उत्तरकाशी हादसा:- अब तक उत्तरकाशी के टनल में फंसे 10 मज़दूर निकाले गए। अपनो का चेहरा देख कर परिजन फफक कर रो पड़े
(डेस्क न्यूज़)
उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल हादसे की सफलता और मज़दूरों के पुनर्जन्म के बाद सभी फंसे मज़दूरों के परिजनों के चेहरे खिल उठे। राज्य सरकार और केंद्र सरकार की आपसी सामंजस्य और बचाव कार्य में लगे पूरी टीम की यह सफलता पुरे
देश के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।
आज 17 वें दिन आखिरकार रेस्क्यू में सफलता मिल ही गई। सभी 41 मजदूरों ने जिंदगी की ये जंगजीत ली। रेस्क्यू टीमों के काफी मशक्कत के बाद सभी मजदूरों को टनल से सुरक्षित बाहर निकाला जा रहा है. अभी तक 10 मजदूर टनल से बाहर निकाले जा चले है। बता दें कि हेलीपैड पर 41 एंबुलेंस को भी तैनात कर दिया गया है।
फिलहाल एक-एक कर सभी मजदूरों को एबुलेंस से अस्पताल लाया जा रहा है। इनमें से जिन मजदूरों की हालत ज्यादा खराब दिखाई देगी, उसे एयरलिफ्ट कर ऋषिकेश एम्स लाया जाएगा। टनल के पास मजदूरों के परिजनों भी मौजद हैं अपनों का चेहरा देखते ही वह बिलख-बिलख कर रो पड़े।
दरअसल, उत्तरकाशी में चारधाम यात्रा मार्ग पर निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर दिवाली के दिन ढह गया था, जिससे मलबे के दूसरी ओर 41 मजदूर फंस गए थे. इन्हीं मजदूरों को निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा था. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद समय-समय पर उत्तरकाशी पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा ले रहे थे। साथ ही मजदूरों ढांढस बंधा रहे थे कि जल्द ही उन्हें टनल से बाहर निकाल लिया जाएगा। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए थे. वह रेक्स्यू ऑपरेशन को लेकर सीएम धामी से अपडेट लेते रहते थे।
उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में पिछले 17 दिनों से यह रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा था। समय बीतने के साथ-साथ लोगों के अंदर एक डर भी था कि इतने दिन बीत जाने के बाद भी मजदूर अभी तक बाहर नहीं आ पाए हैं। देशवासी मजदूरों के सही सलामत बाहर निकलने की दुआ-प्रार्थना कर रहे थे। फिलहाल अब मजदूर सुरंग से बाहर आ चुके हैं तो सभी ने राहत की सांस ली है. सुरंग से निकाले जाने के बाद मजदूरों की मेडिकल जांच और देखभाल के लिए चिन्यालीसौड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 41 बेड वाला एक अस्पताल तैयार किया गया है
बता दें कि सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने थाईलैंड और नॉर्वे के एक्सपर्ट की भी मदद ली थी। इसके साथ कई और इंटरनेशनल टनल एक्सपर्ट भी मजदूरों को निकालने में अपना अनुभव साझा कर रहे थे, लेकिन इन सबके बावजूद रेस्क्यू टीम के सामने कई चुनौतियां आईं।जानकारी के मुताबिक, टनल में 8 राज्यों के 41 मजदूर फंसे हुए थे. इसमें उत्तराखंड के दो, हिमाचल प्रदेश का एक, उत्तर प्रदेश के आठ, बिहार के पांच, पश्चिम बंगाल के तीन, असम के दो, झारखंड के 15 और ओडिशा के पांच मजदूर थे।
Nov 29 2023, 10:00