*संचालकों की उदासीनता बना गौ वंशो के मौत का सबब, लावारिस लाश कुत्ते-चील-कौवों का बना निवाला*
रिपोर्ट जय सिंह
बलरामपुर- गौ संरक्षण पर करोड़ों रुपए खर्च करके उनके व्यवस्थाओं को चुस्त दुरुस्त रखने के लगातार दावे योगी आदित्यनाथ सरकार के द्वारा किया जा रहा है। वही जमीनी स्तर पर गौ वंशो की हालत काफी दयनीय है। जहां भूख व इलाज के अभाव में लगातार गौवंश दम तोड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। वही देखा जा रहा है कि गौ शाला के आहार और पौष्टिक पदार्थ व इलाज में मिलने वाले धन को कागज में भले ही गौवंश के इलाज और भोजन के लिए व्यय दिखाया जाता हो लेकिन अक्सर गौ आश्रय केंद्र का हालत यह है कि वहां गौआश्रय संचालक और विभागीय जिम्मेदारों के मिलीभगत का बोलबाला है और सरकारी धन के बंदरबाट का खेल लगातार खेला जा रहा है।
जिसकी तस्वीर अक्सर गौ आश्रय केंद्रों की दुर्दशा देखने के लिए पर्याप्त है। तस्वीर बताती है व्यवस्थाएं क्या है और किस प्रकार गौवंश को मरने के लिये छोड़ दिया जाता है। जबकि योगी सरकार में गौ आश्रय केंद्र में गौवँशो को संरक्षण को लेकर पर्याप्त मात्रा में धन खर्च किये जाने के दावे होते है। जबकि लगातार गौ शाला में भ्रष्टाचार का खेल खेलने की बात सामने आ रही है। गौ संरक्षण व सेवा के नाम पर गौ संचालक और स्थानीय जिम्मेदारों की मिली भगत का खेल लगातार जारी है। जिसका दंश गौ वंशो को झेलना पड़ रहा है और उनकी लगातार मौत हो रही है और उनके शव को चील कौवो और कुत्तों का निवाला बनने के लिये बाहर फेंक दिया जाता है।
ताजा मामला जनपद बलरामपुर के विकासखंड पचपेड़वा के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत भगवानपुर शिवपुरी में बने गौशाला का है। जहां पर भूख और इलाज के अभाव में लगभग आधा दर्जन से अधिक गौवंशो के मरने के बाद लाश गौशाला के बगल में बह रही सीरिया नाल पर डाल दिया गया। उनके लाश को चील कौवे तथा कुत्ते नोच कर अपना निवाला बना रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि गौ आश्रय केंद्रों के द्वारा गौवंश संरक्षण की बात वह कितना सच है और कितना सटीक है।
इससे पहले भी पचपेड़वा विकास खण्ड के इम्लियाकोडर में ऐसा मामला प्रकाश में आया था जिसमे आधे दर्जन से अधिक मौत के बाद उनके लाशों को जंगली जानवर और चील कौवों का निवाला बनने के लिये खलिहान में फेंक दिया गया था जिसको लेकर काफी हलचल भी हुई थी। जबकी योगी सरकार का यह भी कहना है कि गौ आश्रय केंद्रों में भ्रष्टाचार होने पर किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। इस सम्बंध में जब विकास खण्ड अधिकारी से बात की जाती है तो उनका कहना जांच कर के कार्रवाई की जाएगी।
Mar 31 2024, 16:58