कहां सेट होंगे शिवराज, वसुंधरा और रमन? जेपी नड्डा ने कर दिया साफ
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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे चर्चा में हैं। मध्य प्रदेश और राजस्थान में बीजेपी ने नए चेहरों पर दांव खेला है। डॉक्टर मोहन यादव ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। छत्तीसगढ़ को भी विष्णुदेव साय के रूप में नया मु्ख्यमंत्री मिल गया है। राजस्थान में भी भजनलाल शर्मा के रूप में मुख्यमंत्री पद के लिए नाम तय हो चुका है। तीनों ही राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने शिवराज सिंह चौहान, डॉक्टर रमन सिंह और वसुंधरा राजे जैसे कद्दावर नेताओं को दरकिनार कर मुख्यमंत्री पद के लिए नए चेहरों पर दांव लगाया है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि शिवराज सिंह, वसुंधरा राजे और रमण सिंह कहां सेट होंगे?
शिवराज सिंह चौहान, वसुंधरा राजे और रमन सिंह के राजनीतिक भविष्य को लेकर उठ रहे सवालों के बीच भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का जवाब सामने आया है। बीजेपी चीफ ने एक इंटरव्यू में कहा, 'मैंने उनसे कहा है कि नए काम में लग जाइए।' क्या काम मिलेगा? क्या दिल्ली बुलाएंगे? भाजपा अध्यक्ष ने इस सवाल पर मुस्कुराते हुए कहा कि वो तो हम सब मिलकर तय करेंगे। अभी तो हम नए फॉर्मेशन में लगे हैं लेकिन इनको हम नया काम देंगे और ये सब हमारे इतने वरिष्ठ नेता 15 साल -16 साल के अनुभव वाले चीफ मिनिस्टर हैं। भारतीय जनता पार्टी एक साधारण कार्यकर्ता का उपयोग करने में पीछे नहीं रहती है। तो इन लोगों का उपयोग करने से हम कहां पीछे रहेंगे। इनको काम देंगे।इनके कद के अनुसार देंगे। इनको अच्छे तरीके से काम में लगाएंगे।
बीजेपी अध्यक्ष ने आगे बताया कि उनकी पार्टी न केवल वरिष्ठ पदों पर बल्कि जमीनी स्तर पर भी किसी नेता का चयन करने के लिए गहन रिसर्च करती है। बीजेपी में सभी कार्यकर्ताओं पर गहराई से नजर रखी जाती है। उनके इतिहास, उनकी गतिविधियों और उनकी प्रतिक्रियाओं पर हमारे पास एक विशाल डेटा बैंक है और हम समय-समय पर इसका अध्ययन करते हैं।
मुख्यमंत्री के चयन पर जेपी नड्डा ने कहा, यह प्रक्रिया उस समय शुरू हुई जब चुनाव की तारीखें घोषित की गईं और पार्टी ने टिकट देना शुरू किया। जब से हमने उम्मीदवारों को टिकट दिए हमारा नेता कौन होगा, विपक्ष या सत्ता पक्ष के लिए कौन अच्छा नेता होगा, तभी से चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई। यह एक सतत प्रक्रिया है। चुनाव नतीजे आने के बाद यह सिलसिला तेज हो गया है। गहन मंत्रणा होती है। यही बात कैबिनेट चयन के लिए भी लागू होती है।
Dec 14 2023, 13:54