*कल मनाई जाएगी मकर संक्रांति,पांच साल बाद पड़ रहा सोमवार,बरसेगी शिव की कृपा*
रायबरेली। पौष मास में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। इस बार मकर संक्रांति कल मनाई जाएगी है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि से मिलने के लिए आते हैं।सूर्य और शनि का संबंध इस पर्व से होने के कारण यह काफी महत्वपूर्ण हो जाता है।
ज्योतिष में मकर संक्रांति को सूर्य की उपासना का महापर्व कहा जाता है।मकर संक्रांति के साथ ही खरमास की समाप्त होती है और इस दिन से सूर्यदेव अपने तेज के साथ चलना शुरू करते हैं. इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। मकर संक्रांति का महापर्व कल मनाया जाएगा।
ऐसी मान्यता है कि इसी त्योहार पर सूर्य देव अपने पुत्र शनि से मिलने के लिए आते हैं।सूर्य और शनि का सम्बन्ध इस पर्व से होने के कारण यह काफी महत्वपूर्ण हो जाता है।आम तौर पर शुक्र का उदय भी लगभग इसी समय होता है इसलिए यहां से शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। पांच साल बाद मकर संक्रांति सोमवार के दिन पड़ रही है।ऐसे में सूर्य संग शिव का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा।
मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य पंडित रजत तिवारी ने बताया उदयातिथि के अनुसार, मकर संक्रांति कल मनाई जाएगी।इस दिन सूर्य रात 2 बजकर 54 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे।
मकर संक्रांति पुण्यकाल
सुबह 07 बजकर 15 मिनट से शाम 06 बजकर 21 मिनट तक
मकर संक्रांति महा पुण्यकाल -सुबह 07 बजकर 15 मिनट से सुबह 09 बजकर 06 मिनट तक
मकर संक्रांति पूजन विधि
इस दिन सूर्यदेव को जरूर जल अर्पित करना चाहिए।सूर्यदेव पर लोहबान दे धूप करें।फिर सूर्यदेव के नाम का दीपक जलाएं।उसके बाद सूर्यदेव पर उड़द की खिचड़ी और तिल के लड्डू का भोग लगाकर गरीबों में दान करें।तांबे के लोटे में पानी में काले तिल और गुड़ मिलाकर सूर्यदेव को अर्ध्य दें। हरिवंश पुराण का पाठ करें।ऊं सूर्याय नमः मंत्र का जाप करें। लाल फूल और अक्षत डाल कर सूर्य को अर्घ्य दें। सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें. संध्या काल में अन्न का सेवन न करें।
आज के दिन इन कार्यों का है महत्त्व
मकर संक्रांति के दिन स्नान करने के पानी में काले तिल डालें। तिल के पानी से स्नान करना बेहद ही शुभ माना जाता है।साथ ही ऐसा करने वाले व्यक्ति को रोग से मुक्ति मिलती है।
मकर संक्रांति के दिन स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें और सूर्य देव को चढ़ाए जाने वाले जल में तिल अवश्य डालें। ऐसा करने से इंसान की बंद किस्मत के दरवाज़े खुलते हैं।
इस दिन कंबल, गर्म कपड़े, घी, दाल चावल की खिचड़ी और तिल का दान करने से गलती से भी हुए पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख समृद्धि आती है।
इस दिन पितरों की शांति के लिए जल देते समय उसमें तिल अवश्य डालें. ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
अगर आर्थिक रूप से कोई समस्या आ रही है तो इस दिन घर में सूर्य यंत्र की स्थापना करें और सूर्य मंत्र का 501 बार जाप करें।
कुंडली में मौजूद किसी भी तरह का सूर्य दोष को कम करने के लिए तांबे का सिक्का या तांबे का चौकोर टुकड़ा बहते जल में प्रवाहित करे।
आज इन चीजों का करें दान
तिल - मकर संक्रांति पर तिल का दान करना शुभ माना जाता है. तिल का दान करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं।
खिचड़ी- मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाना जितना शुभ है उतना ही शुभ इसका दान करना भी माना जाता है।
गुड़- इस दिन गुड़ का दान करना भी शुभ होता है. गुड़ का दान करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है।
तेल- इस दिन तेल दान करना शुभ होता है. ऐसा करने से शनि देव का आर्शीवाद मिलता है।
अनाज- मकर संक्रांति के दिन पांच तरह के अनाज दान करने से हर तरह की मनोकामना पूरी होती है।
रेवड़ी - मकर संक्रांति के दिन रेवड़ी का भी दान करना भी शुभ माना जाता है।
कंबल - इस दिन कंबल का दान करना शुभ होता है।इससे राहु और शनि शांत होते हैं।
Jan 17 2024, 19:58