दिल्ली हाई कोर्ट ने अरविन्द केजरीवाल को लगाई फटकार, बीजेपी ने कसा तंज
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को दावा किया कि अरविंद केजरीवाल अपनी गिरफ्तारी के बावजूद दिल्ली के मुख्यमंत्री बने हुए हैं, क्योंकि सत्ता और बंगले के प्रति उनका लगाव खत्म नहीं हो रहा। यह तीखा हमला दिल्ली उच्च न्यायालय की उस टिप्पणी के एक दिन बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि (आप) प्रमुख का दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में बने रहना ''राष्ट्रीय हित से ऊपर राजनीतिक हित है। यदि कोई सरकारी कर्मचारी किसी भी आरोप में पकड़ा जाता है, तो उसका इस्तीफा 48 घंटे के भीतर ले लिया जाता है। अरविंद केजरीवाल, आप सरकार चलाने वाले मुख्यमंत्री हैं। उन्हें शर्म आनी चहिए। उन्हें अब तक इस्तीफा दे देना चाहिए था, लेकिन कुर्सी और जनता के पैसे से बनाए गए बंगले का मोह उन्हें यह पद छोड़ने नहीं दे रहा है।'' सचदेवा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार बेनकाब हो गई है।
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से इनकार करके अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में एक बड़े संवैधानिक मुद्दे को जन्म दिया है। न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद अरविंद केजरीवाल अप्रैल से दिल्ली की तिहाड़ जेल में हैं।वह अपने कार्यों के कारण जेल में हैं... लेकिन जब एक मौजूदा मुख्यमंत्री जेल जाता है, तो उसे इस्तीफा देना चाहिए ताकि सरकार का कामकाज सुचारू रूप से चल सके। लेकिन वह यह काम नहीं कर रहे हैं।" उन्हें दिल्ली में कोई भी काम करने में दिलचस्पी नहीं है, चाहे वह दिल्ली के स्कूली बच्चों का मिड-डे मील हो, या उनकी किताबें हों, उन्हें इनमें से किसी भी मुद्दे की चिंता नहीं है। वह दिल्ली के बच्चों के लिए काम करने के लिए मुख्यमंत्री नहीं बने हैं सत्ता में बने रहने और अपना भ्रष्टाचार जारी रखने के लिए मुख्य मंत्री बने। आज उच्च न्यायालय ने जो कहा है, उसके बाद हम कुछ नहीं कह सकते, यहां तक कि अदालत ने भी कहा है कि उनका राजनीतिक हित उनके सामाजिक/राष्ट्रीय हित से बड़ा है।''
जहां भाजपा उनके इस्तीफे की मांग कर रही है, वहीं आप का कहना है कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री बने रहेंगे क्योंकि उन्हें किसी भी मामले में दोषी नहीं ठहराया गया है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आपूर्ति न होने के मुद्दे पर शहर सरकार की खिंचाई के बाद यह टिप्पणी की। एमसीडी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मिलेंगी किताबें। AAP ने इस चूक के लिए दिल्ली के LG को जिम्मेदार ठहराया है। पार्टी ने कहा, "एलजी ने अवैध रूप से एल्डरमेन (मनोनीत पार्षद) नियुक्त किए। नतीजतन, स्थायी समिति का गठन नहीं हो सका। स्थायी समिति के गठन न होने के लिए एलजी जिम्मेदार हैं, जिसके कारण एमसीडी का काम रुका हुआ है।"
Apr 28 2024, 13:03