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बिहार में सियासी भूचालः बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे नीतीश!

#kumar_may_resign_will_form_government_with_bjp

बिहार में सियासी बवंडर आने का पूरे हालात बने हुए हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर अटकलें तेज हैं कि वे फिर से एक बार पाला बदलने जा रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी के साथ हाथ मिलाने की योजना बना रहे हैं। माना जा रहा है कि विपक्षी दलों के गठबंधन “इंडिया” का नेता न बनाए जाने से नाराज नीतीश कुमार गठबंधन का साथ छोड़ एनडीए खेमे में वापसी कर कर सके हैं। इस बीच एक बड़ी जानकारी सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार इस्तीफा दे सकते हैं। वे बीजेपी के साथ सरकार बना सकते हैं। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार 28 जनवरी को दोबारा सीएम पद की शपथ ले सकते हैं।

अगले चौबीस घंटे बिहार की राजनीति के लिए अहम बताया जा रहा। इस दौरान नीतीश कुमार इस्तीफा दे सकते हैं। बीजेपी के साथ मिलकर नई सरकार बनाई जाएगी। वहीं, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी बनाए जा सकते हैं। नीतीश कुमार को लेकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बड़े संकेत दिए हैं। बीजेपी नेता सुशील मोदी का कहना है कि राजनीति में दरवाजे बंद होते हैं और दरवाजे खुल भी जाते हैं। राजनीति संभावनाओं का खेल है, कुछ भी हो सकता है।

अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, नीतीश कुमार 27 जनवरी यानी कि शनिवार को सीएम पथ से इस्तीफा दे सकते हैं। इसके बाद वह 28 जनवरी को फिर से सीएम पद की शपथ लेंगे। कहा जा रहा है कि लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव कराने को लेकर बीजेपी तैयार नहीं हुई है।

बिहार में जारी सियासी घमासान के बीच राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और जमुई सांसद चिराग पासवान को भी दिल्ली बुलाया है। पटना स्थित पार्टी कार्यालय में तिरंगा फहराने के बाद चिराग पासवान दिल्ली के लिए रवाना हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि चिराग पासवान रविवार शाम साढ़े पांच बजे एनडीए की बैठक में शामिल होंगे। साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और देश के गृह मंत्री अमित शाह से अहम बातचीत करेंगे। इससे पहले चिराग पासवान ने अपने आवास पर लोजपा (रामविलास) के नेताओं के साथ बैठक की। चिराग ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि अगले 24 घंटे महत्वपूर्ण हैं। 

बिहार की राजनीति में मची हलचल और नीतीश कुमार के फिर से पाला बदल कर भाजपा के साथ जाने के कयासों के बीच फिलहाल पार्टी सार्वजनिक रूप से अपने पत्ते खोलने को तैयार नहीं है। पटना में मचे राजनीतिक घमासान के बीच भाजपा आलाकमान ने बिहार भाजपा के नेताओं को बैठक के लिए दिल्ली बुलाया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर यह उच्चस्तरीय बैठक हुई। शाह के आवास पर हुई इस बैठक में अमित शाह और जेपी नड्डा ने बिहार भाजपा के नेताओं के साथ लगभग पौने दो घंटे तक विचार मंथन किया।

कर्तव्य पथ से आसमान की ओर उठीं सबकी निगाहें, दिखा भारतीय सेना का शौर्य और नारी शक्ति की झलक

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देश 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कर्तव्य पथ पर सलामी मंच से राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इसके बाद राष्ट्रगान बजा और 21 तोपों की सलामी दी गई। 105 हेलीकॉप्टर यूनिट के 4 एमआई-17 से कर्तव्य पथ पर उपस्थित दर्शकों पर पुष्प वर्षा की गई। इसके बाद राष्ट्रपति मुर्मू के सलामी लेने के साथ परेड शुरू हुई।इस दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों और पीएम मोदी मौजूद रहे।इस बार फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि हैं। फ्रांस का मार्चिंग दस्ता भी परेड में शामिल हुआ।

आकाश में भारत के ताकत की गरज

परेड दस्ता में भारतीय वायुसेना दल में 144 वायुसैनिक और चार अधिकारी शामिल रहे। उनकी झांकी भारतीय वायु सेना की थीम ‘सक्षम, सशक्त, आत्मनिर्भर’ पर आधारित थी। झांकी में एलसीए तेजस और Su-30 को IOR के ऊपर उड़ान भरते हुए दिखाया गया।

 

कर्तव्य पथ पर नारी शक्ति का प्रदर्शन

कर्तव्य पथ पर नारी शक्ति का प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. देश के हिंटरलैंड में तैनात महिला कर्मियों का प्रदर्शन देखने को मिला है. इंस्पेक्टर शहनाज खातून के हाथों में कमान है. शहनाज के साथ 13 और महिला कार्मिकों का दस्ता कर्तव्य पथ पर है. अभिवादन- फॉर्मेशन की कमान इंस्पेक्टर सोनिया बनवारी के हाथ में है. योग से सिद्धि- सीटी अनिता भारती और 7 कार्मिकों का फॉर्मेशन है.

चंद्रयान-3 की निकली झांकी

गणतंत्र दिवस के मौके पर परेड दस्ते में इसरो की कामयाबी की भी झलक देखने को मिली। परेड में इसरो भी शामिल हुआ। इस दौरान चंद्रयान-3 की झांकी निकाली गई। दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग दिखाई गई। चंद्रयान-3 की झांकी देख दर्शकों के साथ केंद्रीय मंत्री भी उठ खड़े हुए। बता दें कि 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस घोषित किया गया है।

पहली बार दिल्ली पुलिस की परेड में केवल महिला पुलिसकर्मी

गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली पुलिस की तरफ से परेड में केवल महिला पुलिसकर्मी शामिल हुईं. मार्चिंग दस्ते में कुल 194 महिला हेड कांस्टेबल और महिला कांस्टेबल ने हिस्सा लिया. इस परेड का नेतृत्व आईपीएस ऑफिसर श्वेता के सुगथन ने की।

उत्तर प्रदेश की झांकी में रामलला के हुए दर्शन

उत्तर प्रदेश की झांकी कर्तव्य पथ से गुजर रही है। इस झांकी की थीम अयोध्या: विकसित भारत समृद्ध विरासत रही। अयोध्या के राम मंदिर और रामलला के गीत यूपी की झांकी के साथ बजाए गए। झांकी के आगे के हिस्से में रामलला की प्रतिमा दिखाई गई। उत्तर प्रदेश की झांकी के पीछे तेलंगाना की झांकी आ रही है, जिसकी थीम - जमीनी स्तर पर लोकतंत्र- तेलंगाना के स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत रही।

झारखंड की झांकी तसर सिल्क पर केंद्रित

झारखंड की झांकी तसर सिल्क पर केंद्रित है। भारत में तसर सिल्क का 62% झारखंड में उत्पादन होता है। तसर सिल्क से लगभग 1 लाख 50 हजार लोगों की आजीविका चलती है।अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस जैसे देश में सिल्क का निर्यात होता है। झांकी में आदिवासी झमताओं का प्रदर्शन है।

वो चित्रकार जिसने सजाया हमारा संविधान, एक नाम जो संविधान की हर पृष्ठ पर है मौजूद, जानिए दिलचस्प बातें

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हमारा संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। संविधान को बनाने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे। हममें से ज्यादातर लोगों को ये पता है कि भारत का संविधान किसने बनाया। लेकिन क्या हमें इस बात की जानकारी है कि हमारा संविधान किसने सजाया? 

29 अगस्त 1947 को भारतीय संविधान के निर्माण के लिए प्रारूप समिति की स्थापना की गई और इसके अध्यक्ष के रूप में डॉ. भीमराव अंबेडकर को जिम्मेदारी सौंपी गई। दुनिया भर के तमाम संविधानों को बारीकी से परखने के बाद डॉ. अंबेडकर ने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार कर लिया। हम यह जानते हैं कि संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर थे जिनके निर्देशन में भारत का संविधान लिखा गया। लेकिन क्या हम ये जानते हैं कि हमारे संविधान को जिन चित्रों से सजाया गया है, वो किसके निर्देशन में तैयार किया गया।

बता दें कि इसे बनाने वाले थे विख्यात चित्रकार नंदलाल बोस। दरअसल जब संविधान तैयार किया जा रहा था, उस वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू इन्हें सजाने वाला ढूंढ रहे थे। इसी दौरान प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू शांतिनिकेतन में आए हुए थे। तब उनकी मुलाकात नंदलाल बोस से हुई। यहां नंदलाल बोस कलाभवन के प्राध्यापक के तौर पर काम कर रहे थे। पंडित नेहरू ने उन्हें संविधान को भारतीय चित्रों सजाने का उनसे आग्रह किया, जिन्हें नंदू बोस ने मान लिया।

संविधान को सजाने के लिए 21 हजार रूपये मेहनताना

221 पेज के इस दस्तावेज के हर पन्ने पर तो चित्र बनाना संभव नहीं था।लिहाजा, नंदलाल जी ने संविधान के हर भाग की शुरूआत में 8-13 इंच के चित्र बनाए। संविधान के कुल 22 भाग हैं। इस तरह उन्हें भारतीय संविधान की इस मूल प्रति को अपने 22 चित्रों से सजाने का मौका मिला। इन 22 चिज्ञों को बनाने में चार साल लग गए। इस काम के लिए उन्हें 21 हजार रूपये मेहनताना के तौर पर दिया गया। 

संविधान की सजावट में संस्कृति की छाप

भारत के संविधान को नंदलाल बोस के निर्देशन में शांतिनिकेतन के कलाकारों ने अपने अद्भुत चित्रों से सजाए हैं। इनमें मोहनजोदड़ो, वैदिक काल, रामायण, महाभारत, बुद्ध के उपदेश, महावीर के जीवन, मौर्य, गुप्त और मुगल काल, इसके अलावा गांधी, सुभाष, हिमालय से लेकर सागर आदि के चित्र सुंदर बन पड़े हैं। वास्तव में यह चित्र भारतीय इतिहास की विकास यात्रा हैं। इन चित्रों की की शुरुआत होती है भारत के राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ के शेर से। अगले भाग में भारत की प्रस्तावना लिखी है, जिसे सुनहरे बार्डर से घेरा गया है।

एक चित्रकार को 21 हजार, एक ने ठुकराया हर उपहार

एक तरफ नंनलाल बोस ने अपनी कलाकारी के लिए मात्र 21 हजार रूपये लिए तो वहीं दूसरी तरफ एक दूसरे कलाकार प्रेम बिहारी रायजादा ने मेहनताना ठुकरा दिया था। भारत के संविधान से जुड़ी एक और रोचक जानकारी यह है कि इसकी मूल प्रति टाइपिंग या प्रिंट में उपलब्ध नहीं है। संविधान की मूल प्रति हिंदी और अंग्रेजी में हाथ से लिखी गई है। इसे प्रेम बिहारी रायजादा ने लिखा है। रायजादा ने पेन होल्डर निब से संविधान के हर पन्ने को बहुत ही खूबसूरत इटैलिक अक्षर में लिखा है।सुलेखन यानी कैलिग्राफी प्रेम बिहारी का खानदानी शौक था।

संविधान के हर पृष्ठ पर लिखा अपना नाम

संविधान को बनाने में जहां 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे, वहीं इसे हाथों से लिखने में 6 महीने का समय लगा था। जब प्रेम बिहारी से सरकार ने इस काम को पूरा करने के लिए मेहनताना के बारे में पूछा, तो उनका जवाब बड़ा गंभीर था। उन्होंने कहा, मुझे एक भी पैसा नहीं चाहिए। ना ही कोई महंगा उपहार चाहिए। लेकिन उन्होंने संविधान के हर पृष्ठ पर अपना नाम और अंतिम पृष्ठ पर अपने दादाजी का नाम लिखने की शर्त रख दी, जिसे सरकार ने मान लिया।

कर्तव्य पथ पर आज रचेगा इतिहास, गणतंत्र दिवस पर पहली बार तीनों सेना की महिला टुकड़ी परेड में हो रही हैं शामिल

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देश भर में आज गणतंत्र दिवस का उत्साह है। देश की राजधानी दिल्ली के कर्त्तव्य पथ पर 75वें गणतंत्र दिवस समारोह की परेड में काफी कुछ नया देखने को मिलेगा। गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार तीनों सेना- थल सेना, वायुसेना और जल सेना की महिला सैनिक शामिल होंगी। मेजर जनरल सुमित मेहता ने बताया कि इस बार तीनों सेना की महिला टुकड़ियां शामिल होंगी।

इस साल के गणतंत्र दिवस की थीम महिलाओं पर आधारित है जिसकी वजह से परेड में महिलाओं का अब तक का सबसे अच्छा प्रतिनिधित्व देखने को मिलेगा। इस साल पहली बार तीनों सेनाओं की एक महिला टुकड़ी भी मार्च करेगी। केंद्रीय सशस्त्र बलों की टुकड़ियों में भी महिला कर्मी शामिल होंगी। परेड में 48 महिला अग्निवीर भी हिस्सा ले रहीं है। गणतंत्र दिवस समारोह परेड कैप्टन शरण्या राव थल सेना की टुकड़ी का नेतृत्व करेंगी, जिसमें फ्रांस के राष्ट्रिय दिवस में पीएम मोदी के साथ अतिथि के तौर पर शामिल रहीं स्क्वॉड्रन लीडर सुमिता यादव भी हिस्सा ले रही हैं। गणतंत्र दिवस परेड में स्क्वाड्रन लीडर रश्मि ठाकुर भारतीय वायुसेना की मार्चिंग टुकड़ी का नेतृत्व करेंगी।

फ्रांस से एक मार्चिंग दस्ता और एक बैंड दल आया

परेड में भाग लेने के लिए फ्रांस से एक मार्चिंग दस्ता और एक बैंड दल भी भारत आया है।75वें गणतंत्र दिवस की परेड में फ्रांस की 95 सदस्यीय मार्चिंग टीम और 33 सदस्यीय बैंड दल भी शिरकत करेगा। इस फ्रांसीसी दल में छह भारतीय भी हिस्सा बनने वाले हैं। इनमें सीसीएच सुजन पाठक (हेड कॉर्पोरल), सीपीएल दीपक आर्य (कॉर्पोरल), सीपीएल परबीन टंडन (कॉर्पोरल), गुरवचन सिंह (फर्स्ट क्लास लीजियोनेयर), अनिकेत घर्तिमागर (फर्स्ट क्लास लीजियोनेयर) और विकास डीजेसेगर (फर्स्ट क्लास लीजियोनेयर) शामिल हैं। 

दरअसल, फ्रांस में विदेशी सेना की एक कोर होती है जिसका नाम 'फ्रेंच फॉरेन लीजन' है। 1831 में स्थापित की गई फ्रेंच फॉरेन लीजन को फ्रेंच सेना का एक अभिन्न अंग माना जाता है। फ्रांसीसी मार्चिंग दल के कमांडर कैप्टन नोएल लुइस ने कहा कि यह विशिष्ट सैन्य कोर विदेशियों के लिए फ्रांसीसी सेना में कुछ शर्तों के साथ सेवा करने का मौका देता है। वर्तमान में इसमें लगभग 9,500 अधिकारी और सेनापति हैं। इस कोर में दुनियाभर से लगभग 140 देशों के लोग हैं।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि

बता दें कि इस बार फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों गणतंत्र दिवस के दिन मुख्य अतिथि होंगे। यह छठी बार है, जब कोई फ्रांसीसी राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि बने हैं। साथ ही दूसरी बार फ्रांसीसी दल गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा ले रहा है। वहीं, इस बार 13,000 विशेष अतिथियों को बुलाया गया है।

देशभर में आज 75वें गणतंत्र दिवस की धूम, पीएम मोदी ने देशवासियों को दी बधाई

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देश आज अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। हमेशा की तरह, सभी की निगाहें वार्षिक गणतंत्र दिवस परेड पर हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर भारत की सैन्य ताकत और सांस्कृतिक विविधता प्रदर्शित की जाएगी। इस साल की परेड के मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों हैं।

कर्तव्य पथ पर 10.30 बजे शुरू होगी परेड

गणतंत्र दिवस समारोह की सुरक्षा को लेकर ट्रैफिक पुलिस के साथ-साथ दिल्ली पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों को तैनात किया गया है। दिल्ली पुलिस के जवान बैरिकेडिंग कर आने-जानेवाली हर गाड़ी की चेकिंग की जा रही है। कर्तव्य पथ पर 10.30 बजे शुरू परेड होगी। सुरक्षा के लिए 8 हजार जवान तैनात किए गए हैं।

दिल्ली में जमीन से लेकर आसमान तक सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त

गणतंत्र दिवस को लेकर दिल्ली में जमीन से लेकर आसमान तक सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। दिल्ली की सभी सीमाओं को परेड खत्म होने तक सील कर दिया गया है। जमीन पर सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस और पैरामिलिट्री के हथियारबंद जवानों को तैनात कर दिया गया है। कई मार्गां पर नाकाबंदी कर दी गई है।दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त दीपेंद्र पाठक ने बताया कि 'कार्यक्रम की जगह यानी कर्तव्य पथ को सुरक्षा के लिहाज से जोन में बांटा गया है। कई वीआईपी और आम जनता की सुविधा का ध्यान रखा गया है और सुरक्षा में किसी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी। खुफिया एजेंसी, दिल्ली पुलिस केंद्रीय एजेंसियों को कई तरह की सूचनाएं मिली हैं और इन सभी को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। हमारी जनता से अपील है कि वह पुलिस के निर्देशों का पालन करें और जितना हो सकें सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें।

*प.बंगाल में दाखिल हुई राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा', प्रशासनिक बाधाओं का करना पड़ा सामना

डेस्क: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लेकर अब असम से पश्चिम बंगाल में दाखिल हो चुके हैं। इस बीच राज्य में उन्हें प्रशासनिक बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। राज्य में बड़ी प्रशासनिक बाधाओं की आशंका के चलते रैली के कार्यक्रम में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं। आज जैसे ही गांधी के नेतृत्व में रैली ने पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले के तुफानगंज उपखंड के बशीरहाट में बंगाल क्षेत्र में प्रवेश किया, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष और पांच बार के पार्टी लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी सहित वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने उनका स्वागत किया।

स्वागत मंच को हटाया

इस बीच रैली के बंगाल की सीमा में प्रवेश के बाद से ही इसमें प्रशासनिक बाधाएं आनी शुरू हो गई हैं। राहुल गांधी के स्वागत के लिए जो मूल मंच बनाया गया था, उसे तोड़कर एक प्राइवेट जगह पर वैकल्पिक तौर पर बनाया गया।

प्राइवेट प्लेस पर बना नया मंच

कूचबिहार जिले के वरिष्ठ कांग्रेस नेता एम.एम. हुसैन ने कहा, 'पुलिस ने मूल मंच को नष्ट कर दिया। पुलिस का कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुलिस की अनुमति के बिना मंच खड़ा किया गया था। इसलिए हमें सड़क के विपरीत दिशा में एक प्राइवेट जगह पर वही स्वागत मंच बनाना पड़ा।'बता दें कि बुधवार को ही तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस साल होने वाले लोकसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल की सभी 42 सीटों पर अपनी पार्टी के अकेले चुनाव लड़ने की आधिकारिक घोषणा की।

जलपाईगुड़ी के कार्यक्रम में भी बदलाव

राज्य कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जिला पुलिस अधिकारियों के आग्रह के बाद 28 जनवरी को जलपाईगुड़ी शहर में न्याय यात्रा के कार्यक्रम को भी कुछ हद तक बदलना होगा। राज्य के एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा,'जिला पुलिस ने हमें सूचित किया है कि न्याय यात्रा रैली रविवार को दोपहर 2 बजे के बाद ही जलपाईगुड़ी शहर में प्रवेश करेगी, क्योंकि उस दिन सुबह शहर में पुलिस भर्ती परीक्षा होगी। राहुल गांधी को दोपहर का भोजन उसी स्थान पर करना था जहां उन्हें रैली करनी थी। अब पुलिस विज्ञप्ति के बाद न केवल रैली का कार्यक्रम बदलना पड़ेगा बल्कि उनके दोपहर के भोजन का स्थान भी बदलना पड़ेगा।'

इजराइल नए तरीके से हूतियों को चखाएगा मजा, भारत की मदद से बनेगा काम

डेस्क: इजराइल और हमास में जंग जारी है। इसी बीच हमास के समर्थित यमन के हूती विद्रोही इजराइल की ओर जाने वाले कारोबारी जहाजों पर निशाना लगाकर इजराइल के लिए मुसीबत खड़ी कर रहे हैं। ऐसे में इजराइल ने भारत से होने वाले कारोबार को जारी रखने के लिए नई तरकीब निकाली है। इस तरकीब से इजराइल को फायदा यह होगा कि इजराइल से यमन के पास लाल सागर से आने जाने वाले जहाजों में लदे माल को हूती विद्रोहियों से कोई खतरा नहीं होगा। हूतियों के इजराइली जहाजों पर किए जा रहे हमलों के बीच इजराइल अब भारत के साथ व्यापार के लिए यूएई के माध्यम से माल परिवहन करने की योजना पर काम कर रहा है। हालांकि अभी यूएई के अधिकारियों की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है।

जानिए क्या बोले इजराइल के परिवहन मंत्री?

इस संबंध में इजराइल के परिवहन मंत्री मिरी रेगेव ने ‘एक्स‘ पर पोस्ट में कहा कि ‘हमने अबु धाबी से इजराइल तक माल को जमीनी रास्ते से लाने के लिए पेशेवर टीमें गठित की हैं।‘ उन्होंने कहा कि ‘माल के भूमि परिवहन से समय 12 दिन कम हो जाएगा और हूतियों के हमले की समस्या के कारण मौजूदा प्रतीक्षा समय भी काफी कम हो जाएगा। हम यह करेंगे और हम सफल होंगे।‘हालांकि मिरी रेगेव ने इस बात का खुलासा अभी नहीं किया कि यूएई से इजराइल तक माल की ढुलाई के लिए कौन से जमीनी रास्ते का उपयोग होगा और माल किन देशों से होकर गुजरेगा।

इजराइली जहाजों को क्यों निशाना बना रहे हूती विद्रोही?

जब से इजराइल और हमास में जंग शुरू हुई है, तभी से हूती विद्रोही इजराइल के विरोध में तनाव को बढ़ा रहे हैं। हूती विद्रोही हमास के समर्थक हैं, हूतियों को भी ईरान की ओर से मदद मिलती है। ऐसे में हमास पर इजराइल के हमले का हूती विद्रोही भी विरोध कर रहे हैं और इजराइली जहाजों पर अटैक कर रहे हैं। इसी बीच हमास का दावा ह कि इजराइली हमलों में अब तक 25295 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।

विराट कोहली बने आईसीसी वनडे प्लेयर ऑफ द ईयर, रचा नया इतिहास

डेस्क: आईसीसी की ओर से इस वक्त साल 2023 के लिए अवार्ड दिए जा रहे हैं। इस बीच आईसीसी ने एक और बड़ा ऐलान कर दिया है। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली को साल 2023 के लिए वनडे प्लेयर ऑफ द ईयर का अवार्ड दिया गया है। कोहली इससे पहले भी तीन बार ये खिताब जीत चुके हैं। चौथी बार उनके नाम ये अवार्ड आया है। अभी तक दुनिया का कोई भी बल्लेबाज चार बार वनडे प्लेयर ऑफ द ईयर का अवार्ड नहीं जीत पाया है। यानी ये अपने आप में एक रिकॉर्ड है। 

विराट कोहली के लिए शानदार गया था साल 2023 

विराट कोहली के लिए साल 2023 काफी शानदार गया था। भारत में खेले गए आईसीसी वनडे विश्व कप 2023 के दौरान उन्होंने कई धमाकेदार पारियां खेलीं। इतना ही नहीं विराट कोहली ने क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर का 49 वनडे शतकों का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया था। उन्होंने वनडे में अब 50 सेंचुरी पूरी कर ली हैं। कोहली ने इस साल विश्व कप में 765 रन बनाए, जो किसी भी वनडे विश्व कप के एक सीजन में सबसे ज्यादा हैं। कोहली ने इस साल कुल 1377 रन बनाए। वे अब दुनिया के ऐसे बल्लेबाज बन गए हैं, जिन्होंने आठवीं बार वनडे के एक साल में एक हजार से ज्यादा रन बनाए हैं। 

विराट कोहली का वनडे रिकॉर्ड 

विराट कोहली के वनडे आंकड़ों की बात करें तो उन्होंने अब तक कोहली ने अब तक 292 वनडे मुकाबले खेलकर कुल मिलाकर 13,848 रन बनाए हैं। यहां उनका औसत 58.67 का है और स्ट्राइक रेट 93.58 का। उन्होंने वनडे में 50 शतक के साथ साथ 72 अर्धशतक भी लगाए हैं। उनके नाम इस फॉर्मेट में 1294 चौके और 151 छक्के दर्ज हैं। कोहली का वनडे में सर्वाधिक स्कोर 183 रन है। 

आईसीसी ने चार खिलाड़ियों को किया था नॉमिनेट 

आईसीसी की ओर से वनडे प्लेयर ऑफ द ईयर के लिए विराट कोहली के अलावा भारत के ही शुभमन गिल और मोहम्मद शमी का भी नाम शामिल किया गया था। इसके साथ ही न्यूजीलैंड के डेरिल मिचेल का भी नाम शामिल था। लेकिन कोहली ने इस सभी को पीछे करते हुए इस खिताब पर कब्जा कर लिया है। अभी कोहली पारिवारिक कारणों के चलते इंग्लैंड के खिलाफ खेली जा रही टेस्ट सीरीज से बाहर चल रहे हैं। उम्मीद है कि तीसरे मुकाबले से वापसी करेंगे।

गणतंत्र दिवस पर 31 सीबीआई अधिकारियों को मिलेंगे अवार्ड, इस चर्चित अधिकारी का नाम भी शामिल

डेस्क: 26 जनवरी 2024 को भारत अपने 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इससे पहले राष्ट्रपति से मिलने वाले विभिन्न पुरस्कारों का ऐलान किया गया है। इसी क्रम में सीबीआई से जुड़े रहे 31 अधिकारियों को भी कई अवार्डों का ऐलान हुआ है। इन 31 अधिकारियों में राघवेंद्र वत्स का भी नाम शामिल है। बता दें कि राघवेंद्र ही दिल्ली शराब घोटाले की जांच कर रहे थे और इन्होंने ही मनीष सिसोदिया को जेल पहुंचाया था।

इसके साथ ही कोयला घोटाले के मामलों की जांच करने वाले अमित कुमार IPS(CG-98) और प्रेम कुमार गौतम IPS(UP-05) को भी सम्मानित किया जाएगा। बता दें कि राष्ट्रपति हर वर्ष देशभर के पुलिस अधिकारियों को उनकी बहादुरी और सूझबूझ के लिए सम्मानित करती हैं। इसी क्रम में इस बार सीबीआई से जुड़े रहे 31 अधिकारी सम्मानित किए जाएंगे।

इन अधिकारियों को मिलेगा राष्ट्रपति मैडल 

इन 31 पुलिस अधिकारियों में अमित कुमार, आईपीएस, जेडी, एसी (मुख्यालय), सीबीआई, नई दिल्ली (अब छत्तीसगढ़ पुलिस में एडीजी), विद्या जयंत कुलकर्णी, आईपीएस, जेडी (चेन्नई जोन), सीबीआई, चेन्नई, जगरूप एस.गुसिन्हा उपमहानिरीक्षक, ईओ-I, सीबीआई, नई दिल्ली, मयूख मैत्रा, एएसपी, एसयू, सीबीआई, कोलकाता, सुभाष चंद्र, एएसआई, एसी-I, सीबीआई, नई दिल्ली और श्रीनिवासन इलिक्कल बाहुल्यन, हेड कांस्टेबल एससीबी, सीबीआई, तिरुवनंतपुरम को राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया जाएगा।

इन अधिकारियों को पुलिस मैडल से किया जाएगा सम्मानित 

वहीं वीरेश प्रभु संगनाकल, आईपीएस, डीआईजी, बीएसएफबी, सीबीआई, मुंबई, राघवेंद्र वत्स, आईपीएस, डीआईजी, एसी-I, सीबीआई, नई दिल्ली (अब गुजरात पुलिस में आईजीपी), शारदा पांडुरंग राऊत, आईपीएस, डीआईजी, ईओबी, सीबीआई, मुंबई, प्रेम कुमार गौतम, आईपीएस, डीआईजी, एसयू, सीबीआई, नई दिल्ली (अब उत्तर प्रदेश पुलिस में आईजीपी), मनोज चालदान, डीएलए, एसीबी, सीबीआई, मुंबई, श्रीनिवास पिल्लारी, प्रधान सिस्टम विश्लेषक, एसीबी, सीबीआई, कोलकाता, अमित विक्रम भारद्वाज, एएसपी, बीएसएफबी, सीबीआई, मुंबई, प्रकाश कमलप्पा, डिप्टी एसपी, एसीबी, सीबीआई, कोचीन, के.मधुसूदनन, डिप्टी एसपी, एसीबी, सीबीआई, विशाखापत्तनम, अजय कुमार, डिप्टी एसपी, सी एंड सी, नीति प्रभाग, सीबीआई, नई दिल्ली, आकांशा गुप्ता, पुलिस उपाधीक्षक, सीबीआई अकादमी, गाजियाबाद, बलविंदर सिंह, इंस्पेक्टर, एससीबी, सीबीआई, चंडीगढ़ को पुलिस पदक से सम्मानित किया जाएगा।

वहीं चित्ती बाबू एन, इंस्पेक्टर, एसीबी, सीबीआई, हैदराबाद, मनोज कुमार, इंस्पेक्टर, सीबीआई (मुख्यालय), नई दिल्ली, राहुल कुमार, इंस्पेक्टर, ईओबी, सीबीआई, कोलकाता, राजीव शर्मा, इंस्पेक्टर, सीबीआई (मुख्यालय), नई दिल्ली, एस.नंद कुमार, एएसआई, एसयू, सीबीआई, चेन्नई, सुरेश प्रसाद शुक्ला, हेड कांस्टेबल, एसीबी, सीबीआई, जबलपुर,राजेश कुमार, हेड कांस्टेबल, सीबीआई (मुख्यालय), नई दिल्ली, ओम प्रकाश दलौत्रा, हेड कांस्टेबल, एसीबी, सीबीआई, जम्मू, रणधीर सिंह, हेड कांस्टेबल, एसीबी, सीबीआई, जयपुर, पवन कुमार, कांस्टेबल, एससी-I, सीबीआई, नई दिल्ली, तेजपाल सिंह, कांस्टेबल, नीति प्रभाग, सीबीआई, नई दिल्ली, अतुल सरीन, अपराध सहायक, नीति प्रभाग, सीबीआई, नई दिल्ली और सुब्रत मोहंती, आशुलिपिक-द्वितीय, एसीबी, सीबीआई, भुवनेश्वर को भी पुलिस मैडल से सम्मानित किया जायेगा।

भाजपा ने किया लोकसभा चुनाव अभियान का शंखनाद, ये होगा पार्टी का खास 'स्लोगन'

डेस्क: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अब काफी कम समय बाकी रह गया है। सभी दल अपनी-अपनी चुनावी तैयारियों में लग गए हैं। इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी ने भी 2024 लोकसभा चुनाव ने भी लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार अभियान का शंखनाद कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में चुनाव अभियान का शुभारंभ किया। इस दौरान भाजपा का खास चुनावी स्लोगन भी जारी कर दिया गया है। 

'तभी तो सब मोदी को चुनते हैं'

भाजपा ने चुनावी अभियान के लिए खास स्लोगन तैयार किया है। पार्टी ने स्लोगन दिया है- 'सपने नहीं हकीकत को बुनते हैं-तभी तो सब मोदी को चुनते है'। पार्टी का कहना है कि ये स्लोगन असल में जनता के बीच से ही आया है। पार्टी ने कहा कि जनता की भावना को समझते हुए इस स्लोगन को पार्टी ने अपनाया है। पार्टी ने कहा है कि नया स्लोगन पार्टी की मोदी की गारंटी अभियान का पूरक है। 

बड़ी आबादी की भावनाओं से जुड़ा हुआ स्लोगन

नव मतदाता सम्मेलन के दौरान चुनाव अभियान के लॉंचिंग के समय एक खास वीडियो भी जारी किया गया है। इस वीडियो में बताया गया है कि कैसे पीएम मोदी ने करोड़ों भारतीय लोगों के सपनों को हकीकत में बदल दिया है। भाजपा का मानना है कि पार्टी का चुनावी स्लोगन सिर्फ कुछ लोगों नहीं बल्कि बड़ी आबादी की भावनाओं से जुड़ा हुआ है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से इस अभियान को पूरे देश के लोगों तक पहुंचाने की अपील की है। 

आने वाले दिनों की भी प्लानिंग

भाजपा के इस चुनावी अभियान के कई भाग होंगे। अभियान का मुख्य गाना आज रिलीज किया गया है जो कि बेहद इमोशनल अंदाज में पेश किया गया है। आने वाले दिनों में पार्टी द्वारा चरणबद्ध तरीके से डिजिटल होर्डिंग्स, डिस्प्ले बैनर और डिजिटल फ़िल्में आदि भी रिलीज करने की योजना बनाई गई है। अभियान में इस बात पर जोर किया जाएगा कि पीएम मोदी ने वादा पूरा किया है और इस प्रकार वह स्वाभाविक विकल्प हैं।