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रायबरेली से नामांकन के बाद राहुल गांधी का भावुक पोस्ट, बोले-मां ने भरोसे के साथ मुझे सौंपी परिवार की कर्मभूमि

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को रायबरेली से नामांकन कर दिया।राहुल गांधी ने रायबरेली सीट से नामांकन दाखिल करने के बाद एक इमोशनल पोस्ट किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए पोस्ट में उन्होंने सोनिया गांधी, किशोरी लाल, रायबरेली और अमेठी का भी जिक्र किया है। इन दोनों जगहों को अपना परिवार बताया है।

नामांकन दाखिल करने बाद राहुल गांधी ने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, "रायबरेली से नामांकन मेरे लिए भावुक पल था! मेरी मां ने मुझे बड़े भरोसे के साथ परिवार की कर्मभूमि सौंपी है और उसकी सेवा का मौका दिया है। अमेठी और रायबरेली मेरे लिए अलग-अलग नहीं हैं, दोनों ही मेरा परिवार हैं और मुझे खुशी है कि 40 वर्षों से क्षेत्र की सेवा कर रहे किशोरी लाल जी अमेठी से पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे। अन्याय के खिलाफ चल रही न्याय की जंग में, मैं मेरे अपनों की मोहब्बत और उनका आशीर्वाद मांगता हूं। मुझे विश्वास है कि संविधान और लोकतंत्र को बचाने की इस लड़ाई में आप सभी मेरे साथ खड़े हैं।"

इसके साथ ही प्रियंका गांधी ने भी एक पोस्ट किया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि लिखा, कुछ दिनों पहले मां ने कहा था कि मेरा परिवार दिल्ली में अधूरा है। वह रायबरेली आकर पूरा होता है। ऐसा परिवार, जिसने कई पीढ़ियों को अपने में मिला लिया, जो दशकों तक हर उतार-चढ़ाव, सुख-दुख, संकट और संघर्ष में चट्टान की तरह हमारे साथ खड़ा रहा। यह स्नेह और भरोसे का रिश्ता है। यह सेवा और आस्था का रिश्ता भी है जो आधी सदी से अटूट है। हमें यहां के लोगों से जितना प्यार, जितनी आत्मीयता और सम्मान मिला है, वह अनमोल है।प्रियंका आगे लिखती हैं, पारिवारिक रिश्ते की सबसे बड़ी सुंदरता ये होती है कि आप चाहकर भी कभी उसके स्नेह का कर्ज नहीं उतार पाते। इस मुश्किल वक्त में जब हम देश के लोकतंत्र संविधान और जनता के अधिकारों को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं, तो इस लड़ाई में भी हमारा पूरा परिवार दृढ़ता से हमारे साथ खड़ा है। आज हजारों परिवारजनों की मौजूदगी में बड़े भाई राहुल जी ने अपना चुनाव नामांकन दाखिल किया।

बता दें कि आज रायबरेली सीट पर नामांकन के आखिरी दिन राहुल गांधी ने पर्चा भरा। दोपहर करीब सवा दो बजे कलेक्ट्रेट में अपना नामांकन भरा। राहुल के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी और राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत मौजूद रहे। आज सुबह ही राहुल गांधी विशेष विमान से दिल्ली से फुरसतगंज पहुंचे। वहां से अमेठी होते हुए रायबरेली आए। रायबरेली के केंद्रीय कांग्रेस कार्यालय में पूजा करने के बाद राहुल का नामांकन जुलूस निकला। भारी भीड़ इस जुलूस में शामिल रही। पहले राहुल गांधी को इस पूजा में शामिल होना था और एक रथनुमा खुले ट्रक में सवार होकर नामांकन करने जाना था लेकिन नामांकन में देर होता देख वह सीधे अपनी बंद गाड़ी से ही निकल गए।

कांग्रेस ने शुक्रवार (3 मई) को रायबरेली और अमेठी के लिए पार्टी के उम्मीदवारों पर सस्पेंस को अंतिम समय में समाप्त कर दिया। इन दोनों सीटों पर 20 मई को पांचवें चरण के दौरान मतदान होना है। पार्टी ने राहुल गांधी को रायबरेली से और किशोरी लाल शर्मा को अमेठी से उम्मीदवार बनाया।रायबरेली में राहुल गांधी का मुकाबला कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में आए दिनेश प्रताप सिंह से है। दिनेश सिंह उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी हैं। राहुल गांधी केरल के वायनाड लोकसभा सीट से भी उम्मीदवार हैं। वहां दूसरे चरण के दौरान 26 अप्रैल को वोटिंग हुई।

क्या चुनाव में केजरीवाल को मिलेगी राहत? सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत पर कही बड़ी बात

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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई के संकेत दिए हैं। दरअसल, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि केस लंबा चलेगा ऐसे में अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर विचार कर सकते हैं। बता दें अब इस मामले में कोर्ट 7 मई को सुबह 10.30 मिनट पर सुनवाई करेगा।

कोर्ट ने इस मामले में बीते सोमवार और मंगलवार को सुनवाई की थी। जिसमें कोर्ट ने ईडी से अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर सवाल पूछे थे आज ईडी उन्हीं सवालों का जवाब सुप्रीम कोर्ट को देना था। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू को बताया कि गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई में समय लगने की संभावना है। बेंच ने कहा कि इसलिए अदालत अंतरिम जमानत पर जांच एजेंसी का पक्ष सुनने पर विचार कर रही है। इस पर राजू ने कहा कि वह केजरीवाल की अंतरिम जमानत का विरोध करेंगे। बेंच ने कहा, "हम कह रहे हैं कि हम अंतरिम जमानत पर सुनवाई करेंगे और यह नहीं कह रहे हैं कि हम अंतरिम जमानत देंगे। हम अंतरिम जमानत दे भी सकते हैं और नहीं भी।" 

सुनवाई के शुरुआत में अरविंद केजरीवाल के वकील मनु सिंघवी ने कहा कि ईडी की तरफ से 16 मार्च को आखिरी समन आया था। जिसके लिए मुझे 21 मार्च को पेश होना था। ऐसे में 16 मार्च तक मैं आरोपी या दोषी नहीं था फिर अचानक से क्या बदल गया? जिस पर कोर्ट ने जवाब दिया कि जब तक आप गिरफ्तार नहीं होते तब तक आप आरोपी नहीं हैं।फिर सिंघवी के कहा कि जिन सबूतों के आधार पर केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया वो 2023 से भी पहले के हैं उन्हीं सबूतों को आधार बनाकर मनीष सिसोदिया को भी गिरफ्तार किया था। सिंघवी ने आगे कहा कि सेक्शन 70 PMLA किसी राजनीतिक दल द्वारा किए कि किसी भी काम के लिए उसके अध्यक्ष को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।

सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने आज कहा कि वह अंतरिम जमानत याचिका पर मंगलवार (7 मई) को सुनवाई करेगी और केंद्रीय एजेंसी और केजरीवाल के वकील को तैयार रहने को कहा। जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने दोनों पक्षों को सचेत करते हुए कहा कि वे यह न मानें कि अदालत जमानत दे देगी। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से संभावित समाधान पेश करने को कहा। अगर दिल्ली के मुख्यमंत्री को अंतरिम जमानत दी जाती है तो केजरीवाल पर शर्तें लगाई जाएंगी। अदालत ने ईडी से यह भी विचार करने को कहा कि क्या केजरीवाल को मुख्यमंत्री के रूप में अपनी स्थिति को ध्यान में रखते हुए किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर करना चाहिए।

प्रियंका तो कोई भी उपचुनाव लड़कर सदन पहुंच जाएगी', जयराम रमेश बोले- शतरंज की कुछ चालें बाकी हैं..., जानें इन बातों का मतलब

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लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस की ओर से रायबरेली से राहुल गांधी चुनावी मैदान में नजर आएंगे। राहुल गांधी ने आज रायबरेली से अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया। इसके साथ ही प्रियंका गांधी वाड्रा के भी चुनावी मैदान में उतरने की अफवाहों पर भी विराम लग गया। दरअसल, पहले चर्चा थी कि अमेठी से राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे और रायबरेली से प्रियंका गांधी चुनावी मैदान में उतर सकती हैं।हालांकि, पार्टी ने अचानक रणनीति बदली और दोनों सीटों पर नए चेहरे उतारने का फैसला लिया। कांग्रेस ने ये रणनीति हार के डर से नहीं, बल्कि काफी सोच विचार कर बनाई है। कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश की प्रतिक्रिया से ये बात साफ जाहिर हो रही है।

कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, “राहुल गांधी जी की रायबरेली से चुनाव लड़ने की खबर पर बहुत सारे लोगों की बहुत सारी राय हैं। लेकिन वह राजनीति और शतरंज के मंजे हुए खिलाड़ी हैं और सोच समझ कर दांव चलते हैं। ऐसा निर्णय पार्टी के नेतृत्व ने बहुत विचार विमर्श करके बड़ी रणनीति के तहत लिया है। इस निर्णय से BJP, उनके समर्थक और चापलूस धराशायी हो गये हैं। बेचारे स्वयंभू चाणक्य जो परंपरागत सीट की बात करते थे, उनको समझ नहीं आ रहा अब क्या करें?

अपने पोस्ट में जयराम ने आगे लिखा, “रायबरेली सिर्फ़ सोनिया जी की नहीं, ख़ुद इंदिरा गांधी जी की सीट रही है। यह विरासत नहीं ज़िम्मेदारी है, कर्तव्य है। रही बात गांधी परिवार के गढ़ की, तो अमेठी-रायबरेली ही नहीं, उत्तर से दक्षिण तक पूरा देश गांधी परिवार का गढ़ है। राहुल गांधी तो तीन बार उत्तरप्रदेश से और एक बार केरल से सांसद बन गये, लेकिन मोदी जी विंध्याचल से नीचे जाकर चुनाव लड़ने की हिम्मत क्यों नहीं जुटा पाये? एक बात और साफ़ है कि कांग्रेस परिवार लाखों कार्यकर्ताओं की अपेक्षाओं उनकी आकांक्षाओं का परिवार है। कांग्रेस का एक साधारण कार्यकर्ता ही बड़े बड़ों पर भारी है। कल एक मूर्धन्य पत्रकार अमेठी के किसी कार्यकर्ता से व्यंग में कह रही थी कि आप लोगों का नंबर कब आएगा टिकट मिलने का? लीजिए, आ गया! कांग्रेस का एक आम कार्यकर्ता अमेठी में BJP का भ्रम और दंभ दोनों तोड़ेगा।“

जयराम रमेश ने अपने पोस्ट में कहा, “प्रियंका जी धुआँधार प्रचार कर रही हैं और अकेली नरेंद्र मोदी के हर झूठ का जवाब सच से देकर उनकी बोलती बंद कर रही हैं। इसीलिए यह ज़रूरी था कि उन्हें सिर्फ़ अपने चुनाव क्षेत्र तक सीमित ना रखा जाए। प्रियंका जी तो कोई भी उपचुनाव लड़कर सदन पहुँच जायेंगी। आज स्मृति ईरानी की सिर्फ़ यही पहचान है कि वो राहुल गांधी के ख़िलाफ़ अमेठी से चुनाव लड़ती हैं। अब स्मृति ईरानी से वो शोहरत भी छिन गई। अब बजाय व्यर्थ की बयानबाज़ी के, स्मृति ईरानी स्थानीय विकास के बारे में जवाब दें, जो बंद किए अस्पताल, स्टील प्लांट और IIIT हैं – उसपर जवाब देना होगा। शतरंज की कुछ चालें बाक़ी हैं, थोड़ा इंतज़ार कीजिए।”

2019 के लोकसभा चुनावों के पहले तक उत्तर प्रदेश में अमेठी और रायबरेली की सीटें कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थीं। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनावों में रायबरेली ही एक ऐसी सीट थी, जिसे कांग्रेस ने यूपी में जीता था। बीजेपी की आंधी में भी रायबरेली का गढ़ सुरक्षित रहा था, ऐसे में कांग्रेस को लग रहा होगा कि इस बार भी राहुल की उम्मीदवारी से उन्हें फायदा हो सकता है। कांग्रेस को उम्मीद है कि गांधी परिवार के नाम पर, और वह भी राहुल गांधी के नाम पर, रायबरेली की जनता जरूर अपना समर्थन देगी।वहीं, राहुल अगर केरल के वायनाड और रायबरेली दोनों से जीते जाते हैं, तो जो सीट वो छोड़ेंगे वहां से प्रियंका गांधी उपचुनाव लड़ सकती हैं।

सिद्धारमैया के मंत्री ने भगवान श्री कृष्ण से की प्रज्वल रेवन्ना की तुलना, बीजेपी ने मांगा इस्तीफा

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कर्नाटक में इस समय सियासी बवाल मचा हुआ है।जनता दल (सेक्युलर) के सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर कई महिलाओं का यौन शोषण का आरोप लगा है। जिसके बाद आरोप-प्रत्यारोपों का दौरा जारी है। इस बीच कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार के एक मंत्री ने एच डी देवगौड़ा के पोते आरोपी प्रज्वल की तुलना भगवान कृष्ण से करके नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। कर्नाटक के आबकारी मंत्री रामप्पा तिम्मापुर ने हासन के सांसद प्रज्वल रेवन्ना की तुलना भगवान श्रीकृष्ण से कर दी। उन्होंने कहा कि प्रज्वल रेवन्ना भगवान कृष्ण से आगे निकलना चाहते थे। 

एक वायरल वीडियो मं सिद्धारमैया सरकार में उत्पाद शुल्क मंत्री रामप्पा तिम्मापुर रेवन्ना के बारे में कहते हैं ‘जैसा कि एमबी पाटिल ने कहा, यह पेनड्राइव मुद्दा है। देश में इससे बुरा कुछ भी नहीं हुआ है। यह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बना सकता है। भगवान कृष्ण भक्ति के साथ कई महिलाओं के साथ रहते थे। मुझे लगता है कि वह उस रिकॉर्ड को तोड़ना चाहते हैं।’ यह टिप्पणी मंत्री रामप्पा में विजयपुरा में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में किया। उनका पूरा भाषण कन्नड़ में है।

बीजेपी ने की इस्तीफे की मांग

रामप्पा थिम्मापुर द्वारा प्रज्वल रेवन्ना की तुलना भगवान श्री कृष्ण से करने की बात ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। कांग्रेसी मंत्री के इस बयान के बाद कर्नाटक में बवाल मच गया है। इस वीडियो के वायरल होते ही बीजेपी आक्रामक हो गई और हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए मंत्री से माफी मांगने को कहा है। बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री सीटी रवि ने कहा, कर्नाटक सरकार में मंत्री कांग्रेस नेता ने भगवान कृष्ण का अपमान किया है। उन्हें तुरंत मंत्रिमंडल और पार्टी से हटाया जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो हम उनके खिलाफ आंदोलन करेंगे।

रेवन्ना पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न कर रिकॉर्ड करने का आरोप

बता दें कि जेडी (एस) सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने और उन्हें अपने फोन पर रिकॉर्ड करने का आरोप लगाया गया है। 28 अप्रैल को एक 47 वर्षीय महिला ने सांसद, जो पूर्व प्रधान मंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते भी हैं, के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और उन पर उसे और उसकी बेटी को परेशान करने का आरोप लगाया। कुछ ही देर बाद और भी महिलाएं शिकायत लेकर सामने आईं। प्रज्वल को 30 अप्रैल को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। रेवन्ना पर यौन कृत्य करते समय 70 से अधिक महिलाओं की लगभग 3,000 वीडियो क्लिप फिल्माने का आरोप है।

सिसोदिया की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट का ईडी-सीबीआई को नोटिस, 8 मई को अगली सुनवाई*
#delhi_high_court_seeks_cbi_ed_response_to_manish_sisodia_bail_pleas

दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के मुताबिक, सिसोदिया हफ्ते में एक दिन अपनी बीमार पत्नी से मुलाकात कर सकते हैं. इस दौरान वो कस्टडी में ही रहेंगे। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति मामले से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका पर ईडी-सीबीआई से जवाब मांगा है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 8 मई को होगी। दरअसल, राउज एवेन्यू कोर्ट ने 30 अप्रैल को उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी थी। स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने सिसोदिया की ईडी और सीबीआई दोनों ही मामलों में जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाई कोर्ट में सिसोदिया ने राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। बता दें कि दें कि राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दूसरी बार सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, इसी मामले के फैसले को लेकर मनीष सिसोदिया ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जानकारी दे दें कि मनीष सिसोदिया ने एक अर्जी दायर कर मांग की थी कि उनकी जमानत याचिकाओं के लंबित रहने के दौरान, ट्रायल कोर्ट के आदेश को जारी रखा जाए, जिसमें उन्हें सप्ताह में एक बार अपनी बीमार पत्नी से मिलने की इजाजत मिली थी। इस मामले पर ईडी की ओर से कहा गया कि अगर ट्रायल कोर्ट का आदेश जारी रहता है तो जांच एजेंसी को कोई आपत्ति नहीं है। मनीष सिसोदिया की ओर से वकील ने पहले हाईकोर्ट में कहा कि सिसोदिया को निचली अदालत ने अपनी बीमार पत्नी से मुलाक़ात के लिए हफ्ते में एक दिन की कस्टडी परोल दी थी लेकिन सिसोदिया की ज़मानत अर्जी खारिज होने के बाद वो पत्नी से नहीं मिल पा रहे है। जब तक उनकी ज़मानत अर्जी दिल्ली हाईकोर्ट में पेंडिंग है, तब तक उन्हें एक दिन की कस्टडी परोल जारी रहने की इजाज़त होनी चाहिए। बता दें कि दिल्ली शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीबीआई ने पिछले साल 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था।दिल्ली शराब घोटाला मामले में तिहाड़ में बंद सिसोदिया ने कुछ दिन पहले जेल से चिट्ठी लिखी थी। उसमें उन्होंने ये उम्मीद जताई दी थी कि वो जल्द जेल से बाहर आएंगे। सिसोदिया ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि अंग्रेजों को भी अपनी सत्ता का बहुत घमंड था। अंग्रेज भी झूठे आरोप लगाकर लोगों को जेल में बंद करते थे। अंग्रेजों ने गांधी-मंडेला को भी जेल में डाला। अंग्रेज शासकों की तानाशाही के बावजूद आजादी का सपना साकार हुआ।
सिसोदिया की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट का ईडी-सीबीआई को नोटिस, 8 मई को अगली सुनवाई

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दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के मुताबिक, सिसोदिया हफ्ते में एक दिन अपनी बीमार पत्नी से मुलाकात कर सकते हैं. इस दौरान वो कस्टडी में ही रहेंगे। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति मामले से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका पर ईडी-सीबीआई से जवाब मांगा है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 8 मई को होगी।

दरअसल, राउज एवेन्यू कोर्ट ने 30 अप्रैल को उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी थी। स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने सिसोदिया की ईडी और सीबीआई दोनों ही मामलों में जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाई कोर्ट में सिसोदिया ने राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। बता दें कि दें कि राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दूसरी बार सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, इसी मामले के फैसले को लेकर मनीष सिसोदिया ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

जानकारी दे दें कि मनीष सिसोदिया ने एक अर्जी दायर कर मांग की थी कि उनकी जमानत याचिकाओं के लंबित रहने के दौरान, ट्रायल कोर्ट के आदेश को जारी रखा जाए, जिसमें उन्हें सप्ताह में एक बार अपनी बीमार पत्नी से मिलने की इजाजत मिली थी। इस मामले पर ईडी की ओर से कहा गया कि अगर ट्रायल कोर्ट का आदेश जारी रहता है तो जांच एजेंसी को कोई आपत्ति नहीं है।

मनीष सिसोदिया की ओर से वकील ने पहले हाईकोर्ट में कहा कि सिसोदिया को निचली अदालत ने अपनी बीमार पत्नी से मुलाक़ात के लिए हफ्ते में एक दिन की कस्टडी परोल दी थी लेकिन सिसोदिया की ज़मानत अर्जी खारिज होने के बाद वो पत्नी से नहीं मिल पा रहे है। जब तक उनकी ज़मानत अर्जी दिल्ली हाईकोर्ट में पेंडिंग है, तब तक उन्हें एक दिन की कस्टडी परोल जारी रहने की इजाज़त होनी चाहिए।

बता दें कि दिल्ली शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीबीआई ने पिछले साल 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था।दिल्ली शराब घोटाला मामले में तिहाड़ में बंद सिसोदिया ने कुछ दिन पहले जेल से चिट्ठी लिखी थी। उसमें उन्होंने ये उम्मीद जताई दी थी कि वो जल्द जेल से बाहर आएंगे। सिसोदिया ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि अंग्रेजों को भी अपनी सत्ता का बहुत घमंड था। अंग्रेज भी झूठे आरोप लगाकर लोगों को जेल में बंद करते थे। अंग्रेजों ने गांधी-मंडेला को भी जेल में डाला। अंग्रेज शासकों की तानाशाही के बावजूद आजादी का सपना साकार हुआ।

क्या कांग्रेस ने स्वीकार ली अपनी हार? राहुल गांधी ने अमेठी से क्यों नहीं लड़ा चुनाव, स्मृति ईरान ने कह दी बड़ी बात

कांग्रेस ने लंबी चर्चा के बाद अपनी पारंपरिक अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट को लेकर पत्ते खोल दिए हैं. कांग्रेस ने अमेठी से किशोरी लाल शर्मा और रायबरेली से राहुल गांधी को चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं, राहुल गांधी के अमेठी से न लड़ने पर बीजेपी ने पूरी कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा शुरू कर दिया है. अब अमेठी से सांसद और बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने गांधी पर परिवार पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि अमेठी से गांधी परिवार का न लड़ना, संकेत है कि चुनाव से पहले बिना वोट पड़े ही कांग्रेस पार्टी ने अमेठी में अपनी हार मान ली है.

दरअसल, कांग्रेस ने शुक्रवार सुबह लिस्ट जारी कर अमेठी और रायबरेली से अपने प्रत्याशियों का ऐलान किया था. कांग्रेस ने राहुल गांधी को रायबरेली से अपना प्रत्याशी घोषित किया तो अमेठी के केएल शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है. राहुल गांधी अब तक अमेठी से चुनाव लड़ते थे, लेकिन इस बार पार्टी ने उनकी सीट बदल दी है. इसी को लेकर साल 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल को शिकस्त देने वाली स्मृति ईरानी ने गांधी परिवार पर हमला बोला है.

स्मृति ईरानी ने गांधी परिवार पर तंज कसते हुए कहा, मेहमानों का स्वागत है. हम मेहमानों के स्वागत में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे. अमेठी से गांधी परिवार का न लड़ना, संकेत है कि चुनाव से पहले बिना वोट पड़े ही कांग्रेस पार्टी ने अपनी हार मान ली है. यहां जीत की कोई भी गुंजाइश होती तो वह (राहुल) यहां (अमेठी) से अपने प्रॉक्सी को न लड़ाते.

उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए यह भी कहा कि 2019 में अमेठी की जनता ने गांधी परिवार को राजनीतिक रणभूमि में त्यागा था. आज गांधी परिवार का अमेठी लोकसभा क्षेत्र से न लड़ने इस बात का संकेत है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा-निर्देश में जो विकास हुआ है. उस विकास के जरिए अमेठी की जनता ये पूछ रही है, अगर 5 साल के अंदर बीजेपी के सांसद द्वारा अभूतपूर्व विकास अमेठी में संभव हुआ तो 50 साल से विशेष कर 15 साल से लापता रहने के बाद इतनी पीढ़ियों की हानि गांधी परिवार ने अमेठी लोकसभा क्षेत्र में क्यों की.

स्मृति ईरानी से पहले बीजेपी के कई नेताओं ने भी राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव न लड़ने पर गांधी परिवार पर निशाना साधा. केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर ने कहा कि कुछ समय पहले राहुल गांधी कहते थे 'डरो मत, डरो मत', अब अमेठी से वायनाड और वायनाड से लेकर रायबरेली तक, हार के प्रति उनका डर उन्हें हर जगह ले जा रहा है. रॉबर्ट वाड्रा भी टिकट मांगते थे, कांग्रेस की मांग प्रियंका गांधी के लिए भी थी लेकिन उनकी लिस्ट में कहीं भी बहन का नाम नहीं आया है.ये अपने आप में दिखाता है कि कुछ ना कुछ कांग्रेस पार्टी में चल रहा है और यह बात देश के सामने खुलकर आ गई है.

अचानक शेयर बाजार में आया भूचाल, एक ही झटके में स्‍वाहा हो गए निवेशकों के 3 लाख करोड़ रुपये

 शुरुआती कारोबार में शानदार तेजी के बाद शेयर बाजार (Stock Market U-Turn) ने अचानक यू-टर्न ले लिया है. सेंसेक्‍स (Sensex) आज अपने हाई लेवल से 2 फीसदी या 1434 अंक लुढ़कर कारोबार कर रहा है. वहीं Nifty ने आज अपना ऑल टाइम हाई लेवल 22,794 टच किया था, जहां से यह करीब 1.60 फीसदी या 400 अंक नीचे कारोबार कर रहा है. 

दोपहर 1 बजे निफ्टी 250 अंक लुढ़ककर 22,400 पर कारोबार कर रहा था, ज‍बकि सेंसेक्‍स 916 अंक गिरकर 73,695 पर कारोबार कर रहा है. वहीं बैंक निफ्टी 475 अंक से ज्‍यादा टूटकर 48,765 लेवल पर कारोबार कर रहा था. बीएसई के टॉप 30 में से 25 शेयरों में तगड़ी गिरावट आई है. बजाज फाइनेंस के स्‍टॉक में 2 फीसदी की तेजी आई है. वहीं सबसे ज्‍यादा गिरावट भारती एयरटेल में 2.42 फीसदी की आई है. 

NSE पर 2,553 शेयरों में से 763 स्‍टॉक में तेजी जारी है, जबकि 1,689 स्‍टॉक में बड़ी गिरावट देखी जा रही है और 101 स्‍टॉक अनचेंज हैं. 133 शेयरों ने 52 वीक का सबसे उच्‍चा स्‍तर टच किया है और 7 ने निचला स्‍तर छुआ है. 87 स्‍टॉक में अपर सर्किट लगा है और 37 में लोअर सर्किट है. गौरतलब है कि आज सेंसेक्‍स 460 अंक चढ़कर 75,095.18 के स्‍तर पर पहुंच गया था, जबकि निफ्टी करीब 150 अंक चढ़कर अपने ऑल टाइम हाई लेवल 22,794 पर पहुंच गया था. शेयर बाजार में भारी गिरावट के कारण CEAT टायर स्‍टॉक में 4.2 फीसदी, ज्‍योति लैब्‍स में 3.6 फीसदी, ब्‍लू स्‍टार के शेयर में 3 फीसदी, MRF के शेयर में 3 प्रतिशत, टाटा का ट्रेंट शेयर में 3 प्रतिशत और आईसीआईसीआई लॉम्‍बोर्ड के स्‍टॉक में 2.7 प्रतिशत की गिरावट आई है. 

शुक्रवार को तेजी के बाद हैवीवेट शेयरों में मुनाफावसूली हावी हुई, जिससे शेयर बाजार नीचे की ओर भागने लगा. रिलायंस इंडस्‍ट्रीज, एचडीएफसी बैंक और आईटी स्‍टॉक्‍स में आज मुनाफावसूली देखी गई है. दूसरा कारण, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने गुरुवार को 964 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे. तीसरा बड़ा कारण, सेंसेक्‍स की आज एक्‍सपाइरी भी है. बीएसई पर सभी लिस्‍टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन करीब 3 लाख करोड़ रुपये घटकर 405.83 लाख करोड़ रुपये हो गया. इसका मतलब है कि बीएसई शेयरों में निवेश करने वालों की वेल्‍थ में आज 2.67 लाख करोड़ की कमी आई है.

राहुल ने चुनी पुश्तैनी सीट : फिरोज गांधी से शुरू हुआ सफर , इंदिरा यहीं से बनीं पीएम , सोनिया 20 साल रहीं सांसद, जानिए, इस हाई प्रोफाइल सीट की

कांग्रेस की पैतृक लोकसभा सीट पर शुक्रवार को नया इतिहास बन रहा है। राहुल गांधी ने रायबरेली लोकसभा सीट से नामांकन कर दिया। इसके साथ ही गांधी परिवार की तीसरी पीढ़ी का रायबरेली से राजनीतिक सफर शुरू होगा। कांग्रेस के युवराज मां सोनिया गांधी की रायबरेली में राजनीतिक विरासत को संभालेंगे। 

रायबरेली लोकसभा सीट के इतिहास की बात करें तो सबसे पहले 1952 में फिरोज गांधी ने चुनाव लड़ा और जीते। उसके बाद 1958 में भी उन्होंने चुनाव जीता। उनके निधन के बाद1967 के चुनाव में इंदिरा गांधी ने इस सीट से पर्चा भरकर राजनीतिक पारी की शुरुआत की। ऐसे में यह सीट गांधी परिवार की विरासत बन गई। 2004 में इंदिरा गांधी की बहू सोनिया गांधी ने चुनाव लड़ा और पांच बार सांसद चुनी गईं। अब सोनिया गांधी के बेटे राहुल गांधी लोकसभा सीट से उतर कर गांधी परिवार की विरासत को संभालने जा रहे हैं।

सांसद सोनिया गांधी ने राज्यसभा में जाने से पहले रायबरेली वासियों के नाम मार्मिक पत्र लिखा था जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। इसी के बाद से कयास लगाए जाते रहे थे कि गांधी परिवार से कोई न कोई चुनाव रायबरेली से जरूर लड़ेगा। यहां से प्रियंका गांधी का नाम चल रहा था लेकिन ऐन मौके पर उनके भाई राहुल गांधी के चुनाव लड़ने का एलान कर दिया गया।

मां के बाद अब बेटे राहुल के सामने होंगे भाजपा प्रत्याशी दिनेश प्रताप

हाई प्रोफाइल रायबरेली संसदीय सीट पर भाजपा प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह लगातार दूसरी बार गांधी परिवार के सामने होंगे। 2019 में दिनेश प्रताप सिंह सोनिया गांधी के सामने चुनाव लड़े थे। उन्होंने कांग्रेस को टक्कर दी थी लेकिन चुनाव हार गए थे। 2018 में दिनेश प्रताप सिंह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। सोनिया गांधी को 531918 मत मिले थे। भाजपा उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह को 367740 मत मिले थे। दिनेश प्रताप 164178 मतों से हार गए थे लेकिन उन्होंने सोनिया गांधी के जीत के अंतर को कम कर दिया था।

रायबरेली से अब तक हुए सांसद

1952- फिरोज गांधी (कांग्रेस)

1958- फिरोज गांधी (कांग्रेस)

1962- ब्रजलाल (कांग्रेस)

1967- इंदिरा गांधी (कांग्रेस)

1971- इंदिरा गांधी (कांग्रेस)

1977- राजनारायण (बीकेडी)

1980- इंदिरा गांधी (कांग्रेस)

1981-अरुण नेहरू( कांग्रेस)

 उपचुनाव 

1984- अरूण नेहरू (कांग्रेस)

1989- शीला कौल (कांग्रेस)

1991- शीला कौल (कांग्रेस)

1996- अशोक सिंह (भाजपा)

1998- अशोक सिंह (भाजपा)

1999- कैप्टन सतीश शर्मा(कांग्रेस)

2004- सोनिया गांधी (कांग्रेस)

2006-सोनिया गांधी (कांग्रेस) उपचुनाव

2009- सोनिया गांधी (कांग्रेस)

2014-सोनिया गांधी (कांग्रेस)

2019-सोनिया गांधी (कांग्रेस)

कैंसर से जूझ रहे 70 वर्षीय सीपीआई नेता अतुल कुमार अनजान ने अस्पताल में ली अंतिम सांस, देश में शोक की लहर

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ( सीपीआई) के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान का आज निधन हो गया। वह लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे। श्री अंजान पिछले एक महीने से एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। भारतीय वामपंथी राजनीति में उनका नाम काफ़ी चर्चित था। वह सामाजिक कार्याें में भी काफी सक्रिय रहे। किसानों और मजदूराें के लिये उनके द्वारा किये गये कार्यों की वजह से राजनेताओं के बीच उनकी अलग पहचान रही है। अतुल कुमार अंजान ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1977 में की जब वे लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए। वे सबसे मुखर और सक्रिय कम्युनिस्ट नेताओं में से एक थे। उन्होंने एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी अपनी पहचान बनाई।

सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव श्री अंजान उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध पुलिस-पीएसी विद्रोह के प्रमुख नेताओं में से एक थे। वे अपने राजनीतिक सफर के दौरान चार साल नौ महीने जेल में भी बिताए। उनके पिता डॉ. ए.पी. सिंह प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन की गतिविधियों में भाग लिया था। इसके लिए उन्होंने ब्रिटिश जेल में लंबी सजा काटी थी। किसानों और श्रमिकों के हितों के प्रति उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता ने लोगों से व्यापक प्रशंसा और सम्मान जीता। वे प्रभावशाली भाषण देने के लिए जाने जाते थे। उन्होंने राजनीति में एक अलग मुकाम हासिल किया था। उनके निधन से दल के साथ देश मर्माहत है।