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पेटीएम के बाद भारत पे की बढ़ी मुश्किलें, सरकार ने नोटिस भेजकर अशनीर ग्रोवर मामले में जानकारी मांगी

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ऑनलाइन पेमेंट और बैंकिंग ऐप पेटीएम के बाद भारत पे की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है। भारत सरकार के कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय ने फिनटेक कंपनी भारतपे को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस कंपनीज एक्ट की धारा 206 के तहत जारी किया गया है, जिसमें सरकार ने कंपनी से इसके संस्थापक रहे अशनीर ग्रोवर के खिलाफ की गई कानूनी कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कॉरपोरेट मंत्रालय ने भारतपे को नोटिस जारी कर पूछा है कि अशनीर ग्रोवर के खिलाफ कोर्ट में दाखिल किए आपराधिक और दीवानी मामलों से जुड़े क्‍या सबूत हैं। कॉर्पोरेट मिनिस्ट्री ने कंपनी से उन सबूतों के बारे में जानकारी मांगी है, जो कंपनी ने अशनीर ग्रोवर के खिलाफ दर्ज कराए आपराधिक मामले में अदालत में जमा किए हैं। बता दें कि यह मामला करीब दो साल से चल रहा है।

नोटिस के बाद भारतपे ने क्या कहा?

फिनटेक कंपनी भारतपे ने एक बयान जारी किया है. कंपनी का कहना है कि रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) ने लेटर भेजा है जिसमें कुछ अतिरिक्त जानकारियां मांगी गई है. मांगी गई ये जानकारियां चल रही जांच का एक हिस्सा है जो इंटर्नल गवर्नेंस रिव्यू के बाद शुरू हुई थी और जिसे कंपनी ने अपने ऑडिटेड रिजल्ट में सामने लाया था. कंपनी का कहना है कि वह अथॉरिटी के हरसंभव सहयोग कर रही है।

अशनीर और उनकी पत्‍नी के खिलाफ कंपनी के पैसों में हेरफेरी के आरोप

गौरतलब है कि अशनीर ग्रोवर ने ही भारतपे की स्‍थापना की थी। बाद में अशनीर और उनकी पत्‍नी के खिलाफ कंपनी के पैसों में हेरफेर करने के आरोप लगे और उन्‍हें कंपनी के बोर्ड से बाहर कर दिया गया। फिनटेक कंपनी साल 2022 में उस वक्त विवादों में आ गई थी, जब कंपनी के फाउंडर अशनीर ग्रोवर ने कोटक ग्रुप के कर्मचारी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था और उसे धमकी दी थी। दरअसल कोटक ग्रुप का कर्मचारी Nykaa कंपनी के आईपीओ के दौरान एलॉटमेंट को सिक्योर नहीं कर सका था। विवाद के बाद अशनीर ग्रोवर ने भारतपे के मैनेजिंग डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया था और कंपनी ने अपने वित्तीय खातों का ऑडिट कराने का फैसला किया था। 

कंपनी को 88.67 करोड़ रुपये के नुकसान का आरोप

ऑडिट के बाद भारतपे ने अशनीर ग्रोवर, उनकी पत्नी और उनके भाई पर धन के दुरुपयोग और धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था। कंपनी ने दावा किया था कि अशनीर और उनकी पत्नी की वजह से कंपनी को 88.67 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। कंपनी ने नुकसान की भरपाई के लिए मामला दर्ज कराया था। हालांकि अशनीर और अपने और अपनी पत्नी के ऊपर लगे आरोपों को नकार दिया था। कंपनी ने ये भी आरोप लगाया था कि भारतपे टेक्नोलॉजी में अशनीर ग्रोवर का कोई योगदान नहीं है।

इंडिया” गठबंधन को लगने वाला है एक और झटका, बीजेपी के साथ जा सकते हैं जयंत चौधरी, क्या चल रहा है आरएलडी के अंदरखाने?

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लोकसभा चुनाव में बीजेपी हैट्रिक लगाने की तैयारिय़ों में जुटी हुई है। वहीं, बीजेपी को सत्ता से दूर करने के लिए विपक्षी दलों ने पूरा जोर लगाया है। हालांकि, विपक्षी दलों में तालमेल का अभाव एनडीए घटक के लिए शुभ संकेत दे रही है। ममता बनर्जी और नीतीश कुमार के जोरदार झटके के बाद विपक्षी दलों के “इंडिया” गठबंधन की एक और खुलने वाली है। एंटी-बीजेपी मोर्चे का नया सिरदर्द राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चौधरी हो सकते हैं। खबरें आ रही हैं कि जयंत चौधरी बीजेपी के साथ गठबंधन में शामिल हो सकते हैं।

आरएलडी और सपा की दोस्ती टूटने की कगार पर

खबर है कि आरएलडी के मुखिया जयंत चौधरी की बीजेपी से डील हो गई है। इसके बाद वह सपा का साथ छोड़ सकते हैं और एनडीए खेमे में जा सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजेपी ने जयंत चौधरी को लोकसभा की 4 सीटें ऑफर की हैं। इसके बाद से आरएलडी और सपा की दोस्ती टूटने की चर्चा तेज हो गई है। बीते दिनों ये खबर आ रही थी कि सीट बंटवारे को लेकर सपा और आरलएडी में खींचतान चल रही है।मीडिया में जो खबरें चल रही हैं उसके मुताबिक, भाजपा ने हाथरस, बागपत, मथुरा और अमरोहा की लोकसभा सीट आरएलडी को ऑफर की है। वहीं जयंत चौधरी मुजफ्फरनगर और कैराना में से एक सीट और चाह रहे हैं। 

शीट शेयरिंग को लेकर सपा-आरएलडी में खींचतान

जयंत चौधरी ने 19 जनवरी को उन्होंने अखिलेश यादव के साथ सीटों का समझौता किया था और 2024 के लोकसभा चुनाव में 7 सीटों पर लड़ने को राजी हो गए थे। इनमें बागपत, मुजफ्फरनगर, कैराना, मथुरा और हाथरस तो तय थे लेकिन दो सीटों पर बात नहीं बन पाई थी। मेरठ, बिजनौर, अमरोहा, नगीना और फतेहपुर सीकरी में से कोई दो सीट आरएलडी को दी जानी थी। जानकारी के मुताबिक, इसके अलावा अखिलेश यादव चाहते थे कि मुजफ्फरनगर, कैराना और बिजनौर में आरएलडी के सिंबल पर सपा के उम्मीदवार खड़े हों। इन्हीं सबको लेकर दोनों ही दलों में खींचतान चल रही थी।

 

क्या है जयंत की सियासी मजबूरी?

अब 20 दिन के भीतर ही जयंत चौधरी का मूड बदल गया है।खबर है कि वह एनडीए में जाने के लिए तैयार हैं। खासबात यह है कि कम सीटें पाकर भी वह भाजपा के करीब जाना चाहते हैं।ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि जयंत चौधरी आखिर अखिलेश की सात सीटों की बजाय बीजेपी के चार सीटों के ऑफर पर क्यों उत्सुक हैं। सियासी जानकारों की मानें तो इसकी वजह शायद अखिलेश यादव के साथ मिलकर चुनाव जीतने की गारंटी न होना है। जयंत चौधरी को लग रहा होगा कि राम मंदिर लहर पर सवार बीजेपी को रोकना विपक्ष के लिए मुश्किल होगा, विशेषकर हिंदीभाषी क्षेत्र में। ऐसे में जयंत चौधरी भी मोदी लहर पर सवार होकर लोकसभा में अपने सांसदों की संख्या बढ़ाना चाहते हैं।

इंडिया गठबंधन से ज्यादा बीजेपी के साथ गठबंधन में फायदे की आस

वहीं, खबरें ये भी हैं कि आरएलडी नेताओं ने इंडिया गठबंधन में अपने हिस्से में आई सभी सीटों पर जो सर्वे कराया, उसमें अपने ही प्रत्याशी लड़ाने की बात भी सामने आई थी। जिसके बाद असमंजस की स्थिति है। आरएलडी का कोर वोटबैंक जाट समुदाय है, इस समुदाय का एक तबका बीजेपी के साथ जाने के लिए दवाब बना रहा है, जिसके चलते भी जयंत चौधरी कशमकश में हैं। सूत्रों की माने तो शामली से आरएलडी विधायक प्रसन्न चौधरी बीजेपी के साथ गठबंधन के सबसे बड़े समर्थकों में से एक हैं। उन्हें लगता है कि इंडिया गठबंधन से ज्यादा बीजेपी के साथ गठबंधन करने का सियासी फायदा आरएलडी को मिलेगा।

कोई बासी फल नहीं खरीदेगा', एमपी में कांग्रेस नेता कमलनाथ की BJP में एंट्री पर बोले कैलाश विजयवर्गीय, पढ़िए, और क्या दिया बयान

मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस नेता एवं पूर्व सीएम कमलनाथ को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कमलनाथ को बासी फल बताया है। कैलाश विजयवर्गीय ने कमलनाथ के भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित होने की चर्चाओं पर भी बयान दिया है। कैलाश ने कहा कि कमलनाथ के लिए भारतीय जनता पार्टी में दरवाजे बंद हैं। विजयवर्गीय का कहना था कि यदि कोई बाजार में जाएगा तो ताजा फल खरीदेगा ना। बासी फल थोड़ी खरीदेगा। हम उनको (कमलनाथ) भारतीय जनता पार्टी में बिल्कुल नहीं लेंगे। यदि वो आना भी चाहते हैं तो भी उनके लिए दरवाजे बंद हैं।

कमलनाथ को लेकर कहा जा रहा था कि वो भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, उन्होंने इन चर्चाओं को अफवाह बताया था। किन्तु यह भी कहा था कि राजनीतिक नेता स्वतंत्र हैं तथा किसी भी पार्टी से जुड़े होने के लिए बाध्य नहीं हैं। कोई भी किसी पार्टी में सम्मिलित होने के लिए स्वतंत्र है। दरअसल, कमलनाथ से पूछा गया था कि क्या कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित हो सकते हैं? इस पर कमलनाथ ने कहा, सभी स्वतंत्र हैं, किसी पार्टी से जुड़े होने के लिए बाध्य नहीं हैं। स्वयं के पाला बदलने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर नाथ ने कहा, 'बहुत सारी अफवाहें चल रही हैं, मैं उनके बारे में क्या कह सकता हूं?

वही यह पूछे जाने पर कि क्या वो आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे? इस पर कमलनाथ ने कहा, उम्मीदवारों पर सभी फैसला पार्टी द्वारा लिए जाएंगे। उन्होंने कहा, उम्मीदवारों का फैसला जीतने की क्षमता के आधार पर किया जाएगा। बताते चलें कि कमलनाथ छिंदवाड़ा से 9 बार लोकसभा का चुनाव जीते हैं। बीते दो बार से छिंदवाड़ा से MLA हैं। उनके बेटे नकुलनाथ इस समय छिंदवाड़ा से सांसद हैं। कमलनाथ दिसंबर 2018 और मार्च 2020 के बीच सीएम रहे। वे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं।

प्रेमिका संग था पति, तभी अचानक आ गई पत्नी और फिर... आगे पढ़िए क्या हुआ

मध्य प्रदेश के सतना जिले के सिविल लाइन थाना के पतेरी क्षेत्र में पति-पत्नी एवं प्रेमिका के बीच हाई वोल्टेज ड्रामा सामने आया। हाई वोल्टेज ड्रामे के चलते पुलिसकर्मियों की उपस्थिति रही। महिला अपने मायकेवालों एवं पुलिसकर्मियों के साथ एक घर के अंदर पहुंची तथा अपने पति की चप्पलों से पिटाई करने लगी। महिला ने पति के साथ उपस्थित एक अन्य महिला को भी पीटा। मारपीट करने वाली महिला का आरोप है कि उसके पति के किसी अन्य महिला के साथ रिश्ते हैं तथा वह उसे तलाक देने के फिराक में है। वह पीड़ित थी और लम्बे वक़्त से पति एवं उसके प्रेमिका की रेकी कर सबूत इकट्ठे कर रही थी। आखिरकार पति की प्रेमिका को रंगे हाथों पकड़ लिया।

महिला ने आग बबूला होकर न केवल पति की चप्पलों से पिटाई की, बल्कि उसकी प्रेमिका को भी बुरी तरह पीटा। मारपीट का वीडियो पीड़ित महिला के परिजनों ने बनाया, जो कि अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वहीं, इस घटना के चलते मौके पर उपस्थित पुलिस कर्मियों ने देर सबेर बीच बचाव किया तथा अब मामले की तहकीकात कर कार्रवाई आरम्भ कर दी है। मारपीट करने वाली महिला ने बताया, मेरे पति 3 वर्षों से मुझे मायके से लेकर नहीं आ रहे थे। वह मुझे ससुराल लेकर नहीं आए तो मैंने अपने बच्चे का दाखिला उज्जैन में करवा दिया था। अब मैं एक वर्ष पश्चात् स्वयं अपनी मर्जी से आई तो पति आए दिन यही बोलता था कि क्यों आई है? यहां से चली वापस मायके। मतलब मुझे भागना ही चाहता था और छोटी छोटी बातों पर लड़ता रहता था। तब फिर मैंने रात को फोन कॉल पर पति को किसी से बात करते हुए सुना। मुझे शक हुआ मैंने जांच पड़ताल आरम्भ की।

सतना में रेकी की तब पता चला कि एक औरत से फंसा हुआ है। इसीलिए मुझ पर तलाक के लिए दबाव डालता है। मां बहन की गंदी-गंदी गालियां देता है। जब मेरे मायकेवालों ने पता किया तो सतना में मेरा पति एवं उसकी प्रेमिका दोनों रंगे हाथों पकड़े गए। हमने बहुत बार पीछा किया। कम से कम पति की 6-7 वीडियो हमने बना रखी हैं। बस, सबूत का इंतजार था। आखिरकार पुलिस की सहायता से दोनों को पकड़ लिया है।

उत्तराखंड विस में आज पारित हो सकता है यूसीसी, कुछ ही देर में शुरू होगी सदन की कार्यवाही, विधेयक पारित होना तय

उत्तराखंड विधानसभा में भाजपा को स्पष्ट बहुमत प्राप्त है। उसके 47 सदस्य हैं। कुछ निर्दलीय विधायकों का भी उसे समर्थन प्राप्त है। ऐसे में यूसीसी विधेयक पारित कराने में कोई कठिनाई नहीं है। चर्चा के बाद यूसीसी विधेयक पारित होना तय माना जा रहा है। समवर्ती सूची का विषय होने की वजह से पारित होने के बाद विधेयक राज्यपाल के माध्यम से अनुमोदन के लिए राष्ट्रपति को भी भेजा जा सकता है।

विधानसभा में आज पारित हो सकता है यूसीसी, कुछ ही देर में शुरू होगी सदन की कार्यवाही

उत्तराखंड विधानसभा सत्र का आज तीसरा दिन है। सदन में आज समान नागरिक संहिता (यूसीसी) बिल पारित हो सकता है। दो साल की कसरत के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को विधानसभा के पटल पर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) उत्तराखंड विधेयक 2022 रखकर इतिहास रच दिया। सदन में बिल पेश करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य हो गया है।

विधेयक में प्रावधान के मुताबिक, बेटा और बेटी को संपत्ति में समान अधिकार देने और लिव इन रिलेशनशिप में पैदा होने वाली संतान को भी संपत्ति का हकदार माना गया है। अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों पर यूसीसी लागू नहीं होगा। सदन में विधेयक पेश करने के बाद सीएम ने कहा कि यूसीसी में विवाह की धार्मिक मान्यताओं, रीति-रिवाज, खान-पान, पूजा-इबादत, वेश-भूषा पर कोई असर नहीं होगा।

विपक्ष ने की बिल का अध्ययन करने के लिए समय देने की मांग

मंगलवार को सदन के सारे कामकाज स्थगित कर सरकार सदन में 202 पृष्ठों का यूसीसी विधेयक लेकर आई। इस प्रक्रिया को लेकर सदन में विपक्ष की नाराजगी पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने ढाई घंटे सदन स्थगित रखा ताकि बिल के अध्ययन के लिए समय मिले। शाम करीब साढ़े छह बजे सदन स्थगित हो गया।

चर्चा के बाद बुधवार को बिल पारित होने की संभावना है। चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने धामी सरकार की तारीफ की तो नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य व एक अन्य विपक्षी सदस्य ने इसे पुनर्विचार के लिए प्रवर समिति को भेजे जाने की मांग उठाई। इससे पहले सीएम धामी हाथों में संविधान की पुस्तक लेकर विधानसभा में पहुंचे। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और कांग्रेस सदस्य प्रीतम सिंह ने व्यवस्था प्रश्न उठाया कि बिल पेश किया जा रहा है, लेकिन उन्हें बिल की प्रति नहीं मिली है। उन्होंने स्पीकर से बिल का अध्ययन करने के लिए समय देने की मांग की।

ईडी की रेड पर केजरीवाल की मंत्री आतिशी का बड़ा आरोप, बोलीं-16 घंटे की छापेमारी में नहीं की कोई पूछताछ

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दिल्ली सरकार की कैबिनेट मंत्री और आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने बुधवार को आबकारी मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। आतिशी ने कहा है कि छापेमारी ईडी के अधिकारी इस दौरान सिर्फ ड्राइंग रूम में ही बैठे रहे और पूरी दुनिया में तमाशा चलता रहा। उन्होंने दो जीमेल आईडी के अकाउंट का डाउनलोड लिया साथ ही परिवार के लोगों के तीन फोन लिए। उन्होंने कहा कि अब तो ईडी ने पूछताछ और तलाशी करने का दिखावा भी नहीं किया। ऐसे में ईडी ने अपना असली रूप सभी के सामने रख दिया है।

आतिशी ने कहा, '16-16 घंटे की छापेमारी में ईडी के अफसरों ने सीएम के पीएस के घर में या आप सांसद एनडी गुप्ता के घर में कोई तलाशी नहीं ली, कोई पूछताछ नहीं की, कोई कागज नहीं ढूंढे। उन्होंने यह भी नहीं बताया कि वे किस केस की जांच करने आए हैं। आतिशी ने आरोप लगाया कि ईडी ने 16 घंटे की छापेमारी के बाद ईडी ने मुख्यमंत्री के निजी सचिव के दो जीमेल अकाउंट डाउनलोड कर लिए। फिर उन्होंने सीएम के निजी सचिव और उनके परिवार के तीन मोबाइल फोन ले लिए।

ईडी को बताया केंद्र सरकार का पसंदीदा हथियार

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मंत्री आतिशी ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि मंगलवार को केंद्र सरकार के पसंदीदा हथियार ईडी ने आम आदमी पार्टी के कई नेताओं के यहां छापेमारी की।ईडी ED ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल निजी सचिव विभव कुमार और पार्टी के सांसद एनडी गुप्ता के घर छापेमारी की।ईडी की ये कार्रवाई करीब 18 घंटे तक चली।मंत्री ने कहा कि ये ईडी के इतिहास में पहली बार होगा किस आधार पर यह छापेमारी की गई इस बात की जानकारी भी अधिकारियों ने नहीं दी। इस दौरान एक पंचनामा दिखाते हुए उन्होंने कहा कि 16 घंटे की रेड खत्म होने के बाद इस पंचनामे में दस्तखत किए गए। इस पंचनामे में केस या ईसीआईआर की जानकारी नहीं दी गई। मंत्री ने पंचनामे को ईडी के इतिहास का ऐतिहासिक पंचनामा बताया।

इनका मकसद अरविंद केजरीवाल को साजिश के तहत कुचलना-आतिशी

आतिशी ने कहा कि छापेमारी के जरिए ईडी का मकसद सिर्फ अरविंद केजरीवाल को साजिश के तहत कुचलना है। आतिशी ने कहा कि बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पता है कि अगर कोई उन्हें चुनौती दे सकता है तो वो एक ही बंदा अरविंद केजरीवाल है। इसीलिए सरकार ने ईडी को सिर्फ एक काम में लगा दिया है कि अरविंद केजरीवाल के सभी काम करने वाले नेताओं को जेल में डाल दो। उन्होंने कहा कि पहले यह तय किया जाता है किसे जेल में डालना है उसके बाद किस केस में डालना है ये तय किया जाता है।

MP के हरदा में आज भी बचाव कार्य जारी, मलबे में दबे लोगों को निकाला जा रहा बाहर, आज हरदा जाएंगे CM मोहन यादव

 मध्य प्रदेश के हरदा में मंगलवार को पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट हाे गया। हादसे में अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं कई लोग लोग घायल हैं। आज दूसरे दिन भी राहत और बचाव का कार्य जारी है। NDRF मलबे में दबे लोगों को निकालने में जुटी है। हालात का जायजा लेने और घायलों से मिलने के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव आज दोपहर 3 बजे हरदा जाएंगे। 

अवैध पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट के बाद बैरागढ़ गांव की तस्वीर बदल गई है। अब हर जगह तबाही का मंजर दिख रहा है। मलबे के ढेर में तब्दील मकान, गलियों में पग-पग पर बिखरे पटाखे और कबाड़ बनी गाड़ियां बैरागढ़ गांव में तबाही की कहानी बयां कर रही है। आसपास के जिलों की टीम वहां पहुंचकर मदद में जुट गई है। सीएम मोहन यादव लगातार भोपाल में बैठकर मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने भोपाल के अस्पताल में जाकर मुलाकात की है। साथ ही सभी जिलों में पटाखा फैक्ट्रियों की जांच के निर्देश दिए हैं।

हरदा जिले की बैरागढ़ में सुबह की शुरुआत आम दिनों की तरह हुई थी। बैरागढ़ इस फैक्ट्री में काम करने वाले लोगों को मंगलवार को सैलरी मिलनी थी। इसकी वजह से भीड़ ज्यादा थी। अचानक से अंदर से आग की लपटें उठने लगी और मौके पर भगदड़ मच गई। लोग जान बचाने की लिए इधर से उधर भागने लगे। इसके बाद तेज धमाकों की आवाज सुनाई देने लगी। बताया जा रहा है कि ब्लास्ट बारूद में आग लगने के बाद हुआ।

देखते ही देखते कई किलोमीटर तक चीख पुकार मच गई। हर तरफ लोग भागते दिख रहे थे। शहर के घरों से आग की लपटें दिख रही थी। दहशत के मारे लोग घरों से बाहर आ गए क्योंकि कंपन से मकानों में दरार आ रही थी। दो घंटे से अधिक वक्त तक आग धधक रही थी। लपटें देखकर रौंगटे खड़े हो रहे थे। बैरागढ़ गांव पूरी तरह से खाली हो गया था। इस बड़े हादसे की खबर भोपाल पहुंची तो हड़कंप मच गया।

हादसे की खबर के बाद आसपास के जिलों को अलर्ट किया गया है। वहां से त्वरित मदद पहुंचाई गई। इसके बाद हेलीकॉप्टर से परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह को अधिकारियों के साथ हरदा भेजा गया। आननफानन में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। 25 फायर ब्रिगेड की गाड़ियों से आग पर काबू पाया गया। इसके बाद घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाया जाने लगा।

एमपी के गुना में अचानक RSS कार्यालय में पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया, संघ पदाधिकारियों के साथ चली 40 मिनट की गोपनीय बैठक

 संसदीय क्षेत्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया का 5 दिवसीय दौरा जारी है। गुना में ज्योतिरादित्य सिंधिया अचानक RSS दफ्तर पहुंच गए। प्रताप छात्रावास स्थित केशव स्मृति भवन पहुंचे सिंधिया ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों के साथ 40 मिनट तक विचार विमर्श किया। सिंधिया रात्रि 9 बजे संघ कार्यालय पहुंचे थे तथा ठीक 9 बजकर 40 मिनट पर दफ्तर के बाहर निकले। रिपोर्ट्स के अनुसार, संघ की शरण में पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुना संसदीय सीट को लेकर चर्चा की है।

वही इसके चलते केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुलाकात विभाग प्रचारक नितिन अग्रवाल, क्षेत्रीय कार्यवाह अशोक अग्रवाल, जिला संघ चालक गिर्राज अग्रवाल, सह संघचालक अशोक कुशवाहा से हुई। 40 मिनट की मुलाकात बेहद गोपनीय रखी गई थी। जिस के चलते संघ कार्यालय में चर्चा का दौर चल रहा था, उस समय MLA पन्नालाल शाक्य, पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, पूर्व MLA गोपीलाल जाटव कार्यालय के बाहर खड़े रहे। RSS दफ्तर में सिर्फ ज्योतिरादित्य सिंधिया को मिलने की अनुमति दी गई। जिले के पुलिस कप्तान संजीव कुमार सिंहा व प्रभारी कलेक्टर प्रथम कौशिक भी कार्यालय के बाहर पहरा देते रहे।

RSS दफ्तर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का अचानक दस्तक देना गुना सीट पर दावेदारी से जोड़कर भी देखा जा रहा है। लोकसभा चुनाव से पहले सिंधिया राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दफ्तर की परिक्रमा लगाने लगे हैं। वहीं, गुना में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने धाकड़ किरार सम्मेलन में समाज के लोगों को साथ देने की कसम खिलाई। सिंधिया ने कहा कि धाकड़ समाज को कहना चाहता हूं कि परिवार का मुखिया होने के नाते मैंने हमेशा आपका साथ दिया है। आपके साथ खड़ा रहा हूं। क्या आप मेरे साथ खड़े हो? धाकड़ हो धाकड़ की भांति जवाब दो। आप मुझसे जो मांगोगे मैं दूंगा। पूरी निष्ठा के साथ प्रयास करूंगा। बीते 20 सालों से दे रहा हूं।

राजगढ़ जिले के सारंगपुर से गिरफ्तार हुए हरदा पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट मामले में फैक्ट्री मालिक समेत तीन आरोपी, भाग रहे थे दिल्ली

मध्य प्रदेश स्थित हरदा पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाके में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मुख्य अपराधी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। अरेस्ट किए गए आरोपियों में राजेश अग्रवाल, सोमेश अग्रवाल एवं रफीक खान सम्मिलित है। कहा जा रहा है कि राजेश अग्रवाल को राजगढ़ जिले के सारंगपुर से गिरफ्तार किया गया है। वह कार में सवार होकर दिल्ली फरार होने की फिराक में था। हरदा फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट में 11 लोग मारे गए हैं तथा कमोबेश 175 लोग के चोटिल हुए हैं।

हरदा में अवैध फटाखा फैक्ट्री का संचालक राजीव अग्रवाल एवं उसके बेटे को वेन्यु कार से सारंगपुर में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी हादसे के पश्चात् फरार हो गए थे। राजेश अग्रवाल उज्जनै से दिल्ली के लिए निकले थे। साथ ही सोमेश अग्रवाल भी था, जो वाहन में सवार था तथा मध्य प्रदेश छोड़ दिल्ली भागने का प्रयास कर रहा था। सारंगपुर SDOP अरविंद सिंह ने बताया की मध्यप्रदेश-उत्तर प्रदेश एवं दिल्ली को जोड़ने वाले नेशनल हाइवे पर सारंगपुर पुलिस ने रात 9 बजे राजीव अग्रवाल, सोमेश अग्रवाल एवं रफीक को गिरफ्तार किया है। कागजी कार्रवाई के लिए भोपाल आईजी के निर्देश पर अपराधियों को हरदा भेजा गया है। हरदा दुर्घटना में मध्य प्रदेश पुलिस ने IPC की धारा 304, 308, 34 एवं धारा 3 विस्फोटक अधिनियम के तहत तीनों अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है।

मध्य प्रदेश के हरदा जिले के बैरागढ़ स्थित एक पटाखा फैक्ट्री में मंगलवार को एक के बाद एक कई विस्फोट हुए थे। इस विस्फोट में अब तक 11 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है तथा कमोबेश 175 लोग चोटिल हैं। धमाका इतना खतरनाक था कि फैक्ट्री का मलबा दूर तक जा पहुंचा। पास में बनी कॉलोनी में खतरनाक तबाही मची। दुर्घटना के बाद घटनास्थल की आई तस्वीरों में देखा गया कि इलाका पूरा स्पष्ट हो चुका है। दमकल गाड़ियां मौके पर उपस्थित रहा तथा भारी पुलिस बलों की मौके पर तैनाती है।

पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देने के प्रस्ताव पर दो भाग में बंटे सपा विधायक, 14 ने किया विरोध, बाकी ने समर्थन

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देने वाला प्रस्ताव यूपी विधानसभा से पारित हुआ है। राम मंदिर निर्माण और राललला की प्राण प्रतिष्ठा के इस प्रस्ताव को विधानसभा में पार्टी लाइन से परे ज्यादातर विधायकों ने समर्थन दिया। हालांकि इस दौरान समाजवादी पार्टी बंटी हुई नजर आई। उसके 108 में से 14 विधायकों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया, जबकि बाकी ने इसका समर्थन किया। इस तरह राम मंदिर को लेकर क्या रुख अपनाया जाए, इसे लेकर पार्टी में ही दोफाड़ की स्थिति नजर आई। 

यूपी की मुख्य विपक्षी पार्टी सपा के कुल 108 विधायक हैं। इनमें से 14 ने प्रस्ताव का विरोध किया था, लेकिन सदन में मौजूद अन्य विधायकों ने समर्थन किया। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि मौके पर कितने विधायक थे, जिन्होंने प्रस्ताव का समर्थन किया। पीएम मोदी और सीएम योगी को धन्यवाद देने वाले इस प्रस्ताव को मंत्री सुरेश खन्ना ने पेश किया था। इस पर लालजी वर्मा ने सवाल खड़े किए और कहा कि आखिर ऐसे प्रस्ताव की जरूरत क्या है। लालजी वर्मा ने 2022 में ही बसपा को छोड़ सपा जॉइन कर ली थी। उनके विरोध पर भाजपा के विधायक हल्ला करने लगे। इस पर स्पीकर सतीश महाना ने दखल दिया और कहा कि जो समर्थन में हैं वे करें। जो विरोध में हैं, वे इसके लिए स्वतंत्र हैं। 

इसके बाद उन्होंने वोटिंग कराई। महाना ने कहा, 'मैं नहीं समझता कि इस प्रस्ताव का कोई विरोध करेगा। इसके बाद भी यदि कोई विरोध में है तो वह अपने हाथ खड़े कर सकता है।' सुरेश खन्ना ने धन्यवाद प्रस्ताव रखते हुए कहा कि अयोध्या धाम में भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर लगभग 500 साल के अंतराल के बाद भगवान श्रीरामलला की प्रतिमा की स्थापना 22 जनवरी 2024 को कर नया इतिहास रचने वाले हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व यूपी के लोकप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हम बधाई देते हैं।

14 ने विरोध में उठाए हाथ, बाकी विधायकों ने कर दिया समर्थन

प्रस्ताव रखने के बाद स्पीकर महाना ने कहा कि जो इसके पक्ष में हों, वे अपना हाथ उठाएं। जो सदस्य इसके पक्ष में नहीं है, वे 'न' कहें, जिस पर विपक्ष के मात्र 14 सदस्यों ने अपने हाथ उठाए यानी उनके द्वारा प्रस्ताव का विरोध जताया गया। इस पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश माहना द्वारा कहा गया कि 14 सदस्यों को छोड़कर उक्त प्रस्ताव सदन के समस्त सदस्यों द्वारा पारित किया गया। इससे साफ है कि समाजवादी पार्टी के तमाम सदस्यों ने विरोध में हाथ नहीं उठाया और इस तरह वह धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन करते दिखे जबकि कुछ सदस्यों ने 'न' के पक्ष में अपना हाथ उठाकर विपरीत रूख अपनाया।