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*गाजा में युद्धविराम पर यूएन में आया प्रस्‍ताव खारिज, अमेरिका ने वीटो का इस्तेमाल कर दिया दोस्त का साथ, जानें भारत का रूख*

#us_vetoes_un_security_council_resolution_calling_for_gaza_ceasefire

हमास-इजरायल के बीच गाजा में चल रही लड़ाई पिछले करीब दो महीने से जारी है। हमास के साथ युद्ध के बीच इजराइल के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका ढाल बन कर खड़ा है। इस बीच यूएस ने एक बार फिर अपनी दोस्ती निभाई है।दरअसल, पिछले 2 महीने से अधिक से जारी युद्ध के बीच एक हफ्ते के लिए युद्धविराम हुआ था। इसके बाद फिर जंग शुरू हो गई। इस बीच गाजा में युद्धविराम के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव पेश किया गया।इस प्रस्‍ताव को अमे‍रिका की तरफ से खारिज कर दिया गया है।इसका मतलब साफ है कि अभी गाजा के आसमान में बम बरसते रहेंगे और मासूम लोगों को जान गंवानी पड़ेगी।

गाजा में युद्धविराम के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव पेश किया गया।संयुक्त अरब अमीरात समर्थित प्रस्‍ताव के पक्ष में 13 देश थे जिसमें तीन स्‍थायी सदस्‍य रूस, चीन और फ्रांस भी शामिल हैं। यूके वोटिंग से गायब रहा। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक मुताबिक संयुक्त अरब अमीरात के उप राजदूत मोहम्मद अबूशाहब ने परिषद से कहा, अगर हम गाजा पर लगातार बमबारी रोकने के आह्वान के पीछे एकजुट नहीं हो सकते तो हम फिलिस्तीनियों को क्या संदेश दे रहे हैं? प्रस्ताव में तत्काल एक मानवीय युद्धविराम लागू किए जाने के साथ-साथ, तमाम बन्धकों की तत्काल व बिना शर्त रिहाई और मानवीय सहायता आपूर्ति के लिए सुलभता की मांग की गई थी।

सुरक्षा परिषद में अमेरिका ने इजरायल के पक्ष में अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल किया। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी उप प्रतिनिधि रॉबर्ट वुड ने जोर देकर कहा कि प्रस्ताव वास्तविकता से अलग है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से हमारी लगभग सभी सिफारिशों को नजरअंदाज कर दिया गया। इसलिए वे वीटो का इस्तेमाल कर रहे हैं।

चीन और रूस ने अमेरिका ने इस फैसले की कड़ी निंदा की। रूस ने अमेरिका को हर्टलेस बताया। ब्राजील ने कहा कि अगर गाजा में तत्काल युद्धविराम नहीं हुआ तो काफी नुकसान होगा। वहीं, फिलिस्तीनी राजदूत ने प्रस्ताव की विफलता को विनाशकारी बताया। उन्होंने कहा कि गाजा पर इजराइली हमले से और अधिक अत्याचार, हत्याएं और विनाश होंगे।

यह प्रस्‍ताव तब आया जब यूएनएससी में महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने पहली बार संयुक्त राष्‍ट्र चार्टर के अनुच्छेद 99 को लागू किया। यह वह नियम है जो संयुक्त राष्‍ट्र प्रमुख को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरे उठाने में सक्षम बनाता है। गुटारेसे ने गाजा में 'मानवीय तबाही' की चेतावनी दी थी। 

बता दें कि इससे पहले भी अमेरिका खुलकर इजरायल के पक्ष में यूएन में बोलता रहा है। इससे पहले भी पेश किए गए प्रस्ताव पर अमेरिका वीटो कर चुका है। इस तरह से अमेरिका एक बार फिर इजरायल के लिए ढाल बनकर खड़ा हो गया।

अकबरुद्दीन ओवैसी को बनाया गया तेलंगाना का प्रोटेम स्पीकर, भड़के बीजेपी विधायक टी राजा, बोले-हम नहीं लेंगे शपथ

#trajasinghonakbaruddinowaisiappointedtelanganaprotem_speaker

अकबरुद्दीन ओवैसी को तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने विधानसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन की ओर से नियुक्ति के बाद एआईएमआईएम विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर के तौर पर शपथ ली।उनकी नियुक्ति पर बीजेपी विधायक टी राजा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।उन्होंने कहा है कि जब तक वो जिंदा हैं वो ओवैसी के सामने शपथ नहीं लेंगे। दरअसल, भारत के संविधान के अनुच्छेद 178 के तहत एक प्रोटेम स्पीकर विधिवत नया अध्यक्ष चुने जाने तक विधानसभा की कार्यवाही संचालित करता है। यानी, अकबरुद्दीन ओवैसी नवनियुक्त विधायकों को शपथ दिलाएंगे।ऐसे में बीजेपी ने नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है।

ओवैसी को प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने पर भाजपा विधायक टी राजा सिंह ने कहा कि नई सरकार, कांग्रेस के नए मुख्यमंत्री बनने के बाद रेवंत रेड्डी और कांग्रेस का असली चेहरा सामने आ गया है। रेवंत रेड्डी हर बार कहते थे कि भाजपा, बीआरएस और एआईएमआईएम एक है। आज पता चल गया कि कौन किसके साथ है। शनिवार को हम अकबरुद्दीन के सामने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे और समारोह का बहिष्कार करेंगे।

एआईएमआईएम के सामने शपथ नहीं लेंगे

बीजेपी विधायक टी राजा ने एक वीडियो जारी कर कहा- कांग्रेस सरकार ने आदेश निकाला है कि कल अकबरुद्दीन ओवैसी के सामने सभी लोग शपथ समारोह में शामिल होंगे। ये राजा सिंह जब तक जिंदा है, एआईएमआईएम के सामने शपथ नहीं लेगा, अकबरुद्दीन ओवैसी के सामने शपथ नहीं लेगा।

टी राजा ने 2018 में भी शपथ नहीं ली थी

गोशामहल से बीजेपी विधायक टी राजा ने कहा- मैं मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से पूछना चाहता हूं कि क्या आप भी बीआरएस के रास्ते पर चलना चाहते हैं। 2018 में बीआरएस सरकार की तरफ से ओवैसी को प्रोटेम स्पीकर बनाकर बिठाया गया था, हमने तब भी शपथ नहीं ली थी। उन्होंने कहा कि उनका सरकारी जमीनों पर कब्जा है। वे तेलंगाना में रहकर हिंदुओं को मारने की बात करते हैं। क्या ऐसे शख्स के सामने शपथ लेंगे? रेवंत रेड्डी कहते थे कि बीआरएस, एआईएमआईएम और बीजेपी एक है, लेकिन अब बताइए कि एआईएमआईएम से आपका क्या रिश्ता है।

क्या होता है प्रोटेम स्पीकर?

भारत के संविधान के अनुच्छेद 188 के तहत निर्वाचित सदस्य प्रोटेम स्पीकर से शपथ लेते हैं और उस पर हस्ताक्षर करते हैं। देखा जाए तो प्रोटेम स्पीकर सदन का एक अस्थायी अधिकारी होता है जो सभी नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथ लेने और एक आधिकारिक स्पीकर का चुनाव होने तक तक विधानसभा सत्र का संचालन करता है। एक बार विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने के बाद प्रोटेम स्पीकर का पद खत्म हो जाता है और आधिकारिक स्पीकर यह भूमिका संभाल लेता है।

ISIS मॉड्यूल पर एनआईए की बड़ी कार्रवाई, कर्नाटक-महाराष्ट्र में 44 लोकेशन पर रेड, कई हिरासत में

#nia_raids_across_several_places_in_maharashtra_karnataka

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया(आईएसआईएस) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। एनआईए ने शनिवार सुबह से ही कर्नाटक और महाराष्ट्र में लगभग 44 लोकेशन पर छापेमारी की है।समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, ये छापेमारी वैश्विक आतंकी समूह आईएसआईस के जरिए देशभर में आतंकी हमला करने की साजिश से जुड़े एक मामले में हो रही है।

एनआईए के अधिकारियों ने कर्नाटक में 1, पुणे में 2, ठाणे ग्रामीण में 31 और ठाणे शहर में 9 और भयंदर में एक स्थान पर छापेमारी की। इस दौरान अधिकारियों ने कई संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया।

बता दें कि इससे पहले एनआईए ने जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में छापेमारी की थी। एनआईए ने आतंकवाद रोधी मामले में जांच के तहत मंगलवार को कश्मीर घाटी के पांच जिलों में कई स्थानों पर छापेमारी की। यहां अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एनआईए के अधिकारियों ने घाटी के बारामूला, गांदरबल, कुपवाड़ा, पुलवामा और शोपियां जिलों में छापे मारे।

*ISIS मॉड्यूल पर एनआईए की बड़ी कार्रवाई, कर्नाटक-महाराष्ट्र में 44 लोकेशन पर रेड, कई हिरासत में*

#nia_raids_across_several_places_in_maharashtra_karnataka

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया(आईएसआईएस) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। एनआईए ने शनिवार सुबह से ही कर्नाटक और महाराष्ट्र में लगभग 44 लोकेशन पर छापेमारी की है।समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, ये छापेमारी वैश्विक आतंकी समूह आईएसआईस के जरिए देशभर में आतंकी हमला करने की साजिश से जुड़े एक मामले में हो रही है।

एनआईए के अधिकारियों ने कर्नाटक में 1, पुणे में 2, ठाणे ग्रामीण में 31 और ठाणे शहर में 9 और भयंदर में एक स्थान पर छापेमारी की। इस दौरान अधिकारियों ने कई संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया।

बता दें कि इससे पहले एनआईए ने जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में छापेमारी की थी। एनआईए ने आतंकवाद रोधी मामले में जांच के तहत मंगलवार को कश्मीर घाटी के पांच जिलों में कई स्थानों पर छापेमारी की। यहां अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एनआईए के अधिकारियों ने घाटी के बारामूला, गांदरबल, कुपवाड़ा, पुलवामा और शोपियां जिलों में छापे मारे।

नवाब मलिक पर गरमाई महाराष्ट्र की सियासत, फडणवीस और पवार आमने सामने

#fadnavisajitpawarfacetofaceonnawabmalik

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर बखेड़ा खड़ा हो गया है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायक नवाब मलिक के डिप्टी सीएम अजित पवार गुट के साथ नजर आए। जिसको लेकर बीजेपी नेता और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस खफा नजर आ रहे हैं। 

फडणवीस ने अजित पवार को पत्र लिखकर नवाब मलिक को राज्य की सत्तारूढ़ ‘महायुति’ या महागठबंधन में शामिल करने पर विरोध जताया है। नवाब मलिक के भाजपा नीत महायुति में शामिल होने के कयासों के बीच राज्य के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के दूसरे डिप्टी सीएम अजित पवार को पत्र लिखा। इस पत्र में फडणवीस ने सलाह दी कि अजित पवार को नवाब मलिक को अपनी पार्टी में शामिल नहीं करना चाहिए। फडणवीस ने पत्र में लिखा, 'आपकी पार्टी में कौन शामिल होगा, कौन नहीं, इसका फैसला करने का अधिकार आपका है लेकिन मुझे लगता है कि नवाब मलिका को पार्टी में शामिल करने से गठबंधन को नुकसान हो सकता है। 

इस मामले में शुक्रवार को नवाब मलिक के मुद्दे पर दो बड़ी बैठकें हुईं। उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राकांपा उप मुख्यमंत्री अजित पवार गुट के नेता प्रफुल्ल पटेल की आज मुलाकात हुई। सूत्रों ने जानकारी दी है कि इस बैठक में नवाब मलिक पर चर्चा हुई। देवेंद्र फडणवीस ने प्रफुल्ल पटेल को अपने पत्र के बारे में बताया। सूत्रों ने जानकारी दी है कि बैठक में फड़णवीस ने प्रफुल्ल पटेल से कहा कि आप आगे फैसला करें।

उधर, अजित पवार और नवाब मलिक की भी मुलाकात हुई है। दोनों नेताओं के बीच करीब 15 मिनट तक चर्चा हुई। इस मौके पर चल रहे विवाद पर भी चर्चा हुई। सूत्रों ने जानकारी दी है कि अजित पवार ने मलिक को देखो और इंतजार करो की नीति पर चलने की सलाह दी है। दिलचस्प बात यह है कि जब अजित पवार और नवाब मलिक की मुलाकात हुई तो एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल और छगन भुजबल भी मौजूद थे।

क्यों शुरू हुआ विवाद?

नागपुर में शुरू शीतकालीन सत्र के पहले दिन एनसीपी विधायक विधान भवन परिसर में अजित पवार की अगुवाई वाले गुट के सदस्यों के बगल में पिछली पंक्ति की बेंचों पर बैठ नजर आए थे। नवाब मलिक जब जेल से बाहर आए थे। तब एनसीपी के दोनों गुटों के नेताओं ने मलिक से मुलाकात की थी। इतना ही नहीं 64 साल के नवाब मलिक का अजित के करीबी नेता अनिल पाटिल ने सभी स्वागत किया था। नवाब मलिक पर जो आरोप हैं अब उनको लेकर देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें महायुति (बीजेपी-शिवसेना और एनसीपी अजित गुट) का हिस्सा नहीं बनाने को कहा है। नवाब मलिक इससे पहले उद्धव सरकार में मंत्री थे। वे एनसीपी से पांचवीं बार विधायक बने हैं।

अगस्त महीने में जेल से बाहर आए नवाब मलिक

बता दें कि नवाब मलिक अगस्त महीने में जेल से बाहर आए हैं। इससे पहले ईडी ने पिछले साल फरवरी में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मलिक की गिरफ्तारी की थी। मलिक पर एजेंसियों का आरोप है कि उन्होंने मुंबई में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके साथियों के साथ कथित तौर पर पैसों का लेनदेन किया। मलिक पर यह भी आरोप है कि उन्होंने दाऊद इब्राहिम गैंग की जमीनें सस्ते दामों पर खरीदीं। 18 महीने जेल में रहने के बाद 23 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें खराब सेहत के आधार पर जमानत दी थी।

जब 18 साल पहले 11 सांसदों की गई थी सदस्यता, अब महुआ मोइत्रा पर गिरी गाज

#cash_for_query_case_2005_of_indian_parliament_when_11_mp_expelled

कैश फॉर क्वेरी मामले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा पर गाज गिरी है। महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी गई है। संसद के शीतकालीन सत्र के पांचवे दिन लोकसभा ने एथिक्स कमेटी की उस रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है जिसमें मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश की गई थी।महुआ मोइत्रा मामले में एथिक्स कमिटी की सिफारिश पर लोकसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस मामले में सरकार की तरफ से 'जल्दबाजी' का आरोप लगाया। इस पर संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने 2005 के कैश फॉर क्वेरी मामले का जिक्र किया, जब 11 सांसदों को बिना उनका पक्ष सुने ही निष्कासित कर दिया गया था।

महुआ मोइत्रा मामले में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने अपने फैसले में 18 साल पहले पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के उस फैसले का हवाला दिया जिसमें नोट फॉर क्वेरी मामले में साल 2005 में सोमनाथ चटर्जी ने इसी तरह के आरोपों लेकर 11 सांसदों की सदस्यता रद्द कर दी थी।18 साल पहले 2005 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल के एक साल बाद, डिजिटल पोर्टल कोबरापोस्ट ने एक स्टिंग ऑपरेशन किया था। इसमें ऑपरेशन दुर्योधन के तहत सांसदों को फंसाया गया था, जिन्होंने कथित तौर पर पैसे के बदले में एक कंपनी को बढ़ावा देने और सदन में सवाल पूछने की इच्छा दिखाई थी और फिर उन सांसदों ने संसद में सवाल भी पूछे थे।

स्टिंग ऑपरेशन की तस्वीरें और वीडियो 12 दिसंबर 2005 को कई चैनल्स पर प्रसारित किए गए। इस प्रसारण ने देश में एक सनसनी मचा दी। लोकसभा और राज्यसभा ने घोटाले की जांच के लिए अलग-अलग समितियां बनाईं। इन समितियों ने अपने-अपने निष्कर्षों में सांसदों को दोषी पाया। लोकसभा ने 10 सांसदों को निष्कासित कर दिया, जबकि राज्यसभा ने एक सांसद को निष्कासित कर दिया। निष्कासित 11 सांसद किसी एक पार्टी के नहीं थे। इनमें से छह बीजेपी से, तीन बसपा से और एक-एक राजद और कांग्रेस से थे। बीजेपी से सांसद सुरेश चंदेल, अन्ना साहेब पाटिल, चंद्र प्रताप सिंह, छत्रपाल सिंह लोध, वाई जी महाजन और प्रदीप गांधी।

उस समय भी काफी बवाल मचा था। हालांकि उस समय विपक्ष के नेता रहे एलके आडवाणी ने कहा था कि सांसदों ने जो कुछ किया वह मूर्खता है। इसके लिए निष्कासन बहुत ही कठोर सजा होगी। आडवाणी ने निष्कासन की तुलना “मृत्युदंड” से की थी। इस मामले में जनवरी 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने भी सांसदों के निष्कासन के फैसले को सही ठहराया था।

सांसदी जाने के बाद बौखलाईं महुआ, बोलीं-ये आपको अंत की शुरूआत

#mahua_moitra_slams_modi_central_government

कैश फॉर क्वेरी मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द हो गई है। लोकसभा की एथिक्स कमिटी ने उनकी सदस्यता खत्म करने की सिफारिश की थी। शुक्रवार को कमिटी की रिपोर्ट पर लोकसभा में चर्चा हुई और संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने टीएमसी सांसद की सदस्यता रद्द करने का प्रस्ताव रखा। प्रस्ताव पास होने के बाद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द हो गई।

इस रिपोर्ट पर बहस कराए जाने और महुआ मोइत्रा को लोकसभा में अपनी बात रखने की मांग को लोकसभा स्पीकर ने ये कहते हुए ठुकरा दिया कि उन्हें पैनल की बैठक के दौरान अपना पक्ष रखने का मौका मिल चुका है।महुआ मोइत्रा को सांसद से निलंबित किए जाने के बाद टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं के साथ संसद की कार्यवाही का वॉकआउट किया। विपक्षी सदस्यों ने लोकसभा से बहिर्गमन किया। इस दौरान सभी विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि बीजेपी और केंद्र सरकार बदले की राजनीति कर रही है

लोकसभा से निष्कासित किए जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा ने मोदी सरकार पर जमकर भड़ास निकाली। मोइत्रा ने कहा है कि एथिक्स कमेटी के पास उन्हें निष्कासित करने की सिफ़ारिश करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि इस कंगारू कोर्ट में जो कुछ हुआ, वो बताता है कि अदानी को बचाने के लिए मोदी सरकार क्या कुछ कर सकती है। महुआ मोइत्रा ने कहा, मैं 49 साल की हूं और मैं अगले 30 साल तक संसद के अंदर और बाहर आपके ख़िलाफ़ संघर्ष करूंगी। मैं गटर में लड़ूंगी, मैं सड़कों पर लड़ूंगी। 

महुआ मोइत्रा ने बांग्ला में कहा - लोग आपका अंत देखेंगे। आपके पास पंजाब नहीं है, सिंध हमारे पास नहीं है, द्रविड़ आपका नहीं है, उत्कल आपका नहीं है, बंगाल आपका नहीं है। आप कहां से हम पर राज करेंगे, आपको ये शक्तिशाली बहुमत कहां से मिलेगा? एथिक्स कमेटी के पास निष्कासित करने का अधिकार नहीं है. आपने अर्धन्यायिक अथॉरिटी की अधिकार लिए और मुझ पर कार्रवाई कर दी। आपने प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है। ये आपके अंत की शुरुआत है। हम लौटेंगे और आपका अंत देखेंगे।

पूरे मामले को लेकर टीएमसी चीफ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हम महुआ मोइत्रा के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा, हम महुआ मोइत्रा के साथ हैं। ये गणतंत्र के अधिकारों का हनन है। मुझे लगा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का इस बात पर सही रवैया होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ये पूरी संसद के लिए दुख भरा दिन है।

बता दें कि महुआ मोइत्रा पर उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी से महंगे उपहार के एवज में उनकी तरफ से संसद में सवाल पूछने का आरोप है। इतना ही नहीं, उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने संसदीय लॉग इन आईडी और पासवर्ड को भी हीरानंदानी को बता रखा था ताकि वह सीधे सवाल पूछ सकें। बीजेपी सासंद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को चिट्ठी भेजकर आरोप लगाया था कि महुआ ने दर्शन हीरानंदानी नाम के कारोबारी से रिश्वत लेकर अदानी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए सवाल पूछे।

पीएम मोदी बोले- मेरे तीसरे कार्यकाल में दुनिया की टॉप-3 इकोनॉमी में आएगा भारत, पढ़ें प्रधानमंत्री के भाषण की बड़ी बातें

उत्तराखंड में आज से दो दिवसीय वैश्विक निवेशक सम्मेलन का शुभारंभ हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन का शुभारंभ किया। सम्मेलन में शामिल होने के लिए देश-दुनिया के 5000 से अधिक निवेशक और प्रतिनिधि शामिल हुए हैं। राज्य में विभिन्न सेक्टर में निवेश के लिए अभी तक तीन लाख करोड़ रुपये के एमओयू हो चुके हैं। कई बड़े निवेश के लिए सम्मेलन में भी करार हो सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां आकर मन धन्य हो जाता है। कुछ वर्ष पहले जब मैं बाबा केदार के दर्शन को निकला था तो अचानक मेरे मुंह से निकला था कि 21वीं सदी का ये तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक है। मुझे खुशी है कि उस कथन को मैं लगातार पूरा होते देख रहा हूं।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि मैं देशवासियों को भरोसा दिलाता हूं कि मेरे तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया के टॉप थ्री इकॉनमी में आकर रहेगा। मोदी ने अगले आम चुनाव को लेकर भी ये इशारा किया।

 पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें

पीएम मोदी ने कविता से भाषण की शुरुआत की। कहा- जहां अंजुली में गंगाजल हो, जहां हर एक मन बस निश्चल हो, जहां नारी में सच्चा बल हो उस देवभूमि का आशीर्वाद लिए मैं चलता जाता हूं। है भाग्य मेरा सौभाग्य मेरा मैं तुमको शीश नवाता हूं।

मेक इन इंडिया की तरह वेड इन इंडिया भी चलाया जाए। आप कुछ निवेश करना पाओ या नहीं लेकिन अपने परिवार की एक डेस्टिनेशन वेडिंग अगले पांच साल में उत्तराखंड में करें। अगर पांच साल में पांच हजार डेस्टिनेशन वेडिंग भी उत्तराखंड में हुई तो ये एक नया क्षेत्र खड़ा हो जाएगा। देश के धन्ना सेठ इस बारे में सोचेंगे तो बड़ा बदलाव आएगा।

आब सभी बिजनेस की दुनिया के दिग्गज हैं। आप अपने काम का विश्लेषण करते हैं। आप सभी चुनौती का आकलन करके रणनीति बनाते हैं। ऐसा करने से हमें चारों तरफ एस्पिरेशन, होप, सेल्फ कॉन्फिडेंस दिखेगी। देश में पॉलिसी गवर्न सरकार दिखेगी।

भारत की मजबूती का फायदा उत्तराखंड समेत देश के हर राज्य को हो रहा है।उत्तराखंड इसलिए भी विशेष है क्योंकि यहां डबल इंजन सरकार है। डबल प्रयास चारों तरफ दिख रहे हैं। राज्य सरकार तेजी से यहां काम हो रहा है।

दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे से दूरी 2.5 घंटे की होने जा रही है।

ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन से रेल कनेक्टिविटी आसान होने जा रही है।

पहले की सरकारें सीमावर्ती इलाकों को कम से कम पहुंच वाली थी। डबल इंजन ने इस धारणा को बदला। हम सीमावर्ती गांवों को विकसित करने जा रहे हैं।

पीएम मोदी ने सरकार को हाउस ऑफ हिमालयाज की बधाई दी। कहा कि यहां के लोकल उत्पादों को विदेशी बाजार में स्थापित करने की पहल है। ये वोकल फ़ॉर लोकल और लोकल फ़ॉर ग्लोबल का कारक बनेगा।

विकसित भारत के निर्माण के लिए राष्ट्रीय चरित्र को सशक्त करना होगा। ऐसे काम करने होंगे जिससे हमारे स्टैंडर्ड दुनिया फॉलो करें।

विकसित भारत अस्थिरता नहीं बल्कि स्थिरता चाहता है।

हमारे देश में मिलेट से लेकर तमाम फूड्स हैं जो पोषक हैं। किसानों की मेहनत बेकार नहीं जानी चाहिए। भारत की कंपनियों के लिए ये अभूतपूर्व समय है। अगले कुछ वर्षों में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमी बनने जा रहा है।

मैं देशवासियों को भरोसा दिलाता हूं कि मेरे तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया के टॉप थ्री इकॉनमी में आकर रहेगा। मोदी ने अगले आम चुनाव को लेकर भी ये इशारा किया।

जिसमें दम हो, मैदान में आ जाएं, फायदा उठा लें। मैं गारंटी देता हूं कि जो बातें हम बताते हैं उन्हें पूरा कराने को हम खड़े भी रहते हैं।

मेरे जीवन के एक पहलू को बनाने में इस धरती का बड़ा योगदान है। अगर उसे कुछ लौटाने का अवसर मिलता है तो उसका आनंद भी कुछ और होता है।

आइए इस पवित्र धरती में चल पड़िए। आपके काम में कभी कोई बाधा नहीं आएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी से भरेंगे लोकसभा चुनाव 2024 की हुंकार, उमरहां के स्वर्वेद मंदिर में करेंगे दर्शन, 17 को पहुंचेंगे वाराणसी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो दिनी काशी प्रवास पर 17 दिसंबर को बनारस आ रहे हैं। इसमें प्रधानमंत्री अपने संसदीय क्षेत्र को हजारों करोड़ की परिजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास करेंगे। इसके साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे।

भाजपा काशी क्षेत्र अध्यक्ष दिलीप पटेल ने बताया कि पार्टी की तीन राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में ऐतिहासिक विजय के बाद प्रधानमंत्री का पहला काशी आगमन प्रस्तावित हुआ है। इसे लेकर कार्यकर्ता उत्साहित हैं।

काशीवासी एवं कार्यकर्ता विजय के उपहार स्वरूप जनसभा को ऐतिहासिक स्वरूप प्रदान कर प्रधानमंत्री का जोरदार स्वागत करेंगे। पहले दिन दोपहर करीब दो बजे पहुंचने के बाद कैंटोमेंट स्थित छोटा कटिंग मेमोरियल स्कूल मैदान में लगी विकसित भारत संकल्प यात्रा पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन करेंगे।

फिर नमो घाट पर मां गंगा को नमन करने पहुचेंगे। वहीं तमिल संगमम कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। रात्रि विश्राम के बाद दूसरे दिन 18 दिसंबर को सुबह उमरहां में स्वर्वेद मंदिर जाएंगे। जहां से सेवापुरी विधानसभा क्षेत्र में प्रस्तावित जनसभा को संबोधित करेंगे।

इस मौके पर विकास कार्यों का शिलान्यास व लोकार्पण भी पीएम के द्वारा किया जाएगा। इसके लिए भोरकला, शहंशाहपुर समेत कई स्थानों पर विचार चल रहा है। इसके पूर्व प्रधानमंत्री वहीं पर ग्रामीण क्षेत्र की विकसित भारत संकल्प यात्रा पर आधारित प्रदर्शनी का भी अवलोकन करेंगे। कुछ प्रमुख लोगों से संवाद भी करेंगे।

*पीएम मोदी ने दी शाही पर बड़ी सलाह, बोले- देश में ‘Make in India’ की तर्ज पर ‘Wed in India’ का मूवमेंट चलाना चाहिए*

#pm_modi_said_why_do_you_people_go_abroad_and_get_married 

इन दिनों हमारे देश में डेस्टिनेशन वेडिंग का चलन जोरों पर हैं। हाल के कुछ सालों में इस तरह के साही समारोह का प्रचलन बढ़ा है। खासकर दौलतमंद लोगों में ये ट्रेंड बढ़ता जा रहा है। इस बीच प्रधानमंत्री मोदी ने शादी करने वालों को बड़ी सलाह दी है। पीएम मोदी ने कहा है कि जब भगवान जोड़ियां बनाते हैं तो आप लोग भगवान के चरणों के बजाय बाहर विदेश में जाकर क्यों शादी करते हैं।पीएम मोदी ने ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2023 को संबोधित करते हुए ये बड़ी बात कही।दरअसल पीएम मोदी का मानना है कि देश में बढ़ते डेस्टिनेशन वेडिंग के चलन की वजह से अर्थव्‍यवस्‍था को भारी नुकसान हो रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार को उत्तराखंड ग्लोबल इंवेस्टर समिट 2023 का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में निवेश के द्वार खुल रहे हैं। विकसित भारत हम सभी की जिम्मेदारी है।उत्तराखंड वो राज्य है, जहां आपको देवत्व और विकास दोनों का अनुभव एक साथ होता है। मैंने तो उत्तराखंड की भावनाओं और संभावनाओं को निकट से देखा है। मैंने उसे जिया है, अनुभव भी किया है।

पीएम मोदी ने आगे कहा, "उत्तराखंड को डबल इंजन सरकार का फायदा कैसे मिल रहा है इसका एक उदाहरण टूरिज्म सेक्टर भी है। आज भारत को देखने के लिए भारतीयों और विदेशियों दोनों में अभूतपूर्व उत्साह मिल रहा है। हम पूरे देश में थीम बेस्ड टूरिज्म सर्किट तैयार कर रहे हैं। कोशिश ये है कि भारत के नेचर और कल्चर दोनों से दुनिया का परिचय कराया जाए। इस अभियान में उत्तराखंड सशक्त राज्य बनकर उभरने वाला है। यहां नेचर, कल्चर, हेरिटेज सबकुछ है। यहां योग, आयुर्वेद एडवंचर स्पॉट आदि हर प्रकार की संभावना है। उन्हीं को अवसर देना सभी की प्राथमिकता जरूर होनी चाहिए।

पीएम मोदी ने कहा कि मैं एक और बाद कहूंगा यहां जो लोग आए हैं उन्हें अच्छा लगे या बुरा लगे, लेकिन यहां कुछ लोग ऐसे हैं जिनके माध्यम से उनतक मुझे ये बात पहुंचानी है। खास करके देश के धन्ना सेठों को कहना चाहता हूं।विदेश में होने वाली शादियों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह से 'मेक इन इंडिया' है, ठीक ऐसे ही 'वेड इन इंडिया' भी होना चाहिए। शादी हिंदुस्तान में करो। इन दिनों हमारे देश के अमीर वर्ग के बीच ये फैशन हो गया है कि वे विदेशों में जाकर शादियां करते हैं। मैं पूछता हूं ऐसा क्यों है? 

प्रधानमंत्री मोदी ने देश के युवाओं से अपील करते हुए कहा कि हमें ‘Make in India’ की तरह एक मूवमेंट चलाना चाहिए ‘Wed in India’। मतलब शादी हिंदुस्तान में करो। उन्होंने कहा, मैं तो चाहूंगा कि आने वाले पांच साल में अपने परिवार की एक डेस्टिनेशन शादी उत्तराखंड में करिए। अगर एक साल में 5 हजार शादियां भी यहां होने लग जाएं तो एक नया इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा हो जाएगा और दुनिया की शादियां यहां होने लग जाएंगी।