इजराइल पर बड़े हमले की तैयारी में ईरान! मोसाद की चेतावनी के बाद लड़ाकू दस्ते और वायुसेना अलर्ट, पूरे देश में जीपीएस ब्लॉक
#iran_ready_to_launch_missile_and_drone_attack_on_israel
![]()
दमिश्क में ईरानी दूतावास पर हमले के बाद ईरान “गुस्से में लाल” है। ईरान अपने कमांडर की मौत का बदला लेने के लिए उतावला है। ईरानी राष्ट्रपति के तेवर देख कर भी यही लग रहा है कि ईरान किसी भी वक्त इजराइल पर हमला कर सकता है। इधर, मोसाद ने चेतावनी दी है कि ईरान जल्द ही इजरायल पर लंबी दूरी की मिसाइलों और ड्रोन से हमला कर सकता है। ईरान के साथ बढ़ते तनाव के बीच इजराइल में जीपीएस ब्लॉक कर दिया गया है ताकि मिसाइल या ड्रोन हमले को निष्क्रिय किया जा सके।
ईरान ने सोमवार को सीरिया में अपने वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले का जवाब देने की चेतावनी दी है। ईरानी दूतावास पर हुए हमले के पीछे व्यापक रूप से इजराइल का हाथ माना रहा है। ईरानी अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर इजरायल के मिसाइल हमले के जवाब में तेहरान को कार्रवाई करने का अधिकार है। जिसमें रिवॉल्यूशनरी गार्ड के एक वरिष्ठ जनरल सहित 13 लोग मारे गए थे। हालांकि इसराइल ने इस हमले को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
एक्सियोस की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली अधिकारियों का दावा है कि उनके पास खुफिया जानकारी है जो संकेत देती है कि ईरान "लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों, क्रूज मिसाइलों या ड्रोन" का उपयोग करके अपने क्षेत्र से देश पर हमला कर सकता है। माना जाता है कि बुधवार को इजरायली रक्षा मंत्री योव गैलेंट और अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के बीच फोन पर बातचीत के दौरान कथित खतरे पर विस्तार से चर्चा हुई। कथित तौर पर दोनों पक्षों ने इस बात पर विचार-विमर्श किया कि संभावित ईरानी प्रतिशोध के लिए सबसे अच्छी तैयारी कैसे की जाए।
लेबनानी न्यूज आउटलेट अल-मायदीन के मुताबिक अमेरिका ने हमले के जवाब में ईरान से अपनी प्रॉपर्टी को निशाना न बनाने की अपील की है। बता दें क्षेत्र में अमेरिका के कई बेस और दूसरे एसिट मौजूद हैं। गाजा जंग में इजराइल का बिना शर्त साथ देने की वजह से अमेरिका को डर है कि कहीं हमलों के जवाब में ईरान उसके बेस को निशाना न बनाए। ईरानी प्रेसीडेंसी ऑफिस से जुड़े मोहम्मद जमशीदी ने खुलासा किया कि तेहरान ने अमेरिका को इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के जाल में न फंसने की चेतावनी दी है, अगर अमेरिका ऐसा करता रहा तो इसका खामयाजा वाशिंगटन को भुगताना पड़ सकता है।
Apr 06 2024, 12:05