उत्तराखंड विधानसभा में यूसीसी बिल पास, सीएम धामी ने कहा- रचा गया इतिहास
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उत्तराखंड विधानसभा में लंबी चर्चा के बाद बुधवार को यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) बिल पारित हो गया। मंगलवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी बिल को पेश किया था और फिर इसपर चर्चा शुरू हुई। यूसीसी बिल पर दो दिन चर्चा होने के बाद आज इसे पारित कर दिया गया है। विधानसभा से पास होने के बाद यूसीसी बिल अब कानून बन गया है। अब इस बिल को राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। बता दें कि यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बना है।
सीएम पुष्कर धामी ने विधानसभा में समान नागरिक संविधान विधेयक पर कहा कि यह केवल उत्तराखंड ही नहीं, पूरे भारत के लिए मील का पत्थर साबित होगा।देवभूमि से निकलने वाली गंगा कहीं सिंचित करने और कहीं पीने का काम करती है। समान अधिकारों की गंगा सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगी और उसे सुनिश्चित करने का काम करेगी।उन्होंने कहा कि हम अनेकता में एकता की बात कहते आ रहे हैं। सभी नागरिकों के लिए समान कानून की बात संविधान करता है। संविधान पंथनिरपेक्ष है। संविधान की जो विषमताएं हैं। उन्हेंदूर कर सामाजिक ढाचे को मजबूत करने का संविधान करता है।
धामी ने कहा कि हमें समान नागिरक संहिता की जरूरत है। जिस प्रकार से देश आगे बढ़ा है। वोट बैंक से ऊपर उठना होगा। मर्यादा पुरुषोत्तम राम हमारे आदर्श हैं। जिस समता के आदर्श श्रीराम थे। उसी तरह की समता की बात हम कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि कल विधेयक पेश हुआ, तो बाबा साहेब के नारे लगे हैं। डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी भी इसी समता के पक्षकार थे। उसी समता का उल्लेख का किया गया है।
धामी सरकार ने यूसीसी पर कानून पास करने के लिए विधानसभा का स्पेशल सेशन बुलाया था। यूसीसी में शादी, तलाक, विरासत, गोद लेने और अन्य मामलों से संबंधित सभी धार्मिक समुदायों के लिए समान कानून शामिल हैं। इस ड्राफ्ट को तैयार करने के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अगुआई वाली पांच सदस्यीय समिति ने बीते शुक्रवार को ही अपनी रिपोर्ट सीएम पुष्कर सिंह धामी को सौंपी थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर विधानसभा से पास होने के बाद यह कानून बन गया है।
Feb 07 2024, 20:22