मेरे घर तो कोई पूछने नहीं आया..', CM सिद्धारमैया की कराई गई जातिगत जनगणना पर डिप्टी सीएम शिवकुमार को भरोसा नहीं !
कर्नाटक में जातिगत जनगणना कांग्रेस पार्टी के लिए गले की फांस बन गई है। देश के 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रचार के दौरान जातिगत जनगणना करवाने का वादा किया था, लेकिन जहाँ कांग्रेस सालों पहले जातिगत जनगणना करवा चुकी है, वहां रिपोर्ट ही जारी नहीं कर रही है। कर्नाटक भी ऐसा ही एक राज्य है, जहाँ जातिगत जनगणना पर भाजपा को घेरने वाली कांग्रेस सत्ता में है। किन्तु सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार में इस मुद्दे पर टकराव दिख रहा हैं।
दरअसल, दरअसल सिद्धारमैया की पहले वाली सरकार ने ही 170 करोड़ रुपए खर्च कर 2015 में जाति जनगणना करवाई थी। इसके बाद 2018 तक कांग्रेस सत्ता में रही, लेकिन उसकी रिपोर्ट जारी नहीं की गई। अब राज्य में फिर से कांग्रेस के हाथ में सत्ता है, किन्तु डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार नहीं चाहते हैं कि रिपोर्ट जारी की जाए। इसी बात पर कर्नाटक में टकराव चल रहा है। लेकिन, ये मसला अब केवल कर्नाटक तक सीमित नहीं रह गया है। संसद में इस पर गहमागहमी देखी गई। दरअसल, जम्मू-कश्मीर से संबंधित दो बिल पर राज्यसभा में चर्चा चल रही थी। भाजपा सांसद सुशील मोदी ने संसद में कहा कि कांग्रेस कभी भी पिछड़ों की हितैशी नहीं रही। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार का ही उदाहरण दे डाला। सदन में उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से पुछा कि ''खरगे जी सदन को बताएं कि कर्नाटक में आपकी सरकार जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट कब सार्वजनिक करने वाली है, क्योंकि आपके डिप्टी सीएम (शिवकुमार) रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के खिलाफ हैं।
इस पर जवाब देते हुए कांग्रेस सुप्रीमो खड़गे ने कहा कि सारे 'ऊंची जाति' वाले इस मसले में एक ही ओर हैं। इसके बाद उन्होंने अपनी ही पार्टी के दिग्गज नेता डीके शिवकुमार को ही घेर लिया। उन्होंने कहा कि 'वो (शिवकुमार) भी विरोध कर रहे हैं। आप (भाजपा) भी विरोध कर रहे हैं। इस मामले में दोनों एक ही साइड हैं। ये जाति से संबंधित मामला है। और ऊंची जाति के लोग आंतरिक रूप से मिले हुए होते हैं।' अब इसपर डीके शिवकुमार की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा है कि वो जातिगत जनगणना के खिलाफ नहीं है।
शिवकुमार ने कहा कि, ''मैं एक सिस्टमैटिक जनगणना चाहता हूं। जनगणना वैज्ञानिक तरीके से होनी चाहिए। मेरे घर तो कोई नहीं आया मुझसे पूछने।'' हालाँकि, ऐसा कहकर शिवकुमार ने अपनी ही सरकार द्वारा कराई गई जातिगत जनगणना की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए कि, जनगणना सही तरीके से नहीं कराई गई और उनके घर ही कोई पूछने नहीं आया। डीके शिवकुमार ने कहा कि वो भी पिछड़े वर्ग (OBC) से आते हैं और जातिगत जनगणना पर कांग्रेस पार्टी के पक्ष में हैं।
बता दें कि, बिहार में जातिगत जनगणना की रिपोर्ट सामने आने के बाद से कर्नाटक में भी रिपोर्ट सामने आने की बात चल रही थी। हाल ही में सीएम सिद्धारमैया ने कर्नाटक के स्टेट कमीशन फॉर बैकवर्ड क्लास के अध्यक्ष के जयप्रकाश हेगड़े का कार्यकाल बढ़ा दिया था। हेगड़े का तीन वर्ष का कार्यकाल इस साल 25 नवंबर को समाप्त हो रहा था। इसके बाद सिद्धरमैया ने उन्हें जातिगत जनगणना की रिपोर्ट तैयार होने तक एक्सटेंशन दिया था, अब रिपोर्ट भी तैयार हो चुकी है, लेकिन जारी नहीं हो पा रही। क्योंकि, राज्य के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को ही सिद्धारमैया सरकार द्वारा कराइ गई जातिगत जनगणना पर भरोसा नहीं है।
Dec 13 2023, 12:34