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कार्य में लापरवाही करनो औरंगाबाद सदर अस्पताल के उपाधीक्षक को पड़ा महंगा, जिलाधिकारी ने वेतन बंद करने का जारी किया आदेश

औरंगाबाद : जिले के सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ सुनील कुमार का वेतन बंद कर दिया गया है। डीएम श्रीकांत शास्त्री ने इस आशय का पत्र जारी किया है। 

जारी पत्र में कहा गया है कि सदर अस्पताल में एनेस्थीसिया विशेषज्ञ उपलब्ध रहते हुए कार्य नहीं किए जाने के आरोप में दोषी चिकित्सकों के खिलाफ मंतव्य सहित प्रतिवेदन उपलब्ध कराने की मांग की गई थी। इसके साथ ही सितंबर और अक्टूबर महीने के डॉक्टरों की रोस्टर ड्यूटी उपलब्ध कराने का निर्देश उपाधीक्षक को दिया गया था। उनके स्तर से अभी तक प्रतिवेदन नहीं सौंपा गया। 

कहा गया कि उनके द्वारा बिना रोस्टर ड्यूटी बनाए ही मनमाने तरीके से कार्य कराया जा रहा है। यह उनके कार्य के प्रति घोर लापरवाही, उदासीनता और अनुशासनहीनता को दर्शाता है। पत्र में निर्देश दिया गया है कि दो दिनों के अंदर अपना स्पष्टीकरण समर्पित करेंगे। किस परिस्थिति में उनके द्वारा दोषी चिकित्सकों से संबंधित प्रतिवेदन और सितंबर तथा अक्टूबर महीने के डॉक्टरों की रोस्टर ड्यूटी उपलब्ध नहीं कराई गई है, इसके बारे में पूछा गया है। इसके साथ ही उनका वेतन अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। 

इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ रवि भूषण श्रीवास्तव ने बताया कि उन्हें यह पत्र प्राप्त हुआ है जिसके आलोक में उपाधीक्षक का वेतन बंद हुआ है। 

इस संबंध में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक से उनके सरकारी मोबाइल नंबर पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन बात नहीं हो सकी।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

नवरात्र पर गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में गरबा नाईट का हुआ आयोजन, डांडिया व झिझिया फोक डांस करते झूमे स्टूडेंट्स

औरंगाबाद : जिले के रफीगंज के अरथुआ स्थित राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय में दुर्गा पूजा के अवसर पर बुधवार की रात गरबा नाईट का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में स्टूडेंट्स ने गरबा के दौरान डांडिया के साथ ही बिहार की विलुप्त हो रही प्रसिद्ध लोक नृत्य झिझिया डांस भी किया। गौरतलब है कि झिझिया बिहार का एक प्रसिद्ध सांस्कृतिक लोक नृत्य है, जिसकी प्रस्तुति दशहरा उत्सव के दौरान दी जाती है। यह नृत्य विजय की देवी मां दुर्गा के प्रति भक्ति प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है।

इस मौके पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत मणि ने कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन से छात्र-छात्राओं को अपनी पारंपरिक विरासत और रीति-रिवाजों को प्रदर्शित करने का मौका मिलता है। यह लोगों के बीच खुशी, एकता और उत्सव व्यक्त करने का एक माध्यम है।

इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ मां की आरती के साथ की गई। उसके बाद कॉलेज की छात्रा सुरभि, आकांक्षा, अंजलि, साक्षी एवं निशा ने झिझिया लोक नृत्य की प्रस्तुति दी। इसके बाद डांडिया का आयोजन हुआ। डांडिया और झिझिया दोनों ही डांस पर स्टूडेंट्स जमकर झूमे। 

इस दौरान महाविद्यालय के प्राध्यापकगण भी मौजूद रहें। महाविद्यालय के कैंपस इंचार्ज डॉ. सचिन माहेश्वर ने बताया कि कार्यक्रम को छात्रों ने काफी अनुशासित तरीके से संचालित किया।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

औरंगाबाद में भी दिखेगी श्री बाबू-अनुग्रह बाबू की जोड़ी, बिहार विभूति के बगल में स्थापित डॉ. श्रीकृष्ण सिंह की प्रतिमा का 21 को अक्टूबर को होगा अनावरण


औरंगाबाद : देश की आजादी के बाद की बिहार की राजसत्ता की चर्चित राजनीतिक जोड़ी श्री बाबू-अनुग्रह बाबू की जोड़ी के फिर से दर्शन होंगे। यह अवसर 21 अक्टूबर को तब मिलेगा जब जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिंहा यहां राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बिहार केसरी श्रीकृष्ण सिंह की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। औरंगाबाद में श्री बाबू की प्रतिमा बिहार विभूति अनुग्रह नारायण सिंहा के स्मारक के बगल में ही कुछ दूरी पर स्थापित की गई है। इस लिहाज से प्रतिमा स्थापना के बहाने यह पुरानी जोड़ी फिर से लग गई है। 

गौरतलब है कि श्री बाबू की सरकार में बिहार विभूति के रूप में चर्चित रहे अनुग्रह नारायण सिंहा वित्त मंत्री थें। दोनों में बड़ी अच्छी राजनीतिक दोस्ती थी। इस कारण उन्हे राज्य में श्री बाबू-अनुग्रह बाबू की जोड़ी के रूप में जाना जाता रहा है। अनुग्रह बाबू औरंगाबाद के पोईवां के निवासी रहे है। शहर में समाहरणालय के मुख्य द्वार के पास उनका स्मारक बना हुआ है, जिसमें उनकी आदमकद प्रतिमा स्थापित है। अनुग्रह बाबू की यहां प्रतिमा स्थापना के बाद से ही श्री बाबू के स्मारक की कमी लंबे समय से महसूस की जा रही थी। इसी कमी को बिहार केसरी श्रीकृष्ण सिंह स्मृति ट्रस्ट ने उनकी प्रतिमा को अनुग्रह बाबू के स्मारक के बगल में स्थापित कर साकार किया है। 

ट्रस्ट के अध्यक्ष संजय मौआर एवं सचिव नीलमणि कुमार ने गुरुवार को यहां प्रेसवार्ता में बताया कि श्री बाबू के यहां के लाखों अनुयायियों की यह दिली ख्वाहिश थी कि औरंगाबाद में श्री बाबू की प्रतिमा अनुग्रह बाबू के बगल में ही लगे। ट्रस्ट ने इस ख्वाहिश को जन सहयोग से पूरा किया है। स्मारक में लगी श्री बाबू की प्रतिमा के अनावरण की तारीख 21 अक्टूबर तय की गई है। इस दिन जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिंहा उनकी प्रतिमा का अनावरण करेंगे। 

अनावरण समारोह में नेता प्रतिपक्ष विजय सिंहा, लोजपा(रामविलास) सुप्रीमो चिराग पासवान, आरएलजेडी सुप्रीमो व पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा, बीजेपी सांसद जनार्दन सिग्रिवाल, औरंगाबाद के सांसद सुशील सिंह, औरंगाबाद के विधायक आनंद शंकर, कुटुम्बा के विधायक राजेश कुमार, एमएलसी दिलीप सिंह, जहानाबाद के पूर्व सांसद डॉ. अरूण कुमार एवं यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय समेत दर्जनो नेता मौजूद रहेंगे। 

ट्रस्ट के सदस्यों ने बताया कि प्रतिमा अनावरण समारोह की सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई है। 

प्रेसवार्ता में भाजपा नेता सुनील शर्मा, मंटू शर्मा, ईं. कृष्णा शर्मा, वार्ड पार्षद सुशील कुमार, रवींद्र शर्मा एवं संजय शर्मा आदि मौजूद रहे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

औरंगाबाद जिला परिवहन विभाग का कमाल : नियम को ताक पर रखकर सबकुछ फेल विभाग की गाड़ी को सरपट दौड़ा रहे सड़क पर

औरंगाबाद : जिले का परिवहन महकमा बड़े कमाल का है। यह महकमा औरों के वाहनों के रजिस्ट्रेशन, इंश्योरेंस, पॉल्यूशन, फिटनेस, रोड टैक्स आदि कागजातों की जांच करता है। कागजातों में कमी रहने पर जुर्माना भी लगाता है, पर इस विभाग के अपने ही एक वाहन का सब कुछ फेल है। 

अब बिल्ली के गले में घंटी बांधे कौन यानी इन पर कौन जुर्माना लगाए? मतलब जब गाड़ी का मालिक परिवहन विभाग ही है, तो बात "जब सैयां भये कोतवाल तो अब डर काहे का"। बात सही भी है विभाग की गाड़ी है तो डर भी नही है। 

यही वजह है कि परिवहन विभाग की इस गाड़ी पर विभाग के कारिंदें सवार होकर एनएच, एसएच और अन्य सड़कों पर निडर होकर निकलते है। सड़क पर वाहनों की जांच करते है, कागजातों में कमी होने और परिवहन नियमों का उल्लंघन पर जुर्माना भी लगाते है। 

हद यह कि इतना सब करने के बावजूद इनका अपने ही वाहन पर ध्यान नही है। जी हां हम बात कर रहे है औरंगाबाद के परिवहन विभाग के महिंद्रा कमांडर जीप की। जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर-बीआर 26 बी 4777 है। यही वह वाहन है, जिसका सब कुछ फेल हैं।

क्या बोलते हैं अधिकारी

इस बारे में जब जिला परिवहन पदाधिकारी शैलेंद कुमार दास से जब बात की गई तो उन्होने स्वीकार किया कि वाहन के सभी कागजात फेल है। उन्होने दावा किया कि वाहन परिवहन कार्यालय परिसर में खड़ी रहती है। हालांकि उनसे बातचीत के पहले ही परिवहन विभाग में ङ्यूटी करने वाले गार्ड ने नाम नही उजागर करने के शर्त पर स्वीकार किया कि वाहन का इस्तेमाल होता है। 

वही इसके उलट डीटीओ ने पूछे जाने पर यह कहा कि गार्ड कोई अधिकृत व्यक्ति है कि उसकी बात को माना जाएं। वे विभाग के प्रधान है और जब वे कह रहे है कि वाहन इस्तेमाल में नही है, तो नही है। हालांकि उन्होने यह स्वीकार किया कि यदि सारे कागजात फेल होने के बाद भी वाहन चल रहा है, तो यह सही नही है। 

डीटीओ ने यह भी जोड़ा कि संभव है कि वाहन को कभी किसी ने चलाया हो और आपकी उस पर नजर पड़ गई हो। 

डीटीओ की घुमा फिरा कर कही गई बातों के संकेत साफ है और खुद उनकी ही बातें चुगली कर रही है कि इस खटारा और सभी फेल कागजात वाले वाहन सड़क पर जरूर चलती है।

औरंगाबाद से

औरंगाबाद:-आगजनी के दोषी को दो साल की हुई सजा

आज़ व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में एसीजेएम चार राजेश सिंह ने मुफस्सिल थाना कांड संख्या -04/08,जी आर -138/08,टी आर -83/23 में निर्णय पर सुनवाई करते हुए एक अभियुक्त को दोषी ठहराया गया और सज़ा सुनाई गई,

सहायक लोक अभियोजन पदाधिकारी नवीन कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि अभियुक्त विनोद राम को भादंवि धारा -435 में दोषी करार देते हुए दो साल की सजा और एक हजार जुर्माना लगाया गया है जुर्माना न देने पर तीन माह अतिरिक्त कारावास होगी, अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी सूचक जगनरायण राम विश्रामपुर टोले गढवट ने

15/01/08 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी जिसमें कहा था कि 12/01/08 को अभियुक्त अन्य साथी शम्भू राम और श्याम नारायण राम के साथ रात में गाली गलौज करते हुए जबरदस्ती दरवाजा खोलने को कह रहा था

दरवाजा न खोलने पर आगजनी की धमकी दी और खलिहान में रखे दो सौ बोझा धान में आग लगा दिया, अन्य अभियुक्तों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त किया गया है,

मैं क्या रामचरितमानस का जाप और मंदिर में घंटा बजाने आया हूं? मैं भी हूं दावेदार : रामाधार सिंह


औरंगाबाद – जिले में इसबारप के लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी की मुसीबतें बढ़ने वाली है। बीजेपी के दो सीनियर लीडर के बीच ठन गई है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता व बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रामाधार सिंह ने अभी से ही लोकसभा के लिए अपनी दावेदारी करना शुरु कर दिया है। इसे लेकर उन्होंने निवर्तमान सांसद सुशील सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।  

सूबे के पूर्व सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह ने अपनी ही पार्टी भाजपा के सांसद सुशील कुमार सिंह पर कई आरोप लगा रहे है। पूर्व विधायक रामाधार सिंह द्वारा दिए गए बयान से राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। इस दौरान उन्होंने लोक सभा चुनाव में अपनी दावेदारी पेश करने की इच्छा भी जताई।

उन्होंने सांसद पर निशाना साधते हुए कहा कि जब दलबदलू आ सकता है तो हम क्यों नही। मैं क्या रामचरितमानस का जाप और मंदिर में घंटा बजाने थोड़े ही आया हूं।मैं कार्यकर्ता हूं और अपने खून से इस पार्टी को सींचा हूं।मैंने अपना खेत बेचकर पार्टी को खड़ा किया है।मैं जितना पैसा झंडा, रैली और प्रदर्शन में खर्च किया हूं उतने में सांसद सुशील सिंह जैसा सिंह कोठी बनवा लेता। उनसे भी बड़ा मेरा कोठी होता।जबकि औरंगाबाद शहर में रहने के लिए मेरा घर तक नही है। 

रामाधार सिंह ने कहा कि जो कल तक बनिया था वह आज सेठ हो गया है। उन्होंने गृह विभाग से सांसद के घर ईडी की रेड करवाने की मांग तक कर डाली है, और कहा कि उनके घर धन पकड़ा जाय। मैं दावे के साथ कह रहा हूं कि उनके घर दो एके 47 राइफल है जो उग्रवादियों के पास रहता है। रामाधार सिंह ने कहा कि जिसका 100 लोग विरोधी न हो उसका जिंदगी नर्क है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

रामाधार सिंह के बयान के बाद जिले की सियासत गरम, बीजेपी के कई सीनियर लीडर ने सांसद सुशील सिंह पर लगाए गए आरोप को बताया निराधार

औरंगाबाद - बीजेपी के सीनियर लीडर व पूर्व सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह द्वारा उत्तर कोयल नहर परियोजना को लेकर सांसद सुशील कुमार सिंह पर लगाए गए आरोपों का आज मंगलवार को कई भाजपा नेताओं ने करारा जवाब दिया। भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अशोक कुमार सिंह, जिला महामंत्री मुकेश सिंह, मीडिया प्रभारी मितेन्द्र कुमार सिंह, जिला प्रवक्ता दीपक सिंह एवं जिला कोषाध्यक्ष आलोक सिंह ने यहां प्रेसवार्ता में पूर्व मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोला। उनपर करारा प्रहार किया।

कहा कि रामाधार सिंह द्वारा लगाए गए सारे आरोप झूठे और बेबुनियाद है। प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अशोक सिंह ने कहा कि जब जब रामाधार सिंह हमारे नेता सुशील सिंह का विरोध करते है, वें चुनाव जीतते है। 2014 में विरोध किया। 2019 में भी विरोध किया। दोनों ही बार चुनाव जीते। अब फिर विरोध कर रहे है तो इसका मतलब साफ है कि 2024 में भी सुशील सिंह का चुनाव जीतना तय है। सुशील सिंह के लिए रामाधार सिंह का विरोध करना शुभ है। इसलिए सांसद उनके आरोपों की न तो नोटिस लेते है और न ही जवाब देना जरुरी समझते है।

नेताओं ने कहा कि जब जब पूर्व मंत्री ने सांसद के विरोध में बोला है, तब तब हम कार्यकर्ताओं ने ही उनका जवाब दिया है। आज भी जवाब दे रहे है। रामाधार सिंह अब अवसान की ओर है। इस कारण पार्टी भी उनकी बातों की नोटिस नही लेती है। जिला महामंत्री मुकेश सिंह ने कहा कि रामाधार सिंह अप्रासंगिक हो गए है। पार्टी को सींचने का उनका दावा झूठा है। उन्होने पार्टी को सिर्फ डैमेज करने का काम किया है।

कहा कि जिस उत्तर कोयल नहर परियोजना को लेकर वें सांसद के खिलाफ बोल रहे है, उसी नहर से उनकी राजनीतिक उत्पति हुई है। उन्होने उत्तर कोयल नहर के लिए कुछ भी नही किया है। जो किया है, सुशील सिंह ने किया है। इसलिए पूर्व मंत्री को उत्तर कोयल पर बोलने और सांसद के खिलाफ बोलने का अधिकार नही है।

कोषाध्यक्ष आलोक सिंह ने कहा कि रामाधार सिंह कोई इंजीनियर है कि उन्हे तकनीकी का कोई ज्ञान नही है। जब तकनीकी ज्ञान ही नही है, तो वें इसकी खामियों पर ज्ञान कैसे बघार रहे है। इस मामले में उनका ज्ञान बिल्कुल कोरा है। यदि उन्हे तकनीकी ज्ञान होता, और तब कुछ बोलते तो उनकी बातों को गंभीरता से लिया जाता। कहा कि पूर्व मंत्री लाख आरोप लगाते रहे, परियोजना पूरी होगी।

प्रेसवार्ता में सांसद प्रतिनिधि अश्विनी सिंह, महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष अनिता सिंह एवं पार्टी नेत्री गुड़िया सिंह भी उपस्थित रही।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज में मगध विश्वविद्यालय के एक नए शाखा का हुआ उद्घाटन, छात्र-छात्राओं अब बोध गया का नहीं लगाना पड़ेगा चक्कर

औरंगाबाद - मगध विश्वविद्यालय के एक नए शाखा का उद्घाटन शहर के प्रतिष्ठित संस्थान सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज में किया गया। इसके साथ ही अब जिले के छात्र-छात्राओं को करीब 90 किलोमीटर दूर बोधगया नहीं जाना पड़ेगा। उनका न सिर्फ समय की बचत होगा बल्कि शैक्षिक समस्याओं का हल कॉलेज परिसर में ही होगा। इसके पूर्व छात्र-छात्राओं को साधारण कामों के लिए भी काफी समस्याओं का सामना करता पड़ता था।

इस कार्यक्रम का संयुक्त रूप से उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि सांसद सुशील कुमार सिह, मगध विश्वविद्यालय के कुलपति शशि प्रताप शाही, सदर विधायक आनंद शंकर सिह एवं कॉलेज प्राचार्य सुधीर कुमार मिश्रा ने संयुक्त रूप से किया।

इस अवसर पर मगध विश्वविद्यालय के कुलपति शशि प्रताप शाही ने कहा कि विश्वविद्यालय का शाखा खुलने से शिक्षा के हित में छात्र-छात्राओं को सहूलियत मिलेगी, जिन छात्रों को विभिन्न दस्तावेजों से संबंधित कार्य को लेकर लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी, अब उन्हें अंक प्रमाण-पत्र, अंतरिम प्रमाण-पत्र, परीक्षा फार्म भरने सहित अन्य कार्यों के लिए बोधगया नहीं जाना पड़ेगा, विशेष परिस्थितियों में जाना पड़ सकता है यथा विविध समस्याओं का समाधान कॉलेज परिसर में ही होगा।

श्री शाही ने कहा कि विश्वविद्यालय में वर्षों से लंबित परीक्षाओं को नियमित किया जा रहा है और शैक्षणिक सत्रों को भी शीघ्र ही पूरी तरह नियमित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की सभी लंबित समस्याओं का त्वरित गति से निष्पादन किया जाएगा। इससे छात्रों – अभिभावकों, शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को भी सुविधा होगी।

उन्होंने कहा कि दो महीनों के अंदर मगध विश्वविद्यालय में 38 परिक्षाएं संपादित हुई है। वहीं अगले साल से विश्वविद्यालय के सभी परीक्षाएं नियत समय आयोजित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि यहां जिस वोकेशनल कोर्स की डिमांड की जाएंगी, उसे पूर्ति करने के लिए यथासंभव प्रयास करूंगा।

वहीं कुलपति ने सांसद के आग्रह पर सच्चिदानंद सिंहा महाविद्यालय में दो व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में पढ़ाई शुरू कराने की घोषणा की।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

कांग्रेस विधायक व मगध विश्वविद्यालय के सीनेटर राजेश कुमार ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर गलत नई परिपाटी शुरू करने का लगाया आरोप

औरंगाबाद - बिहार विधानसभा में सत्तारूढ़ दल के सचेतक, कुटुम्बा के कांग्रेस विधायक व मगध विश्वविद्यालय के सीनेटर राजेश कुमार ने मगध यूनिवर्सिटी प्रशासन पर विश्वविद्यालय के कार्यक्रमों में सीनेट के सदस्यों का आमंत्रित नही करने की नई परिपाटी शुरू करने का आरोप लगाया हैं।

श्री कुमार ने औरंगाबाद में विश्वविद्यालय की शाखा खोले जाने के अवसर पर शहर के सच्चिदानंद सिंहा कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में खुद को सीनेट के सदस्य के रूप में आमंत्रित नही करने को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बिहार विधान सभा के 9 सदस्यों को मगध विश्विद्यालय में सीनेट का सदस्य नामित किया गया है। इसमें वें भी एक सदस्य है।

कहा कि औरंगाबाद में आयोजित कार्यक्रम में उनमें से किसी को भी आमंत्रित नहीं किया गया। सीनेट के वरिष्ठ सदस्यों में पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, पूर्व मंत्री व पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. प्रेम कुमार तक को आमंत्रित नहीं किया गया। कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों- जिला परिषद अध्यक्ष एवं प्रखंड प्रमुख को भी संभवतः आमंत्रित नहीं किया गया। यहां अपने आप में एक प्रश्न यह भी खड़ा है कि आखिर किन परिस्थितियों में कार्यक्रम के लिए अलग-अलग तरह का आमंत्रण पत्र छपा? क्या यह विश्वविद्यालय की नई परंपरा है?

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा शुरू की गई इस तरह की परंपरा बेहद निंदनीय है। इसकी वें घोर भर्त्सना करते है। वें इसकी शिकायत कुलाधिपति सह राज्यपाल से भी करेंगे। साथ ही सीनेट की बैठक में भी इस मुद्दे को उठाएंगे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

शराब बरामदगी के मामले में हरियाणा का अभियुक्त दोषी करार

औरंगाबाद - आज व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में एडिजे सह स्पेशल उत्पाद अन्नय कोर्ट प्रथम ने बारूण थाना कांड संख्या -467/22 जी आर 1336/22 टी आर 09/23 मे निर्णय पर सुनवाई करते हुए एकमात्र काराधीन अभियुक्त रविन्द्र, दहमन फतेहबाद, हरियाणा को प्रतिबंधित 113 लीटर शराब बरामदगी के मामले में दोषी करार दिया है।

स्पेशल पीपी अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि अभियुक्त को बिहार मध निषेध उत्पाद एक्ट की धारा 30 ए के तहत दोषी ठहराया गया है सजा के बिन्दु पर सुनवाई के तिथि 30/10/23 निर्धारित किया गया है।

विधि परामर्शी शेखर कुमार ने बताया कि प्राथमिकी 22/10/22 को सहायक अवर निरीक्षक अजीत कुमार सिंह ने दर्ज कराया था जिसमें कहा था कि थाना क्षेत्र के जी टी रोड पर बाबा के ढाबा लाइन होटल के सामने अभियुक्त को शराब के साथ गिरफ्तार किया गया था।

आरोप गठन -30/05/23 को किया गया था मात्र पांच माह में सुनवाई पूरी कर अभियुक्त को आज दोषी ठहराया गया है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र