यूक्रेन की एक महिला और जर्मनी से आये 11 महिलाओं व 12 विदेशी श्रद्धालुओं ने देव घाट पर किया पिंडदान और तर्पण कर्मकांड
गया - यूक्रेन की एक महिला के बाद जर्मनी से आये 11 महिलाओं सहित 12 विदेशी श्रद्धालुओं ने एक पखवाड़े तक चलने वाले पितृपक्ष के 13वें दिन बुधवार की सुबह विष्णुपद मंदिर के पास देव घाट पर पिंडदान और तर्पण कर्मकांड किया। जर्मन भक्तों ने मुख्य रूप से अपने पति और यहां तक कि बेटे सहित परिवार के सदस्यों की दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए तर्पण अनुष्ठान किया है। यूक्रेन की महिला ने शनिवार (7 अक्टूबर) को रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध में मारे गए सैनिकों और आम लोगों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया था।
बुधवार को रूस और यूरोपीय देशों के भारतीय संस्कृति की पारंपरिक पोशाक साड़ी पहने जर्मन महिलाएं नतालिया, स्वेतलाना, ऑक्साना, शासा, इरिना, मार्गेरिटा और ग्रिचकेविच (Natalia, Svetlana, Oxana, Shasa, Irrina, Margherita, Grichkevich) और धोती पहने एकमात्र पुरुष केविन (Kevin) ने सक्रिय हिंदू जागरण समिति के प्रचारक लोकनाथ गौड़ दास के नेतृत्व में अनुष्ठान किया। गौड ने कहा, “महिलाओं में पुरुषों की तुलना में आध्यात्मिकता में अधिक आस्था और विश्वास होता है। जर्मन महिलाओं में से एक वैलेंटाइन इसका उदाहरण है। जब उनके पति ने रुचि नहीं दिखाई, तो उन्होंने अपने बेटे के लिए अनुष्ठान करने के लिए गया आने का फैसला किया, जो किशोरावस्था में ही चला गया था।
जिलाधिकारी डॉ० त्यागराजन एसएम ने कहा “विदेशी श्रद्धालुओं के लिए देव घाट पर पर्याप्त महिला दंडाधिकारी एव महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। उन्होंने चल रहे पितृपक्ष के दौरान जिला प्रशासन द्वारा किये विभिन्न व्यवस्थाओ यथा साफ सफाई, मेडिकल फेसिलिटी, गर्व गृह में बिना रोक टोक दर्शन, अलग अलग स्थान पर पेयजल व्यवस्था, सुरक्षा और यातायात व्यवस्था की प्रशंसा की। जर्मन श्रद्धालुओं ने भी फल्गु नदी में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राज्य और जिला प्रशासन की पहल की सराहना करते हुए कहा कि हमने पढ़ा था कि फल्गु एक भूमिगत नदी है, जो बरसात के मौसम को छोड़कर सूखी रहती है। उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए यह एक अच्छी पहल है।
गया जी डैम बनाकर श्रद्धालुओं की इतनी बड़ी भीड़ के लिए पानी की व्यवस्था की गई। डैम में साफ-सफाई बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन आभारी है।'' सभी विदेशी श्रद्धालुओं ने आज देवघाट पर तर्पण कर काफी खुसी प्रकट किया है।
विदित हो कि इस पितृपक्ष मेला में अब तक 35 से ऊपर विदेशी श्रद्धालुओं ने तर्पण कर्मकांड किया है।
गया से मनीष कुमार
Oct 11 2023, 22:05