चुनाव से पहले 'मुफ्त रेवड़ियां' बांटने पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, चुनाव आयोग, केंद्र, राजस्थान और एमपी सरकार को नोटिस
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पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले फ्रीबीज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया दिखाते हुए केंद्र सरकार के साथ-साथ मध्य प्रदेश और राजस्थान को भी नोटिस जारी किया है।इसके अलावा चुनाव आयोग को भी नोटिस जारी कर मामले में जवाब तलब किया गया है। कोर्ट ने जवाब देने के लिए सभी पक्षों को 4 हफ्ते का वक्त दिया है।
दरअसल, विधानसभा चुनाव से पहले मुफ्त में चीजें बांटने के वादों पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थी। याचिका में कहा गया है कि इस तरह की चुनावी लाभ वाली मुफ्त योजनाओं से लोगों पर भी बोझ बढ़ता है। याचिका के जरिए विधानसभा चुनाव से पहले मुफ्त चीजें बांटने के वादों पर रोक लगाने की मांग की गई है।चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
याचिकाकर्ता की पैरवी करने वाले वकील ने कहा कि चुनाव से पहले सरकार द्वारा नकदी बांटने से ज्यादा खराब और कुछ नहीं हो सकता। हर बार यह होता है और इसका बोझ आखिरकार करदाताओं पर आता है।याचिकाकर्ता ने कहा कि चुनावी साल में राज्य सरकारें जिस तरह से धड़ाधड़ ऐलान करना शुरू कर देती हैं उसका असर तो सरकारी खजाने पर ही पड़ता है। जब सरकारी खजाने से जनता के पैसे का दोहन होना शुरू हो जाता है तो उसका असर करदाताओं पर होने लगता है। कुल मिलाजुला कर नुकसान आम जनता का ही होता है।
इस पर मुख्य न्यायाधीस जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि चुनाव से पहले हर तरह के कई वादे किए जाते हैं और हम इस पर किसी तरह का नियंत्रण नहीं कर सकते। हम इसे अश्विनी उपाध्याय की याचिका के साथ टैग करेंगे। लेकिन आपने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय आदि को पक्षकार बनाया है। आपको सरकार को पक्षकार बनाने की जरूरत है और आरबीआई, महालेखा परीक्षक आदि को पक्षकार बनाने की जरूरत है।सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग के अलावा मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने जवाब देने के लिए 4 हफ्ते का समय दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दाखिल इस नई याचिका को फ्रीबीज मामले में लंबित मुख्य याचिका के साथ जोड़ दिया है।
Oct 06 2023, 15:15