिए पुलिस हटी तो पता नहीं चलेगा कि दोनों भाई कहां गए।इस बयान पर असदुद्दीन ओवैसी ने नवनीत राणा पर तंज कसा। उन्होंने कहा, मैंने छोटे (अकबरुद्दीन ओवैसी) को बहुत समझाकर रोक रखा है, छोड़ दूं क्या? छोटे-छोटे, तुमको मालूम ही क्या है कि छोटा क्या है। मेरा छोटा भाई तोप है, वो सालार का बेटा है। मैंने रोक रखा है वरना जिस दिन कह दिया कि मियां मैं आराम करता हूं तुम संभाल लो तो...।'

छोटा किसी के बाप की नहीं सुनने वाला-ओवैसी

ओवैसी ने आगे कहा, हम लोग अभी खाली टाइमिंग कर रहे हैं और सिंगल ले रहे हैं। टी-20 शुरू हो गया तो फिर तुम्हारा क्या होगा। 15 सेकंड-15 सेकंड कर रहे, मैं मुर्गी का बच्चा हूं क्या। बताओ न कि किधर आना है? अपने दिल्ली वाले पापा से पूछकर बताओ। बताओ न ऑफिस में आना है कि घर आना है। छोटे (अकबरुद्दीन ओवैसी) को समझाने वाला सिर्फ असदुद्दीन ओवैसी ही है वो किसी के बाप की नहीं सुनने वाला।

2013 में दी गई स्पीच का जवाब

राणा का यह बयान अकबरुद्दीन की 2013 में दी गई स्पीच का जवाब माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर 15 मिनट के लिए पुलिस हटा दी जाए तो हम 25 करोड़ (मुसलमान) 100 करोड़ हिंदुओं को खत्म कर देंगे। दुनिया उसी को डराती है, जो डरता है। दुनिया उसी से डरती है, जो डराना जानता है। वह (RSS) हमसे (मुसलमानों) घृणा करते हैं, क्योंकि वह 15 मिनट भी हमारा सामना नहीं कर सकते हैं।'

पहले भी नवनीत राणा ने ऐसे बयान दिए

भाजपा ने लोकसभा चुनाव में नवनीत राणा को अमरावती से उम्मीदवार बनाने के साथ गुजरात में स्टार प्रचारक भी बनाया है। नवनीत ने 5 मई को गुजरात में प्रचार के दौरान कहा कि जिसे जय श्री राम नहीं कहना है तो वो पाकिस्तान जा सकता है। ये हिंदुस्तान है। अगर हिंदुस्तान में रहना है तो जय श्री राम कहना ही है।

इलेक्शन कैंपेन कोई मौलिक अधिकार नहीं, अरविंद केजरीवाल की याचिका का विरोध करते हुए ईडी ने दिए तर्क, पढ़िए, पूरी खबर

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत का विरोध करते हुए ईडी ने आज सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा पेश किया. इसमें ईडी की ओर से दलील दी गई. ईडी ने अपने हलफनामे में कहा है कि चुनाव प्रचार करना कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है. अगर इस तरह चुनाव प्रचार करने के लिए बेल दी गई तो फिर तो किसी नेता को गिरफ्तार करना ही मुश्किल हो जाएगा.

ईडी ने आगे हलफनामे में कहा कि मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका को खारिज करते समय सुप्रीम कोर्ट ने खुद कहा था कि कानून नागरिक, संस्था और राज्य सभी के लिए बराबर होता है. कानून सभी को बराबर का अधिकार देता है.

ईडी ने कहा कि याचिकाकर्ता यानी अरविंद केजरीवाल ने जमानत की मुख्य वजह 2024 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करना बताया है. चुनाव आयोग बनाम मुख्तार अंसारी के 2017 फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने खुद कहा है कि चुनाव प्रचार करना कोई संवैधानिक या मौलिक अधिकार नहीं है और न ही कानूनी अधिकार है. अब तक की जानकारी में किसी भी नेता को चुनाव प्रचार करने के लिए जमानत कभी नहीं दी गई है. अरविंद केजरीवाल तो चुनाव भी नहीं लड़ रहे हैं. अगर कोई उम्मीदवार भी कस्टडी में होता तो भी उसे खुद के चुनाव प्रचार के लिए जमानत नहीं दी जा सकती. 

1977 के केस का हवाला

ईडी ने अपने हलफनामे में और तगड़ा तर्क देते हुए कहा कि 1977 के केंद्र सरकार बनाम अनुकुल चंद्रा प्रधान मामले में सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में रहे व्यक्ति को वोट देने के संवैधानिक अधिकार से भी वंचित कर दिया था. ऐसा सेक्शन 62(5) के तहत किया गया था.

"हर नेता यही तर्क देगा"

ईडी ने अपने हलफनामे में कहा कि पिछले 5 साल में देश भर में कुल 123 चुनाव हुए हैं. अगर चुनाव में प्रचार के आधार पर नेताओं को जमानत दी जाने लगी तो न तो कभी किसी नेता हो गिरफ्तार किया जा सकेगा और न ही उसे न्यायिक हिरासत में भेजा जा सकेगा, क्योकि देश में हमेशा कोई न कोई चुनाव होता रहता है. भारत के फेडरल स्ट्रक्चर के कारण कोई भी चुनाव छोटा या बड़ा नहीं होता. तब हर नेता यही तर्क देगा कि अगर उसे अंतरिम जमानत नहीं दी गई तो उसे नुकसान होगा. ईडी ने हलफनामे में कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में वर्तमान में कई नेता न्यायिक हिरासत में हैं और उनके मामले अलग-अलग न्यायालयों में चल रहे हैं. कई सारे नेता बगैर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के भी न्यायिक हिरासत में होंगे तो किसी एक को स्पेशल ट्रीटमेंट क्यों दिया जाए. 

समन दरकिनार करने की याद दिलाई

ईडी ने हलफनामे में आगे कहा कि अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत देना समानता के नियम के खिलाफ है. यह संभव नहीं है कि एक छोटे किसान या एक छोटे कारोबारी का काम रोक दिया जाए और एक नेता को चुनाव प्रचार की अनुमति दे दी जाए और वह भी उस नेता को जो खुद चुनाव तक नहीं लड़ रहा है. अगर केजरीवाल को जमानत दे दी गई तो क्या हर पार्टी का नेता यही दावा नहीं करेगा कि उसे जमानत न मिलने की वजह से उसकी पार्टी को चुनाव में नुकसान होगा. इसके साथ ही ईडी ने अरविंद केजरीवाल के व्यवहार के बारे में सुप्रीम कोर्ट को याद दिलाया. ईडी ने कहा कि यही अरविंद केजरीवाल थे कि उन्होंने ईडी के समन को चुनाव प्रचार का हवाला देते हुए दरकिनार कर दिया था.

हम फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार... दुष्यंत के दांव पर हरियाणा में BJP का 'नायब' जवाब दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल से की फ्लोर टेस्ट की मांग

हरियाणा की राजनीति में हलचल थमने का नाम नहीं ले रही है. लड़ाई अब दुष्यंत चौटाला बनाम नायब सैनी होने लगी है. बीजेपी नीत नायब सिंह सैनी सरकार अल्पमत में है, क्यों कि तीन निर्दलीय उम्मीदवारों ने उनसे समर्थन वापस ले लिया है. नायब सरकार गिरने का खतरा मंडरा रहा है. इस बीच हरियाणा सरकार को गिराने के लिए कांग्रेस को बाहर से समर्थन देने का खुला ऐलान करने वाले जेजेपी के दुष्यंत चोटाला ने अब हरियाणा के राज्यपाल को एक चिट्ठी लिख विधानसभा का सत्र बुलाकर फ्लोर टेस्ट की मांग कर दी है. उनका कहना है कि नायब सरकार को गिराने वाले विपक्षी दल को उनका पूरा समर्थन है. 

दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल से कहा है कि हम मौजूदा सरकार का समर्थन नहीं करते. हरियाणा में किसी भी दूसरे राजनीतिक दल द्वारा सरकार बनाने में समर्थन के लिए हमारे दरवाजे खुले हैं. दो विधायकों की स्थिति के बाद सदन की संख्या 88 है. बीजेपी के पास 40 विधायक हैं. कांग्रेस के पास 30 ,जेजेपी के 6 ,हलोपा और इनेलो के पास 1-1 विधायक हैं. दुष्यंत की मांग है कि राज्यपाल नायब सरकार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के लिए बुलाएं.

दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल के नाम चिट्ठी में लिखा है कि तीन निर्दलीय विधायकों ने नायब सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. सरकार के पास विश्वास मत नहीं रहा, इसलिए विधानसभा का सत्र बुलाकर फ्लोर टेस्ट करवाया जाए. उन्होंने कहा कि अगर सरकार के पास विश्वास मत नहीं है तो हरियाणा में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए. 

दुष्यंत चौटाला को CM नायब सैनी का जवाब

दुष्यंत चौटाला के अल्पमत वाले आरोप पर सीएम नायब सिंह सैनी का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि जरूरत पड़ी तो विश्वास मत फिर से हासिल करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार को अल्पमत में देखने वाले ये तो देख लें कि उनके पास विधायक भी हैं या नहीं. उनका कहना है कि सरपंच सरकार से नाराज नहीं हैं और उनके पास विश्वास मत मौजूद है. अगर इसे साबित करना पड़ा तो वह इसके लिए भी तैयार हैं.

नायब सरकार अल्पमत में

नियम के मुताबिक, हरियाणा सरकार को अल्पमत में साबित करने के लिए विपक्षी दलों को सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाना होगा. लेकिन बड़ी बात ये है कि कांग्रेस मार्च में हरियाणा विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाई थी, ऐसे में तकनीकी तौर पर अभी विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव सरकार के खिलाफ नहीं लाया जा सकता, क्यों कि दो अविश्वास प्रस्ताव के बीच कम से कम 180 दिन का गेप होना जरूरी होता है. इसके हिसाब से 6 महीने तक सैनी सरकार पर कोई खतरा नहीं है. वह आगामी विधानसभा चुनाव तक आसानी से सरकार चला सकेगी. 

दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल से फ्लोर टेस्ट की मांग की है. जब तक सदन में अविश्वास प्रस्ताव में उसकी हार नहीं हो जाती है, तब तक उनकी सरकार को अल्पमत में नहीं माना जाएगा. गेंद अब राज्यपाल के पाले में है. यह राज्यपाल पर निर्भर करेगा कि वह फ्लोर टेस्ट के लिए नायब सैनी को बुलाएंगे या फिर आगामी विधानसभा को देखते हुए इसे पेंडिंग ही रखेंगे.

अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर खुल गए केदारनाथ धाम, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट, भक्त ऐसे करें महादेव के दर्शन

अक्षय तृतीया के मौके पर चार धाम यात्रा का आरंभ हो गया है। आज यानी 10 मई को प्रात: काल केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुल गए हैं। वहीं अब बद्रीनाथ धाम के कपाट आज से दो दिन बाद यानी 12 मई को खुलेंगे। श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 12 मई को प्रातः काल 06 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। 6 बजे के बाद से श्रद्धालुगण श्री बद्रीनाथ धाम के दर्शन कर सकेंगे।

श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा कपाट खुलने हेतु सभी तैयारियां की जा रही हैं। कपाट खुलने की तैयारियों की प्रक्रिया के तहत कल यानी बृहस्पतिवार को जोशीमठ में प्राचीन गरुड़ छाड़ मेला संपन्न हो गया है। विष्णु जी के प्रिय वाहन गरुड़ जी रस्सी के समांतर उड़कर जोशीमठ बाजार की तरफ से श्री नृसिंह मंदिर की तरफ पहुंचे। 8 मई को श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर डिम्मर में गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा पहुंची। 9 मई को गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा रात्रि में रविग्राम जोशीमठ के लिए रवाना हुई।

श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में पूजा-अर्चना करने के बाद आज यानी 10 मई को गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा के बाद गुरू शंकराचार्य जी की गद्दी तथा श्री बद्रीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी के साथ योग बद्री पांडुकेश्वर के लिए प्रस्थान करेंगे। हालांकि इस अवसर पर श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में श्रद्धालुओं ने रावल तथा आदि गुरू शंकराचार्य जी की गद्दी को योग बद्री पांडुकेश्वर हेतु रवाना किया।

श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गोड़ ने बताया कि, पांडुकेश्वर में रात्रि प्रवास के पश्चात कल 11 मई को योग बदरी पांडुकेश्वर से श्री उद्धव जी एवं श्री कुबेर जी सहित आदि गुरू शंकराचार्य जी की पवित्र गद्दी के साथ-साथ श्री बद्रीनाथधाम के रावल के साथ गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा शाम के समय श्री बद्रीनाथ धाम पहुंचेगी। इसके बाद 12 मई को प्रातः काल 6 बजे श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।

आज श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में देव डोलियों के योग बदरी पांडुकेश्वर प्रस्थान की तैयारियां की जा रही हैं। जहां पर सुबह से ही बद्रीनाथ धाम के रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मंदिर समिति सदस्य आशुतोष डिमरी, भास्कर डिमरी सहित प्रभारी अधिकारी अनिल ध्यानी, सहायक अभियंता गिरीश देवली, धर्माधिकारी राधा कृष्ण थपलियाल, पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी गिरीश चौहान और मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान मौजूद रहें।

इसी के साथ वेदपाठी रविंद्र भट्ट, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी विजेंद्र बिष्ट, प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट, विवेक थपलियाल, श्री नृसिंह मंदिर प्रभारी संदीप कपरवाण, जगमोहन बर्त्वाल, संतोष तिवारी, लेखाकार भूपेंद्र रावत, संदेश मेहता, प्रबंधक भूपेंद्र राणा, केदार सिंह रावत, नरेंद्र खाती और संजय तिवारी आदि लोग भी मौजूद थे।

केदारनाथ मंदिर के दर्शन के लिए यहां मंदिर समिति ने कुछ खास इंतजाम किए हैं। मंदिर के कपाट लगभग 13 से 15 घंटे तक खुले रहेंगे इस बीच भक्त बाबा केदारनाथ के दर्शन कर सकते हैं। सुबह शिवलिंग को स्नान कराकर घी से अभिषेक करने के बाद दीयों और मंत्र जाप के साथ आरती की जाएगी। भक्त आरती में शामिल होने और दर्शन करने के लिए सुबह गर्भगृह में प्रवेश कर सकते हैं। 

दोपहर एक से दो बजे तक एक विशेष पूजा होती है जिसके बाद मंदिर के पट विश्राम के लिए बंद कर दिए जाते हैं। शाम पांच बजे मंदिर के कपाट एक बार फिर दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए जाते हैं। शाम 07:30 बजे से 08:30 बजे तक एक विशेष आरती होती है, जिसके दौरान भगवान शिव की पंचमुखी प्रतिमा का विधिवत श्रृंगार किया जाता है। भक्तगण केवल दूर से इसका दर्शन ही कर सकते हैं। 

केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन 15 अप्रैल 2024 से ही शुरु हो चुके हैं। जिसमें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 3 मई को बंद कर दिए गए हैं लेकिन 8 मई से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा भक्तों के लिए शुरू कर दी गई हैं। जो लोग चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाए हैं वह हरिद्वार और ऋषिकेश पहुंचकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। 

हरिद्वार पहुंचने के बाद ऋषिकेश में यात्री रजिस्ट्रेशन ऑफिस व ट्रांजिट कैंप में चारों धामों की यात्रा के लिए अधिकतम तीन दिनों के लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। केदारनाथ धाम या फिर किसी भी धाम की य तक पैदल यात्रा एक धार्मिक और अनुभव भरी यात्रा होती है। आप गौरीकुंड या सोनप्रयाग से यात्रा शुरू कर सकते हैं और पर्वतीय मार्ग से धाम पहुंच सकते हैं। यह यात्रा लगभग 14 किलोमीटर है। 

यात्रियों के लिए राजमार्ग सेवा भी उपलब्ध है, जिसमें बसें और टैक्सियां केदारनाथ धाम तक जाती हैं। राजमार्ग सेवा के लिए गुप्तकाशी से या रुद्रप्रयाग से यात्रा करनी पड़ती है। आसान और तेजी से केदारनाथ धाम पहुंचने के लिए आप हेलीकॉप्टर सेवा का उपयोग कर सकते हैं। हरिद्वार, देहरादून और गुप्तकाशी जैसे नजदीकी शहरों से उड़ानें उपलब्ध होती हैं जो केदारनाथ धाम तक पहुंचती हैं। भक्तों के लिए पालकी और घोड़ा खच्चर आदि की सवारी भी उपलब्ध होती है. जिस पर बैठ यात्री धाम तक जा सकते है।

प्रज्वल रेवन्ना मामले में नया मोड़, राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा-शिकायत दर्ज कराने के लिए महिलाओं पर बनाया गया दबाव

#newtwistinprajwalrevanna_case 

कर्नाटक में जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े सेक्स वीडियो स्कैंडल ने नया मोड़ ले लिया है।राष्ट्रीय महिला आयोग ने दावा किया है कि प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ यौन शोषण के मामले में झूठी शिकायत दर्ज कराने पर मजबूर किया गया। इस महिला ने कहा कि खुद को पुलिसकर्मी बताने वाले तीन लोगों के एक समूह ने उन्‍हें परेशान करने की धमकी देकर झूठी शिकायत दर्ज कराने के लिए मजबूर किया था। बता दें कि प्रज्वल रेवन्ना पर यौन उत्पीड़न, सैकड़ों सेक्स वीडियो रिकॉर्ड करने, धमकाने और साज़िश रचने के आरोप है।

राष्ट्रीय महिला आयोग ने गुरुवार को कहा कि महिलाओं के यौन शोषण के अभियुक्त प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ कोई भी पीड़ित महिला शिकायत दर्ज कराने के लिए आगे नहीं आई है। आयोग का कहना है कि उसके पास सिर्फ एक महिला पहुंची थी। आयोग के मुताबिक इस महिला शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उसे जनता दल सेक्युलर के नेता और हसन सीट से सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ फ़र्ज़ी शिकायत दर्ज करने के लिए मजबूर किया गया था।

एनसीडब्ल्यू ने आगे कहा कि महिला ने अपने और अपने परिवार के लिए सुरक्षा की मांग की क्योंकि तीन व्यक्ति अलग-अलग नंबरों से उसके मोबाइल पर कॉल करके गंभीर धमकियां दे रहे थे। एनसीडब्ल्यू ने कहा, एक महिला ने तीन व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए आयोग से संपर्क किया, जिन्होंने सादे कपड़े पहने थे। कथित तौर पर खुद को कर्नाटक पुलिस के रूप में पेश किया और उसे इस मामले में झूठी शिकायत दर्ज करने के लिए मजबूर किया। उसने कहा कि उसे अलग-अलग फोन नंबरों से कॉल आ रहे थे, शिकायत दर्ज करने की धमकी दी जा रही थी। राष्ट्रीय महिला आयोग ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह पता चला है कि इस शिकायतकर्ता को व्यक्तियों के एक समूह द्वारा संभावित उत्पीड़न और झूठे आरोपों की धमकी के तहत शिकायत दर्ज करने के लिए मजबूर किया गया था।

एचडी कुमारस्‍वामी ने लगाया एसआईटी पर आरोप

एनसीडब्ल्यू के आरोपों से संकेत लेते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस के प्रदेश अध्यक्ष एचडी कुमारस्वामी ने गुरुवार रात विशेष जांच दल (एसआईटी) पर आरोप लगाया कि इस मामले की जांच कर रही एसआईटी ने झूठे बयान देने के लिए पीड़िताओं को देहव्‍यापार में फंसाने की धमकी दी है। लजेडीएस नेता ने दावा किया कि एसआईटी अधिकारी पीड़िताओं को धमकी दे रहे हैं कि अगर वे कांग्रेस सरकार के पक्ष में बयान नहीं देते हैं तो उन पर देहव्‍यापार का आरोप लगाया जाएगा।

राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा से किया सवाल

एच.डी. कुमारस्वामी ने राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा से सवाल किया। कृष्णा बायरे ने पहले सेक्स वीडियो स्कैंडल को दुनिया का सबसे बड़ा सेक्स स्कैंडल बताया था। कुमारस्वामी ने मंत्री कृष्णा गौड़ा से पूछा कि अपहरण की गई बचाई गई महिला को आपने कहां रखा है? उसे अदालत में क्यों नहीं पेश किया जा रहा है? क्या आप पीड़ितों के निजी वीडियो के वितरण के कृत्य का समर्थन करते हैं?

एचडी देवगौड़ा के पोते हैं प्रज्वल

बता दें कि पुलिस ने प्रज्वल रेवन्ना और उनके पिता एच डी रेवन्ना, दोनों पर यौन शोषण का मामला दर्ज किया है। इस मामले में कर्नाटक सरकार ने एसआईटी का गठन किया है जो यौन शोषण के मामलों की जांच कर रही है। प्रज्वल रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते हैं। प्रज्वल रेवन्ना के पिता कर्नाटक में विधायक हैं और चाचा पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी हैं।

शेयर बाजार में मचा कोहराम, न‍िवेशकों के ढाई लाख करोड़ म‍िनटों में हो गए स्‍वाहा, गिरावट का सिलसिला लगातार जारी

 प‍िछले द‍िनों र‍िकॉर्ड लेवल पर पहुंचे भारतीय शेयर बाजार में कुछ द‍िनों से ग‍िरावट का स‍िलस‍िला देखा जा रहा है. गुरुवार के कारोबारी सत्र में सेंसेक्‍स करीब 900 अंक तक नीचे चला गया. इससे न‍िवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा. एक द‍िन पहले शेयर बाजार में न‍िवेशकों की संपत्‍त‍ि 400 लाख करोड़ रुपये के पार थी, जो क‍ि गुरुवार को आई अचानक ग‍िरावट के बाद घटकर 398 लाख करोड़ के करीब रह गई.

गुरुवार को शेयर बाजार में ल‍िस्‍टेड कई स्‍टॉक में ग‍िरावट के बाद न‍िवेशकों की संपत्‍त‍ि घटकर र‍िकॉर्ड लेवल से नीचे आ गई. इस दौरान सेंसेक्‍स 781 अंक ग‍िरकर 72,685 अंक पर कारोबार करते देखा गया. कारोबारी सत्र के दौरान सबसे ज्‍यादा ग‍िरावट वाले शेयरों में एलएंडटी, एश‍ियन पेंट, आईटीसी, इंडसइंड बैंक, जेएसडब्‍ल्‍यू स्‍टील, एनटीपीसी, बजाज फाइनेंस और र‍िलायंस इंडस्‍ट्रीज के शेयर में देखी गई.

इन कंपनियों के शेयर 5% से भी ज्‍यादा नीचे आ गए. दोपहर के समय एक बार सेंसेक्‍स 72,603 अंक तक ग‍िर गया. एक द‍िन पहले 73,466 अंक पर बंद होने वाला यह प्रमुख सूचकांक 73,499 अंक पर ओपन हुआ था. कारोबारी सत्र के दौरान न‍िफ्टी 50 भी 200 अंक से ज्‍यादा ग‍िरकर 22,021 अंक के लेवल तक चला गया. बैंक न‍िफ्टी, फाइनेंस न‍िफ्टी और न‍िफ्टी 50 भी लाल न‍िशान के साथ कारोबार करते देखे गए.

ट्रेड‍िंग सेशन के दौरान ज‍िन शेयर में तेजी देखी जा रही है उनमें एसबीआई, टाटा मोटर्स, मह‍िंद्रा एंड मह‍िंद्रा, एचसीएल टेक्‍नोलॉजी, इंफोस‍िस और मारुत‍ि का शेयर रहा. एसबीआई में सबसे ज्‍यादा करीब 2 प्रत‍िशत की तेजी रही. बंबई शेयर बाजार (BSE) में आज के कारोबारी सत्र के दौरान 29 कंपनियों के शेयरों में 52 हफ्तों में सबसे कम गिरावट आई.

वहीं, 137 कंपनियों के शेयर 52 हफ्तों के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गए. 3,731 कंपनियों में से सिर्फ 1,158 कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी गई, जबकि 2,413 कंपनियों के शेयर के भाव ग‍िरे. बाकी 160 कंपनियों के शेयर में क‍िसी तरह का बदलाव नहीं देखा गया.

दलाल स्ट्रीट पर ज्यादातर शेयर गिरकर लाल निशान में ट्रेड कर रहे हैं. ऑटो और आईटी सेक्टर के शेयरों में तेजी है. बाकी सभी सेक्टर के शेयरों में गिरावट आई. सबसे ज्यादा गिरावट तेल और गैस कंपनियों के शेयर में देखी गई. कार बनाने वाली कंपनियों के शेयर में आज बढ़त देखने को मिली.

इन कंपनियों के शेयरों का इंडेक्स 740 अंक बढ़कर 51,882 पर पहुंच गया. इस गिरावट के कारण 251 कंपनियों के शेयर अपनी सबसे कम कीमत पर आ गए. लेकिन, इस गिरावट के बावजूद 189 कंपनियों के शेयरों ने बढ़त बनाए रखी और हाई लेवल पर पहुंच गए.

विदेशी निवेशकों (FII) ने बुधवार को भारतीय शेयर बाजार में कुल 6,669.10 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि भारतीय निवेशकों (Domestic Investors) ने 5,928.81 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. यह जानकारी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के शुरुआती आंकड़ों के आधार पर है. कुल मिलाकर, मई में पिछले पांच कारोबारी सत्रों में FIIs ने 15,863 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं.

जानें कौन हैं केएस राजन्ना ? एक साल की उम्र में गंवाए हाथ-पैर, फिर बने दिव्यांगों की आवाज, अब राष्ट्रपति ने किया सम्मानित

#dr_ks_rajanna_padma_shri_winner_divyang_social_worker

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार (9 मई) के दिन पद्म पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया। उन्होंने कुल 132 लोगों का सम्मान किया। इसमें दिव्यांग समाजसेवी डॉ. केएस रजन्ना भी शामिल थे।पोलियो के कारण अपने दोनों हाथ-पैर गंवा चुके डॉ केएस राजन्ना को देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान- पद्मश्री से अलंकृत किया गया। केएस राजन्ना ने 11 साल की उम्र में पोलियो के कारण अपने हाथ और पैर खो दिए। जिसके बाद उन्होंने घुटनों के बल चलना सीखा।उन्होंने अपनी शारीरिक सीमाओं को प्रेरणा बनाया और खुद को किसी से कम नहीं मानते हुए दिव्यांगजनों के लिए काम करने का फैसला किया।

समाजसेवा में आने के बाद उन्होंने लगातार काम किया और 2013 में सरकार ने उन्हें दिव्यांगों के लिए राज्य कमिश्नर बना दिया। कर्नाकट के बेंगलुरू के रहने वाले रजन्ना को तीन साल के लिए यह पद दिया गया था, लेकिन उनका कार्यकाल खत्म होने से पहले ही उन्हें उनके पद से हटा दिया गया। उनकी जगह कमलाक्षी को यह जिम्मेदारी दी गई, लेकिन कर्नाटक सरकार के इस फैसले का जमकर विरोध हुआ। अहम यह था कि रजन्ना को इस बारे में जानकारी तक नहीं दी गई थी कि उन्हें हटाया गया है। इसके बाद सरकार ने दोबारा उन्हें यह पद दे दिया। अब उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया है।

पीएम मोदी का किया अभिवादन

गुरुवार को जब राष्ट्रपति भवन के ऐतिहासिक हॉल में जब पद्म श्री से नवाजे जाने के लिए जैसे ही डॉ के एस राजन्ना का नाम पुकारा गया, पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। डॉ राजन्ना राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों पद्मश्री पदक और प्रशस्ति पत्र हासिल करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास पहुंचे।इस पर पीएम ने उनका हाथ पकड़ लिया। इसके बाद राजन्ना ने राष्ट्रपति के सामने मंच पर जाने से पहले शीश झुकाया। उन्होंने राष्ट्रपति का भी विशेष रूप से अभिवादन किया। राष्ट्रपति जब उन्हें पद्मश्री से सम्मानित कर रही थी तब पूरा हॉल में शायद ही कोई होगा जो उनकी उपलब्धि पर गर्व ना कर रहा है। डॉ. राजन्ना को सम्मानित करने वाले पत्र में दिव्यांजनों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध दिव्यांग सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में वर्णित किया गया था।

राजन्ना के नाम कई उपलब्धियां

डॉ. केएस राजन्ना कर्नाटक के मांड्या जिले के रहने वाले हैं। वह अपने मात-पिता की सातवीं संतान हैं। 11 साल की उम्र में पोलियो की वजह से हाथ-पैर गंवाने के बावजूद उनका उत्साह कभी कम नहीं हुआ। उन्होंने ना सिर्फ अपनी पढ़ाई पूरी की बल्कि लेखन, हस्तशिल्प के साथ ही डिस्कस थ्रो, ड्राइविंग और स्विमिंग भी सीखी। 1975 में उन्होंने स्टेट सिविल सर्विस की परीक्षा पास की। 1980 में उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा भी हासिल कर लिया। डॉ. राजन्ना ने साल 2003 में पैरालंपिकक में दो मेडल भी जीत चुके हैं। राजन्ना को 54 साल की उम्र में साल राज्य में कमिश्नर नियुक्त किया गया था। राजन्ना मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा धारक है।

भारत की एक और बड़ी कूटनीतिक जीत, ईरान ने 5 भारतीय को छोड़ा, इजराइल से जुड़ा है मामला*
#iran_releases_5_indian_crew_member_from_seized_msc_aries_ship

कतर से इंडियन नेवी के 8 पूर्व जवानों को सकुशल स्‍वदेश वापसी के बाद भारत को एक और बड़ी कूटनीतिक सफलता हासिल की है।ईरान ने 13 अप्रैल को जब्त किए जहाज एमएससी एरीज पर सवार 5 भारतीय को रिहा कर दिया है। ईरान में मौजूद भारतीय दूतावास ने गुरुवार को बताया कि सभी लोग भारत के लिए रवाना हो गए हैं।ईरान ने पुर्तगाल के झंडे वाले जहाज एमएससी एरीज के चालक दल के सात सदस्यों को रिहा कर दिया है। पुर्तगाल के विदेश मंत्रालय ने बताया कि मुक्त किए गए लोगों में पांच भारतीय समेत एक फिलिपींस का नागरिक और एक एस्टोनियाई नागरिक हैं। बता दें कि इस कंटेनर जहाज का इजरायल के साथ संबंध होने के कारण ईरान ने इसे जब्त किया था। दरअसल, इजराइल पर हमले से पहले ईरान ने भारत आ रहे पुर्तगाल के झंडे वाले एक जहाज को ओमान की खाड़ी में होर्मुज पास से जब्त किया था। यह शिप इजराइली अरबपति की एक कंपनी का था। ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडो यूएई से रवाना हुए जहाज पर हेलिकॉप्टर से उतरे थे। ईरान ने आरोप लगाया था कि शिप बिना इजाजत उनके इलाके से गुजर रहा था। इस घटना के बाद ईरान और इजराइल के बीच तनाव और बढ़ गया था। घटना के अगले दिन 14 अप्रैल को ईरान ने इजराइल पर हमला कर दिया था। इस पर 25 क्रू मेंबर मौजूद थे जिनमें 17 भारतीय और दो पाकिस्तानी थे। बचे हुए 11 सदस्य अब भी ईरान की कैद में हैं। इससे पहले 18 अप्रैल को एक भारतीय महिला कैडेट एन टेसा जोसेफ को रिहा किया गया था। अभी भी 11 भारतीय नाविक ईरान में ही हैं। ईरान, इस्राइल-हमास युद्ध में हमास का समर्थन कर रहा है। यही वजह है कि लाल सागर में ईरान के समर्थन से हूती विद्रोही अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट पर लगातार हमले कर रहे हैं। बीते दिनों इस्राइल पर आरोप लगे कि उसने सीरिया में ईरान के दूतावास को निशाना बनाया, जिसमें ईरानी सेना के दो शीर्ष कमांडर मारे गए थे। इस हमले का आरोप ईरान ने इस्राइल पर लगाया और बदला लेने की धमकी दी थी। ईरान ने जवाबी कार्रवाई में इस्राइल पर मिसाइलों और ड्रोन्स की मदद से बड़ा हमला किया, लेकिन इस हमले में इस्राइल को कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। जब दोनों देशों के रिश्तों में तनाव चरम पर था, उसी दौरान ईरान ने इस्राइल के जहाज को होर्मुज जलडमरूमध्य से जब्त किया था।
भारत को पाकिस्तान की इज्जत करनी चाहिए, उनके पास परमाणु बम है, कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के इस बयान के क्या है मायने ?*
#mani_shankar_aiyaar_statement_india_should_fear_pakistan_atom_bomb कांग्रेस में एक से बढ़कर एक “बयानवीर” हैं। अभी कल ही तो सैम पित्रोदा ने अपने एक बयान से जमकर “बवाल काटा”। जिसके बाद उन्हें इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा। अब पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता ने देश का सियासी पारा बढ़ाने का काम किया है। हम बात कर रहे मणिशंकर अय्यर की, जिन्होंने पाकिस्तान की इज्जत करने की नसीहत दी है, वो भी इसलिए क्योंकि पाकिस्तान के पास परमाणु बम है। लोकसभा चुनाव के बीच में मणिशंकर अय्यर के इस बयान से कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। लोकसभा चुनाव की सगर्मियों के बीच कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने भारत को पाकिस्तान का डर दिखाने की कोशिश की है। मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान के साथ बातचीत की वकालत करते हुए कहा है कि भारत को पाकिस्तान का सम्मान करना चाहिए क्योंकि उसके पास एटम बम है। अगर हम उनकी इज्जत नहीं करेंगे, बातचीत नहीं करेंगे तो वे भारत के खिलाफ एटम बम का इस्तेमाल करने के बारे में सोचेंगे। मस्कुलर नीति दिखाने वाले भारत को यह नहीं भूलना चाहिए कि पाकिस्तान के पास भी कहुटा (रावलपिंडी) में मसल (परमाणु बम) है।’ मणिशंकर अय्यर ने कहा, ‘पाकिस्तान भी एक संप्रभु मुल्क है। उनकी भी इज्जत है। उनकी इज्जत को कायम रखते हुए उनसे जितनी कड़ी बात करनी है करो। लेकिन बात तो करो। बंदूक को लेकर आप घूम रहे हो। उससे क्या हल मिला… कुछ नहीं। तनाव बढ़ता जाता है। कोई भी पागल वहां आ जाए तो क्या होगा देश का। उनके पास एटम बम है। हमारे पास भी है। लेकिन किसी पागल ने हमारे बम को लाहौर स्टेशन में छोड़ा तो आठ सेकेंड के अंदर उसकी रेडियो एक्टिविटी अमृतसर पहुंचेगी। आप उसको इस्तेमाल करने को रोको। लेकिन आपने उससे बात की, उसको इज्जत दी तो तभी जाकर वह अपने बम के बारे में नहीं सोचेंगे। मगर आपने उसको ठुकरा दिया तो फिर क्या होगा। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि दुनिया का विश्व गुरु बनना हो तो यह जरूरी है दिखाने के लिए कि जितना भी खराब हो हमारा समस्या पाकिस्तान के साथ, उसका हल निकालने के लिए हम मेहनत कर रहे है। पिछले दस साल से सारा मेहनत बंद है। मस्कुलर पॉलिसी दिखाने वाले भारत को यह नहीं भूलना चाहिए कि पाकिस्तान के पास भी कहुटा (रावलपिंडी) में मसल (परमाणु बम) है।’
भारत को पाकिस्तान की इज्जत करनी चाहिए, उनके पास परमाणु बम है, कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के इस बयान के क्या है मायने ?

#mani_shankar_aiyaar_statement_india_should_fear_pakistan_atom_bomb

कांग्रेस में एक से बढ़कर एक “बयानवीर” हैं। अभी कल ही तो सैम पित्रोदा ने अपने एक बयान से जमकर “बवाल काटा”। जिसके बाद उन्हें इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा। अब पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता ने देश का सियासी पारा बढ़ाने का काम किया है। हम बात कर रहे मणिशंकर अय्यर की, जिन्होंने पाकिस्तान की इज्जत करने की नसीहत दी है, वो भी इसलिए क्योंकि पाकिस्तान के पास परमाणु बम है। लोकसभा चुनाव के बीच में मणिशंकर अय्यर के इस बयान से कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। 

लोकसभा चुनाव की सगर्मियों के बीच कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने भारत को पाकिस्तान का डर दिखाने की कोशिश की है। मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान के साथ बातचीत की वकालत करते हुए कहा है कि भारत को पाकिस्तान का सम्मान करना चाहिए क्योंकि उसके पास एटम बम है। अगर हम उनकी इज्जत नहीं करेंगे, बातचीत नहीं करेंगे तो वे भारत के खिलाफ एटम बम का इस्तेमाल करने के बारे में सोचेंगे। मस्कुलर नीति दिखाने वाले भारत को यह नहीं भूलना चाहिए कि पाकिस्तान के पास भी कहुटा (रावलपिंडी) में मसल (परमाणु बम) है।’

मणिशंकर अय्यर ने कहा, ‘पाकिस्तान भी एक संप्रभु मुल्क है। उनकी भी इज्जत है। उनकी इज्जत को कायम रखते हुए उनसे जितनी कड़ी बात करनी है करो। लेकिन बात तो करो। बंदूक को लेकर आप घूम रहे हो। उससे क्या हल मिला… कुछ नहीं। तनाव बढ़ता जाता है। कोई भी पागल वहां आ जाए तो क्या होगा देश का। उनके पास एटम बम है। हमारे पास भी है। लेकिन किसी पागल ने हमारे बम को लाहौर स्टेशन में छोड़ा तो आठ सेकेंड के अंदर उसकी रेडियो एक्टिविटी अमृतसर पहुंचेगी। आप उसको इस्तेमाल करने को रोको। लेकिन आपने उससे बात की, उसको इज्जत दी तो तभी जाकर वह अपने बम के बारे में नहीं सोचेंगे। मगर आपने उसको ठुकरा दिया तो फिर क्या होगा। 

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि दुनिया का विश्व गुरु बनना हो तो यह जरूरी है दिखाने के लिए कि जितना भी खराब हो हमारा समस्या पाकिस्तान के साथ, उसका हल निकालने के लिए हम मेहनत कर रहे है। पिछले दस साल से सारा मेहनत बंद है। मस्कुलर पॉलिसी दिखाने वाले भारत को यह नहीं भूलना चाहिए कि पाकिस्तान के पास भी कहुटा (रावलपिंडी) में मसल (परमाणु बम) है।’