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मणिपुर के सबसे पुराने उग्रवादी गुट UNLF ने डाले हथियार, गृह मंत्री और सीएम बीरेन सिंह की कोशिशों से हुआ 'शांति समझौता

एक ऐतिहासिक घटनाक्रम में, भारत सरकार और मणिपुर सरकार ने 29 नवंबर को नई दिल्ली में मणिपुर के सबसे पुराने घाटी स्थित सशस्त्र समूह यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF) के साथ एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए। बता दें कि, UNLF का गठन 1964 में हुआ था और यह भारतीय क्षेत्र के भीतर और बाहर दोनों जगह काम कर रहा था।

समझौते पर नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्रालय और मणिपुर सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF) के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए। यह समझौता सामान्य रूप से उत्तर पूर्व और विशेष रूप से मणिपुर में शांति के एक नए युग की शुरूआत को बढ़ावा देने के लिए तैयार है। UNLF को फिलहाल गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया है और इस महीने की शुरुआत में प्रतिबंध को पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया था। यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF) संप्रभु मणिपुर के लिए गुरिल्ला युद्ध लड़ रहा था, क्योंकि वह आजादी के बाद मणिपुर के भारत में विलय को अवैध मानता है।

बता दें कि 1947 में ब्रिटिश शासन की समाप्ति के बाद, मणिपुर को अलग से स्वतंत्रता मिली और राज्य अपने स्वयं के संविधान के साथ महाराजा बोधचंद्र सिंह द्वारा शासित एक संप्रभु राष्ट्र बन गया था। हालाँकि, यह केवल 2 साल तक चला और 1949 में महाराजा बोधचंद्र सिंह ने 21 सितंबर 1949 को भारत संघ के साथ एक विलय समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए। समझौते के अनुसार, मणिपुर एक भाग C राज्य के रूप में भारत में विलय हो गया, एक केंद्र शासित क्षेत्र बन गया, और सभा का समाधान किया गया। मणिपुर 1972 में पूर्ण राज्य बन गया। मणिपुर में कई समूह विलय समझौते की समीक्षा करने और उसे रद्द करने की मांग करते हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस समझौते से एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई है। 'एक्स' पर अपने पोस्ट में, गृह मंत्री ने कहा कि यह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी के सर्व-समावेशी विकास के दृष्टिकोण को साकार करने और पूर्वोत्तर भारत में युवाओं को बेहतर भविष्य प्रदान करने की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। गृह मंत्री शाह ने आगे कहा कि वह लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में यूएनएलएफ का स्वागत करते हैं और शांति और प्रगति के पथ पर उनकी यात्रा के लिए उन्हें शुभकामनाएं देते हैं।

गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुसार और केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में भारत सरकार ने 2014 के बाद पूर्वी क्षेत्र में उग्रवाद को समाप्त करने और विकास को बढ़ावा देने के लिए उत्तर के कई सशस्त्र समूहों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।” बयान में कहा गया है कि भारत सरकार की संघर्ष समाधान पहल के हिस्से के रूप में उत्तर पूर्व के कई जातीय सशस्त्र समूहों के साथ राजनीतिक समझौते को अंतिम रूप दिया गया है, यह पहली बार है कि घाटी स्थित मणिपुरी सशस्त्र समूह मुख्यधारा में लौटने हिंसा को त्यागने और भारत के संविधान और देश के कानूनों का सम्मान करने पर सहमत हुआ है।

गृह मंत्रालय ने कहा कि यह समझौता न केवल UNLF और सुरक्षा बलों के बीच शत्रुता को समाप्त करेगा, जिसने पिछली आधी शताब्दी से अधिक समय में दोनों पक्षों के बहुमूल्य जीवन का दावा किया है, बल्कि समुदाय की दीर्घकालिक चिंताओं को दूर करने का अवसर भी प्रदान करेगा। आशा है कि UNLF की मुख्यधारा में वापसी से घाटी स्थित अन्य सशस्त्र समूहों को भी उचित समय पर शांति प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। बयान में आगे कहा गया है कि इसके कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एक शांति निगरानी समिति (PMC) का गठन किया जाएगा। यह विकास राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होने की संभावना है।

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्य में शांति लाने के प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की प्रशंसा की। सीएम सिंह ने कहा कि, “शांति वार्ता के प्रयास वर्षों से किए जा रहे थे लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। ये हस्ताक्षर आज पीएम मोदी के नेतृत्व में हुआ. मैं प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बधाई देता हूं, जिन्होंने शांति लाने के लिए कड़ी मेहनत की।'' मुख्यमंत्री सिंह ने UNLF के सदस्यों की सराहना की और उम्मीद जताई कि राज्य में आतंकवादी शांति का रास्ता चुनेंगे।

उन्होंने कहा कि, 'UNLF के कैडर शांति के मार्ग पर चलने के लिए सहमत हुए, मैं इसके लिए सदस्यों की सराहना करता हूं। मुझे उम्मीद है कि राज्य में उग्रवादी और हथियार उठाने वाले भी शांति का रास्ता चुनेंगे।' बीरेन सिंह ने कहा कि शांति समझौता पूर्वोत्तर में भारतीय जनता पार्टी द्वारा बनाए गए विश्वास का परिणाम था। यह पूर्वोत्तर में भाजपा द्वारा बनाए गए विश्वास और वहां दिखाई गई देखभाल का परिणाम है। पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद पूर्वोत्तर, खासकर मणिपुर में जो बदलाव आया, उसी आत्मविश्वास को देखते हुए यह सब हो रहा है।''

मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने एक ट्वीट में लिखा कि, 'जैसा कि UNLF ने एक समझौते पर बातचीत की और हिंसा को त्याग दिया, मैंने "शांति वार्ता" में शामिल होने के उनके फैसले के लिए अपनी सराहना व्यक्त की। मैं UNLF समूह का लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में स्वागत करता हूं और शांति और प्रगति के पथ पर उनकी यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं।”

हमारा राष्ट्र, हमारा तिरंगा, हमारे श्रीकृष्ण..', पढ़िए, RSS प्रमुख मोहन भागवत से मिलकर क्या-क्या बोले महाराज प्रेमानंद

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने कल बुधवार (29 नवंबर) को प्रेमानंद महाराज से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया। दोनों के बीच कई मुद्दों पर सार्थक बातचीत भी हुई। संवाद के दौरान मोहन भागवत ने प्रेमानंद महाराज से कहा कि, बस आपके दर्शन करने थे, आपकी बात वीडियो में सुनी, तो लगा कि आपसे मुलाकात करना चाहिए। बातचीत के दौरान संघ प्रमुख ने कहा कि, 'आप लोगों से सुनते हैं, वही हम भी बोलते हैं। मगर चिंता ये होती है, हम लोग करते चले जा रहे हैं, आप लोग भी कर रहे हैं, इतनी बातें बढ़ भी रही हैं। कोशिशें तो करेंगे ही, निराश तो कभी होगे नहीं। क्योंकि जीना तो इसी के लिए है, मरना भी इसी के लिए है। लेकिन क्या होगा, ये चिंता मन में आती है। मेरे मन में भी और सबके मन में भी।

इस पर प्रेमानंद महाराज ने उनसे कहा कि, ''इसका उत्तर सीधा और स्पष्ट है कि क्या हम श्रीकृष्ण पर विश्वास नहीं करते। हमें जो खास बात पकड़नी है, क्या भगवान श्रीकृष्ण के प्रति हमारे विश्वास में कमी है। यदि विश्वास दृढ़ है, तो वही होगा, जिसे कहा जाता है परम मंगलमय। परम मंगल ही होगा। कदम पीछे नहीं हटेंगे। हम अपने अध्यात्म बल को जानते हैं। इसलिए कदम पीछे नहीं हटेंगे। हम अपने स्वरूप को जानते हैं, इसलिए हमें इस बात को लेकर डरना नहीं है कि क्या होगा? तीन प्रकार की लीलाएं भगवान की हो रहीं हैं- एक सृजन, एक पालन, एक संहार, जिस वक़्त जैसा (भगवान का) आदेश होगा, हम उनके दास हैं, वैसा ही करेंगे। क्या होगा। वही होगा जो मंगल रचा होगा। जो भगवान श्रीकृष्ण ने रचा होगा। हमें संशय नहीं करना है अब। जैसे भगवान श्रीकृष्ण ने अपने लोगों को तैयार किया है। वैसा ही एक और तैयार हो जाएगा, जो काफी अच्छे से संभालेगा। आपको फ़िक्र नहीं करना है, क्या होगा। हमारे साथ भगवान श्रीकृष्ण हैं, वही होगा जो मंगल होगा।''

प्रेमानंद महाराज ने कहा कि, 'निराशा, हताशा, उदासी अब हमारे जीवन में अधिकार नहीं रखते, किसी भी स्थिति में। किसी भी प्रकार का शोक नहीं, भय नहीं। अविनाशी हूं, जो सेवा मिली है, दहाड़ता रहूंगा, जब तक सांस है। जब शरीर त्याग होगा, तो जो स्वरूप है, उसी को प्राप्त हो जाउंगा।'' प्रेमानंद महाराज ने कहा कि, ''हमारा तिरंगा, हमारा राष्ट्र, हमारा भगवान है। आप तप के माध्यम से, भजन के माध्यम से लाखों की बुद्धि को शुद्ध कर सकते हैं। एक भजन लाखों लोगों का उद्धार कर सकता है। तुम भजन करो, इंद्रियों पर विजय प्राप्त करो और राष्ट्र सेवा में जुट जाओ। राष्ट्र की सेवा के लिए प्राण समर्पित कर दो। ये राष्ट्र सेवी हैं। लेकिन ये जितेन्द्रिय होकर, भोगी होकर नहीं, बल्कि योगी होकर करो।''

प्रेमानंद महाराज ने कहा कि, आचरण से, संकल्प से और वाणी से तीनों से समाज सेवा और राष्ट्र सेवा करनी है। हम सदैव चाहेंगे, आप जैसे सतमार्ग में प्रेरित करने वाले स्वस्थ और सेहतमंद रहें, भगवान हमेशा रक्षा करें और आगे बढ़ते रहें। देशवासियों की बौद्धिक और वैचारिक स्तर का सुधार करते रहें। ऐसे लोग कम देखने को मिलते हैं। इससे पहले प्रेमानंद महाराज ने कहा कि, अपने लोगों को जन्म जो भगवान ने दिया है, वो केवल मानव सेवा के लिए दिया है। व्यवहारिक सेवा और अध्यात्मिक सेवा करने के लिए दिया है। सिर्फ व्यवहारिक सेवा होती रहे, हम अपने देशवासियों को सुखी रखना चाहते हैं, तो केवल सुविधाओं और वस्तुओं से नहीं कर सकते। उनका बौद्धिक स्तर भी सुधारना होगा। आज हमारे समाज का बौद्धिक स्तर निरंतर गिरता जा रहा है। ये फ़िक्र की बात है। हम सुविधाएं दे देंगे, हम भोग विलासिता की सामग्रियां दे देंगे। किन्तु उनके हृदय की मलीनता है, जो हिंसात्मक प्रवृत्ति है, अपवित्र बुद्धि है, ये सुद्ध नहीं होगी। 

उन्होंने कहा कि, हमारा देश धार्मिक देश है। यह धर्म प्रधानता वाला देश है। इसी बात को हम सबसे लगातार निवेदन करते रहते हैं, जो हमारी नई पीढ़ी है। इसी से हमारे राष्ट्र की सेवा करने वाले जन्म लेते हैं। इन्हीं में से कोई विधायक, सांसद बनता है, कोई प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति बनता है। उन्हीं में अपने लोग हैं। हमारी शिक्षा केवल आधुनिकता का रूप लेती जाए और हिंसात्मक प्रवृत्ति नई पीढ़ी में देखकर काफी दुख होता है। इसलिए शरीर में कितनी भी पीढ़ी हो, हम कोशिश करते हैं, जितने लोग हमारे सामने आते हैं, उनकी बुद्धि शुद्ध और पवित्र होनी चाहिए। 

 कहा कि, धर्म का क्या स्वरूप है, जीवन का लक्ष्य क्या है। हमें जितना राम और श्रीकृष्ण प्रिय हैं, उतना ही हमारा राष्ट्र प्रिय है। हमारे लिए देश का जन जन हमें प्रिय है। मगर जो भावनाएं बन रही हैं, वो हमारे देश और धर्म के लिए सही नहीं है। हिंसा का बढ़ता स्वरूप बेहद विपत्तिजनक है। यदि ये बढ़ता रहा, तो हम सुख सुविधाएं देने के बाद भी देश के लोगों को सुखी नहीं रख पाएंगे। क्योंकि सुख का स्वरूप विचार से होता है। हमारा विचार मलिन हो रहा है, हमारा उद्देश्य है, ये है कि हमारे देशवासियों का विचार शुद्ध और पवित्र होना चाहिए।

तेलंगाना के 119 विधानसभा क्षेत्र के लिए मतदान जारी, हैट्रिक लगाने की कोशिश में KCR, कांग्रेस को अपनी जीत का भरोसा, भाजपा भी लगा रही जोर

तेलंगाना में सभी 119 विधानसभा क्षेत्रों में आज गुरुवार (30 नवंबर) को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान शुरू हो गया। प्रक्रिया शाम 6 बजे समाप्त होगी। राज्य के कुल 3.17 करोड़ मतदाता 109 राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों के 2,290 उम्मीदवारों (221 महिलाओं और एक ट्रांसजेंडर सहित) के भाग्य का फैसला करेंगे। वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। सुबह 9 बजे तक 7.78 फीसद मतदान दर्ज किया गया है। कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने अपने परिवार सहित हैदराबाद में वोट डाला है। 

इन चुनावों में जहां, सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (BRS) बीते 10 वर्षों में पार्टी के प्रदर्शन और वादों के आधार पर शासन का तीसरा कार्यकाल चाह रही है। कांग्रेस राज्य में अपनी पहली सरकार बनाने के लिए समर्थन की बात कर रही है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी BRS के "कुशासन और भ्रष्टाचार" को खत्म करने का वादा कर रही है। तेलंगाना में एक चरण में चुनाव हो रहा है और गुरुवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सभी 119 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान शुरू हो चुका है। 106 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान शाम 5 बजे तक होगा, जबकि 13 वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित सीटों पर मतदान शाम 4 बजे समाप्त होगा।

राज्य में 3.26 करोड़ पात्र मतदाता हैं, जिनमें 1,63,13,268 पुरुष मतदाता और 1,63,02,261 महिला मतदाता शामिल हैं। सीएम के चंद्रशेखर राव (KCR), उनके मंत्री-पुत्र के टी रामाराव (KTR), राज्य कांग्रेस अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी और भाजपा के लोकसभा सदस्य बंदी संजय कुमार और डी.अरविंद उन 2,290 प्रतियोगियों में से हैं, जो मौजूदा चुनावों में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। मुख्यमंत्री KCR दो सीटों - अपनी मूल सीट गजवेल और कामारेड्डी से चुनाव लड़ रहे हैं। जहां गजेवाल में उनका मुकाबला भाजपा नेता ईटेला राजेंदर से है, वहीं कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख रेवंत रेड्डी कामारेड्डी में उनका मुकाबला कर रहे हैं।

KCR से मुकाबला करने के अलावा, ईटेला और रेवंत रेड्डी दोनों दो सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं, जिसमें भाजपा नेता हुजूराबाद से और कांग्रेस के सबसे अच्छे दावेदार रेड्डी कोडंगल से चुनाव लड़ रहे हैं। सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाली सीटों में कोरुतला सीट है, जहां से भाजपा ने लोकसभा सदस्य अरविंद धर्मपुरी को BRS के कल्वाकुंतला संजय और कांग्रेस के नरसिंगा राव जुव्वाडी के खिलाफ मैदान में उतारा है। इसके अलावा, महेश्वरम से, BRS ने पटलोला सबिता इंद्रा रेड्डी को के लक्ष्मा रेड्डी (कांग्रेस) और एंडेला श्रीरामुलु यादव (भाजपा) के खिलाफ खड़ा किया है। 

गोशामहल से, भारतीय जनता पार्टी ने अपने हिंदुत्व के फायरब्रांड नेता टी राजा सिंह को मैदान में उतारा है, जिनका निलंबन पिछले महीने पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ उनकी टिप्पणी से पैदा हुए विवाद के बाद पार्टी द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस के जवाब के बाद रद्द कर दिया गया था। मुख्य निर्वाचन अधिकारी विकास राज ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि विधानसभा चुनाव के लिए 2.5 लाख से अधिक कर्मचारी चुनाव ड्यूटी में लगेंगे। 

चुनाव के लिए सुरक्षा व्यवस्था के तहत राज्य भर में लगभग 77,000 सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है, जिसमें राज्य पुलिस और राज्य और पड़ोसी राज्यों से आए होम गार्ड के अलावा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 375 कंपनियां शामिल हैं। तेलंगाना में पहली बार विकलांग व्यक्तियों और 80 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं को घर पर मतदान की सुविधा प्रदान की गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा, कांग्रेस नेता मल्लिकर्जन खड़गे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाद्रा, टीआरएस के केसीआर, केटी रामा राव और के कविता और AIMIM असदुद्दीन ओवैसी सहित सभी दलों के वरिष्ठ नेताओं ने राज्य में जोरदार प्रचार अभियान चलाया था। 2018 में, बीआरएस (तब तेलंगाना राष्ट्र समिति) ने 119 में से 88 सीटें जीतीं और उसका वोट शेयर 47.4 प्रतिशत था। कांग्रेस केवल 19 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही थी।

डिटेल में जानिए कौन हैं वीरा राणा? मधयप्रदेश की दूसरी महिला मुख्य सचिव बनाने पर जिनके नाम पर लगी अंतिम मुहर

मध्य प्रदेश की नई प्रशासनिक प्रमुख मतलब मुख्य सचिव वीरा राणा होंगी। बुधवार देर रात जारी आदेश में उनके नाम पर मुहर लग गई। बृहस्पतिवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपनी अंतिम मंत्रिमंडल बैठक बुलाई है। इसमें वर्तमान मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को विदाई दी जाएगी। साथ ही, नए मुख्य सचिव का परिचय कराया जाएगा।

मुख्य सचिव इकबाल का कार्यकाल 30 नवंबर को पूरा हो रहा है। बुधवार तक उनके एक्सटेंशन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसके कारण, मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को होना है. कांग्रेस ने उनके एक्सटेंशन का जमकर विरोध किया था। इसे देखते हुए निर्वाचन आयोग ने राज्य में उपलब्ध सबसे व्रुष्ट IAS वीरा राणा के नाम पर इजाजत दी। वे राज्य के इतिहास में दूसरी महिला मुख्य सचिव होंगी. उनसे पहले निर्मला बुच मुख्य सचिव रह चुकी हैं। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को शिवराज सरकार 2 बार एक्सटेंशन दे चुकी थी। इस बार भी एक्सटेंशन की बात चल रही थी। मगर कांग्रेस ने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 3 दिसंबर को होने वाली काउंटिंग में बैंस के होने का विरोध किया है। कांग्रेस का आरोप है कि बैंस बीजेपी के पक्ष में काउंटिंग को प्रभावित कर सकते हैं। सामान्य प्रशासन विभाग के सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार को वरिष्ठ अधिकारियों की पैनल का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया, जिसमें से एक नाम चुनाव आयोग के अनुमोदन से तय हुआ।

 कौन है वीरा राणा

वीरा राणा भारतीय प्रशासनिक सेवा 1988 बैच की महिला अफसर है। राणा का जन्म 26 मार्च 1964 को उत्तर प्रदेश में हुआ था. बैचलर ऑफ़ आर्ट्स एवं MBA की डिग्री राणा के पास है। राणा को मध्य प्रदेश के कठोर अनुशासन प्रिय प्रशासनिक अफसरों में गिना जाता है। राणा मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की अध्यक्ष, मध्य प्रदेश राज्य की मुख्य निर्वाचन अफसर, खेल एवं युवा कल्याण विभाग की एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, प्रशासन अकादमी में महानिदेशक, कुटीर और ग्रामोद्योग विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग कार्मिक जैसे अहम विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं। विदिशा व जबलपुर जिलों की कलेक्टर रह चुकी हैं।

चीन में फैल रहे इन्फ्लूएंजा फ्लू जैसे लक्षण बागेश्वर के दो बच्चों में मिले, जांच के लिए भेजे सैंपल, अलर्ट पर स्वास्थ्य विभाग

चीन में फैले माइक्रो प्लाज्मा, निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। जिले में दो बच्चों में इन्फ्लूएंजा फ्लू जैसे लक्षण दिखे हैं। दोनों के सैंपल जांच के लिए सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी भेजे गए हैं।

एसीएमओ डॉ. देवेश चौहान ने बताया कि बुधवार को जिला अस्पताल में दो बच्चों को लाया गया था। उन्हें सांस लेने में तकलीफ थी। इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण की आशंका को देखते हुए दोनों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। जांच रिपोर्ट चार-पांच दिन में मिल जाएगी। उन्होंने बताया कि इन्फ्लूएंजा से निपटने के लिए भी तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं।

इस वायरस जनित बीमारी में पांचवीं स्टेज में ऑक्सीजन की जरूरत होती है। जिला अस्पताल के सभी 68 बेड ऑक्सीजन पाइप लाइन से जुड़े हुए हैं। जिला अस्पताल में 650 एलपीएम के दो ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट स्थापित हैं। कांडा और कपकोट सीएचसी में भी ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगे हुए हैं। जरूरत पड़ने पर जिला अस्पताल में अलग से आइसोलेशन वार्ड बनाया जाएगा। उसके बाद ही आईसोलेशन वार्ड बनाने की कार्यवाही की जाएगी।

अल्मोड़ा में भी स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

चीन में फैले इन्फ्लूएंजा फ्लू और न्यूमोनिया के बाद जिले में स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड पर है। स्वास्थ्य महकमे के दावा है कि इन्फ्लूएंजा फ्लू से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। जरूरत पड़ने पर अलग से आईसीयू वार्ड भी बनाया जाएगा। सीएमओ डॉ. आरसी पंत के अनुसार जिले में इन्फ्लूएंजा फ्लू का कोई मरीज अब तक नहीं आया है। इसके निपटने के लिए हमने पूरी तैयारी कर रखी है। आइसोलेशन बेड, वार्ड, ऑक्सीजन बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सिलिंडर पर्याप्त है। यदि जरूरत पड़ी तो अलग से आईसीयू वार्ड बनाया जाएगा।

सोनिया गांधी ने की मल्लिकार्जुन खड़गे की तारीफ, बोलीं-नेतृत्व करने के लिए सबसे योग्य

#sonia_gandhi_praised_mallikarjun_kharge

कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि एक मजबूत संगठनात्मक नेता के रूप में खरगे पर हमें विश्वास है।सोनिया ने खरगे को निस्वार्थ राजनेता करार दिया और कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में वही देश की सबसे पुरानी पार्टी का नेतृत्व करने के लिए सबसे उपयुक्त हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की चुनावी राजनीति में 50 साल पूरे होने पर आयोजित सम्मान समारोह में सोनिया गांधी ने ये बातें कहीं।

जवाहर भवन में आयोजित कार्यक्रम में सोनिया गांधी ने कहा, ‘एक मजबूत संगठनात्मक नेता के रूप में खरगे जी पर हमें विश्वास है। मल्लिकार्जुन खरगे भारत की आत्मा के लिए इस ऐतिहासिक लड़ाई में कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व करने के लिए सबसे योग्य हैं। इसमें उन्हें मेरा और कांग्रेस पार्टी का दृढ़ समर्थन प्राप्त है।’ सोनिया गांधी ने कहा, ‘राजनीति में 50 साल एक लंबी अवधि होती है। खरगे जी अपने पूरे राजनीतिक जीवन में लगातार ऊंचाइयां छूते रहे। उन्होंने एक बार भी अपनी विचारधारा से समझौता नहीं किया। वह एक बार भी गरीबों के हित से दूर नहीं गए और एक बार भी राजनीतिक लड़ाई जीतने के लिए सम्मान और आचरण से समझौता नहीं किया

सोनिया गांधी ने इस मौके पर खरगे पर लिखी गई पुस्तक ‘मल्लिकार्जुन खरगे: पॉलिटकल इंग्जेमेंट विथ कैम्पैशन, जस्टिस एंड इन्क्लूसिव डेवलपमेंट’ का भी विमोचन किया। सोनिया ने इस मौके पर यह आरोप भी लगाया कि केंद्र सरकार संवैधानिक संस्थाओं और सिद्धांतों को नष्ट कर रही है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने वर्तमान अध्यक्ष खरगे के लंबे राजनीतिक जीवन और संघर्षों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘आज वह एक महत्वपूर्ण मोड़ पर कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं। सत्ता में बैठे लोग संवैधानिक और संस्थागत मूल्यों से बेपरवाह हैं और उन सभी संस्थानों, व्यवस्थाओं और सिद्धांतों को नष्ट कर रहे हैं जिनके द्वारा भारत आजादी के बाद से फला-फूला है।

कार्यक्रम में विपक्षी इंडिया गठबंधन से जुड़े 28 दलों के प्रतिनिधियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।कार्यक्रम में खरगे, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, कांग्रेस के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं के अलावा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी, राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा, शिक्षाविद सुखदेव थोराट और कई अन्य लोग भी शामिल हुए।

तेलंगाना की सभी 119 सीटों के लिए मतदान जारी, 9 बजे तक 8.52 % मतदान

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तेलंगाना की सभी 119 विधानसभा सीटों पर आज वोटिंग हो रही है।कड़ी सुरक्षा के बीच आज सुबाह सात बजे मतदान शुरू हो गया। राज्य भर में 35655 से अधिक मतदान केन्द्रों पर कर्मचारियों और मतदान सामग्री पहुंचाने सहित सभी तैयारियां बुधवार को ही पूरी कर ली गयी थी। सभी मतदान केन्द्रों पर चुनाव सामग्री भी उपलब्ध करा दी गयी है। मतदान के लिये दो लाख से अधिक चुनाव कर्मी तैनात किये गये हैं। इस चुनाव में 3.26 करोड़ से अधिक मतदाता इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन के माध्यम से वोट डालकर 2290 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला कर सकेंगे।

तेलंगाना में सुबह 9 बजे तक 8.52 प्रतिशत मतदान हो गया है। वहीं जनगांव पोलिंग बूथ नंबर 244 पर भाजपा और बीआरएस कार्यकर्ताओं के भिड़ने की खबर है। वहीं इब्राहिमपत्तनम के खानपुर मतदान केंद्र पर भी बीआरएस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच तनाव की खबर है।

पीएम मोदी का लोकतंत्र को मजबूत करने का आह्वान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में तेलंगाना के मतदाताओं से अपने मताधिकार का प्रयोग करने की अपील की। पीएम ने कहा, मैं तेलंगाना की अपनी बहनों और भाइयों से रिकॉर्ड संख्या में मतदान करने और लोकतंत्र के पर्व को मजबूत करने का आह्वान करता हूं। मैं विशेष रूप से युवा और पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं से अपने मताधिकार का प्रयोग करने का आग्रह करता हूं। 

ओवैसी की अपील

वहीं, एआईमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, तेलंगाना के सभी वोटर्स से मेरी अपील है कि आप अपने वोट का इस्तेमाल कीजिए। हैदराबाद की खूबसूरती के बरकरार रखने के लिए और हमारे इस रियासत की भाईचारगी को मजबूत बनाने के लिए, संविधान में और भरोसा पैदा करने के लिए मतदान कीजिए। ये घर में बैठकर छुट्टी बनाने का दिन नहीं है।

बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव के नतीजे आए तो 119 सदस्यीय विधानसभा में बीआरएस को सबसे ज्यादा 88 सीटें मिलीं। दूसरे स्थान पर रही कांग्रेस के 19 उम्मीदवार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। वहीं, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी आईएमआईएम को सात, टीडीपी को दो, भाजपा को एक, एआईएफबी (ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक) को एक सीट मिली। इसके अलावा एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी को जीत मिली।

दिल्ली में कुछ दिनों में फिर शुरू होगा अफगानी दूतावास! तालिबान का बड़ा दावा

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हाल ही में अफगानिस्तान ने दिल्ली में अपने दूतावास को स्थायी रूप से बंद करने का ऐलान किया था।इस घोषणा के हफ्ता बीतते-बीतते तालिबान के तेवर ढीले पड़ते दिख रहे हैं।दरअसल, अफनागिस्तान ने एक फिर से भारत में अपने दूतावास को खोलने की घोषणा की है। तालिबान शासन में उप विदेश मंत्री शेर मोहम्मद अब्बास स्टानिकजई ने कहा है कि नयी दिल्ली में अफगान दूतावास अगले कुछ दिनों में अपना काम-काज फिर से शुरू करेगा। सरकारी टेलीविजन चैनल आरटीए के साथ मंगलवार को एक टीवी इंटरव्‍यू के दौरान तालिबान के उप विदेश मंत्री शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई ने दावा क‍िया क‍ि भारत के मुंबई और हैदराबाद में हमारे वाणिज्य दूतावास काम कर रहे हैं और विदेश मंत्रालय के संपर्क में हैं।

स्टानिकजई ने अफगान प्रसारक आरटीए को बताया कि हैदराबाद और मुंबई में अफगान वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने काबुल से निर्देश के बाद दूतावास का दौरा किया है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध चाहता है। 

अफगान दूतावास में काम-काज फिर से शुरू करने के बारे में उनकी टिप्पणी ऐसे समय आयी है जब राजदूत फरीद ममुंडजे के नियंत्रण वाले मिशन ने कुछ दिन पहले ‘‘भारत सरकार की ओर से लगातार चुनौतियों'' का हवाला देते हुए दूतावास स्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की थी। दूतावास ने शुक्रवार को इसे स्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की थी। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा नियुक्त दूतावास में राजनयिकों ने 30 सितंबर को भी घोषणा की थी कि मिशन एक अक्टूबर से अपना कामकाज बंद कर रहा है, इस दौरान ‘‘सरकार पर सहयोग नहीं करने का'' का आरोप भी लगाया गया था।

धर्म कर्म, 16 दिसंबर से पहले निपटा लें सभी शुभ कार्य, वरना एक महीना करना होगा इंतजार

इस बार खरमास की शुरुआत 16 दिसंबर से होने जा रही है तथा समापन 16 जनवरी को होगा। खरमास आरम्भ होने के बाद अगले 30 दिनों तक मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं तभी खरमास की शुरुआत होती है। दरअसल, खरमास शुरू होने में केवल 18 दिन ही शेष है तथा इस बीच कोई भी मांगलिक कार्य करना बेहद अशुभ माना जाता है। 

ज्योतिषियों के अनुसार, खरमास शुरू होने से पहले कुछ विशेष काम निपटा लें। वरना खरमास में अगले एक महीने तक अवसर नहीं प्राप्त होगा। खरमास के इस माह में किसी भी नए बिजनेस या कारोबार का आरम्भ करना बेहद अशुभ माना जाता है। इसलिए, चाहे तो खरमास से पहले ही बिजनेस की शुरुआत कर लें। दिसंबर आने से पहले ही विवाह जैसे शुभ अनुष्ठान निपटा लें तथा ये सभी अनुष्ठान किसी अच्छे मुहूर्त में ही निपटाएं। 

इसके चलते जनेऊ, गृह प्रवेश, लग्न, मुंडन और अन्य मंगल कार्यों पर भी रोक होती है। इसलिए, ये सभी मांगलिक कार्य भी अच्छे मुहूर्त में निपटा लें। खरमास के चलते पूजा करने की कोई विशेष विधि या कोई शुभ मुहूर्त नहीं होता है। इसलिए, कोई खास पूजा करवानी है तो खरमास से पहले ही करवा लें। इसके साथ ही खरमास में नया घर नहीं खरीदना चाहिए तथा ना नया घर बनवाना चाहिए। ये कार्य भी खरमास आरम्भ होने से पहले ही करवा लें। नहीं तो फिर आपको एक महीने का इंतजार करना पड़ेगा।

एमपी में मतगणना से पहले सीएम शिवराज ने बुलाई कैबिनेट की अहम बैठक, सीएस इकबाल की विदाई के कयास

एमपी में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सरकार बनने से पहले ही अपने चौथे कार्यकाल की अंतिम कैबिनेट बैठक बुला ली है। चुनाव आचार संहिता के मध्य 30 नवंबर को यह कैबिनेट बैठक होने वाली है। बैठक को सुबह 11:30 बजे बुलाई गई है। इसका कोई एजेंडा नहीं है। इस बैठक के लिए मंत्रियों के साथ ही साथ सभी CS, PS और सचिवों को भी आमंत्रण भेजा गया है। अनुमान लगाए जा रहे हैं कि ACS इकबाल सिंह बैंस की विदाई हो सकती है।

 

प्रदेश में विधानसभा के चुनाव के लिए 17 नवंबर के दिन वोटिंग समाप्त हो गई है। 3 दिसंबर के दिन परिणाम आना है। इसके पूर्व 30 नवंबर के दिन सीएम ने कैबिनेट की आखिर बैठक बुला ली है। इसमें संभावना है कि पुराने चीफ सेक्रेटरी की विदाई हो सकती है साथ ही नए चीफ का चयन किया जा सकता है।

 

हो सकती है पुराने चीफ की विदाई

विधानसभा चुनाव से पहले से ही पुराने चीफ सेक्रेटरी इकबाल सिंह बैंस के विदाई की खबरें मिल रही थी। उनके कार्यकाल के एक्सटेंशन की तारीख भी 30 नवंबर के दिन ही पूरा होने जा रहा था। इससे पहले भी उनका कार्यकाल 2 बार 6-6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। लेकिन इस बार ना तो उनके एक्सटेंशन के आदेश आए है और ना ही नए सचिव की नियुक्ति के आदेश आए भी आ चुके हगाई। ऐसे में अटकले लग रही है कि उनकी विदाई होने की बात कही जा रही है।

 

नए सचिव पर हो सकता है विचार

यदि इस बैठक के उपरांत चीफ सेक्रेटरी इकबाल सिंह बैंस को एक्सटेंशन नहीं मिलता है तो उनकी विदाई होना तय है। जिसके साथ ही नए सचिव के नाम का एलान भी हो सकता है। प्रदेश में सीनियरटी के हिसाब से देखा जाएगा तो वीरा राणा का नाम सबसे आगे है। वर्ष 1988 बैच की आईएएस वीरा राणा 2024 को रिटायर होने वाली है। इसलिए उनका सीएस बनाए जाने की चर्चा जोरो पर है। यदि जिसके उपरांत कोई भी सरकार बने अगले 4 महीनों तक वीरा राणा ही CS रहेंगी। यदि वीरा राणा मुख्य सचिव बनी तो प्रदेश में इस पद पर पहुंचने वाली दूसरी महिला सचिव भी होने वाली है। इससे पहले स्व. निर्मला बुच थी।

 

खबरों के मुताबिक सीएम शिवराज सरकार की चौथे शासनकाल में हो रही यह कैबिनेट की बैठक की अंतिम बैठक है। भले ही इस बैठक का कोई एजेंडा नहीं है लेकिन इसमें कुछ परंपराओं को निभाया जाता है। प्रदेश मुखिया यानी सीएम शिवराज सिंह चौहान सभी मंत्रियों के अलावा सभी ACS, PS और सचिवों को बुलावा भेजा गया है। इसमें सीएम अधिकारियों को अच्छे सहयोग और प्रदेश के विकास के लिए हुए कार्यों में साथ देने के लिए बधाई और धन्यवाद देंगे।