ग़ैरकानूनी तरीक़े से ज़मीन नीलाम करने का लगाया आरोप, प्रेस कांफ्रेंस कर शम्स-उल-हसन ख़ान ने बैंक पर कई तरह का लगाया इल्जाम
गया। गया शहर के वाइट हाउस कंपाउंड के रोड नंबर 3 के रहने वाले प्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक स्वर्गीय डॉक्टर क्यूएच ख़ान के पुत्र शम्स-उल-हसन ख़ान उर्फ़ जावेद ख़ान ने पीएनबी बैंक काशीनाथ मोड़ शाखा पर ग़ैरकानूनी तरीक़े से उनकी ज़मीन नीलाम करने का आरोप लगाया है।
एक प्रेस कांफ्रेंस कर शम्स-उल-हसन ख़ान ने बैंक पर कई तरह का इल्ज़ाम लगाया। उन्होंने कहा कि डीड नंबर 3195/93 क्षेत्रफल 1238 स्क्वायर फ़ीट 3195 लोनी मंसूर-उल-हसन ख़ान के नाम से है। जबकि 1919 संयुक्त डीड है जिसमें मंसूर-उल-हसन ख़ान की ज़मीन का क्षेत्रफल सिर्फ़ 42 फ़ीट है। जबकि 723 स्क्वायर फ़ीट शम्स-उल-हसन ख़ान के नाम से है।
शम्स-उल-हसन ख़ान ने बताया कि मंसूर-उल-हसन ख़ान के नाम से दोनों डीड मिलाकर 1280 स्क्वायर फ़ीट होता है जबकि बैंक ने 2003 स्क्वायर फ़ीट ज़मीन/मकान मोरगेज कर बेच दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि बैंक ने मोरगेज पर बिना हस्ताक्षर एवं बिना गारंटर बनाए उनकी ज़मीन को अवैध तरीक़े से मोरगेज कर बेच दिया।
उन्होंने बताया कि अख़बार में निकाले गए विज्ञापन के माध्यम से नीलामी की जानकारी मिलने पर उन्होंने बैंक को लीगल नोटिस भेजा कि बैंक ने उनके हिस्से की ज़मीन कैसे नीलाम कर दी। जबकि उन्होंने किसी तरह का लोन का नहीं लिया है।
उन्होंने जानकारी दी कि इस पर बैंक ने अपने ग़लती स्वीकार करते हुए उनके हिस्से की ज़मीन को नीलामी से मुक्त करने का भरोसा दिलाया था। लेकिन कई साल गुज़र जाने के बावजूद अब तक इस पर अमल नहीं हुआ।
इस तरह बैंक व अपने भाई के मामले के बीच में फंसकर शम्स-उल-हसन ख़ान बेवजह परेशान होकर क़ानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। इस मामले को सुलझता न देखकर शम्स-उल-हसन ख़ान उर्फ़ जावेद ख़ान ने न्यायालय का शरण लिया। जिस पर न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए बैंक मैनेजर के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट जारी कर रखा है।
यह पूरा मामला मात्र 723 स्क्वायर जमीन से लेकर लड़ी जा रही है। शम्स-उल-हसन ख़ान इस इंतेज़ार में हैं कि कब उन्हें इंसाफ मिलेगा और वह कब इस मामले से निजात पाएंगे।
[28/11, 10:05 pm] STREET BUZZ News: 5 minutes
Nov 29 2023, 09:36