भारत ने सीमा पर बढ़ाई सैनिकों की संख्या, चीन को लगी मिर्ची, बोला- तनाव कम करने में दिक्कत होगी
#india_increased_troops_on_the_border_then_china_felt_irritated
जून 2020 में पूर्वी लद्दाख के गलवां में झड़प के बाद चीन और भारत के बीच गतिरोध जारी है। बीते चार वर्षों से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर उसने अपने सैनिकों को अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर रखा है। जिसके जवाब में भारत भी लगातार सीमा पर खुद को सुरक्षित कर रहा है। इस बीच बारत सरकार चीन के साथ अपनी सीमा को और मजबूत करने के लिए 10,000 अतिरिक्त सैनिक तैनात करने जा रही है। ये जवान अभी देश की पश्चिमी सीमा पर तैनात थे।
सेना ने वेस्टर्न बॉर्डर पर तैनात 10000 सैनिकों को भारत चीन सीमा पर तैनात किया है। हालांकि सेना के अधिकारियों ने इसके बारे में कोई औपचारिक सूचना नहीं दी है। ये जवान उत्तराखंड से लेकर हिमाचल प्रदेश तक लगती चीन की सीमा पर तैनात किए गए हैं। भारत-चीन सीमा के इस क्षेत्र में पहले से ही 9000 सैनिक तैनात हैं।भारतीय जवान 532 किमी लंबी सीमा को और ज्यादा सुरक्षित करेंगे।
चीन पहले उकसाता है और जवाबी कार्रवाई हो तो धमकियां देने पर उतर जाता है। बीते चार वर्षों से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर उसने अपने सैनिकों को अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर रखा है और जब भारत वहां अपने सैनिकों को बढ़ाने लगा तो उसे मिर्ची लग रही है।चीनी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा है कि भारत के इस कदम से सीमा पर तनाव कम करने में मदद मिलेगी।
बता दें कि साल 2020 में चीन के साथ झड़प में कम से कम 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए। भारत और चीन के बीच संबंध 5 मई, 2020 से तनावपूर्ण रहे हैं, जब उनकी साझा सीमा पर विभिन्न स्थानों पर टकराव और झड़पें हुई थीं। ये घटनाएं लद्दाख के पैंगोंग झील, तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और सिक्किम और तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के बीच की सीमा के पास हुईं। इस घटना के बाद साल 2021 में भारत ने चीन के साथ अपनी सीमा पर गश्त करने के लिए अतिरिक्त 50,000 सैनिकों को तैनात की थी।
Mar 08 2024, 18:44