कौन हैं कांग्रेस के सैम पित्रोदा, जिनके “नस्लीय टिप्पणी” वाले बयान पर मचा है बवाल
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सैम पित्रोदा ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। सैम पित्रोदा अपने बाबाक बयानों को लेकर जाने जाते हैं। कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। पित्रोदा ने एक ऐसा बयान दिया है, जिसपर बहस छिड़ गई है। उन्होंने भारतीयों की विविधता का जिक्र करते हुए टिप्पणी की। अंग्रेजी अखबार द स्टेट्समैन को दिए एक इंटरव्यू में सैम पित्रोदा ने कहा कि 'हम भारत जैसे विविधता से भरे देश को एकजुट रख सकते हैं, जहां पूर्व के लोग चीनी जैसे लगते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग गोरों जैसे और दक्षिण भारतीय अफ्रीकी जैसे लगते हैं। लोकसभा चुनावों की बीच उनके इस बयान से सियासी पारा और हाई हो गया है।
चुनावी माहौल में विरासत कर के बाद सैम पित्रोदा के ताजा बयान से सियासत और गरमा गई है। अंग्रेजी अखबार द स्टेट्समैन को दिए एक इंटरव्यू में सैम पित्रोदा ने कहा कि 'हम भारत जैसे विविधता से भरे देश को एकजुट रख सकते हैं, जहां पूर्व के लोग चीनी जैसे लगते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग गोरों जैसे और दक्षिण भारतीय अफ्रीकी जैसे लगते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, हम सभी बहन-भाई हैं।' पित्रोदा ने कहा कि भारत में अलग-अलग क्षेत्र के लोगों के रीति-रिवाज, खान-पान, धर्म, भाषा अलग-अलग हैं, लेकिन भारत के लोग एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि देश के लोग 75 वर्षों तक एक सुखद वातावरण में रहे हैं, कुछ लड़ाइयों को छोड़ दें तो लोग साथ रह सकते हैं।
एक तरफ पित्रोदा के इस बयान पर भाजपा हमलावर है। तो वहीं, कांग्रेस ने पित्रोदा के बयान से पल्ला झाड़ते हुए इसे उनका निजी बयान बताया है। बता दें कि अपनी पार्टी को उलझन में डालने का सैम पित्रोदा का पुराना रिकॉर्ड है और अपने विवादित बयानों की वजह से वह हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। सैम पित्रोदा की पहचान सिर्फ इतनी नहीं है कि वो कांग्रेस के नेता है। उनकी शख्सियत एक राजनीतिज्ञ, रणनीतिकार, सलाहकार, उद्योगपति और तकनीकी विशेषज्ञ की रही है। तकनीकी के क्षेत्र में उन्होंने कई आविष्कार किए हैं। उनकी प्रारंभिक पहचान बतौर आविष्कारक की रही है।
भारत में सूचना क्रांति के अग्रदूत
पित्रोदा ने 1974 में उन्होंने वेस्कॉम स्विचिंग कंपनी में योगदान किया और फिर अगले ही साल 1975 में इलेक्ट्रॉनिक डायरी का आविष्कार करके अपनी क्षमता का परिचय दिया। अगले चार साल के भीतर उन्होंने 580 DSS स्विच बनाई और उसे 1978 में उसे लॉन्च कर दिया। इससे बाद सैम पित्रोदा ने बतौर इंजीनियर टेलीकम्यूनिकेशन के क्षेत्र में जितने भी आविष्कार किए उन सभी को पेटेंट कराना शुरू कर दिया। आज की तारीख में सैम पित्रोदा के नाम करीब 100 पेटेंट हैं। मोबाइल से आर्थिक लेन-देन की टेक्नोलॉजी का पेटेंट भी सैम पित्रोदा के पास ही है। सैम पित्रोदा को भारतीय सूचना क्रांति का अग्रदूत माना जाता है। 80 के दशक में भारत की दूरसंचार और प्रौद्योगिकी क्रांति की नींव रखने का श्रेय पित्रोदा को ही दिया जाता है। कांग्रेस सरकार के बुलावे पर साल 1984 में वो भारत वापस आए और दूरसंचार नीति को दिशा देने का काम किया।सैम पित्रोदा भारत के दूरसंचार आयोग के संस्थापक और पहले अध्यक्ष भी रहे हैं।
गुजराती परिवार से ताल्लुक रखते हैं पित्रोदा
सैम पित्रोदा का पूरा नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा है। सैम पित्रोदा का जन्म 17 नवंबर 1942 को ओडिशा के टीटलागढ़ में हुआ था। सैम पित्रोदा मूलत: गुजराती परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके परिवार के बारे में कहा जाता है कि वो गांधीवादी विचारधारा से प्रभावित रहा है. सैम पित्रोदा ने बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी से भौतिकी शास्त्र में एमए किया था। सैम पित्रोदा सन् 1964 में ही अमेरिका चले गए थे। शिकागो में उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में मास्टर की डिग्री हासिल की। दो साल पढ़ाई करने के बाद सन् 1966 में वो शिकागो में ही नौकरी करने लगे। हालांकि सैम पित्रोदा ने अमेरिका में स्थायी तौर पर रहना कुबूल नहीं किया। सैम पित्रोदा सन् 1981 में भारत लौट आए। उनका मिशन भारत में टेलीकम्यूनिकेशन सिस्टम को मॉडर्न बनाना और उसे आगे बढ़ाना था। उनकी मुलाकात तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से हुई। इंदिरा गांधी से विचार-विमर्श करने और सहमति मिलने के बाद सैम पित्रोदा सन् 1984 से स्थायी रूप से भारत रहने आ गए और दोबारा भारतीय नागरिकता हासिल कर ली। भारत में उन्होंने टेलीकॉम फील्ड में कई अनुसंधान और विकास कार्यों को बढ़ावा दिया।
राजीव गांधी के रह चुके हैं सलाहकार
राजीव गांधी की वजह से ही सैम पित्रोदा की राजनीति में एंट्री हुई थी। सैम पित्रोदा को राजीव गांधी का करीबी माना जाता है।पित्रोदा सन् 1987 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सलाहकार बने और टेलीकम्यूनिकेशन, वाटर, लिट्रेसी, टीकाकरण, डेयरी और तिलहन के क्षेत्र में तकनीकी मिशन की शुरुआत की। सैम पित्रोदा ने राजीव गांधी के साथ करीब एक दशक तक काम किया।समय के साथ कांग्रेस पार्टी में उनका दबदबा बढ़ता गया और अब वो राहुल गांधी के भी करीबी माने जाते हैं। साल 2017 में राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद सैम पित्रोदा को इंडियन ओवरसीज कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
May 09 2024, 14:24