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औरंगाबाद मे बिहार पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में प्रशासन की दिखी सख्ती,2 मिनट की देरी से पहुंचने वाले परीक्षार्थी को नही दी गई इंट्री

औरंगाबाद : बिहार पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में प्रशासन सख्त दिखा। प्रशासन की चुस्ती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि परीक्षा केंद्र पर महज 2 मिनट की देरी से पहुंचने पर परीक्षार्थी को परीक्षा से वंचित कर दिया गया। 

परीक्षार्थी लाख मिन्नते करते रहे मगर प्रशासन ने उन्हें एंट्री नहीं दी। जबकि परीक्षार्थी का कहना था कि जाम की वजह से मात्र 2 मिनट देरी हुई। इतना तो भगवान भी माफ कर देता है। 

शहर के कर्मा रोड स्थित बीएल इंडो स्कूल में आज उस वक्त सिपाही भर्ती परीक्षा देने आए परीक्षार्थियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। जब उन्हें 2 मिनट देर होने के कारण परीक्षा में प्रवेश नहीं करने दिया गया।

परीक्षार्थियों के द्वारा किए जा रहे हंगामे की खबर सुनकर केंद्र पर पहुंचे अधिकारियों ने मामला शांत कराया।लेकिन 2 मिनट की देरी के कारण लगभग 20 परीक्षार्थियों को परीक्षा से वंचित होना पड़ा।

परीक्षार्थियों का आरोप है कि जो परीक्षा का प्रवेश पत्र मिला है उस पर केंद्र का नाम ही गलत लिखा हुआ है।दूसरी बात यह केंद्र शहर के एक मुहल्ले में बसा हुआ है जो मुख्य मार्ग से लगभग दो किलोमीटर अंदर है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

गरीब लड़की को प्रेम जाल में फंसाकर रिश्तों और विश्वास को कलंकित करनेवाली पढ़िए पूरी कहानी

औरंगाबाद: स्वार्थ के लिए, ऐय्याशी के लिए पवित्र रिश्तों को किस तरह कलंकित किया जा रहा है, यह खबर इसका उदाहरण है। पहले गरीब लड़की को प्रेम जाल में फंसाकर उसके बाद उसके साथ निकाह किया और सप्ताह भर में ही असली रंग दिखाना शुरू कर दिया। 

पति के साथ सास-ससुर ने भी दहेज के लिए मारपीट शुरू कर दी। दहेज नहीं मिलता देख पत्नी को दहेज लोभी पति ने मायके छोड़ दिया। इतने से भी मन नहीं भरा तो पत्नी पर घिनौने आरोप लगाते हुए उसके गंदे फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर डाल दिया। आइये देखते हैं रिश्तों और विश्वास को कलंकित करनेवाली पूरी कहानी।

गोह थाना के मीरपुर गांव के तबरेज अंसारी की गंदी नजर एक युवती पर पड़ गई। उस लड़की को पाने के लिए वह तमाम जाल बिछाने लगा। युवती की कहीं और शादी तय होने पर रिश्ता तुड़वा देता था। 

आखिर इसी साल 27 फरवरी को तबरेज ने उस युवती से शादी करने में सफल हो गया। शादी के अगले ही दिन तबरेज पत्नी को लेकर जबलपुर चला गया। वहां 4-5 दिनों में वह अपना असली रंग दिखाने लगा। उसने लड़की से एक लाख रुपये का दहेज मांगा और नहीं देने पर उसे रोज टार्चर करने लगा।

इसी दौरान पीड़िता गर्भवती हो गई। बता दें कि पीड़िता के पिता नहीं हैं और मायके में सिर्फ उसकी मां है। बेहद गरीब परिवार के लिए एक लाख रुपये जुटाना नामुमकिन था। दहेज न मिलता देख तबरेज ने मुहर्रम में गर्भवती पत्नी को मायके पहुंचाकर छोड़ दिया।

 27 अगस्त को तबरेज ने पीड़िता के मायके में भी उसके साथ मारपीट की।

तबरेज ने अपने साथ रहने के दौरान पीड़िता की अश्लील फोटो और वीडियो बना लिया था। उसने अपने गुनाहों को जायज ठहराने के लिए तबरेज ने अपनी ही पत्नी का चरित्रहनन शुरू किया। तमाम अश्लील फोटो और तस्वीरें उसने सोशल मीडिया पर सार्वजनिक कर दिया। साथ ही कई दूसरे प्रतिष्ठित लोगों के साथ पत्नी का नाम जोड़कर उसने सोशल मीडिया पर अपना बयान जारी कर दिया। उसकी हरकतों से पीड़िता सदमे में है।

पीड़िता ने इस मामले को लेकर गोह थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई है... लेकिन अब तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है।

औरंगाबाद में मौसम विभाग का पूर्वानुमान : 1 से 4 अक्टूबर तक बारिश के साथ-साथ मेघ गर्जन एवम आकाशीय बिजली गिरने की है संभावना

 

औरंगाबाद : कृषि विज्ञान केन्द्र, सिरिस की ओर से जिले के लिए मौसम पूर्वानुमान जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि 1 से 4 अक्टूबर तक बारिश के साथ मेघ गर्जन एवम आकाशीय बिजली गिरने का है संभावना है ।

 

मौसम पूर्वनुमान के अनुसार आगामी पाँच दिनों का दिनाँक 30 सितम्बर, 1, 2, 3 & 4 अक्टूबर 2023 को अधिकतम तापमान 33.5, 33, 33, 31, & 29 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 27, 26, 26, 24 & 23 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।

वही किसानों को सलाह देते हुए कहा गया है कि धान के खेतों में मेड़बन्दी करके रखे जिससे बारिश का पानी खेतो में जमा हो सके। मौसम खराब होने पर अपने एवम पशुओं को भी बाहर निकले से परहेज करें।

सब्जियों में जलजमाव के स्थिति होने पर उचित जलनिकासी का प्रबंध करें। मौसम साफ होने पर ही फसलो में किसी प्रकार के दवा का छिड़काव करें।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

अतिपिछड़ा समाज को लड़नी होगी हक की लड़ाई : विद्यापति

औरंगाबाद : आम जनता पार्टी राष्ट्रीय के राष्ट्रीय अध्यक्ष विद्यापति चन्द्रवंशी ने कहा है कि

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अतिपिछड़ा वर्ग में अन्य जातियों को डालकर अतिपिछड़ा समाज को भारी नुकसान पहुंचाया है। 

श्री चंद्रवंशी ने शुक्रवार को यहां पार्टी की निदान यात्रा के तहत आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अति पिछड़ा समाज को हुए नुकसान से बचाने और आरक्षण का कोटा बढ़ाने के लिए बिहार सरकार को ज्ञापन दिया गया था। लेकिन बिहार सरकार ने इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया। इसके लिए नीतीश कुमार पूरी तरह जिम्मेवार है। 

उन्होने केंद्र सरकार के महिला आरक्षण पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को आरक्षण के कोटे में कोटा देने पर ही उचित भागीदारी विधानसभा और लोकसभा में सुनिश्चित हो पाएगी। 

कहा कि क्या केंद्र की सरकार को यह बात समझ में नहीं आती है या कोई और मंशा है ? केंद्र की सरकार ने रोहनी आयोग का गठन कर 14 बार समय विस्तार दिया। केंद्र सरकार को यह बताना होगा कि रोहनी आयोग को यूं ही समय विस्तार मिलता रहेगा या अति पिछड़ा को उसका हक भी मिलेगा। 

कहा कि अति पिछड़ा समाज एक बड़ा बोट बैंक है। इसे पार्टिया चुनाव में लुभाती है, लेकिन वोट लेने के बाद भुल जाती है। अब अतिपिछड़ा समाज किसी के झांसा में नही आने वाला है। 

उन्होने कहा कि अग्निवीर योजना लागू कर केंद्र सरकार ने युवाओं के साथ घोर अन्याय किया है और देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले देश के वीर सैनिकों का मनोबल गिराया है। 

कहा कि हमारी पार्टी शहर की तरह हर सुविधाओं को गांव के लोगों तक पहुंचाना चाहती है। आज शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, बिजली जैसी सारी सुविधाएं यदि गांव में उपलब्ध हो जाए तो गांव और शहर में कोई अंतर नहीं रहेगा, तब जाकर गरीब, पिछड़े, अतिपिछड़े और दलितों का उत्थान संभव है। 

उन्होने यह भी कहा कि समस्याएं जाति देखकर नहीं आती है। चाहे हम किसी भी जाति के हों, समस्याओं का प्रभाव सभी पर एक समान पड़ता है, तो हमलोग जाति देखकर मतदान क्यों करते है ? 

विद्यापति ने जाति के आधार पर मतदान नही करने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाए जाति से उपर उठकर मतदान करती हैं।

वही पार्टी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि वात्सायन ने कहा कि यदि शोषित और वंचित समाज को अपना हक चाहिए तो आम जनता पार्टी राष्ट्रीय को अपना

बहुमुल्य वोट देना होगा। 

इस मौके पर पार्टी के प्रधान राष्ट्रीय महासचिव मो. परवेज खां, राष्ट्रीय महासचिव शिवनाथ प्रसाद शर्मा, बिहार प्रदेश अध्यक्ष उमेश ठाकुर, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष ब्रम्हानंद चंद्रवंशी, प्रदेश महासचिव हरिहर प्रसाद, प्रदेश सचिव राम किशोर सिंह उर्फ चुन्नु, प्रदेश सचिव मधुबाला, औरंगाबाद जिलाध्यक्ष सुनील ठाकुर, सुदर्शन सिंह, राम नरेश सिंह, रणविजय सिंह, अनिल सिंह, अरविंद कुमार सिंह, धर्मेंद्र सिंह चंद्रवंशी, रणधीर कुमार सिंह आदि मौजूद रहे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार के रिश्ते मे भतीजा लगने वाले युवक की हत्या, गया जिले मे मिली लाश

औरंगाबाद : बिहार में लगातार बढ़ते अपराध के जद में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. सत्येंद्र नारायण सिंहा और नागालैंड-केरल के पूर्व राज्यपाल व कांग्रेस के वरीय नेता निखिल कुमार का पैतृक गांव औरंगाबाद का पोईंवां भी आ गया है। 

गोतियां परिवार में रिश्तें में पूर्व मुख्यमंत्री के पौत्र और पूर्व राज्यपाल के भतीजा लगने वाले युवक की हत्या हो गयी है। 

आज शुक्रवार को युवक की लाश पोईंवां गांव से 45 किमी. दूर गया जिले के आमस थाना क्षेत्र में एनएच-16 जीटी रोड से उतर सड़क किनारे से बरामद की गई है। मृतक गौतम कुमार सिंह(42) औरंगाबाद मुफ्फसिल थाना के पोइवा गांव निवासी उपेंद्र सिंह का पुत्र था।  

बताया जाता है कि गौतम बुधवार को औरंगाबाद शहर से अपने गांव पोईंवां जाने के लिए बाइक से निकला था। शाम तक गांव नहीं पहुंचने और मोबाइल बंद रहने पर परिजनों ने अनहोनी की आशंका होने पर खोजबीन शुरू की। 

परिवार और रिश्तेदारों में में पता करने के बावजूद कुछ भी पता नहीं चल पाया। इसके बाद परिजनों ने गुरुवार को औरंगाबाद मुफ्फस्सिल थाना में गौतम के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। 

गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने के अगले दिन आज शुक्रवार को परिजनों को पता चला कि गया जिले में आमस प्रखंड मुख्यालय के पास एनएच-16 के किनारे उत्तर में सड़क के चाट में एक युवक की लाश पड़ी है। शव देखने वालों ने आशंका जताई कि युवक की हत्या गला दबाकर और सिर पर घातक प्रहार कर की गई है। 

सूचना मिलने पर परिवार के सदस्यों ने मौके पर पहुंच कर डेडबॉडी की पहचान की। परिजनों द्वारा पहचान किए जाने के बाद गया जिले की आमस पुलिस ने डेडबॉडी को कब्जें में लेकर पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया है। 

मामले में प्राथमिकी दर्ज कर आमस थाना की पुलिस हत्यारों का पता लगाने और उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करने में लगी है। हत्या के कारणों का अभी पता नही चल सका है। 

इधर परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। परिजनों का रो रोकर कहना हैं कि इतने सीधे सादे युवक की किसी से क्या दुश्मनी थी। किसने और क्यो उसकी हत्या कर दी। 

गौतम अपने माता-पिता का इकलौता संतान था। वह अपने बच्चें को पढ़ाने के लिए औरंगाबाद शहर के बिजौली रोड में किराये पर अपनी पत्नी सोनाली सिंह और दो बच्चों (बेटी 7 वर्ष, बेटा 4 वर्ष) के साथ रहता था जबकि माता-पिता गांव पर ही रहते थे। हादसे के पहले गौतम के माता पिता किसी काम से झारखंड के फुसरो गये हुए थे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

औरंगाबाद जिले मे आज मर्डर से हुई सुबह की शुरुआत, अपराधियों ने 33 वर्षीय युवक की गोली मारकर की हत्या

औरंगाबाद : जिले में आज सुबह की शुरुआत हत्या के साथ शुरु हुई। जिले के दाउदनगर-बारुण रोड पर पासवान चौक के पास बाइक सावर अपराधियों ने एक 33 वर्षीय किसान की अहले सुबह अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। सूर्यनाथ पासवान दाउदनगर शहर के वार्ड संख्या एक अमृत बिगहा के निवासी हैं। 

बताया जाता है कि किसान सूर्यनाथ पासवान शुक्रवार की अहले सुबह अपने घर से मॉर्निंग वॉक करते हुए खेत पर फसल देखने जाने के लिए निकले थे। अहले सुबह लगभग पांच बजे पासवान चौक के पास एक बाइक पर सवार तीन की संख्या में अपराधियों ने उन पर अंधाधुंध गोलीबारी करना शुरू कर दिया। वह बचने के लिए अमृत बिगहा की ओर भागने लगे। लेकिन अपराधियों ने खदेड़कर सर में गोली मार दिया और घटना स्थल पर उनकी मौत हो गई। उनके पेट ,सर और उंगली में गहरा जख्म है। घटना को अंजाम देने के बाद बाइक सवार अपराधी बाइक को वापस घुमाकर की बारुण रोड ओर भाग निकले।  

घटना की सूचना मिलने के बाद दाउदनगर थाना अध्यक्ष अंजनी कुमार ने घटनास्थल पर पहुंच कर पूरी घटना के छानबीन में जुट गए। अपर थानाध्यक्ष सुनील कुमार, सब इंस्पेक्टर ललन प्रसाद यादव दल-बल के साथ घटना स्थल पर पहुंच गए।घटनास्थल से गोली का एक खोखा और एक पिस्टल को जब्त किया गया है।

संवाद भेजे जाने तक मृतक के शव को घटनास्थल पर ही रखा गया था।मृतक के आश्रितों को मुआवजा देने और अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर स्थानीय नागरिकों द्वारा सड़क को जाम कर दिया गया।।

एसडीपीओ कुमार ऋषि राज ने बताया कि अपराधी को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा और मृतक के शव का पोस्टमार्टम कराने एवं परिजनों का फर्द बयान की प्रतीक्षा की जा रही है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

कलयुगी मां ने अपने नवजात बच्चे को कूड़े के ढेर में फेंका,नवजात की हुई मौत

पूत कपूत सुने हैं लेकिन माता नही कुमाता गाई जाने वाली पंक्ति को आज एक मां ने गलत साबित कर दिया है और मानवता को शर्मसार कर एक कलयुगी मां ने अपने नवजात बच्चे को कूड़े के ढेर में फेंक कर मरने के लिए छोड़ कर चली गई। हो सकता है उस मां को कुछ मजबूरी भी रही हो। सुनने में अक्सर यह आता है कि इस कलयुग में कई बच्चे माता-पिता को बोझ समझकर वृद्धाश्रम में छोड़कर चले आते हैं।

 लेकिन माता-पिता के दिल में बच्चों के प्रति प्रेम कभी नहीं मिटता। ऐसा ही एक मामला औरंगाबाद जिले के गोह प्रखंड की है जहां एक निर्दयी मां ने अपने नवजात बच्चे को मध्य विद्यालय के पीछे कूड़े के ढेर में फेंक दिया। जिससे नवजात की मौत हो गई।

 

जानकारी के अनुसार आते जाते लोगो की नजर उस नवजात के शव पर पड़ी और देखा कि उस शव को कुत्तों का झुंड नोच रहा है। 

जिसके बाद राहगीरो ने सारे कुत्तों को वहां से भगाया। तबतक नवजात के शव को कुत्तों ने बुरी तरह नोच लिया था। जिससे यह पहचान पाना मुश्किल हो गया कि यह लड़का का शव है या लड़की की।

 

ग्रामीणों ने यह भी आशंका जताई कि गांव समाज के लोकलाज की डर से किसी कलयुगी मां ने गर्भपात करा कर नवजात बच्चे को कूड़े के ढेर में फेक चली गई और कुत्तों ने नोचने से उस नवजात की मौत हों गई।

 

 

 ग्रामीणों ने कूड़े में फेंके नवजात का शव होने की सूचना गोह थाने की पुलिस को दी। सूचना पाकर गोह थानाध्यक्ष कमलेश पासवान अपने पूरे दल बल के साथ मौके पर पहुंचे और शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल, औरंगाबाद भेज दिया। 

जबकि बच्चें की पहचान अब तक नही हुई है।साथ ही पुलिस कलयुगी मां की तलाश में जुटी हुई है।

स्कूल में बच्चो के सामने ही शिक्षक ने प्रभारी प्रधानाध्यापक की कर दी पिटाई, सोशल मीडिया पर विडियो हुआ वायरल

औरंगाबाद : बिहार की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने हेतु के के पाठक लाख प्रयास क्यों न कर लें लेकिन कुछ शिक्षकों ने न सुधरने की कसम ही खा ली है, जिनके कारनामो से आज शिक्षा विभाग शर्मशार हो रही है। 

इन दिनों जिले के सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक वीडियो बडी तेजी से वारयल हो रहा है। जिसमें शिक्षकों ने अपनी गरिमा को तार तार कर बच्चों के सामने ही गुत्थम गुत्थी करने लगे। शिक्षकों के भिडंत को देखकर बच्चे भी अपने अपने बेंच को छोड़कर सुरक्षित स्थान पर खड़े हो गए ताकि वे उनके द्वारा किए जा रहे गुथम गुथी का शिकार न हो जाए। जब विडियो की तहकीकात की गई तो पता चला की यह गुत्थम गुत्थी का विडियो नबीनगर प्रखंड के बारा तेतरिया स्कूल का है।

वायरल विडियो में दो शिक्षक के साथ और शिक्षक दिखाई दे रहे हैं जिसमें एक की पहचान उत्क्रमित मध्य विद्यालय बारा तेतरिया के प्रभारी प्रधानाध्यापक सतीश मिश्रा तथा दूसरे शिक्षक की पहचान उसी विद्यालय के शिक्षक धर्मेंद्र कुमार सिंह के रूप में किया गया है। हालांकि इस संदर्भ में सतीश कुमार मिश्रा ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखकर धर्मेंद्र कुमार सिंह पर अनुशासनहीनता बरतने से संबंधित शिकायत दर्ज कराते हुए कारवाई की मांग की है।

जिला शिक्षा पदाधिकारी को लिखे गये आवेदन में प्रभारी प्रधानाध्यापक ने बताया कि शिक्षक धर्मेंद्र कुमार सिंह के द्वारा विद्यालय का शैक्षणिक एवं प्रशासनिक माहौल बिगाड़ा जा रहा है। उन्होंने बताया कि 20 सितंबर को अर्धवार्षिक मूल्यांकन परीक्षा के संचालन के दौरान धर्मेन्द्र कुमार सिंह के द्वारा एक छात्रा का प्रश्न पत्र तथा मूल्यांकन पत्र छीन लिया गया। जिसकी शिकायत छात्र ने अपने प्रधानाध्यापक से किया। 

उन्होंने बताया कि प्रभारी प्रधानाध्यापक होने के नाते हमने अपने शिक्षक को मूल्यांकन पत्र लौटने का आग्रह किया लेकिन वह नही लौटाये और उल्टे गाली गलौज करने लगा कॉलर पकड़ कर मारपीट और हाथापाई करने लगे। 

प्रभारी प्रधानाध्यापक ने बताया कि श्री कुमार स्थानीय हैं, इसलिए अक्सर इस तरह का आचरण करते रहते हैं। उक्त घटना वर्ग कक्ष में ही बच्चों के सामने घटित हुई है । इसके अलावे प्रभारी प्रधानाध्यापक ने श्री कुमार पर विद्यालय में निर्धारित समय सारणी का अनुपालन नही करने तथा कई तरह के शर्मसार कर देने वाला आरोप लगाया है, 

उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी को यह भी जानकारी दी है कि पूर्व में इनके द्वारा एक महिला शिक्षिका से नक्सली के नाम पर लेवी भी ली गई थी और शिक्षिका की शिकायत पर आरोप सही पाए जाने पर जेल की हवा भी खानी पड़ी थी।घटना के संबंध में जानकारी देने के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी संग्राम सिंह अपने कार्यालय में उपस्थित नहीं थे जिसके कारण वहां मौजूद डीपीओ दयाशंकर सिंह से इस बिंदु पर जब बात की गई तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।

डीपीओ ने कहा कि इसके अलावा कुछ भी पूछ लीजिए, लेकिन ऐसे मामलो में बोलने के दौरान कुछ और बातें बाहर निकल गई तो नौकरी जाने की नौबत आ जाएगी। लेकिन लगातार टेलीफिनिक प्रयास के बाद जब जिला शिक्षा पदाधिकारी से जब बात किया गया तो उन्होंने इस मामले में जांचों उपरांत करवाई करने की बात कही है

जानकारी होते ही थानाध्यक्ष जयशंकर प्रसाद घटनास्थल पर पहुंचे। इसके बाद अस्पताल पहुंचकर जख्मी युवक से पूछताछ की। उन्होने बताया कि घटना की विशेष जानकारी ली जा रही है। बदमाशों को बख्शा नही जाएगा।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

विश्व पयर्टन दिवस के अवसर जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा जागरुकता शिविर का किया गया आयोजन

औरंगाबाद - आज जिला विधिक सेवा प्राधिकार औरंगाबाद के बैनर तले विश्व पयर्टन दिवस के अवसर पर अति प्राचीन तीर्थ स्थल देव सुर्य मंदिर के बाहर जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। 

इस जागरुकता शिवर का थीम " पर्यटन और हरित निवेश" था, जिसकी अध्यक्षता पैनल अधिवक्ता राघवेन्द्र तिवारी और संचालन पारा विधिक स्वयं सेवक विभांशु मिश्र रोशन ने किया। 

पैनल अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि उपस्थिति जनसमूह को पर्यटन आधारित निवेश और पर्यटन का वैश्विक महत्व से अवगत कराया गया है। देवधाम को पर्यटन के रूप मंक विश्व स्तर पर पहचान है, इसे और प्रचलित करने की बात कही गई। 

बताया गया है कि देव में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निवेश की भरपूर सम्भावना है, पर्यटको को हर तरह से विधिक और धार्मिक मदद करनी चाहिए, इससे धाम और देश का मान सम्मान वृद्धि होती है और निवेशकों की कमी नहीं रहती। उपस्थित लोगों को जिला विधिक सेवा प्राधिकार औरंगाबाद और विधिक जागरूकता के बारे में विस्तार से बताया गया। 

इस अवसर पर देव सुर्य मंदिर न्यास समिति के सचिव विश्वजीत राय ,सुधीर कुमार सिंह, विकास कुमार पाठक, शिवम् पांडे, आनंद मिश्रा,मनीष, रवि सहित अन्य उपस्थित थे। 

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

मिड डे मिल बंद रहने का ग्रामीणों ने किया भारी विरोध, देव के दधपा मिडिल स्कूल में ग्रामीणों ने की तालाबंदी

औरंगाबाद()। औरंगाबाद के देव प्रखंड के दधपा स्थित राजकीय मध्य विद्यालय में मध्याह्न भोजन बंद रहने के विरोध में ग्रामीणों ने स्कूल में तालाबंदी कर दी। इसके पूर्व ग्रामीणों ने पहले सभी शिक्षकों को स्कूल से बाहर रहने की सलाह दी।

इस दौरान ग्रामीणों का आक्रोश देखकर सभी शिक्षक विद्यालय से बाहर खड़े रहे।

तीन किमी. पैदल चलकर स्कूल आते है बच्चें लेकिन मिड डे मिल बंद-मौके पर मौजूद ग्रामीण पवन सिंह, शंभू तिवारी, बबलू सिंह, अंकित सिंह, विकास सिंह, मदन सिंह और अखिलेश भारती ने बताया कि स्कूल में आसपास के गांवों दधपा, बसडीहा, माले नगर, भुइया बिगहा, दधपा बिगहा समेत अन्य गांवों के बच्चे पढ़ते है, जो करीब दो से तीन किलोमीटर पैदल चलकर आते है लेकिन विद्यालय में मध्याह्न भोजन बंद रहने से उन्हें काफी परेशानी हो रही है।

खासकर वैसे बच्चें जो समाज के अंतिम पंक्ति में बैठे है, उन्हे ज्यादा ही परेशानी होती है। उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ नही मिल पाता है। प्रखंड से लेकर जिला स्तर तक शिकायत के बावजूद एमडीएम चालू नही होने पर की तालाबंदी- ग्रामीणों ने कहा कि विद्यालय में महयाह्न भोजन बंद रहने की शिकायत उन्होने प्रखंड से लेकर जिला स्तरीय पदाधिकारियों तक से की।शिकायत पर कार्रवाई हुई तो मत्र दो दिन ही बच्चों को मिड डे मिल मिला। बाद में फिर से मध्याह्न भोजन बंद कर दिया गया। इसे लेकर अभिभावक आक्रोशित हो उठे और उन्होने स्कूल में तालाबंदी कर दी।

स्कूल के हेडमास्टर ने खड़े किए हाथ, कहा जब मेरा वेतन बंद तो कैसे चालू करूं एमडीए- इस बारे में पूछे जाने पर विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक नवनीत कुमार सिंह ने बताया कि उनके पूर्व की प्रभारी प्रधानाध्यापक अलका कुमारी के मातृत्व अवकाश पर चले जाने के कारण प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने आदेश निकालकर दो दिनों के अंदर उन्हे संपूर्ण प्रभार लेकर स्कूल में पठन पाठन और मध्याह्न भोजन आदि सुचारू रूप में चलाने को कहा। इस आदेश के आलोक में 9 सितंबर तक मुझे कोई भी प्रभार नही दिया गया।जब इसकी सूचना मैने बीआरसी को दी। इसके बाद सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ ने विद्यालय की जांच की और 11 सितंबर को मुझे आरोपित करते हुए स्पष्टीकरण जारी किया कि आपके द्वारा मध्याह्न भोजन बंद किया गया है।

इस कारण आपका वेतन बंद किया जाता है। कहा कि जब मुझे किसी तरह का प्रभार ही नही दिया गया तो मैं कैसे दोषी हूं। कहा कि 12 सितंबर को मैंने स्पष्टीकरण का जवाब दिया। इसके बाद भी विद्यालय में मध्याह्न भोजन बंद रहा। ग्रामीणों ने जब इसकी शिकायत पटना तक की, तब कार्रवाई की बात होने लगी। इसके बाद डीपीओ सह देव के प्रभारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने मध्याह्न भोजन के बीआरपी अरविंद कुमार चौबे तथा लेखापाल अमित कुमार को भेजकर 16 सितंबर को विद्यालय का प्रभार हस्तगत कराया। इसके बाद 17, 18 व 19 सितंबर को विद्यालय में अवकाश था।कहा कि प्रभार देते समय यह बात तय हुआ था कि आप विद्यालय में मध्याह्न भोजन का संचालन कीजिए और आपके बंद वेतन को चालू करने का आदेश निर्गत कर दिया जाएगा। हमने 20 सितंबर से मध्याह्न भोजन शुरू कर दिया। इसके बावजूद मेरे बंद वेतन को चालू कर देने का आदेश नही जारी किया।इसकी सूचना मैंने वरीय अधिकारियों को 23 सितंबर को दी। कहा कि जब मेरा वेतन बंद है तो मैं किस परिस्थिति में मध्याह्न भोजन चालू रखूं। इसी को लेकर दो दिन से मध्याह्न भोजन बंद है। इसे लेकर ही आज ग्रामीणों ने विद्यालय में ताला लगा दिया। इस कारण हम सभी शिक्षक विद्यालय के बाहर है।

डीपीओ सह प्रभारी बीईओ ने कहा, बीईओ की गलती से एमडीएम बंद-इस बारे में जब डीपीओ सह प्रभारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से बात की गई तो तो उन्होंने सिर्फ इतना ही कहकर फोन काट दिया कि इसमें प्रधानाध्यापक की गलती है।इसके बाद बार बार फोन किया गया मगर उन्होंने कॉल उठाना मुनासिब नहीं समझा। 

तीन घंटें बाधित रही बच्चों की परीक्षा -विद्यालय में वर्ग 1 से 5 तक के बच्चों की परीक्षा थी जो आज लगभग 3 घंटे तक बाधित रही जबकि विद्यालय में कुल 267 बच्चें नामांकित है।

मामले की जानकारी जब जिला शिक्षा पदाधिकारी संग्राम सिंह को मिली तो उन्होने मामले को गंभीरता से लिया। प्रभारी प्रधानाध्यापक से पूरे मामले की जानकारी ली। कहा कि दो दिनों के अंदर वें खुद आकर पूरे मामले की जांच करेंगे।

डीईओ ने फोन पर की ग्रामीणों से बात, हेडमास्टर को भी दिया एमडीएम चालू करने पर वेतन चालू करने का भरोसा, तब गामीणों ने खोला ताला, फिर शुरु हुआ एमडीएम

जिला शिक्षा पदाधिकारी ने फोन पर ही ग्रामीणों से बात की। ग्रामीणों से विद्यालय का ताला खोलकर पठन पाठन को सुचारू रूप से चलने देने का आग्रह किया। डीईओ के आश्वासन के बाद ग्रामीण संतुष्ट हुए। उनके द्वारा विद्यालय का ताला खोल दिया गया। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने शिक्षक नवनीत कुमार को आदेश दिया कि मध्याह्न भोजन को सुचारू रूप से चलाए, वेतन बंद करने के आदेश को स्थगित करते हुए आपका वेतन भी चालू करने का आदेश जल्द ही कार्यालय से प्राप्त होगा।ग्रामीणों द्वारा ताला खोले जाने के बाद विद्यालय में शिक्षकों ने प्रवेश किया और विद्यालय को पढ़ाई शुरू कर बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन को चालू कराया।