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गोड्डा पुलिस के गोली से हुई युवक की मौत के मामले में प्रशासन का कड़ा एक्शन,आरोपी ASI गिरफ्तार,थाना प्रभारी निलंबित


झारखंड डेस्क

गोड्डा। पुलिस की से मारे गये आदिवासी युवक की मामले में पुलिस प्रशासन ने की कार्रवाई।दोषी निलंबित ASI को गिरफ्तार कर लिया गया है, वहीं मामले में थाना प्रभारी को भी सस्पेंड कर दिया गया है। 

दरअसल जबरन वसूली के एक आरोपी की धरपकड़ अभियान के दौरान पुलिस की टीम डांगापाड़ा पहुंची थी, निशिकांत दुबे का आरोप है कि शौच के लिए गये एक युवक को सीने में गोली मार दी गयी।

कथित गोलीबारी में आदिम जनजाति समूह (पीवीटीजी) का 30 वर्षीय एक व्यक्ति मारा गया। इस मामले में आरोपी सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) को गिरफ्तार कर लिया गया है और सुंदर पहाड़ी थाने में उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और शस्त्र अधिनियम की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

पुलिस ने एक बयान में बताया कि कथित लापरवाही के लिए पुलिस थाना प्रभारी को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

मृतक के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि पुलिस की गोली लगने से उसकी जान गयी। उन्होंने मांग की जिस पुलिसकर्मी ने उसपर गोली चलायी , उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

गोड्डा के पुलिस अधीक्षक नाथू सिंह मीणा ने बताया कि इस घटना की जांच तथा जरूरी कानूनी कार्रवाई करने के लिए विशेष जांच टीम गठित की गई है। उन्होंने कहा कि मृतक की पहचान बाबा डांगा पारा के निवासी हरि नारायण पहाड़िया के रूप में हुई है। बाबा डांगा पारा झारखंड की राजधानी रांची से करीब 350 किलोमीटर दूर है।

पुलिस ने बयान में कहा, ‘‘ छापे के दौरान पुलिस ने घर से एक व्यक्ति को भागते हुए देखा। सहायक उपनिरीक्षक राजनाथ यादव ने उसे रूकने का आदेश दिया लेकिन उसने भागने की कोशिश की। उसे पकड़ने के क्रम में गोलियां चलीं तथा उस व्यक्ति (हरि नारायण) के बांये कंधे में गोली लग गयी।’’बयान के मुताबिक, इस घायल व्यक्ति को सुंदर पहाड़ी के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया जहां डॉक्टरों ने इलाज के दौरान उसे मृत घोषित कर दिया।

इस बीच, हरि नारायण के भाई कामदेव पहाड़िया (24) ने पुलिस के इस आरोप का खंडन किया कि वह घर से भाग रहा था। कामदेव ने कहा, ‘‘यह घटना नदी के तट पर हुई जहां मेरा भाई शौच कर रहा था। मेरे भाई को जान-बूझकर गोली मारी गयी लेकिन हमें इसकी वजह का पता नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि उनका परिवार उस पुलिसकर्मी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराएगा जिसने उनके भाई पर गोली चलायी। कामदेव ने कहा, ‘‘ मेरा भाई किसान था…..उसकी दो बेटियां और एक बेटा है। वह परिवार में एकमात्र कमाने वाला था। अब उसकी पत्नी एवं बच्चों की देखभाल कौन करेगा?’’

धनबाद लोकसभा: धुआंधार जनसम्पर्क अभियान के बीच भाजपा- गठबंधन दोनों कर रहे जीत दाबा,मतदाता अभी मौन,

बस अब इंतज़ार कीजिये,होगा धनबाद का सांसद कौन..?


धनबाद लोकसभा में जनता के बीच भाजपा और गठबंधन के उम्मीदवार ने अपना दौरा शुरू कर दिया है.जब तक गठबंधन की ओर उम्मीदवार तय नही हुआ था तो ढुल्लू महतो अपने जीत से आश्वस्त थे।जनता से मिल रहे थे.

अपने से बड़ों का आशीर्वाद ले रहे थे। लेकिन पार्टी के अंदर भी विरोध था.यह विरोध खुल कर तब सामने आया जब कृषणा अग्रवाल वनाम ढुलू महतो का विवाद सामने आया.

    इसी बीच इंडिया गठबंधन ने अनुपमा सिंह को टिकट दे दिया. अनुपमा सिंह भी अब मैदान में निकल गयी.लोगों से मिल रही है .और सवाल उठा रही है कि पिछले तीन टर्म में बीजेपी ने धनबाद के लिए क्या किया ?

 यही सवाल लेकर वह जानता के बीच जा रही है।अनुपमा कहती है धनबाद में एम्स के लिए संसाधन और उपयोगिता था सांसद की उदासीनता से एम्स देवघर चला गया.यहां जो सरकारी अस्पताल है उसमें पर्याप्त सुविधाएं नही है. धनबाद में कोलियरी,आईआईटी आइएसएम सिम्फ़र, डीजीएमएस जैसे कई ख्याति प्राप्त संस्थान है अगर केंद्र सरकार और यहां के सांसद एक्टिव होते तो बोकारो और धनबाद में हवाई अड्डा होता. यहां के लोगों को बुनियादी सुविधाएं नही मिल रही है.

वहीं ढुलू महतो का तर्क है हम एक किसान के बेटा है, यहां के लोगों के दुखदर्द को जानते हैं.हम आप के हर समस्या का समाधान करेंगे.

 इन सवालों के बीच इस बार धनबाद लोकसभा क्षेत्र में दिलचस्प मुकाबला होता दिख रहा है.

यूं तो इस सीट से 7 बार भारतीय जनता पार्टी ने और 6 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है.2009 के बाद से लगातार बीजेपी के पशुपतिनाथ सिंह यहां से जीतते आए हैं.

हालांकि 2024 चुनाव के लिए भाजपा ने उनकी जगह ढुलू महतो को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं कांग्रेस ने अनुपमा सिंह पर भरोसा जताया है. ऐसे में माना जा रहा है कि इस सीट पर मुकाबला कांटे का होने जा रहा है.

कौन हैं बीजेपी के ढुलू महतो ?


जीत की हैट्रिक लगाने के बाद भी जब पशुपतिनाथ सिंह का टिकट काटकर बीजेपी ने ढुलू महतो पर भरोसा जताया तो लोगों में सबसे ज्यादा इस बात की चर्चा थी कि आखिर ढुलू महतो कौन हैं. तो चलिए हम आपको विस्तार से बता देते हैं. ढुलू तीन बार से (2009,2014, 2019) बाघमारा विधानसभा सीट से विधायक का चुनाव जीतते आ रहे हैं. 2009 में वे झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के टिकट पर रेल इंजन पर सवार होकर चुनाव लड़े और जीते. लेकिन 2014 और 2019 में वे भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और दोनों ही चुनाव में उन्हें सफलता मिली. बाघमारा के चिटाही गांव के रहने वाले ढुलू ने 12वीं तक की पढ़ाई की है. उन्हें बाहुबली नेता कहा जाता है. उन पर हाफ सेंचुरी मुकदमे भी दर्ज है और अलग-अलग मामलों में जेल भी जा चुके हैं।

ढुलू का दावा हम रिकार्ड वोट से जीतेंगे


धनबाद में टाईगर ढुल्लू के नाम से चर्चित बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो धनबाद लोकसभा सीट पर ताल ठोंक कर चुनावी मैदान मैदान में कूद गए हैं। उन्होंने सभी विधानसभा क्षेत्र का चुनावी दौरा शुरू कर दिया है। वह अपने जीत के प्रति काफी आश्वस्त दिख रहे हैं। उन्होंने ने तो सार्वजनिक तौर पर ऐलान भी दिया है कि वह रिकॉर्ड मतों से जीतेंगे और गिनीज बुक में धनबाद का नाम दर्ज करायेंगे। उन्होंने क्षेत्र के सभी मंदिरों में मत्था टेक कर आशीर्वाद प्राप्त कर लिया है।वह स्पष्ट तौर पर कहते हैं कि भाजपा ने पहली बार गरीब किसान के बेटे को लोकसभा का टिकट दिया है। वह उसपर सौ प्रतिशत खरा उतर कर दिखाएंगे।

कौन हैं कांग्रेस की अनुपमा सिंह ?


बाहुबली नेता ढुलू महतो के सामने कांग्रेस ने अनुपमा सिंह को मैदान में उतारा है. अनुपमा सिंह कांग्रेस के दिग्गज नेता स्वर्गीय राजेंद्र प्रसाद सिंह की पुत्रवधू और बेरमो विधायक कुमार जयमंगल सिंह की पत्नी हैं. राजेंद्र सिंह को बेरमो विधानसभा से तीन बार 2000, 2009 और 2019 में सफलता मिली थी. मई 2020 में उनके निधन के बाद बेरमो सीट पर उपचुनाव हुआ जिसमें उनके बेटे जयमंगल सिंह को जीत मिली. उन्होंने बीजेपी के योगेश्वर महतो को हराया था।

धनबाद में आएगा बदलाव :अनुपमा


धनबाद में कांग्रेस की लोकसभा प्रत्याशी अनुपमा सिंह ने अपने पहले धनबाद दौरे के क्रम में कहा कि यहां की कोयला नगरी पूरे देश को रौशन करती है और यहीं अंधेरा छाया है। और यहां के सभी लोगों के हाथ खाली हैं पर अब यह स्थिति बदलेगी और यहां के हालात भी सुदृढ़ होंगे।वह जीतेंगी और यहां की जन आकांक्षाएं भी पूर्ण होगी। उन्होंने कहा कि वह यह सीट जीत कर सब को चौंकाएंगी।

कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा सिंह ने भाजपा प्रत्याशी और भाजपा पर जमकर हमला बोला। कहा कि भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ कांग्रेस ने एक महिला को मैदान में उतारा है और धनबाद की जनता ने आशीर्वाद दिया तो यहां की जनता की उम्मीद पर खरा उतरूंगी। मेरा मैदान में उतरना भाजपा प्रत्याशी के लिए चुनौती है। कहा कि टिकट बंटवारे में कोई भेदभाव नहीं हुआ है। कांग्रेस में कोई मतभेद नही है। सबसे ज्यादा भाजपा में है और आज भी भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ भाजपा के ही अधिकतर लोग हैं। कहा कि मजदूरों की सेवा करना मैंने अपने ससुर स्वर्गीय राजेंद्र प्रसाद सिंह से सीखा है। मेरे पति विधायक भी मजदूरों के लिए काम करते रहे हैं। मजदूरों की जो भी समस्याएं हैं, चाहे संगठित हो असंगठित हो, उनकी समस्याओं को लेकर संघर्ष करूंगी। उनको न्याय दिलाऊंगी। यहां पर कोयलांचल में जो भी समस्याएं हैं उसको दूर करने का प्रयास किया जाएगा।

2009, 2014, 2019 का जनादेश


2009 से ही भाजपा धनबाद लोकसभा की इस सीट पर काबिज है. तीनों बार पशुपतिनाथ सिंह को सफलता मिली है. चुनाव दर चुनाव उनकी लोकप्रियता बढ़ती ही गई. ये बात उनको मिले वोटों से समझा जा सकता है. 2009 में उन्हें 2,60,521 (31.99 %) वोट मिले थे. इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के चंद्रशेखर दुबे को हराया था. 2014 के चुनाव में पशुपतिनाथ सिंह को 5,43,491 (47.51%) वोट मिले. जो कि पिछले चुनाव से 15.51% ज्यादा था. 2019 के चुनाव का परिणाम देखें तो उन्होंने कांग्रेस के कीर्ति आजाद को हराया था. इस चुनाव में उन्हें 827,234 (66.03%) वोट प्राप्त हुए जो कि 2019 के चुनाव से (18.51%) ज्यादा था. वहीं कीर्ति आजाद को केवल 3,41,040 ( 27.22%) वोट ही मिले थे.

विधानसभा सीट और जातीय समीकरण


2011 की जनगणना के अनुसार यहां की जनसंख्या 26 लाख 84 हजार 487 है. इस संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत 6 विधानसभा सीटें आती हैं. निरसा, धनबाद, चन्दनकियारी (अनुसूचित जाति ), बोकारो, झरिया और सिन्दरी. यहां 62% शहरी तो 38% ग्रामीण मतदाता हैं. ऐसे में शहरी मतदाता का झुकाव जिस भी पार्टी की तरफ होगा उस पार्टी को यहां से जीत मिलेगी.

सीट का इतिहास, कब किसको मिली जीत (1952-2019)


साल पार्टी जीतन वाले प्रत्याशी

1952 कांग्रेस पीसी बोस

1957 कांग्रेस पीसी बोस

1962 कांग्रेस पीसी बोस

1967 निर्दलीय रानी ललिता राज्य लक्ष्मी

1971 कांग्रेस राम नारायण शर्मा

1977 मार्क्सवादी समन्वय समिति एके रॉय

1980 मार्क्सवादी समन्वय समिति एके रॉय

1984 कांग्रेस शंकर दयाल सिंह

1989 कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया मार्क्सवादी एके रॉय

1991 भाजपा रीता वर्मा

1996 भाजपा रीता वर्मा

1998 भाजपा रीता वर्मा

1999 भाजपा रीता वर्मा

2004 कांग्रेस चंद्र शेखर दुबे

2009 भाजपा पशुपतिनाथ सिंह

2014 भाजपा पशुपतिनाथ सिंह

2019 भाजपा पशुपतिनाथ सिंह

गठबंधन के लिए टिकट नही मिलने के कारण वागी नेताओं ने खड़ी कर दी मुशिकलों का दीबार

झारखंड डेस्क

लोकसभा चुनाव में जेएमएम और कांग्रेस के कई ऐसे नेता थे जो इस उम्मीद में थे कि पार्टी उन्हें टिकट देगा लेकिन ऐसे कई नेता गठबंधन दलों से नाराज चल रहे हैं जो गठबंधन उम्मीदवारों के खेल बिगाड़ देंगे।इधर इन बागी नेताओं को झापा भी अपने पाले में लाने के कोशिश में लगे हैं और वे अपने सिम्बल पर चुनाव लड़ने का ऑफर दें रहे हैं।

इधर लोबिन हेम्ब्रम और चमड़ा लिंडा ने तो जेएमएम से खुले आम विद्रोह कर छांव मैदान में उतरने का एलान कर दिया।

इसके अलावे और कई लोग हैं जिन्हें टिकट नही मिला अब वे धीरे-धीरे सभी पार्टियां अपने पत्ते खोल रही हैं, जिन्हें चुनाव लड़ने का संकेत या टिकट नहीं मिल रहा है। वह दूसरी पार्टी में अपनी जुगत लगाने में जुट गए हैं।

झारखंड पार्टी ऐसे नेताओं का सहारा बन रही है। पार्टी की ओर से नाराज नेताओं को समर्थन या अपने सिंबल पर चुनाव लड़ाने का प्रयास किया जा रहा है। झारखंड पार्टी ने राज्य की 14 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने का दावा किया है।

झापा ने खूंटी, दुमका, हजारीबाग, चतरा और चाईबासा में उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी है। झापा लोकसभा की राजमहल सीट से दावेदारी करने वाले लोबिन हेम्ब्रम और लोहरदगा से ताल ठोंकने वाले चमरा लिंडा को समर्थन या अपने सिंबल पर चुनाव लड़ाने की कोशिश में जुटी है।

लोबिन जेएमएम के विधायक हैं। उन्होंने निर्दलीय चुनाव में उतरने का दावा किया है। चमरा लिंडा को भी जेएमएम ने कोई खास महत्व नहीं दिया है। इस अवसर का लाभ उठाते हुए झारखंड पार्टी इन नेताओं को अपने पाले में लाना चाहती है।

अल्पसंख्यक भी नाराज,लगाया निपटाने का आरोप

लोकसभा चुनाव में किसी भी राष्ट्रीय पार्टी ने अल्पसंख्यक वर्ग को चुनाव में नहीं उतारा है। इसका विरोध भी दिख रहा है। कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी ने इसको लेकर अपनी चिंता भी जाहिर की है और चेतावनी दी है कि अल्पसंख्यक वोटर को नजरअंदाज करना आत्मघाती हो सकता है।

झारखंड पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष अजीत कुमार कहा कि कांग्रेस, भाजपा और जेएमएम ने अल्पसंख्यक वर्ग का प्रतिनिधित्व स्वीकार नहीं करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि इसका नतीजा यह है कि लोकसभा चुनाव में अल्पसंख्यक नेताओं को उम्मीदवार नहीं बनाया गया है। झारखंड पार्टी का जल, जंगल जमीन के साथ मूल उद्देश्य यह भी रहा है कि अल्पसंख्यक वर्ग को राजनीति में प्रतिनिधित्व दिलाया जाए। झारखंड पार्टी का दक्षिणी छोटानागपुर, कोल्हान और संताल परगना के कुछ क्षेत्रों में भी प्रभाव है।

ईडी का दावा अंतु तिर्की के गिरफ्तारी से आएंगे कई राज सामने,डायरी से मिले कई जानकारी

झारखंड डेस्क

ईडी ने दावा किया है कि अंतू तिर्की के अरेस्ट होने के बाद जमीन घोटाले में कई नए फैक्ट्स सामने आ रहे है ।

सद्दाम के यहां से मिली डायरी में ED ने पाया कि खाता संख्या 234 की जमीन के एवज में JMM नेता अंतु तिर्की ने अलग-अलग तारीखों पर लाखों रुपये लिये।

ED की जांच में पाया गया है कि इस केस में गिरफ्तार बड़गाईं अंचल के राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के यहां से मिले 17 ओरिजनल रजिस्टर की जांच में भानू के साथ मोहम्मद सद्दाम अफसर अली, प्रिय रंजन सहाय , विपिन सिंह समेत अन्य आरोपियों द्वारा मिलकर कई जमीनों पर कब्जा करने के सबूत हैं।

,ED ने किया कई खुलासे का दावा

सद्दाम के यहां मिली डायरी में ED ने पाया कि खाता संख्या 234 की जमीन के एवज में JMM नेता अंतु तिर्की ने अलग-अलग तारीखों पर लाखों रुपये लिये।

18 फरवरी 2022 को सुनीता तिर्की नाम की महिला को 1000 व 24 हजार देने का जिक्र है।

19 फरवरी 2022 को अंतू तिर्की को भी एक व 24 हजार देने का जिक्र है। इसी तारीख को सुनीता तिर्की को 2.25 लाख देने का जिक्र है।

20 फरवरी 2022 को अंतू तिर्की को 25 हजार, 2 लाख, 3 मार्च 2022 को 4 लाख, 24 मार्च 2022 को डेढ़ लाख, 20 अप्रैल 2022 को अंतू तिर्की को किसी ए खान द्वारा 3 लाख, 3 अगस्त 2022 को NEFT के माध्यम से 2 लाख व 20 अक्तूबर 2022 को एक लाख का भुगतान देने का उल्लेख डायरी में है।

अलग-अलग तारीखों पर हुए पैसे की लेन - देंन

डायरी के एक अन्य पन्ने में प्लॉट नंबर 1055 के एक साल के हिसाब-किताब में 36.68 लाख का जिक्र है। इस पन्ने पर भी अंतु तिर्की को भुगतान देने का जिक्र है।

ED ने जांच में पाया है कि 1974 की डीड 2376, जो 1940 की डीड से जुड़ी है, उसके जरिए गाड़ी मौजा की 4.83 एकड़ जमीन पर कब्जा जमाया गया।

ED ने पाया है कि शेखर कुशवाहा, विपिन सिंह, इरशाद अख्तर, अफसर अली, सद्दाम सरकारी रिकॉर्ड में छेड़छाड़ कर जमीन पर कब्जा जमाते थे।

सद्दाम का कोड ‘प्रिया दीदी’ किसके लिए..?

मंगलवार को रांची में जमीन कारोबार से जुड़े सिंडिकेट के ठिकानों पर ED ने छापेमारी की, तब मिल्लत कॉलोनी निवासी इरशाद अख्तर मौके से फरार हो गया था।

परिजनों से जब ED ने इरशाद के बारे में पूछा तो उन्होंने अनभिज्ञता जताई। तब ईडी की टीम इरशाद की कपड़ा दुकान में ग्राहक बन पहुंची।

ईडी अफसरों ने दुकान के कर्मियों को बताया कि उनके घर में शादी है, ऐसे में लाखों की खरीदारी करनी है।

लाखों के कपड़े पसंद करने के बाद ईडी अफसरों ने मोल-भाव करना शुरू किया।

तब कर्मियों ने फोन कर इरशाद को बुलाया। उसके परिचय देते ही उसे उठा लिया गया। ईडी कार्यालय लाया गया, जहां देर रात तक उससे पूछताछ हुई।

पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह कोलकाता के रजिस्टार ऑफ एश्योरेंस के ओरिजनल रजिस्टर से ब्लैंक शीट जुगाड़ करता था। इसके बदले सद्दाम और अफसर अली मोटी रकम देते थे।

बता दें कि सद्दाम के यहां ED ने पहली बार 13 अप्रैल 2023 को छापेमारी की थी। तब कई जमीन के दस्तावेज मिले थे।

सद्दाम के पास से ही 4.83 एकड़ जमीन से जुड़ा पेपर भी मिला था, जिसपर प्रिय रंजन सहाय, विपिन सिंह, शेखर कुशवाहा की टीम काम कर रही थी।

ईडी की टीम जब सद्दाम को गिरफ्तार कर ले जाने लगी तो उसने अपनी पत्नी को कोड में कहा कि वह प्रिया दीदी को कह दे कि वह चिंता न करें।

सद्दाम ने प्रिया दीदी का इस्तेमाल प्रिय रंजन सहाय के लिए किया था कि उस तक संबंधित जमीन के विषय में संदेश पहुंचा दे कि वह चिंता न करें।

इसके बाद सद्दाम की पत्नी ने प्रिय रंजन को अलर्ट कर दिया था। ईडी ने 27 अप्रैल 2023 को जब प्रिय रंजन के यहां छापेमारी की तो उसने सारे दस्तावेज हटा दिए थे।

सद्दाम और प्रियरंजन ने ही ईडी की पूछताछ में यह बात स्वीकार कर ली है।

*रामनवमी के दिन अलग अलग दुर्घटनाओं में 7 लोगो की मौत,कई घायल,घायलों का चल रहा है इलाज*

झारखंड में रामनवमी के दिन अलग-अलग दुर्घटनाओं में 7 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गये। इन घटनाओं के बाद पीड़ित परिवार में कोहराम मच गया। जानकरी के अनुसार लोहरदगा में शोभायात्रा के दौरान एक अनियंत्रित डीजे वाहन ने कई लोगों को रौंद दिया। इसमें 2 लोगों की मौत हो गई और दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। इसमें से 4 की हालत गंभीर बतायी जा रही है। इसी तरह एक घटना पलामू में घटी ,जहां एक ऑटो के दुर्घटनाग्रस्त होने से तीन लोगों की मौत हो गयी है। इस घटना में एक की हालत गंभीर है। तीसरी घटना चतरा की है, जहां 2 बच्चियों की मौत स्नान करने के दौरान हो गयी। वहीं, तीन को बचा लिया गया। लोहरदगा में रामनवमी के दिन एक शोभा यात्रा निकल रही थी, लेकिन उसी वक्त एक अनियंत्रित पिकपवैन ने जुलूस में शामिल लोगों को कुचल दिया। वाहन के पीछे तरफ डीजे बंधा हुआ था। ये घटना इतना दर्दनाक था कि 24-25 लोग घायल हो गये। इसमें एक सोनी नाम की लड़की की मौके पर ही मौत हो गयी। उनकी उम्र 17 से 18 साल बतायी जाती है। हालांकि, प्रशासन इस पूरी घटना पर नजर बनाये हुए हैं। डीसी डॉ बाघमारे प्रसाद कृष्ण खुद घायलों के इलाज की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने चिकित्सकों को घायलों के बेहतर इलाज के निर्देश दिया है। पलामू के मेदिनीनगर-पांकी रोड में एक ऑटो बुधवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गयी है। जिसमें तीन लोगों की मौत की हो गयी। जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना के बारे में कहा जाता है कि ऑटो चालक विपरीत दिशा से आ रहे वाहन की वजह से अपना नियंत्रण खो दिया, जिस वजह से दुर्घटना घटी। सूचना मिलने तक पुलिस मौके पर पहुंच गयी थी। चतरा जिले में हंटरगंज प्रखंड में नदी नहाने के दौरान 5 बच्चियां डूब गईं। इसमें 2 की मौत हो गई, जबकि 3 को बचा लिया गया। बताया जाता है कि सिंचाई के लिए नदी में गड्ढा खोदा गया था। इस वजह से नदी की गहराई ज्यादा हो गयी थी। नहाने के क्रम में किसी को भी पानी की गहराई का अंदाजा नहीं लगा और सभी डूब गयी। हालांकि, इसमें तीन लोग किसी तरह बच गये, लेकिन दो की मौत हो गयी। इस घटना के बाद गांव में मातम का माहौल है।
हज़ारीबाग में दो अज्ञात अपराधियों ने मेला देख कर लौट रहे एक व्यक्ति की गोली मारकर कर दी हत्या,पुलिस कर रही मामले की जाँच

झारखंड डेस्क: झारखंड के हजारीबाग के केरेडारी थाना क्षेत्र में दो अज्ञात अपराधियों ने बड़ी घटना को अंजाम दिया है। दरअसल, पूरा मामला कंडाबेर बरियातू की है। ज्ञान ज्योति स्कूल के समीप दो अपराधियों ने मेला देखकर लौट रहे एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी। यह घटना बुधवार शाम 6:30 बजे की है। मृतक का नाम योगेंद्र साव है। वारदात के समय मृतक अपने एक साथी के साथ बाइक पर सवार था। घटना के तुरंत बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना के संबंध में मृतक के साथी साहेब कुमार ने बताया कि हम लोग हटरीयाटांड़ बेलतू मेला से अपनी बाइक टीवीएस राइडर से घर जा रहे थे। इसी दौरान ज्ञान ज्योति स्कूल के पास दो मोटरसाइकिल अज्ञात युवक ओवरटेक कर दो गोली चलाई। एक गोली पीछे बैठे साहेब कुमार की कनपटी से होते हुए गुजरी, जिससे वह बाल-बाल बच गया। इसके बाद अपराधियों ने दूसरी गोली चलायी जो सीधे बाइक चला रहे युवक योगेंद्र कुमार साव के छाती में लगी। जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया। घायल होने के बाद साहेब कुमार अपने संबंधी रामचंद्र साव को बुलाया। दोनों युवक गोली लगे युवक को बड़कागांव अस्पताल इलाज के लिए ले गये, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी। मृतक के परिजनों ने बताया कि योगेंद्र कुमार अपने पीछे पत्नी ममता देवी, 7 वर्षीय पुत्र अमित कुमार एवं 6 वर्षीय पुत्र मनु कुमार छोड़ गए। मृतक के परिजनों ने बताया कि योगेंद्र कुमार साव रांची में ढलाई का काम करता था। उसके पास छत ढालने वाली चार मशीन थी। वह अपने साथ कई मजदूरों को रोजगार दिया करता था। मृतक का बड़ा भाई छात्रधारी साहू भी मजदूरी करता था। पिता का ननक साव खेती बाड़ी करता है। घटना के बाद माता राधा देवी और पत्नी ममता देवी का रो-रो कर बुरा हाल है।
*झारखंड में 14 लोकसभा सीटों में से चार सीटों पर आज् गुरुवार से शुरु हुआ नामांकन ,धूप के थपेड़ो में शुरु होगी चुनावी दंगल*

झारखंड डेस्क झारखंड में लोकसभा की 14 सीटों में से चार सीटों पर गुरुवार से चुनावी दंगल शुरू होगा। इसके बाद इस क्षेत्र में क्षेत्र लू के थपेड़ों में भी सियासी पार तेज हो जाएगी । झारखंड में पहले चरण में चार संसदीय सीट सिंहभूम, खूंटी, लोहरदगा और पलामू में चुनाव होगा इसके लिए गुरुवार को अधिसूचना जारी की जाएगी। इसके साथ ही विभिन्न दलों के प्रत्याशियों का नामांकन शुरू हो जाएगा। इनमें तीन सीटें सिंहभूम, खूंटी और लोहरदगा अनुसूचित जनजाति (एसटी) जबकि पलामू अनुसूचित जाति (एससी) के लिये आरक्षित है। *इन चार लोकसभा क्षेत्र में 25 अप्रैल तक होगा नामांकन* चुनाव आयोग द्वारा तय कार्यक्रम के अनुसार 25 अप्रैल तक नामांकन होगा। नामांकन पत्रों की जांच 26 अप्रैल को होगी। वहीं, 29 अप्रैल तक नामांकन वापस लिया जा सकेगा। इन चारों सीटों पर 13 मई को मतदान होगा। एनडीए और 'इंडिया' गठबंधन ने इन चार सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। *यहाँ इन लोगो के बीच होगा मुकाबला* खूंटी प्रमुख प्रत्याशी: अर्जुन मुंडा-भाजपा, कालीचरण मुंडा-कांग्रेस लोहरदगा प्रमुख प्रत्याशी: समीर उरांव-भाजपा, सुखदेव भगत-कांग्रेस पलामू प्रमुख प्रत्याशी: वीडी राम-भाजपा, ममता भुइयां-राजद सिंहभूम प्रमुख प्रत्याशी: गीता कोड़ा-भाजपा, जोबा *64 लाख वोटर करेंगे उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला* ● 25 अप्रैल तक प्रत्याशी नामांकन पत्र दाखिल कर सकेंगे ● 26 अप्रैल को उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों की जांच होगी ● 29 अप्रैल तक नामांकन वापस लेने का मौका होगा ● 13 मई को चारों सीटों पर वोटर करेंगे मताधिकार का प्रयोग ● 03 सीटें एसटी और एक सीट एससी वर्ग के लिए आरक्षित *पहले चरण की 102 सीटों पर थमा प्रचार* देश के 21 राज्यों और केंद्रीय शासित प्रदेशों में 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव का पहला चरण होगा। इसके तहत 102 सीटों पर मतदान होगा। पहले चरण में आठ केंद्रीय मंत्री, दो पूर्व मुख्यमंत्री और एक पूर्व राज्यपाल चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले चरण के चुनावी दंगल में जुटे भाजपा और एनडीए के उम्मीदवारों को बुधवार को व्यक्तिगत तौर पर पत्र लिखकर कहा कि यह सामान्य चुनाव नहीं है। सभी का बेहतर जीवन सुनिश्चित करेगा।
गोड्डा लोकसभा सीट पर इस बार दो मज़बूत जनाधार वाले प्रत्याशी के बीच है कड़ा मुकाबला,*

झारखंड डेस्क गोड्डा लोकसभा सीटपर इस बार कांग्रेस ने दीपिका पांडेय सिंह को टिकट देकर निशिकांत दुबे को चुनोती देने की कोशिश की है। दीपिका निशिकांत के गढ़ में सेंध लगा पाती है, या फिर निशिकांत हैट्रिक लगा कर लोकसभा जाते हैं यह तो चुनाव परिणाम बताएगा लेकिन भाजपा थोड़ी टेंशन में जरूर आ गई है। इसका कारण है दीपिका के राजनीतिक पृष्टिभूमि। दीपिका का राजनीतिक प्रभाव का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दीपिका पहली बार महागामा विंधानसभा से 2019 में खड़ी हुई और जीत कर विधानसभा पहुंच गयी। इसका कारण है राजनीति में इनके पारिवारिक विरासत का प्रभाव इनके ससुर अवध बिहारी सिंह एकीकृत बिहार में चार बार विधायक और वर्ष 1983 से फरवरी 1990 तक पथ निर्माण मंत्री रह चुके हैं। अवध बिहारी सिंह वर्ष 1972 में पहली बार जनसंघ से विधायक बने थे। इसके बाद 1980 से लगातार 1995 तक तीन बार कांग्रेस से विधायक बने। 1995 में भाजपा से अशोक कुमार भगत ने उन्हें पराजित किया। वर्ष 2019 में दीपिका पांडेय सिंह ने अपने राजनीतिक विरासत को वापस ले लिया। इस कांग्रेस ने दीपिका पर इनके इसी पारिवारिक प्रभाव और साफ सुथरा छवि के कारण भरोसा कर गोड्डा लोकसभा से चुनावी जंग में उतारा है। दीपिका के पास सवर्ण जातियों का वोट भी है तो पिछडो का भी।जो निशिकांत दुबे के वोट बैंक पर चोट कर सकता है।दूसरी बात है लगातार 3 बार सासंद के रूप में चुन कर निशिकांत को लोकसभा भेजने वाले कुछ लोग परिवर्तन की सोच भी रखते हैं। ऐसे हालत में दीपिका से कांग्रेस को एक उम्मीद जगी और गोड्डा सीट पर उनके लिए रास्ता साफ हो गया। अब देखना ये है कि जनता किसे इस सीट पर मौका देती है। फिर निशिकांत को या दीपिका को...?
आज नवरात्र का अन्तिम दिवस है। आज माँ दुर्गा के नवम् स्वरुप, "माँ सिद्धिदात्री" की पूजा की जाएगी।

माँ दुर्गाजी की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री हैं। ये सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं। नवरात्र-पूजन के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है। इस दिन शास्त्रीय विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है। सृष्टि में कुछ भी उसके लिए अगम्य नहीं रह जाता है। ब्रह्मांड पर पूर्ण विजय प्राप्त करने की सामर्थ्य उसमें आ जाती है।

सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।

सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।।

मार्कण्डेय पुराण के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व- ये आठ सिद्धियाँ होती हैं।

माँ सिद्धिदात्री भक्तों और साधकों को ये सभी सिद्धियाँ प्रदान करने में समर्थ हैं। देवीपुराण के अनुसार भगवान शिव ने इनकी कृपा से ही इन सिद्धियों को प्राप्त किया था। इनकी अनुकम्पा से ही भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ था। इसी कारण वे लोक में 'अर्द्धनारीश्वर' नाम से प्रसिद्ध हुए।

माँ सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली हैं। इनका वाहन सिंह है। ये कमल पुष्प पर भी आसीन होती हैं। इनकी दाहिनी तरफ के नीचे वाले हाथ में कमलपुष्प है।

प्रत्येक मनुष्य का यह कर्तव्य है, कि वह माँ सिद्धिदात्री की कृपा प्राप्त करने का निरंतर प्रयत्न करे। उनकी आराधना की ओर अग्रसर हो। इनकी कृपा से अनंत दुख रूप संसार से निर्लिप्त रहकर सारे सुखों का भोग करता हुआ वह मोक्ष को प्राप्त कर सकता है।

नवदुर्गाओं में माँ सिद्धिदात्री अंतिम हैं। अन्य आठ दुर्गाओं की पूजा उपासना शास्त्रीय विधि-विधान के अनुसार करते हुए भक्त दुर्गा पूजा के नौवें दिन इनकी उपासना में प्रवत्त होते हैं।

इन सिद्धिदात्री माँ की उपासना पूर्ण कर लेने के बाद भक्तों और साधकों की लौकिक,पारलौकिक सभी प्रकार की कामनाओं की पूर्ति हो जाती है। सिद्धिदात्री माँ के कृपापात्र भक्त के भीतर कोई ऐसी कामना शेष बचती ही नहीं है, जिसे वह पूर्ण करना चाहे।

वह सभी सांसारिक इच्छाओं, आवश्यकताओं और स्पृहाओं से ऊपर उठकर मानसिक रूप से माँ भगवती के दिव्य लोकों में विचरण करता हुआ उनके कृपा-रस-पीयूष का निरंतर पान करता हुआ, विषय-भोग-शून्य हो जाता है। माँ भगवती का परम सान्निध्य ही उसका सर्वस्व हो जाता है। इस परम पद को पाने के बाद उसे अन्य किसी भी वस्तु की आवश्यकता नहीं रह जाती।

माँ के चरणों का यह सान्निध्य प्राप्त करने के लिए भक्त को निरंतर नियमनिष्ठ रहकर उनकी उपासना करने का नियम कहा गया है। ऐसा माना गया है कि माँ भगवती का स्मरण, ध्यान, पूजन, हमें इस संसार की असारता का बोध कराते हुए वास्तविक परम शांतिदायक अमृत पद की ओर ले जाने वाला है। विश्वास किया जाता है कि, इनकी आराधना से भक्त को अणिमा, लधिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, महिमा, ईशित्व, सर्वकामावसायिता, दूर श्रवण, परकामा प्रवेश, वाकसिद्ध, अमरत्व भावना सिद्धि आदि समस्त सिद्धियों नव निधियों की प्राप्ति होती है।

ऐसा कहा गया है कि, यदि कोई इतना कठिन तप न कर सके, तो अपनी शक्तिनुसार जप, तप, पूजा-अर्चना कर माँ की कृपा का पात्र बन सकता ही है। माँ की आराधना के लिए इस श्लोक का प्रयोग होता है। माँ जगदम्बे की भक्ति पाने के लिए इसे कंठस्थ कर नवरात्रि में नवमी के दिन इसका जाप करने का नियम है...

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।

अर्थात्.... हे माँ! सर्वत्र विराजमान और माँ सिद्धिदात्री के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ। हे माँ, मुझे अपनी कृपा का पात्र बनाओ।

अनुपमा को इंडी गठबंधन का धनबाद से प्रत्याशी बनने से अब इस लोकसभा में होगा कड़ा टक्कर,कांग्रेसियों में खुशी की लहर

झारखंड डेस्क

बेरमो के युवा विधायक कुमार जय मंगल उर्फ अनूप सिंह की की धर्म पत्नी अनुपमा सिंह को धनबाद संसदीय लोकसभा से कांग्रेस पार्टी का प्रत्याशी बनाया गया।राजनीति में सक्रिय होने के साथ पहली बार ऊंची छलांग लगाते हुए वे लोकसभा की प्रत्याशी बनी। इसके पहले आम आदमी इनका नाम तक नही जानता था।इनको प्रत्याशी बनाये जाने से धनबाद सहित बोकारो एवं बेरमो के लोगों में काफी खुशी है।

अनुपमा के पारिवारिक पृष्ठिभूमि


 अनुपमा की पारिवारिक पृष्ठिभूमी की बात करें तो एक ऐसे परिवार की बहू हैं जिनका राजनीतिक बैकग्राउंड काफी मजबूत रहा।ससुर राजेन्द्र प्रसाद सिंह कोयलांचल के जाने माने नेता रहे।मज़दूर आंदोलन पर पकड़ मजबूत होने के कारण उनका पूरे कोयलांचल, धनबाद,बोकारो में काफी अच्छा जनाधार रहा है।वे सयुंक्त बिहार और फिर झारखंड सरकार में मंत्री रहे।उन्हें मज़दूरों का मसीहा भी कहा जाता था।ऑटो मोबाइल सेक्टर और कोल मज़दूरों के नेता रहे। राजेन्द्र सिंह के निधन के बाद उनके पति जयमंगल सिंह विधायक बने।वर्तमान में वे कांग्रेस के बेरमो से विधायक हैं।

पहली बार राहुल के न्याय यात्रा में वे जनता के बीच आयी।


हाल में राहुल गांधी की न्याय यात्रा में अनुपमा शामिल हुई थी और राहुल के साथ खुली जीप में अपने देवर कुमार गौरव के साथ सवार थी। अनुपमा ने पूरा मोर्चा संभाल रखी थीं इस न्याय यात्रा में विधायक अनूप सिंह शामिल नहीं हो पाए थे।लेकिन अनुपमा ने बहुत प्रभाव शाली ढंग से इस मोर्चा को संभाल रखा था।

राजनीति में नई लेकिन फिर भी रहेगी प्रभावी


 यूँ तो वे राजनीति में बिल्कु नयी है। उन्हें बहुत ज्यादा अनुभव नहीं है मगर पति अनूप सिंह का पूरा समर्थन उनको मिलेगा। साथ ही जिस परिवार में वह रही है उस परिवार से उन्हें विरासत में बहुत कुछ सीखने को मिला। 

 अब धनबाद लोकसभा का टक्कर होगा संघर्षपूर्ण


कांग्रेस ने बहुत ही सोच समझ कर अनुपमा को टिकट दिया।बोकारो क्षेत्र में राजेंद्र सिंह परिवार का मज़बूत जनाधार माना जाता है।कोल इंडिया में भी इंटक का यूनियन है।जिसका वोट अनुपमा को मिल सकता है। दूसरी तरफ कोयलांचल में अगर देखें तो अभ समीकरण कुछ उस तरह हो गया है कि कड़ा मुकाबला भाजपा को करना पड़ेगा।

कांग्रेसियों का दावा अनुपमा जीतेगी


 चंद्रपुरा प्रखंड कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रभु दयाल सिंह, कृष्णा सिंह, मोहम्मद सलीम आदि ने अनुपमा को प्रत्याशी बनाए जाने का स्वागत किया है और दावा किया है कि धनबाद क्षेत्र में इस बार कांग्रेस का परचम लहराएगा। और अनुपमा सांसद बनकर दिल्ली जाएगी।