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आप सांसद संजय सिंह के दरवाजे पर ईडी की दस्तक, शराब घोटाले मामले में छापा

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आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के दिल्ली स्थित आवास पर बुधवार की सुबह-सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापा मारा।दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संजय सिंह के परिसरों पर छापे मारे गए हैं। बताया गया है कि ईडी ने संजय के स्टाफ और उनसे जुड़े कई लोगों से पूछताछ भी की है। 

ईडी की टीम सुबह करीब सात बजे दिल्ली स्थित उनके आवास पहुंची। इस दौरान बाहर सीआरपीएफ के जवान भी तैनात थे।आज सोशल मीडिया पर संजय सिंह की एक तस्वीर वायरल हो रही है। कुछ समय पहले संजय सिंह ने अपने घर पर यह पोस्टर लगवाया था, जिसमें लिखा था- फक्कड़ हाउस में ईडी का स्वागत है। आज सच में ईडी की टीम उनके घर पहुंच गई। सुबह 8-9 लोगों की ईडी टीम आप सांसद के नार्थ एवेन्यू स्थित सरकारी आवास में घुसी।

बता दें कि आप सांसद संजय सिंह का शराब घोटाले में दाखिल चार्जशीट में नाम शामिल था। संजय सिंह के करीबियों से भी पूछताछ की जा चुकी है।इससे पहले भी आम आदमी पार्टी के कई नेता जांच एजेंसियों के रडार पर आए हैं। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल मई में आप सरकार में मंत्री रहे सत्येंद्र जैन को अरेस्ट किया था। हालांकि अब कोर्ट से उन्हें बीमारी के चलते अंतरिम जमानत मिल गई। इसी साल फरवरी में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को दिल्ली शराब नीति में घोटाले के आरोप में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। शराब घोटाले में ही बाद में उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ईडी ने अरेस्ट किया था। फिलहाल मनीष सिसोदिया जेल में बंद हैं।

क्या है पूरा मामला

दरअसल साल नवंबर 2021 में दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति 2021-2022 लागू की की थी। इस नीति के आने के बाद राज्य के कारोबारियों ने ग्राहकों को डिस्काउंटेड रेट पर शराब बेचना शुरू किया था।बाद में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने नई आबकारी नीति पर सरकार से रिपोर्ट मांगी। जब एलजी को मुख्य सचिव ने रिपोर्ट सौंपी गई तो उसमें नियमों के उल्लंघन और टेंडर प्रक्रिया में खामियों का जिक्र किया गया। दिल्ली सरकार पर निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाकर रिश्वत लेने के भी आरोप लगे।

इसके बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने नई शराब नीति में अनियमितओं को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की सिफारिश की।जांच के बाद सीबीआई ने नई आबकारी नीति बनाने और लागू करने में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के मामले में केस दर्ज किया और सिसोदिया को मुख्य आरोपी बनाया। बाद में सीबीआई ने सिसोदिया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस मामले में बाद में ईडी ने भी सिसोदिया को अरेस्ट कर लिया। जांच के बीच ही दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति को वापस ले लिया।

तृणमूल कांग्रेस का गंभीर आरोप, “पश्चिम बंगाल के सांसदों-नेताओं को दिल्ली पुलिस ने घसीटा, बदसलूकी की”

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने आरोप लगाया है कि केंद्र से फंड की मांग को लेकर दिल्ली में जारी पार्टी के विरोध प्रदर्शन के दूसरे दिन पुलिस ने उसके सांसदों और नेताओं के साथ बदसलूकी की और उन्हें बेरहमी से घसीटा। दिल्ली में देर रात तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने कृषि भवन में प्रदर्शन किया।

राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति पर मिलने से मनाही का आरोप

केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से मिलने पहुंचे टीएमसी नेताओं ने सांसद अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में कृषि भवन के अंदर धरना दिया। बाद में दिल्ली पुलिस ने सभी को हिरासत में लिया। हालांकि करीब तीन घंटे के बाद सभी को छोड़ दिया गया। धरने के बाद अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने महिला सांसदों को घसीटा और उनके साथ बदसलूकी की। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय पर धरना दे रही तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने यह कहते हुए उनसे मिलने से इनकार कर दिया कि वह पांच से अधिक प्रतिनिधियों से नहीं मिलेंगी। 

1 लाख लोगों के साथ 'राजभवन अभियान'

टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाए हैं कि पुलिस द्वारा की गई बदसलूकी के खिलाफ वह 5 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे राजभवन में 1 लाख लोगों के साथ 'राजभवन अभियान' चलाएंगे। इस अभियान के तहत वह राज्यपाल से भी मिलेंगे और उन्हें 50 लाख पत्र सौंपेंगे। इस दौरान बनर्जी ने कहा कि जो लोग बंगाल के लोगों के लिए लड़ रहे हैं उन्हें 3 घंटे तक इंतजार कराया गया... मंत्री भाग गए। हम वहां शांति से बैठे थे लेकिन अचानक सुरक्षाकर्मियों ने महिलाओं समेत हम सभी के साथ मारपीट की। अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाए कि जिस तरह से हमें घसीटा गया और अपमानित किया गया, आज का दिन लोकतंत्र के लिए एक कलंकित दिन है। तस्वीरें झूठ नहीं बोलतीं। हमारे सांसदों को जिस तरह से परेशान किया गया वह खुलकर सामने आ गया है।

मंत्री ज्योति का पलटवार

वहीं, मंत्री ज्योति ने इसपर पलटवार किया। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर एक वीडियो शेयर कर लिखा कि आज ढाई घंटे बर्बाद हो गए। तृणमूल सांसदों का इंतजार करती रही, लेकिन वो लोग नहीं आए। उन्होंने कहा कि तृणमूल सांसदों और बंगाल के मंत्रियों के प्रतिनिधिमंडल ने छह बजे मिलने का समय लिया था। इंतजार करने के बाद साढ़े आठ बजे वह कार्यालय से निकली हैं। साध्वी निरंजन ज्योति ने टीएमसी सांसद और बंगाल मंत्रियों पर राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वे तृणमूल कार्यकर्ताओं को जनता के रूप में पेश करते हुए मिलना चाहते थे, जो कार्यालय प्रणाली के खिलाफ था। उन्होंने कहा कि वे बैठक के निर्धारित विषयों से पीछे हट गए क्योंकि उनका इरादा मिलने का नहीं बल्कि राजनीति करने का था। राज्य मंत्री ने आगे कहा कि तृणमूल नेताओं द्वारा ऐसा करना बेहद शर्मनाक है।

आज 02:30 घंटे का समय व्यर्थ गया।आज तृणमूल के सांसदों की प्रतीक्षा करते करते 08:30 बजे कार्यालय से निकली हूँ।

ममता बनर्जी ने कहा- लोकतंत्र का काला दिन

पूरे हंगामे को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोकतंत्र का काला दिन बताया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, ”आज लोकतंत्र के लिए एक काला और भयावह दिन है। पहले बीजेपी सरकार ने निर्दयतापूर्वक बंगाल के गरीबों के लिए धनराशि रोक दी और जब हमारा प्रतिनिधिमंडल शांतिपूर्वक विरोध करने और हमारे लोगों की दुर्दशा पर ध्यान आकर्षित करने के लिए दिल्ली पहुंचा तो उनके साथ क्रूरता की गई। पहले राजघाट पर और फिर कृषि भवन में। उनके अहंकार की कोई सीमा नहीं है और उनके अभिमान और अहंकार ने उन्हें अंधा कर दिया है। उन्होंने बंगाल की आवाज को दबाने के लिए सारी हदें पार कर दी हैं।

एशियन गेम्स 2023: आर्चरी में ज्योति और ओजस ने जीता गोल्ड, टूटा पिछले सीजन का रिकॉर्ड

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एशियाई खेलों का आज 11वां दिन है। चीन में खेले जा रहे एशियन गेम्स 2023 में भारतीय प्लेयर्स बहुत ही शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं।आज के गेम्स में कमाल करते हुए तीरंदाजी में गोल्ड मेडल जीत लिया है। भारत के लिए ज्योति वेन्नम और ओजस देवताले ने धमाकेदार प्रदर्शन किया। फाइनल में इन प्लेयर्स ने कोरियोई जोड़ी को मात दी। इसके साथ ही भारत ने अपने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। 19वां एशियाई खेल भारत के सबसे ज्यादा मेडल जीतने का गवाह बन चुका है।

एशियन गेम्स इतिहास में भारत का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन

भारत को आर्चरी में पहला गोल्ड मेडल मिल गया है। ज्योति सुरेखा वेन्नम और ओजस देवताले की जोड़ी ने भारत के लिए यह गोल्ड जीता। फाइनल में भारतीय जोड़ी की टक्कर साउथ कोरिया से थी। भारत ने इस मुकाबले को 159-158 से अपने नाम किया। इससे पहले भारतीय तीरंदाज ज्योति और ओजस ने सेमीफाइनल में कजाखस्तान की आदेल झेशेनबिनोवा और आंद्रे त्युत्युन की जोड़ी के खिलाफ एक बार नौ अंक को छोड़कर हर बार 10 अंक जुटाए। भारतीय जोड़ी ने क्वार्टरफाइनल में मलेशिया की जोड़ी मोहम्मद जुवैदी बिन माजुकी और फातिन नूरफतेहाह मेट सालेह को मात दी थी। अब उन्होंने फाइनल में भी अपना बेहतरीन प्रदर्शन जारी रखा और स्वर्ण पदक जीत लिया। इसके साथ ही भारत के 71 मेडल हो गए हैं। एशियन गेम्स इतिहास में भारत का सबसे बेस्ट प्रदर्शन है।

अपने पिछले बेस्ट प्रदर्शन का रिकॉर्ड तोड़ा

भारत ने एशियाई खेलों के इतिहास में अपनी सफलता की नई कहानी लिखी है। उसने अपने पिछले बेस्ट प्रदर्शन का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। भारत ने जकार्ता में हुए 2018 एशियन गेम्स में 16 गोल्ड के साथ कुल 70 मेडल जीते थे। लेकिन 19वें एशियाई खेलों का अभी 11वां दिन ही है और उसने ना सिर्फ 16 गोल्ड जीत लिया है। बल्कि कुल 71 मेल भी झोली में डाल लिए हैं। भारत ने 16वां गोल्ड मेडल तीरंदाजी के कंपाउंड मिक्स्ड टीम इवेंट में जीता।

सिक्किम में बादल फटने से तबाही, सेना के कैंप से 23 जवान लापता, तलाश जारी

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उत्तरी सिक्किम में बुधवार को बड़ा हादसा हुआ है।बादल फटने से आई बाढ़ से तबाही मची हुई है। यहां ल्होनक झील के ऊपर अचानक बादल फटने से लाचेन घाटी में तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई।इस बाढ़ में सेना के 23 जवान लापता बताए जा रहे हैं।जानकारी के मुताबिक, पहले बादल फटा और फिर इतना पानी आया कि चुंगथांग बांध से पानी छोड़ना पड़ा, जिसके बाद अब पानी का स्तर अचानक 15-20 फीट ऊंचाई तक बढ़ गया है।

23 जवानों के अलावा कई अन्य लापता

गुवाहाटी डिफेंस के प्रवक्ता ने कहा कि उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर अचानक बादल फटने से लाचेन घाटी में तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई। उन्होंने कहा कि घाटी में कुछ सैन्य प्रतिष्ठान प्रभावित हुए हैं। 23 कर्मियों के लापता होने की सूचना है और तलाशी अभियान जारी है। लाचेन घाटी के तीस्ता नदी में बाढ़ आई थी। घाटी में स्थित कई सैन्य भवन बाढ़ में बह गए। 23 जवानों के अलावा कई और लोगों के लापता होने की खबर है।

15-20 फीट की ऊंचाई तक जल स्तर बढ़ा

रक्षा पीआरओ के मुताबिक, चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण नीचे की ओर 15-20 फीट की ऊंचाई तक जल स्तर अचानक बढ़ गया। इसके कारण सिंगताम के पास बारदांग में खड़े सेना के वाहन प्रभावित हुए।

नेशनल हाइवे-10 पूरी तरह से बह गया

ल्होनक झील पर बादल फटने के बाद प्रशासन ने निचले इलाकों को अलर्ट कर दिया । गाज़ोलडोबा, दोमोहनी, मेखलीगंज, घीश, और बांग्लादेश के निचले इलाके ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। इन इलाकों को खासतौर पर अलर्ट किया गया। उधर, मेलि में नेशनल हाइवे-10 पूरी तरह से बह गया है। झील के फटने से फ्लैश फ्लड का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए प्रशासन अपने स्तर पर चौकसी बरत रहा है ताकि जानमाल के नुकसान को कम किया जा सके।

चीन की ये कौन सी नई चाल? अरुणाचल सीमा पर विदेशी मेहमानों का लगने वाला है जमावड़ा, पाकिस्‍तानी को भी मिला निमंत्रण

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चीन इस हफ्ते में तीसरे ट्रांस-हिमालय फोरम फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन की मेजबानी करने के लिए तैयार है।तीसरा ट्रांस-हिमालय फोरम फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन 4-5 अक्टूबर को तिब्बत ऑटोनोमस रीजन के न्यिंग-ची में आयोजित किया जा रहा है। ये इलाका भारत के अरुणाचल प्रदेश के करीब है।पाकिस्तान को बी इस फोरम में शामिल होने का निमंत्रण मिला है। पाकिस्तान के अंतरिम विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी इस फोरम में भाग लेने के लिए चीन जाएंगे।

जिलानी ट्रांस हिमालय फोरम को करेंगे संबोधित

सरकारी एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान (एपीपी) समाचार एजेंसी ने सोमवार को विदेश कार्यालय के हवाले से बताया कि विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी चीन के विदेश मंत्री वांग यी के विशेष निमंत्रण पर यह यात्रा कर रहे हैं।जिलानी ट्रांस हिमालय फोरम के उद्घाटन समारोह को संबोधित करेंगे।जिलानी इस दौरान मंगोलिया के डिप्टी पीएम, चीन के विदेश मंत्री और अफगानिस्तान के अंतरिम विदेश मंत्री से मुलाकात करेंगे।

क्या है ट्रांस-हिमालय फोरम?

ट्रांस-हिमालय फोरम की शुरुआत 2018 में भौगोलिक कनेक्टिविटी, पर्यावरण संरक्षण, इकोलॉजिकल प्रोटेक्शन और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ाने सहित विभिन्न विषयों पर क्षेत्रीय देशों के बीच व्यावहारिक सहयोग को गहरा करने के लिए की गई थी। फोरम की आखिरी व्यक्तिगत बैठक 2019 में आयोजित की गई थी।

अरुणाचल के खिलाड़ियों को नहीं दिया वीजा

चीन और भारत के बीच अरुणाचल प्रदेश को लेकर हाल ही में एक बार फिर विवाद देखने को मिला है। चीन के हैंग्जहऊ में होने वाले एशियन गेम्स के लिए अरुणाचल की तीन महिला खिलाड़ियों को वीजा नहीं दिया गया। भारत का आरोप है कि चीन ने उन्हें मान्यता न देकर यात्रा करने से रोका है। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि चीन ने पूर्वनिर्धारित तरीके से टार्गेट करके एथलीटों के साथ भेदभाव किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक तीनों एथलीट को एशियन गेम्स में हिस्सा लेने के लिए मंजूरी मिल गई थी। लेकिन उनका मान्यता कार्ड डाउनलोड नहीं हुआ। चीन की हरकतों के जवाब में केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने एशियाई खेलों के उद्घाटन समारोह में अपनी उपस्थिति रद्द कर दी थी।

बता दें कि अरुणाचल प्रदेश चीन और भारत के बीच विवाद का कारण रहा है। अरुणाचल भारत के हिस्से में आता है। लेकिन चीन इस पर अपना दावा करता रहता है। समय-समय पर चीन सीमा के पास कोई न कोई निर्माण करता रहता है।इस बीच भारतीय सीमा के करीब दो दुश्मन इकट्ठा हो रहे हैं। ऐसे में भारत की नजर इस आयोजन पर होगी।

भारत के खाते में एक और गोल्ड, अन्नू रानी ने भी झटका स्वर्ण, एशियाई खेलों में सोना जीतने वाली पहली भारतीय महिला

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पारुल चौधरी के बाद अन्नू रानी ने भी इतिहास रच दिया है। एशियाड की महिलाओं की भाला-फेंक स्पर्धा में अन्नू ने स्वर्ण जीता है। अपने चौथे प्रयास में सीजन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए उन्होंने 62.92 मीटर भाला फेंका।

भारत के एशियन गेम्स में 15 गोल्ड मेडल हो गए हैं। महिलाओं की भाला फेंक इवेंट में अनु रानी ने देश के लिए गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने 62.92 का बेस्ट थ्रो किया। यह उनका सीजन बेस्ट प्रदर्शन भी है। श्रीलंका को इस इवेंट में सिल्वर और चीन को ब्रॉन्ज मेडल मिला।

अन्नू रानी ने एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है।वह भाला फेंक में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं हैं।

एशियम गेम्स 2023: किसान की बेटी पारुल चौधरी ने बढ़ाया भारत का मान, महिलाओं की 5000 मी. दौड़ में सोना जीतक रचा इतिहास

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भारत की स्टार एथलीट पारुल चौधरी ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने एशियन गेम्स में महिलाओं की 5000 मीटर दौड़ में स्वर्ण जीता है। यह एशियाई खेलों में महिलाओं की 5000 मीटर दौड़ में भारत का पहला स्वर्ण है।रेस के आखिरी कुछ मीटर पर उन्होंने जापानी एथलीट को पीछे छोड़कर मेडल जीता। इससे पहले 3000 मीटर स्टेपलचेज में उन्होंने सिल्वर जीता था।

पारुल ने पांच हजार मीटर दौड़ के फाइनल में 15:14:75 मिनट का समय लिया। शुरुआती 4000 मीटर तक पारुल पांचवें छठे स्थान पर थीं। आखिरी हजार मीटर में वह शीर्ष तीन और आखिरी 200 मीटर में शीर्ष दो में पहुंच गईं। जापान की रिरिका हिरोनाका उनसे आगे चल रही थीं। आखिरी 30 मीटर में पारुल ने गजब की हिम्मत दिखाई और जापान की रिरिका से आगे निकल गईं। जापान की रिरिका ने 15:15.34 मिनट का समय लिया और रजत जीता। कजाकिस्तान की चेपकोएच 15:23.12 मिनट के समय के साथ तीसरे स्थान पर रहीं।

पारुल का स्वर्ण 2023 एशियाई खेलों में ट्रैक और फील्ड में भारत का तीसरा स्वर्ण है, जो शॉटपुटर तजिंदरपाल सिंह तूर और पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेज विजेता अविनाश साबले द्वारा जीते गए पदकों में शामिल है।यह भारत का 14वां स्वर्ण रहा।

मेरठ के दौराला क्षेत्र के इकलौता गांव की रहने वाली पारुल ने लॉस एंजिलिस में 3000 मीटर में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था। उन्होंने लॉस एंजिलिस में साउंड रनिंग सनसेट टूर वन दौरान राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया और महिला 3000 मीटर स्पर्धा में नौ मिनट से कम समय लेने वाली देश की पहली एथलीट बनीं। पारुल चौधरी ने 9 मिनट 27.63 सेकेंड के समय के साथ रजत पदक जीता। उन्होंने बहरीन की धाविका से 9 सेकेंड से भी अधिक समय लिया।

‘राम सेतु पर बने दीवार, राष्ट्रीय धरोहर घोषित हो’, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

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सुप्रीम कोर्ट ने आज राम सेतु के ऊपर दीवार बनाने और उसे राष्ट्रीय धरोहर धोषित करने की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया. जस्टिस संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने सुनवाई के दौरान पूछा कि हम राम सेतु पर दीवार बनाने का निर्देश कैसे दे सकते हैं?

सुप्रीम कोर्ट में यह याचि‍का हिंदू पर्सनल लॉ बोर्ड नाम की एक संस्था के अध्यक्ष अशोक पांडे ने दाख‍िल की थी। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल इस जनहित याचिका में मांग की गई थी कि धनुषकोडी के पास समुद्र में रामसेतु के पास कुछ सौ मीटर तक और अगर संभव हो तो एक किलोमीटर तक दीवार बनाने का निर्देश दिया जाए। याच‍िका में कहा गया था क‍ि हिंदू पर्सनल लॉ बोर्ड सक्रिय रूप से हिंदुओं के कानूनी और धार्मिक अधिकारों के संरक्षण में लगा हुआ है। याच‍िका में इस बात का भी ज‍िक्र क‍िया गया था क‍ि समुद्र में बनी संरचना, जिसे आमतौर पर “श्री राम सेतु” कहा जाता है इसको दर्शन स्थल के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। याचिका में आगे कहा गया कि धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, पानी के ऊपर की संरचना महत्व रखती है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस सेतु के दर्शन से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

सुप्रीम कोर्ट ने आज मंगलवार को राम सेतु केस से जुड़ी याचिका को खारिज कर दिया।याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आखिर दोनों तरफ दीवार कैसे बनाई जा सकती है? सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि यह एक प्रशासनिक फैसला है, इसलिए कोर्ट दीवार बनाने का निर्देश कैसे दे सकता है?

'अपने 40 राजनयिकों को वापस बुला लो, वरना..', खालिस्तानियों को पनाह दे रहे कनाडा को भारत की दो टूक


कनाडा की धरती पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में नई दिल्ली की संलिप्तता के ओटावा के आरोपों पर दोनों देशों के बीच बढ़ते राजनयिक विवाद के बीच भारत ने कनाडा से 10 अक्टूबर तक लगभग 40 राजनयिकों को वापस बुला लेने को कहा है। मामले की प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने मीडिया को बताया है कि भारत ने 10 अक्टूबर के बाद देश में रहने पर किसी भी कनाडाई राजनयिक की राजनयिक छूट खत्म करने की स्पष्ट चेतावनी दी है। बता दें कि, भारत में कनाडा के कुल 62 राजनयिक हैं, जबकि नई दिल्ली ने उनकी छंटनी करने के लिए कहा है। रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा के उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या 41 हो गई है।

विदेशी मामलों और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कनाडाई सीनेट समिति के अध्यक्ष पीटर बोहेम के हवाले से रिपोर्ट्स में कहा गया है कि, "अधिक कनाडाई राजनयिकों को अवांछित व्यक्ति घोषित करने से स्थिति में मदद नहीं मिलेगी और इस असहमति से जुड़ी भावनाओं को कम करना और अधिक कठिन हो जाएगा।" बोहेम ने कहा कि प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो को पीछे हटने की उम्मीद नहीं है, उन्होंने कहा कि भारत कनाडा को "एक आसान निशान" के रूप में देखता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि नई दिल्ली को ओटावा की जवाबी कार्रवाई करने की सीमित क्षमता के बारे में पता था, क्योंकि ओटावा में अल्पमत सरकार है। बता दें कि, पीएम ट्रूडो, जो लिबरल पार्टी के नेता हैं, भारतीय मूल और कनाडाई सिख नेता जगमीत सिंह, जो न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के प्रमुख हैं, के साथ सत्ता साझा करते हैं।

बोहेम ने कहा कि, "भारत जानता है कि जवाबी कार्रवाई करने की हमारी क्षमता सीमित है, हमारी अल्पमत सरकार है और इसके परिणामस्वरूप होने वाली राजनीति के बारे में पता है। और, निश्चित रूप से, भारत में भी चुनाव होने वाले हैं।" बता दें कि, इससे पहले भारत ने कहा है कि वह देश और कनाडा में समान संख्या में राजनयिक तैनात करना चाहता है। दिल्ली में अपने उच्चायोग में कनाडा के पास ओटावा में भारत की तुलना में कई दर्जन राजनयिक तैनात हैं। 18 सितंबर को ट्रूडो के यह कहने के बाद भारत और कनाडा के बीच एक अभूतपूर्व राजनयिक संकट पैदा हो गया कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियां भारत सरकार के एजेंटों और निज्जर की हत्या के बीच "संभावित संबंध के विश्वसनीय आरोपों" को सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रही हैं।

2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित करने वाले भारत ने कनाडा के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है, उन्हें "बेतुका" और "प्रेरित" बताया है। प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) के प्रमुख निज्जर की जून में कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले पर ओटावा द्वारा एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित करने के जवाब में भारत ने एक कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया। नई दिल्ली ने कनाडाई नागरिकों के लिए वीज़ा सेवाएं भी निलंबित कर दीं। इस बीच कुछ ऐसे वीडियो भी सामने आए थे, जिसमे मणिपुर के कुकी उग्रवादी कनाडा जाकर खालिस्तानी आतंकियों से मिल रहे हैं और भारत में मैतई के खिलाफ हिंसा करने के लिए उन खालिस्तानियों से मदद ले रहे हैं।

26 सितंबर को, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से आतंकवाद, उग्रवाद और हिंसा पर प्रतिक्रिया निर्धारित करने के लिए "राजनीतिक सुविधा" की अनुमति नहीं देने को कहा था। उन्होंने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की था।

भौतिकी के नोबेल पुरस्कार का एलान, पियरे एगोस्टिनी, फेरेंक क्रूज और ऐनी एल'हुइलियर को मिला सम्मान

#nobelprizeinphysicsannounced

चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के साथ ही सोमवार से नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की शुरूआत हुई थी। इसी कड़ी में भौतिकी के नोबेल पुरस्कार का एलान मंगलवार को कर दिया गया। इस बार यह सम्मान संयुक्त रूप से पियरे एगोस्टिनी, फेरेंक क्रूज और ऐनी एल'हुइलियर को दिया गया।रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज के मुताबिक, ये पुरस्कार उन प्रयोगात्मक विधि को खोजने के लिए दिया गया है जो पदार्थ में इलेक्ट्रॉन गतिशीलता के अध्ययन के लिए प्रकाश के एटोसेकंड पल्स उत्पन्न करता है।

2023 भौतिकी पुरस्कार विजेता पियरे एगोस्टिनी लगातार लाइट पल्स की एक सीरीज का उत्पादन और जांच करने में सफल रहे, जिसमें प्रत्येक पल्स केवल 250 एटोसेकंड तक चला। उसी समय, उनके 2023 के सह-पुरस्कार विजेता फेरेन्क क्रॉस्ज एक अन्य प्रकार के प्रयोग के साथ काम कर रहे थे, जिसने 650 एटोसेकंड तक चलने वाले सिंगल लाइट पल्स को अलग करना संभव बना दिया। इस वर्ष की भौतिकी में नोबेल पुरस्कार विजेता ऐनी एल'हुइलियर ने पाया कि जब उन्होंने एक नोबेल गैस के माध्यम से अवरक्त लेजर प्रकाश प्रसारित किया तो प्रकाश के कई अलग-अलग स्वर उत्पन्न हुए।

पिछले वर्ष भौतिकी में इन्हें मिला था नोबेल पुरस्कार

पिछले साल भौतिकी का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से अलेन अस्पेक्ट, जॉन एफ क्लाउसर और एंटन जिलिंगर को दिया गया था। अलेन अस्पेक्ट फ्रांस के भौतिक विज्ञानी हैं, जबकि जॉन एफ क्लाउसर अमेरिका और एंटन जिलिंगर ऑस्ट्रिया के वैज्ञानिक हैं। इन वैज्ञानिको के प्रयोगों ने क्वांटम सूचना के आधार पर नई तकनीक का रास्ता साफ किया था।

कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन को चिकित्सा का नोबेल

इससे पहले बीते दिन फिजियोलॉजी या मेडिसिन क्षेत्र के लिए इस सम्मान के विजेताओं के नाम का एलान किया गया था। इस साल कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन को चिकित्सा का नोबेल दिया गया। इन्हें न्यूक्लियोसाइड बेस संशोधनों से संबंधित उनकी खोजों के लिए यह सम्मान दिया गया। इस खोज की वजह से कोरोनावायरस यानी सीओवीआईडी-19 के खिलाफ प्रभावी एमआरएनए टीकों के विकास में मदद मिली।

कल होगी रसायन विज्ञान के क्षेत्र में पुरस्कार की घोषणा

अब बुधवार को रसायन विज्ञान और गुरुवार को साहित्य के क्षेत्र में दिए जाने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता के नाम की घोषणा होगी। इसके अलावा नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में इस पुरस्कार के विजेता की घोषणा नौ अक्टूबर को की जाएगी।

किन क्षेत्रों में और क्यों दिए जाते हैं ये अवॉर्ड

मानवता की भलाई में सबसे अच्छा काम करने वालों ये पुरस्कार दिए जाते हैं। ये पुरस्कार कई क्षेत्रों जैसे कि फिजिक्स, केमेस्ट्री, मेडिसिन, साहित्य और शांति में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए दिए जाते हैं। पुरस्कार स्वीडन के कारोबारी और डाइनामाइट का अविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल के याद में दिए जाते हैं। अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी कमाई का ज्यादातर हिस्सा इस अवॉर्ड के फंड के लिए छोड़ गए थे। पहली बार 1901 में नोबेल पुरस्कार दिया गया था। 1968 में स्वीडन की सेंट्रल बैंक ने इसमें एक और कैटेगरी इकॉनमिक साइंसेस जोड़ी थी।

नोबेल पुरस्कार विजेताओं को क्या मिलता है?

नोबेल पुरस्कार जीतने वाले विजेताओं को एक डिप्लोमा, एक मेडल और 10 मिलियन स्वीडिश क्रोना ( आज के करीब 75764727 रुपये) की नकद राशि प्रदान की जाती है। एक श्रेणी में विजेता अगर एक से ज्यादा हों तो पुरस्कार की राशि उनमें बंट जाती है। ये पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि यानी 10 दिसंबर को विजेताओं को सौंपे जाते हैं।