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कांग्रेस-आप में बढ़ा दरार! भगवंत मान ने देश की सबसे पुरानी पार्टी के कह दी बड़ी बात

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लोकसभा चुनाव में कुछ ही महीनों का समय बचा है। ऐसे में विपक्षी गठबंधन इंडिया अपनी रणनीति बनाने में जुटा है और सभी विपक्षी दलों को इसके लिए एक साथ लाने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, समय-समय पर कुछ ऐसा घट जाता है, जो विपक्षी एकजुटता को मुंह चिढ़ाता नजर आता है।इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। उससे एक बार फिर विपक्षी गठबंधन में सबकुछ ठीक नजर नहीं आ रहा है।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नए साल के पहले दिन कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला दिया। आम आदमी पार्टी के नेता ने संवाददाताओं से कहा कि दिल्ली या पंजाब में एक मां अपने बच्चे को जो सबसे छोटी कहानी सुना सकती है, वह है ‘एक थी कांग्रेस‘।मुख्यमत्री भगवंत मान ने चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह बयान दिया। इसके बाद एक बार इंडिया गठबंधन में हलचल मच गई है।

हालांकि, जब सीएम भगवंत से इंडिया गठबंधन के बीच सीटों के बंटवारे के मुद्दों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस पर गठबंधन की बैठक में चर्चा की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि सब क्लीयर हो जाएगा, उसके बाद ही हम बता पाएंगे।

पंजाब में जहां पहले से ही सीट शेयरिंग को लेकर दोनों पार्टियों के बीच विवाद चल रहा था तो वहीं अब दोनों की दलों के नेताओं के बीच दूरी बढ़ती दिख रही है। एक ओर जहां पंजाब की सीएम भगवंत मान ने कांग्रेस की चुटकी लेते हुए 'एक थी कांग्रेस' कहा था तो वहीं अब कांग्रेस नेता पवन खेड़ा भी इस जुबानी हमला बोला है। पवन खेड़ा ने अब सीएम भगवंत मान को लेकर एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने एक भोजपूरी फिल्म के नाम का जिक्र किया है।खेड़ा ने लिखा है कि 'आप' के और मोदी जी के विचार कितने मिलते हैं!! दोनों का सपना कांग्रेस मुक्त भारत का है। दोनों मुंह की खाएंगे। आगे उन्होंने लिखा है कि वैसे एक भोजपुरी पिक्चर का नाम है एक था जोकर'। आपने तो देखी होगी? 

भगवंत मान के बयान के आम आदमी पार्टी की दिल्ली और पंजाब में कांग्रेस के साथ सीटें साझा करने की अनिच्छा के रूप में देखा जा रहा है। दोनों राज्यों में कुल मिलाकर 21 लोकसभा सीटें हैं। कांग्रेस दोनों राज्यों में पूरी तरह से हाशिए पर है। वहीं आम आदमी पार्टी की बात करें तो 2019 के आम चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था।ऐसे में सीएम मान के इस बयान और कड़ी आलोचना के बाद पंजाब में कांग्रेस के लिए सबकुछ ठीक नहीं लग रहा है।

जयशंकर की पाकिस्तान को दो टूक, बोले- शर्तों पर बातचीत नहीं, कनाडा और चीन को भी घेरा

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान, चीन और कनाडा को लेकर भारत सरकार की नीतियों को लेकर खुलकर बात की।एएनआई को दिए साक्षात्कार में एस जयशंकर ने पाकिस्तान को आड़े हाथ लिया है। उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान से बात करेंगे लेकिन उसकी शर्तों के आधार पर नहीं। पाकिस्तान के अलावा उन्होंने कनाडा को भी सख्त संदेश दिया।इसके साथ ही उन्होंने चीन से विवाद सुझलाने को लेकर भारत की नीतियों पर भी बात की।

पाकिस्तान की मुख्य नीति ही आतंकवाद रही-जयशंकर

विदेश मंत्री जयशंकर ने समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान की मुख्य नीति ही आतंकवाद रही है, लेकिन भारत ने अब वह खेल खेलना बंद कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत को बातचीत की टेबल पर लाने के लिए आतंकवाद का सहारा लेता रहा है। वह अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए सीमा पार से आतंकियों को भारत की ओर भेजता रहता है। हालांकि भारत ने अब पड़ोसी मुल्क की आतंक की नीति को अप्रासंगिक बना दिया है।

कनाडा की राजनीति में खालिस्तानी शामिल-जयशंकर

भारत और कनाडा के मौजूदा राजनयिक संबंधों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि कनाडा की राजनीति ने खालिस्तानी ताकतों को पनाह दी हुई हैं। वे सभी सीधे तौर पर कनाडा की राजनीति में शामिल हैं। मुझे लगता है कि यही एक कारण हैं, जो दोनों देशों के संबंधों को नुकसान पहुंचा रहा हैं। यह स्थिति भारत और कनाडा दोनों के लिए खतरा हैं। मेरा मानना है कि जितना यह भारत के खतरा है, उतना ही इससे कनाडा को भी नुकसान होगा। 

चीन से निपटने में सरदार पटेल की नीति पर काम कर रही सरकार-जयशंकर

इंटरव्यू के दौरान जयशंकर ने कहा कि भारत को चीन के साथ आपसी सम्मान, संवेदनशीलता और साझा हितों के आधार पर रिश्ता कायम करने की जरूरत है। उन्होंने चीन की आक्रामकता से निपटने के लिए भारत के दृष्टिकोण में बदलाव की बात की। साथ ही उन्होंने चीन को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जरिए बनाई गई नीतियों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि नेहरू ने चाइना फर्स्ट की पॉलिसी पर काम किया। शुरुआत से ही नेहरू और सरदार पटेल के बीच चीन को कैसे जवाब दिया जाए इस मुद्दे पर मतभेद रहा है। मोदी सरकार चीन से निपटने में सरदार पटेल द्वारा शुरू की गई यथार्थवाद की धारा के मुताबिक ही काम कर रही है। हमने ऐसे रिश्ते बनाने की कोशिश की है जो आपसी संबंधों पर आधारित हों। जब तक उस पारस्परिकता को मान्यता नहीं दी जाती, इस रिश्ते का आगे बढ़ना मुश्किल होगा।

नीलाम होगा आतंकवादी दाऊद इब्राहिम का बचपन का घर, बीते 9 सालों में भगोड़े अपराधी की 11 सपत्तियां बेच चुकी है सरकार

आतंकवादी दाऊद इब्राहिम के बचपन का घर और महाराष्ट्र के रत्नागिरी में उसके परिवार के स्वामित्व वाली तीन अन्य संपत्तियां शुक्रवार (5 जनवरी) को मुंबई में नीलाम की जाएंगी। रिपोर्ट के मुताबिक, सभी चार संपत्तियां कृषि योग्य हैं और मुंबके गांव में स्थित हैं। तस्करों और विदेशी मुद्रा हेरफेर (संपत्ति की जब्ती) अधिनियम (SAFEMA) के तहत अधिकारियों द्वारा संपत्तियों को जब्त कर लिया गया था।

बता दें कि, पिछले नौ साल में दाऊद या उसके परिवार की 11 संपत्तियां नीलाम हो चुकी हैं। जिसमें 4.53 करोड़ रुपए में बेचा गया एक रेस्तरां, 3.53 करोड़ रुपए में बेचे गए छह फ्लैट और 3.52 करोड़ रुपए में बिकने वाला एक गेस्ट हाउस शामिल है। 1993 के मुंबई सिलसिलेवार बम धमाकों का मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहिम, 1983 में मुंबई आने से पहले मुंबके गांव में रहता था। सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद उसने भारत छोड़ दिया, जिसमें 257 लोगों की मौत हो गई थी। 

12 मार्च, 1993 को मुंबई (तब बॉम्बे) सिलसिलेवार बम विस्फोटों से दहल गया था, जिसमें 257 लोग मारे गए थे, 700 से अधिक लोग घायल हुए थे और लगभग 27 करोड़ रुपए की संपत्ति नष्ट हो गई थी। महाराष्ट्र सरकार के अनुरोध पर मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दिया गया था। 16 जून, 2017 को मुस्तफा दोसा और अबू सलेम सहित कई आरोपियों को इस मामले में दोषी ठहराया गया था। वांछित आतंकवादी दाऊद इब्राहिम ने कथित तौर पर इन हमलों की योजना बनाई थी।

बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को छह महीने की जेल, जानें क्या है वजह

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बांग्लादेश के नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री डॉ. मुहम्मद यूनुस को एक अदालत ने 6 महीने जेल की सजा सुनाई है।डॉ. मुहम्मद यूनुस को सोमवार को एक अदालत ने श्रम कानून के उल्लंघन के आरोप में छह महीने जेल की सजा सुनाई।ढाका लेबर कोर्ट की जज शेख मरीना सुल्ताना ने सोमवार उन्हें 6 महीने कैद की सजा भी सुनाई, साथ ही 1 महीने की जमानत भी दी है। मामले में यूनुस के अलावा ग्रामीण टेलीकॉम के एमडी अशरफुल, निदेशक नूरजहां और मो. शाहजहां भी शामिल हैं।

श्रम अदालत की न्यायाधीश शेख मेरिना सुल्ताना ने फैसला सुनाते हुए कहा कि उनके खिलाफ श्रम कानून का उल्लंघन करने का आरोप सिद्ध हो चुका है। न्यायाधीश ने फैसला सुनाया कि यूनुस को एक व्यावसायिक कंपनी के तीन अन्य अधिकारियों के साथ ग्रामीण टेलीकॉम के अध्यक्ष के रूप में कानून का उल्लंघन करने के लिए छह महीने की साधारण कारावास की सजा काटनी होगी।न्यायाधीश ने उनमें से प्रत्येक पर 25,000 टका का जुर्माना भी लगाया और कहा कि ऐसा न करने पर उन्हें 10 दिन और जेल में काटने होंगे।

समर्थकों ने फैसले को राजनीति से प्रेरित बताया

यह फैसला बांग्लादेश में सात जनवरी को होने वाले आम चुनाव से कुछ दिन पहले आया है। फैसले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए उनके समर्थकों ने कहा कि आरोप उन्हें प्रताड़ित करने के लिए दायर किए गए थे।पिछले महीने, सुनवाई के लिए अदालत में पेश होने के बाद, यूनुस ने ग्रामीण टेलीकॉम या बांग्लादेश में स्थापित 50 से अधिक व्यावसायिक कंपनियों में से किसी से भी फायदा उठाने के दावों को खारिज कर दिया था।

शेख हसीना सरकार के साथ यूनुस का विवाद

प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के साथ अज्ञात कारणों से उनका विवाद जारी है। वर्ष 2008 में हसीना के सत्ता में आने के बाद अधिकारियों ने यूनुस के खिलाफ कई मामलों में जांच शुरू की थी। अगस्त 2023 में, ग्रामीण टेलीकॉम के 18 पूर्व कर्मचारियों ने यूनुस के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसमें उन पर उनकी नौकरी के फायदों को को हड़पने का आरोप लगाया गया था। श्रम कानूनों के उल्लंघन के आरोप में यूनुस पर अगस्त 2022 में मुकदमा चलाया गया था।

'10 साल तक हमारे पास चेहरा था, चेहरे ने क्या कर लिया ?..', INDIA गठबंधन का PM फेस पूछे जाने भड़के पवन खेड़ा

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने INDIA ब्लॉक के भीतर एक विशिष्ट प्रधान मंत्री पद के उम्मीदवार के महत्व को कम करते हुए कहा कि, "एक चेहरा बहुत हो गया।" उन्होंने चुनावों में PM चेहरे के प्रभाव पर सवाल उठाते हुए कहा कि, "हमारे पास 10 साल तक एक चेहरा था और चेहरे ने क्या कर लिया?"

खेड़ा ने महत्वपूर्ण मुद्दों पर इंडिया ब्लॉक की स्थिति को उजागर करने के महत्व पर जोर दिया और दावा किया कि मतदाता प्रधान मंत्री के चेहरे पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय गठबंधन के एजेंडे को समझने में अधिक रुचि रखते हैं। मीडिया के साथ बातचीत के दौरान पवन खेड़ा ने कहा कि, "चेहरा नहीं, आधार मायने रखता है। आप जिस तरह के मुद्दे उठाते हैं, वह मायने रखता है।" आगामी लोकसभा चुनाव और 2019 के चुनाव के बीच अंतर के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए, पवन खेड़ा ने कहा कि 2019 के चुनाव सामान्य नहीं थे। उन्होंने बताया कि, "चुनाव से पहले की घटनाओं ने बाकी सभी चीजों का ख्याल रखा। उन्होंने किसी भी पार्टी द्वारा उठाए गए हर अवधारणा, हर अभियान, हर दूसरे मुद्दे पर ग्रहण लगा दिया। इसलिए, हम 2019 की तुलना किसी अन्य चुनाव से नहीं कर सकते।"

कांग्रेस के भीतर उत्तर-दक्षिण विभाजन के बारे में चिंताओं को संबोधित करते हुए, खेड़ा ने दक्षिण में पार्टी की मजबूत उपस्थिति का संकेत देने वाला डेटा प्रस्तुत किया। उन्होंने दावा किया कि हिंदी पट्टी के राज्यों में पर्याप्त वोट शेयर कांग्रेस को एक मजबूत अखिल भारतीय पार्टी के रूप में मजबूत करता है। मतदाता भ्रम के संबंध में, खेड़ा ने इस विचार को खारिज करते हुए कहा कि मतदाता भारत जोड़ो यात्रा के संदेश को समझते हैं। छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में शिकस्त के बावजूद, उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत जोड़ो यात्रा 2.0, जिसे 'भारत न्याय यात्रा' नाम दिया गया है, की गूंज आने वाले हफ्तों में स्पष्ट हो जाएगी।

राहुल गांधी 14 जनवरी को मणिपुर की राजधानी इम्फाल से भारत न्याय यात्रा शुरू करने वाले हैं। इस यात्रा को कांग्रेस सुप्रीमो मल्लिकार्जुन खड़गे हरी झंडी दिखाएंगे, जो 14 राज्यों के 85 जिलों में 6,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगी और मुंबई में समाप्त होगी।

वाईएस शर्मिला थाम सकतीं हैं कांग्रेस का हाथ, मिल सकती है पार्टी में बड़ी भूमिका

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कांग्रेस दक्षिण भारत में अपनी जमीन मजबूत करने में जुटी हुई है। इस ओर पार्टी को सफलता मिलती भी दिख रही है।अगले साल लोकसभा चुनाव के साथ-साथ आंध्र प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जगह मोहन रेड्डी को गहरा झटका लगने वाला है। वाईएसआर तेलंगाना पार्टी की संस्थापक अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के प्रमुख जगन मोहन रेड्डी की बहन वाईएस शर्मिला इस सप्ताह कांग्रेस में शामिल होंगी।शर्मिला अपनी पार्टी वाईएसआर तेलंगाना पार्टी (YSRTP) का कांग्रेस में विलय करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, वह आधिकारिक तौर पर इस सप्ताह के अंत तक दिल्ली में कांग्रेस में शामिल होंगी।

बता दें कि इस साल आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में पार्टी शर्मिला को बड़ी जिम्मेदारी देकर पार्टी को फिर से खड़ा करने की तैयारी में है।सूत्रों का कहना है कि वाईएस शर्मिला को राज्यसभा, एआईसीसी महासचिव और आंध्र प्रदेश के पीसीसी की पेशकश की गई थी। शर्मिला कांग्रेस के ऑफर पर सहमत हो गईं हैं।यह माना जा रहा है कि कांग्रेस के इस कदम का उद्देश्य आंध्र प्रदेश में पार्टी को पुनर्जीवित करना है। पार्टी को उम्मीद है कि वाईएसआरसीपी छोड़ने के इच्छुक लोग अब कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।

बता दें कि पिछले साल नवंबर में तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान आखिरी वक्त पर वाई.एस. शर्मिला ने कांग्रेस को अपना सपोर्ट दिया था। उन्होंने अपनी पार्टी के किसी भी प्रत्याशी को चुनाव में उतारने से इंकार कर दिया था। शर्मिला ने तब कहा था कि तमाम सर्वे और जमीनी हकीकत से पता चलता है कि राज्य में कांग्रेस चुनाव जीत रही है। ऐसी स्थिति में अगर उनकी पार्टी मैदान में उतरती है तो कांग्रेस के वोट कटेंगे और इसका फायदा बीआरएस को मिलेगा। इसलिए उन्होंने अपना समर्थन कांग्रेस को दे दिया था। इसके बाद से ही चर्चा थी कि वाई.एस. शर्मिला को कांग्रेस इसके बदले में कुछ बड़ा इनाम दे सकती है। अब उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में करने की घोषणा करके हर किसी को हैरान कर दिया है।

शर्मिला पहली बार 2012 में सुर्खियों में तब आईं थीं जब तेलंगाना आंध्र प्रदेश से अलग नहीं हुआ था। राज्य आंदोलन के जोर पकड़ने की पृष्ठभूमि में, उनके भाई जगन मोहन रेड्डी ने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया और वाईएससीआरपी का गठन किया। उनके साथ 18 विधायक भी कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी में शामिल हुए थे। उस समय एक कांग्रेस सांसद ने भी इस्तीफा दिया था। इससे कई उपचुनावों का मार्ग प्रशस्त हुए। भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार होने के बाद जगन रेड्डी जेल में बंद थे और उनकी उपस्थिति में उनकी मां वाईएस विजयम्मा और बहन वाईएस शर्मिला ने अभियान का नेतृत्व किया। वाईएससीआरपी ने चुनावों में जीत हासिल की।नौ साल बाद यानी 2021 में ही शर्मिला ने कहा कि उनके भाई के साथ उनके राजनीतिक मतभेद हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि वाईएसआरसीपी की तेलंगाना में कोई उपस्थिति नहीं है। पिछले साल जुलाई में, उन्होंने वाईएसआर तेलंगाना पार्टी के गठन की घोषणा की और पूर्ववर्ती के.चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अभियान शुरू किया।

‘हिट एंड रन’ कानून के विरोध में देशभर में प्रदर्शन, थमे 25 लाख ट्रकों के पहिए, जन-जीवन हो सकता है प्रभावित

#truck_bus_drivers_protest_across_country_against_hit_and_run_law

सरकार के जरिए हाल ही में पास किए गए भारतीय न्याय संहिता को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। नए कानून में 'हिट-एंड-रन' सड़क दुर्घटना मामलों के संबंध में सात लाख का जुर्माना और 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है। इसे लेकर ट्रक ड्राइवर्स में खासा नाराजगी है। देश के अलग-अलग राज्यों में ट्रक ड्राइवरों का प्रदर्शन जारी है। विरोध में देशभर में करीब आधे ट्रकों के पहिए थम चुके हैं। विरोध में शामिल होने वाले ड्राइवरों की संख्‍या धीरे बढ़ती जा रही है। ड्राइवर रोड पर ट्रक छोड़कर जा रहे हैं। उत्‍तर प्रदेश,मध्‍य प्रदेश, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, पंजाब और उत्तराखंड में आज हालात बिगड़ सकते हैं।आल इंडिया मोटर ट्रांसपार्ट कांग्रेस (गैर राजनीतिक ) ने आज दोपहर में इस संबंध में देशभर के ट्रांसपोर्ट यूनियनों की बैठक बुलाई है, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।

मध्य प्रदेश में इसका सबसे ज्यादा असर दिख रहा है। ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के बाद भोपाल के कई पेट्रोल पंप पर लोग परेशान रहे। कई जगहों पर पेट्रोल-डीजल खत्म हो गए हैं। भोपाल में ट्रक ड्राइवरों चक्काजाम किया और टैक्सी, बस, ट्रैक्टर को भी रोक दिया, जिसके बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अब तक कानून के मुताबिक हिट एंड रन केस में 2 साल की सजा का प्रावधान था और बेल मिल जाती थी। इधर इंदौर और मुरैना समेत प्रदेश के कई जगहों पर ड्राइवरों ने विरोध प्रदर्शन किया।

मुंबई के 50 फीसदी पेट्रोल पंप ड्राई हुए

मुंबई में ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल का असर दिखने लगा है। मुंबई के 50% पेट्रोल पंप ड्राई हो चुके हैं, यानि उनमें पेट्रोल नहीं है। बीती रात नागरिकों द्वारा भराए गए पेट्रोल के बाद आज स्टॉक रिफिल नहीं हुआ है। आम तौर पर हर दिन 1500 गाड़ियां ईंधन की सप्लाई की जाती हैं, लेकिन आज एक भी गाड़ी अब तक एक भी ऑयल ट्रक मुंबई नहीं पहुंची हैं। पेट्रोल डीलर एसोसिएशन का कहना है के पेट्रोल सप्लाई करने वाली कंपनियों का सहयोग है। ऑयल ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर हैं, जिस वजह से मुंबई में शाम तक स्थिति बिगड़ सकती है।

लोगों को ईंधन की कमी का डर सता रहा

ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल की वजह से लोगों को ईंधन की कमी का डर सताने लगा है जिसकी वजह से लोग अपनी गाड़ियों के टैंक फुल करा लेना चाहते हैं। इसी होड़ की वजह से महाराष्ट्र के नागपुर के कई इलाकों में पेट्रोल पंपों पर भीड़ लगी। कई जगहों पर जाम की स्थिति पैदा हो गई। वहीं गुजरात के भी कई शहरों विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। कई पेट्रोल पंप मालिकों ने पंप बंद भी कर दिए है। वहीं जिन पेट्रोल पंपों में पेट्रोल मिल रहा है वहां 200 से 300 मीटर तक वाहनों की लाइन लगी है। लोग लाइन लगाकर अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे हैं।

नए कानून में क्या है?

संसद से पारित और कानून बनी भारतीय न्याय संहिता में हिंट एंड रन में लापरवाही से मौत में विशेष प्रावधान किए गए हैं। कानून के अनुसार अगर ड्राइवर के तेज और लापरवाही से गाड़ी चलाने से मौत होती है और वह पुलिस या मजिस्ट्रेट को जानकारी दिए बिना भाग जाता है तो 10 साल तक की कैद और 7 लाख रुपये जुर्माना लगेगा। ये कानून सभी प्रकार यानी दोपहिया से कार, ट्रक, टैंकर जैसे सभी वाहनों चालकों पर लागू होता है।

आज तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली एयरपोर्ट पर नए टर्मिनल भवन का शुभारंभ करेंगे पीएम मोदी, भारतीदासन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में होंगे शामिल

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 2-3 जनवरी तक तमिलनाडु, लक्षद्वीप और केरल में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के लिए तैयार हैं। 19,850 करोड़ रुपये से अधिक की पहल की व्यापक सूची में विमानन, रेल, सड़क, तेल और गैस, शिपिंग और उच्च शिक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्र शामिल हैं। तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में प्रधानमंत्री आज तिरुचिरापल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अत्याधुनिक नई टर्मिनल बिल्डिंग का उद्घाटन करेंगे। 

रिपोर्ट के अनुसार, नई इमारत का निर्माण 1,100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया गया है, जिसमें सालाना 4.4 मिलियन से अधिक यात्रियों को सेवा देने की क्षमता है। विशेष रूप से, वह भारतीदासन विश्वविद्यालय के 38वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता भी करेंगे। केरल में प्रधानमंत्री मोदी का प्रमुख परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने का कार्यक्रम है। इसमें इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (IGCAR), कलपक्कम में स्वदेशी रूप से विकसित प्रदर्शन फास्ट रिएक्टर ईंधन पुनर्प्रसंस्करण संयंत्र (DFRP) का उद्घाटन शामिल है।

प्रधान मंत्री की लक्षद्वीप यात्रा को क्षेत्र की इंटरनेट कनेक्टिविटी चुनौतियों का समाधान करने के कदम के रूप में चिह्नित किया गया है क्योंकि वह कोच्चि-लक्षद्वीप द्वीप समूह सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन (KLI- SOFC) परियोजना का उद्घाटन करेंगे। इससे इंटरनेट स्पीड 100 गुना से ज्यादा (1.7 GBPS से 200 GBPS तक) बढ़ जाएगी। आजादी के बाद पहली बार लक्षद्वीप को सबमरीन ऑप्टिक फाइबर केबल से जोड़ा जाएगा। लक्षद्वीप में, प्रधान मंत्री कल्पेनी में एक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधा के नवीनीकरण और पांच द्वीपों-एंड्रोथ, चेटलाट, कदमत, अगत्ती और मिनिकॉय में मॉडल आंगनवाड़ी केंद्रों (नंद घर) के निर्माण की आधारशिला रखेंगे।

लोकसभा चुनाव से पहले 'जन मन सर्वेक्षण' में पीएम मोदी ने मांगी जनता से राय, पूछा- कैसा रहा 10 वर्षों का कार्यकाल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय नागरिकों से पिछले एक दशक में भारत की प्रगति पर प्रतिक्रिया देने के लिए "जन मन सर्वेक्षण" में भाग लेने का आह्वान किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक हालिया पोस्ट में, प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को पिछले 10 वर्षों के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में भारत की प्रगति पर सीधे नमो ऐप पर उपलब्ध जन मन सर्वेक्षण के माध्यम से अपनी राय साझा करने के लिए आमंत्रित किया है।

उल्लेखनीय है कि, "जन मन सर्वेक्षण" शुरू में 19 दिसंबर को नमो ऐप पर पेश किया गया था, जो 2018 में शुरू की गई इसी तरह की पहल का एक हिस्सा है। इस सर्वेक्षण में पीएम मोदी के प्रशासन और स्थानीय प्रतिनिधियों के प्रदर्शन के बारे में व्यापक प्रश्न शामिल हैं। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि जनता के साथ पीएम मोदी के डिजिटल जुड़ाव का केंद्र नमो ऐप है, जिसके 2 करोड़ से अधिक ग्राहक हैं। पीएम मोदी ने पहले भी इसी तरह के सर्वेक्षण किए हैं, विशेष रूप से 2016 में नोटबंदी के कदम के बाद, 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले, और उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले ऐसे सर्वे किए गए थे।

एक रिपोर्ट के अनुसार, महत्वपूर्ण हिंदी भाषी राज्यों में 2018 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की हार के बाद किए गए एक सर्वेक्षण में पीएम किसान सम्मान निधि, किसानों के लिए आय सहायता योजना और सामान्य वर्ग के अंतर्गत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग आरक्षण (EWS) जैसी पहल की शुरुआत की गई। EWS कोटा के लिए 103वें संवैधानिक संशोधन विधेयक को जनवरी 2019 में मंजूरी दी गई थी और उसी वर्ष इसे लागू किया गया, जिससे सामान्य श्रेणी के समुदायों के साथ भाजपा का तालमेल मजबूत हुआ।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एक सरकारी सूत्र ने संकेत दिया है कि चल रहे सर्वेक्षण के नतीजे राजनीतिक जुड़ाव को बढ़ाएंगे और 2019 की शुरुआत की गतिशीलता के समान नई अभियान रणनीतियों को बढ़ावा देंगे। सर्वेक्षण में सरकारी योजनाओं के बारे में व्यापक पूछताछ से लेकर व्यक्तिगत सांसदों या विधायकों की लोकप्रियता और चुनावी प्राथमिकताओं के बारे में विशिष्ट प्रश्नों तक कई तरह के प्रश्न शामिल हैं। नमो ऐप पर सर्वेक्षण सहित पिछले फीडबैक तंत्र को ध्यान में रखते हुए, भाजपा ने 2019 में अपने पहली बार के 35% सांसदों को नया रूप दिया, जबकि अपने 268 लोकसभा सांसदों में से 173 को बरकरार रखा। आसन्न 2024 के लोकसभा चुनावों के साथ, मोदी अपने मुख्य समर्थकों के साथ जुड़े हुए हैं और उनकी प्रतिक्रिया के आधार पर अंतर्दृष्टि और रणनीतियां तलाश रहे हैं।

2024 के पहले दिन भूकंप के 155 झटकों से दहला जापान, कई लोगों की मौत, 33000 घरों की बिजली गुल, मचा त्राहिमाम

2024 के पहले दिन जापान में आए शक्तिशाली भूकंपों की एक श्रृंखला के बाद कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि अधिकारियों को आपदा की भयावहता का मूल्यांकन करने के लिए संघर्ष करना पड़ा। जापान मौसम विज्ञान कार्यालय ने कहा कि सोमवार से द्वीप राष्ट्र में कम से कम 155 भूकंप आए हैं, जिनमें प्रारंभिक 7.6 तीव्रता का झटका और 6 से अधिक तीव्रता का झटका शामिल है।

अधिकारियों ने शुरुआती भूकंप के तुरंत बाद सुनामी की चेतावनी जारी की, जिसमें देश में 5 फीट तक ऊंची लहरें उठीं। रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 33,000 घरों में बिजली नहीं है और प्रमुख राजमार्गों सहित देश भर में कई महत्वपूर्ण मार्ग बंद हैं, जिससे डॉक्टरों और सेना के जवानों को बचाव सेवाओं में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। जापान के सार्वजनिक प्रसारक एनएचके ने कहा कि वाजिमा शहर में आठ लोगों की मौत की सूचना मिली है, जो भूकंप के केंद्र के पास है। रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी ने छह लोगों की मौत की पुष्टि की है।

जापान के अपेक्षाकृत सुदूर नोटो प्रायद्वीप में सेना के हजारों जवानों को तैनात किया गया है, जो देश का भूकंप से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है। हालाँकि, क्षतिग्रस्त और अवरुद्ध सड़कों के कारण बचाव अभियान बाधित हो गया है, जिसमें रनवे पर दरार के कारण क्षेत्र के एक हवाई अड्डे को बंद करना भी शामिल है। क्षेत्र में कई रेल सेवाएं और उड़ानें भी निलंबित कर दी गई हैं। जापान के परिवहन मंत्रालय ने कहा कि चार एक्सप्रेसवे, दो हाई-स्पीड रेल सेवाएं, 34 स्थानीय ट्रेन लाइनें और 16 नौका लाइनें रोक दी गईं, जबकि देश में भूकंप के झटके के बाद से 38 उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। हालाँकि, जापान मौसम विज्ञान कार्यालय ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में देश में और अधिक शक्तिशाली झटके आ सकते हैं।

सोमवार के भूकंप और उसके बाद आए कई अन्य भूकंपों से हुई क्षति का स्तर अभी भी सामने आ रहा है। समाचार फ़ुटेज में ढही हुई इमारतें, एक बंदरगाह पर डूबी हुई नावें, कई जले हुए घर और रात भर तापमान गिरने के कारण बिजली बंद होने के कारण स्थानीय लोगों को दिखाया गया। हवाई समाचार फ़ुटेज में सुज़ू शहर के मछली पकड़ने वाले बंदरगाह पर डूबी हुई नावें दिखाई गईं।

वीडियो में दिखाया गया है कि भूकंप के कारण वाजिमा में भीषण आग लग गई, जिसने कई घरों को अपनी चपेट में ले लिया। लोगों को अंधेरे में निकाला गया, कुछ के पास कंबल थे और कुछ के पास बच्चे थे। वाजिमा अग्निशमन विभाग के एक ड्यूटी अधिकारी ने कहा कि वे बचाव अनुरोधों और नुकसान की रिपोर्टों से अभिभूत हैं, उन्होंने कहा कि मंगलवार सुबह से यह संख्या बढ़ रही है।

रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि हजारों लोगों को खाली करने का आदेश दिया गया था, जिनमें से लगभग 1,000 लोग सैन्य अड्डे पर रह रहे थे। जापानी सरकार ने कहा कि सोमवार रात तक, होंशू द्वीप के पश्चिमी तट पर नौ प्रान्तों में 97,000 से अधिक लोगों को खाली करने के लिए कहा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इन लोगों ने स्पोर्ट्स हॉल और स्कूल जिम्नेजियम में रात बिताई।

इशिकावा प्रान्त में मंगलवार तक लगभग 33,000 घर बिजली के बिना रहे। एनएचके ने बताया कि उत्तरी नोटो प्रायद्वीप के अधिकांश क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति नहीं है। पड़ोसी निगाटा प्रान्त में कम से कम 700 घर बिजली के बिना रहे। इस बीच, पश्चिम जापान रेलवे ने सोमवार देर रात कहा कि कनाज़ावा और टोयामा शहरों के बीच चार हॉल्टर बुलेट ट्रेन सेवाओं पर कुल 1,400 यात्री फंसे हुए हैं।

जापानी प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा ने सोमवार देर रात संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने खोज और बचाव टीमों को "जो भी उपलब्ध साधन" के साथ भूकंप प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने का आदेश दिया है। मंगलवार को एक आपातकालीन आपदा बैठक के दौरान टेलीविजन पर प्रसारित टिप्पणियों में उन्होंने कहा, "भूकंप से प्रभावित लोगों की खोज और बचाव समय के खिलाफ लड़ाई है।"

जापान में आए शक्तिशाली भूकंप के बाद रूस, दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया ने सुनामी की चेतावनी जारी की है। रूसी राज्य समाचार एजेंसी TASS ने सोमवार को अधिकारियों के हवाले से खबर दी कि सखालिन द्वीप के पश्चिमी तट और मुख्य भूमि प्रिमोर्स्क और खाबरोवस्क क्षेत्र सुनामी के खतरे में हैं। इस बीच, जापान में आए भीषण भूकंप के बाद दक्षिण कोरिया के पूर्वी तट पर 3.3 फीट से नीचे की सुनामी पहुंच गई। अलग से, उत्तर कोरिया ने अपने तट के लिए 2 मीटर से अधिक की आबादी के लिए चिंता जताई है।